सुहानी ने अपने पैरों को चौड़ा किया

sexstories

Administrator
Staff member
Antarvasna, hindi sex kahani: हर रोज की तरह जब मैं शाम के वक्त अपने ऑफिस से घर लौट रहा था तो उस वक्त मुझे सुहानी दिखी। सुहानी जो कि हमारी कॉलोनी में ही रहती है सुहानी से मैं बहुत प्यार करता हूं लेकिन उससे मैं कभी अपने प्यार का इजहार कर नहीं पाया था। सुहानी को मैं बचपन से जानता हूं हम दोनों काफी अच्छे दोस्त भी हैं। जब सुहानी मुझसे मिली तो वह मुझे कहने लगी कि राजेश मुझे तुमसे कुछ जरूरी काम था तो मैंने सुहानी से कहा कि हां सुहानी कहो ना तुम्हें क्या जरूरी काम था।

सुहानी ने मुझे बताया कि उसे नौकरी की बहुत ज्यादा जरूरत है मैंने सुहानी को कहा कि मैं अपने ऑफिस में तुम्हारी जॉब की बात कर लेता हूं। सुहानी ने कहा कि ठीक है राजेश तुम अपने ऑफिस में मेरी जॉब की बात कर लेना। मैं कुछ समझ नहीं पाया था क्योंकि सुहानी की फैमिली में तो सब कुछ ठीक था लेकिन अचानक से सुहानी ने मुझसे नौकरी की बात कही तो मुझे कुछ भी समझ नहीं आया की आखिर उसके घर पर चल क्या रहा था। जब मुझे असलियत का पता चला तो मैं काफी हैरान था।

मुझे पता चला कि सुहानी के पापा और मम्मी के बीच बिल्कुल भी नहीं बनती थी जिस वजह से उन लोगों के बीच में काफी ज्यादा झगड़े होने लगे थे और सुहानी इस बात से बहुत ज्यादा परेशान रहने लगी थी। वह चाहती थी कि वह कहीं जॉब करें यही वजह थी कि सुहानी ने अब जॉब करने का फैसला किया था और सुहानी कि जॉब मेरे ऑफिस में ही लग चुकी थी। सुहानी अपने काम पर अच्छे से ध्यान दे रही थी और वह जब भी मेरे साथ होती तो मुझे काफी अच्छा लगता।

हम दोनों एक दूसरे के काफी ज्यादा करीब आते जा रहे थे क्योंकि मैं सुहानी को अच्छे से समझता और उसे भी बहुत अच्छा लगता था इसलिए हम दोनों एक दूसरे के बहुत ही ज्यादा करीब आने लगे थे। अब वह समय नजदीक आ चुका था जब सुहानी और मैं एक दूसरे के करीब आ चुके थे। सुहानी और मैं एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी रह नहीं पाते थे हम दोनों एक दूसरे को बहुत ही ज्यादा प्यार करने लगे थे और मैं सुहानी के साथ रिलेशन में बहुत ही ज्यादा खुश था। जिस तरीके से सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ रिलेशन में थे उससे हम दोनों को बहुत ज्यादा अच्छा लगता है हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते।

समय के साथ सब कुछ बदलता जा रहा था और मेरे और सुहानी की जिंदगी में भी अच्छा होता जा रहा था। सुहानी के पापा मम्मी के झगड़े हर रोज होते हैं जिससे सुहानी बहुत ज्यादा परेशान रहने लगी थी। वह इतनी ज्यादा परेशान हो चुकी थी कि अब सुहानी चाहती थी कि वह भी मुझसे शादी कर ले। सुहानी ने मुझसे यह बात कही तो मैं भी इस बात के लिए तैयार था कि सुहानी मुझसे शादी कर ले क्योंकि मैं तो सुहानी को बहुत ही ज्यादा पसंद करता हूं। मैं तो चाहता ही था कि सुहानी मुझसे शादी कर ले इसलिए हम दोनों ने पूरी तरीके से फैसला कर लिया था कि हम दोनों एक हो जाएंगे। जल्द ही हम दोनों शादी के बंधन में बनने जा रहे थे लेकिन सुहानी के पापा को यह रिश्ता बिल्कुल भी मंजूर नहीं था परन्तु फिर भी सुहानी की मम्मी ने हम दोनों का ही साथ दिया।

अब सुहानी और मैं एक दूसरे से शादी करने के लिए तैयार थे मैं बहुत ज्यादा खुश था कि सुहानी मेरी पत्नी बनने वाली है क्योंकि मैंने कभी सोचा भी नहीं था जिस तरीके से सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ में रिलेशन में थे। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश हैं और अब सब कुछ ठीक हो चुका था सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ में शादी करने के लिए तैयार हो चुके थे और हम दोनों की शादी बड़ी धूमधाम से हुई।

जब हम दोनों की शादी हुई तो उसके बाद मैं और सुहानी एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश थे और हम दोनों को एक दूसरे के साथ में समय बिताना अच्छा लगता है। सुहानी ने अब जॉब छोड़ दी थी जिसके बाद वह घर पर ही ज्यादा समय पापा और मम्मी को दिया करती थी। पापा और मम्मी की देखभाल सुहानी बड़े अच्छे से कर रही थी जिससे कि मैं बहुत ज्यादा खुश था और सुहानी भी काफी खुश थी कि हमारी जिंदगी अच्छे से चलने लगी है।

