मेरी हिंदी कि पूरी कहानी

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Meri Hindi Chudai Ki Poori Kahnai

मेरा राघव अभी एक नेशनल बैंक में हाई पोस्ट पर पि.ओ. हूं. २१ साल में ग्रेजुएशन करने के तुरंत बाद मेरा प्रोबेशनरी ऑफिसर में सिलेक्शन हो गया. ३ महीने की इंडक्शन ट्रेनिंग के बाद एक ब्रांच में नौकरी लगी, एक बड़ी सिटी में. इस ब्रांच में टोटल २७ स्टाफ हे. Meri Hindi Chudai Ki Poori Kahnai.

जिनमें सात फीमेल थी. जिन में से तिन अनमैरिड थी और चार मैरिड ओरते थी. उन चार मैरिड औरतों में से एक ने मुझे स्टार में ही वार्न कर दिया कि अगर मैं शादी करना चाहता हूं, तभी किसी अनमैरिड लड़की से फ्रेंडशिप करु. उसने कहा कि मैं डायरेक्ट पि.ओ. हूं. तो अनमैरिड गर्ल मैरिज के लिए ही दोस्ती करेंगी तुम्हारे साथ इस बात का ख्याल रखना.

उसका कहना एकदम ठीक ही था. अपनी नौकरी के दौरान मैने देखा कि कई लड़कियों ने पी.ओ. को फंसा कर उनसे दोस्ती की और फिर शादी भी उनके साथ कर ली. मैंने उस औरत की बात में मान ली और मैंने उससे कहा कि अभी चार पांच साल मेरा शादी करने का कोई इरादा नहीं है. लेकिन उस औरत की मेरे साथ मेरी बढ़िया दोस्ती हो गई. वह एक चार पांच साल की बेटी की मां थी. उसके साथ साथ दूसरी मेरिड औरतों से भी मेंरी धीरे धीरे अच्छी दोस्ती हो गई थी.

वह पहली वाली औरत मुझे घर पर भी बुलाने लगी और १ महीने में मेरा लौड़ा उसकी बुर में घुस गया. वह २५-३६ साल की एक गदराई औरत थी. मैं उससे पहले भी एक औरत को, जो मेरी मां की उमर की थी उसको सालों से चोद रहा था वह भी अपने ही गांव में.

यह मेरी पहली पोस्टिंग थी सिर्फ ६ महीने के लिए. इन छह महीनों के दौरान हमने खूब मस्ती से पेट भर कर चुदाई की और हर बार उसके घर में मैने उसे ठोका था. ६ महीने के बाद मेरी नई पोस्टिंग आ गई. उसने मुझे अपने घर पर खाने के लिए बुलाया, मैं उसके और उसकी बेटी के लिए बढ़िया गिफ्ट लेकर गया. डिनर के समय उसका हस्बैंड भी साथ था . उस औरत ने मुझे रिक्वेस्ट किया कि मैं ब्रांच मैनेजर बन कर दोबारा उस ब्रांच में आऊं.

अगले दिन ही जोइनिंग टाइम लेकर में अपने नेटिव आ गया. मां और बहन ने मेरी शादी के लिए जिद की. लेकिन मैंने कहा कि अभी तीन चार साल शादी नहीं करुंगा. मैंने कहा कि गुड़िया (मेरी छोटी बहन का नाम गुडिया हे. उसकी उमर १९ साल थी.) की शादी होने के बाद में अपनी शादी के बारे में देखूंगा. मेरी बहन ने तो नहीं लेकिन मेरी मां ने बहुत पूछा तो मैंने अपनी बैंक वाली औरत के साथ सेक्स लाइफ के बारे में बता दिया तब मां ने कहा,

"बेटा संभल कर रहना, जो लड़की, औरत तेरा डंडा ( लौड़ा ) एक बार अंदर ले लेगी वह तुझे नहीं छोड़ेगी"

मैं मेरी माँ के मुह से यह बात सुन कर खुश हुआ और सरप्राइस भी हुआ. मैंने मेरी माँ के दोनों कंधे कॉफ़ी जोर से पकड़ कर कहा,

"मैंने तेरी बुर में तो लौड़ा नहीं डाला, फिर तुझे कैसे मालूम?"

मां ने कहा : बेटा मां और बहन की बुर तो तेरे डंडे को कभी मिलेंगे नहीं लेकिन सपना काकी ( सपना काकी हमारे पड़ोस में रहती थी ) को भूल गया साली, कुतिया, रंडी बाज पाच छे साल से मुझसे चुदवा रही है लेकिन उसका मन अभी तक नहीं भरा हे. तूने जब से उसे पेलना शुरू किया है उसके दो बच्चे हो गए, तेरा है या उसके घर वाले का कुत्तिया को यह भी नहीं मालूम हे. कल भी आई थी और आज सुबह भी, जा उसके घर जा के उसकी प्यास को तेरे डंडे से पलके बुझा दे.

