Antarvasna, hindi sex story मैं एक अच्छे स्कूल में पढ़ा करता था और जब मेरे स्कूल का आखिरी वर्ष था तो उसी वर्ष हमारे स्कूल में एक मैडम आई उनका नाम माधुरी है। माधुरी मैडम मुझे बहुत अच्छा मानती थी और वह हमेशा ही मेरा सपोर्ट किया करती थी। जब भी स्कूल में कोई प्रोग्राम होता तो वह मुझे जरूर कहती थी कि तुम इसमें हिस्सा लिया करो उनकी वजह से ही मेरे अंदर एक कॉन्फिडेंस पैदा हो पाया और मैं उन्हें अपने जीवन का आदर्श मान बैठा मैं उनकी बहुत इज्जत किया करता हूं। जब मेरी 12वीं का रिजल्ट आया तो मैं उस में फर्स्ट क्लास से पास हुआ मेरे काफी अच्छे नंबर आए थे और मैं बहुत खुश था मैंने माधुरी मैडम को फोन कर के कहा कि मैं पास हो चुका हूं और मेरी फर्स्ट डिविजन आई है वह खुश हो गई और कहने लगी मुझे तुमसे पूरी उम्मीद थी। समय इतनी तेजी से चल रहा था कि कुछ पता ही नहीं चला कि कब मेरा कॉलेज खत्म हुआ और उसके बाद मैंने अपने पिताजी का बिजनेस जॉइन कर लिया।
मेरा जीवन अब पूरी तरीके से खुशहाली से भरा था मेरे जीवन में कोई भी तकलीफ नहीं थी मुझे ना तो पैसों से कोई समस्या थी और ना ही मुझे अन्य किसी प्रकार की कोई दिक्कत थी। मेरे पापा मम्मी भी मुझे बहुत प्यार किया करते है और वह लोग मुझे हमेशा ही कहते कि तुम एक दिन अपने पापा से भी बड़े बिजनेसमैन बनोगे। मैं हमेशा ही अपनी मम्मी से कहता कि मम्मी ऐसा भी नहीं है पापा ने अपने जीवन में कितनी मेहनत की है मुझे तो कुछ भी मेहनत नहीं करनी पड़ी। पापा ने बहुत समस्याएं देखी हैं और उसके बाद वह इतने वर्षों से अच्छा खासा बिजनेस कर रहे हैं सब उन्हीं की मेहनत का नतीजा है मैं तो सिर्फ इस बिजनेस को आगे बढ़ा सकता हूं। मम्मी कहने लगी तुम बिल्कुल सही कह रहे हो तुम्हारे पापा ने अपने जीवन में काफी मेहनत की है और वह हमेशा से ही मेहनती रहे हैं। मैं अपने पापा से भी बहुत ज्यादा प्रभावित हूं और मैं उन्ही की तरह बिजनेस मैन बनना चाहता हूं क्योंकि इतनी कठिनाइयों के बाद यदि आप एक सफल बिजनेसमैन बनते हैं तो उससे आपकी सोसाइटी में और समाज में काफी इज्जत होती है। मैं हमेशा अपने पापा की मदद लिया करता था सब कुछ बहुत ही अच्छी तरीके से चल रहा था उसी दौरान मेरी मुलाकात एक दिन मेरे स्कूल के दोस्त से हुई।
वह मुझसे मिला तो हम दोनों एक दूसरे से मिलकर खुश थे मैंने उसे पूछा तुम आजकल क्या कर रहे हो तो वह कहने लगा यार मैं तो आजकल फॉर्म में जॉब कर रहा हूं और कुछ दिनों के लिए घर आया हुआ था, मैंने उसे कहा तो क्या हम लोग किसी बार में चले। मैं अब शराब भी पीने लगा था क्योंकि मेरी मीटिंग ऐसे लोगों से होती थी जो कि ड्रिंक किया करते थे तो मुझे भी थोड़ी बहुत आदत हो चुकी थी। हम दोनों ही बार में चले गए और वहां पर बैठकर हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे मेरे दोस्त का नाम महेश है। महेश से मेरी बात काफी देर तक हुई उसी दौरान माधुरी मैडम का जिक्र बीच में आया मैंने महेश से कहा मुझे नहीं मालूम कि माधुरी मैडम कहां है। महेश मुझे कहने लगा तुम्हें तो मालूम होना चाहिए था कि माधुरी मैडम कहां है मैंने महेश से कहा