मनीषा को घोड़ी बनाकर चोदा

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Antarvasna sex stories, hindi sex story: घर में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था क्योंकि ना तो पापा की तबीयत ठीक थी और ना ही घर की आर्थिक स्थिति ठीक थी परंतु फिर भी मैंने कभी जिंदगी में हार नहीं मानी और मैं सब कुछ ठीक करने की कोशिश करने लगा था। अब सब कुछ ठीक तो होने लगा था लेकिन मुझे अपने घर से दूर नौकरी करनी पड़ी। मैं दिल्ली में नौकरी कर रहा हूं और मेरी जिंदगी मैं जब से मनीषा ने कदम रखा तब से मेरी जिंदगी पूरी तरीके से बदल गई। मनीषा और मेरी मुलाकात मेरे ऑफिस के समय ही हुई। मनीषा भी अपनी परेशानियों से जूझ रही थी मनीषा का कुछ समय पहले ही डिवोर्स हुआ था और जब हम दोनों एक दूसरे से ऑफिस में मिले तो हम दोनों अब एक दूसरे से बातें करने लगे थे। पहले तो हम दोनों के बीच सिर्फ दोस्ती ही थी लेकिन अब यह दोस्ती प्यार में बदलने लगी थी और मैं मनीषा को प्यार करने लगा। मुझे मनीषा का साथ काफी अच्छा लगता है और जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता।

मैं कोशिश करता कि मनीषा और मैं साथ में ज्यादा समय बिताया करे। मनीषा के डिवोर्स के बारे में मुझे मालूम था इसलिए मुझे उससे कोई भी ऐतराज नहीं था लेकिन मुझे जब भी मनीषा की जरूरत होती तो वह हमेशा ही मेरे साथ खड़ी नजर आती। मुझे इसी बात की खुशी है कि मनीषा मुझे बहुत ही अच्छे से समझती है इसलिए मैं चाहता था कि मैं मनीषा से शादी कर लूँ। मैंने जब अपने पापा और मम्मी से इस बारे में बात की तो उन्हें हमारी शादी से कोई एतराज नहीं था और ना ही मनीषा के परिवार को कोई ऐतराज था इसलिए हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया था। हम दोनों ने कोर्ट मैरिज की, हम दोनों की कोर्ट मैरिज हो जाने के बाद हम दोनों साथ में रहने लगे मैं दिल्ली में मनीषा के साथ बहुत ही खुश हूं लेकिन आप मुझे लगने लगा था कि मुझे एक घर खरीद लेना चाहिए।

मेरी जितनी भी सेविंग थी उससे मैंने घर खरीदने का फैसला कर लिया और फिर मैंने एक घर खरीद लिया। हालांकि उसमें मेरी मदद मनीषा ने ही की और हम लोगों ने मिलकर एक घर खरीद लिया। मैं चाहता था कि पापा और मम्मी मेरे साथ ही रहे और मैंने उन्हें अपने साथ दिल्ली में हीं बुला लिया। वह लोग मेरे साथ दिल्ली में रहने लगे और अब हम लोग बहुत ही खुश हैं मेरा छोटा सा परिवार बहुत खुश है। मनीषा मेरी जिंदगी में आई तो उसने मेरा हमेशा ही साथ दिया है और मुझे बहुत ही खुशी है। मनीषा को भी बहुत ज्यादा अच्छा लगता है कि वह मेरे साथ रिलेशन में है। हम दोनों का शादीशुदा जीवन तो अच्छे से चल ही रहा है और मेरा ऑफिस में प्रमोशन भी हो चुका है। मेरा ऑफिस में प्रमोशन हुआ तो मैं अब अपने काम में बिजी रहने लगा था, मैं अपने काम में बहुत ज्यादा बिजी रहने लगा था जिस वजह से मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था। एक दिन जब मैं घर पर था तो उसने मुझे कहा कि आजकल आप कुछ ज्यादा ही बिजी हैं। मैंने मनीषा को कहा कि तुम्हें तो मालूम है कि जबसे मेरा प्रमोशन हुआ है तब से मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता है। मनीषा ने जॉब छोड़ दी है और वह घर पर ही पापा मम्मी की देखभाल करती है। मनीषा घर में अकेले बोर हो जाया करती है इसलिए उसने मुझे कहा कि मैं चाहती हूं कि मैं भी जॉब करूं।

मैंने मनीषा को कहा कि मैंने तो तुम्हें हमेशा से ही कहा है कि यदि तुम्हे नौकरी करनी चाहिए तो तुम नौकरी कर लो हम दोनों एक दूसरे के साथ समय बिताना चाहते थे मैं काफी दिनों से मनीषा के साथ समय नहीं बिता पाया था लेकिन उस दिन मुझे लगा कि मुझे मनीषा को थोड़ा टाइम देना चाहिए। मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली। मैं चाहता था कि मैं मनीषा को थोड़ा समय देने की कोशिश करूं इसलिए मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी। उस दिन मैंने मनीषा के साथ मे घूमने का फैसला किया। हम दोनों घूमने के लिए मनाली जाना चाहते थे और मैंने मनीषा से कहा कि मैंने मनाली घूमने का प्लान बनाया है तो मनीषा भी काफी खुश थी। हम दोनों कुछ दिनों के लिए मनाली चले गए और जब हम लोग मनाली गए तो यह हम दोनों के लिए बहुत ही अच्छा था। शादी के बाद हम दोनों का यह पहला टूर था लेकिन हम दोनों काफी खुश थे कि हम दोनों ने साथ में अच्छा समय बिताया। मैं मनीषा के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हूं और वह मेरा काफी अच्छे से ध्यान रखती है। जब हम लोग मनाली से वापस लौटे तो उसके बाद मैं अपने ऑफिस जाने लगा था और मनीषा ने भी एक कंपनी में इंटरव्यू दिया जिसके बाद वह जॉब करने लगी थी।

