मेरा वीर्य महिमा की चूत में

sexstories

Administrator
Staff member
Hindi sex stories, antarvasna: मैं एक बिजनेस मैन हूँ यह बिजनेस मैं अपने पापा की वजह से चला पा रहा हूँ उन्ही की बदौलत आज मैं इस मुकाम पर हूँ और अपना खुद का बिजनेस चला रहा हूँ। मेरे पापा का बहुत बड़ा बिजनेस था लेकिन उस बिजनेस में पापा का बहुत बड़ा नुकसान हुआ जिससे कि पापा को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। यह नुकसान मेरी वजह से ही हुआ था मेरी ही गलती की वजह से मेरे पापा को काफी कुछ झेलना पड़ा। मेरा कॉलेज पूरा होने के बाद मेरे पापा ने मुझे अपने बिजनेस को संभालने के लिए कहा था लेकिन मैं उस वक्त उनके बिजनेस को नही सम्भालना चाहता था क्योकि मुझे थोड़ा वक्त चाहिए था। मैं कॉलेज के दौरान एक लड़की को पसन्द किया करता था हम दोनों एक दूसरे को काफी समय दिया करते थे और एक दूसरे के साथ काफी अच्छा समय बिताया करते थे। मैं जिस लडक़ी को पसन्द करता था उसका नाम हिमानी था हिमानी से मैं शादी करना चाहता था और उसी के साथ मैं अपनी जिंदगी को बिताना चाहता था लेकिन उसने मुझे बहुत बड़ा धोखा दिया। हिमानी किसी और ही लड़के से प्यार करने लगी थी और यह बात पहले तक मुझे पता नही थी परन्तु जब मुझे इस बात का पता चला तो मुझे बहुत बुरा लगा।

मुझे हिमानी पर गुस्सा आने लगा उसके चलते मैं किसी भी काम मे ध्यान नही दे पा रहा था। हिमानी के लिए मैंने अपने पापा के बिजनेस की भी छोड़ा क्योकि मैंने सोचा कि काम के चलते मैं हिमानी को समय नही दे पाऊँगा इस वजह से मैं पापा के साथ काम करने को तैयार नही था। एक दिन पापा ने मुझसे कहा कि बेटा कॉलेज पूरा हुए काफी समय हो चुका है अब तो तुम मेरे साथ मेरे काम मे हाथ बटाओ। मैं भी पापा की बात मान गया और उनके साथ मैं काम करने लगा लेकिन मेरा काम मे बिल्कुल भी मन नही लग रहा था मैं सिर्फ हिमानी के बारे में सोच रहा रहा कि उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया। हिमानी की वजह से मुझे काम मे काफी मुश्किल हो रही थी क्योंकि मेरा ध्यान काम पर ना हो कर सिर्फ हिमानी पर ही था। हिमानी मेरी जिंदगी से दूर जा चुकी थी वह अब किसी और से शादी कर चुकी थी इस बात से मैं काफी उदास रहने लगा था और मेरा काम मे भी बिल्कुल मन नही लगता था जिस वजह से हमे काफी नुकसान हुआ। पापा ने काम की जिम्मेदारी मुझ पर ही छोड़ दी थी लेकिन मैं उसे बखूबी निभा नही पाया और हमारा बिजनेस में नुकसान हो गया। इस बात का मुझे काफी दुख हुआ क्योकि यह सब मेरी वजह से ही हुआ था और पापा को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

इस मुश्किल की घड़ी में पापा ने मेरा साथ दिया और हम दोनों ने मिलकर एक नए बिजनेस को खड़ा करने की सोची। हमने दोबारा से बिजनेस शुरू किया और सब कुछ ठीक हो चुका था। मैं जब पहली बार महिमा से मिला तो महिमा से मिलकर मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा और महिमा को भी मुझसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। वह पापा के दोस्त की बेटी है हम दोनों एक दूसरे से मिलने लगे। हम दोनों के बीच काफी समानता थी महिमा से मैं बहुत ज्यादा प्यार भी करने लगा था और महिमा भी मुझे प्यार करने लगी थी इसीलिए हम दोनों एक दूसरे के बिना एक पल के लिए भी रह नहीं सकते थे और ना ही मैं महिमा के बिना रह पाता था। ना ही महिमा मेरे बिना रह पाती थी हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया था। यह बात हम दोनों के परिवार वालों को पता चल चुकी थी और उन्हें इस बात से कोई एतराज नहीं था बल्कि पापा तो बहुत ज्यादा खुश थे कि मैं महिमा से शादी करने के बारे में सोच रहा हूं।

उन्होंने मुझे कहा बेटा अगर तुम महिमा से शादी करना चाहते हो तो हमें उससे कोई भी ऐतराज नहीं है। सब लोग इस बात के लिए राजी हो चुके थे। महिमा और मैं एक दूसरे से हर रोज मिला करते जब भी हम दोनों एक दूसरे से मिलते तो हम दोनों को बहुत ज्यादा अच्छा लगता। मैं महिमा के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करता और उसे भी बहुत ज्यादा अच्छा लगता लेकिन महिमा और मेरे बीच कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था क्योंकि महिमा को लगता था मेरा किसी लड़की के साथ रिलेशन चल रहा है दरअसल हुआ यूं था कि हमारे ऑफिस मैं काम करने वाली लड़की जो मुझसे मैसेज के माध्यम से बात किया करती थी वह कुछ ज्यादा परेशान थी मैंने उसका काफी साथ दिया। महिमा को यह बात काफी बुरा लगी और उसने मेरे और उस लड़की के मैसेज चैट को पढ़ लिया था जिससे की महिमा को मनाना मुश्किल हो चुका था लेकिन किसी प्रकार से मैंने महिमा को मनाया और मैंने महिमा से अकेले में मिलने की बात कही तो महिमा भी तुरंत इस बात के लिए तैयार हो गई। मैं जब महिमा को मिलने के लिए उसके घर पर गया तो उस दिन उसके घर पर कोई भी नहीं था। मैंने महिमा को कहा मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है तुम मुझसे बात करने लगी हो।

