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नमस्कार दोस्तों मै विजय आज आपके सामने एक कहानी लेकर हाजिर हूं। यह कहानी मेरे मां की है। इस कहानी में पढिए, कैसे मेरे विधवा मां की चुत की प्यास बढती रहती है, और इसी बढती प्यास के चलते वह किस किस से अपनी चुत चुदवाती है।

मेरी मां का नाम आशा है, उनकी उम्र अभी ३५ साल की होगी। मेरी मां की शादी पापा से बहुत जल्दी करवाई गई थी। शादी के बाद मां-पापा के बीच सब ठीक चल रहा था।

हमारे परिवार को बस किसी की नजर लग गई, और उनकी शादी के छह साल बाद जब मै पांच साल का था, तब मेरे पापा का देहांत हो गया। उनका इस तरह से अचानक इस दुनिया से चले जाना, किसी को भी रास नही आया।

उनके जाने के बाद हमारे परिवार की सारी जिम्मेदारी मेरी मां के ऊपर आ गई। मां ने फिर एक नौकरी ढूंढ ली और हमारा घर चलाने लगी। मेरी पूरी पढाई मेरी मां ने ही करवाई है।

लेकिन अभी पिछले साल ही जो मैने देखा, देखकर दंग रह गया। मुझे अपनी आंखों पर विश्वास ही नही हो रहा था।
एक दिन मै अपने कॉलेज से जल्दी घर आ गया। घर का दरवाजा खुला था, तो मुझे लगा मां दरवाजा लगाना भूल गई होगी।

तो मैने बस दरवाजा ओढ लिया और जैसे ही मै घर के अंदर गया, मुझे मां की सिसकियों की आवाज आने लगी। मै जल्दी से देखने के लिए मां के कमरे में जाने लगा।

कमरे में जाने से पहले मेरी नजर उसी कमरे की खिडकी पर पडी, तो अंदर का नजारा देखकर मेरी आँखें फटी की फटी रह गई। मां के कमरे में बिस्तर पर मां नग्न अवस्था मे किसी मर्द के साथ लेटी हुई थी। और वो मर्द अपना लौडा मेरी मां की चुत में अंदर बाहर करते हुए उसे चोदे जा रहा था।

मुझे उस समय तो बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन फिर मैने अपने आप को रोक लिया और आगे क्या होता है, यह देखने लगे गया। फिर मै वहीं खिडकी के पास छिपकर खडा हो गया और अंदर का नजारा देखने लगा।

अब तक मैने उस आदमी का चेहरा नही देखा था, कुछ ही देर में उस आदमी का चेहरा मुझे दिखाई दिया। यह तो हमारे पडोस वाले फैजान अंकल थे। फैजान अंकल को तो हमारे मोहल्ले में सारे लोग शरीफ समझते थे,लेकिन अब उनका यह असली रूप किसी के भी सामने नही आया था।

कुछ देर बाद फैजान अंकल ने अपना लौडा मेरी मां की चुत से बाहर निकाल लिया और मां को उल्टी होकर लेटने को कहा। उनके कहे अनुसार मेरी मां भी उल्टी होकर लेट गई।

मां के उल्टा लेटते ही उन्होंने पहले मां के चुतडों को फैलाया, और फिर उनकी गांड के छेद पर थूक दिया। उस थूक से अंकल ने गांड के छेद को चिकना कर दिया और फिर अपना लौडा हाथ मे पकडकर मेरी मां की गांड के छेद पर रख दिया।

तभी मां ने अपने दोनों हाथ पीछे की ओर ले जाते हुए अपने दोनों चुतडों को फैला दिया, जिससे अंकल को आसानी हो। फिर अंकल ने एक धक्का लगाते हुए, अपना लंड मेरी मां की गांड में घुसेड दिया।

अब फैजान अंकल मेरी मां की गांड मार रहे थे, और मां भी मस्त मजे से सिसकारियां लेते हुए अपनी कमर हिला रही थी।

कुछ देर तक उन्होंने मेरी मां को ऐसे ही चोदा, और फिर जब उनका माल निकलने को हुआ, तब अंकल ने लंड बाहर निकाल लिया। और मां के मुंह के सामने लंड ले जाकर हिलाने लगे।

फैजान अंकल ने अपना सारा वीर्य मेरी मां के चेहरे पर उडेल दिया। मां भी चटकारे लेते हुए सारा वीर्य सफाचट कर गई। फिर मां ने कुछ देर तक उनका लंड चूसकर वीर्य की आखरी बूंद भी चाट ली।

उसके बाद कुछ देर तक वो दोनों एक-दूसरे को अपनी बाहों में लेकर लेटे रहे, उसके बाद उठकर अपने आप को साफ कर लिया। फिर कपडे पहनकर फैजान अंकल अपने घर को निकल लिए।

उस दिन के बाद से मुझे मेरी मां पर शक सा हो गया था। मेरा मां के प्रति व्यवहार भी थोडा सा बदल गया था, और मै अब मां की हरकतों पर नजर रखने लग गया था।

