भाभी मै आपकी तडप मिटा दूंगा

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Antarvasna, hindi sex stories: भैया की शराब की लत की वजह से सब लोग घर में बहुत ही ज्यादा परेशान थे लेकिन भैया कहां किसी की बात सुनने को तैयार थे वह किसी की बात भी नहीं मानते थे। आये दिन घर पर भैया और भाभी के बीच झगड़े ही होते रहते थे मां ने कई बार भैया को समझाने की कोशिश की लेकिन भैया किसी की बात भी सुनने को तैयार नहीं थे। भाभी की जिम्मेदारी भी मां के कंधों पर आ चुकी थी मां जो कि अभी तक नौकरी कर रही हैं मां स्कूल में एक अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं और कुछ ही समय बाद वह रिटायर होने वाली थी। भैया को तो किसी भी बात की बिल्कुल कोई चिंता ही नहीं थी वह तो सिर्फ अपने नशे की आदत की वजह से कई बार घर पर भी नहीं आते थे जिस वजह से भाभी और भैया के बीच के रिश्ते खराब होते हैं चले गए। भाभी ने तो भैया से डिवोर्स लेने के बारे में सोच लिया था लेकिन मां ने भाभी को कहा कि बेटा तुम ऐसा मत करो भाभी उनकी बात मान गई क्योंकि भाभी मां की बहुत इज्जत करती हैं। पिताजी के देहांत के बाद भैया किसी की भी बात नहीं सुनते वह सिर्फ अपने दोस्तों के साथ शराब पिया करते।

एक दिन मैं अपने घर से किसी काम के लिए निकला ही था कि मैंने देखा भैया अपने दोस्तों के साथ बैठकर शराब पी रहे हैं और थोड़ी ही देर बाद किसी बात को लेकर उन लोगों के बीच में अनबन शुरू हो गई जिससे कि भैया और उनके दोस्तों के बीच में झगड़ा शुरू हो गया। जब उन लोगों के बीच में झगड़ा शुरू हुआ तो मुझे बीच में जाना पड़ा और जब मैं वहां पर गया तो उन्होंने भैया से कहा कि तुमने हमारे पैसे अभी तक नहीं लौटाए हैं। भैया ने अपनी शराब की लत की वजह से ना जाने कितने लोगों से पैसे लिए हुए थे मैं भैया को घर ले आया लेकिन भैया अभी तक शराब के नशे में थे वह अपने कमरे में लेटे हुए थे। जब उन्हें होश आया तो मैंने उनसे कहा कि भैया आप यह सब क्यों कर रहे हैं इसकी वजह से घर में कितनी परेशानियां चल रही हैं और आप हैं कि किसी की बात सुनने को तैयार ही नहीं है। भैया ने अपनी नौकरी से रिजाइन दे दिया था वह एक कंपनी में अच्छे पद पर थे लेकिन अपनी शराब की लत की वजह से उन्हें अपनी कंपनी से भी रिजाइन देना पड़ा। मेरी पढ़ाई पूरी हो चुकी थी और मैं चाहता था कि जल्दी से मैं किसी अच्छी कंपनी में नौकरी कर लूं ताकि घर में किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो क्योंकि भैया से अब उम्मीद करना मुश्किल था भैया की वजह से भाभी भी बहुत परेशान रहने लगी थी और भाभी मानसिक रूप से बहुत तनाव में थी।