महिमा मुझे कहने लगी मुझे भी तो तुमसे बात करना हमेशा ही अच्छा लगता था। महिमा ने मेरे और अपने रिश्ते को आगे बढ़ाने की बात कही मैंने महिमा का हाथ थाम लिया और उसे कहा मैं तो हमेशा से ही तुम्हारे साथ अपने रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहता हूं। मेरे हाथ में महिमा का हाथ था और मैं उसके होठों को चूमने लगा था। मैंने महिमा को किस करना शुरू किया तो महिमा गर्म होने लगी। मैंने महिमा की बड़ी गांड को अपने हाथों से दबाना शुरू किया। मैं जब ऐसा कर रहा था तो मुझे काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था और महिमा को भी काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था हम दोनों ही एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। मैंने महिमा के कपड़े उतारने शुरू किए और जैसे ही मैंने महिमा के कपड़ों को उतारना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगी तुम मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ते जा रहे हो। मै महिमा के गोरे बदन को अपने हाथों से महसूस कर रहा था और उसे मैं अपने हाथों से सहला रहा था। वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रही थी।

वह मुझे कहने लगी मेरी उत्तेजना को तुमने पूरी तरीके से बढा कर रख दिया है मैंने महिमा को कहा मुझे भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा है। महिमा मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे लंड को मुंह में लेना चाहती हूं। महिमा ने मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करना शुरू कर दिया वह जिस प्रकार से मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग कर रही थी उससे मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और महिमा को भी काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था। हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो गए थे मैंने महिमा को कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाना चाहता हूं। महिमा ने मुझे कहा हां तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा लेना लेकिन उससे पहले मेरी चूत का रसपान तो कर लो। मैंने महिमा की गुलाबी चूत को अपनी उंगलियों से सहलाना शुरु किया तो उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ निकल रहा था महिमा पूरी तरीके से तडपने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मेरी तड़प को तुमने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है मैंने महिमा की गुलाबी चूत पर लंड लगाया और जैसे ही मैंने महिमा की गुलाबी योनि के अंदर अपने लंड को घुसाया तो महिमा जोर से चिल्लाई और कहने लगी मेरी योनि से खून निकलने लगा है।

खून बहुत अधिक मात्रा में निकल चुका था और मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ रही थी क्योंकि महिमा की चूत से निकलता हुई गर्मी मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ा रही थी। मेरे और महिमा के अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढती जा रही थी मैंने महिमा के दोनों पैरों को आपस में मिला लिया था। जब मैंने ऐसा किया तो महिमा की चूत से और भी ज्यादा अधिक मात्रा में खून बाहर की तरफ निकलने लगा था। महिमा की योनि के अंदर बाहर मैं अपने लंड को किए जा रहा था जिससे कि मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था और महिमा को भी काफी ज्यादा मजा आने लगा था। मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी और महिमा के अंदर की गर्मी भी काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी हम दोनों ही बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। मैंने महिमा की चूत के अंदर अपने लंड को बड़ी तेजी से करना शुरू कर दिया था जिससे कि उसकी सिसकारियां बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही थी और मेरी मादक आवाज भी बहुत ज्यादा बढ़ रही थी। मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो चुका था महिमा मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है तुम मुझे बस ऐसे ही धक्के देते रहो। मेरे अंदर की गर्मी काफी ज्यादा बढ़ चुकी थी अब मैंने महिमा को घोड़ी बना दिया जब मैंने महिमा को घोड़ी बनाया तो महिमा की चूत के अंदर मेरा लंड घुस चुका था।

मैं उसे बड़ी ही तेजी की गति से धक्के मार रहा था मैं जिस तेज गति से महिमा को चोद रहा था उससे उसकी सिसकारियां बढ रही थी और वह मुझसे अपने चूतड़ों को लगातार मिलाए जा रही थी। वह मुझसे अपनी चूतड़ों को इतनी तेज गति से मिला रही थी उसकी चूतडो का रंग लाल होने लगा था और मुझे काफी ज्यादा मजा आने लगा था। महिमा को भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था वह बड़ी ही गरमा-गरम सिसकारियां ले रही थी जब वह सिसकारियां लेती तो मुझे काफी ज्यादा अच्छा लग रहा था। मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बड़े ही अच्छे से किए जा रहा था मेरी गर्मी अब लगातार बढ़ती जा रही थी। मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपने माल को गिराना चाहता हूं। महिमा मुझे कहने लगी हां तुम मेरी चूत में अपने माल को गिरा दो। मैंने महिमा की योनि के अंदर अपने माल को गिरा दिया मेरा माल महिमा की चूत में चुका था और जैसे ही मेरा वीर्य महिमा की चूत में गिरा तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला। महिमा की चूत से मेरा वीर्य गिर रहा था। महिमा कहने लगी मेरी गर्मी को तो तुमने शांत कर दिया है और मुझे बहुत ही अच्छा लगा। महिमा की सील तोड़ कर मुझे बहुत ही अच्छा लगा था।
 
Back
Top