भानु की बहन सीमा की सेक्सी कहानी आज मैं आप सभी के सामने लेकर प्रस्तुत हूँ | दोस्तों, इतनी भी देसी नहीं थी जितनी मैं समझता था और आज आपको उसकी की कहानी सुनाने जा रहा हूँ | दोस्तों वो बड़ी ही रोमांटिक किस्म की लड़की थी और मैं उससे जब भी घर में देखता था तो हमेशा रोमांटिक नोवल ही पढ़ती रहती थी | मैं उसे जब बिस्तर पर उलटे लेटे हुए नोवल पढते हुए देखता था तो मन करता था की उप्पर से इसके उप्पर लेट जाऊं और उसकी खुली गांड को ठोक - बजाकर अपने लंड से चीर डालूं | ख़ैर यह मौका मुझे जल्द ही मिल गया जब सीमा के भाई भानु के दिन अपनी बहन के जन्म दिन पर मुझे घर बुलाया | वो शाम का समय था और हमने खूब खुशी से उसका जन्मदिन मनाया |
उस दिन वो अपने सफ़ेद कपड़ों में बड़ी गजब माल रही थी बिलकुल चुदाई की इकलौती मूरत |जब पार्टी खत्म हुई तो सब नीचे को घूमने चल पड़े और मेरा दोस्त भानु अपने कुछ और दोस्तों के साथ बाईक पर घूमने चल पड़ा | सीमा के माता पिता अपने में मग्न थे और इसी बहाने मुझे सीमा का साथ मिल गया था | हम दोनों बात कर रहे थे और तभी उसने मुझे पूछा, तुमने मुझे कुछ तौफा नहीं दिया . . ?? मैंने हंसकर कहा, देने को तो बहुत कुछ है पर कुछ अपना सा देना चाहता हूँ . . .!! वो शर्मा उठी और मैं उसके करीब बढ़ता हुआ सुम्डी में उसके गालों पर चुम्मी ले ली | वो शांत रही तभी मैं उसे टंकी के पीछे ले गया और उसके साथ रोमांटिक होता हुआ उससे लिपटते हुए चुम्मा चाटी का कार्यक्रम शुरू कर डाला |
वो भी उतावले मन से मुझे चूम रही थी और मुझे पता भी था जो लडकियां रोमांटिक नोवल पढ़ती है वो आम तौर पर अन्य लड़कियों से अपनी चुत पिलवाना ज्यादा पसंद करती हैं !! मैंने फटाफट उसके कपड़ों को बारी बारे उतारने लगा | मैं अब उसके चूमता हुआ उसके गोरे जवान चुचों को चूसता हुआ पीने लगा | सीमा मज़े में चूर होती हुई बस सिसकियाँ भरती जा रही थी और मैं उसे वहीँ नीचे गिर्दा दिया और उसकी पैंटी उतार दी | मैंने सीमा की चुत मसलते हुए ऊँगली देनी चालू कर दी जिसपर वो मस्त वाली सिकारियां लेती हुई तडप रही थी | मुझे रुका न गया तो एक बारे में अपने लंड को निकाला और सीमा की चूत में ठूंसकर मस्त धक्के देते हुए चोदता चला गया |
मेरे तेज धक्कों से सीमा ज़ोरों की चींखें भरने लगी और च्यूंकि वो अपनी चुत में ऊँगलीबाज़ी तो किया करती थी इसी वजह से वो मेरे सभी धक्कों को अपनी चुदेली चुत में सह पा रही थी | मैंने अपनी लंड की रफ़्तार को बड़ा दी और उसके साथ बेतहाशा चुदाई किये जा रहे थे | मैं उसे कहने लगा यह तुम्हारे जन्मदिन का तौफा. .!! और बस धक्के पे धक्के पेले जा रहा था | मैं इतने जोश में धक्के पेल रहा तह की शीग्रस्खलित होना तो बनता ही था और मैं वहीं झड गया | सीमा मुस्काते हुए मुझे प्यारा भरी नज़रों से देख रही पर मेरे चेहरे पर अभी वासना का साया था | अब वो रोमांटिक नोवल के बजाए सेक्सी कहानी पढ़ती है बिलकुल मेरी और आप सभी की तरह |
उस दिन वो अपने सफ़ेद कपड़ों में बड़ी गजब माल रही थी बिलकुल चुदाई की इकलौती मूरत |जब पार्टी खत्म हुई तो सब नीचे को घूमने चल पड़े और मेरा दोस्त भानु अपने कुछ और दोस्तों के साथ बाईक पर घूमने चल पड़ा | सीमा के माता पिता अपने में मग्न थे और इसी बहाने मुझे सीमा का साथ मिल गया था | हम दोनों बात कर रहे थे और तभी उसने मुझे पूछा, तुमने मुझे कुछ तौफा नहीं दिया . . ?? मैंने हंसकर कहा, देने को तो बहुत कुछ है पर कुछ अपना सा देना चाहता हूँ . . .!! वो शर्मा उठी और मैं उसके करीब बढ़ता हुआ सुम्डी में उसके गालों पर चुम्मी ले ली | वो शांत रही तभी मैं उसे टंकी के पीछे ले गया और उसके साथ रोमांटिक होता हुआ उससे लिपटते हुए चुम्मा चाटी का कार्यक्रम शुरू कर डाला |
वो भी उतावले मन से मुझे चूम रही थी और मुझे पता भी था जो लडकियां रोमांटिक नोवल पढ़ती है वो आम तौर पर अन्य लड़कियों से अपनी चुत पिलवाना ज्यादा पसंद करती हैं !! मैंने फटाफट उसके कपड़ों को बारी बारे उतारने लगा | मैं अब उसके चूमता हुआ उसके गोरे जवान चुचों को चूसता हुआ पीने लगा | सीमा मज़े में चूर होती हुई बस सिसकियाँ भरती जा रही थी और मैं उसे वहीँ नीचे गिर्दा दिया और उसकी पैंटी उतार दी | मैंने सीमा की चुत मसलते हुए ऊँगली देनी चालू कर दी जिसपर वो मस्त वाली सिकारियां लेती हुई तडप रही थी | मुझे रुका न गया तो एक बारे में अपने लंड को निकाला और सीमा की चूत में ठूंसकर मस्त धक्के देते हुए चोदता चला गया |
मेरे तेज धक्कों से सीमा ज़ोरों की चींखें भरने लगी और च्यूंकि वो अपनी चुत में ऊँगलीबाज़ी तो किया करती थी इसी वजह से वो मेरे सभी धक्कों को अपनी चुदेली चुत में सह पा रही थी | मैंने अपनी लंड की रफ़्तार को बड़ा दी और उसके साथ बेतहाशा चुदाई किये जा रहे थे | मैं उसे कहने लगा यह तुम्हारे जन्मदिन का तौफा. .!! और बस धक्के पे धक्के पेले जा रहा था | मैं इतने जोश में धक्के पेल रहा तह की शीग्रस्खलित होना तो बनता ही था और मैं वहीं झड गया | सीमा मुस्काते हुए मुझे प्यारा भरी नज़रों से देख रही पर मेरे चेहरे पर अभी वासना का साया था | अब वो रोमांटिक नोवल के बजाए सेक्सी कहानी पढ़ती है बिलकुल मेरी और आप सभी की तरह |