Hindi sex story, antarvasna मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था और जब मैं घर पहुंचा तो मेरी मम्मी ने मुझे कहा बेटा दुकान से सामान ले आना मैंने मम्मी से कहा बस मम्मी अभी ले आता हूं। मैं जब दुकान पर सामान लेने के लिए गया तो मैंने अपने पीछे के जेब में हाथ डाला लेकिन मेरी जेब में पर्स नहीं था मैंने इधर उधर देखा तो मुझे कुछ समझ ही नहीं आया। मैंने दुकान वाले भैया से कहा भैया रहने दीजिए मैं बाद में सामान ले जाऊंगा वह कहने लगे क्या कोई समस्या हो गई है मैंने उन्हें बताया ना जाने मेरा पर्स कहां गिर गया है मुझे मिल ही नहीं रहा। वह दुकानदार मुझे भली-भांति जानते थे तो उन्होंने मुझे कहा आप बाद में पैसे दे दीजिएगा मैंने उन्हें कहा नहीं भैया रहने दीजिए वह कहने लगे कोई बात नहीं आप अभी सामान ले लीजिए। उन्होंने मुझे सामान दे दिया मैं सामान लेकर घर पहुंचा तो मैंने अपनी मम्मी से कहा मम्मी मैंने पर्स क्या टेबल पर रखा था तो मम्मी कहने लगी नहीं बेटा मैंने तुम्हारा पर्स कहीं नहीं देखा।
मैं बहुत चिंतित हो गया मुझे इस बात की चिंता थी कि उसमें मेरे और भी डॉक्यूमेंट थे जो मुझे मिलने वाले नहीं है मैंने मम्मी को बताया कि ना जाने मेरा पर्स कहां गिर गया है मुझे मेरा पर्स ही नहीं मिल रहा है। मम्मी कहने लगी तुम जाकर पुलिस स्टेशन में कल कंप्लेंट करवा देना मैंने मम्मी से कहा ठीक है मैं कल पुलिस स्टेशन में जाकर पर्स की कंप्लेंट दर्ज करवा दूंगा। अगले दिन मैं पर्स की कंप्लेंट लिखवाने के लिए पुलिस स्टेशन में चला गया मैं जब अगले दिन पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट लिखवाने गया तो वहां पर मेरी कंप्लेंट लिख ली गई लेकिन मुझे कोई उम्मीद नहीं थी कि मेरा पर्स मुझे वापस मिलने वाला है। इस बात को करीब 10 दिन हो चुके थे और 10 दिन बाद मुझे एक फोन आया मैंने जब वह फोन उठाया तो सामने से कोई लड़की बोल रही थी उसने मुझसे पूछा क्या आप अमन बोल रहे हैं। मैंने उसे कहा हां मैं अमन बोल रहा हूं वह लड़की बोलने लगी मैं नमिता बोल रही हूं दरअसल मुझे आपका पर्स मिला था मैंने उसे कहा आपको मेरा पर्स कहां से मिला। वह कहने लगी मेरी छोटी बहन को आपका पर्स मिला था तो उसी ने मुझे दिया और कहा कि यह पर्स जिसका भी है उसे वापस कर देना।
मेरी बहन मेरी मम्मी के साथ चली गई इसलिए उसने मुझे कहा कि तुम यह पर्स उसे लौटा देना और मुझे जब ध्यान आया तो मैंने आपको फोन किया। मैं बहुत खुश था क्योंकि मेरा पर्स वापस मिल चुका था मैंने उस लड़की से कहा कि मैं तुम्हारे घर पर आ जाता हूं वह कहने लगी मैं आपको अपने घर का एड्रेस दे देती हूं आप वहां पर आ जाइएगा। उस लड़की ने मुझे अपने घर का एड्रेस दिया मैं जब अपना पर्स लेने के लिए नमिता के पास गया तो उसने मुझे कहा वह तो शुक्र है कि आपका पर्स मेरी बहन को मिला यदि किसी और को मिलता तो शायद वह लौटाता भी नही। मैंने जब अपना पर्स खोल कर देखा तो उसमें सारे डॉक्यूमेंट थे मैंने नमीता को कहा मैं आपका धन्यवाद कैसे कहूं वह मुझे कहने लगी अरे कोई बात नहीं इसमें भला धन्यवाद कहने की क्या बात है हम लोग जिम्मेदार नागरिक हैं और यह तो हमारा फर्ज बनता है। जब नमिता ने