सुरभि की कुंवारी चूत चोदने का मौका

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Antarvasna, desi chudai ki kahani: जब भी मैं और सुरभि साथ में होते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता सुरभि और मैं एक साथ ही जॉब करते हैं और हम दोनों काफी अच्छे दोस्त बन चुके हैं। हमारी दोस्ती अब प्यार में भी बदलने लगी और मैं इस बात से बड़ा खुश हूं कि सुरभि और मैं एक दूसरे के साथ रिलेशन में है और हम दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे हैं। हम दोनों का रिलेशन बड़ा ही अच्छा चल रहा था और हम लोगों के रिलेशन को अभी तीन महीने ही हुए थे। मैं सुरभि को ज्यादा से ज्यादा समय देने की कोशिश करता और वह भी मेरे साथ खुश रहती हम दोनों साथ मे बहुत खुश थे। एक दिन मैंने सुरभि से कहा कि मुझे तुम्हारे साथ आज अकेले में टाइम स्पेंड करना है तो सुरभि ने मुझे कहा कि रोहित आज मुझे घर जाना है लेकिन कल हम लोग साथ में टाइम स्पेंड करते हैं। अगले दिन हम दोनों ने साथ में समय बिताया उस दिन मैं सुरभि के साथ बहुत ही ज्यादा खुश था और सुरभि भी मेरे साथ समय बिता कर कहीं ना कहीं बहुत ज्यादा खुश थी।

हम दोनों ने उस दिन साथ में डिनर किया और उसके बाद मैंने उसे उसके घर छोड़ दिया सुरभि को उसके घर छोड़ने के बाद मैं भी अपने घर लौट आया था। मेरे और सुरभि के बीच में बहुत ही ज्यादा प्यार था लेकिन उस प्यार को शायद किसी की नजर लग चुकी थी। हमारे ऑफिस में ही महिमा नौकरी करती है जो कि मुझे काफी पसंद करती है लेकिन मैंने महिमा को कभी भी अपने दोस्त के रूप में स्वीकार नहीं किया मैं सिर्फ उससे बात क्या करता था। जब मुझे कुछ जरूरी काम होता तो तब ही मैं उससे बात किया करता लेकिन महिमा मुझे बहुत चाहने लगी थी और उसकी वजह से मेरे और सुरभि के बीच में कहीं ना कहीं तकलीफें पैदा होने लगी थी। हम दोनों एक दूसरे को मिलते भी तो सुरभि और मेरे बीच महिमा को लेकर बात हो ही जाती थी। मैंने सुरभि को कई बार समझाने की कोशिश की कि महिमा और मेरे बीच कुछ भी नहीं है लेकिन सुरभि के दिमाग में महिमा को लेकर बात चल रही थी और वह चाहती थी कि हम दोनों अब एक दूसरे से अलग ही रहे।

मुझे ऐसा कभी लगा भी नहीं था कि सुरभि और मेरे बीच में कभी इतनी दूरियां भी बढ़ जाएंगे कि हम दोनों एक दूसरे से अलग होने का फैसला कर लेंगे। हम दोनों ने एक दूसरे से अलग होने का फैसला तो कर लिया था लेकिन मेरा दिल बिल्कुल भी नहीं मान रहा था मैं सुरभि के बिना एडजेस्ट नहीं कर पा रहा था और ना ही सुरभि अपने आपको एडजस्ट कर पा रही थी। हम दोनों अब एक दूसरे से अलग हो चुके थे यह सब महिमा की वजह से ही हुआ था अगर महिमा सुरभि को कभी भी इस बारे में नहीं कहती तो शायद कभी भी सुरभि और मेरा रिलेशन खतरे में नहीं पड़ता। उसके बाद मैंने महिमा से कभी बात ही नहीं की और मैंने अपने ऑफिस से भी रिजाइन दे दिया। सुरभि ने भी कुछ समय बाद वह ऑफिस छोड़ दिया था हम दोनों के बीच में इतनी दीवार बन चुकी थी कि हम दोनों एक दूसरे से बात करना भी पसंद नहीं करते थे और मेरी बात सुरभि से काफी समय समय तक नहीं हो पाई थी।

