मसाज कर कर के चूत फाड़ डाली

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हेलो फ्रेंड, मैं रोहन और मैं कोलकाता से है. मैं एक अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट की पढाई कर रहा था और साथ - साथ में बॉडी मसाज भी करता हु. मेरी हाइट ५ फिट १० इंच है और मैं बहुत ही रोमेंटिक टाइप का हु. मुझे किस्सिंग भी ५३ टाइप की आती है. एक दिन मैं ईमेल चेक कर रहा था, तो एक अननोन सेंडर का मेल था. मैंने उसका ईमेल खोला. तो मसाज के लिए आया था. उस भेजने वाली मालूम करना चाह था, कि मेरी फीस क्या है और मेरा मोबाइल नंबर जानना चाहती थी. मैंने अपना नंबर और अपनी फ़ीस लिख कर रिप्लाई कर दिया. एक घंटे बाद, उसका कॉल आ गया और उसने पता बताकर ९ बजे आने को बोला. ठीक समय पर मैं बताये हुए पते पर पहुच गया. मैंने घंटी बजायी, तो एक २० साल की लड़की ने गेट खोला. क्या मस्त लड़की थी वो. हए.. ख़ैर.. मैं अन्दर चले गया. घर पर कोई नहीं था. उसने मुझे बैठने को बोला और खुद पानी लेने चली गयी.

पीछे से देखने में.. क्या मस्त कमर थी उसकी. हिलती हुई गांड कयामत ढा रही थी. मेरे पानी पी लेने के बाद, वो बोली - चले अन्दर? क्योंकि मेरे पास सिर्फ १ बजे तक ही वक्त है. फिर मेरे घर वाले आ जायेंगे. मैंने सिर हिला कर हामी भरी और उसके पीछे चल कर कमरे में पहुच गया. उसने अपने पलंग पर मसाज से ख़राब ना हो सकने वाली चादर पहले से ही बिछा रखी थी.

मैं बोला - कपड़े उतार दो. उसने कपड़े उतारे.. अब वो सिर्फ लाल रंग की ब्रा - पेंटी में रह गयी थी. मुझसे बोली - अब भी तो उतरिये. मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए और सिर्फ जांघिया में रह गया. मैंने उसे पेट के बल लिटाया और वो लेट गयी. मैं ने उसकी पीठ पर तेल लगाया और हाथ से शुरू हुआ ही था, कि वो उठ कर बैठ गयी. मैं तो घबरा ही गया. वो बोली - पहली बाद कर रहे हो क्या? मैं बोला - क्या हुआ? करने तो दो पहले, अगर पुरे जिस्म का दर्द ना निकल जाए, तो कहना.

मुझे बॉडी तो बॉडी मसाज चाहिए. आ गयी समझ ना? मैं समझ गया था, कि वो मसाज नहीं चाहिए. इसे चुदाई की बीमारी है. उसके मासूम सी आँखों को देख कर लग ही नहीं रहा था, कि ये लड़की इतनी चुदासी हो सकती है. फिर मैं बोला - कोई बात नहीं. पर इसका चार्ज डबल है. फिर वो बोली - कोई बात नहीं. मुझे खुश कर दो, जितना चाहोगे. मिल जाएगा. मेरी फ्रेंड ने तुम्हारी बड़ी तारीफ की है और उसी ने आपकी ईमेल दी दी थी मुझे.

मैंने कहा - अगर मज़ा नहीं आया, तो पैसे नहीं लूँगा. पर उसके लिए आपको सारे कपड़े उतारने पड़ेंगे. इस से पहले कि मेरी बात पूरी होती, उसने अपनी ब्रा और पेंटी उतार कर साइड में रख दी और उसके ३२ साइज़ के मम्मे मेरे सामने तने हुए थे. उसकी कोमल सी चूत का तो मैं बयाँ ही नहीं कर सकता. बिलकुल छोटी और उनचुई बुर. मैं कभी ऐसी गुलाबी रंगत लिए कोई चूत नहीं देखी थी.

