मनीषा जी को देखकर कुछ कुछ होने लगा

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Hindi sex stories, antarvasna: मेरी शादी को 5 वर्ष हो चुके हैं लेकिन मैं अपनी शादीशुदा जिंदगी से बिल्कुल भी खुश नहीं था मैं बहुत ज्यादा परेशान हो चुका था। मैं लखनऊ में रहता हूं और लखनऊ में मैं एक स्कूल में टीचर हूं लेकिन मेरा रिलेशन बिल्कुल भी ठीक नहीं चल रहा था। मेरी पत्नी के साथ मेरी बिल्कुल भी नहीं बनती थी जिस वजह से हम दोनों डिवोर्स लेना चाहते थे। मैंने उसे कई बार समझाने की कोशिश की थी लेकिन वह मेरी बात मानती ही नहीं थी इसलिए अब हम दोनों की डिवोर्स लेने की नौबत आ चुकी थी और अब मैं अपनी पत्नी से डिवोर्स लेना ही चाहता था।

मैंने उससे डिवोर्स लेने की बात कही तो वह कुछ दिनों के लिए अपने मायके चली गई थी लेकिन अब मैं समझ चुका था कि हम दोनों का रिलेशन ज्यादा समय तक नहीं चल सकता इसलिए हम दोनों का डिवोर्स लेना ही ठीक होगा। हम दोनों ने एक दूसरे से अलग होने का फैसला कर लिया था और सब लोगों की रजामंदी से मैंने अपनी पत्नी को डिवोर्स देने का फैसला कर लिया। मैं उसे डिवोर्स दे चुका था हम दोनों का डिवोर्स हो जाने के बाद मेरी और उसकी जिंदगी अब एक दूसरे से पूरी तरीके से अलग हो चुकी थी।

मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा था लेकिन यह सब इतना आसान भी नहीं था। मेरे परिवार वाले चाहते थे कि मैं दोबारा से शादी कर लूं लेकिन मैं शादी के बिल्कुल भी पक्ष में नहीं था और मैं अपनी जिंदगी अच्छे से बिता रहा था। एक दिन मैं अपने बड़े भैया के साथ बैठा हुआ था। भैया कुछ दिनों के लिए घर आए हुए थे वह लखनऊ में ही रहते हैं लेकिन अब वह भाभी और बच्चों के साथ अलग रहने लगे थे उन्हें एक वर्ष हुआ था वह अलग रहने लगे थे।

वह मेरे साथ बैठे हुए थे उस दिन मेरे स्कूल की छुट्टी थी तो भैया और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे। भैया ने मुझे समझाया और कहा देखो राहुल अब तुम्हें अपनी जिंदगी में आगे बढ़ना होगा और तुम शादी कर लो। मैंने भैया से कहा कि भैया मैं फिलहाल तो शादी नहीं करना चाहता हूं। भैया ने मुझे समझाने की कोशिश की तो मुझे भी लगा कि भैया शायद ठीक कह रहे हैं लेकिन उसके बाद मैं भी इस बात को भूलने लगा था और अपने काम मे मैं इतना ज्यादा बिजी हो चुका था कि मुझे अपने लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता था।

एक दिन मां ने मुझसे कहा कि राहुल बेटा आज हम लोग कहीं घूमने के लिए चलते हैं। काफी समय हो गया था मैं अपने परिवार के साथ कहीं बाहर भी नहीं गया था तो उस दिन हम लोगों ने साथ में डिनर पर जाने का फैसला किया। हम लोग उस दिन जब साथ में डिनर पर गए तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। मैं पापा और मम्मी के साथ काफी लंबे समय बाद अच्छे से टाइम बिता पा रहा था। डिनर करने के बाद हम लोग वापस घर लौट आए थे।

