मालती ने मुझे शारीरिक सुख दिया

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Antarvasna, hindi sex kahani: सुबह के 9:00 बज रहे थे और मैं घर पर ही था। रविवार का दिन था और मेरी छुट्टी थी तो मैंने सोचा कि आज मैं अपने परिवार के साथ ही समय बिताता हूँ और उस दिन मैंने अपने परिवार के साथ समय बिताया। अगले दिन मुझे अपने ऑफिस के लिए जल्दी निकलना था तो मैं अपने ऑफिस के लिए घर से जल्दी निकल गया। जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन संजय ने मुझे बताया कि वह नौकरी छोड़ रहा है। मैंने जब संजय से इस बारे में पूछा तो संजय ने मुझसे इस बारे में तो कुछ नहीं कहा लेकिन उसने मुझे बताया कि वह अपना ही कोई बिजनेस शुरू करने वाला है। मैंने भी संजय को उसके जीवन की शुभकामनाएं दी और कहा कि यह तुमने बहुत ही अच्छा फैसला लिया और कुछ ही दिनों बाद संजय ने अपना बिजनेस शुरू कर लिया। संजय ने अपने कपड़ों का शोरूम खोला और कुछ ही समय बाद उसका काम अच्छा चलने लगा।

मैं संजय से अक्सर मिलने के लिए उसकी शॉप में जाया करता तो मुझे काफी अच्छा लगता। मैं सुबह के वक्त अपने ऑफिस जाता और शाम को अपने ऑफिस से लौट आता था मेरी जिंदगी में कुछ भी नया नहीं हो रहा था। एक दिन जब मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था तो उस दिन मुझे मालती ने फोन किया मालती का फोन मुझे काफी समय बाद आया था। मालती से मैं एक बार अपने बिजनेस के सिलसिले में दिल्ली में मिला था और मुझे मालती बहुत ही अच्छी लगी थी। उस दिन मालती ने मुझे फोन किया और मुझे बताया कि वह कुछ दिनों बाद दिल्ली आ रही है तो मैंने मालती को कहा कि जब तुम दिल्ली आओ तो मुझे जरूर बताना। कुछ दिनों बाद जब मालती दिल्ली आई तो वह मुझे मिली और हम दोनों एक दूसरे से मिले तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लगा। मैं मालती से मिलकर बड़ा ही खुश था और मालती भी मुझसे मिलकर बहुत खुश थी। हम दोनों को बहुत अच्छा लगा जिस तरीके से हम दोनों ने मुलाकात की और एक दूसरे के साथ काफी अच्छा समय हम लोगों ने बिताया।

उस दिन हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे क्योंकि मालती कुछ दिनों तक दिल्ली में ही रहने वाली थी इसलिए उससे मेरी मुलाकात हो पाई थी। कुछ दिन बाद वह वापस चली गई लेकिन उस दिन के बाद मैं और मालती एक दूसरे से फोन पर बातें करने लगे थे और यही हम दोनों के बीच प्यार की वजह बनने लगा था कि हम दोनों एक दूसरे से फोन पर बातें करने लगे हैं। एक दूसरे से हम दोनों जब भी फोन पर बातें करते तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लगता है और एक दूसरे के साथ हम दोनों बहुत ही अच्छे से बातें किया करते। अब हम दोनों एक दूसरे से काफी ज्यादा प्यार करने लगे थे तो मैं मालती से मिलने के लिए भी जाना चाहता था लेकिन मैं मालती से मिल ना सका। मालती भी चाहती थी कि वह मुझसे मिले लेकिन वह अपने ऑफिस के काम के चलते मुझसे मिल नहीं पाई थी। हम दोनों के रिलेशन को 6 महीने से ऊपर हो चुका था और मैं मालती से अभी तक नहीं मिल पाया था मैं चाहता था कि उससे मैं मुलाकात करूं लेकिन उससे मेरी मुलाकात अभी तक हुई नहीं थी। मैंने एक दिन मालती से मिलने की बात कही मालती ने मुझे कहा कि क्या तुम जयपुर आ रहे हो तो मैंने मानती से कहा कि हां मैं जयपुर आ रहा हूं।

जयपुर में मेरे दोस्त की शादी थी तो मुझे जयपुर जाना था और इस बहाने मैं मालती से भी मिलना चाहता था। मैं अपने दोस्त की शादी में जयपुर चला गया और जब मैं जयपुर गया तो मेरी मुलाकात मालती से हुई और हम लोग एक दूसरे से मिलकर बहुत ज्यादा खुश थे। कुछ दिनों तक मैं जयपुर में रहा और उसके बाद मैं वहां से वापस लौट आया। मैं वहां से वापस लौट आया था और मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि मैं जयपुर से वापस लौट आया लेकिन मैं मालती को बहुत ज्यादा मिस कर रहा था और कहीं ना कहीं मालती भी मुझे काफी मिस कर रही थी।

समय के साथ साथ हम दोनों का रिलेशन अब काफी आगे बढ़ता जा रहा था और हम दोनों के रिलेशन को करीब एक साल हो चुका था। इस एक साल में मैं मालती को बहुत ही अच्छे से समझ चुका था और कहीं न कहीं मालती भी मुझे अच्छे से समझने लगी थी। यही वजह थी कि मालती और मैं एक दूसरे से अपने रिलेशन को आगे बढ़ाना चाहते थे। मैंने जब मालती से कहा कि तुम दिल्ली में ही जॉब कर लो तो मालती ने मुझे कहा कि नहीं यह तो संभव हो नहीं पाएगा। मैं चाहता था कि मालती दिल्ली में हीं जॉब करें और मालती की जॉब जब दिल्ली में लगी तो मैं बहुत ज्यादा खुश था। मैंने मालती को अपने परिवार से मिलवाया तो सब लोग बहुत ज्यादा खुश थे सब लोग मालती से मिलकर बड़े खुश थे और मालती का भी हमारे घर पर आना जाना लगा रहता।