मेरी आँखे वासना से चमक उठी और उसके मम्मे एकदम गोरे थे. चुचक एकदम पफ्फी थे. उसकी गुलाबी रंगत मुझे जानवर होने का अहसास दिला रहे थे. उसने चुटकी बजा कर मुझे अहसास दी - कहाँ खो गए? अपने कपड़े तो निकालो. जैसे मैं भी पूरा पूरा नंगा हो चूका था. लेकिन मेरा लंड अभी आधा ही खड़ा हुआ था, जो अभी सिर्फ ५ इंच का था. उसने मुस्कुराकर लंड की तरफ देखा और सीधी हो कर लेट गयी.

मैं बोला - पलट जाओ. पहले पीठ की मालिश करेंगे. वो कहने लगी - नहीं. इतना टाइम नहीं है. आप सामने से ही करो. मैं शुरू हो गया और उसके पुरे बदन पर तेल टपका दिया. अब जैसे ही मेरी छाती उसकी छाती से रगडनी शुरू हुई.. वो गरम हो कर सिस्कारिया भरने लगी. आहाहाहा अहहहः ऊऊऊऊईईईईइमा कहा. अब तक करीब १५ मिनट हो चुके थे और मैं उसके बदन से अपने बदन को रगड़ रहा था और उसके बदन को मसल रहा था. उसकी चूत भी पूरी गीली हो चुकी थी.

उसका हाथ मेरे लंड तक पहुच चूका था. जो अब तन कर ८ इंच का हो चूका था. उसने लंड को पकड़ा कर अपनी चूत पर टिका दिया. धक्का मारो.. धक्का मारो राज. अब और बर्दाश्त नहीं हो रहा है. वो अपने नाखुनो को मेरी पीठ पर गड़ाने लगी. वैसे वो एकदम से चुदाई करवाने के लिए चुदासी और खूंखार शेरनी बन गयी थी.

मैंने भी उस से पीछा छुडाना ही सही समझा. चुकी मैं भी गरम हो चूका था.. सो मैंने तेजी से जोरदार धक्का मारा और मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चले गया. वो जोर से चिल्लाई.. पर मुझे कोई डर नहीं था. क्योंकि उसके घर पर कोई नहीं था. उसकी आँखों से आंसू की मोटी - मोटी बुँदे बाहर आ गयी. मैं थोड़ी देर रुक गया और वो बोली - रुको मत. मुझे सील तुट्वाने का दर्द पूरी तरह से महसूस करने दो. अभी इतना सुनना ही था, कि मैंने लंड को थोड़ा सा बाहर खीचा और एक जोर दार धक्का फिर से उसकी चूत पर लगाया.

पर ये क्या. मेरे इस जोरदार शॉट से वो बेहोश हो गयी. मैं डर गया और उठ कर उसके चेहरे पर पानी मारने लगा. कुछ देर बाद, उसने अपनी आँखे खोली. मैंने पूछा - अब कैसा लग रहा है? वो बोली - अब दर्द नहीं है. तुम अपना काम करो. मैं फिर से ऊपर आ गया और लंड चूत के मुहाने पर सेट करके धीरे - धीरे चुदाई शुरू कर दी. वो दुबारा गरम हो गयी और नीचे से धक्के का जवाब धक्के से देने लगी. अब तक २५ मिनट की चुदाई में वो ३ बार झड़ चुकी थी. मेरा भी काम होने वाला था. मैंने उससे पूछा - कहाँ निकालू?

वो बोली - अन्दर ही डाल दो. मुझे हर मज़ा महसूस करने का अहसास लेना है. मैंने रफ़्तार बढ़ा दी और कुछ ही देर में पिचकारी छोड़ दी और उसके ऊपर लेट गया. थोड़ी देर बाद, मैं उठा और उस से हिला भी नहीं जा रहा था. सो मैं उसे उठा कर बाथरूम ले गया.

उसकी चूत.. मेरा लंड और पूरी चादर सब खून से सने थे. सारी सफाई के बाद, मैं पैसे लेकर अपने घर आ गया. सच में बड़ा हॉट मसाज था!
 
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