जब हम लोग घर लौटे तो उसके अगले दिन पापा और मम्मी को हमारे किसी रिश्तेदार के घर जाना था तो मैं उन्हें वहां छोड़ने के लिए गया और उसके बाद वहां से मैं अपने स्कूल चला गया था। जब मैं शाम के वक्त उन्हें लेने के लिए अपने रिश्तेदार के घर पर गया तो वह लोग मेरा इंतजार कर रहे थे फिर मैं उन्हें लेकर घर लौट आया था।

पापा और मम्मी उसके बाद मेरे साथ ही बैठे हुए थे हम लोग घर पर साथ में बैठकर एक दूसरे से बातें कर ही रहे थे कि पापा ने मुझे कहा कि राहुल बेटा तुमसे कुछ जरुरी बात करनी है। मैंने पापा से कहा हां पापा कहिए ना आपको क्या बात करनी है तो पापा ने मुझे कहा कि बेटा तुम्हारी मां और मैं कुछ दिनों के लिए तुम्हारे भैया के साथ रहने के लिए जा रहे हैं तुम क्या अपना ध्यान रख पाओगे। मैंने पापा से कहा हां पापा आप लोग चिंता ना करें और उसके बाद वह लोग कुछ दिनों के लिए भैया और भाभी के पास चले गए।

मैं घर पर अकेला ही था तो मुझे एहसास होने लगा कि शायद पापा और मम्मी मुझे ठीक कह रहे थे कि मुझे अब शादी कर लेनी चाहिए। मैं भी इस बारे में सोचने लगा था और हमारे स्कूल में ही मनीषा मैडम है जो कि मुझे बहुत ही अच्छी लगती है मैं अक्सर उन्हें देखा करता था। जब भी उनसे मेरी बात होती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि हम दोनों एक दूसरे के इतने करीब आ जाएंगे कि मैं उनके बिना एक पल भी रह नहीं पाऊंगा। मनीषा मैडम और मेरी जिंदगी एक जैसी ही थी। उनकी शादी होने ही वाली थी लेकिन उसके कुछ दिन पहले ही उनकी शादी टूट गयी इसलिए वह भी कहीं ना कहीं मुझे अच्छे से समझने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे के साथ में ही ज्यादा टाइम बिताने लगे थे।

मैं जब भी उनके साथ में होता तो मुझे बहुत अच्छा लगता उन्हें भी बड़ा अच्छा लगता था जब भी हम दोनों साथ में होते थे। एक दिन मैं मनीषा मैडम के साथ बैठा हुआ था उस दिन हम दोनों बातें कर रहे थे तो उन्होंने मुझे कहा कि राहुल जी आपने आगे के बारे में क्या सोचा है। मैंने उन्हें बताया कि मैं आपसे शादी करना चाहता हूं मैं मनीषा से शादी करने के लिए तैयार था और वह भी कहीं ना कहीं मुझसे शादी करने के लिए तैयार हो चुकी थी। उन्होंने अपनी फैमिली को मेरे बारे में सब कुछ बता दिया था और उन्हें इस बात से कोई एतराज नहीं था।

हम दोनों एक दूसरे के साथ में टाइम स्पेंड किया करते और हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझने लगे थे यही वजह थी कि मैं और मनीषा जी एक दूसरे के बहुत ज्यादा करीब आ गए थे। हम दोनों एक दूसरे को बहुत ज्यादा प्यार करने लगे थे हम दोनों का प्यार दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा था और एक दूसरे के साथ हम दोनों को बहुत अच्छा लगता। हम दोनों का मिलना होता ही रहता था।

एक दिन मैं मनीषा जी के साथ बैठा हुआ था और मनीषा मैडम और मैं एक दूसरे के साथ बातें कर रहे थे। मैंने उनके हाथों को पकड़ लिया हम दोनों स्कूल में ही थे उस वक्त लंच टाइम चल रहा था लेकिन उन्हें यह सब बिल्कुल भी ठीक नहीं लगा। उन्होंने मुझे कहा यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है उन्होंने अपने हाथ को मेरे हाथ से छुड़ाने की कोशिश की लेकिन मैंने उनके हाथ को कस कर पकड़ लिया था जिस से वह अपने हाथ को मेरे हाथ से छुड़ा ही नहीं पाई थी।

