रात कली मेरे पास आई

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Antarvasna, hindi sex story: रात के 11:00 बज रहे थे और गलियों में आवारा कुत्ते बहुत तेजी से भौंक रहे थे बाहर काफी सन्नाटा था लेकिन मां अभी भी सोई नहीं थी मैंने मां को कहा मां आप सो क्यो नही जाती। मां कहने लगी बेटा अभी तक तुम्हारे पापा नहीं आए हैं मैंने मां को कहा मां वह आ जाएंगे लेकिन पापा की शराब की लत की वजह से वह शायद हम लोगों से बहुत दूर हो चुके थे और अब उन्हें हमारी कोई भी परवाह नहीं थी। मैंने मां को सोने के लिए कहा लेकिन मां सो नहीं रही थी वह कहने लगी कि जब तक तुम्हारे पापा नहीं आ जाते तब तक मैं नहीं सोऊंगा। काफी देर हो चुकी थी मैं मां के साथ ही बैठा हुआ था और मां मुझे कहने लगी कि राहुल बेटा तुम सो जाओ मैंने मां को कहा मां जब तक आप नहीं सोएंगे तब तक मैं भी नहीं सोने वाला। मेरा छोटा भाई सूरज सो चुका था पापा अभी तक नहीं लौटे थे मैंने घड़ी की तरफ देखा तो उस वक्त 12:00 बजने वाले थे मां अभी भी छत से पापा को देख रही थी। गली से यह परछाई नजर आ रही थी और थोड़ी देर बाद पापा का अक्स साफ नजर आने लगा पापा शराब के नशे में चूर थे वह अच्छे से चलने की स्थिति में भी नहीं थे।

मैं दौड़ता हुआ गली की तरफ गया और मैंने उनके हाथ को अपने कंधे पर रखा और फिर उन्हें मैं घर पर ले आया। उन्हें मैंने बिस्तर पर लेटा दिया था और उनके जूते उतारकर मैंने रख दिए पापा बहुत ज्यादा नशे में थे मां अब चिंता मुक्त हो चुकी थी मैंने मां को कहा मां आप कुछ खा लीजिए। मां मुझे कहने लगी कि नहीं बेटा मेरा कुछ खाने का मन नहीं है पापा के शराब की लत की वजह से मां ना जाने कितने ही रात भूखे पेट सोई है लेकिन शायद पापा को इस बात का कभी एहसास ही नहीं हुआ। ना जाने वह शराब के इतने आदि कब हो गए कुछ पता ही नहीं चला और मुझे भी शायद अपने पापा का वह प्यार मिल नहीं पाया जिसकी मैं हमेशा से ही उम्मीद करता था। वह हमारे साथ होते हुए भी हम लोगों के साथ नहीं थे वह हमेशा ही अपनी जिम्मेदारियों से दूर भागने की कोशिश करते। मां ने हम दोनों भाइयों को पढ़ाने का पूरा जिम्मा उठाया था मां स्कूल में नौकरी करती थी और जो भी पैसा वह कमाती थी वह हमारी पढ़ाई पर ही खर्च कर दिया करती थी। मां का सपना था कि हम लोग पढ़ लिखकर कुछ अच्छा कर पाए और इसी वजह से मैंने बहुत मेहनत की आखिरकार मेरी मेहनत रंग लाई और एक दिन मैं एक अधिकारी बन गया।

मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि यह सब इतना आसान हो जाएगा शुरुआत में तो मुझे बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि मां के पास इतने पैसे नहीं होते थे लेकिन मैंने ही अपनी जी तोड़ मेहनत से अपने मां के सपने को पूरा कर दिया था। मां बहुत ज्यादा खुश थी लेकिन पापा अभी शराब के आदी थे और एक दिन उनकी तबीयत अचानक से खराब हो गई उन्हें हम लोग अस्पताल में ले गए तो वहां पर डॉक्टरों ने कहा कि इनकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। उनका काफी दिनों तक इलाज चलता रहा लेकिन उन्हें डॉक्टर बचा ना सके और उनकी मृत्यु हो गई। मां इस बात से बहुत दुखी थी और मैंने भी कुछ दिनों के लिए छुट्टी ले ली थी मैं चाहता था कि मां को कभी भी कोई परेशानी ना हो। मैंने मां से कहा मां तुम परेशान क्यों होती हो लेकिन पापा के जाने का गम तो मां को था ही धीरे-धीरे सब लोग अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रहे थे समय बीतता जा रहा था। मेरा छोटा भाई भी बैंक में जॉब करने लगा था हम लोगों के पास अब किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी लेकिन उसके बावजूद भी पापा की कमी हमेशा ही खलती रहती थी। मां चाहती थी कि मैं अब शादी कर लूं लेकिन उसी वक्त मेरे जीवन में माधुरी आ गई माधुरी और मेरी मुलाकात हमारे एक परिचित ने करवाई थी। माधुरी से मिलकर मुझे बहुत अच्छा लगा था मैं बेहद शर्मीले स्वभाव का था इसलिए मैं माधुरी को अपने दिल की बात कभी बता ही नहीं पाया था लेकिन मैंने एक दिन हिम्मत करते हुए माधुरी से मिलने का फैसला किया तो माधुरी मुझसे मिलने के लिए आ गई। हम दोनों साथ में ही बैठे हुए थे मैंने उस दिन हिम्मत करते हुए माधुरी को अपने दिल की बात बता दी जब मैंने माधुरी को अपने दिल की बात बताई तो वह भी अपने आपको बिल्कुल भी रोक ना सकी और मुझे कहने लगी कि आप मुझे पहले से ही पसंद है।

जब उसने यह बात मुझे कहीं तो मैंने उसे अपने घर के बारे में बताया मैंने उसे अपनी मां के बारे में बताया तो माधुरी कहने लगी मैं आपकी मां से मिलना चाहती हूं। मैंने माधुरी को कहा ठीक है मैं तुम्हें अपनी मां से मिलवा दूंगा और जब मैंने माधुरी को मां से मिलवाया तो वह बहुत खुश हो गई थी और मां भी बहुत खुश थी। मां को माधुरी अच्छी लगी थी और मां कहने लगी कि तुम्हारी पसंद मुझे अच्छी लगी। मां ने माधुरी से ही पूछ लिया कि तुम लोग शादी कब कर रहे हो तो माधुरी मुझे कहने लगी कि क्या तुमने मां को मेरे बारे में सब कुछ बता दिया था तो मैंने माधुरी से कहा हां मैंने मां को तुम्हारे बारे में हर एक बात बता दी है। माधुरी ने मां से कहा मां लेकिन हमें थोड़ा समय चाहिए होगा मां कहने लगी कोई बात नहीं बेटा तुम्हें जितना समय चाहिए तुम ले ल। थोड़े समय बाद माधुरी और मेरी सगाई तय हो गई अब हम दोनों की सगाई हो चुकी थी और हम दोनों अब भी एक दूसरे से मिलते रहते थे। माधुरी मुझसे मिलने के लिए घर पर आ जाया करती थी।

