सम्भोग गाथा एक बुड्ढे से चुदाई की

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सम्भोग गाथा एक बुड्ढे से चुदाई की

हेलो दोस्तों, मेरा नाम सोनिया है.

मेरी विवाह को १ साल हो गया है और मेरे पति का नाम विक्रम है.

मेरी ऐज २५ है. मेरा फिगर ३६ - २४ - ३६ का है और जब मैं साड़ी पहन कर मार्किट में जाती हु.

तो लोग मुझे बड़ी गन्दी नजरो से देखते है. उनकी नज़रे मेरे बड़े - बड़े बूब्स पर अटक जाती है.

मुझे ये अच्छा नहीं लगता है, क्योंकि मैं एक बहुत ही सीधीसादी औरत हु.

अब मैं अपनी सम्भोग गाथा पर आती हु.

मेरी एक बेस्ट फ्रेंड की विवाह होने वाली थी. तो मुझे भी जाना था.

मेरी फ्रेंड दिल्ली में रहती है और मैं मुंबई में. २ दिन पहले, मैं वहां पहुच गयी और अपनी फ्रेंड से खूब बातें की और मस्ती भी की. वो मेरी बेस्ट फ्रेंड थी. अगले दिन उसकी विवाह थी और सभी विवाह की तैयारी में लगे थे - विवाह के रस्मो -रिवाज़ में. उस वक्त मैंने देखा, कि एक बुड्डा आदमी मुझे घुर रहा था. मैंने उसको इग्नोर कर दिया. थोड़ी देर बाद, फिर से देखा.. तो वो आदमी मुझे ही देख रहा था. मैं इधर - उधर हो गयी.

मैंने उसको ३ - ४ बार ऐसे ही नोटिस किया. आखिर, मैंने उसको जाकर पूछ ही लिया, कि आप मुझे क्यों घुर रहे हो? वो बोला - आप अच्छी लग रही है इसलिए देख रहा हु. मैं मन ही मन खुश हुई. पर मैं उसको बोला - आप किसी भी लेडी को ऐसे नहीं घुर सकते हो. वो बोला - मैं किसी भी लेडी को ऐसे नहीं घूरता. लेकिन आप लग ही इतनी सुंदर रही हो, कि आपको देखे बिना रहा नहीं गया. अब तो अन्दर से मुझे बहुत खुश होने लगी थी. मैंने कहा - थैंक्स. उसने कहा - थैंक्स की कोई बात नहीं है.

वैसे मेरा नाम राजीव है. वो करीब ५० - ५५ साल का लग रहा था. मैंने कहा - मेरा नाम सोनिया है. हमारी थोड़ी बातें हुई और अच्छी फ्रेंडशिप भी हो गयी. वो बोला - विवाह का माहौल है. सब अपने काम में बिजी है. चलो ना, हम कहीं बाहर चलते है. मैंने सोचा, ये ठीक रहेगा या नहीं. थोड़ी देर सोचने के बाद, मैं उसके साथ चली गयी. वो बहुत खुश था और मुझे एक शॉप पर ले गया और एक साड़ी खरीद कर दे दी. मैंने कहा - इसकी कोई जरूरत नहीं है. वो बोला - ये हमारी फ्रेंडशिप का पहला गिफ्ट है. मैं बहुत खुश हुई.

फिर वो मुझे रेस्टुरेंट में ले गया और हमने खाना खाया और मेरी खूबसूरती की उसने बहुत तारीफ की. बार - बार वो मुझे टच भी कर रहा था. लेकिन अब मुझे उसको छुने का कोई ऐतराज़ नहीं था. रेस्टुरेंट में बैठे थे हम लोग, उसने टेबल के नीचे से मेरी जांघ पर हाथ रखा. मैंने कहा - ये क्या कर रहे हो आप? उसने कहा - खूबसूरती का मज़ा ले रहा हु. आपके हुस्न का दीवाना जो हो गया हु मैं. अपने इस दीवाने को नाराज़ मत कीजिये. मैं बोली - पर ये गलत है.

मैं एक विवाहशुदा औरत हु. वो बोला - इसमें गलत कुछ नहीं है. ये सब तो आजकल होता रहता है. विवाह के बाद ही तो इसका मज़ा है. और आपकी खूबसूरती के आगे तो सब फीका पड़ जाए और वो मेरी साड़ी को ऊपर करने लगा. मुझे अच्छा नहीं लगा और मैंने कहा - आप ये सब नहीं कर सकते हो. उसने कहा - तो कहाँ करे, आप बोलो? मैंने कहा - यहाँ इतने लोग बैठे है. हम लोग गाड़ी में बैठे और वो मुझे एक होटल में ले गया और एक रूम बुक किया और फिर हम दोनों रूम में चले गए.