उसके बाद मुझे पता चला कि, जहां मेरी मां नौकरी करती थी, वहां पर भी उसके बॉस ने उनकी चुत का रसपान पहले से ही करके रखा था। और जिस दिन उस बॉस का मन चुदाई करने का होता था, उस दिन या तो वो मेरी मां को किसी होटल में लेकर जाता या फिर मेरे ही घर आकर मां को चोदता था।

अब मै रोज ही मां पर नजर रखने लग गया था। उस दिन के बाद एक महीने के अंदर ही मैने मेरी मां को चार अलग अलग मर्दों के साथ चुदाई करते हुए देखा था।

एक दिन मै कॉलेज निकलने को हुआ, तभी मां को एक फोन आया, तब मां की बाते सुनकर मुझे शक हुआ। तो मै मां को बोलकर घर से कॉलेज के लिए तो निकल गया।

लेकिन मै कॉलेज जाने की बजाय वहीं पीछे के दरवाजे से घर मे आकर छिप गया। लगभग आधे घंटे बाद, एक कार मेरे घर के सामने आकर रुक गई। मां को एक फोन आया, तो मां सीधे दरवाजे के पास गई, और एक आदमी को लेकर अंदर आ गई।

उस आदमी ने घर मे घुसते ही सबसे पहले दरवाजा लगा लिया और फिर मां को अपनी गोद मे उठाकर बेडरूम ले गया। मैने भी अपनी जगह सही से बना ली, जहां से मै उन्हें देख सकूं, लेकिन वो मुझे न देख पाए।

मां को बिस्तर पर पटककर वो अपने कपडे उतारने लगा। कपडे उतारने के बाद वह आदमी बोला, "जानेमन अगर उस दिन तू नही मिलती तो मुझे असली सेक्स क्या होता है, कभी पता ही नही चलता।"

इस पर मेरी मां ने कहा, "रहने दो तुम तो, तुम्हे तो मेरी याद कभी आती ही नही, हमेशा मेरी चुत की याद करके मेरे पास आते हो। अब जल्दी से कम खत्म करो, मुझे ऑफिस भी जाना है।"

तो वह आदमी बोला, "आज रुक जा यहीं तेरे बॉस को भी बुलाकर मजे करते है।"

तो मां बोली, "नही यहां पूरा दिन मजे नही कर सकते, मेरा बेटा विजय जल्दी आ जायेगा।"

फिर वह आदमी बोला, "तो मेरा फार्म हाउस कब काम आएगा, तेरे बॉस को भी वहीं बुला लेते है। मजा आएगा आज।"

तो मां बोली, "ठीक है, तुम उसे कॉल करके बुला लो। तब तक मै नहा लेती हूं।"

मां नहाने गई, और इसने एक कॉल करके बात कर ली। फिर मां के साथ बाथरूम में घुस गया। उस आदमी के बाथरूम में जाते ही मां के हल्की चीख मेरे कानों पर पडी।

लेकिन अब मुझे उनको बिना दिखाई दिए, उस आदमी की गाडी की डिक्की में जाकर छुपना था। तो मैने उन पर ध्यान देना छोडकर अपने काम मे लग गया। कुछ ही देर में मै जाकर गाडी में छुप गया।

थोडी देर में, मां उस आदमी के साथ आकर गाडी में बैठ गई। फिर वो दोनों सीधे उसके फार्म हाउस पर जाकर रुके, बीच मे गाडी में ही वो एक-दूसरे के शरीर से मजे लेने भी लग गए थे। जैसे ही उसे सुनसान सडक मिलती, वो मेरी मां की चुचियां दबा देता था। कभी मां उसके लंड को पकडकर सहला देती थी।

उस आदमी के फार्म हाउस पर पहुंचकर उसने मां को गाडी से उतरते ही उठा लिया, और किसी नई नवेली दुल्हन की तरह मां को उठाकर अंदर ले जाने लगा। उसके अंदर जाते ही मै गाडी से निकलकर बाहर आ गया। और अपने लिए सही जगह ढूंढने लगा।

अपने लिए सही जगह मिलते ही मै वहाँ जाकर बैठ गया। उसने मां को लेकर हॉल में ही सोफे पर बिठा दिया। और खुद मां के बगल में बैठकर बेशर्मी से मां के साडी के ऊपर से ही मां के उरोजों को दबाने लगा था।

कुछ देर उरोज दबाने से मां चुदासी हो उठी थी, फिर मां ने ही आगे बढकर उसके होठों से अपने होंठ मिला लिए।

अब वो थोडा और आगे बढते हुए उसने मां की साडी का पल्लू हटाकर खुद का मुंह ब्लाउज पर लगा दिया। फिर मां की पीठ पर अपने हाथ ले जाते हुए उसने मां का ब्लाउज और ब्रा दोनों ही खोलकर अलग कर दिए।

अब मां की चुचियां उस आदमी के सामने पूरी तरह से नंगी थी।जिसे देखकर वो अपने आप को रोक नही पाया। उसने तुरंत ही उन्हें अपने मुंह मे भर लिया और चूसना शुरू कर दिया। आज के लिए इतना ही।

अगला भाग अगली कहानी में। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, कमेंट करके जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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