सुहानी ने मेरा लंड मुँह में लिया

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Hindi sex kahani, antarvasna: कॉलेज का मेरा पहला दिन ही था मैं अपनी क्लास में बैठा हुआ था मेरे बगल में आकर एक लड़का बैठा उससे मेरी बात होने लगी तो हम दोनों का परिचय भी होने लगा था उसका नाम रमन है। रमन और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे कि तभी प्रोफेसर आ गए और क्लास में सब लोगों से उन्होंने परिचय लिया। उस दिन ज्यादा बच्चे नहीं थे लेकिन हम लोग एक दूसरे को पहचानने लगे थे।

पहले दिन ही हम लोगो की अच्छी बातचीत हो गयी थी उस दिन ज्यादा पढ़ाई नहीं हुई और कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा। जब पहली बार मैंने अपनी क्लास में सुहानी को देखा तो मुझे उसे देखकर काफी अच्छा लगा और कहीं ना कहीं मैं सुहानी को प्यार भी करने लगा था यह बात मैंने रमन को भी बता दी थी और रमन ने मेरी इसमे काफी मदद की।

वह सुहानी के साथ अच्छे से बात किया करता था जिस कारण मेरी भी अब सुहानी से बात होने लगी थी और हम दोनों एक दूसरे से बात करने लगे थे। सुहानी और मैं जब भी साथ में होते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता। एक दिन सुहानी का जन्मदिन था उस दिन उसने मुझे और रमन को अपने बर्थडे पार्टी में इनवाइट किया। हम लोग जब उसकी बर्थडे पार्टी में गए तो हम लोगों को बड़ा ही अच्छा लगा हम लोग बहुत ही ज्यादा खुश थे जिस तरीके से हम लोगों ने सुहानी के बर्थडे पार्टी में एंजॉय किया।

उस दिन जब हम लोग घर लौटे तो सुहानी ने हम लोगों को फोन किया और कहा कि तुम लोग बहुत जल्दी घर चले गए। मैंने सुहानी को कहा कि मुझे घर इसलिए जल्दी जाना पड़ा क्योंकि मुझे अगले दिन सुबह पापा और मम्मी के साथ जयपुर निकलना था जिस वजह से मैं घर जल्दी आ गया था और रमन भी मेरे साथ जल्दी घर निकल गया था। अगले दिन हम लोग जयपुर के लिए निकल चुके थे और मेरी बात सुहानी से सिर्फ फोन पर ही हो पाती थी।

मैं सुहानी से जब भी बातें करता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता सुहानी को भी बड़ा अच्छा लगता था जब भी वह मुझसे बातें किया करती। सुहानी और मैं एक दूसरे से बातें करते थे मैं सुहानी से प्यार करने लगा था यह बात मैंने सुहानी को बताने की ठान ली थी और मैं सुहानी को इस बारे में बताना चाहता था। हम लोगों के कॉलेज का पहला वर्ष खत्म हो चुका था और हम कॉलेज के सेकंड ईयर में चले गए थे मैं चाहता था कि मैं सुहानी को सब कुछ बता दूँ इसलिए एक दिन मैंने फैसला किया कि मैं सुहानी को सब कुछ बता दूंगा।

उस दिन मैंने सुहानी से अपने दिल की बात कह डाली, मैंने जब सुहानी से अपने दिल की बात कही तो वह बड़ी खुश हुई और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था। सुहानी और मैं एक दूसरे से प्यार करने लगे थे और हम दोनों एक दूसरे के साथ रिलेशन में थे जो हम दोनों के लिए बड़ा ही अच्छा था। जिस तरीके से मैं और सुहानी एक दूसरे के साथ रिलेशन में थे अब कहीं ना कहीं हम लोगों के बीच प्यार की दीवार और भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी हम दोनों का प्यार और भी ज्यादा गहरा होता जा रहा था।

समय बीतने के साथ साथ हम लोगों का ग्रेजुएशन भी पूरा हो गया और हम लोगों के रिलेशन को भी काफी लंबा समय हो चुका था लेकिन हम दोनों के बीच हमेशा ही सब कुछ ठीक चल रहा था। हम दोनों के बीच में काफी बातें होती थी हालांकि मैं अभी भी पुणे में ही पढ़ाई कर रहा था और सुहानी मुंबई पढ़ाई करने के लिए चली गई थी। सुहानी अपनी बड़ी बहन के साथ ही मुंबई में रहती है और मैं अभी भी पुणे में ही था मेरी बात सुहानी से फोन पर ही हो पाती थी लेकिन हम लोग कभी कबार मिल भी लिया करते थे।

जब भी मैं सुहानी को मिलने के लिए जाता तो मुझे काफी अच्छा लगता मैं कई बार उसे मिलने के लिए मुंबई चला जाय करता था और जब मैं सुहानी को मिलता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था। रमन और मेरी मुलाकात अभी भी होती रहती थी उसने अपने पापा का बिजनेस ज्वाइन कर लिया था और वह अपने पापा के साथ बिजनेस कर रहा था। मेरी रमन से मुलाकात हो ही जाया करती थी। जब भी मेरी मुलाकात रमन से होती तो हम दोनों को काफी अच्छा लगता और वह मुझसे हमेशा ही सुहानी के बारे में पूछा करता।

