मेरा लण्ड मिला आफिस की बेसहारा चुत को

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आज मैं दोस्तों आज ऑफिस में काम करने वाली सहयोगी लकड़ी की अपने लण्ड से भुजायी आग की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसके बारे में मैंने शुरूआती दिनों से ही काफी कुछ सुन रखा था की उसे अपनी चुत में ऊँगली डालने और अपने चुचों की खुद सेवा करने का बहुत शौक है | मुझे नहीं पता की यह बात सच थी के नहीं और अगर सच भी तो सबको कैसे पता चली पर हाँ मुझे इस बात यकीन ज़रूर हुआ क्यूंकि उसके चुचे अन्य लड़कियों के मुकाबले काफी मोटे और शेप में थे | उसकी गांड भी एक दम पानी भरे मटके से कम नहीं लगती थी | वो जब भी सामने से गुज़रती तो मैंने उसकी गांड को बिना देखे नहीं रह पाता था |

एक दिन जब मैं काम से घर को जा रहा था तो उसने अपनी गाडी रोकी और बोली चलो मैं ही छोड़ देती हूँ तुम्हे और मैं भी राज़ी हो चला | मैं बीच सफर में उससे कहा की वो चाहे तो मेरे जाकर काफी पी सकती है और वो झट से मान गयी | मुझे मान्झरा अभी तक ढंग से नहीं समझ आ रहा था | घर पर हम जब बात कर रहे थे तो कहने लगी, तुम जानते हो ऑफिस में तुमसे ज्यादा प्यास भरी नज़रों से मुझे कोई नहीं देखता . .!! मैं शर्म के मारे लाला हो गे तभी उसने कह की चलो आज क्यूँ न फिर तुमरे प्यास ही भुजा दी जाए . .!! मैं तो उतावला हो चला और उसके पास गया और उसके चुचों को भींचते हुए उसके होंठों को मसलने लगा |

वो भी फुल मुड में थी और कमीज़ और स्कर्ट को नंगे बदन से अलग कर डाला | मैंने उसका ब्रा और पैंटी अलग कर खुद भी नंगा हो गया झटपट | मैंने उसके चुचे अब उन्हें चूसने लगा और उसे भी जो अपने चुचों को निचोड़ने के लिए कोई साथी मिल चूका था | मैंने उसके चुचों को अपने मुंह में लेता हुआ चूस रहा था और वो मेरे सर को सहला रही थी | मैंने अब उसकी नंगी चुत पर अपना थूक गिराया और अपने लण्ड को भी उसकी चुत पर दिया | मैं एक पहला झटका इतनी जोर से उसकी चुत में मारा की लण्ड उसकी चुत में पूरा घुसता चला हुआ | वो भी गरम सिसकियों से मुहे उत्तेजित कर रही थी और मैंने तभी उसे अपने टेबल पर सहारा लेकर झुक जाने को कहा |

अब मैंने पीछे से उसकी चुत में अपने लण्ड के बेचुक झटके दे रहा | अब उसकी पंसी हुई उत्तेजित चुत का पानी निकल और मेरा लण्ड उसकी गीली मस्तानी चुत में किसी रेस के घोड़ी की तरह दौड रहा था | मेरी बढती उमग पर किसी का काबू न था | वो बोल रही थी फाड़ दो इस चुत को . .मिटा तो सारी खुजली. . .!! और मैं ज़ोरों के झटके २० मिनट तक देता ही चला गया और आखरी में लण्ड को खींच उसकी गांड पर मुठ छोड़ डाला | वो अब खुशी से रोते हुए मेरे लण्ड को चूसने लगी और इस बार मैं उसकी खुली जुल्फें लहरा रहा था |
 
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