मैं उन्हें देखे जा रहा था उन्होने अपनी नजरों को नीचे झुका लिया था वह शर्माने लगी थी। मेरे अंदर सेक्स को लेकर गर्मी जागने लगी थी मैं चाहता था मैं उनके साथ सेक्स के मजे लूं। मैंने उनके साथ शारीरिक सुख का मजा लेने का फैसला कर लिया था। मैं और वह एक दूसरे से फोन पर बातें करते तो हम दोनों की बातें काफी ज्यादा गर्म होने लगी थी।

अब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए भी तैयार थे। मैंने मनीषा मैडम को एक दिन अपने घर पर बुला लिया उस दिन घर पर कोई भी नहीं था उन्हें यह बात मालूम थी हम दोनों के बीच सेक्स होने वाला है इसलिए वह भी मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार थी। मुझे भी इस बात की बड़ी खुशी थी हम दोनों एक दूसरे के साथ बैठकर बातें कर रहे थे।

मैंने उनकी जांघ पर हाथ रखा और उन्हें गर्म करने की कोशिश की वह पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी और उनकी गर्मी बढ़ने लगी थी। मैं बहुत ज्यादा गर्म होता जा रहा था हम दोनों इतने गर्म हो चुके थे हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था ना ही वह अपने आप को रोक पा रही थी। मैंने अपने मोटे लंड को बाहर निकाल लिया। वह मेरे लंड को देख कर कहने लगी आपका लंड बहुत ज्यादा मोटा है। हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होते जा रहे थे अब हमारी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी।

उन्होने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर उसे चूसना शुरू कर दिया मुझे बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे मोटे लंड को चूस रही थी। वह मेरी गर्मी को बढाए जा रही थी मैंने जैसे ही उनके बदन से कपड़ों को उतारकर उनके स्तनों को चूसना शुरू किया तो वह गर्म होने लगी। मैंने काफी देर तक उनके स्तनों का रसपान किया जब मैंने अपने लंड को उनकी योनि पर लगाकर उनकी चूत पर रगडना शुरू किया तो उनकी चूत से पानी बाहर निकलने लगा था और वह गर्म होने लगी थी। उनकी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी मेरे अंदर की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढने लगी थी।

मैंने जैसे ही उनकी चूत के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे कहने लगी मेरी चूत में दर्द होने लगा है। उन्होंने मेरी कमर पर अपने नाखूनों के निशान भी मार दिए थे। मैं उन्हें तेजी से चोदे जा रहा था मैं उनको जिस तेज गति से धक्के मार रहा था उससे मुझे मज़ा आ रहा था और उन्हें भी बड़ा मजा आ रहा था। हम दोनों एक दूसरे के साथ में शारीरिक सुख का मजा ले रहे थे मेरी गर्मी और भी ज्यादा तेज होती जा रही थी। वह मुझे कहने लगी मुझे और तेजी से चोदते जाओ।

मैंने देखा उनकी सील टूट चुकी थी मुझे अब और भी ज्यादा मजा आने लगा था मुझे उनकी टाइट चूत मारने में बड़ा मजा आ रहा था। उनकी चूत मारने में मुझे इतना मजा आने लगा था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था मैंने उन्हें कहा मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे उस से हम दोनों की गर्मी बढ़ती जा रही थी हम दोनों बहुत ही गरम हो चुके थे। जैसे ही मैंने उन्हें कहा मेरा वीर्य गिरने वाला है। उन्होने मुझे अपने दोनों पैरो के बीच में जकड लिया मुझे उनको चोदने में मजा आ रहा था। मेरे माल की पिचकारी बड़ी ही तेजी से उनकी चूत मे गिरी और उनकी चूत में मेरा वीर्य जाते ही मैं खुश हो गया था।
 
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