संजना से मेरी बात

sexstories

Administrator
Staff member
antarvasna, desi kahani: मेरा और महिमा के बीच में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था। हम दोनों अब एक दूसरे से अलग हो गए थे। महिमा और मै एक दूसरे को काफी सालों से जानते हैं और हम दोनों का रिलेशन काफी समय तक चला लेकिन हम दोनों की शादी ना हो सकी और महिमा मेरी जिंदगी से दूर हो चुकी थी। महिमा के मेरी जिंदगी से दूर हो जाने के बाद मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा था लेकिन मेरे लिए यह बिल्कुल भी संभव नहीं हो पा रहा था मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ पाऊ। मेरे दिमाग से महिमा का ख्याल बिलकुल भी नहीं निकल पा रहा था मैं जब भी महिमा के बारे में सोचता तो मेरे दिमाग में महिमा का ख्याल आ जाता और मैं बहुत ज्यादा परेशान हो जाता। महिमा से मेरी मुलाकात हमारी कॉलोनी में ही हुई थी वह हमारी कॉलोनी में ही रहती थी लेकिन अब महिमा का परिवार हमारी कॉलोनी में नहीं रहता है।

महिमा और मेरा रिलेशन काफी समय तक चला लेकिन हम दोनों के बीच के झगड़े इतने ज्यादा बढ़ने लगे थे मैं और महिमा एक दूसरे से अलग होना चाहते थे इसलिए हम दोनों ने एक दूसरे से अलग होने का फैसला कर लिया था अब हम दोनों ही एक दूसरे से अलग हो चुके थे। मैं बिल्कुल भी समझ नहीं पा रहा था आखिर मुझे क्या करना चाहिए मैं अपनी जिंदगी में बिजी होने की कोशिश तो कर रहा था लेकिन मेरी जिंदगी में कुछ भी नहीं बदल पा रहा था। महिमा मुझसे बहुत दूर जा चुकी थी लेकिन फिर भी मैं महिमा को भुला नहीं पाया था और उसे भूला पाना शायद मेरे लिए इतना आसान भी नहीं था मैं भी अब दिल्ली छोड़कर मुंबई जाने के बारे में सोचने लगा था और मै मुंबई चला गया।

मुझे मुंबई की एक बड़ी कंपनी में जॉब भी मिल चुकी थी मैं अपनी जिंदगी में बिजी होने की कोशिश करने लगा था। मैं सुबह के वक्त अपने ऑफिस चला जाया करता था और शाम के वक्त मैं घर लौटा करता क्योंकि मुझे ही यह अकेले मैनेज करना था इसलिए मैं बहुत ज्यादा बिजी होने लगा था। मैं अपनी जिंदगी में इतना ज्यादा बिजी हो गया था मैं महिमा को अपने दिमाग से भूलाने लगा था। महिमा मेरी जिंदगी से जा चुकी थी साथ ही मैं उसे पूरी तरीके से भुलाने की कोशिश करने लगा था और मैं उसे भुला चुका था लेकिन मुझे क्या पता था वह दोबारा से मेरी लाइफ में वापस आ जाएगी। जब महिमा मुझे एक दिन दिखी मैं अपने आपको रोक ना सक मैंने महिमा से बात कर ली।

मैंने कभी सोचा भी नहीं था महिमा मुझे मुंबई में दिखेगी मैं उससे बात कर लूंगा। मेरी उससे जब बात हुई तो मुझे महिमा ने कुछ नहीं बताया लेकिन मुझे इतना पता चल चुका था महिमा की फैमिली मुंबई में ही रहती है और महिमा की सगाई मुंबई मे हो चुकी थी। महिमा मेरी जिंदगी में दोबारा से वापस आ गई थी मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था ऐसी स्थिति में मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए हालांकि मैं महिमा से नहीं मिलता था लेकिन फिर भी मैं उससे बात करने की कोशिश करने लगा था क्योंकि महिमा का नंबर मेरे पास था हम दोनों बातें करने लगे थे।

महिमा ने जब मुझसे मिलने का फैसला किया तो उस दिन मुझे महिमा ने सारी बात बताई और कहने लगी मेरे घर वालों ने मेरी सगाई कर दी थी अब मै शादी कर रही हूं मै अपनी जिंदगी में आगे बढना चाहती हूं। मैंने महिमा को समझाया वह मुझे कहने लगी मैं तुमसे प्यार करती हूं लेकिन मुझे मेरे घर वालों की बात माननी पड़ रही है। जब मुझे पता चला महिमा की शादी हो चुकी है मैंने भी उसे अपने दिमाग से निकाल दिया था। अब मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ चुका था मेरी जॉब अच्छे से चल रही थी और मैं काफी खुश भी था जब मेरी बात संजना के साथ होने लगी मुझे काफी ज्यादा अच्छा लगने लगा था और संजना को भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जब भी हम दोनों एक दूसरे से बातें किया करते।