मुझसे यह बात कही तो मैंने उसे कहा यदि आप की जगह कोई और होता तो शायद वह मुझे मेरा पर्स कभी वापस नहीं लौटाता लेकिन आपने मुझ पर एहसान किया है। नमिता कहने लगी कोई बात नहीं जब हम दोनों बात कर रहे थे तभी एक महिला अंदर से आई वह शायद नमिता की मम्मी थी उन्होंने मुझे देखते हुए कहा बेटा आपका ही पर्स गुम हो गया था। मैंने कहा जी आंटी मेरा ही पर्स खो गया था तो आंटी ने मुझे कहा बेटा आप अंदर क्यों नहीं आते मैंने कहा नहीं आंटी जी मैं अभी चलता हूं। मैं वहां से अपने घर चला आया मेरा पर्स मिल चुका था और मैं बहुत खुश था क्योंकि मुझे उम्मीद भी नहीं थी कि मेरा पर्स मुझे वापस मिलेगा लेकिन नमिता की बहन की वजह से मेरा पर्स मुझे वापस मिला। उस दिन के बाद नमिता मुझे नहीं मिली लेकिन एक दिन अचानक से उससे मेरी मुलाकात हो गई जब मुझे नमिता मिली तो मैंने उसे कहा आप कहां जा रहे हैं तो कहने लगी कि मैं अपनी मामी से मिलकर आ रही थी।
मैंने नमिता से कहा आपकी मामी कहां रहती है वह मुझे कहने लगी मेरी मामी भी यही पास में रहते हैं वह मुझसे पूछने लगी आप यहां क्या कर रहे हैं मैंने उसे बताया कि मैं भी अपने दोस्त से मिलने के लिए आया हुआ था। मैंने नमिता से कहा कि आपके पास समय है तो हम लोग कुछ देर बैठ जाते है, हम दोनों कुछ समय के लिए एक साथ बैठे मैं नमिता से बात करने लगा मुझे नमिता से बात कर के बहुत अच्छा लगा। मुझे नमिता से बात करना बहुत अच्छा लग रहा था और उसके साथ मैंने लगभग 15 मिनट बिताए 15 मिनट हम दोनों ने बड़े ही अच्छे से बात की उसके बाद नमिता चली गई। नमिता ने मुझे कहा कि मुझे अभी देर हो रही है इसलिए मुझे भी जाना पड़ेगा लेकिन मैं आपसे कभी और मुलाकात करूंगी मैंने नमीता से कहा बिल्कुल आपको जब भी समय मिले तो आप मुझसे बात कीजिएगा। नमिता का काफी समय बाद मुझे फोन आया जब नमिता का मुझे फोन आया तो उस वक्त मैंने उससे कहा उस दिन तो आप चली गई थी। नमिता कहने लगी हां मुझे दरअसल घर में जरूरी काम था इसलिए मुझे जाना पड़ा उसके बाद हम दोनों की मुलाकात अक्सर होने लगी मुझे नहीं मालूम था कि नमिता मुझे पसंद करने लगी थी और मैं भी नमिता को पसंद करने लगा था। हम दोनों की फोन पर बातें होने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे से फोन पर काफी बात किया करते थे नमिता कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी और वह मुझसे कुछ ज्यादा ही बात करने लगी थी जिसकी वजह से उसकी पढ़ाई में भी दिक्कत होने लगी थी।
मैंने नमिता से कहा तुम मेरी वजह से अपनी पढ़ाई मत छोड़ा करो लेकिन नमिता मुझे हमेशा कहती कि तुमसे ज्यादा इंपॉर्टेंट मेरे लिए और कोई काम नहीं है। मैंने नमिता को समझाया तो नमिता मेरी बात मान गई कुछ दिनों तक हम लोगों ने अपनी बातें कम कर दी और हम दोनों ने मिलना भी थोड़ा कम कर दिया नमिता का कॉलेज भी अब पूरा हो चुका था और वह अब जॉब की तैयारी करने लगी। कुछ ही समय बाद उसकी एक अच्छी कंपनी में जॉब लग गई उसके बाद हम दोनों का मिलना हर रोज होने लगा नमिता और मेरे बीच बहुत प्यार है हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं। जब भी नमिता से मेरी बात नहीं होती तो मुझे ऐसा लगता कि जैसे कि मेरे