माधुरी से मैंने एक दिन फोन पर उसका फिगर का साइज पूछ लिया उस दिन तो वह मुझे बताने में कतरा रही थी लेकिन जब मैं माधुरी से मिलने के लिए उसके घर पर गया तो माधुरी के बदन को मैं निहारने लगा। मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया माधुरी मेरी बाहों में आ चुकी थी अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जिस प्रकार से मैंने माधुरी के स्तनों को दबाया और उसके होठों को चूसा तो उससे वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी। माधुरी अपने आपको रोक नही पाई और ना ही मैं अपने आपको रोक पाया। हम दोनों के अंदर से ही जो गर्मी बाहर की तरफ को निकाल रही थी उसे हम दोनों ही बर्दाश्त ना कर पाए। माधुरी का बदन पूरी तरीके से गर्म हो चुका था मैंने माधुरी के बदन को सहलना शुरू किया और उसके कपड़ों को उतार दिया। माधुरी ने उस दिन पिंक कलर की ब्रा पहनी हुई थी वह सब देखकर मैं अपने अंदर की आग को ना रोक सका। मैंने माधुरी से कहा मैं अपने आपको रोक नहीं पा रहा हूं। माधुरी कहने लगी तुम मेरे स्तनों का रसपान कर लो मैंने माधुरी के स्तनों का रसपान करना शुरू किया और जिस प्रकार से मैं उसके स्तनों का रसपान कर रहा था उससे वह पूरी तरीके से मचलने लगी। उसकी योनि से पानी निकलने लगा उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी मैंने जब उसकी गीली हो चुकी पैंटी को उतारकर उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो वह मचलने लगी उसका बदन गर्म हो चुका था। मैंने अपने लंड को माधुरी की चूत के अंदर घुसा दिया जैसे ही मेरा लंड माधुरी की चूत के अंदर घुसा तो वह चिल्ला उठी। उसके मुंह से आवाज निकली मैंने उसे कस कर पकड़ लिया वह मेरी बाहों में आ चुकी थी मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था हम दोनों के बदन से बहुत ज्यादा गर्मी निकल रही थी माधुरी उस गर्मी को बर्दाश्त कर पा रही थी और ना ही मैं उस गर्मी को बर्दाश्त कर पा रहा था। माधुरी के मुंह से लगातार सिसकियां बाहर की तरफ को निकल रही थी और उसकी सिसकियां अब और भी तेज होने लगी थी मैंने जैसे ही माधुरी के दोनों पैरों को खोलना शुरू किया तो वह मुझे कहने लगे मुझे बहुत मजा आ रहा है। मैं लगातार उसे तेजी से धक्के मारता उसके अंदर तक मेरा लंड जा चुका था उसे भी बहुत मजा आता।

मैंने जब माधुरी के दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखकर उसे तेज गति से धक्के मारने शुरू किए तो वह उत्तेजित होने लगी मैं उसके स्तनों को दबा रहा था। उसकी चूत पर मे जिस प्रकार से प्रहार कर रहा था उसकी चूत बहुत ही ज्यादा टाइट थी। मुझे आभास हो रहा था कि उसकी चूत कितनी ज्यादा टाइट है मैंने जब उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो वह अपनी चूतड़ों को मुझसे मिला रही थी मैं उसे उतनी ही तेज गति से प्रहार कर रहा था। उसकी चूत का रंग लाल होने लगा मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो माधुरी ने उसे मुंह के अंदर समा लिया। वह बड़े अच्छे से मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर बाहर करने लगी उसे बहुत अच्छा लग रहा था मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। काफी देर तक उसने मेरे लंड को चूसा जब मेरे लंड से पानी बाहर निकलने लगा तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा वीर्य गिरने वाला है।

मैंने माधुरी से कहा तुम उसे अपने मुंह के अंदर समा लो माधुरी ने मेरे वीर्य को अपने मुंह के अंदर ले लिया। उसने मेरे लंड को तब तक चूसा जब तक मेरे लंड से पूरा वीर्य निकल नहीं गया। माधुरी और मैं नग्न अवस्था में बैठे हुए थे माधुरी मुझे कहने लगी राहुल आज तुम्हारे साथ शारीरिक संबंध स्थापित कर के मैं बहुत खुश हूं। मैंने माधुरी से कहा लेकिन तुमने भी तो मुझे आज पूरे मजे दिए ऐसे सुख की कल्पना मै आज तक कभी नहीं कर पाया और तुम्हारी चूत मारने मै मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर बाद हम दोनों की उत्तेजना दोबारा से जाग उठी मैंने दोबारा से माधुरी के साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए। मैंने माधुरी की चूत मारी उसे बहुत ही मजा आया उसने मेरा साथ बडे अच्छे तरीके से दिया और काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते रहे। उसके बाद भी हम लोगों के बीच कई बार शारीरिक संबंध बन चुके थे लेकिन मुझे अब कोई भी चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि मेरी माधुरी से सगाई जो हो चुकी थी।
 
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