महिमा की गर्मी बढ़ने लगी

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Sex stories in hindi, antarvasna: मैं और महिमा एक दूसरे के साथ पढ़ा करते थे लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे से दूर हो चुके हैं। महिमा का परिवार अब बेंगलुरु में शिफ्ट हो चुका है और मैं अभी भी पुणे में ही रहता हूं लेकिन महिमा से मेरी कभी कबार फोन पर बातें हो जाया करती। महिमा मेरी बहुत ही अच्छी दोस्त है और हम दोनों एक दूसरे से अपनी बातों को शेयर किया करते थे। मैं अपनी जॉब में कुछ ज्यादा ही बिजी होने लगा था इसलिए मुझे महिमा से बात किए हुए काफी समय हो चुका था और महिमा को भी मुझसे बात किए हुए काफी समय हो गया था। एक दिन मैं और महिमा फोन पर बातें कर रहे थे उस दिन हम दोनों एक दूसरे से फोन पर बातें कर रहे थे और हम दोनों एक दूसरे से बातें कर के बड़े खुश थे। मेरी बात उस दिन महिमा से काफी देर तक हुई महिमा ने मुझसे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए पुणे अपनी मौसी के घर आ रही हूं।

महिमा से मैं मिलना चाहता था क्योंकि उससे मिले हुए मुझे काफी समय हो चुका था। मैंने महिमा से पूछा कि तुम पुणे कब आ रही हो तो उसने मुझे बताया कि मैं जल्द ही पुणे आ रही हूं। महिमा पुणे आने वाली थी तो उसी वक्त हम दोनों एक दूसरे से मिले। काफी लंबे अरसे के बाद मेरी मुलाकात महिमा से हुई थी और जब मेरी मुलाकात महिमा से हुई तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में समय बिताया। एक दूसरे के साथ हम दोनों समय बिताकर बहुत ही ज्यादा खुश थे महिमा और मेरे बीच आज भी वैसी ही दोस्ती है जैसे कि पहले थी। हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते हैं और मुझे बहुत अच्छा लगता है जब भी मैं और महिमा एक दूसरे के साथ में होते हैं। हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी अच्छा समय बिताया करते हैं। महिमा कुछ दिनों तक पुणे में ही थी और जब महिमा बेंगलुरु चली गई तो उसके बाद मेरी और महिमा की बात फोन पर ही होती रही।

मैं भी अपने काम में काफी ज्यादा बिजी हो चुका था और उसी बीच भैया की शादी भी नजदीक आने वाली थी। भैया की शादी की तैयारियां शुरू हो चुकी थी और मैं ही भैया की शादी की तैयारियों को देख रहा था। पापा कि तबीयत ठीक नहीं रहती है इसलिए मुझे ही भैया की शादी का सारा अरेंजमेंट करना था। भैया की शादी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थी हमारे घर पर भी हमारे रिश्तेदार आने लगे थे और भैया की शादी होने वाली थी। कुछ दिनों में भैया की शादी हो गई तो मैं भी अब अपने ऑफिस जाने लगा था। अपने ऑफिस से एक दिन मैं वापस घर लौट रहा था तो मुझे महिमा का फोन आया महिमा का फोन मुझे काफी दिनों से नहीं आया था। जब महिमा का फोन आया तो मेरी बात महिमा से काफी देर तक हुई और हम दोनों एक दूसरे से बातें कर के बड़े खुश थे। जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे से बातें की थी उससे हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा था। हम एक दूसरे के साथ काफी देर से बातें कर रहे थे मैंने और महिमा ने कभी सोचा नहीं था कि हम दोनों एक दूसरे से फोन पर ही अपने प्यार का इजहार कर देंगे।

मुझे भी लगने लगा था कि मैं महिमा से प्यार करने लगा हूं और कहीं ना कहीं महिमा भी मुझे प्यार करती थी इसलिए मैंने उसे अपने दिल की बात कह दी। जब मैंने महिमा को अपने दिल की बात कही तो महिमा और मेरा रिलेशन चलने लगा था हम दोनों एक दूसरे के साथ में बड़े ही खुश थे। हम दोनों की फोन पर ही बातें हो पाती थी और हम लोगों की मुलाकात तो काफी समय से हो ही नहीं पाई थी लेकिन मुझे लग रहा था कि मुझे महिमा को मिलना चाहिए। काफी समय हो गया था मैं महिमा से मिल भी नहीं पाया था जब मैंने महिमा से मिलने का फैसला किया तो महिमा ने मुझे कहा कि वह भी मुझसे मिलना चाहती है। हम दोनों को मिले हुए काफी लंबा समय हो चुका था और मैं महिमा से मिलने के लिए बेंगलुरु चला गया था। मैं जब महिमा को मिलने के लिए बेंगलुरु गया तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जिस तरीके से मैंने और महिमा ने एक दूसरे के साथ में मुलाकात की थी। एक दूसरे के साथ हम लोगों ने अच्छा समय बिताया उस समय मैं और महिमा दोनों ही बहुत ज्यादा खुश थे।