मुझे नहीं मालूम कि माधुरी मैडम कहां है। मैं उनसे करीब दो वर्ष पहले मिला था लेकिन दो वर्षों से मेरी उनसे कोई मुलाकात नहीं हो पाई और उनका नंबर भी बंद आ रहा था उसके बाद ना तो वह मुझे मिली है और ना ही मैंने उन्हें कॉल किया। महेश कहने लगा लेकिन तुम्हें उनके बारे में जानना चाहिए कि आखिरकार वह कहां वह तुम्हें कितना मानती थी और हमेशा ही वह तुम्हारे बारे में बात किया करती थी। मैंने महेश से कहा हां यार तुम बिल्कुल सही कह रहे हो मुझे उनके बारे में जानना चाहिए कि आखिरकार वह कहां है और क्या कर रही हैं महेश कहने लगा यदि तुम्हें उनके बारे में पता चले तो मुझे भी बताना मुझे उनसे बात करनी थी। माधुरी मैडम बहुत अच्छी थी उनका नेचर भी बहुत अच्छा था मैंने उससे कहा क्यों नहीं मैं तुम्हें जरूर उनका नंबर दूंगा लेकिन पहले मेरी उनसे तो मुलाकात हो। मैं अपने काम में इतना व्यस्त था कि मुझे कुछ मालूम ही नहीं पड़ता था कि मेरे दोस्तों और मेरे आस पड़ोस में क्या हो रहा है लेकिन उस दिन महेश की बात से मुझे लगा कि मुझे माधुरी मैडम के बारे में पता करवाना चाहिए।
मैंने उनके बारे में अपने कुछ पुराने दोस्तों से पूछने की कोशिश की लेकिन मुझे उनका कोई भी आता पता नहीं चला मैं सोच रहा था कि आखिर माधुरी मैडम कहां है क्योंकि काफी वर्षों से मेरी उनसे मुलाकात नहीं हुई थी। तभी मैं अपने स्कूल में गया जब मैं अपने स्कूल में गया तो वहां पर कुछ पुराने टीचर थे उन्हीं में से एक मिश्रा जी भी हैं मैंने मिश्रा जी से कहा सर क्या आप मुझे माधुरी मैडम का नंबर दे सकते हैं। वह कहने लगे कि मेरे पास तो उनका नंबर नहीं होगा लेकिन तुम्हें उनका नंबर सरिता मैडम से मिल जाएगा तुम सरिता मैडम से एक बार उनके बारे में बात करो। मैं सरिता मैडम से मिलने गया तो वह मुझे कहने लगी अजय तुम कैसे हो मैंने उन्हें कहा मैं तो ठीक हूं आप सुनाइए आप कैसे हैं वह कहने लगी मैं भी ठीक हूं। उन्होंने मुझसे पूछा कि आज तुम यहां कैसे आए तो मैंने उन्हें बताया मैं दरअसल यहां आप से कुछ पूछने के लिए आया था वह कहने लगी हां अजय पूछो तुम्हें क्या काम था। मैंने सरिता मैडम से कहा मैडम मुझे माधुरी मैडम के बारे में पूछना था और मुझे उनका नंबर चाहिए था उनसे मेरी मुलाकात कुछ समय पहले हुई थी लेकिन उसके बाद तो वह मुझे मिली ही नहीं। सरिता मैडम कहने लगी कि मैं तुम्हें उनका नंबर दे देती हूं लेकिन शायद उनसे बात कर के अब कोई मतलब नहीं है मैंने उन्हें कहा लेकिन ऐसा क्यों तो वह कहने लगी उनके साथ काफी बुरा हुआ उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया और अब वह पूरी तरीके से टूट चुकी हैं।
सरिता मैडम ने मुझे बताया कि अनुज की थी लेकिन उनकी लव मैरिज ज्यादा समय तक नहीं चल पाई और उसके बाद वह मानसिक रूप से टूट गई थी। मैंने सरिता मैडम से कहा मुझे तो इस बारे में कुछ मालूम ही नहीं है वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हे उनके घर का पता भी दे देती हूं यदि तुम उनसे मिला आओ तो क्या पता उन्हें भी तुमसे मिलकर अच्छा लगे। सरिता मैडम ने मुझे माधुरी मैडम के घर का पता दे दिया