मैंने मां के कंधे को पकडे रखा, मैं सोच रहा था कि मेरी और सपना की चुदाई की बात किसी को भी नहीं मालूम, लेकिन नहीं मेरी मां इस बात को जानती है और शायद मेरी बहन और मेरे बाबू जी भी जानते हो.

"गुड़िया और बाबूजी को भी मालूम है क्या मैं सपना चोदता हूं?"

माँ ने सर ना में हीलाया.

मैंने एक हाथ मां के कंधे पर रखते हुए दूसरे हाथों से उसके चिकने गोरे गोरे गालों को सहलाते हुए कहा,

"मां, जब से मेरे लवडे में जवानी आई, यह तो तेरे ही बूर में घुसकर तुझे चोदना चाहता था.. लेकिन एक दिन सपना चाची ने मुझे चुपके से मुठ मारते देख लिया था और मेरे लवडे को अपनी बुर का रस पिलाया.. लेकिन में इस मस्त जवानी को कभी नही भुला"

यह बोलते हुए मैंने मां की एक चूची को झटके से मसल दिया. मा ने मेरा हाथ हटाया और खड़ी हो गई.

"छि बेटा, ऐसा सोचना भी पाप है, तुम यही रहो मैं सपना को भुला देती हूं, उससे ही तेरा डंडा ठंडा करो और उसकी बुर को शांत कर दो."

वह जाने लगी लेकिन मैंने पीछे से जोर से दोनों हाथों से जकड़ लिया. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

मैने कहा : माँ, तुम नहीं बोलोगी तो नहीं चोदूंगा, लेकिन एक बार मेरे लोड़े को अपनी नंगी जवानी और अपना बुर दिखा दो.

वह ना ना करके मना करती रही मैं जिद करता रहा प्लीज़ माँ प्लीज़ एक बार सिर्फ एक बार में और कभी नहीं कहूँगा.

कभी चूचो को मसलता था, कभी नंगे बेली को, कभी अपने लवडे को चुतड पर रगड़ता.. आखिर वह मेरे जिद के सामने मेरे सामने नंगी होने के लिए मान गयी लेकिन एक कंडीशन पर की मैं अपने कपड़े नहीं उतरूंगा. उस वक्त दिन के ११ बज रहे थे, घर में हम दोनों ही थे. और किसी और के हमारे घर पर आने का कोई चांस नहीं था. मैंने ब्लाउज के बटन पर हाथ लगाया तो वह दूर हट गई.

"तुम दूर रहो मैं खुद निकालती हूं".

मैं खड़ा हुआ देखता रहा, पहले आंचल नीचे गिराया फिर साड़ी का फिल्ड खोला और साड़ी नीचे गिर गई. वह अब ब्लैक पेटीकोट और वाइट ब्लाउज में थी. मैंने सोचा अब वह ब्लाउज खोलेगी, लेकिन नहीं माँ ने झटके से पेटिकोट का नाड़ा खींचा और पेटीकोट कमर से खुल कर नीचे गिर गया. कमर के नीचे अब मेरी माँ मेरे सामने नंगी खड़ी थी. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

माँ ने अपने पैर को फैलाया और अपनी बुर को सहलाया. बुर पर काले काले जांट थे लेकिन बड़े नहीं.. शायद १० दिन पहले ही शेव किया गया हो. डबल रोटी जैसे फुला हुआ बुर का पड़ था. मैंने जिन दो औरतो को चोदा था उनसे बड़े क्लिट थे लेकिन बुर का फांक फैला हुआ नहीं था. मेरी माँ की जंघे बहोत ही मस्त और मोटी मोटी थी. बुर को सहलाते हुए मेरी माँ ने कहा,

मेरे बेटे "तू अब तक दो दो बुर मे लौड़ा पेल चुका है, यह मेरा बुर है, देखा ना सब औरतों का बुर एक जैसा ही होता है तेरी मां का बुर भी सपना काकी और तेरी बैंक वाली रंडी की बुर के जैसा ही है."

मैंने पैंट के ऊपर से लोड़े को सहलाते हुए मां के बुर को ध्यान से देखाने के बाद कहा,

"नहीं माँ, सपना काकी का बुर तुमसे बड़ा है फांक बहुत फैला हुआ है"..

मां ने कहा : हरामी तेरे मोटे लोड़े ने चोद चोद कर सपना का बुर फैला दिया है.

मैंने कहा : लेकिन रेखा ( मेरी बेंक वाली ओरत ) का बुर अंदर की और चिपका है, तुम दोनों के बुर से छोटा है और फांक भी बहुत टाइट है उसकी.

मैंने ट्राउजर की चेन को खोल दिया.

मां ने कहा : एक दो साल और चुदवाएगी तुमसे तो उसका बुरा भी मेरे जैसा, सपना जैसा फ़ैल जाएगा.

अब मैं माँ को किसी भी तरह से चोदना चाहता था. उसने देखा कि मैं ब्राउजर का बटन खोल रहा हूं उसने मुझे मना किया.

"बेटा, तुम ने बुर देख लिया, लौड़ा बाहर मत निकालो".