मालती को जब भी मेरी मदद की जरूरत होती तो मैं हमेशा उसकी मदद करने के लिए तैयार रहता हम दोनों के रिलेशन के बारे में हम दोनों के परिवार वालों को पता था इसलिए किसी को भी कोई परेशानी नहीं थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ बड़े अच्छे से अपने रिलेशन को आगे बढ़ाते जा रहे थे और हमारा रिलेशन बहुत ही अच्छे से चल रहा था। जिस तरीके से हम दोनों का रिलेशन चल रहा था उससे हम दोनों बड़े ही खुश थे और मालती भी बहुत ज्यादा खुश थी एक दिन मालती और मैं कॉफी शॉप में बैठे हुए थे उस दिन हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो मालती ने मुझे कहा कि वह कुछ दिनों के लिए जयपुर जा रही है।

मैंने मालती से कहा कि लेकिन तुम वहां से वापस कब लौटे आओगी तो मालती ने मुझे बताया कि वह वहां से जल्द ही वापस लौट आएगी। मालती को कुछ दिनों के लिए अपने घर जाना था और वह कुछ दिनों के लिए अपने घर चली गई। मालती कुछ दिनों के लिए अपने घर चली गई थी और वहां से जब वह वापस लौटी तो हम दोनों एक दूसरे से मिले। मैंने उस दिन मालती से कहा कि मैं चाहता हूं कि हम दोनों अब एक हो जाएं और एक दूसरे से शादी करने के बारे में मैंने मालती से कहा तो मानती ने भी मेरी बात मान ली थी। हम दोनों चाहते थे कि हम दोनों शादी कर ले परंतु किसी कारण से हम दोनों की शादी नहीं हो पाई। हम दोनों का रिलेशन अभी भी अच्छे से चल रहा है और हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश हैं।

जिस तरीके से मैं और मालती एक दूसरे के साथ रिलेशन में है उससे हम दोनों को बड़ा अच्छा लगता है। मालती अक्सर पापा मम्मी से मिलने के लिए घर पर आ ही जाया करती थी। जब भी वह उन लोगों से मिलने आती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता। मैं एक दिन घर पर अकेला ही था उस दिन मुझसे मिलने के लिए मालती आई। जब मालती मुझसे मिलने के लिए आई तो हम दोनों साथ में बैठे हुए थे और एक दूसरे से बातें कर रहे थे। मैंने उस दिन मालती की जांघों पर हाथ रखा तो उसने मुझे कुछ नहीं कहा और मैं उसकी जांघों को सहलाने लगा। मेरे हाथ धीरे धीरे मालती की योनि की ओर बढ़ने लगै वह भी मुस्कुराने लगी उसने मेरे होंठों को चूम लिया था। जब उसने मेरे होंठों को चूमा तो मैं पूरी तरीके से गर्म होने लगा और वह भी तड़पने लगी थी। मैंने मालती के होठों को बहुत देर तक चूमा और उसकी गर्मी को मैंने बढ़ा कर रख दिया था। वह पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी और उसकी गर्मी बढ चुकी थी। मैंने उसके कपड़े उतारे। जब मैंने मालती के स्तनों को चूसना शुरू किया तो उसे मजा आने लगा था और वह बहुत ज्यादा गर्म होने लगी थी। वह गरम होता जा रही थी और मेरी गर्मी भी बढ़ने लगी थी। मैंने मालती के सामने अपने लंड को किया तो उसने मेरे लंड को चूसना शुरु किया।

वह काफी देर ऐसा ही करती रही जिससे कि मेरे गर्मी बढ़ती जा रही थी और उसकी गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। अब वह बिल्कुल भी रह ना सकी वह मुझे कहने लगी मैं रह नहीं पा रही हूं। उसने मुझे कहां तुम मेरी चूत में अपने लंड को डाल दो। मैंने मालती की चूत मे अपने लंड को सटाते हुए अंदर की तरफ घुसाना शुरू किया। जब मेरा लंड मालती की चूत में गया तो वह जोर से चिल्लाई। मालती की चूत से खून बाहर निकल आया था वह मुझे कहने लगी मेरी योनि से खून निकल आया है लेकिन अब मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था मैं जिस तरीके से मालती की चूत की गर्मी को बढ़ा रहा था। मेरा लंड बड़ी ही आसानी से मालती की चूत के अंदर बाहर हो रहा था जिससे कि उसकी सिसकारियां बढ़ती ही जा रही थी। उसकी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी।

वह मुझे कहने लगी तुम ऐसे ही मुझे तेज गति से धक्के मारते रहो मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था और उसकी सिसकारियां बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मालती और मैं पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी अब हम दोनों बिल्कुल भी रह ना सके। मैंने मालती से कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। मालती मुझे कहने लगी मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है। मैंने उसके पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसकी चूत के मजे में अच्छे से लेने लगा। जैसे ही मेरा वीर्य उसकी चूत में गिरा तो वह बहुत खुश हो गई थी और मुझसे लिपट कर बोली मुझे मजा आ गया है। हम दोनो को बहुत मजा आया जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ शारीरिक सुख का मजा लिया। उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के लिए तड़पने लगे थे और एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए हम लोग हमेशा ही तैयार रहते।
 
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