शोभिता की सिसकियाँ निकल पड़ीं

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Antarvasna, hindi sex story: मैं अपने दोस्त आकाश के साथ उसके घर पर गया हुआ था आकाश ने मुझे अपने घर पर बुलाया था और उस दिन काफी देर तक मैं आकाश के साथ ही बैठा रहा। आकाश से बातें कर के मुझे काफी अच्छा भी लग रहा था हम लोग एक महीने के बाद एक दूसरे को मिल रहे थे। आकाश ने मुझे अपने साथ चलने के लिए कहा तो मैं उसके घर पर चला गया और उस दिन मैं आकाश के घर पर ही रुका और अगले दिन मैं अपने घर लौट आया था। मैं जब अपने घर लौटा तो मां ने मुझे कहा कि गौरव तुम रात भर कहां थे ना तो तुमने हमें फोन किया और ना हीं तुमने मुझे कुछ बताया। मां इस बात से बहुत ही ज्यादा गुस्सा थी मैंने उन्हें कहा कि कल मैं आकाश के घर पर ही रुक गया था मेरा मोबाइल खराब था इसलिए मैं आपको बता नहीं पाया।

मां मेरी इस बात से बहुत ज्यादा गुस्सा थी वह कहने लगी की देखो बेटा यह बिल्कुल भी सही नहीं है मैंने मां को कहा ठीक है मां आगे से कभी भी ऐसा नहीं होगा। मैंने उन्हें समझाया तो वह भी मेरी बात मान गई। पापा के देहांत के बाद मां ने मेरी परवरिश में कोई भी कमी नहीं रखी। मैं अपने कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर चुका हूं इसलिए मां चाहती है कि मैं जॉब करूं। कॉलेज का कैंपस प्लेसमेंट अभी तक आया नहीं था। एक दिन आकाश ने मुझे कहा कि गौरव आज मैं इंटरव्यू देने के लिए जा रहा हूं मैंने आकाश को कहा कि तुम इंटरव्यू देने के लिए कहां जा रहे हो तो उसने मुझे एड्रेस भेज दिया।

उसने मुझे कहा कि अगर तुम भी मेरे साथ चलना चाहते हो तो तुम चल सकते हो। मैं उस दिन आकाश के साथ इंटरव्यू देने के लिए चला गया मुझे तो बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वहां पर मेरा सिलेक्शन हो जाएगा। मेरा उस कंपनी में सिलेक्शन हो चुका था हम दोनों की जॉब वहां लग चुकी थी और कुछ दिनों की ट्रेनिंग करने के बाद हम दोनों ऑफिस में काम करने लगे थे। हम लोगों को ऑफिस में काम करते हुए एक महीने से ऊपर हो चुका था और हम दोनों ही काफी खुश थे। अब मां को भी मुझसे कोई शिकायत नहीं थी और वह मुझे हमेशा ही कहती कि गौरव बेटा तुम हमेशा ही अपना ध्यान रखा करो। मां मेरी अक्सर बहुत ही चिंता करती थी मैं घर में एकलौता भी हूं और मां हमेशा ही मुझे कहती कि बेटा मैं चाहती हूं कि तुम अपनी जिंदगी में कुछ अच्छा करो।

इस वजह से तो मैं अपनी पूरी मेहनत के साथ काम कर रहा था और सब कुछ मेरी जिंदगी में ठीक होता जा रहा था लेकिन अभी भी कहीं ना कहीं मेरी जिंदगी में कुछ होने वाला था। एक दिन मैं अपने घर वापस लौट रहा था तो उस दिन मैंने देखा कि हमारे पड़ोस में रहने के लिए कोई आया हुआ है तो मैंने मां से पूछा कि क्या पड़ोस में रहने के लिए कोई आया है, मां ने मुझे कहा कि हां बेटा हमारे पड़ोस में नए किराएदार आए हैं। मां ने मुझे बताया कि वह एक अच्छी पोस्ट पर है। मैंने मां से कहा मां क्या आपने उन लोगों से बात की थी तो मां ने कहा कि नहीं पर मुझे किसी ने बताया था।

