भाभी बोली ऐसे बदन का क्या करूँ

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Antarvasna, desi kahani: मैं दुकान पर जाने के लिए तैयार हो रहा था, मैं नहाने के लिए बाथरूम की तरफ जा रहा था तभी मां ने मुझे कहा कि बेटा आज तुम घर जल्दी आ जाना। मैंने मां को कहा मां क्या कोई जरूरी काम है तो मां कहने लगी कि बेटा तुम्हारी बहन को लड़के वाले देखने के लिए आने वाले हैं। मैंने मां को कहा मां लेकिन मुझे तो इस बारे में कुछ पता ही नहीं था तो मां ने मुझे कहा कि सूरज बेटा मैंने सोचा कि तुम्हें मैं इस बारे में बाद में बताऊंगी। मुझे तो कुछ इस बारे में जानकारी थी ही नहीं उस दिन मैं जल्दी घर लौट आया था। मैं जब घर लौटा तो मैंने देखा कि जो लड़का मेरी बहन को देखने के लिए आया है वह मुझे मेरी बहन के साथ पहले भी एक दो बार दिखा था लेकिन मेरी बहन ने मुझे यह बताया था कि वह मेरा दोस्त है इसलिए मैंने उसे कभी कुछ नहीं कहा। उस दिन मुझे मेरी बहन मीनाक्षी ने सारी बात बताई और कहा कि मैं निखिल से प्यार करती हूँ और मैंने यह बात मां को बता दी थी।

जब उस दिन मुझे यह बात पता चली तो मैंने मां से कहा मां आपने तो मुझे इस बारे में कुछ बताया ही नहीं था तो मां कहने लगी कि सूरज बेटा मैं तुम्हें बताना चाहती थी लेकिन मुझे लगा कि कहीं तुम इस बात पर गुस्सा ना हो जाओ। अब मुझे सारा माजरा समझ आ चुका था पापा के देहांत के बाद मेरे ऊपर ही घर की सारी जिम्मेदारी थी मैंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई भी आधे में ही छोड़ दी थी क्योंकि पापा के देहांत के बाद मुझे ही दुकान का काम संभालना पड़ रहा था। मैं दुकान के काम में इतना ज्यादा व्यस्त रहता था कि घर पर मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था मेरी मां और मेरी बहन मीनाक्षी को मुझसे इस बारे में हमेशा ही शिकायत रहती थी लेकिन अब मेरी बहन का रिश्ता भी तय हो चुका था और जल्द ही उसकी सगाई होने वाली थी। मैं चाहता था कि मैं उसकी सगाई में किसी भी प्रकार की कोई कमी ना रहने दूँ इसलिए मैंने उसकी सगाई के लिए सारा प्रबंध अच्छे से कर दिया था।

