सिंगल सुनैना के साथ मिंगल हुआ

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Hindi sex kahani, antarvasna: दीदी की शादी को अभी कुछ समय ही हुआ था और मैं कुछ दिनों की छुट्टी लेकर घर आया हुआ था, मेरी छुट्टियां भी खत्म होने वाली थी और मुझे मुंबई वापस लौटना था। मैं मुंबई में नौकरी करता हूं और पिछले दो सालों से मैं मुंबई में जॉब कर रहा हूं। कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद मेरा कैंपस प्लेसमेंट में सिलेक्शन हो गया जिसके बाद मैं मुंबई चला गया।

जब मैं मुंबई गया तो वहां पर मेरे दोस्त सोहन ने मेरी बड़ी मदद की सोहन पहले से ही मुंबई में रह रहा था और मैं सोहन के साथ ही मुंबई में कुछ समय तक रहा और फिर उसके बाद मैंने अपना अलग फ्लैट ले लिया। मैं जिस सोसाइटी के फ्लैट में रहता हूं वहीं मेरे पड़ोस में सुनैना भी रहती है। सुनैना के पापा एक बड़े डॉक्टर हैं और सुनैना के साथ मेरी काफी अच्छी बनती है हम दोनों की काफी अच्छी बातचीत है।

हम दोनों जब एक दूसरे को मिलते हैं तो एक दूसरे से बातें जरूर किया करते हैं सुनैना और मेरी दोस्ती काफी अच्छी है। एक दिन सुनैना और मैं कॉलोनी के पार्क में ही बैठे हुए थे उस दिन जब हम दोनों पार्क में बैठकर एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो मुझे सुनैना से बातें करना अच्छा लग रहा था। मैंने सुनैना से कहा की मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है तो सुनैना मुझे कहने लगी कि सार्थक कहो तुम्हें मुझसे क्या बात करनी है। मैं सुनैना के साथ बातें करने लगा था मैंने उस दिन सुनैना से कहा कि क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है। मैंने आज तक कभी भी सुनैना से इस बारे में नहीं पूछा था लेकिन अब मुझे लगने लगा था कि शायद सुनैना को मैं प्यार करने लगा हूँ।

मैंने सुनैना को इस बारे में पूछा तो उसने मुझे बताया कि नहीं वह सिंगल है। हालांकि सुनैना और मैं काफी पहले से एक दूसरे से बात जरूर करते हैं लेकिन फिर भी मैंने उससे कभी भी यह बात नहीं पूछी थी। जब मैंने उससे यह बात कही तो सुनैना को भी यह बात शायद समझ नहीं आई लेकिन उसने मुझसे पूछा कि आखिर तुम मुझसे यह सब क्यों पूछ रहे हो। मैंने सुनैना को कहा कि बस ऐसे ही मैं तुमसे कुछ जानने की कोशिश कर रहा था। सुनैना शायद मेरी बातों को समझ चुकी थी और उसने मुझे कहा कि कहीं तुम मुझे चाहने तो नहीं लगे हुए हो।

यह बात सुनकर मैंने सुनैना को कहा कि हां सुनैना कुछ ऐसा ही समझ लो सुनैना मेरी बात पर गुस्सा हो गई और वह वहां से चली गई। मुझे कुछ समझ नहीं आया कि आखिर वह मेरी बात पर क्यों गुस्सा हुई। वह जा चुकी थी मैंने उसके बाद सुनैना को काफी बार फोन करने की कोशिश की लेकिन वह मुझसे बात ही नहीं करना चाहती थी। मैं जब भी सुनैना से बात करने की कोशिश करता तो वह मुझसे बिल्कुल भी बात नहीं करती थी। मैं एक दिन सुनैना को मिला उस दिन सुनैना लिफ्ट के पास खड़ी होकर लिफ्ट का इंतजार कर रही थी। मैंने जब सुनैना को कहा कि सुनैना मुझे तुमसे कुछ बात करनी है तो सुनैना मुझे कहने लगी कि सार्थक आखिर तुम्हें मुझसे क्या बात करनी है।

मैंने सुनैना को कहा कि बस ऐसे ही मैं तुमसे कुछ बातें करना चाहता हूं। उस दिन सुनैना मेरे साथ कॉलोनी के बाहर कॉफी शॉप में बैठी हुई थी मैंने सुनैना को कहा कि सुनैना तुमने शायद मुझे गलत समझ लिया है ऐसा कुछ भी नहीं था जैसा तुम सोच रही हो मुझे तुम पसंद जरूर हो लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं है कि तुम भी मुझे पसंद करती हो, तुम्हारे दिल में मेरे लिए प्यार हो यह तो जरूरी नहीं है।

सुनैना और मैं एक दूसरे से बातें करने लगे थे और जब सुनैना और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे तो हम दोनों को ही अच्छा लग रहा था। मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि मैं और सुनैना एक दूसरे से दोबारा से बातें करने लगे हैं लेकिन मुझे यह बात नहीं मालूम थी कि सुनैना भी अब मुझे प्यार करने लगी है। समय के साथ साथ सुनैना का नजरिया भी मेरे लिए बदलता चला गया था और वह मुझसे बहुत ज्यादा प्यार करने लगी थी। मैं भी इस बात से बड़ा खुश था की सुनैना मुझसे प्यार करने लगी है।