मैंने तो जोर से अपनी पेंट से हाथ हटाया और दोनों हाथ जॉइन कर मां को प्रणाम किया, आगे आ कर निचे जूक कर दोनों पैर को टच किया.

" माँ, अपनी मस्त, सुंदर चूची भी दिखा दो. प्लीज मां, तेरी जैसी मस्त माल ना तो सपना का है और ना रेखा का है , उसकी चूची तो बहुत छोटी है. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

मैंने एक हाथ से साइज बनाकर चूची का साइज दिखाया. माँ फिर ना ना कहने लगी लेकिन आखिर मान गई.

उसने कहा तू बहुत बड़ा हरामी हो गया है.. ले देख ले.

और बोलते बोलते मार ने झटके से ब्लाउज के चारों बटन एक ही झटके में खोल डाले और मेरे सामने थी मेरी माँ की दो बड़ी बड़ी मांसल चुचिया. मुझे याद नहीं आया कब मैंने आखिरी बार इन चुचियों को देखा था.

फिर मैने मेरी माँ से कहा की माँ यह चुचिया जितनी तेरी है, जितनी बाबू जी की है, उतनी मेरी भी है. मैंने ईसे बहुत दबाया और चूसा है. तू बुर में हाथ नहीं लगाने दोगी, या लवडे को बुर से सटाने नहीं दोगी. कम से कम चूची को तो मसलने दो, चूसने दो.उफ्फ्फ वाह्ह क्या मस्त गजब की चूचीया हे मेरी जान.. कभी ध्यान ही नहीं दिया कि तेरे पास इतना मस्त माल है.

दूसरी औरतों की तरह मां को भी अपनी अच्छी बात बहुत पसंद आई, उसने अपनी बूब्स को मेरी और ठेला, निपल्स टाइट हो गए थे, अपने वजन से जो थोड़े ढल गए थे. अब टाइट दिखने लगे. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

फिर थोड़ी माँ बेटे के बिच हां ना हां ना होता रहा और मैने कंधे को पकड कर थोड़ा धक्का दिया, वह वरन्दाह पर मेरे बेड पर बैठ गई. मैंने उसके कंधे दबाएं रखे और बेड पर नीचे दबाया. अब माँ मेरे बेड पर सो गई थी.

वह उठने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने कंधों को दबाए रखा हुआ था तो उसकी कोशिश नाकाम रही.

" मां, देखो मैंने कपडे पहन रखे है. चाह कर भी तेरी प्यारी बुर में लौड़ा नहीं पेल सकता. लेकिन एक बार, अपनी नंगी जवानी को टच करने दो.. प्लीज़ माँ मना मत करो मुझे मैं तुम्हारे हाथ जोड़ता हूं."

फिर थोड़ी देर की ना ना.. थोड़ा गुस्सा.. और फाइनली मां ने खुद मेरा एक हाथ पकड़कर एक चूची पर रख दिया. मुझे बहुत गरम लगा था जैसे दूसरी दोनों औरतों की चुचियो को टच करने पर लगा था.

मां सपना काकी और रेखा दोनों की चुचिया गर्म है लेकिन तेरी चुचिया तो बहुत ही ज्यादा गर्म है.

पहले दोनों हाथों से सूचियों के पूरी गोलाई को मसला, दबाया और पूरी मस्ती लेने के बाद दोनों निप्पलस को मसलने लगा. मां मोन कर रही थी.

आह्ह्ह हह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह ह्ह्ह्ह ओम्म्म्म उम्म्म्म ओह्ह्ह्ह अयाय्य्य येस्स्स्स अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उफ़ बस्स्स येस्स्स्स अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्म्म्म. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

निपल्स को मसलते हुए में जूका और माँ के लिप्स को चूसने लगा. मेरी माँ एक दो मिनट शांत रही और फिर मेरे माथे को अपने हाथों से दबाते हुए मुझे चूमने लगी. कभी लिप्स को तो कभी गालों को मैंने कई बार चूमा.

मुझे अब लग रहा था मां अब चुदाने से मना नहीं करेगी, फिर भी पूरा कॉन्फिडेंस नहीं था. माँ को पूरा गरम करना जरूरी था, नहीं तो वह मुझे ना भी कह सकती थी.

रेखा से पहले सपना को मैं सालों से चोद रहा था, लेकिन सपना के साथ कभी कोई ओरल सेक्स नहीं हुआ, सिर्फ स्ट्रेट चुदाई की थी. बुर में लौड़ा पेल कर दना दन धक्के में उसको देता था. लेकिन रेखा ने चुदाई की मस्ती का नया तरीका मुझे सिखाया था और उसने लौड़ा चूसना, बुर को चूसना, चाटना, पूरी बॉडी को चाटना चूसना यह सब खूब सिखाया ही नहीं प्रेक्टिस भी करवाया था.. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

और मैंने माँ को गरम करने का सोच लिया था. चुचियों के निपल्स को मसलते हुए मैं चूची को चूसा, खूब चूसा, मा बार बार आंखें बाहर निकाल रही थी. मैं फिर बेली पर अपनी जीभ को चलाने लगा. मां बॉडी को उछालने लगी. मैं चुचियों को छोड़ कर उसके उपर सीधा आ गया, अपने दोनों पैर को मां के दोनों पैर के बीच रखा और फिर चुचियो को दबोच लिया. माँ ने कोई विरोध नहीं किया.