मैं चाहता था कि उससे मैं बात करूं लेकिन अभी तक मेरी सुरभि से कोई भी बात नहीं हो पाई थी। मैंने सुरभि को समझाने की कोशिश की कि मैं उससे बात करना चाहता हूं लेकिन सुरभि थी कि मेरी बात मानने को तैयार ही नहीं थी और हम दोनों एक दूसरे से अलग होते चले गए। मैंने अब अपना नया ऑफिस ज्वाइन कर लिया था और काफी समय हो गया मेरा सुरभि से कोई भी संपर्क नहीं हो पाया था। ना ही उसने मुझे कोई फोन किया था और ना ही मैंने उसे कोई फोन किया था लेकिन उस दिन जब मैंने सुरभि को फोन किया तो मैं और सुरभि एक दूसरे को मिलना चाहते थे। मैं चाहता था कि सुरभि और मेरे बीच की सारी प्रॉब्लम अब सॉल्व हो जाए और इसी वजह से मैंने उस दिन सुरभि को मिलने के लिए बुलाया। जब मैंने सुरभि को मिलने के लिए बोला तो पहले तो वह मुझसे मिलने के लिए तैयार नहीं थी लेकिन फिर वह मेरी बात मान गई और किसी तरीके से वह मुझसे मिलने के लिए आ गई।

जब वह मुझसे मिलने के लिए आ गई तो हम दोनों साथ में बैठकर एक दूसरे से बातें कर रहे थे मैंने सुरभि को समझाया और उसे कहा कि मेरे और महिमा के बीच ऐसा कुछ भी नहीं था। सुरभि ने मुझे कहा कि रोहित मुझे सब कुछ पता चल चुका है इसलिए तो मैंने आज तुमसे मिलने का फैसला किया और मैं तुमसे माफी मांगना चाहती हूं कि मेरी वजह से तुम्हें इतनी परेशानी का सामना करना पड़ा। मैंने सुरभि को कहा कि मैंने कोई भी परेशानी का सामना नहीं किया है लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि हम दोनों के बीच में दूरियां बढ़ जाएंगे लेकिन अब हम दोनों का रिलेशन दोबारा से चलने लगा था। मैंने जब सुरभि को पूछा कि यह बात तुम्हें किसने बताई तो उसने मुझे कहा कि यह सब मुझे महिमा ने बताया है और सुरभि ने मुझे कहा कि महिमा ने मुझे बताया कि उसकी वजह से ही हम दोनों के बीच में इतनी बड़ी दीवार पैदा हुई थी लेकिन अब हम दोनों के बीच सब कुछ ठीक होने लगा था। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे कि हम दोनों के बीच में अब सब कुछ ठीक होने लगा है। मैं सुरभि के साथ रिलेशन में रहकर बहुत ही ज्यादा खुश था हम दोनों के रिलेशन को काफी समय भी तो हो गया था लेकिन अभी तक हम दोनों ने अपने आगे के जीवन के बारे में कुछ सोचा नहीं था।