और मैं उनके बताए हुए पते पर चला गया मुझे वह एड्रेस ढूंढने में काफी दिक्कत हुई लेकिन आखिरकार मुझे एड्रेस मिल ही गया। मैं जब उनके घर के बाहर खड़ा था तो मैंने डोर बेल बजाई और जब माधुरी मैडम ने दरवाजा खोला तो उनके बाल पूरी तरीके से बिखरे हुए थे और उनके चेहरे का रंग भी उड़ा हुआ था। उन्होंने मुझे पहचाना नहीं मैंने जब उन्हें याद दिलाया कि मैं अजय हूं तब उन्होंने मुझे कहा की अजय तुम इतने वर्षों बाद मुझसे मिलने कैसे आए उन्होंने मुझे अंदर बुलाया वह मुझसे वह बात करने लगी वह पूरी तरीके से सामान्य हो गई। मैंने उनसे पूछा मैडम आप तो बिल्कुल बदल चुकी हैं तो उन्होंने मुझे अपनी आपबीती सुनाई और कहा उनके पति ने उन्हें कैसे छोड़ा और कैसे उन्हे धोखा दिया मैं उनकी बातों से बहुत ज्यादा दुखी था और मुझे काफी बुरा भी लगा। मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की और उन्हें कहा आप चिंता मत कीजिए सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन वह तो जैसे अपने दुखों से परेशान थी। वह मुझे कहने लगी मेरे जीवन में कुछ ठीक नहीं हुआ मैंने उन्हें कहा मैडम सब कुछ ठीक हो जाएगा चिंता मत कीजिए।
उनकी जिंदगी पूरी तरीके से बर्बाद हो चुकी थी लेकिन मैं उनसे मिलने के लिए जाता ही रहता था मैं जब भी उनसे मिलता तो वह मुझसे अपने दुखो का रोना रोती। मैं उन्हें हमेशा समझाने की कोशिश करता मैने उन्हे कहा आपके साथ में खड़ा हूं। वह कहने लगी लेकिन मेरे इतने साल जो बर्बाद हुए है वह कैसे वापस आएंगे उनके जीवन में कुछ भी खुशियां नहीं थी। मैंने उनके जीवन में पूरी खुशियां भरने की कोशिश की और एक दिन हम दोनों के बीच वह सब हुआ जिसकी कल्पना मैंने कभी की नहीं थी। मैडम अपने कमरे में लेटी हुई थी और उनके घर का दरवाजा खुला हुआ था मैं अंदर चला गया मैंने देखा वह नाइटी में अंदर लेटी हुई थी। मैंने उनके स्तन और उनकी गांड को देखा तो मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो गया मैं उनके पास गया और उनके बदन को सहलाने लगा। मैंने उनकी नाइटी को उतारने की कोशिश की लेकिन मुझसे उनकी नाइटी नहीं उतर रही थी फिर मैंने उनके स्तनों को दबाना शुरू किया वह भी उठ चुकी थी लेकिन उनके अंदर इतने सालो से जो सेक्स की भूख थी वह जाग चुकी थी।
उन्होंने मुझे कहा आज तुम मेरी इच्छा पूरी कर दो उन्होंने अपने कपड़ों को उतारा और मेरे लंड को उन्होंने अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी। वह मेरे लंड को बड़े अच्छे से सकिंग करती जाती मुझे बहुत मजा आता। मैंने जैसे ही अपने लंड को उनकी चूत के अंदर घुसाया तो वह चिल्लाने लगी मैंने काफी देर तक उन्हें अपने नीचे लेटा कर चोदा। जब मैंने उनकी बड़ी गांड के अंदर तेल लगाकर अपने लंड को घुसाया तो उन्हे मजे आ रहे थे। वह मुझसे अपनी गांड को टकराने लगी मुझे भी काफी आनंद आ रहा था क्योंकि मैंने कभी किसी के गांड नहीं मारी थी, माधुरी मैडम को लेकर मेरे दिल में शायद पहले से ही इच्छा थी। मैं उन्हें बड़ी तेजी से धक्के मारता उन्हे भी बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी काफी आनंद