मेरी जीभ अब माँ की वेस्ट पर मुव कर रहा था. और फिर मैंने अपनी जीभ को अचानक से बुर के पास लाया.

मां ने दोनों हाथों से मेरे बालों को जोर जोर से पकड़ कर कहा

" बेटा नहीं बेटा, बुर.. पर . नहीं.. बेटा नही . बेटा नहीं"

लेकिन अब बहुत लेट हो गया था. थोड़ी देर चूत पर जीभ चलाने के बाद मेरी जीभ उसकी चूत पर ऊपर नीचे होने लगी. मेरा एक हाथ चुचियो पर था और दूसरे हाथ के उंगलियां से मैं चूत को मसल रहा था "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

मेरी मां जोर जोर से आहे भर रही थी अह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह ओम्म्म अह्ह्ह आयी औऊउई माँ आह्ह्ह ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह यस्सस बस्स बेटा क्या कर रहे हो. उनका पूरा शरीर कांप रहा था, ऊपर नीचे हो रहा था. कुछ देर बाद मैंने दोनों हाथों से मेरी माँ की बुर की दोनों फांक को फैलाया. कभी मैं जीभ को बुर के अंदर डालता तो कभी बुर को चबाने लगता था.. कितना टाइम गया मुझे नहीं मालूम. माँ ने चुतड ऊपर उछाला.

बेटा चोदो.. लौड़ा बुर में पेलो.. मां को जमकर चोदो.. जल्दी पेलो राजा बर्दाश्त नहीं हो रहा हे मुझसे अब जल्दी दे करो नहीं तो में मर जाउंगी. प्लीज़ बेटा करो चोद दो अपनी माँ को..

मैंने अपना सर ऊपर उठाया तो देखा की मेरी माँ अपने हाथों से चुचियों को मसल रही थी. मैने भी जरा सी भी देर नहीं की और फटा फट से नंगा हो गया. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

मैंने लौड़े को हाथ में लिया.

देख माँ, अपने बेटे का लौड़ा. पसंद आया? बुर में लेगी..

" मैंने लौड़ा को उसके आंखो के तरफ पॉइंट्स करके रखा

मां ने मेरे लौड़े को गोर से देखा.

हरामी परेशान मत कर. जल्दी पेल मेरी बुर के अंदर.. मुझे भी वैसे ही धक्का मार जैसे सपना को मारता है. साली बोलती है की तू सबसे बढ़िया चोदता है. चोद मुझे भी मादरचोद और दिखा अपनी माँ के दूध की ताकत को.. चोद मुझे अगर तूने अपनी माँ का दूध पिया हे तो मेरी आग को आज अपने लौड़े से बुजा दे. चोद मादरचोद चोद मुझे.

मैने एक हाथ से लवडा को बुर के ऊपर दबाया और दूसरे हाथ से चूची को कस कर पकड़ा. और फिर खूब जोर से धक्का मारा, एक दो तिन चार लगातार लगातार धक्के मरता रहा.

उफ़ राजा, और जोर से राजा और जोर से और अंदर डालो. फाड़ दो मेरी बुर को. मेरे राजा.. आह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह म्मम्म येस्स अहह ओह्ह्ह उम्म्म्म.

और मैं जमकर धक्का लगाता रहा.. पेलता रहा.. और मां ठंडी हो गई. मैंने स्पिड़ बढ़ाई और दो तीन मिनट बाद मैं भी झड़ गया, मेरा माल मां के बुर में गिरा दिया और माँ भी शांत हो गयी. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

मैं चुचियों को पकड़कर ढीला हो गया, और मां ने मुझे खूब चूमा, बाल को सहलाया, कुछ देर बाद

उफफफफ बेटा, तू सच का मर्द है, तेरे बाप ने कभी ऐसा नहीं चोदा ना कभी बुर को चूसा चाटा. तूने आज मुझे बहुत मजा दे दिया.

हम दोनों ने एक दूसरे को खूब चूमा चाटा मेरी मा की चूची को मैने मेरी उंगलियों से खूब मसला और फिर मा ने मुझे धक्का दिया.

चल बेटा तेरे चुदाई के चक्कर में खाना ही नहीं बनाया, अब जाने दें अब में खाना बना लेती हु और फिर हम बैठ कर खाना खायेंगे. मैने कहा की ठीक हे माँ.

मैं उनके ऊपर से अलग होकर खड़ा हो गया. मां उठ कर बैठ गयी., मेरे लवडे को हाथ में लिया, मेरी ओर देखा पर फिर लंड के टोपे को एक दो मिनट तक चुसा.

