माधुरी की मधुर मधुर बातें

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Desi kahani, antarvasna: मैं अपने मामा जी से मिलने के लिए उनके घर पर गया और जब मैं उन लोगों से मिलने के लिए उनके घर पर गया तो मुझे काफी अच्छा लगा और मैं काफी लंबे समय के बाद मामा जी से मिल रहा था। मामा जी बहुत ज्यादा खुश थे और कहने लगे कि बेटा तुम काफी दिनों के बाद घर पर आ रहे हो। मैंने मामा जी से कहा कि मामा जी मैं काफी बिजी था इस वजह से आप लोगों से मिल नहीं पाया था लेकिन उस दिन मामा जी से मिलकर मुझे अच्छा लगा। मामा जी से मिलकर मैं वापस अपने घर लौट आया था जब मैं घर लौटा तो उस वक्त रात काफी हो चुकी थी। मैं यह बात मां को बता चुका था इसलिए मां ने उस दिन मुझसे मामा जी के बारे में पूछा और कहने लगी कि तुम्हारे मामा जी कैसे हैं तो मैंने मां से कहा कि मां मामा जी अच्छे हैं और वह लोग आपको याद कर रहे थे। मां भी काफी समय से मामा जी से नहीं मिल पाई थी। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जिस दिन मैं मामाजी के घर पर गया था। अगले दिन मुझे अपने ऑफिस के लिए निकलना था और मैं अपने ऑफिस के लिए उस दिन घर से जल्दी ही निकल चुका था। जब मैं उस दिन अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन मुझे ऑफिस में काफी ज्यादा काम था।

मैं हर रोज ऑफिस से 6:30 बजे घर के लिए निकल जाया करता था लेकिन उस दिन मुझे घर निकलने में देरी हो गई। मैं ऑफिस से 7:30 बजे घर के लिए निकला और जब मैं घर पहुंचा तो मुझे काफी देर हो चुकी थी मुझे घर पहुंचते हुए 9:00 बज चुके थे। मैं जब घर पहुंचा तो मां मुझसे कहने लगी कि बेटा मैं तुम्हें कब से फोन कर रही थी लेकिन तुम्हारा फोन ही नहीं लग रहा था। मैंने जब अपने फोन को देखा तो मेरा फोन स्विच ऑफ था और मैं मां से कहने लगा कि मां मेरा फोन स्विच ऑफ था, मां ने मुझे कहा कि बेटा तुम खाना खा लो। मैंने डिनर किया और मैं उसके बाद सोने के लिए अपने रूम में चला गया। मुझे काफी ज्यादा थकान महसूस हो रही थी इस वजह से मुझे नींद भी आ रही थी और मैं सो चुका था। मैं काफी गहरी नींद में था लेकिन रात के वक्त मेरी आंख खुली उस वक्त रात के 1:00 बज रहे थे। जब मैं उठा तो मैंने अपने फोन में देखा उस वक्त 1:00 बज रहे थे और उसके बाद मैं सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन मुझे नींद ही नहीं आई। ना जाने उस दिन मुझे क्या हुआ कि मुझे बिल्कुल भी नींद नहीं आई और मैं सो ना सका।

