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Bete ke dost ke lund ka ras chut me liya - Hindi sex story

हेलो फ्रेंड, मैं एक बार फिर से एक स्टोरी ले कर आया हु. मुझे पहली स्टोरी लिखने के बाद बहुत से मेल आये और मेरी काफी लोगो से बात भी हुई. उन्ही में से मुझे एक लेडी ने अपने बारे में बताया और आज मैं उनकी स्टोरी लिखने जा रहा हु. आगे कि कहानी उनकी जबानी.

हाई, मेरा नाम आरती है और मेरी ऐज ३८ इयर्स है. मैं एक विधवा हु और मेरा १८ साल का एक बेटा है. मेरे हस्बैंड को एक्सपायर हुए १२ साल हो गए है और मेरा बेटा वरुण तब ३ साल का था. अब वो १२थ में है. बात ये साल पहले की है. मेरे बेटे का एक दोस्त है सनी. वो भी उसी कि ऐज का है. मैं एक सेक्स कि प्यासी भूखी औरत थी और आज भी कोशिश करती हु अपने को कण्ट्रोल करने की. लेकिन अकेले में ऊँगली करने से अपने आप को रोक नहीं पाती हु.

सनी मेरे बेटे का काफी पुराना दोस्त था. वो दोनों साथ ही स्कूल जाते थे, खेलते थे और साथ में ही टूशन भी जाते थे. पहले तो मैंने उसके बारे में कभी गलत नहीं सोचा, लेकिन जब वो बड़ा हो गया और स्मार्ट भी. तो मेरे मन में उसके लिए चाह आने लगी. उसका घर घर आना, बातें करना मुझे अच्छा लगने लगा था. वो कभी अगर मुझे मार्किट में मिल जाता था, तो मेरी मद्दत कर देता था. मैं अपने बेटे के साथ - साथ उसको भी पॉकेट मनी देती थी. जब वो दोनों पास हुए, तो मेरा बेटा और उसके दो दोस्त घर आये और पार्टी करने लगे. वो दोनों बियर ले कर आये थे.

लेकिन सनी नहीं पीता था. सबने कहा, लेकिन उस ने नहीं पी. मैंने फिर उसको फ़ोर्स किया, तो उसने एक गिलास ले ली. वो एक गिलास पीने के बाद, मना कर रहा था. लेकिन मैंने फिर से उसको जबरदस्ती से एक गिलास और दे दी. फिर उसे नशा हो गया. मेरा बेटा और उसके दोस्त बाहर जाने लगे. सनी ने कहा, कि उसका सिर घूम रहा है और पर सोफे पर ही सो गया. मेरे बेटे ने कहा, माँ इसे सोने दो यहीं. यहीं रुक जाएगा. मुझे आने में थोड़ी देर होगी और मैं सुबह के ४ - ५ बजे तक आऊंगा. आप सो जाना गेट बंद कर के. मैंने गेट बंद कर के सनी के पास आई और उसे अपने बेडरूम में किसी तरह से सरका कर ले गयी. उसे जैसे ही मैंने बेड पर लिटाया, वो पानी मांगने लगा. मैंने बोतल ले कर उसको निम्बू पानी पिलाया. फिर मैंने उसके सिर पर पानी डाल दिया. इस से उसको कुछ होश आ गया और वो बेड पर लेट गया.

फिर मुझे उस पर प्यार आने लगा और मैंने सोचा, कि अच्छा मौका है. मैंने उसके चेहरे पर हाथ फेरा और फिर एक ऊँगली उसके होठो के चारो तरफ करी. फिर मैं धीरे - धीरे नीचे की तरफ आई. मैं उसके गले से नीचे आई और उसकी शर्ट के बटन खोल दिए. सीने पर सहलाते हुए, उसके पेट को अपने हाथ से सहलाने लगी. फिर मैंने अपने होठ उसके होठो पर रख दिए. फिर मैंने एक हाथ से उसकी पेंट को खोल दिया. मैंने पेंट को अपने पेरो से नीचे खीच दिया. फिर मैंने अपने होठ हटाये और उसका अंडरवियर नीचे खीच दिया. क्या गज़ब का लंड था उसका. एकदम गोरा और सोया था. सोये में ही ४ इंच का होगा, मोटा भी मस्त था. मैंने उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और अपने फेस के पास ले आई. फिर मैंने उसके लंड को चूमा और उसके लंड के सुपाडे की चमड़ी को हटाया. वो अभी वर्जिन था. ऐसा करते ही, एक तेज गंध मेरे नुथनो में गयी और मुझे मदहोशी छाने लगी. उसका सुपाडा एकदम लाल था. मैंने अपनी नाक उसके सुपाडे पर रख दी और रगड़ने लगी. मुझे उसके लंड कि गंध बहुत अच्छी लग रही थी.