वह खड़ी हो गई और मुझे हग कर के बाहर चली, गई मैंने चिल्ला कर पूछा.

"मा फिर से करने दोगी ना?"

मां ने भी चिल्ला कर जवाब दिया,

"सपना ने तुझे २ बजे बुलाया है, पहले उसे चोद कर उसकी आग को शांत कर दे और अपने घर आ जा. फिर बताऊंगी कि दोबारा बुर में बेटा का लौड़ा लूंगी कि नहीं.."

मैं बेड पर सो गया और सोचने लगा.. मां की चुदाई की बात सोचते सोचते मुझे रेखा याद आ गई और मुझे लगा की रेखा के साथ में ज्यादा मजा आया था.

मां किचन में अंदर बाहर करती रही. एक घंटे के बाद हमने खाना खाया, दोनों नंगे ही रहे. और दो बजे में घर से बाहर निकल गया सपना को चोदने के लिए. तिन घंटे की मस्ती के बाद घर वापस आया, तब तक घर पर बहन भी आ चुकी थी. मां को सपना की चुदाई के बारे में नहीं बता पाया. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

हमारे घर में सिर्फ दो रूम थे. एक रूम मां पापा का और दूसरा बहन का. मैं वरन्दाह पर सोता था उसी पेड़ पर जिस पर मां की चुदाई की थी. रात का खाना खाने के बाद सब सो गए. मैं भी अपने वाले बेड पर सो गया, नींद टूटी तो देखा की मां मेरा लौड़ा चूस रही है बाहर चांद की रोशनी फैली हुई थी सब कुछ साफ दिख रहा था. दोनों पैर फैला कर लौड़ा चूस रही थी. मैं उठा और मां मेरे ऊपर 69 पोजीशन में आ गई, हम दोनों ने एक दूसरे का लवड़ा और बुर को खूब चूसा.

और फिर दिन के समय की तरह मां ने बेटे से चुदाई के लिए कहा.

अब बर्दाश्त नहीं कर सकती, बुर में आग लगी है, आग बुझाते बेटा, पेल बेटा जम कर पेल.

मैंने उसे डॉगी स्टाइल में खड़ा किया वह बहुत खुश हो गई और हमने बहुत मजे किए हमने दूसरी बार सेक्स किया और बुर में पानी गिराने के बाद माने लौड़ा चूस कर साफ किया.

मैं अपने घर अगले चार दिन रहा. बहन और बाबू जी के जाने के बाद एक बार १२ बजे के पहले हम मां बेटे जमकर चुदाई करते थे, और खाना खाने के बाद मैं सपना काकी को रोज चोदता रहा. अगली चार रात भी माँ मेरे पास आती रही और हम दोनों ने बिल्कुल बेशरम हो कर चुदाई किया. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

शनिवार की सुबह जब मैं नई पोस्टिंग के लिए निकला तो बाबू जी और बहन के सामने मां मुझसे खूब चिपक कर रोई और मैंने मां को खूब सहलाया. जब मैं मां से चिपका था तो सपना भी आ गई और मां के अलग होते ही सपना मुझसे चिपक गई यह पहला मौका था जब सपना किसी के सामने मुझसे चिपक रही थी.

शाम को मे रेखा के घर पहुंच गया वह तो खुश हुई. और उसकी बेटी भी मुझसे चिपक गई. मैंने ऊपर से बहुत मना किया लेकिन रेखा के हस्बैंड के कहने पर मैं उनके यहां ही रुक गया.

हम भी यही चाहते थे रेखा ने क्या किया मुझे नहीं मालूम उसका हस्बैंड और बेटी एक रूम में सोते रहे और दूसरे रूम में हम दोनों ने पूरी रात जमकर चुदाई की. रेखा ने कई बार पूछा लेकिन मैंने उससे झूठ कहा कि मैंने घर में किसी को नहीं चोदा हे.

अगले दिन लंच के बाद वहां से निकला पूरी रात तीनों के बारे में सोचता रहा लेकिन फिर वही रिजल्ट निकला कि मुझे सबसे ज्यादा पसंद रेखा ही आई थी.

और अगले 30 सालों तक मैं रेखा को हर तीन चार महीने पर उसके घर जाकर चोदता रहा. रेखा की पहली चुदाई के 16 साल बाद मेरी पोस्टिंग उसके ब्रांच में हुई. वह भी चीफ ब्रांच मैनेजर, ब्रांच इंचार्ज के पोस्ट पर. रेखा ही नहीं उसका हस्बैंड बेटी और ब्रांच के पूराने स्टाफ मुझे देखकर बहुत खुश हुए. रेखा की बेटी २० साल की एक बहुत खूबसूरत लड़की हो गई थी. रेखा उस समय ४१-४२ साल की थी मेरी उमर 38 साल थी. मेरी तीनों बेटियां पैदा हो चुकी थी. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

रेखा और उसकी बेटी के चुदाई के बारे में बाद में बात करूँगा.