मैं और संजना एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा बात कर रहे थे अब वह समय आ चुका था जब संजना और मैं एक दूसरे के करीब आ चुके थे। हम दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी नहीं रह पाते थे क्योंकि मे संजना को सब बता चुका था। मैंने उसे महिमा के बारे में भी सब कुछ बता दिया था संजना और मेरे बीच बहुत ज्यादा प्यार है और हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं। संजना चाहती थी मैं उसके साथ सगाई कर लूं लेकिन मैंने संजना को कहा मुझे थोड़ा समय चाहिए। मुझे समय चाहिए था मैं संजना को और भी समझना चाहता था।

संजना भी मेरी बात मान गई और हम दोनों साथ में ही समय बिताया करते थे। मै ज्यादा समय संजना के साथ बिताया करता था जब भी मैं और संजना साथ में होते हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता था और हम दोनों बहुत ज्यादा खुश रहते थे जिस तरीके से हम दोनों साथ में समय बिताया करते थे। उससे हम दोनों को बहुत ही ज्यादा अच्छा लगता था मुझे भी संजना के साथ में समय बिताना बहुत ही अच्छा लगता था। संजना और मैं एक दूसरे के साथ समय बिताने के दौरान दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे जिस तरीके से हम दोनो साथ में समय बिताते हैं। एक दिन संजना मेरे साथ बैठी हुई थी उस दिन मैंने संजना से कहा आज मैं तुम्हारे साथ में समय बिताना चाहता हूं।

संजना भी मेरे साथ में समय बिताने के लिए तैयार हो चुकी थी और वह मेरी बात मान चुकी थी उसने मुझे कहा ठीक है आज हम लोग कहीं साथ में ही रुक जाते हैं। हम दोनों साथ मे रूकने का फैसला कर चुके थे। जब उस दिन हम दोनो साथ में रुके तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था उसे लग रहा था। मैंने उसके बदन को महसूस करना शुरू कर दिया था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मैं संजना के बदन को महसूस कर रहा था और वह मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढा चुकी थी। संजना और मै एक दूसरे को किस करने लगे थे। जब हम लोग एक दूसरे के होठों को चूम रहे थे हम दोनों को बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था।

मै उसके होठों को चूम रहा था हम दोनों ने एक दूसरे के होठों की गर्मी को बढ़ा दिया था। अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे। मैंने संजना के होठों को चूमना शुरू किया मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और संजना को भी अच्छा लग रहा था। मैंने उसके बदन से कपड़ों को उतारा और उसके स्तनों को चूसना शुरू कर दिया मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और संजना को भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। संजना भी मेरा साथ दे रही थी। मैं और संजना एक दूसरे के साथ में सेक्स करना चाहते थे। हम दोनों को बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था जब हम दोनों ने एक दूसरे के बदन की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा कर रख दिया था। ना तो मैं अपने आप को रोक पा रहा था ना ही संजना अपने आपको रोक पा रही थी।

हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था मैंने संजना को कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं। वह मुझे कहने लगी मुझसे भी रहा नहीं जा रहा है। संजना बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी जैसे ही मैंने संजना की योनि को चाटना शुरू किया तो संजना को बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत ज्यादा अच्छा लगने लगा था। मै उसकी योनि का रसपान कर रहा था उसकी गर्मी को मैं बढाए जा रहा था। हम दोनों गरम हो चुके थे हमारी गर्मी बहुत ज्यादा बढने लगी थी।

संजना ने मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में ले लिया वह मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर उसे हिलाने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। उसने अपने कोमल हाथों से मेरे लंड को हिलाया और मेरी गर्मी बढ रही थी। जब उसने अपने मुंह को खोला तो मैंने उसके मुंह में अपने लंड को डाल दिया जैसे ही मैंने उसके मुंह में लंड को डाला तो मुझे मजा आने लगा था। मुझे बहुत मजा आने लगा था जिस तरह हम दोनो गर्मी को बढाए जा रहे थे। संजना और मैं एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी झेल नहीं पा रहे थे।

मैंने उसकी योनि में अपने मोटे लंड को डालते हुए अंदर की तरफ घुसा दिया था। जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि में घुसा तो उसे बहुत ही अच्छा लग रहा था। जब मैं उसकी चूत के मजे ले रहा था। मैं जब संजना की चूत के मजे ले रहा था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मैं उसे धक्के मारता रहा। मै उसे जिस तेज गति से धक्के मार रहा था उससे मेरी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी और संजना की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे मेरे धक्को में और भी तेजी आने लगी थी। मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मार रहा था।

अब वह समय आ चुका था जब मेरे वीर्य की पिचकारी संजना की चूत मे चली गई। संजना और मै एक दूसरे के साथ सेक्स का मजा लेकर बड़े ही खुश हो गए थे। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जिस तरीके से हम दोनों ने साथ में समय बिताया था और एक दूसरे की गर्मी को शांत कर दिया था। उसके बाद तो ना जाने हम दोनों के बीच कितनी ही बार सेक्स संबंध बनते रहे। मैं संजना को बड़े अच्छे से समझता हूं संजना भी मेरे साथ सेक्स करने के लिए हमेशा ही तड़पती रहती है। वह हमेशा कहती है मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है। मैं भी उसकी इच्छा पूरी कर दिया करता हूं। वह बहुत ही ज्यादा खुश रहती है जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाते हैं और एक दूसरे को शांत कर देते हैं।
 
Back
Top