आता। मैंने करीब 3 मिनट तक उनकी गांड के मजे लिए जैसे ही उनकी गांड से गर्मी बाहर निकलने लगी तो उसे हम दोनों ही बर्दाश्त नहीं कर पाए और मेरा वीर्य पतन उनकी गांड के अंदर हो गया। वह मुझे कहने लगी आज इतने सालों बाद मुझे अच्छा लग रहा है उन्होंने मुझे अपने गले लगा लिया और कहने लगी तुम ही मेरा ध्यान रख सकते हो, मुझे तुम अपना बना लो। मैंने उन्हें अपना लिया है लेकिन सिर्फ हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बनते थे।
मेरा जीवन अब पूरी तरीके से खुशहाली से भरा था मेरे जीवन में कोई भी तकलीफ नहीं थी मुझे ना तो पैसों से कोई समस्या थी और ना ही मुझे अन्य किसी प्रकार की कोई दिक्कत थी। मेरे पापा मम्मी भी मुझे बहुत प्यार किया करते है और वह लोग मुझे हमेशा ही कहते कि तुम एक दिन अपने पापा से भी बड़े बिजनेसमैन बनोगे। मैं हमेशा ही अपनी मम्मी से कहता कि मम्मी ऐसा भी नहीं है पापा ने अपने जीवन में कितनी मेहनत की है मुझे तो कुछ भी मेहनत नहीं करनी पड़ी। पापा ने बहुत समस्याएं देखी हैं और उसके बाद वह इतने वर्षों से अच्छा खासा बिजनेस कर रहे हैं सब उन्हीं की मेहनत का नतीजा है मैं तो सिर्फ इस बिजनेस को आगे बढ़ा सकता हूं। मम्मी कहने लगी तुम बिल्कुल सही कह रहे हो तुम्हारे पापा ने अपने जीवन में काफी मेहनत की है और वह हमेशा से ही मेहनती रहे हैं। मैं अपने पापा से भी बहुत ज्यादा प्रभावित हूं और मैं उन्ही की तरह बिजनेस मैन बनना चाहता हूं क्योंकि इतनी कठिनाइयों के बाद यदि आप एक सफल बिजनेसमैन बनते हैं तो उससे आपकी सोसाइटी में और समाज में काफी इज्जत होती है। मैं हमेशा अपने पापा की मदद लिया करता था सब कुछ बहुत ही अच्छी तरीके से चल रहा था उसी दौरान मेरी मुलाकात एक दिन मेरे स्कूल के दोस्त से हुई।
वह मुझसे मिला तो हम दोनों एक दूसरे से मिलकर खुश थे मैंने उसे पूछा तुम आजकल क्या कर रहे हो तो वह कहने लगा यार मैं तो आजकल फॉर्म में जॉब कर रहा हूं और कुछ दिनों के लिए घर आया हुआ था, मैंने उसे कहा तो क्या हम लोग किसी बार में चले। मैं अब शराब भी पीने लगा था क्योंकि मेरी मीटिंग ऐसे लोगों से होती थी जो कि ड्रिंक किया करते थे तो मुझे भी थोड़ी बहुत आदत हो चुकी थी। हम दोनों ही बार में चले गए और वहां पर बैठकर हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे मेरे दोस्त का नाम महेश है। महेश से मेरी बात काफी देर तक हुई उसी दौरान माधुरी मैडम का जिक्र बीच में आया मैंने महेश से कहा मुझे नहीं मालूम कि माधुरी मैडम कहां है। महेश मुझे कहने लगा तुम्हें तो मालूम होना चाहिए था कि माधुरी मैडम कहां है मैंने महेश से कहा मुझे नहीं मालूम कि माधुरी मैडम कहां है। मैं उनसे करीब दो वर्ष पहले मिला था लेकिन दो वर्षों से मेरी उनसे कोई मुलाकात नहीं हो पाई और उनका नंबर भी बंद आ रहा था उसके बाद ना तो वह मुझे मिली है और ना ही मैंने उन्हें कॉल किया। महेश कहने लगा लेकिन तुम्हें उनके बारे में जानना चाहिए कि आखिरकार वह कहां वह तुम्हें कितना मानती थी और हमेशा ही वह तुम्हारे बारे में बात किया करती थी। मैंने महेश से कहा हां यार तुम