मुझे हमेशा मजा देती है

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Antarvasna, hindi sex stories: मैं अपने दोस्त के साथ बस में अपने दफ्तर जा रहा था हम दोनों बात कर रहे थे और हम दोनों एक ही सीट पर बैठे हुए थे कंडक्टर हमारे पास आया। जब कंडक्टर हमारे पास आया तो मैंने उसे दो टिकट के लिए कहा और उसने हमें दो टिकट दी हम दोनों साथ में बैठे हुए थे। अगले स्टॉप पर जब बस रुकी तो मैंने देखा कि बस में दीपिका बैठ रही है दीपिका ने साड़ी पहनी हुई थी और वह काफी अच्छी लग रही थी दीपिका मेरे साथ कॉलेज में पढ़ाई करती थी दीपिका से मैं काफी सालों बाद मिल रहा था। दीपिका ने मुझे देखा नहीं और वह मेरी आगे वाली सीट में बैठ गई मैं और मेरा दोस्त अभी भी बात कर रहे थे तो मेरा दोस्त मुझे कहने लगा कि क्या तुम उस लड़की को जानते हो। मैंने उससे कहा हां वह मेरे साथ कॉलेज में ही पढ़ाई करती थी वह मुझे कहने लगा कि इसीलिए तुम बार-बार उसे देख रहे हो मैंने उसे कहा मैं सोच रहा हूं कि मैं दीपिका से बात कर लूं।

मैंने जब दीपिका से बात की तो दीपिका मुझे देख कर बहुत खुश हुई और वह कहने लगी आकाश तुमसे कितने वर्षों बाद मुलाकात हो रही है। दीपिका ने मुझे बताया कि वह एक स्कूल में पढ़ा रही है मैंने दीपिका को कहा यह तो बड़ी अच्छी बात है कि तुम स्कूल में पढ़ा रही हो। दीपिका से मैं ज्यादा बात तो नहीं कर पाया क्योंकि हमारा ऑफिस आने ही वाला था और हम लोग हमारे ऑफिस के बस स्टॉप पर उतर गए वहां से बस आगे चली गई। मैं और मेरा दोस्त ऑफिस पहुंचे तो उस दिन हमारे बॉस का जन्मदिन था इसलिए सब लोग इसी तैयारी में लगे हुए थे हम लोगों ने भी उनकी मदद की। जब हमारे बॉस ऑफिस में आए तो उनको सब लोगों ने उनके जन्मदिन की बधाई दी उन्होंने भी हमारे पूरे ऑफिस को लंच पर ले जाने की बात कहीं और हम लोग लंच टाइम में एक रेस्टोरेंट में चले गए। वह हमारे ऑफिस के पास ही है हम सब लोगों ने वहां पर लंच किया और उसके बाद अपने ऑफिस लौट आए। शाम के वक्त मैं और मेरा दोस्त बस से ही घर लौट रहे थे जब हम लोग बस से घर लौट रहे थे तो एक बूढ़ी औरत हमारे पास में बैठी हुई थी वह बार-बार हम दोनों को देख रही थी।