काफी समय हो गया था मैं भी सुहानी को मिला नहीं था एक दिन मैंने सुहानी से मिलने की बात कही तो वह मुझे कहने लगी मैं तुमसे जल्द ही मिलने के लिए आऊंगी लेकिन वह मुझसे अभी तक मुलाकात नहीं कर पाई थी। उसकी तबीयत भी ठीक नहीं थी और उसके कॉलेज में उसको प्रोजेक्ट सबमिट भी करना था इसलिए हम दोनों की मुलाकात नहीं हो पाई थी। मेरी बात सुहानी से होती ही रहती थी और उस दिन जब हम दोनों फोन पर बातें कर रहे थे तो मैंने सुहानी को कहा कि मैं तुमसे मिलना चाहता हूं तो सुहानी ने मुझे कहा कि मैं दो दिनों के बाद पुणे आ रही हूं।

मैं यह बात सुनकर बड़ा खुश हो गया और सुहानी से दो दिन के बाद मैं मिलने वाला था। दो दिन के बाद जब सुहानी पुणे आई तो हम दोनों की मुलाकात हुई और हम दोनों बड़े ही खुश थे जिस तरीके से हम दोनों इतने समय बाद मिले थे। उस दिन हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम बिताया और उसके बाद सुहानी अपने घर चली गई थी और मैं अपने घर लौट आया था। रात भर हम दोनों ने फोन पर बातें की और हम दोनों की फोन पर काफी बातें हुई। सुहानी कुछ दिनों तक तो पुणे में ही रहने वाली थी इसलिए हम लोगों की मुलाकात होती ही रहती थी।

जब हम दोनों एक दूसरे को मिले तो उस दिन सुहानी और मैं बड़े ही खुश थे। मैंने सुहानी से रोमांटिक बातें की और वह बड़ी खुश थी क्योंकि हम दोनों के बीच मे पहले भी कई बार सेक्स की बाते तो हो ही चुकी थी लेकिन मैं चाहता था मैं सुहानी के साथ सेक्स संबध बना लूं।

सुहानी ने मुझे कहा अगर तुम्हे मेरे साथ सेक्स करना है तो हम लोगों को आज कहीं बाहर ही रुकना चाहिए। सुहानी का भी बहुत ज्यादा मन था वह मेरे साथ सेक्स करे। हम दोनों की रजामंदी से उस दिन हम दोनों बाहर ही रूके। जब उस दिन सुहानी मेरे साथ बिस्तर में लेटी हुई थी तो वह बहुत ही ज्यादा खुश थी। मैं उसके बदन को महसूस कर रहा था और वह मेरे बदन को महसूस कर रही थी हम दोनों की गर्मी बढ़ती ही जा रही है मैंने अपने कपड़े उतार दिए। सुहानी से मैंने कहा तुम अपने कपड़े उतारोश दो।

सुहानी ने अपने कपड़े उतार दिए उसके बाद मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरू कर दिया था। मैं उसके स्तनों का रसपान कर रहा था मुझे मजा आने लगा था सुहानी को भी बड़ा अच्छा लगा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते जा रहे थे अब हमारी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी मैं और सुहानी एक दूसरे की गर्मी को बिल्कुल भी झेल नहीं पा रहा थे। मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और सुहानी के सामने मैं उसे हिलाने लगा।

जब मैं सुहानी के सामने अपने लंड को हिला रहा था तो हम दोनों को ही मजा आ रहा था। मैंने सुहानी से कहा मुझे तुम्हारी चूत को चाटना है। सुहानी मुझे कहने लगी हां क्यों नहीं सुहानी ने अपने पैरों को खोल लिया था। जब उसने अपने पैरों को खोला तो मैंने उसकी योनि को चाटना शुरू कर दिया और उसकी चूत को चाटकर मुझे बड़ा ही मजा आ रहा था। मै उसकी योनि का मजा ले रहा था सुहानी की चूत से बहुत ज्यादा पानी बाहर निकल रहा था।

वह बहुत ही ज्यादा गर्म होने लगी थी वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी है क्योंकि सुहानी और मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहे थे इसलिए मैंने उसकी चूत मे लंड को घुसा कर उसकी चूत की सील तोड़ डाली और उसकी योनि से खून बाहर की तरफ निकल आया था। उसकी चूत से निकलता हुआ खून देखकर मैं और भी ज्यादा गरम हो गया मै उसे बहुत ज्यादा तेज गति से धक्के मारने लगा था। मैं उसे तेजी से धक्के मार रहा था वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी वह मुझे कहने लगी उस से बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है।

हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था जिससे कि मेरी गर्मी बढ़ती जा रही थी और सुहानी भी बहुत ज्यादा गरम हो गई थी। मैंने सुहानी से कहा मैं ज्यादा देर तक तुम्हारी चूत की गर्मी को झेल नहीं पाऊंगा मैंने उसकी योनि में अपने माल को गिरा दिया। मेरा माल सुहानी की चूत में गिर चुका था लेकिन उसके बाद भी मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ गई थी और मैंने सुहानी की चूतड़ों को अपने और करते हुए उसकी योनि में लंड घुसा दिया। उसकी चूत में मेरा लंड जाते ही मैं बड़ी तेजी से उसे धक्के मारने लगा मैंने उसे इतनी तेज गति से धक्के दिए वह जोर से चिल्लाने लगी और मुझे कहने लगी तुम मुझे बस ऐसे ही धक्के मारते रहो।

मैं उसे बड़ी देर तक ऐसे ही धक्के मारता रहा फिर जाकर मेरी गर्मी शांत हुई। मैंने उसकी योनि के अंदर अपने वीर्य को गिरा दिया था और उसकी चूत से मेरा वीर्य अभी भी टपक रहा था। मुझे बहुत अच्छा लगा था जब मैंने सुहानी के साथ में शारीरिक संबंध बनाए थे और उसे अपने बना लिया था। अब हम दोनों के बीच बहुत ही ज्यादा प्यार है मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं सुहानी और मैं रिलेशन में है।
 
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