बिल्कुल सही कह रहे हो मुझे उनके बारे में जानना चाहिए कि आखिरकार वह कहां है और क्या कर रही हैं महेश कहने लगा यदि तुम्हें उनके बारे में पता चले तो मुझे भी बताना मुझे उनसे बात करनी थी। माधुरी मैडम बहुत अच्छी थी उनका नेचर भी बहुत अच्छा था मैंने उससे कहा क्यों नहीं मैं तुम्हें जरूर उनका नंबर दूंगा लेकिन पहले मेरी उनसे तो मुलाकात हो। मैं अपने काम में इतना व्यस्त था कि मुझे कुछ मालूम ही नहीं पड़ता था कि मेरे दोस्तों और मेरे आस पड़ोस में क्या हो रहा है लेकिन उस दिन महेश की बात से मुझे लगा कि मुझे माधुरी मैडम के बारे में पता करवाना चाहिए।
मैंने उनके बारे में अपने कुछ पुराने दोस्तों से पूछने की कोशिश की लेकिन मुझे उनका कोई भी आता पता नहीं चला मैं सोच रहा था कि आखिर माधुरी मैडम कहां है क्योंकि काफी वर्षों से मेरी उनसे मुलाकात नहीं हुई थी। तभी मैं अपने स्कूल में गया जब मैं अपने स्कूल में गया तो वहां पर कुछ पुराने टीचर थे उन्हीं में से एक मिश्रा जी भी हैं मैंने मिश्रा जी से कहा सर क्या आप मुझे माधुरी मैडम का नंबर दे सकते हैं। वह कहने लगे कि मेरे पास तो उनका नंबर नहीं होगा लेकिन तुम्हें उनका नंबर सरिता मैडम से मिल जाएगा तुम सरिता मैडम से एक बार उनके बारे में बात करो। मैं सरिता मैडम से मिलने गया तो वह मुझे कहने लगी अजय तुम कैसे हो मैंने उन्हें कहा मैं तो ठीक हूं आप सुनाइए आप कैसे हैं वह कहने लगी मैं भी ठीक हूं। उन्होंने मुझसे पूछा कि आज तुम यहां कैसे आए तो मैंने उन्हें बताया मैं दरअसल यहां आप से कुछ पूछने के लिए आया था वह कहने लगी हां अजय पूछो तुम्हें क्या काम था। मैंने सरिता मैडम से कहा मैडम मुझे माधुरी मैडम के बारे में पूछना था और मुझे उनका नंबर चाहिए था उनसे मेरी मुलाकात कुछ समय पहले हुई थी लेकिन उसके बाद तो वह मुझे मिली ही नहीं। सरिता मैडम कहने लगी कि मैं तुम्हें उनका नंबर दे देती हूं लेकिन शायद उनसे बात कर के अब कोई मतलब नहीं है मैंने उन्हें कहा लेकिन ऐसा क्यों तो वह कहने लगी उनके साथ काफी बुरा हुआ उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया और अब वह पूरी तरीके से टूट चुकी हैं।
सरिता मैडम ने मुझे बताया कि अनुज की थी लेकिन उनकी लव मैरिज ज्यादा समय तक नहीं चल पाई और उसके बाद वह मानसिक रूप से टूट गई थी। मैंने सरिता मैडम से कहा मुझे तो इस बारे में कुछ मालूम ही नहीं है वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हे उनके घर का पता भी दे देती हूं यदि तुम उनसे मिला आओ तो क्या पता उन्हें भी तुमसे मिलकर अच्छा लगे। सरिता मैडम ने मुझे माधुरी मैडम के घर का पता दे दिया और मैं उनके बताए हुए पते पर चला गया मुझे वह एड्रेस ढूंढने में काफी दिक्कत हुई लेकिन आखिरकार मुझे एड्रेस मिल ही गया। मैं जब उनके घर के बाहर खड़ा था तो मैंने डोर बेल बजाई और जब माधुरी मैडम ने दरवाजा खोला तो उनके बाल पूरी तरीके से बिखरे हुए थे और उनके चेहरे का रंग भी उड़ा हुआ था। उन्होंने मुझे पहचाना नहीं मैंने जब उन्हें याद दिलाया कि मैं अजय हूं तब उन्होंने मुझे कहा की अजय तुम इतने वर्षों बाद मुझसे