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अब तक आपने पिछले भाग में पढा, मै रागिनी को खडे खडे चोद रहा था। और अब पोजीशन बदलने के लिए मैने उससे कहा। तो आगे-

उसके एक पैर को अपने कंधे पर ले लिया, और अपने लौडे को उसकी चुत पे रखकर हल्का सा दबाव बनाते ही लौडा गपाक से अंदर चला गया। अब तो उसे न ही दर्द हो रहा था, अब बस मजा ही मजा था। तो मैंने भी बिना रुके धक्के लगाना शुरू कर दिया। अब काफी समय से उसे मै चोदे जा रहा था, और अब मैं झडने की कगार पर था। तो मैंने अपने धक्कों की गती और तेज कर दी। कुछ तेज धक्कों के बाद मैं उसकी चुत में ही झड गया। उसकी चुत को मैने अपने वीर्य से भर दिया। और उसके बाद मैं वहीं उसके ऊपर लेट गया।

रागिनी के ऊपर लेटते ही उसने भी मुझे कसकर गले लगा लिया। तो मैने भी उसके माथे पर एक घर चुम्बन दे दिया। हम दोनों ही बेड के एक कोने पर थे, और हमारी टांगे बेड के नीचे लटक रही थी। थोडी देर ऐसे ही उसके ऊपर लेटे रहने के बाद मेरा लंड अपने आप सिकुड कर उसकी चुत से बाहर निकल आया। तब मैंने उसके होठों पर एक बार अपने होंठ रखकर मस्ती से चूसकर एक हल्के से निचले होंठ पर काट दिया। और फिर उसके ऊपर से उठकर उसकी बगल में लेट गया।

थोडी देर लेटे रहने के बाद मै उठकर खडा हुआ, और उसे भी उठा दिया। फिर उसे अपनी बांहों में लेकर बाथरूम की तरफ चलने लगा। रागिनी भी मेरे गले मे अपने हाथों का हार पहनाए हुए कभी मुझे चूमती, तो कभी गाल खींचते हुए मजे ले रही थी। बाथरूम में जाकर मैने उसे बाथटब के एक कोने पर बिठा दिया। और मै पानी लेकर उसके पास गया, तो उसने अपने पैरों को फैला दिया। जिससे मै समझ गया कि, रागिनी चाहती है मैं उसकी चुत को साफ करूँ।
तो मैंने भी उसकी चुत पर पानी डालकर पहले ऊपरी भाग को साफ किया और फिर उसकी चुत में अंदर उंगली घुसाकर अंदर से भी साफ करने लगा।

जब मै उसकी चुत को साफ कर रहा था, वो मेरे बालों को सहला रही थी। मैने उसकी चुत को पहले पानी से फिर साबुन से धो दिया। उसकी चुत साफ होने के बाद वह उठी, और मेरे हाथ से पानी का जग लेकर मेरे लौडे को अपने हाथ मे ले लिया। अब वह मेरा लंड साफ करना चाहती थी।

तो मै उसकी जगह पर जाकर बैठ गया, और उसने मेरी जगह ले ली। उसने पहले लंड को अच्छे से पानी से धोया, फिर साबुन से साफ करने लगी। तभी मैने उसके हाथ से पानी लेकर उसके चूचों पे डाल दिया और उन्हें सहलाने लगा। रागिनी बस मेरी तरफ देखकर हस दी। तो मैंने साबुन लेकर उसके चूचों पर अच्छे से मल दिया, और फिर उन्हें साफ करने के बहाने अच्छे से मसलने लगा। उसके निप्पल भी अब धीरे धीरे तनकर खडे हो रहे थे।

उसने जल्दी से मेरा लंड साफ कर दिया और बोली, "अब बाथरूम से बाहर चलें। आगे जो भी करना है, कमरे में करते है।"

तो मैंने भी ठीक है, कहकर उसके चूचों को साफ कर दिया। फिर उसके साथ ही कमरे में आ गया। कमरे में आते ही सबसे पहले मैंने टॉवल लिया और उसके स्तनों को पोंछने के बहाने मसलने लगा।

तो वो बोली, "लगता है जनाब को हमारे आम कुछ ज्यादा ही भा गए है। जो आप इन्हें छोडने का नाम ही नहिले रहे हो।"