एक रोज सुरभि और मैं एक दूसरे को मिले उस दिन हम दोनों ने साथ में डिनर किया। उस दिन मैंने सुरभि को कहा मैं तुम्हारे साथ आज रुकना चाहता हूं। यह पहली बार ही था जब मैंने सुरभि से इस प्रकार की बातें की थी हम दोनों के बीच कभी भी कुछ नहीं हुआ था लेकिन सुरभि ने भी मेरी बात मान ली और वह मेरे साथ रूकने के लिए तैयार हो चुकी थी। मैं सुरभि से बड़ा खुश था सुरभि और मैं एक दूसरे के साथ रूकने वाले हैं। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश हो गए थे मैंने जब होटल में रूम लिया तो सुरभि और मैं साथ में ही थे मैं और सुरभि एक दूसरे के साथ बैठे हुए थे। मैंने सुरभि के हाथों को पकड़ लिया और उसके हाथ पकड़कर सहलाने लगा। जब मैं सुरभि के हाथों को पकड़कर सहलाने लगा तो मुझे बहुत ही मजा आने लगा था और सुरभि को भी अच्छा लगने लगा था वह गर्म होती जा रही थी और मैं भी गरम हो गया था। मैंने सुरभि से कहा मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है लेकिन जैसे ही मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो उसे देखते ही सुरभि ने अपने हाथों में ले लिया और वह उसे हिलाने लगी। मैंने कभी भी उम्मीद नहीं की थी सुरभि भी मेरे लिए इतना तड़पने लगी होंगी जैसे ही उसने अपने जीभ को मेरे लंड पर लगाकर चाटना शुरू किया तो मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था। सुरभि को बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था वह जिस तरीके से मेरा साथ दे रही थी उससे सुरभि और मैं एक दूसरे के साथ गरम होते जा रहे थे।

हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश हो चुके थे अब मैंने सुरभि के कपड़ों को खोल दिया सुरभि ने मेरे लंड को बड़े ही अच्छी तरीके से चूसा। उसने मेरे लंड से पूरी तरीके से पानी भी बाहर निकाल दिया था। अब मैं और सुरभि एक दूसरे की गर्मी को झेल नहीं पा रहे थे। मैंने सुरभि से कहा मैं अब तुम्हारे स्तनों को चूसना चाहता हूं। मैंने सुरभि के स्तनों का रसपान करना शुरू कर दिया जब मैं उसके स्तनों का रसपान कर रहा था तो मुझे बड़ा मजा आने लगा था और उसे भी बहुत ही अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। मैं बहुत ज्यादा खुश था मैंने सुरभि से कहा मैं तुम्हारे स्तनों को चूस कर बहुत ही खुश हूं। मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा है जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे का साथ दे रहे थे।

मैंने सुरभि की चूत पर अपने लंड को लगाया जब मैंने अपने लंड को सुरभि की योनि पर लगाया तो उसकी चूत में एक भी बाल नहीं था और उसकी चिकनी चूत को मैं बड़े अच्छे से चाटना चाहता था मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को धीरे धीरे अंदर की तरफ डालना शुरू किया। मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर चला गया था जब मेरा लंड उसकी योनि को चीरता हुआ अंदर घुसा तो वह बहुत जोर से चिल्ला कर बोली मुझे तो मजा आ गया। अब हम दोनों को बड़ा मजा आ गया था और हम दोनों एक दूसरे का साथ बहुत ही अच्छे से देने लगे थे।

मैं सुरभि के साथ बड़े ही अच्छे से सेक्स कर रहा था और वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी उसकी योनि से खून भी बाहर की तरफ को आने लगा था। मैंने देखा उसकी चूत से खून बाहर की तरफ को निकलने लगा है हम दोनों बहुत ज्यादा मजे में आ चुके थे। मैं और सुरभि एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा खुश थे जिस प्रकार से हम दोनों ने एक दूसरे का साथ दिया उससे हम दोनों को बहुत ही मजा आया।

उसके बाद मैंने और सुरभि ने दोबारा से सेक्स करने के बारे में सोचो उसने मेरे लंड को दोबारा से खड़ा कर दिया था। मेरा लंड उसकी योनि में दोबारा जाने के लिए तैयार था मैंने उसकी चूत में अपने लंड को घुसा दिया था। उसकी योनि में मेरा लंड जाते ही वह जोर से चिल्लाने लगी और कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।

अब हम दोनों को बड़ा मजा आने लगा था मुझे भी काफी ज्यादा अच्छा लग रहा है। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ बड़े ही अच्छे से दिया और मैंने अपनी वीर्य की पिचकारी सुरभि की चूत मे डाल दी। मुझे बहुत ही अच्छा लगा और हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स किया था।
 
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