मैंने मां को कहा मां पहले शुक्ला जी यहां पर रहा करते थे वह कहां चले गए तो मां कहने लगी कि उनका ट्रांसफर हो गया है इसलिए वह यहां से छोड़कर जा चुके हैं। उस दिन मां और मैंने साथ में डिनर किया और उसके बाद मैं अपने रूम में लेटा हुआ था और मैं अपने मोबाइल में गेम खेल रहा था कुछ देर तक तो मैं ऐसे ही बैठा रहा। अगले दिन जब मैं अपने ऑफिस के लिए जा रहा था तो मुझे एक लड़की दिखाई दी जो कि तैयार होकर शायद कॉलेज के लिए जा रही थी। मेरा अनुमान बिल्कुल सही था वह कॉलेज की बस में बैठी और वहां से वह चली गई। हमारे पड़ोस में जो लड़की रहने के लिए आई थी उसका नाम शोभिता है मुझे यह बात मां ने बताई थी।

शोभिता से मैं बात करना चाहता था उससे मैं दोस्ती भी करना चाहता था लेकिन उससे मेरी फिलहाल तो कोई दोस्ती या फिर कोई बातचीत नहीं हो पाई थी। एक दिन वह लोग हमारे घर पर आए हुए थे उस दिन मैं घर पर ही था और मां भी घर पर ही थी तो शोभिता से उस दिन मेरा परिचय हुआ और उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे। मैं और शोभिता एक दूसरे से बातें करने लगे तो मुझे शोभिता से बातें कर के हमेशा ही अच्छा लगता और उसे भी मुझसे बातें करना बहुत अच्छा लगता है। हम दोनों जब भी एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता और हम दोनों की दोस्ती और भी गहरी होती जा रही थी और दिन ब दिन हम दोनों एक दूसरे के नजदीक आते जा रहे थे।

कहीं ना कहीं हम दोनों एक दूसरे को प्यार भी करने लगे थे। मैंने एक दिन शोभिता को जब अपने दिल की बात कहनी चाही तो उसने भी मेरे परपोज को स्वीकार कर लिया और हम दोनों का रिलेशन चलने लगा लेकिन मुझे नहीं पता था कि जल्द ही हम दोनों के रिलेशन में प्रॉब्लम आ जाएगी। शोभिता ने मुझे कहा कि गौरव अब मै तुमसे बात नहीं करना चाहती हूँ। मुझे नहीं मालूम था कि वह ऐसा क्यों कर रही है। शोभिता काफी ज्यादा परेशान भी रहती थी और मैं चाहता था कि मैं उसकी परेशानी को समझूँ लेकिन वह मुझे कुछ भी बताना नहीं चाहती थी और वह मुझसे बात भी नहीं करती थी।

एक दिन मैंने शोभिता को रोकते हुए कहा कि मुझे आज तुमसे बात करनी है शोभिता मुझे कहने लगी कि नहीं मैं तुमसे बात नहीं कर सकती लेकिन फिर उस दिन शोभिता ने मुझसे बात की। जब मैंने उसे पूरी बात पूछी तो उसने मुझे बताया कि उसके पापा मम्मी उसकी शादी उनके फैमिली फ्रेंड से करवाना चाहते हैं और उसकी मां को हम दोनों का मिलना बिल्कुल भी पसंद नहीं है। मैंने शोभिता को समझाया और कहा कि शोभिता तुम ऐसा क्यों सोच रही हो। शोभिता ने मुझे कहा कि देखो गौरव मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं लेकिन मैं नहीं चाहती कि मैं तुम्हें कोई धोखा दूं या फिर तुम्हें कल को कोई तकलीफ हो इस वजह से मैं तुमसे अलग होना चाहती हूं।