१० - १५ मिनट के बाद, मैंने लंड को अपने मुह में दबा दिया और चूसने लगी. जैसे कोई नुडल को खिचता है, मैं भी बिलकुल वैसे ही खीच कर उसके लंड को चूस रही थी. क्योंकि अभी उसका लंड सोया हुआ था. कुछ ही पल में उसका लंड एकदम से कड़क हो गया. कोई ७.५ इंच का लंड मेरे सामने लहरा रहा था. एकदम फूल कर मोटा हो गया था, मानो एकदम से फटने वाला हो. अब उसे भी थोड़ी बेचेनी होने लगी थी और जोश भी चड़ने लगा था. वो बद्बड़ाने लगा.. "आंटी, आई लव यू". बहुत मज़ा आ रहा है. मैं उठी और मैंने उसके मुह पर अपनी चूत को रख दिया. मैंने अपने चुतड को हिला कर अपनी चूत को उसके मुह पर रगड़ना शुरू कर दिया. पहले मैंने चूत को उसकी नाक पर रखा और बाद में उसके मुह पर रख दिया.

वो मस्ती में चूसने लगा. मुझे बहुत ही जोश चढ़ गया अब. उसे भी थोडा - थोडा होश आने लगा था. वो मेरी चूत को चाट रहा था. मैंने मैं उठ कर उसके तने हुए लंड पर बैठ गयी. उसका लंड पेट कि तरफ लेटा हुआ था. मैंने उसको चूत पर रख कर आगे - पीछे होने लगी. ५ मिनट बाद उसका पानी निकलने को हुआ. वो पूरा अकड़ गया. उसका वीर्य एकदम से निकल कर उसके पेट, उसकी छाती पर फैल गया. अब वो लगभग पूरा ही होश में आ चूका था. मैं उसके लंड पर ही बैठी रही और अपने होठो को उसके होठो पर रख दिया. वो बोला, आंटी सच में बड़ा मजा आ रहा है. मैंने उसके ऊपर उसके वीर्य में ही लेट गयी. वो काफी देर तक मुझे चूमता रहा और फिर मैंने कहा, मेरा पानी कौन निकलेगा? उसने कहा, आप ने मुझे खुश कर दिया है, अब मेरी बारी है आपको खुश करने की.

मैंने फिर से उसका लंड मुह में भर लिया और कुछ ही देर में उसका लंड फिर से खड़ा हो गया. उसका पहली बार था. मैंने कहा, तुम नीचे ही लेटे रहो. फिर मैंने अपनी चूत का मुह खोला और उसके लंड के सुपाडे पर रखा और बंद कर के दांतों के बीच में दबा कर बैठ गयी. फिर तो मैंने लंड को पूरा अपनी चूत में खा लिया. उसका लंड बड़ा ही मोटा था. मैंने भी काफी सालो से चुदी नहीं थी. उसकी भी चीख निकल गयी. उसकी ये पहली चुदाई थी. पूरा लंड घुसते ही मैं रुक गयी और दर्द से मेरी आँखे फटने लगी, जैसे बाहर ही आ जाएँगी. उसका लंड मेरी गहरियो में फडफडा रहा था. फिर २ मिनट बाद मैं उसके लंड पर गोल - गोल उछलने लगी. फिर मैंने हलके - हलके ऊपर - नीचे होना शुरू कर दिया. अब थोडा दर्द कम होने लगा था. ५ मिनट के बाद, मैं नीचे लेट गयी और वो मेरे ऊपर आ गया. उसने लंड निकाला. उस पर थोडा ब्लड लगा हुआ था. शायद बहुत दिनों से ना चुद्द्वाने की वजह से आ गया था. फिर उसने जोर से एक झटका मार दिया और उसका लंड मेरी बच्चेदानी पर ठोकरे मारने लगा था. वो जोर - जोर से स्ट्रोक लगा रहा था. और मैं जोर से सिहरन से सिस्कारिया भर रही थी.

१० मिनट के बाद उसकी स्पीड बड गयी और मेरा शरीर भी अकड़ने लगा था. वो मेरे अन्दर ही अपना पानी छोड़ने लगा. उसके लंड से पिचकारी में अपनी गहराई में महसूस कर रही थी. जैसे मेरा भी पानी निकल गया और वो मेरे ऊपर ही लेट गया. लगभग १ घंटे बाद नींद खुली, तो वो उठा और तब उसने लंड निकाला. फिर उसने मुझे ३ बार चोदा और सुबह ४ बजे वो चला गया. मैं भी चादर ओड़कर सो गयी. ६ बजे मेरा बेटा आया और उसने मुझे आवाज़ दी. तब मैं उठ कर बोली, अभी आती हु. सिर में थोडा दर्द हो रहा है. मैं चद्दर के अन्दर नंगी पड़ी हुई थी. इसलिए अभी उठ कर नहीं जा सकती थी. बाद में मैंने देखा, तो मेरी चूत सूजी हुई थी. उसका मुह एकदम खुला था. जिसमे ऊँगली आराम से घुस सकती थी. ऐसा लग रहा था, जैसे सनी का लंड अभी भी मेरे अन्दर हो. फिर उसके बाद, मैं और सनी बहुत बार हम बिस्तर हुए और अब वो पढाई के लिए दुसरे शहर चले गया और जब भी वो छुट्टियों में आता है, तो मेरी मस्त - जबरदस्त चुदाई करता है.
 
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