जब कंडक्टर ने उससे पैसे के लिए कहा तो वह कंडक्टर के चेहरे की तरफ देख रही थी मुझे लगा कि शायद उनके पास पैसे नहीं है इसलिए मैंने कंडक्टर से कहा कि भैया आप इनके भी पैसे काट लीजिएगा। वह औरत मेरी तरफ देख कर कहने लगी कि नहीं मेरे पास पैसे हैं उन्होंने अपने बैंक से पैसे निकाल कर कंडक्टर को दे दिए। मैंने उनसे पूछा आप मेरी तरफ इतनी देर से क्यों देख रही थी तो वह मुझे कहने लगी कि बेटा मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे मैंने तुम्हें इससे पहले भी कहीं देखा है। मैंने उन्हें कहा हो सकता है आपने मुझे कहीं पहले देख लिया हो उसके बाद वह अगले स्टॉप पर उतर गई और हम लोग अपने घर लौट आए। अब हर रोज की तरह मैं भी बस से ही ऑफिस जा रहा था जब मैं ऑफिस जा रहा था तो मेरी मां का मुझे फोन आया और वह कहने लगी कि बेटा तुम क्या अभी घर आ सकते हो। मैंने उन्हें कहा लेकिन मां क्या कोई जरूरी काम है तो मेरी मां कहने लगी कि हां बेटा एक जरूरी काम था यदि तुम अभी घर आ जाते तो अच्छा रहता। मैंने उनसे पूछा लेकिन उन्होंने मुझे कुछ भी नहीं बताया जब मैं घर पहुंचा तो मैंने देखा पिताजी की तबीयत ठीक नहीं है और उस दिन मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और मैं उन्हें लेकर अस्पताल चला गया। मैं जब उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचा तो मैंने देखा वहां पर दीपिका भी आई हुई थी दीपिका ने मुझे देखा मैंने भी दीपिका को अपने पिताजी की तबीयत खराब होने के बारे में बताया और दीपिका से पूछा कि वह किसके साथ आई है। दीपिका ने कहा कि उसकी ममेरी बहन को वह देखने के लिए आई है उसकी ममेरी बहन की तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं थी और वह हॉस्पिटल में ही एडमिट थी। पापा को भी डॉक्टर ने कुछ दिनों के लिए हॉस्पिटल में एडमिट करने के लिए कहा पापा को मैंने हॉस्पिटल में ही एडमिट करवा दिया था और मैं पापा के साथ ही हॉस्पिटल में था। उस दौरान मैंने अपने ऑफिस से भी कुछ दिनों के लिए छुट्टी ले ली थी दीपिका भी अपनी ममेरी बहन को मिलने के लिए अक्सर अस्पताल में आती रहती।

जब भी वह अस्पताल में आती तो मुझसे जरूर मिलती एक दिन दीपिका और मैं साथ में बैठे हुए थे हम दोनों बात कर रहे थे तो मैंने दीपिका से पूछा क्या तुमने अभी तक शादी करने के बारे में नहीं सोचा दीपिका ने मुझे बताया कि नहीं। मैंने दीपिका को कहा लेकिन तुम्हें तो अब शादी कर लेनी चाहिए दीपिका ने मुझे कहा मुझे अभी शादी नही करनी है। मैंने दीपिका से उस दिन बहुत देर तक बात की दीपिका और मेरे बीच में कॉलेज के समय में इतनी ज्यादा बातचीत नहीं होती थी लेकिन अब हम लोगों की बातचीत होने लगी थी। यह शायद इत्तफाक ही था कितने वर्षों बाद दीपिका मुझे बस में मिली और उसके बाद हम दोनों की बातें बढ़ती चली गई। कुछ दिनों बाद डॉक्टर ने पापा को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया और मैं पापा को घर ले आया क्योंकि घर में मैं ही इकलौता लड़का हूं इस वजह से घर की जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही रहती है। मैंने अब ऑफिस जाना शुरू कर दिया था और जब मैं ऑफिस जाने लगा तो मेरे दोस्त ने मुझसे पूछा कि तुम्हारे पापा की तबीयत अब कैसी है तो मैंने उसे बताया कि पापा की तबीयत पहले से बेहतर है और वह घर पर हैं। दिन ऐसे ही निकलते जा रहे थे और कुछ पता ही नहीं चल रहा था कि कब समय बीता जा रहा है दीपिका से भी मेरी मुलाकात होती ही रहती थी उससे मैं मिलता ही रहता था। एक दिन दीपिका ने मुझे बताया कि उसकी सगाई हो चुकी है तो मैंने दीपिका को उसकी सगाई के लिए बधाई दी और कहा यह तो बहुत अच्छी बात है कि तुम्हारी सगाई हो चुकी है।