उसने रूम में घुसते ही मुझे पकड़ कर गले लगा लिया और कहा - आई लव यू. वो मेरे लिप्स को किस करने लगा. करीब १० मिनट तक किस करने के बाद, उसने मेरी साड़ी उतार दी. फिर उसने मेरा ब्लाउज और पेटीकोट को उतारा. अब मैं उसके सामने ब्रा पेंटी में ही थी. मैं पहली बार किसी पराये मर्द के साथ ये सब कर रही थी.

वो मेरे बूब्स को दबाने लगा और मेरी चुचियो को मसल रहा था. मैं अब गरम हो रही थी. अब मेरे बूब्स भी मोटे हो रहे थे. मैंने भी उसके कपड़े उतारे और उसके लण्ड को हाथ से हिलाने लगी. उसका लण्ड ७ इंच का था. उसके लण्ड से पानी टपक रहा था.

मैंने उसके लण्ड को अपने मुह में ले लिया और मस्ती में चूसने लगी अहाह अहहाह अहहाह ल्प्लप्ल्प्लप्ल्प. अआहाह हहहः श्श्श्स श्श्श.. उसको मजा आ रहा था. उसका लण्ड पूरा तन कर खड़ा हो चूका था. २० मिनट तक, मैंने उसके लण्ड को चूसा और फिर अपनी ब्रा और पेंटी को खोल दी. हम फिर बेड पर लेट गए और वो मेरे बूब्स को चूसने लगा और दबाने लगा. वो मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर चूस रहा था और मेरी चूत से पानी निकल रहा था. अचानक से उसने अपना लण्ड मेरी चूत में घुसा दिया और मुझे चोदने लगा.

मैं भी मज़ा ले रही थी पूरा. उसका लण्ड पूरा मेरी चूत में घुसा हुआ था. मेरी आवाज़ निकल रही थी अहः अहः अहहाह अहः अहः श्श्स श्श्स शश ऊईइ ऊओईइ ओईइ आह करीब १५ मिनट बाद वो झड़ गया. उसने अपना वीर्य मेरी चूत में ही छोड़ दिया. लेकिन मैं अभी शांत नहीं हुई थी. मैं उसके वीर्य से भरे लण्ड को ही चूसने लगी और सारा वीर्य अपने मुह में लेकर पी गयी. वो बोला - आप सेक्सी दिखती ही नहीं.. हो भी बहुत सेक्सी. थोड़ी देर मैं उसका लण्ड वापस तन गया और वो मेरे ऊपर फिर से चढ़ गया.

अब तो मुझे आग लगी हुई थी. हु तो मैं एकदम सीधी औरत पर आज पता नहीं, कैसे एक रंडी की तरह बन गयी थी. वो मेरी चूत को फिर से चोदने लगा. मुझे वो पूरा मजा दे रहा था. साथ में मेरे बूब्स भी दबा रहा था. अब मैं झड़ने वाली थी. पर वो तो अभी वापस उठा था. थोड़ी ही देर में मैं झड़ गयी और उसने कहा - उलटी लेट जाओ. अब आपकी गांड की सेवा करते है. मैंने कहा, कि आज तक मैंने ये किसी के साथ नहीं किया है. प्लीज आप मत करो मेरे साथ.

वो बोला - अरे यार. इसमें भी मज़ा आएगा. लेट जाओ ना प्लीज. उसके इतना कहने के बाद, मैं उलटी कुतिया की तरह लेट गयी और मेरी गांड में अपना लण्ड घुसा रहा था. पर वो पूरा नहीं जा रहा था. अचानक उसने जोर का धक्का लगाया और पूरा लण्ड अन्दर घुस गया. मेरी तो सांस ही निकल गयी और मैं जोर से चिल्लाई. पर वो धीरे - धीरे करके मेरी गांड मार रहा था. अब मुझे भी मज़ा आने लगा था. स्श्श्श श्श्श आईई आःह्ह स्श्शश्श. काफी देर बाद, वो फिर से झड़ गया और उसने अपना वीर्य मेरे मुह में डाल दिया. मैंने उसका वीर्यपान कर लिया. अब हम थक चुके थे और थक कर सो गए.

मैं एक सीधीसादी औरत आज एक गैर मर्द के साथ बाहों में बाहे डालकर सो रही थी. २ घंटे बाद हम उठे और फिर एक बार उसने मुझे चोदा. हम साथ में ही नहाये और अपने कपड़े पहन कर, होटल वाले को किराया दे कर, वापस घर आ गये. फिर बाद में मुझे अफ़सोस भी हुआ, कि यार मैंने जोश - जोश में ये क्या कर दिया. फिर हम विवाह में आ गये और उसके बाद मैं मुंबई वापस आ गयी. मैं उस वाकिये को भूल चुकी हु. लेकिन, कभी जब ये सम्भोग गाथा मुझे याद आ जाती है.. मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है.
 
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