मैंने अपनी बहन की सगाई बड़े ही धूमधाम से की उसकी सगाई हो जाने के बाद जब एक दिन मैं और मीनाक्षी साथ में बैठे हुए थे तो उस दिन उसने मुझे कहा कि भैया आपने हमेशा ही मेरे लिए कितना कुछ किया है और आपने मेरी सगाई भी बड़े धूमधाम से की अपने पापा की बिल्कुल भी कमी महसूस नहीं होने दी। मैंने मीनाक्षी को कहा देखो मीनाक्षी तुम मेरी बहन हो और अगर पापा आज जीवित होते तो वह भी शायद इतने ही धूमधाम से तुम्हारी सगाई करवाते। मीनाक्षी काफी ज्यादा भावुक हो गई थी इसलिए मैंने उसे गले लगाया और उसे कहा कि मीनाक्षी तुम्हें किसी भी प्रकार की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है तुम यह जानती तो हो ही कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं और तुम मेरे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण हो। मीनाक्षी और मैं साथ में बैठे हुए थे कि मेरी मां भी आ गई और कहने लगी कि सूरज बेटा तुम दोनों क्या बात कर रहे हो तो मैंने मां से कहा कि मां तुम भी हमारे साथ बैठ जाओ। कुछ देर के लिए मां हमारे साथ बैठ गई उसके बाद हम लोगों ने साथ में रात का डिनर किया और अगले दिन मुझे दुकान पर जल्दी जाना था इसलिए मैं घर से जल्दी दुकान के लिए निकल चुका था। समय पता नहीं कैसे बीता और जल्द ही मीनाक्षी की शादी का दिन तय हो चुका था मुझे ही सारा अरेंजमेंट करना था इसलिए मैंने सारा अरेंजमेंट अच्छे से किया। मेरे दोस्तों ने भी इसमें मेरी मदद की मैं बहुत ही ज्यादा खुश था कि मीनाक्षी की शादी होने वाली है, मीनाक्षी की शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थी। मैंने अपने सारे रिश्तेदारों को कार्ड भी भिजवा दिए थे और अब सारे रिश्तेदार घर आने लगे थे मैंने उनके रहने का भी बंदोबस्त करवा दिया था। मां मुझे कहने लगी कि किसी को भी किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होनी चाहिए तो मैंने मां से कहा कि हां मां किसी को भी कोई कमी नहीं होगी। मैंने उन लोगों के रहने का सारा प्रबंध अच्छे से करवा दिया था और अब शादी बड़े ही धूमधाम से हुई। मीनाक्षी विदाई के वक्त बहुत भावुक हो गई थी और फिर मीनाक्षी अपने ससुराल चली गई कुछ समय तक तो हमे काफी अकेलापन सा महसूस होता रहा। मां और मैं ही घर पर थे इसलिए हम लोगों को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था कुछ दिनों तक तो मेरी मौसी भी हम लोगों के साथ थी।

मौसी इंदौर में रहती हैं और अब कुछ समय बाद मौसी भी चली गई मां और मैं घर पर अकेले ही रह गए थे लेकिन कुछ दिनों बाद मीनाक्षी जब घर आई तो वह बहुत ही ज्यादा खुश थी और उसने मुझे कहा कि भैया मैं बहुत खुश हूं। मैंने उससे पूछा कि तुम्हारे पति तुम्हारा ध्यान तो रखते हैं तो वह कहने लगी हां भैया वह मुझसे बहुत प्यार करते हैं और मेरा ध्यान भी बहुत रखते हैं। उस दिन मैं घर पर ही था क्योंकि काफी दिनों बाद मीनाक्षी घर पर जो आई थी मीनाक्षी ने कहा कि सूरज भैया अब आप भी शादी कर लो मैंने उसे कहा कि मीनाक्षी मैं भी अब जल्दी शादी कर लूंगा। कुछ दिन रुकने के बाद मीनाक्षी भी अपने ससुराल चली गई थी और फिर दोबारा से घर सूना सा हो गया था। हमारे घर के पड़ोस में ही संजना भाभी रहती है संजना भाभी के पति अक्सर अपना काम के सिलसिले में घर से बाहर रहते हैं। वह लोग कुछ समय पहले ही हमारे पड़ोस में रहने के लिए आए थे संजना भाभी मुझसे बड़ी प्रभावित थी इसलिए वह मेरी मां से बहुत तारीफ किया करती। मेरी मां मुझे कहती संजना तुम्हारी बड़ी तारीफ करती है।