हालांकि मैं बेंगलुरु में ज्यादा देर तक तो नहीं रुक पाया था लेकिन फिर भी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा था जिस तरीके से मैं और महिमा एक दूसरे के साथ में समय बिता पाए थे। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में काफी अच्छा समय बिताया था और हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा था जिस तरीके से मैंने और महिमा ने एक दूसरे के साथ समय बिताया था। उसके बाद मैं जब पुणे वापस लौट आया तो मुझे जब भी महिमा से मिलना होता तो मैं उससे मिलने के लिए बेंगलुरु चला जाया करता। हम दोनों का रिलेशन बहुत ही अच्छे से चल रहा था और हम दोनों के रिलेशन को करीब एक वर्ष से ऊपर हो चुका था। जिस तरीके से हम दोनों का रिलेशन एक दूसरे के साथ में चल रहा था उससे हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे और मैं और महिमा एक दूसरे के साथ फोन पर ही बातें किया करते थे। हालांकि हम दोनों एक दूसरे को कम ही मिला करते थे लेकिन हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही अच्छे से समझते हैं।

जिस तरीके से मैं और महिमा एक दूसरे के साथ में होते है उस से हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता था। महिमा और मेरी फोन पर कहीं बार गरमा गरम बातें हो जाया करती थी। जब भी हम दोनों एक दूसरे से फोन सेक्स करते तो हम दोनों को अच्छा लगता था लेकिन अभी तक हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स के मज़े नहीं लिए थे। महिमा भी चाहती थी हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स करें और मैं भी चाहता था हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स संबंध बनाए। मेरे और महिमा के बीच में सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था। मैं महिमा से मिलने के लिए जाना चाहता था मैं महिमा को मिलने के लिए बेंगलुरु चला गया था। वहां पर हम दोनों एक ही होटल में रुकने वाले थे हम दोनों इस बात के लिए तैयार हो चुकी है। मैं और महिमा एक दूसरे के साथ ही रुके हुए थे मैं महिमा के होठों को चूम रहा था और उसकी गर्मी को बढाए जा रहा था महिमा पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी और मैं भी गरम हो चुका था। मै जिस तरीके से उसकी गर्मी को बढ़ने लगा था उससे हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे।

मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा था महिमा भी अपने आपको रोक नहीं पाई। मैं और महिमा एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे उसके बाद मैं महिमा के होठों को चूमने लगा और वह बहुत तड़पने लगी थी। वह इतनी ज्यादा गरम हो गई थी मैंने जैसे ही उसके स्तनों का दबाया तो वह मेरी बाहों में आ गई। हम दोनो ही गरम हो गए थे। मै जिस तरीके से महिमा की गर्मी को बढ़ा रहा था उससे वह बहुत ही ज्यादा गर्म होने लगी थी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है। हम दोनों बहुत ज्यादा खुश हो गए थे और जैसे ही मैंने महिमा की पैंटी को नीचे उतारकर उसकी चूत पर उंगली को लगाया तो महिमा और मैं एक दूसरे के लिए बहुत ज्यादा तड़पने लगे थे। हमारी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मैंने महिमा चूत पर अपनी उंगली को लगाया और उसकी चूत से बहुत ज्यादा पानी निकलने लगा था। मेरा मोटा लंड उसकी योनि में जाने के लिए तैयार हो चुका था मैंने जैसे ही महिमा की योनि में अपने मोटे लंड को घुसाया तो वह बहुत ही ज्यादा जोर से चिल्ला कर मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है अब हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश हो गए थे और मैं उसे बड़े ही अच्छे से चोदता जा रहा था।

मै जिस तरीके से महिमा की चूत का मजा ले रहा था उससे हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश हो गए थे और महिमा भी बड़ी खुश थी जब हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स का मजा ले रहे थे। हम दोनों को बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था। मैं महिमा की चूत के अंदर बाहर लंड को किए जा रहा था मैंने महिमा की गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था। महिमा भी बहुत ज्यादा खुश थी जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स संबंध बनाए। हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगा था जब हम दोनों ने साथ सेक्स किया था। मेरा माल अभी भी महिमा के चूत में गिर चुका था। महिमा की चूत से अभी भी खून निकाल रहा था मैंने उसे दोबारा से गर्म कर दिया मैंने जब उसे गर्म किया तो उसके बाद में उसकी चूत के अंदर दोबारा से लंड को डालने लगा था।

मैं जब महिमा की योनि के अंदर बाहर अपने लंड को कर रहा था तो महिमा को मजा आ रहा था और मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। मैंने उसकी चूत तेजी से मार रहा था जब मैं उसे चोदता तो वह बहुत ही ज्यादा खुश हो गई थी। मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। मैंने महिमा की चूत का मजा बहुत देर तक लिया जब मैं उसे चोद रहा था मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी और मैने उसकी चूत की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था। वह बहुत ही ज्यादा खुश थी और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था। जब मेरा माल बाहर की तरफ कोई निकला तो मैंने महिमा की चूत मे अपने माल को गिरा दिया था। मैं और महिमा एक दूसरे के साथ में बड़े खुश थे जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स किया था और एक दूसरे की गर्मी को शांत कर दिया था।
 
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