अगले दिन मैं जब अपने घर से बाहर निकला तो उस दिन मुझे माधुरी मिली माधुरी से मैं काफी दिनों बाद मिल रहा था। माधुरी ने मुझसे कहा कि आकाश तुमसे कितने समय बाद मेरी मुलाकात हो रही है। मैं माधुरी के साथ बातें करने लगा और उसके हालचाल पूछने लगा तो माधुरी ने मुझे बताया कि वह कुछ दिनों के लिए अपने घर पर आई हुई है। माधुरी हमारे पड़ोस में ही रहती है लेकिन वह पुणे में नौकरी करती है और कुछ दिनों के लिए वह नागपुर आई हुई थी। मैंने माधुरी से कहा कि तुम मुझे काफी समय बाद मिल रही हो तो माधुरी कहने लगी कि हां मैं घर कम ही आती हूं इस वजह से तुम्हें मिल नहीं पाई थी। मैंने माधुरी को कहा कि आज शाम को तुम क्या कर रही हो तो माधुरी ने मुझसे कहा कि मैं तो घर पर ही हूं। मैंने माधुरी को कहा कि अभी तो मैं ऑफिस जा रहा हूं लेकिन शाम के वक्त मैं तुमसे मुलाकात करता हूं। माधुरी मुझसे कहने लगी कि ठीक है शाम के वक्त हम लोग मुलाकात करते हैं और फिर मैं अपने ऑफिस चला गया। मैं जब अपने ऑफिस गया तो उस दिन ऑफिस में काफी ज्यादा काम था और मैं अपना काम खत्म करने के बाद जब घर लौटा तो मुझे माधुरी का फोन आया और माधुरी मुझसे कहने लगी कि आकाश क्या तुम घर पहुंच चुके हो।

मैंने माधुरी से कहा कि हां मैं घर पहुंच चुका हूं वह मुझे कहने लगी कि ठीक है मैं तैयार हो जाती हूं। मैंने माधुरी से कहा कि हां तुम तैयार हो जाओ मैं बस थोड़ी देर में ही तुम्हें मिलता हूं और करीब आधे घंटे के बाद मैं माधुरी को मिला। जब मैं माधुरी से मिला तो माधुरी और मैं हमारे घर के पास ही एक रेस्टोरेंट है वहां पर हम दोनों चले गए और वहां पर हम दोनों बैठकर एक दूसरे से बातें करने लगे। मैं माधुरी से उसके जीवन के बारे में पूछने लगा तो वह मुझे अपने बारे में बताने लगी और अपनी नौकरी के बारे में वह मुझसे बात कर रही थी। मैं और माधुरी एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो हम दोनों को अच्छा लग रहा था और मुझे काफी अच्छा लगा जब मैंने उस दिन माधुरी से बातें की। उस दिन के बाद मुझे लगने लगा कि माधुरी और मैं क्या एक दूसरे को प्यार करने लगे हैं क्योंकि मुझे उस दिन माधुरी के साथ काफी अच्छा लगा। हालांकि इससे पहले भी मैं और माधुरी एक दूसरे के साथ ना जाने कितनी बार समय बिता चुके थे। मुझे उस दिन माधुरी से बातें कर के अच्छा लगने लगा था और मैं माधुरी से प्यार करने लगा था। मेरे मन में यही सवाल उठ रहा था लेकिन माधुरी पुणे जा चुकी थी और उसके बाद सिर्फ मेरी उससे फोन पर ही बात हो सकती थी। हम दोनों एक दूसरे से फोन पर बातें किया करते तो हम दोनों को काफी अच्छा लगता।

मैं जब भी माधुरी से बातें करता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था और माधुरी को भी बहुत अच्छा लगता जब वह मुझसे बातें करती। एक दिन माधुरी और मैं फोन पर बातें कर रहे थे उस दिन मैंने माधुरी से कहा कि मैं तुमसे प्यार करता हूं तो माधुरी ने मुझे बताया कि वह किसी और से ही प्यार करती है। मेरे दिल में माधुरी के लिए प्यार था और मैं चाहता था कि माधुरी और मैं एक साथ रिलेशन में रहे लेकिन ऐसा हो ना सका। माधुरी ने मुझे उस दिन रजत के बारे में बताया रजत जो कि माधुरी के ऑफिस में ही जॉब करता है और मुझे माधुरी ने कहा कि वह उससे प्यार करती है। माधुरी और वह एक दूसरे के साथ रिलेशन में थे और फिर मैंने भी माधुरी का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दिया था और मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुका था। मुझे नहीं मालूम था कि माधुरी और मैं एक दूसरे से काफी समय बाद मिलेंगे। जब हम दोनों उस दिन एक दूसरे से मिले तो हम दोनों एक दूसरे से अपने जीवन से जुड़ी बातें कर रहे थे। मुझे माधुरी से बात करके अच्छा लग रहा था माधुरी ने मुझे उस दिन रजत के बारे में बताया और कहा कि वह रजत को भुलाना चाहती है। माधुरी ने पुणे से अपनी ऑफिस से रिजाइन दे दिया था और माधुरी नागपुर में ही रहने लगी थी। माधुरी ने मुझे बताया कि वह अब रजत के साथ रिलेशन में नहीं है।

