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Boss Humara Chut Ka Pyasaa

हेलो दोस्तो। मेरा नाम मौलिक पटेल है। मैं एक प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी कंपनी में काम करता हूँ। मैंने इस कहानी को इसलिए पेश किया है, ताकि आप लोगों को पता चले की प्राइवेट कंपनी में प्रमोशन पाने के लिए लेडी एम्प्लॉईज़ कैसे अपने बॉस को खुश करती हैं।

चलिए तो फिर मैं कहानी शुरू करता हूँ।

मैं मेरी कंपनी में पिछले ५ सालों से काम कर रहा हूँ, फिर भी मेरी पोस्टिंग कॉर्पोरेट-ग्रेड में नहीं हुई है। इन ५ वर्षों में, कॉर्पोरेट-ग्रेड में शामिल होने वाले ज्यादातर लोग महिलाएँ थीं। वह सभी महिलाएँ दिखने में किसी मसाला आइटम से कम नहीं थीं।

यह बात मेरी तब समझ में आई जब, एक दिन मैं अपने ऑफ़िस के दोस्तों के साथ इस विषय पर बातें कर रहा था। उनका मानना यह था कि प्रमोशन पाने के लिए बॉस को रिश्वत दो या फिर उसके साथ बिस्तर गरम करो।

यह बात सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ था। अपने लिए नहीं बल्कि अपने दोस्त की पत्नी सुमन भाभी के लिए। उसे हमारी कंपनी में शामिल हुए बस कुछ ही महीने हुए थे और उसके प्रमोशन की बात भी चलने लगी थी।

ऐसा लग तो नहीं रहा था कि सुमन भाभी प्रमोशन पाने के लिए बॉस के साथ शारीरिक सम्बंध रखेगी। लेकिन खूबसूरत और सुडौल बदन वाली सुमन भाभी के ऊपर हमारे बॉस की हवस की नज़र पड़ गई थी।

बॉस सुमन भाभी से नज़दीकी बनाए रखने के लिए उसके साथ ज़्यादा से ज़्यादा मिलने लगे थे। मैंने उस बात को अपने दोस्त के कहा भी था, लेकिन वह बोलने लगा कि ऑफ़िस में यह सब होता रहता है करके।

जब दोस्त को अपनी ही बीवी की परवाह नहीं है तो मैं अपना भेजा क्यों ख़राब होने दू ऐसा सोचकर मैं तमाशा देखता रहा। हर दिन सुमन भाभी और बॉस की मुलाकातें बढ़ती गई।

बॉस और सुमन भाभी तो ऑफ़िस के बाद साथ घूमने के लिए भी निकलने लगे थे। उधर मेरा दोस्त अपने काम में व्यस्त था और इधर सुमन भाभी बॉस के साथ गुलछर्रे उड़ा रही थी।

एक दिन हुआ यूँ कि शनिवार के दिन ऑफिस में हमारी मीटिंग थी। शनिवार को वैसे तो छुट्टी होती है मगर मीटिंग ज़रूरी होने की वज़ह से जाना पड़ा था। मीटिंग का समय ११: ३० बजे का था।

मैं जिस इलाक़े में रहता हूँ वहाँ ०९: ३० बजे के बाद ट्रैफिक बहुत बढ़ जाती है, इसलिए मैंने सोचा कि ऑफिस हर रोज़ की तरह सुबह ०८: ३० बजे ही पहुँच जाता हूँ। मैं ऑफिस पहुँचकर अपने क्यूबिकल में बैठकर चाय पी रहा था।

तभी मुझे मीटिंग रूम से एक औरत के हसने की आवाज़ सुनाई दी। मैंने वहाँ जाकर शीशे से झाँककर देखा तो मुझे बॉस और सुमन भाभी नज़र आए। सुमन भाभी कांफ्रेंस टेबल के ऊपर बैठी थी और बॉस उसके सामने खड़े थे।

वह उसकी जाँघों पर अपने हाथ प्यार से सहला रहे थे। सुमन भाभी ने बॉस को अपनी बाहों में भर लिया था।

बॉस ने सुमन भाभी को कांफ्रेंस टेबल से उठाकर उसे उसके जाँघों से पकड़कर अपने ऊपर ले लिया और उसकी चुम्मियाँ लेने लगे। सुमन भाभी और बॉस, दोनों एक दूसरे की ज़ुबान को एक-एक करके मुँह में भरकर चुम्मा-चाटी करने लगे।