मेरे गाव में तो मां और सपना काकी थी ही. हर ६-८ महीने पर में अपने गाव जाता था. मां की पहली चुदाई के २ साल बाद बहन की मैरिज हो गई उसकी अपनी पसंद के लड़के के साथ. मां की चुदाई के चक्कर में मेरी नजर कभी बहन की जवानी पर नहीं गई. बहन की मैरिज के कुछ महीने बाद मां और बाबू जी मेरे पास आए मेरी पोस्टिंग वाली जगह पर में कंफर्म हो चुका था और मैने १ bhk का फ्लैट रेंट पर ले लिया था.

मां बाबूजी को बेवकूफ कैसे बनाती थी मुझे नहीं मालूम लेकिन फ्लैट में आने के पहले ही रात से हम चुदाई करने लगे. मेरा घर सेट करने के बाद बाबूजी चले गए और मेरे बहुत जिद करने पर माँ को मेरे पास रहने दिया. फिर क्या, मां बेटे ने जमकर हनीमून मनाया.

करीब 2 हफ्ते के बाद मैं जिद करने लगी कि मैं दूसरी लड़कियों, औरतों को घर लाओ और उनको चोदो. मैंने मना किया लेकिन वह मानि ही नहीं उसने धमकी दी कि अगर एक हफ्ते के अंदर किसी को घर नहीं लाऊंगा तो वह वापस चली जाएगी और फिर मुझसे कभी नहीं चुदवायेगी. उन्होंने यह भी मना किया कि मैं वेश्या और कॉल गर्ल्स को ना लाऊ, उन्हें कभी ना चोदु. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

और बैंक स्टाफ में से एक औरत को पटाना शुरू किया वह भी मैरिड थी, करीब ३५ साल की, उसकी बड़ी बेटी जवान हो चुकी थी.. एकदम चोदने लायक.. में उस औरत को बैंक के मार्केटिंग, डिपॉजिट के लिए करीब करीब हर रोज साथ ले जाने लगा. वह खुद ही खुल गई अपने हस्बैंड की शिकायत करने लगी, यह बहुत दारु पीता है, उस से लड़ता झगड़ता है बच्चों को भी मारता पीटता है.

कभी कभी रास्ते से मुझे अपने घर ले जाने लगी. मैंने ध्यान दिया कि मां के साथ साथ उसकी बड़ी बेटी भी मेरे आस पास रहना चाहती थी. एक दिन उस औरत के सामने उसकी बड़ी बेटी जवान बेटी मंजू के गालो को मैने पिंच किया. लड़की तो शरमाई लेकिन मां ने मुझे देख कर स्माइल किया. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

कुछ देर बाद वह चाय लेकर आई. हम दोनों अकेले थे. मीना ने सीरियस होकर पूछा कि मैंने उसकी जवान बेटी के गालों को क्यों छुआ? मैंने आसपास देखा उसके बच्चे नजर नहीं आए मैंने हिम्मत कर उसके दोनों गालों को एक साथ दबाया और कहा कि,

माँ गालो को नहीं छूने देती है इसीलिए बेटी को छुआ यह सोचकर की बेटी के गाल भी मां के गाल जैसे होंगे.

उसने मेरे हाथों को अलग हटाया और आंखे नीचे कर के पूछा,

"मुझसे बहुत प्यार करते हो?"

मैंने उसका सर ऊपर उठाया और धीरे से सर पर चूमा.

हां, बहुत प्यार करता हूं. मीना मुझसे शादी कर लो

वह मुझे घूरती रही. फिर कुछ नहीं हुआ. अगले दिन जब हम दोनों ब्रांच से निकले तो ऑटो में बैठे ही मीना ने मेरे हाथों को दबाया

अपने घर ले चलो

मां के दिए गये टाइम लिमिट के ७ दिन के अंदर नहीं, दसवे दिन एक दूसरी औरत मेरे बेड पर थी. मीना ने भी मां जैसे बेशरम होकर चुदवाया एक नहीं दो बार और माँ ने हमारी चुदाई देखी. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

दूसरी चुदाई के बाद मेरे बहुत मना करने के बाद भी बिना मुझे खींचते हुए बाहर ले आई. हम दोनों बिल्कुल नंगे थे. मां की आंखें झुक गई,

आंटी शर्म मत कीजिए आपको मैं दिखाने लाई हूं कि आपका बेटा कितना बड़ा मर्द है. १८ सालों से चुदवा रही हूं लेकिन चुदने का मज़ा आज ही मिला. आपके बेटे ने हड्डी पसली तोड़ डाली खाली कर दिया, कुछ खिलाइए, पिलाइए.