भाभी को एक दिन मैं अस्पताल लेकर गया तो डॉक्टर ने उन्हें कहा कि वह बहुत ज्यादा टेंशन लेती है इसी वजह से उनकी तबीयत खराब होने लगी है। मैंने भाभी से कहा भाभी कुछ दिनों के लिए आप अपने मायके चले जाइए तो भाभी कहने लगी कि सुनील तुम बिल्कुल ठीक कह रहे हो मुझे भी यही लग रहा है की कुछ दिनों के लिए मुझे अपने मायके चले जाना चाहिए। भाभी को जैसे इन सबकी आदत पड़ चुकी थी और उन्हें इस बात से कोई भी फर्क नहीं पड़ता था भैया से उन्हें अब कोई लेना देना ही नहीं था क्योंकि भैया अपनी जिम्मेदारियों से हमेशा दूर भागते रहे। भाभी कुछ दिनों के लिए अपने मायके चली गई थी उसी बीच भैया भी काफी दिनों तक घर नहीं आए भैया को मैंने काफी फोन किया लेकिन वह फोन ही नहीं उठा रहे थे और उसके बाद उनका फोन नहीं लग रहा था। मां इस बात से बहुत चिंतित हो गई मां कहने लगी बेटा तुम आकाश के दोस्तों से पता करो कि वह कहां है मैंने जब भैया के दोस्तों से पता किया तो उन्होंने कुछ भी नहीं बताया और वह कहने लगे हमें आकाश कई दिनों से मिला नहीं है। मैं इस बात से बहुत परेशान था की भैया कहां चले गए भैया अभी तक घर नहीं लौटे थे और जब इस बात की खबर भाभी को लगी तो भाभी घर लौट आई और कहने लगी कि क्या आकाश का नंबर नहीं लग रहा है। मैंने भाभी से कहा नहीं भाभी आकाश भैया का नंबर नहीं लग रहा है घर में इस बात से सब लोग चिंतित हो गए थे लेकिन कुछ दिनों बाद ही भैया वापस घर लौट आए। भैया से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने कुछ नहीं बताया और उनसे ज्यादा कुछ पूछना ठीक भी नहीं था इसलिए भैया से उसके बाद किसी ने कुछ भी नहीं कहा। मां भी अब रिटायर हो चुकी थी और मां चाहती थी कि अपने रिश्तेदारों को घर पर बुलाये क्योकि मां चाहती थी कि घर पर ही हम लोग एक छोटी सी पार्टी का अरेंजमेंट करें और इसी के लिए हम लोगों ने घर में एक पार्टी रखी।

घर में जब हमारे रिश्तेदार आए तो सब लोग भैया के बारे में पूछ रहे थे लेकिन भैया को तो जैसे इस बात की कोई भी फ़िक्र नहीं थी और भैया कोने में चुपचाप बैठे हुए थे। मैं और भाभी घर का सारा काम संभाल रहे थे पार्टी खत्म हो जाने के बाद मैं अपने रूम में बैठा हुआ था और मां मेरे पास आकर कहने लगी कि सुनील बेटा मैं चाहती हूं कि तुम अब शादी कर लो। मैंने मां से कहा मां अभी तो मैंने अपनी जॉब भी शुरू नहीं की है मां कहने लगी बेटा तुम्हारी पढ़ाई पूरी हो चुकी है और मैं चाहती हूं कि तुम जल्द से शादी कर लो लेकिन मैंने मां को कहा मां अभी मैं शादी नहीं कर सकता। मैं और मां एक दूसरे से बात कर रहे थे तभी भाभी वहां आई और भाभी ने भी हमारी बात सुन ली, भाभी कहने लगी कि हां देवर जी अब आपको शादी कर लेनी चाहिए। मेरी पढ़ाई को काफी वर्ष बीत चुके हैं लेकिन भैया की वजह से मैं अपनी जॉब भी नहीं कर पाया था और अब मैने जॉब करने का फैसला कर लिया था।