दीपिका भी बहुत खुश थी और जल्द ही वह शादी भी करने वाली थी मैंने दीपिका से कहा तुमने यह बहुत ही अच्छा फैसला लिया कि तुम शादी करने वाली हो। दीपिका मुझे कहने लगी कि हां पापा और मम्मी कहने लगे कि बेटा अब तुम शादी कर लो इसलिए मैं भी उनकी बात को टाल ना सकी और शादी के लिए तैयार हो गई। दीपिका और मै उसके बाद भी कई बार मिलते रहे हालांकि दीपिका की सगाई हो चुकी थी। मुझे नहीं मालूम था कि दीपिका और मैं जब एक दूसरे को कॉफी शॉप में मिलेंगे तो उस दिन मैंने दीपिका के हाथ को पकड़ लिया। जब मैंने दीपिका के हाथ को पकड़ा तो वह मुझे कहने लगी आकाश तुम यह क्या कर रहे हो मेरी शादी होने वाली है? मैंने दीपिका से कहा मुझे पता है कि तुम्हारी शादी होने वाली है लेकिन आज तुम कुछ ज्यादा ही सुंदर लग रही हो। दीपिका इस बात से बहुत ही ज्यादा खुश हुई और हम दोनों उस दिन जब साथ में घर लौट रहे थे तो बारिश काफी ज्यादा हो रही थी मौसम बहुत ही ज्यादा सुहावना हो चुका था। मौसम इतना ज्यादा सुहावना था कि दीपिका और मैं साथ में जब रुके तो मैंने दीपिका के होंठों को चूमना शुरू कर दिया। जब मैं दीपिका के नरम होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसता तो मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से मैंने दीपिका के होठों का रसपान किया उससे वह बिल्कुल भी अपने आपको रोक ना सकी और मुझे कहने लगी मेरे अंदर की गर्मी बढ़ चुकी है। मैंने दीपिका से कहा क्या तुमने कभी किसी के लंड को अपने मुंह में ले लिया है? वह मुझे कहने लगी नहीं मैंने आज तक किसी के लंड को अपने मुंह के अंदर नहीं लिया है।

दीपिका ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया जब उसने मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लिया तो वह बहुत ही अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगी। वह जिस प्रकार से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर कर रही थी उससे मेरे अंदर की गर्मी और भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी मैं अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पा रहा था। दीपिका ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए और मैंने जब उसकी चूत की तरफ देखा तो उसकी योनि पर एक भी बाल नहीं था। उसकी चिकनी चूत को चाटने का मेरा बहुत मन होने लगा मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया जब मैं उसकी चूत को चाट रहा था तो वह मुझे कहने लगी तुम और अच्छे से मेरी चूत को चाटो। मैंने उसकी चूत को बड़े ही अच्छे से चाटना शुरू किया और उसकी चूत से मैंने गर्म पानी को बाहर निकाल दिया।

उसकी चूत से निकलता हुआ गर्म पानी बहुत ज्यादा बढ चुका था। वह मुझे कहने लगी तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डालो मैंने जब अपने लंड पर तेल की मालिश की और मैंने दीपिका की चूत के अंदर लंड डाला तो उसकी चूत के अंदर तक लंड जा चुका था वह बड़ी जोर से चिल्लाई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने उसके दोनों पैरों को खोल लिया और बड़ी तेज गति से मै उसको चोद रहा था। वह मेरा बहुत ही अच्छे से साथ दे रही थी लेकिन उसकी चूत से निकलता हुआ खून मुझे और ज्यादा गर्म कर रहा था। उसकी चूत से इतना ज्यादा खून बाहर की तरफ निकल चुका था कि वह मुझे कहने लगी मेरी चूत पूरी तरीके से छिल चुकी है। मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर होता तो मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका था। मैंने दीपिका से कहा मेरा लंड पूरी तरीके से छिल चुका है। दीपिका को मुझे चोदने में बड़ा ही आनंद आ रहा था और उसकी चूत के मजे 5 मिनट तक लिए 5 मिनट बाद जब मैंने अपने लंड से निकलते हुए वीर्य को दीपिका के स्तनों पर गिराया तो वह मुझे कहने लगी आकाश तुम्हारे साथ सेक्स कर के मजा आ गया। शादी से पहले दीपिका ने मेरे साथ ही सुहागरात मना ली थी और उसके कुछ महीनों बाद उसकी शादी हो गई लेकिन आज भी हम दोनों एक दूसरे से मिलते हैं और हम दोनों सेक्स का पूरा मजा लेते हैं मुझे दीपिका को चोदने में बहुत ही अच्छा लगता है।
 
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