अगले ३ साल तक मीना को चोदता रहा. उस की पहली चुदाई के दो महीने बाद उसकी बड़ी बेटी को घर लाया और उसकी सील तोड़ी. माँ जा चुकी थी. लड़की को दिन पर १९ बजे से ५ बजे तक घर में रखा एक नहीं तीन बार चोदा. मंजू खुशी खुशी वापस घर गई. अगले दिन मीना मेरे साथ बैंक से घर आई. दोनों ने जम कर चुदाई की. चुदाई खत्म होने के बाद उसने लौड़ा सहलाते हुए कहा कि उसकी बेटी मंजू मेरी कल की चुदाई से बहुत खुश है और वह मुझसे शादी करना चाहती है. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

मंजू जवान थी, खूबसूरत थी और मैंने ही उसकी पहली चुदाई की थी. वह मुझे पसंद थी मैंने मीना से कहा कि अगर अपनी बेटी की मुझसे शादी करवाने के बाद भी मुझ से चुदती रहेगी तो मैं मंजू से शादी करूंगा. मीना ने कहा की अगर मैं नहीं भी कहता तो वह मुज़े नहीं छोडती. मुझसे, अपने दामाद से चुद्वाती. मीना ने फोन पर माँ से बात की और एक महीने के अंदर मेरी और मीना की बेटी मंजू की मेरेज हो गई.

मंजू ने अपनी छोटी बहन को सिड्यूस कर मेरे पास भेजा.. उसने कभी शिकायत नहीं कि कि मैं उसकी मां को क्यों चोदता हूं.

मेरी वाइफ मंजू को कभी पता नहीं चला कि मैं अपनी मां को भी चोदता हु.

मेरी नजर अब रेखा की बेटी नीलम पर थी. जैसा नाम वैसा ही रंग रूप चमकता, चमकता चेहरा, लंबी करीब 5 फुट 5 इंच, गोल सा चेहरा, और उस पर बड़ी मुस्कुराहट, बड़ी बड़ी आंखें और बहुत गोरा रंग. २०-२१ साल की जवान लड़की ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर में थी. बहुत ही स्लिम फिगर था ३४-२४-३६ के साइज वाली लेकिन रेखा के सामने मैं उससे फ्लर्ट नहीं कर सकता था. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

एक दिन ऑफिस में रेखा नहीं आई मुझे बैंक में मन नहीं लगा. करीब ११ बजे ही मैं किसी बहाने से निकल कर रेखा के घर पहुंचा, दरवाजा खटखटाया, रेखा के बदले उसकी बेटी ने खोला उसने मुझे बुलाया. दरवाजा बंद किया और आंख मारते हुए कहा,

क्यों आप की रेखा बैंक नहीं आई तो उसे देखने घर तक आ गए. बहुत प्यार करते हैं मेरी मां से आप.

मुझे ड्रॉइंग रूम में अकेला छोड़कर वह अंदर चली गई. नीलम ने जो कहा था वह बिल्कुल सच था. मैं १६ सालों से रेखा को चोद रहा था लेकिन आज ही मुझे पता चला कि वह मेरे लिए सिर्फ एक औरत ही नहीं मेरी जरूरत हो गई है. मैं उससे बहुत प्यार करता हूं. मैं सोच रहा था कि नीलम दो कोल्ड्रिंग का ग्लास लेकर आई और मुझे एक ग्लास देकर बिल्कुल मेरे सामने बैठ गई

"मां कहां गई"

उसने कहा कि उसकी मौसी की तबीयत बहुत खराब हो गई सुबह ही खबर आई और वह चली गई.

हम ड्रिंक ले रहे थे और अचानक उसने सवाल किया

आप मेरे रियल पापा हो ना राघव अंकल? "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

नीलम मेरी बेटी नहीं थी और मैं चाहता भी नहीं था कि इतनी खूबसूरत और और नशीली लड़की मेरी बेटी हो. मैंने रेखा को पहली बार चोदा तब वह ४ साल की थी. फिर भी मैंने उसे डांटा की उसे ऐसा सोचना भी नहीं चाहिए. नीलम उठ कर मेरे सोफे के हेंड रेस्ट पर बैठ गई, बिल्कुल मुझसे चिपक कर.

"तो क्या करुं. जब से होश संभाला आप को और मम्मी को कमरे में नंगा देखा.. बहुत कुछ चेंज हुआ लेकिन आप का आना नहीं, रात करीब हर ३ महीने हमारे घर पर रहे और मम्मी के साथ सोते रहे. मम्मी जितना खुश आपके साथ रहती है उतना कभी और नहीं. पापा ने अपनी मम्मी से कई बार कहा है कि उनका रियल हसबैंड राघव, आप है. तो आप ही मेरे पापा हैं ना?"

मैं धीरे से उसे खींच कर अपनी गोद में बैठाया. उसने कोई ओब्जेक्शन नहीं किया. मैंने उसके चीन को अपनी ओर घुमाया और दोनों गाल को बारी बारी चूमा. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

नीलम अगर तुम्हारे जैसी लड़की मेरी बेटी होती तो मैं बहुत लकी होता, जब मैं पहली बार रेखा, तुम्हारी मां के साथ सोया, सेक्स किया तब तुम चार पाच साल की थी. मैं तुम्हारा पापा नहीं, तुम मुझे अपना एक फ्रेंड समझो..