मैं कई कंपनियों में इंटरव्यू भी दे रहा था लेकिन किसी अच्छी कंपनी में मेरा सिलेक्शन नहीं हो पाया जिस वजह से मैंने फिलहाल कहीं भी जॉब नहीं की। आखिरकार एक कंपनी में मेरा सिलेक्शन हो ही गया और मैंने अब ऑफिस जॉइन कर लिया मैं हर सुबह अपने ऑफिस के लिए निकल जाया करता मां और भाभी घर पर ही रहते थे। भैया अभी भी बिल्कुल भी नहीं बदले थे और ना ही उन्होंने अपने आप को बदलने की कोशिश की थी। मां और भाभी घर की देखभाल अच्छे से कर रहे थे इसी बीच मुझे कुछ दिनों के लिए अपने काम के सिलसिले में बाहर जाना था और मैं अपने काम के सिलसिले में बाहर चला गया। जब मैं वापस लौटा तो मैं बहुत थका हुआ था मैंने मां से कहा मां मैं आराम कर रहा हूं मैं अपने कमरे में लेटा हुआ था और मैं आराम करने लगा लेकिन अचानक से मेरी आंख खुली मेरे सामने भैया बैठे हुए थे। भैया ने मुझसे कहा कि सुनील तुम कब लौटे तो मैंने उन्हें कहा भैया मैं तो आज ही लौटा हूं। भैया ने थोड़ी देर मुझसे बात की और फिर वह अपने कमरे में चले गए। मैं अपने कमरे में ही लेटा हुआ था तभी भाभी आई और भाभी मेरे पास आकर बैठी। उस से पहले मैंने भाभी की तरफ कभी उस नजर से नहीं देखा था लेकिन भाभी उस दिन बहुत ज्यादा सुंदर लग रही थी और भाभी जब मेरे पास आकर बैठी तो उनकी चूतडे मेरे पैर से टकरा रही थी मैंने भी अपने पैरों को भाभी की चूत से टकराना शुरू किया तो भाभी मेरी तरफ देखने लगी। वहां मेरी तरफ देख रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था शायद उनके अंदर की गर्मी भी बढ़ चुकी थी वह मेरे पास आकर बैठी अब मेरा लंड उनकी चूत से टकरा रहा था मैंने उन्हें कसकर पकड़ लिया भाभी मेरी बाहों में थी मैंने उनके होंठों को चूमना शुरू किया। मैंने उन्हें बिस्तर पर लेटा दिया वह मुझे कहने लगी तुम दरवाजा तो बंद कर लो। मैंने दरवाजे की कुंडी अंदर से बंद कर दी और भाभी की साड़ी को ऊपर करते हुए उनकी चूत को चाटने लगा। मै उनकी चूत को चाट रहा था तो मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था और उनकी चूत को काफी देर तक मैंने चाटा मैं बहुत ज्यादा खुश हो गया था भाभी भी मचल रही थी। उन्होंने मुझे कहा मुझसे रहा नहीं जा रहा है मैंने उन्हें कहा आप अपने पूरे कपड़े उतार दीजिए। उन्होंने अपने बदन से पूरे कपड़े उतार फेंके जब मैंने उनके स्तनों को दबाना शुरू किया तो वह मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर हिलाने लगी।

मैं उनके स्तनों को अपने मुंह में लेकर उनका रसपान कर रहा था उन्हें बहुत ही आनंद आ रहा था मैंने बहुत देर तक उनके स्तनों का रसपान बड़ी अच्छे से किया। वह तडप रही थी मैंने कहा कि मुझे आपकी चूत में लंड डालना है लेकिन वह चाहती थी कि पहले वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसे और उन्होंने ऐसा ही किया। उन्होंने जब मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसने शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा वह भी बड़ी खुश नजर आ रही थी। मैंने जैसे ही अपने लंड को उनकी चूत पर लगाया तो वह कहने लगी लंड अंदर की तरफ डाल दो। मैंने भी अंदर की तरफ अपने लंड को घुसा दिया मेरा लंड अंदर की तरफ जा चुका था उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और वह मुझे कहने लगी आज इतने समय बाद किसी ने मेरी चूत के अंदर लंड डाला है।

वह मेरे लिए तड़पने लगी और मैं उनके लिए तड़प रहा था मैं अपनी पूरी ताकत के साथ उनको धक्के मारे जा रहा था वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा कर लेती वह अपने मुंह से सिसकियां लेने लगी थी मेरा वीर्य मेरे अंडकोष से बाहर की तरफ आने लगा था और जल्द ही मेरा वीर्य बाहर गिरने वाला था। भाभी ने मुझे कहा मै अपने आपको रोक नहीं पा रही हूं मैंने उन्हें बड़ी तेजी से धक्के दिए। भाभी ने मुझे अपने दोनों पैरों के बीच में कसकर जकड़ लिया वह कहने लगी तुम ऐसे ही मुझे धक्के देते रहो मैं उन्हें बड़ी तेज गति से धक्के मार रहा था मैंने काफी देर तक उनक धक्के दिए। हम दोनों को एक साथ सेक्स करते हुए करीब 5 मिनट से ऊपर हो चुका था और मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी थी मेरा वीर्य जैसे ही भाभी की चूत के अंदर गया तो उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और कहने लगी आज मुझे बहुत मजा आया। मैंने भाभी से कहा भाभी आपने तो आज मुझे बड़े मजे दिलवा दिए लेकिन भाभी के अंदर कहीं ना कहीं इस बात को लेकर तड़प थी कि मेरे भैया कुछ करते नहीं है इसीलिए तो भाभी मुझसे चूत मरवाने के लिए तुरंत तैयार हो गई और उनकी चूत मारकर मुझे बड़ा ही मजा आया।
 
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