इस पर मैने भी बेशर्मी से हां कहकर टॉवल हटा दिया और उसके स्तनों पर सीधे अपने मुंह से हमला बोल दिया। अब हम दोनों कमरे में एक-दूसरे के सामने खडे थे और मै उसके स्तनों को मसलते हुए चूसते जा रहा था। वो कभी मेरे बालों को सहलाती तो कभी मेरी पीठ पर अपने नाखून गाड देती।

अब मै अपने हाथों को उसकी पीठ से होकर चुतडों पर ले गया, और दबाने लगा। थोडी ही देर में मैने दोनों चूतड फैलाकर अपनी एक उंगली उसके गांड के अंदर डालनी चाही। तो उसने मुझे रोक दिया। इस पर मैने उससे कहा, "तुमने कभी अपनी गांड नही मरवाई क्या? मै तो तुम्हारी गांड का दीवाना हो गया हूं, और मुझे तुम्हारी गांड मारने का बहुत मन कर रहा है।"

तो रागिनी ने कहा, "मैने बस एक बार शादी से पहले कोशिश की थी, लेकिन तब दर्द बहुत हुआ, तो हम आगे नही बढ़े। और रही मेरे मेरे पति की बात तो उन्होंने कभी मेरी गांड मारने की सोची भी नही होगी।"

इतना कहकर रागिनी ने अपना एक हाथ पीछे ले जाकर मेरे हाथ को उसके गांड के छेद से हटा दिया, और उसके चूचों पर रख दिया। मै उसकी गांड के लिए पागल हो रहा था, बहुत कसी हुई गांड थी रागिनी की। तो मै धीरे धीरे उसको मनाने लगा, और समझाने लगा कि, "ज्यादा दर्द नही होगा। थोडा दर्द तो चुत का शीलभंग करने में भी होता है,फिर यह तो गांड है। मै बहुत आराम से करूंगा, सो तुम बेफिक्र रहो।"

मेरे बहुत मनाने के बाद और लाखों कोशिशों के बाद जाकर रागिनी अपनी गांड मरवाने के लिए राजी हो गई। तो मैंने सबसे पहले उसकी गांड में एक उंगली घुसानी चाही, लेकिन उससे भी रागिनी को दर्द होने लगा। तो मैने उसको कोई क्रीम लाने के लिए कहा। उसने भी एक क्रीम लाकर मुझे दे दी, जो अबउंगली के लिए आसानी करने वाली थी। मैने अपनी एक उंगली से क्रीम लेकर उसके गांड के छेद के इर्द गिर्द क्रीम डाल दी।

गांड के छेद में भी क्रीम डालकर उसे मै अच्छे से गांड के अंदर के भाग पर भी लगाने लगा। मैने अपनी एक उंगली को पूरा क्रीम से भिगो दिया, और अब उसे गांड में डालने की कोशिश करने लगा। अबकी बार आधी उंगली सटाक से अंदर चली गई,तो रागिनी ने तुरंत ही अपनी गांड को जकड लिया। जिसकी वजह से अब मै अपनी उंगली को उसकी गांड में आराम से अंदर बाहर नही कर सकता था।

पहले तो मैंने उसके चुतडों को फैलाकर उंगली अंदर बाहर करने की कोशिश कर दी,लेकिन उससे कुछ ज्यादा फर्क नही पडा।

तो फिर मैंने उससे कहा, "चिंता मत करो, अपनी गांड को आराम से फ्री छोड दो, वरना बहुत दर्द होगा।"

दर्द का नाम सुनते ही रागिनी ने अपनी गांड को खुला छोड दिया। और अब मै अपनी उंगली को थोडा थोडा हिलाकर अंदर बाहर कर सकता था। दोस्तों एक बात हमेशा याद रखना, कभी भी अगर किसी लडकी या औरत की आप गांड चोदना चाहते हो, तो पहले उसे विश्वास दिलाओ की, आप उसे दर्द नही होने दोगे। और दूसरी बात,जब आप पहली बार गांड मार रहे हो, तो हर पल क्या करना है, कैसे करना है, यह अपने पार्टनर से पूछ सकते हो। या फिर आपको बहुत संभल कर उसे दर्द ना हो यह ध्यान रखते हुए आगे बढना होगा।

यह सब छोटी छोटी चीजे लडकियों के लिए बहुत मायने रखती है। अगर पहली ही बार मे आप उसे दर्द दोगे, तो वह दूसरी बार करने के लिए बहुत घबराएगी। या कभी कभी ऐसा भी हो सकता है, की उसके दिमाग मे सेक्स के प्रति नफरत हो जाए। तो जब भी आप पहली बार कुछ भी करोगे, तो बडे ध्यान और आराम से करना। यह छोटी छोटी बातें आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