मैं शोभिता की भावनाओं को समझ सकता था लेकिन उस दिन मैंने शोभिता को समझाया और हम दोनों का रिलेशन पहले की तरह ही चलने लगा था। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था क्योकि शोभिता और मैं पहले की तरह ही एक दूसरे से बातें करने लगे थे। हम दोनों एक दूसरे से बातें कर के बहुत ही ज्यादा खुश रहते हैं। हम दोनो एक दूसरे मिला भी करते। कभी कभार चोरी छुपे वह घर पर भी आ जाती थी। एक दिन मां घर पर नहीं थी उस दिन शोभिता घर पर आ गई।

जब शोभिता घर पर आई तो हम दोनों एक दूसरे से बैठकर बातें करने लगे। उस दिन हम दोनों बातें कर रहे थे लेकिन मुझे वह बहुत ही अच्छी लग रही थी कहीं ना कहीं मैं उसके होठों को भी चूमना चाहता था। मैंने उसके होठों को किस करना शुरू कर दिया। मैं जब उसके होठों को चूम रहा था तो मुझे मज़ा आने लगा था। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते जा रहे थे। मैंने जब उसके होठों को चूसा तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी और मुझे कहने लगी मेरी उत्तेजना बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है। मैं और शोभिता बहुत ज्यादा गर्म हो चुके थे हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी झेल नहीं पा रहे थे। मैंने शोभिता के सामने जब अपने लंड को किया तो वह मेरे लंड को देखकर कहने लगी तुम्हारा लंड कितना मोटा है। मैंने उसे कहा तुम्हे अपने मुंह में लेकर मेरे लंड को सकिंग करना है।

वह मेरे मोटे लंड को अपने मुंह में लेकर सकिंग करने लगी थी। मुझे बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से हो वह मेरे लंड को चूस रही थी उसने मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाकर रख दिया था। हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म हो चुके थे कहीं ना कहीं अब वह मेरे लंड को अपनी चूत मे लेने के लिए तैयार हो चुकी थी। वह मेरे मोटे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तैयार थी मैंने जैसे ही उसकी योनि पर अपने लंड को लगाया तो वह कहने लगी तुम मेरी चूत में लंड घुसा दो।

मैंने उसकी योनि में अपने लंड को प्रवेश करवा दिया। मैंने उसकी योनि में लंड को प्रवेश करवा दिया था। मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के देने लगा था मैं उसे जिस तेज गति से चोद रहा था उसको मजा आ रहा था और वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है। हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे मैं उसे बड़ी तेज गति से धक्के दिए जा रहा था। मैं जिस तेजी से उसे धक्के मार रहा था उससे वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है। वह बोलती तुम ऐसे ही मुझे धक्के देते रहो। मैंने उसे काफी देर तक धक्के दिए मैंने देखा उसकी चूत से खून निकलने लगा है। वह बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही है वह बड़ी तेज आवाज मे सिसकारियां ले रही थी। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे।

हम दोनों एक दूसरे के साथ बड़े ही अच्छे से दे रहे थे। जब मैं उसे चोद रहा था वह बड़ी जोर से सिसकारियां ले रही थी और मुझे गर्म करने की कोशिश कर रही थी जिस तरीके से वह मुझे गर्म करने की कोशिश कर रही थी उससे मेरा लंड उसकी चूत की गर्मी को ज्यादा देर तक झेल नहीं पाया और मेरा वीर्य उसकी योनि में जा गिरा। मेरा वीर्य उसकी चूत में गिर चुका था जिसके बाद वह बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और मुझे कहने लगी मुझे आज मजा आ गया। मुझे भी अच्छा लगा था जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे का साथ दिया था और हम दोनों ही खुश थे। मैंने शोभिता की चूत मारकर अपनी इच्छा को पूरा कर दिया था और वह भी बड़ी खुश थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ उसके बाद भी सेक्स संबध बनाते रहे। जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक संबध बनाते तो हम लोगों को बहुत ही अच्छा लगता और हम दोनों बहुत ज्यादा खुश रहते हैं। मैं शोभिता की चूत मारकर अक्सर खुश रहता हूं और वह भी खुश रहती है।
 
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