सुमन भाभी की लेग्गिंग्स के अंदर हाथ घुसाकर बॉस उसकी चौड़ी गाँड़ को अपने हाथों से मसल रहे थे। सुमन भाभी भी मस्त होकर सिसकियाँ लेने लगी थी। उसने अपनी कुर्ती को उतारकर अपनी गोल-मटोल उभरी हुई चूचियों को बॉस की छाती पर दबाने लगी।

थोड़ी देर बाद, बॉस ने सुमन भाभी को नीचे उतार दिया और अपनी कपड़े उतारकर अपने मोटे और काले लौड़े को बाहर निकाल दिया। सुमन भाभी बॉस के मोटे और काले लौड़े को पकड़कर हिलाने लगी।

जब उनका मोटा और काला लौड़ा पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया, तब सुमन भाभी ने उसे अपने मुँह में ड़ालकर चूसना शुरू किया।

वह पैरों के बल बैठकर बॉस के मोटे और काले लौड़े को चूस रही थी। बॉस सुमन भाभी का चेहरा पकड़कर उसके मुँह में अपना मोटा और काला लौड़ा अंदर-बाहर घुसा रहे थे। सुमन भाभी भी उत्तेजित होकर अपनी चूत की रगड़ने लगी थी।

सुमन भाभी बॉस की गोटियों को चूसने लगी थी। बॉस अपनी आँखें बंद करके 'उफ़ सुमन! मेरी घरेलु कुतिया' ऐसे बोलकर अपना उत्साह जाता रहे थे । सुमन भाभी अपने उँगलियों को बॉस की काली गाँड़ की दरार के बिच फ़साकर उन्हें उकसाह रही थी।

थोड़ी देर बाद, सुमन भाभी खड़ी हो गई और अपनी लेग्गिंग्स और पैंटी को उतारने लगी। उसकी गाँड़ का नक्शा देखकर बॉस ने उसके मोटे नितम्बों पर २-३ थप्पड़ मार दिया। सुमन भाभी की गाँड़ को पकड़कर बॉस ने उसे अपनी तरफ़ खींच लिया।

उसकी गाँड़ को दबाते हुए बॉस उसकी चूचियों को एक-एक करके अपने मुँह में भरकर चूस रहे थे। सुमन भाभी की गाँड़ की दरार में अपनी उँगली फ़साकर बॉस ने उसके चुत्तड़ को फैलाना शुरू किया था।

कुछ देर उसकी गाँड़ की छेद में उँगली घुसाने के बाद, बॉस ने सुमन भाभी को फ़िरसे उसकी गाँड़ से पकड़कर उठा लिया। सुमन भाभी ने बॉस का खड़ा हुआ मोटा और काला लौड़ा पकड़ा और उसे अपनी चूत की दरार पर घिसना शुरू किया।

उसने मोटे और काले लौड़े को अपनी चूत के अंदर धीरे से घुसा दिया और अपनी चूचियों को पकड़कर बॉस के मुँह पर घिसने लगी। बॉस सुमन भाभी की गाँड़ पकड़कर उसे अपने मोटे और काले लौड़े पर पटक रहे थे।

उनका मोटा और काला लौड़ा सुमन भाभी की गीली चूत में फ़िसलकर अंदर-बाहर हो रहा था। बॉस उसकी गाँड़ की छेद में अपनी दो उँगलियाँ घुसाकर उसे भी अंदर-बाहर कर रहे थे। सुमन भाभी मस्त और गरम होकर 'फ़क मी, बॉस' ऐसे चिल्लाने लगी थी।

बॉस सुमन भाभी को अपने मोटे और काले लौड़े पर इतनी ज़ोर से पटककर उसकी चुदाई कर रहे थे कि 'फट-फट' आवाज़ मुझे शीशे के उस पार खड़े होकर भी सुनाई दे रही थी। सुमन भाभी सिसकियाँ लेकर बॉस को उकसाह रही थी।

बॉस और तेज़ी से सुमन भाभी की गीली चूत में अपना मोटा और काला लौड़ा घुसाकर उसे ऊपर-निचे उछाल रहे थे। कुछ देर बाद, बॉस ने अपना मोटा और काला लौड़ा सुमन भाभी की चूत से निकाल दिया। सुमन भाभी अपनी उँगली चाटकर अपनी गाँड़ की छेद को चौड़ा कर रही थी।