करते हुए मैंने उसके गालों को पिच किया वह खड़ी हो गई. और कहां

आप अनमैरिड होते तो मैं आप से मैरिज कर लेती.

यह बोल कर वह अपने रुम में चली गई. में भी वापस बैंक आ गया. हमारे बैंक की मार्केटिंग ऑफिसर एक २५-२६ साल की लड़की मेरा वेट कर रही थी. उसने बताया कि एक कस्टमर से अभी मिलना है जो बहुत बड़ा डिपॉजिट दे सकता है.

मैं उसके साथ निकल गया, काम खत्म होने के बाद लड़की ने कहा की उससे कुछ काम है मार्केट में. मैं उसे छोड़कर वापस आने लगा.. नीलम के बातों ने मुझे अपसेट कर दिया था. मैंने सोचा कि घर जाकर आराम करुंगा फिर लंच के बाद बैंक जाऊंगा. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

करीब 1:30 बजे थे, मैं घर पहुंचा. घर की एक चाबी मेरे पास भी रहती थी. मेरी जहां भी पोस्टिंग होती थी मेरी पत्नी मंजू कोई न कोई नौकरी ढूंढ लेती थी. इस नई पोस्टिंग वाली जगह पर भी उसने एक प्राइवेट कंपनी में कॉर्पोरेट ऑफिस में नौकरी पकड़ ली थी. तीनों बेटियां और मैं एक साथ घर से निकलते थे १० बजे. मंजू ९ बजे निकल जाती थी, बच्चे ४ बजे वापस आते थे मंजू ६:३० बजे तक और मैं करीब ७:३० बजे तक वापस घर आता था.

मैंने दरवाजा यह सोचते हुए खोला की घर में कोई नहीं होगा लेकिन लॉक में चाबी डालते ही दरवाजा खुल गया. मैं चिंता करने लगा कि घर में कौन आया, मैंने इधर उधर देखा सब कुछ ठीक ठाक था अपनी जगह पर. तभी मुझे एक सॉफ्ट मोन सुनाई पड़ा. मेरा दिल धक धक करने लगा यह सोचकर मेरी बीवी किसी के साथ चुद रही है या फिर मेरी बेटी जवान हो गई है और किसी से मस्ती मार रही है. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

कुछ देर बाद मोंन की आवाज बढ़ रही थी. मैंने अपने जूते और सॉक्स निकालें. मैंने मेरे सारे कपड़े निकाल दिए. और मैं बाथरूम की तरफ जाने लगा मैंने पेशाब किया लेकिन पानी नहीं डाला. मैंने अपने कमर पर एक टॉवल लपेट लिया. आवाज से बेटियों के रूम से नहीं हमारे बेडरूम से आ रही थी. मैंने मतलब निकाला कि मेरी वाइफ ही चुद रही है मैं कुछ कदम और आगे बढ़ा हमारे बेडरुम का दरवाजा खुला था और मोंन की आवाज साफ साफ आ रही है.

मैं दीवार से सटकर खड़ा हो गया डरते डरते मैने रूम के अंदर देखा

गोरी चिट्टी चिकनी पैर दिखाई दिये. लेकिन सिर्फ दो, चार नहीं. और यह दो पैर यक़ीनन लड़की के थे. मुझे लगा कि जो भी आदमी है वह लड़की के सर के पास खड़ा होकर प्यार कर रहा है.

मैंने अपनी गर्दन को थोड़ी तकलीफ दी

और अब पूरा घुटना मुझे दिखाई दिया घुटने के नीचे का पैर देखकर मुझे यह विश्वास हो गया कि यह मेरी पत्नी मंजू नहीं है. तो फिर मेरी बेटियों में से कोई एक हे यह सोचते हुए टॉवेल के नीचे लौड़ा टाइट होने लगा. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

मैंने थोड़ी थोड़ी और बढाया, थोडा और.

लड़की कमर के नीचे नंगी थी. उसकी जांघे बहुत मस्त चिकनी और चमकदार थी. और जांघो के बीच में जांटो से भरी हुई चूत थी. लड़की एक हाथ से चूत मसल रहती थी चूत में एक उंगली रखी थी.

मैं एक कदम और आगे आ गया और अपनी गर्दन को आगे बढ़ाया

लड़की का चेहरा मुझे दिखाई दिया. यह मेरी बड़ी बेटी ममता थी जो दिखने में अपनी मां की डुप्लीकेट थी. एक हाथ से चुचियो को मसल रही थी और दूसरा हाथ चूत से खेल रहा था. उसके अगल बगल न्यूड तस्वीरें पड़ी हुई थी.. वह आंख बंद कर खुद ही मस्ती ले रही थी. मैं कमरे के अंदर घुसा वह बेड रेस्ट का सपोर्ट लेकर बैठी थी. चूची मसल रही थी. चूत में उंगली कर रही थी और यह सब वो दोनों आंखें बंद करके कर रही थी. "Hindi Chudai Ki Poori Kahnai"

टॉवल लपेटे मैं उसके बगल में खड़ा हो गया.
 
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