जीवन में कोई चीज अधूरी रह गई हो हम दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते थे और नमिता को भी इस बारे में मालूम था कि मैं उसके बिना बिल्कुल भी नहीं रह सकता। हम दोनों के रिलेशन को काफी समय हो चुका था लेकिन कभी कबार हम दोनों के बीच में झगडे भी हो जाया करते थे और जब हम दोनों के बीच में झगड़े होते तो उसके बाद जब मैं नमिता को मनाता तो मुझे बहुत अच्छा लगता। नमिता के घर में भी मेरे बारे में मालूम चल चुका था और मैंने अपने मम्मी पापा को भी नमिता के बारे में बता दिया था। हम दोनों के बीच प्यार तो बहुत था लेकिन हम दोनों ने कभी भी एक दूसरे को सेक्स के नजरिए से नहीं देखा था। हम दोनों के रिलेशन को काफी समय हो चुका था इसलिए एक दिन जब नमिता ने मुझे कहा कि मेरी सहेली तो अपने बॉयफ्रेंड के साथ किसी रिसोर्ट में गई थी और उन दोनों ने वहां पर खूब मजे किए।
मैंने नमीता से कहा क्या हम लोग भी कहीं घूमने का प्लान बनाएं नमिता कहने लगी ठीक है आप देख लीजिए मैंने कुछ ही दिनों बाद घूमने का प्लान बना लिया और हम दोनों एक रिसोर्ट में चले गए। जब हम लोग उस रिसोर्ट में गए तो वहां पर हम दोनों के बीच सेक्स संबंध बने मैंने पहली बार नमिता की चूत मारी और उसकी चूत से खून निकाल कर रख दिया। मैंने रूम में नमिता के रसीले होठों का रसपान किया वह पहली बार ही किस कर रही थी और किस करते करते उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी वह अपने आप पर काबू ही नहीं कर पा रही थी। मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और उसके कपड़े उतारने शुरू किए जब मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू किए तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई उसके सुडौल स्तन मेरे हाथों में थे मैं उसके स्तनों को अपने मुंह में लिए जा रहा था जिससे कि वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो जाती और मेरी उत्तेजना में भी बढ़ोतरी हो रही थी। मैंने जैसे ही अपने लंड को बाहर निकाल कर नमिता की चिकनी चूत पर रगडना शुरू किया तो उसकी योनि से तरल पदार्थ बाहर की तरफ को आने लगा।
उसकी योनि पूरी तरीके से गीली हो चुकी थी उसकी योनि के अंदर जैसे ही मैंने अपने 9 इंच मोटे लंड को प्रवेश करवाने की कोशिश की तो मुझे बड़ी मेहनत करनी पड़ी परंतु जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर जा चुका था तो उसके मुंह से बड़ी तेज चीख निकली और उसी के साथ उसकी सील टूट चुकी थी उसकी चूत से खून आने लगा था। वह मुझे कहने लगी मुझे बड़ा दर्द हो रहा है मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और तेजी से धक्के मारने शुरू किए। मेरे धक्के इतने तेज होते उसका बदन पूरी तरीके से हिल जाता वह कहती मुझे बड़ा डर लग रहा है। मैंने उसे कहा तुम डरो मत अभी तो सिर्फ तुम हम दोनों की फीलिंग को फील करो, मै नमिता को बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था लेकिन उसकी योनि से गर्मी बाहर की तरफ को निकलने लगी उसे हम दोनों ही बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे जब वह झड़ गई तो उसके कुछ क्षणों बाद मेरा भी वीर्य पतन हो गया जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो मैंने नमिता को गले लगाया और कहा नमिता आई लव यू अगले दिन हम दोनो वहां से वापस घर लौट आए।