उसने बॉस का मोटा और काला लौड़ा पकड़कर उसकी नोक को अपनी गाँड़ की छेद पर रख दिया। धीरे-धीरे ज़ोर ड़ालते हुए, बॉस ने अपना मोटा और काला लौड़ा सुमन भाभी की गाँड़ में घुसा दिया।

अब बॉस सुमन भाभी के चुत्तड़ फैलाकर उसकी गाँड़ की छेद में अपना मोटा और काला लौड़ा अंदर-बाहर कर रहे थे। सुमन भाभी की चीख़े निकलने लगी थी। कोई उसकी आवाज़ न सुन ले इसलिए बॉस ने उसके होठों को अपने मुँह में भर दिया।

सुमन भाभी के होठों को चूसते हुए बॉस ज़ोर-ज़ोर से उसकी गाँड़ की चुदाई करने लगे। कुछ देर बाद, बॉस ने सुमन भाभी को अपने ऊपर से उतार दिया। सुमन भाभी पैरों के बल नीचे बैठकर बॉस के मोटे और काले लौड़े को अपने मुँह में ड़ालकर चूसने लगी थी।

अपने हाथों से वह अपनी चूत को फ़ैलाकर उसमें उँगली घुसाने लगी। कुछ देर बाद, सुमन भाभी को बॉस ने उठाकर कांफ्रेंस टेबल पर उसे उसके पेट के बल लेता दिया। सुमन भाभी अपनी मोटी गाँड़ को हिलाकर बॉस को उकसाह रही थी।

बॉस ने सुमन भाभी के नितम्बों पर थप्पड़ मारकर नीचे झुक गए और उसकी गाँड़ की दरार को को चाटने लगे। सुमन भाभी की गाँड़ की छेद को थूक लगाकर उसमें अपनी ज़ुबान घुसाने लगे।

उत्तेजना के मारे सुमन भाभी अपनी गाँड़ को ज़ोर-ज़ोर से बॉस के मुँह पर रगड़ रही थी। बॉस खड़े हो गए और अपने मोटे और काले लौड़े की नोक को सुमन भाभी की चूत की दरार पर घिसना शुरू कर दिया।

सुमन भाभी की कमर पकड़कर बॉस उसकी चूत में अपना मोटा और काला लौड़ा घुसाने लगे थे। ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारते हुए, बॉस सुमन भाभी की मज़ेदार चुदाई कर रहे थे।

आगे से उसकी चूचियाँ पकड़कर उन्हें दबाने लगे जिसकी वज़ह से सुमन भाभी की चीख़ें निकलनी शुरू हो गई थी। बॉस ने अपने हाथ को सुमन भाभी के मुँह पर रख दिया और ज़ोर-ज़ोर से उसकी चूत में मोटा और काला लौड़ा घुसाना जारी रखा।

थोड़ी देर और अपने मोटे और काले लौड़े को सुमन भाभी की चूत में घुसाते हुए दोनों लोग चुदाई के मज़े ले रहे थे। कुछ देर बाद, बॉस ने अपने मोटे और काले लौड़े को सुमन भाभी की चूत के अंदर दबा दिया।

अपने मोटे और काले लौड़े का चिपचिपा पानी सुमन भाभी की चूत के अंदर निकालकर बॉस ने अपना मोटा और काला लौड़ा बाहर निकाल लिया। बॉस ने अपनी कुर्सी पर रखे एक डॉक्यूमेंट को उठाकर सुमन भाभी के पास कांफ्रेंस टेबल पर रख दिया।

[बॉस:] यह है तुम्हारा प्रमोशन लेटर। आज से तुम कॉर्पोरेट-ग्रेड की रांड बन गई हो। एक बात और, मैं तुम्हारे बच्चे का बाप नहीं बनना चाहता, इसलिए तुम आज ही क्लिनिक जाकर अपनी चूत साफ़ कर दो। यह रहे उसके लिए पैसे।

बॉस ने कुछ पैसों के नॉट सुमन भाभी के चेहरे पर फ़ेंके और वह अंदर बाथरूम में चले गए। सुमन भाभी का चेहरा उतर गया था। वह अपने सर पर हाथ रखकर थोड़ी देर हुई घटना के बारे में सोच रही थी।

तभी मेरे मोबाइल फ़ोन की घंटी बज गई थी। मैंने कॉल काट तो दिया, लेकिन तब तक सुमन भाभी ने मुझे देख लिया था। उसने अपने नंगे बदन को मुझसे छुपाया नहीं। शायद उसके पास छुपाने के लिए अब मान-मर्यादा बची ही नहीं थी।
 
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