अब तक रागिनी की गांड ने एक उंगली के लिए जगह बना ली थी, तो मैंने अब एकसाथ दो उंगलियां घुसाने की कोशिश करने लगा। थोडी और क्रीम लगाने के बाद उंगलियां थोडी अंदर को हुई, तभी रागिनी के चेहरे पर दर्द साफ दिखाई दे रहा था।

ऐसे ही करते करते रागिनी की गांड पहले से ज्यादा खोल दी,जिससे अब उसको दर्द कम हो। और इसी चक्कर मे वह मुझसे थोडा और खुलकर बातें करने लगी थी। उसने बताया कि, उसका पति उसे मजा नही दे पाता। वो रोज रात को कम से थककर आता है और हफ्ते में कभी कभार उसको चोदता है। चोदने से पहले रोमांस वगैरा कुछ नही करता। सीधे कपडे उतारकर उकुच धक्के लगाता है।

अब समय आ चुका था कि, मै अपना लौडा उसकी गांड में डाल दुं। तो मैंने उसे बेड पर उल्टा लिटा दिया और उसकी कमर के नीचे दो तकिये रख दिए। जिस वजह से उसकी गांड के छेद के साथ ही साथ उसकी चुत भी उभरकर मेरे सामने आ गई। अब मैने क्रीम लेकर अपने पूरे लंड पर मल दी, जिससे मेरा लौडा आसानी से अंदर बाहर हो सके। फिर मैने उससे पूछा, क्या वो तैयार है? उसकी सहमती मिलते ही मै पूरा तैयार हो गया।

उसकी गांड के छेद पर अपना लौडा रखकर मैने एक धक्का लगाना चाहा, तो लंड फिसलकर निकल गया। फिर मैंने एक हाथ से अपने लंड को पकडा और उसकी गांड के छेद पर रखकर एक धक्का दे मारा। अबकी बार मेरे लौडे का टोपा उसकी गांड के अंदर चला गया और उसके मुंह से चीखें निकलने लगी।

तो मैंने अब बिना रुके दो और धक्के लगा दिए, जिससे आधा लंड उसकी गांड में चला गया। और अब आधा लंड अंदर जाने के बाद मैं रुककर उसके बदन को सहलाने लगा, जिससे उसका दर्द कुछ कम हो, और वह भी मजे लेने लगे।

थोडी देर उसके चूचों को सहलाने के बाद, उसकी चुत में उंगली करने के बाद उसका दर्द कम होने लगा, और गांड ने भी अब लौडे के लिए जगह बना दी थी। तो अब मैने और लंड अंदर डालने की कोशिश न करते हुए, अपना आधा लंड ही अंदर बाहर करने लगा। कुछ देर तक उसे वैसे ही आधे लौडे से चोदने के बाद मैंने अचानक एक जोर का धक्का मार दिया।

जिससे मेरा लंड और भी अंदर चला गया। अब तो रागिनी भी अपने चूतड हिलाकर मजे से गांड मरवा रही थी।
थोडी ही देर बाद मैने उसे डॉगी स्टाइल में खडा किया और उसकी कमर को थोडा ऊपर की ओर उठाते हुए, उसके चुतडों पर एक चुम्मा दे दिया। और अपना लौडा फिर से उसकी गांड में पेल दिया।

अब मै उसकी गांड में लंड पेले जा रहा था और वह अपना एक हाथ नीचे ले जाकर उसकी चुत सहला रही थी। उसकी गांड बहुत कसी होने से जल्द ही मै झडने की कगार पर पहुंच गया। मैने अपना सारा वीर्य उसकी गांड में उडेल दिया, और उसके ऊपर ही लेट गया।

थोडी देर बाद हम दोनों ने एक-दूसरे को साफ करते हुए नहलाया। और उस रात चुदाई के दो और राउंड लगाकर हम सो गए। अगली सुबह हमे वहां से निकलना था, तो सुबह उसने उठते ही मेरा लौडा पकड लिया। तो सुबह जल्दी से एक चुदाई का दौर चलाकर हमने एक-दूसरे से विदा ली।

आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे जरूर बताइए। धन्यवाद।
 
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