मैं बहुत चिंतित हो गया मुझे इस बात की चिंता थी कि उसमें मेरे और भी डॉक्यूमेंट थे जो मुझे मिलने वाले नहीं है मैंने मम्मी को बताया कि ना जाने मेरा पर्स कहां गिर गया है मुझे मेरा पर्स ही नहीं मिल रहा है। मम्मी कहने लगी तुम जाकर पुलिस स्टेशन में कल कंप्लेंट करवा देना मैंने मम्मी से कहा ठीक है मैं कल पुलिस स्टेशन में जाकर पर्स की कंप्लेंट दर्ज करवा दूंगा। अगले दिन मैं पर्स की कंप्लेंट लिखवाने के लिए पुलिस स्टेशन में चला गया मैं जब अगले दिन पुलिस स्टेशन में कंप्लेंट लिखवाने गया तो वहां पर मेरी कंप्लेंट लिख ली गई लेकिन मुझे कोई उम्मीद नहीं थी कि मेरा पर्स मुझे वापस मिलने वाला है। इस बात को करीब 10 दिन हो चुके थे और 10 दिन बाद मुझे एक फोन आया मैंने जब वह फोन उठाया तो सामने से कोई लड़की बोल रही थी उसने मुझसे पूछा क्या आप अमन बोल रहे हैं। मैंने उसे कहा हां मैं अमन बोल रहा हूं वह लड़की बोलने लगी मैं नमिता बोल रही हूं दरअसल मुझे आपका पर्स मिला था मैंने उसे कहा आपको मेरा पर्स कहां से मिला। वह कहने लगी मेरी छोटी बहन को आपका पर्स मिला था तो उसी ने मुझे दिया और कहा कि यह पर्स जिसका भी है उसे वापस कर देना।
मेरी बहन मेरी मम्मी के साथ चली गई इसलिए उसने मुझे कहा कि तुम यह पर्स उसे लौटा देना और मुझे जब ध्यान आया तो मैंने आपको फोन किया। मैं बहुत खुश था क्योंकि मेरा पर्स वापस मिल चुका था मैंने उस लड़की से कहा कि मैं तुम्हारे घर पर आ जाता हूं वह कहने लगी मैं आपको अपने घर का एड्रेस दे देती हूं आप वहां पर आ जाइएगा। उस लड़की ने मुझे अपने घर का एड्रेस दिया मैं जब अपना पर्स लेने के लिए नमिता के पास गया तो उसने मुझे कहा वह तो शुक्र है कि आपका पर्स मेरी बहन को मिला यदि किसी और को मिलता तो शायद वह लौटाता भी नही। मैंने जब अपना पर्स खोल कर देखा तो उसमें सारे डॉक्यूमेंट थे मैंने नमीता को कहा मैं आपका धन्यवाद कैसे कहूं वह मुझे कहने लगी अरे कोई बात नहीं इसमें भला धन्यवाद कहने की क्या बात है हम लोग जिम्मेदार नागरिक हैं और यह तो हमारा फर्ज बनता है। जब नमिता ने मुझसे यह बात कही तो मैंने उसे कहा यदि आप की जगह कोई और होता तो शायद वह मुझे मेरा पर्स कभी वापस नहीं लौटाता लेकिन आपने मुझ पर एहसान किया है। नमिता कहने लगी कोई बात नहीं जब हम दोनों बात कर रहे थे तभी एक महिला अंदर से आई वह शायद नमिता की मम्मी थी उन्होंने मुझे देखते हुए कहा बेटा आपका ही पर्स गुम हो गया था। मैंने कहा जी आंटी मेरा ही पर्स खो गया था तो आंटी ने मुझे कहा बेटा आप अंदर क्यों नहीं आते मैंने कहा नहीं आंटी जी मैं अभी चलता हूं। मैं वहां से अपने घर चला आया मेरा पर्स मिल चुका था और मैं बहुत खुश था क्योंकि मुझे उम्मीद भी नहीं थी कि मेरा पर्स मुझे वापस मिलेगा लेकिन नमिता की बहन की वजह से मेरा पर्स मुझे वापस मिला। उस दिन के बाद नमिता मुझे नहीं मिली लेकिन एक दिन अचानक से उससे मेरी मुलाकात हो गई जब मुझे नमिता मिली तो मैंने उसे कहा आप कहां जा रहे हैं तो कहने लगी कि मैं अपनी मामी से मिलकर आ रही थी।