मिलने कैसे आए उन्होंने मुझे अंदर बुलाया वह मुझसे वह बात करने लगी वह पूरी तरीके से सामान्य हो गई। मैंने उनसे पूछा मैडम आप तो बिल्कुल बदल चुकी हैं तो उन्होंने मुझे अपनी आपबीती सुनाई और कहा उनके पति ने उन्हें कैसे छोड़ा और कैसे उन्हे धोखा दिया मैं उनकी बातों से बहुत ज्यादा दुखी था और मुझे काफी बुरा भी लगा। मैंने उन्हें समझाने की कोशिश की और उन्हें कहा आप चिंता मत कीजिए सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन वह तो जैसे अपने दुखों से परेशान थी। वह मुझे कहने लगी मेरे जीवन में कुछ ठीक नहीं हुआ मैंने उन्हें कहा मैडम सब कुछ ठीक हो जाएगा चिंता मत कीजिए।
उनकी जिंदगी पूरी तरीके से बर्बाद हो चुकी थी लेकिन मैं उनसे मिलने के लिए जाता ही रहता था मैं जब भी उनसे मिलता तो वह मुझसे अपने दुखो का रोना रोती। मैं उन्हें हमेशा समझाने की कोशिश करता मैने उन्हे कहा आपके साथ में खड़ा हूं। वह कहने लगी लेकिन मेरे इतने साल जो बर्बाद हुए है वह कैसे वापस आएंगे उनके जीवन में कुछ भी खुशियां नहीं थी। मैंने उनके जीवन में पूरी खुशियां भरने की कोशिश की और एक दिन हम दोनों के बीच वह सब हुआ जिसकी कल्पना मैंने कभी की नहीं थी। मैडम अपने कमरे में लेटी हुई थी और उनके घर का दरवाजा खुला हुआ था मैं अंदर चला गया मैंने देखा वह नाइटी में अंदर लेटी हुई थी। मैंने उनके स्तन और उनकी गांड को देखा तो मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो गया मैं उनके पास गया और उनके बदन को सहलाने लगा। मैंने उनकी नाइटी को उतारने की कोशिश की लेकिन मुझसे उनकी नाइटी नहीं उतर रही थी फिर मैंने उनके स्तनों को दबाना शुरू किया वह भी उठ चुकी थी लेकिन उनके अंदर इतने सालो से जो सेक्स की भूख थी वह जाग चुकी थी।
उन्होंने मुझे कहा आज तुम मेरी इच्छा पूरी कर दो उन्होंने अपने कपड़ों को उतारा और मेरे लंड को उन्होंने अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी। वह मेरे लंड को बड़े अच्छे से सकिंग करती जाती मुझे बहुत मजा आता। मैंने जैसे ही अपने लंड को उनकी चूत के अंदर घुसाया तो वह चिल्लाने लगी मैंने काफी देर तक उन्हें अपने नीचे लेटा कर चोदा। जब मैंने उनकी बड़ी गांड के अंदर तेल लगाकर अपने लंड को घुसाया तो उन्हे मजे आ रहे थे। वह मुझसे अपनी गांड को टकराने लगी मुझे भी काफी आनंद आ रहा था क्योंकि मैंने कभी किसी के गांड नहीं मारी थी, माधुरी मैडम को लेकर मेरे दिल में शायद पहले से ही इच्छा थी। मैं उन्हें बड़ी तेजी से धक्के मारता उन्हे भी बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी काफी आनंद आता। मैंने करीब 3 मिनट तक उनकी गांड के मजे लिए जैसे ही उनकी गांड से गर्मी बाहर निकलने लगी तो उसे हम दोनों ही बर्दाश्त नहीं कर पाए और मेरा वीर्य पतन उनकी गांड के अंदर हो गया। वह मुझे कहने लगी आज इतने सालों बाद मुझे अच्छा लग रहा है उन्होंने मुझे अपने गले लगा लिया और कहने लगी तुम ही मेरा ध्यान रख सकते हो, मुझे तुम अपना बना लो। मैंने उन्हें अपना लिया है लेकिन सिर्फ हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बनते थे।