मेरे लिए यह काफी अच्छा था कि अब माधुरी और रजत रिलेशन में नहीं थे क्योंकि मैं चाहता था कि माधुरी के साथ मैं रिलेशन में रहूं और ऐसा ही हुआ। उस दिन के बाद माधुरी और मैं एक दूसरे के साथ रिलेशन में थे और हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में होते हैं। मेरे साथ माधुरी रिलेशन में बहुत ही ज्यादा खुश है। हम दोनो एक दूसरे को मिलते तो थे ही एक दिन मैं घर पर अकेला था। मैंने उस दिन माधुरी को घर पर बुला लिया था जिसके बाद वह हुआ जो मैंने कभी भी सोचा नहीं था। मैंने माधुरी के साथ सेक्स संबध बनाए और मैं बहुत खुश था जिस तरह मैंने माधुरी को चोदा। माधुरी मेरे बगल मे थी और मैंने उसकी जांघो को सहलाया। जब मैं माधुरी की जांघो को सहला रहा था तो मुझे मजा आता और माधुरी को भी भजा आ रहा था। वह तडप रही थी मैंने उसके कपडो को खोला तो वह मचल रही थी और मेरा साथ दे रही थी अब हम दोनो तडप रहे थे मैंने माधुरी के होंठो को बहुत अच्छे से चूसा। मुझे मजा आ रहा था और वह मेरी आग को बढा रही थी। मैंने जब माधुरी के स्तनो को सहलाया और उनका रसपान किया तो मुझे मजा आ रहा था और माधुरी भी तडप रही थी।वह अपने पैरो को चौडा कर रही थी। मैं माधुरी की चूत को सहला रहा था और वह तडप रही थी वह मुझे कहने लगी मेरी चूत मे लंड डाल दो।

मैंने माधुरी की चूत मे लंड को सटाया तो उसकी चूत मेरे लंड को महसूस कर रही थी और गिली हो चुकी थी। वह मुझे कहने लगी मेरी चूत मे लंड डाल दो। मैंने उसके पैरो को कंधे पर रखा और माधुरी को चोदना शुरु किया। अब हम दोनो एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे और मैं माधुरी की चूत का मजा ले रहा था। जब मैं उसे चोद रहा था तो उसकी सिसकारियां बढ रही थी। मैं माधुरी की चूत की गर्मी को बढा चुका था। माधुरी को बड़ा मजा आ रहा था। उसके चेहरे मे एक अलग ही खुशी नजर आ रही थी और मैं उसकी चूत के अंदर तक लंड को घुसा रहा था। माधुरी मेरा साथ अच्छे से दिए जा रही थी। मैंने उसके पैंरो को चौडा किया और मेरा माल गिरने को था। जब मैंने अपने माल को माधुरी के स्तनो पर गिराया तो हम दोनो को मजा आ गया था। माधुरी और मैंने अपने कपडे पहन लिए थे जिसके बाद हम दोनो ने एक दूसरे के होंठो को चूमा और फिर मैंने माधुरी को उसके घर पर छोड दिया था। माधुरी को जब भी मेरे साथ सेक्स करना होता तो मुझे मजा आता और मैं बहुत खुश होता था जब भी हम दोनो सेक्स किया करते।
 
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