मैं नहीं चाहता था कि सुहानी और मेरी जिंदगी में कभी भी कोई परेशानी आये इसलिए मैं सुहानी को हमेशा खुशी देने की कोशिश करता जिससे कि उसे कभी भी कोई परेशानी ना आए। हम दोनों की शादी को भी कुछ महीने ही हुए थे लेकिन अचानक से एक दिन सुहानी की तबीयत काफी ज्यादा खराब हो गई जिसके बाद मुझे सुहानी को अपने घर के नजदीकी अस्पताल में लेकर जाना पड़ा। जब मैं उसे वहां पर लेकर गया तो सुहानी ने मुझे कहा कि राजेश आप तो बेवजह ही मेरी इतनी टेंशन ले रहे हैं लेकिन मुझे मालूम था कि सुहानी की तबीयत काफी ज्यादा खराब है।

कुछ दिनों तक सुहानी अस्पताल में ही एडमिट रही और उसके बाद जब डॉक्टरों ने सुहानी को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया तो अब मुझे ही कुछ दिनों के लिए सुहानी की देखभाल करनी थी। मैंने ऑफिस से छुट्टी भी ले ली थी मैं सुहानी की देखभाल अच्छे से कर रहा था सुहानी अब ठीक हो चुकी थी। मुझे भी इस बात की खुशी थी कि अब सुहानी पहले से ज्यादा ठीक महसूस कर पा रही है। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जिस तरीके से सुहानी और मैं एक दूसरे के साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करते थे। सुहानी चाहती थी कि हम लोग कहीं घूमने के लिए जाएं और हम दोनों ने घूमने का फैसला किया।

जब हम दोनों घूमने के लिए मनाली गए तो वहां पर हम दोनों साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड कर रहे थे। मैं सुहानी के साथ काफी ज्यादा खुश था और सुहानी भी मेरे साथ बहुत ज्यादा खुश थी। हम लोग शादी के बाद पहली बार ही कहीं घूमने के लिए गए थे जिससे कि मैं और सुहानी बहुत ही ज्यादा खुश है। हम दोनों साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड कर रहे थे। उस रात सुहानी और मैं साथ में लेटे हुए थे। मैंने अपने हाथों को सुहानी के स्तनों पर रख दिया था सुहानी भी मेरी तरफ देखने लगी थी। जब वह मेरी तरफ देख रही थी मैंने उसके होठों पर चूम लिया और हम दोनों पूरी तरीके से रोमांटिक हो चुके थे।

हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स करने के लिए तड़प रहे थे। मैंने सुहानी के होंठों को चूमना शुरू कर दिया था उसकी गर्मी को मैं पूरी तरीके से बड़ा चुका था। उसके गर्मी अब काफी ज्यादा बढ़ने लगी थी जिसके बाद सुहानी और मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे अब हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो सुहानी ने उसे अपने कोमल हाथों में ले लिया वह उसे हिलाने लगी। जब वह मेरे लंड को हिला रही थी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा था और सुहानी को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को हिलाने लगी थी।

अब उसकी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी मेरी गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैंने सुहानी से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो। उसने मेरे पूरे लंड को अपने मुंह के अंदर तक ले लिया वह उसे सकिंग करने लगी जिस तरीके से सुहानी मेरे लंड को चूसने लगी थी मेरी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी और मेरे लंड से पानी निकलने लगा था। मेरे मोटे लंड से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मैं और सुहानी एक दूसरे के साथ सेक्स के मज़े लेन रहे थे।

मैंने सुहानी के स्तनों को चूसना शुरू कर दिया था जब मैं उसके स्तनों को चूस रहा था मुझे मजा आने लगा था और सुहानी को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। मैंने सुहानी के स्तनो को बहुत देर तक चूसा काफी देर तक मैंने उसके स्तनो को चूसा। उसके बाद उसकी योनि पर जैसे ही मैंने अपनी उंगली का स्पर्श किया वह गर्म हो गई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगने लगा है। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होने लगे थे मेरी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढने लगी थी सुहानी भी गर्म हो चुकी थी। मैंने उसकी योनि पर अपने लंड को टच किया तो वह तड़पने लगी थी।

सुहानी की चूत से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था वह बहुत ही ज्यादा तडपने लगी थी। मैंने उससे कहा मेरी गर्मी को तुमने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। सुहानी और मैं पूरी तरीके से गर्म होते जा रहे थे उसकी गर्रशमी बहुत ही ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने सुहानी से कहा मैं अब तुम्हारी चूत में लंड को डालना चाहता हूं सुहानी के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कुराहट थी। मैंने सुहानी की योनि के अंदर जैसे में लंड को डाला तो सुहानी की चूत में दर्द होने लगा था मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था जिस तरीके से मैं और सुहानी एक दूसरे की गर्मी का मजा ले रहे थे।

मैंने उसे बहुत तेजी से चोदना शुरू कर दिया था। मैं उसे बड़ी ही तेज गति से धक्के दिए जा रहा था जिससे कि सुहानी और मैं एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। जब हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स कर रहे थे उससे मुझे और सुहानी को बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। हम दोनों एक दूसरे के लिए बहुत ही ज्यादा तड़पने लगे थे। जब हम दोनों पूरी तरीके से तड़पने लगे थे तो मैंने सुहानी को कहा मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा है।

सुहानी ने अपने पैरों को चौड़ा कर लिया था जब उसने अपने पैरों को चौड़ा किया उसके बाद मेरा लंड बड़ी ही आसानी से उसकी योनि के अंदर जा रहा था जिससे कि सुहानी को बड़ा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। मैं और सुहानी एक दूसरे का साथ अच्छे से दिए जा रहे थे जब मैं उसे धक्के दिए जा रहा था वह पूरी तरीके से गर्म होती जा रही थी और उसकी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। सुहानी को अच्छा लग रहा था मैंने उसकी चूत मे माल गिराने का फैसला कर लिया था क्योंकि मेरा वीर्य बाहर आ चुका था और मेरे वीर्य की पिचकारी उसकी चूत मे गिर गई।
 
Back
Top