एक दिन मै उनसे मिलने चला गया जब मै उनके घर गया तो उनके पति घर पर नहीं थे। मैंने भाभी से पूछा भाई साहब नहीं है वह बोली नहीं। उन्होंने मुझे कहा अगर भाई साहब नहीं होंगे तो क्या तुम मुझसे नहीं मिल सकते उनकी आंखों में एक अलग आग थी वह मुझे अपनी और आकर्षित करने की कोशिश कर रही थी। मेरे लिए यह बहुत अच्छा था क्योंकि मैंने काफी समय से किसी की चूत नहीं मारी थी। मैंने संजना भाभी से कहा आपके स्तन बडे ही लाजवाब है तो वह खुश हो गई और मेरी गोद मे बैठ गई वह कहने लगी सूरज मैं तो चाहती हूं तुम मेरे अंदर की गर्मी को मिटाकर मेरी सारी प्यास को बुझा दो। मैंने उनको कहा मुझे पता है कि आप मेरे लिए तड़पती है। क्या भाई साहब आपकी इच्छा को पूरा नहीं कर पाते? वह मुझे कहने लगी उनके बस की कुछ भी नहीं है वह तो मुझे चोद भी नहीं पाते हैं और तुम ही बताओ कि मैं इस सुंदर बदन का क्या करूं? मैंने कहा यह तो आप बिल्कुल ठीक कह रही हैं चलिए आज मैं अपकी पूरी गर्मी को मिटा देता हूं वह मुझे कहने लगी चलो बेडरूम में चलते हैं और हम दोनों ही रूम में चले गए। जब हम बेडरूम में गए तो वह मेरे सामने अपनी साड़ी उतारने लगी उन्होंने मेरे सामने अपनी साड़ी उतार दी थी और उसके बाद वह मेरे सामने बिल्कुल नग्न अवस्था में थी मैंने उन्हें बिस्तर पर लेटने के लिए कहा और वह बिस्तर पर लेट गई। मैं उनकी गांड को दबा रहा था उनके बड़े स्तनों को भी मैं बड़े अच्छे से दबा रहा था जिससे कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और वह भी बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी उन्होंने मुझे कहा तुम मेरे स्तनों को मुंह में ले लो। उनके बड़े स्तनों को मैंने अपने मुंह के अंदर ले लिया था और मुझे उनके स्तनों को चूसने में मजा आ रहा था मैं जिस प्रकार से उनके स्तनों को चूस रहा था उससे मेरे अंदर के गर्मी बढ़ती ही जा रही थी और उन्होंने कहा मैं आपकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाना चाहता हूं।

जब मैंने उनकी चूत की तरफ देखा तो मेरा मन उनकी चूत को चाटने का होने लगा और मैंने उनकी चूत को काफी देर तक चाटा जिससे कि मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी मैं जब ऐसा कर रहा था तो वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही थी और उन्होंने मुझे कहा मेरी चूत को अच्छे से चाटो। मैंने उनके पैरो को खोलते हुए उनकी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दिया था जिस से कि उनकी गर्मी और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी वह बहुत तड़पने लगी थी इसलिए हम दोनों 69 पोज मे हो गए और उन्होंने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और मैं उनकी चूत को चाटने लगा। काफी देर तक ऐसा ही चलता रहा जब मैंने उन्हें कहा मुझे तो मजा ही आ गया तो वह भी खुश हो गई थी और उनकी चूत से निकलता हुआ पानी इतना अधिक हो चुका था कि वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे लंड को चूत मे लेना चाहती हूं।

मैंने उनके पैरों को खोल दिया और अपने लंड को उनकी चूत के अंदर प्रवेश करवाया तो वह जोर से चिल्लाई और मेरा लंड उनकी योनि के अंदर तक चला गया था। मैंने उन्हें अपनी बाहों में ले लिया था उनके स्तन मेरी छाती से टकरा रहे थे जिससे कि हम दोनों की गर्मी में और भी ज्यादा बढ़ोतरी हो रही थी। अब वह बहुत ज्यादा खुश होने लगी और मुझे कहने लगी मुझे तुम और भी तेजी से चोदो। मैं उन्हे बहुत तेजी से चोद रहा था और भाभी भी मेरा साथ दे रही थी जब मुझे एहसास होने लगा कि भाभी झडने वाली है तो उन्होंने मुझे अपने पैरों के बीच में जकड लिया और मुझे कहने लगी तुम मुझे और तेजी से धक्के मारो। मैंने उन्हें बहुत तेजी से धक्के मारे लेकिन जैसे ही मेरा वीर्य पतन हुआ तो मैंने उन्हें कहा आज तो मुझे मजा ही आ गया। संजना भाभी भी खुश थी क्योंकि उनकी प्यास को मैंने बुझा दिया था मैंने उन्हे कहा अभी मैं चलता हूं आपसे मिलने दोबार आऊंगा। तो वह कहने लगी ठीक है सूरज तुम मुझसे मिलने के लिए आते रहना और यह कहकर मैं अपने घर लौट आया।
 
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