सुनैना और मैं जब भी एक दूसरे के साथ में होते तो हम दोनों साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया करते। सुनैना की भी अब नौकरी लग चुकी थी और वह मुझे कम ही मिला करती थी लेकिन फिर भी जब हम दोनों एक दूसरे से मिलते तो हम दोनों को बहुत अच्छा लगता। एक दिन हम दोनों ने मूवी देखने का प्लान बनाया और उस दिन हम मूवी देखने के लिए चले गए। जब हम दोनों उस दिन साथ में मूवी देख रहे थे तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लग रहा था और साथ में हम दोनों ने काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया।

हम दोनों उस दिन देर रात को घर लौटे लेकिन सुनैना के पापा ने हम दोनों को देख लिया था जिस कारण सुनैना के पापा हम दोनों पर बहुत ही गुस्सा हो गए और उन्होंने सुनैना को मुझसे मिलने से मना कर दिया। मुझे कुछ समझ नहीं आया लेकिन फिर भी सुनैना मुझसे चोरी छुपे मुलाकात कर ही लिया करती थी और जब भी सुनैना मुझसे मिला करती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था।

सुनैना को भी बड़ा अच्छा लगता जब भी हम दोनों साथ में समय बिताया करते। सुनैना मुझसे मिलने के लिए फ्लैट में आ गई वह मुझसे चोरी छुपे मिलने के लिए आई थी मैंने अपने फ्लैट का दरवाजा बंद कर लिया और हम दोनों साथ में बैठे हुए थे। मैं और सुनैना एक दूसरे से बातें कर रहे थे। सुनैना मुझे कहने लगी सार्थक मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकती हूं। सुनैना मेरे लिए कहीं ना कहीं तड़पने लगी थी उसकी जवानी फूटने लगी थी क्योंकि वह चाहती थी वह मेरे साथ शारीरिक सुख का मजा ले इसलिए वह मेरे पास आई थी।

सुनैना मेरे लिए बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी थी मैंने सुनैना को अपने पास बैठने के लिए कहा तो वह मुझसे चिपकने की कोशिश करने लगी थी। उसकी चूतडे मुझ से टकराने लगी थी जिसके बाद मेरी गर्मी और भी ज्यादा बढती जा रही थी मेरी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी मैं बिल्कुल भी अपने आपको रोक नहीं पा रहा था ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था ना ही सुनैना अपने आपको रोक पा रही थी इसलिए हम दोनों ने एक दूसरे से अपने होंठो को टकराना शुरू कर दिया था।

हम अपने होंठो को आपस में टकराने लगे थे जिसके बाद हम दोनों की गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी मैं बिल्कुल भी अपने आपको रोक नहीं पा रहा था। मैं अपने हाथों से उसके स्तनों को दबाने लगा था। मैं जब उसके स्तनो को दबाए जा रहा था तो उसकी गर्म सिसकारियां मुझे और भी ज्यादा गर्म कर रही थी।

मैं समझ चुका था वह बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी है वह शायद अपने आपको रोक नहीं पा रही थी लेकिन जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसे सुनैना ने अपने मुंह में ले लिया और वह उसे बड़े ही अच्छे तरीके से चूसने लगी थी। वह जिस तरीके से मेरे लंड को चूस रही थी उससे मुझे मजा आने लगा था और सुनैना को भी बड़ा मजा आने लगा था। वह जिस तरीके से मेरा साथ दे रही थी वह मुझे गरम कर रही थी। मै सुनैना के स्तनों पर अपने लंड को रगडने लगा था।

जब मैं उसके स्तनों को अपने लंड पर रगड रहा था तो वह गर्म हो रही थी और मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जाएगा मैं अपने आपको रोक नहीं पाऊंगी। मैंने सुनैना की पैंटी को उतारा तो उसकी चूत और उसकी पैंटी पूरी तरीके से गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ को लगाया और उसे काफी देर तक चाटा जब मैं सुनैना की चूत को चाट रहा था तो उसे मजा आने लगा था और मुझे भी बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मैं उसकी योनि का रसपान कर रहा था।

मैं और सुनैना एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाते जा रहे थे हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी जैसे ही मैंने सुनैना कि चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो सुनैना की चूत से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था। सुनैना बड़ी तेजी से चिल्लाने लगी थी वह कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुके थे। जब मैंने सुनैना की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किया तो उसे मज़ा आने लगा और वह कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है।

अब हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दिए जा रहे थे मेरे धक्को में और भी तेजी आने लगी थी। मैंने सुनैना के पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था लेकिन जब मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो उसकी योनि से खून बाहर की तरफ को निकलने लगा था और वह बड़ी तेज आवाज मे सिसकारियां ले रही थी।

मैं उसे बड़ी ही तेजी से चोदे जा रहा था उसका शरीर पूरी तरीके से हिलता जा रहा था जिससे कि मुझे सुनैना को चोदने में मजा आ रहा था लेकिन अब उसने भी मुझे पैरों के बीच में जकडना शुरू कर दिया था। जब उसने मुझे अपने पैरों के बीच मे जकडना शुरू किया तो मुझे बड़ा ही अच्छा लगने लगा और मुझे उसकी योनि टाइट महसूस होने लगी थी।

मैंने उसकी चूत के अंदर अपने वीर्य को गिरा दिया था और मेरा माल उसकी चूत में गिरते ही मैं खुश हो गया था और वह भी बड़ी खुश थी। जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स का मजा लिया था हम दोनों बड़े खुश थे। जब हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स किया तै सुनैना उसके बाद मुझसे मिलने के लिए आती ही रहती थी।
 
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