मनीषा नौकरी करने लगी थी और वह बहुत ही खुश थी। हालांकि हम दोनों एक दूसरे को समय कम ही दिया करते थे लेकिन फिर भी हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझते। हम दोनों के बीच की बॉन्डिंग बहुत ही अच्छी है जिस वजह से हम दोनों का शादीशुदा जीवन बहुत ही अच्छे से चल रहा है और मैं काफी खुश हूं। जब भी मेरे ऑफिस की छुट्टी होती तो मैं मनीषा के साथ में समय बिताने की कोशिश किया करता हूं और हम दोनों साथ में अच्छा समय बिताते। एक दिन मनीषा ने मुझे बताया कि आज उसकी बहन आने वाली है तो मैंने मनीषा से कहा कि लेकिन वह कब आएगी क्योकि मुझे ऑफिस से आने में थोड़ा देर हो जाएगी। मनीषा कहने लगी कि वह आज रात को हमारे घर पर ही रुकने वाली है मैंने मनीषा से कहा कि यह तो काफी अच्छा है। जब उस दिन शाम के वक्त मैं ऑफिस से घर लौटा तो मनीषा की बहन निकिता उस दिन हमारे घर पर आई हुई थी और वह उस दिन हमारे घर पर ही रुकी। अगले दिन निकिता को छोड़ने के लिए मैं ही गया था। निकिता की नौकरी एक बड़ी कंपनी में लग चुकी है और वह अपनी जॉब के लिए अमेरिका जाने वाली है। जब निकिता अमेरिका गई तो मनीषा बहुत ही खुश थी।

निकिता की नौकरी अच्छी कंपनी में लग चुकी है और वह अमेरिका में ही जॉब करने लगी। निकिता जब से अमेरिका गई उसके बाद से वह घर नहीं लौटी लेकिन उससे मेंरी बात होती रहती और वह अपनी जॉब से बहुत ही ज्यादा खुश है। मनीषा के साथ मैं जब भी होता हूं तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता है। हम दोनों एक दूसरे को समझने की कोशिश करते और जब भी मुझे लगता कि मुझे मनीषा के साथ में टाइम स्पेंड करना चाहिए तो मैं पूरी कोशिश करता हूं कि मैं मनीषा के साथ में समय बिताऊँ। मनीषा और मैं एक दिन अपने दोस्त के घर डिनर के लिए गए वहां से हम लोग रात को लौटे। वहां से लौटने में काफी देर हो गई थी उस दिन मैंने मनीषा से कहा आज मेरा तुम्हारे साथ सेक्स करने का मन है। मनीषा भी तड़प रही थी और मैं भी तड़प रहा था। मैंने मनीषा के होंठो को चूमना शुरू किया। मनीषा के गुलाबी होठों को चूम कर मेरी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी और मैं खुश हो चुका था। मैंने मनीषा को कहा मैं तुम्हारी चूत मे अपने लंड को डालना चाहता हूं। मनीषा ने मेरी पैंट से लंड को बाहर निकाल दिया और वह उसे अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।

जिस तरीके से मनीषा मेरे लंड का रसपान कर रही थी उससे मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और मनीषा को भी मजा आ रहा था। मनीषा ने मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक ले लिया था। उसने मेरे लंड से पानी भी बाहर निकाल दिया था। मैंने मनीषा के कपड़े उतारने के बाद उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो वह मचलने लगी। वह मुझे अपने पैरों के बीच में जकडने लगी। मैंने मनीषा से कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है मनीषा को भी मजा आने लगा था। मनीषा की मादक आवाज बढ़ती ही जा रही थी और वह मेरी गर्मी को बढ़ा रही थी। मैंने मनीषा की चूत पर अपने लंड को सेट करते हुए अंदर की तरफ घुसाना शुरू किया। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया। जब मेरा लंड मनीषा की चूत के अंदर गया तो वह बहुत जोर से चिल्लाने लगी और उसकी सिसकारियां बढने लगी थी। मनीषा की सिसकारियां बढ़ती ही जा रही थी और मेरी गर्मी भी बढ़ रही थी। मैं मनीषा की अंदर की आग को और भी ज्यादा बढ़ाता जा रहा था।

मैं जिस तरीके से मनीषा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था उससे मनीषा को बहुत ही मजा आने लगा था और मुझे भी काफी अच्छा लग रहा था। हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दिए जा रहे थे मैंने मनीषा को 5 मिनट तक अपने नीचे लेटा कर चोदा लेकिन जब मैंने मनीषा की चूतड़ों को अपनी तरफ कर के उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो वह मचलने लगी। उसे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था और मुझे भी अब बहुत ज्यादा मजा आ रहा था हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। मनीषा अपनी चूतड़ों को मुझसे मिलाती तो मेरी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी जब मैंने मनीषा की चूत में अपने माल को गिराया तो मैं खुश हो गया था और मनीषा भी खुश थी जिस तरीके से उसने मेरे साथ सेक्स संबंध बनाया था और हम दोनों ने एक दूसरे की इच्छा को शांत कर दिया था।
 
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