मैंने नमिता से कहा आपकी मामी कहां रहती है वह मुझे कहने लगी मेरी मामी भी यही पास में रहते हैं वह मुझसे पूछने लगी आप यहां क्या कर रहे हैं मैंने उसे बताया कि मैं भी अपने दोस्त से मिलने के लिए आया हुआ था। मैंने नमिता से कहा कि आपके पास समय है तो हम लोग कुछ देर बैठ जाते है, हम दोनों कुछ समय के लिए एक साथ बैठे मैं नमिता से बात करने लगा मुझे नमिता से बात कर के बहुत अच्छा लगा। मुझे नमिता से बात करना बहुत अच्छा लग रहा था और उसके साथ मैंने लगभग 15 मिनट बिताए 15 मिनट हम दोनों ने बड़े ही अच्छे से बात की उसके बाद नमिता चली गई। नमिता ने मुझे कहा कि मुझे अभी देर हो रही है इसलिए मुझे भी जाना पड़ेगा लेकिन मैं आपसे कभी और मुलाकात करूंगी मैंने नमीता से कहा बिल्कुल आपको जब भी समय मिले तो आप मुझसे बात कीजिएगा। नमिता का काफी समय बाद मुझे फोन आया जब नमिता का मुझे फोन आया तो उस वक्त मैंने उससे कहा उस दिन तो आप चली गई थी। नमिता कहने लगी हां मुझे दरअसल घर में जरूरी काम था इसलिए मुझे जाना पड़ा उसके बाद हम दोनों की मुलाकात अक्सर होने लगी मुझे नहीं मालूम था कि नमिता मुझे पसंद करने लगी थी और मैं भी नमिता को पसंद करने लगा था। हम दोनों की फोन पर बातें होने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे से फोन पर काफी बात किया करते थे नमिता कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी और वह मुझसे कुछ ज्यादा ही बात करने लगी थी जिसकी वजह से उसकी पढ़ाई में भी दिक्कत होने लगी थी।
मैंने नमिता से कहा तुम मेरी वजह से अपनी पढ़ाई मत छोड़ा करो लेकिन नमिता मुझे हमेशा कहती कि तुमसे ज्यादा इंपॉर्टेंट मेरे लिए और कोई काम नहीं है। मैंने नमिता को समझाया तो नमिता मेरी बात मान गई कुछ दिनों तक हम लोगों ने अपनी बातें कम कर दी और हम दोनों ने मिलना भी थोड़ा कम कर दिया नमिता का कॉलेज भी अब पूरा हो चुका था और वह अब जॉब की तैयारी करने लगी। कुछ ही समय बाद उसकी एक अच्छी कंपनी में जॉब लग गई उसके बाद हम दोनों का मिलना हर रोज होने लगा नमिता और मेरे बीच बहुत प्यार है हम दोनों एक दूसरे को बहुत प्यार करते हैं। जब भी नमिता से मेरी बात नहीं होती तो मुझे ऐसा लगता कि जैसे कि मेरे जीवन में कोई चीज अधूरी रह गई हो हम दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते थे और नमिता को भी इस बारे में मालूम था कि मैं उसके बिना बिल्कुल भी नहीं रह सकता। हम दोनों के रिलेशन को काफी समय हो चुका था लेकिन कभी कबार हम दोनों के बीच में झगडे भी हो जाया करते थे और जब हम दोनों के बीच में झगड़े होते तो उसके बाद जब मैं नमिता को मनाता तो मुझे बहुत अच्छा लगता। नमिता के घर में भी मेरे बारे में मालूम चल चुका था और मैंने अपने मम्मी पापा को भी नमिता के बारे में बता दिया था। हम दोनों के बीच प्यार तो बहुत था लेकिन हम दोनों ने कभी भी एक दूसरे को सेक्स के नजरिए से नहीं देखा था। हम दोनों के रिलेशन को काफी समय हो चुका था इसलिए एक दिन जब नमिता ने मुझे कहा कि मेरी सहेली तो अपने बॉयफ्रेंड के साथ किसी रिसोर्ट में गई थी और उन दोनों ने वहां पर खूब मजे किए।
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