हॉट एस्कोर्ट के साथ - [भाग 1]

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम अतुल हैं और मैं लुधियाना का रहने वाला हूँ. पेशे से मैं एक इंजिनियर हूँ और एक साल पहले ही मेरी पढाई ख़तम हुई हैं. पिछले महीने ही मेरी जॉब लगी हैं और इसलिए मैं यहाँ मुंबई में आके रह रहा हूँ. इंजीनियर को इजनेरी काम आयें या ना आयें उसे कोलेज और हॉस्टल लाइफ में यह जरुर सिख मिलती हैं की चूत को कैसे चोदते हैं और गांड में कैसे पेलते हैं. मैं भी कोलेज के ४ सालों में मुठ मार के त्रस्त था और रंडी का बजेट मेरे महीने के खर्च में नहीं आ सकता था. साला पट्रोल की कीमतें बढ़ने से दूध से ले के चूत सब कुछ महंगा जो हो चला हैं. खेर अब मेरी कंगाली दूर हो चुकी हैं और पहली सेलरी में ही मैंने मुंबई की एक हॉट एस्कोर्ट को चोदा था पिछले हफ्ते. और इस हॉट एस्कोर्ट की चुदाई का यह किस्सा मेरी स्टोरी की सकल पे आप लोगो के सामने रख रहा हूँ.

पहले मंथ ही मुझे सेलरी एडवांस में कुछ पैसे मिले थे. मैंने घर का खर्च का हिसाब लगाया और देखा की फिर भी बियर और अय्याशी के लिए कुछ पैसे बचते थे. और फिर कुछ दिनों में सेलरी भी होनी थी जो सेलरी एडवांस से कुछ ज्यादा ही आनी थी. मैंने अपने आप से कहा बेटा अतुल कुछ मजा तो बनता हैं इन पैसों से. पहले मैंने सोचा की मुंबई के दो मुख्य रंडी बाजार में से किसी एक में जाके मैं अपनी भूख मिटा लेता हूँ; लेकिन फिर सोचा की पहली बार रंडी चोदे तो कुछ स्टाइल से ही चोदें. उसमे कुछ मसाज विसाज भी कर लिया जाएँ तो.?

एस्कोर्ट को कॉल किया

यह सोच के मैंने इंग्लिश अख़बार का वो पन्ना निकाला जहां पे मसाज पार्लर की आड़ में एस्कोर्ट वगेरह की एड्स होती हैं. उसमे से एक एड मुझे मस्त लगी. उस एड का हेडिंग था सुंदरी एस्कोर्ट एंड मसाज सर्विस. अच्छा इसलिए लगा की उसमे देसीपन था और उसमे मसाज का भी उल्लेख था.

मैंने मोबाईल से वो नंबर डायल किया.

सामने से एक हॉट लड़की की मीठी आवाज आई, "हाय सुंदरी सर्विसिस, आप को क्या चाहियें सर?"

मैंने धीमे से कहा, "जी मुझे एक एस्कोर्ट चाहियें भायंदर में आज शाम के लिए."

लड़की: क्यूँ नहीं सर, आप को कितने समय के लिए जरुरत हैं सर.

मैं: कम से कम 2 घंटे क्यूंकि मुझे मसाज भी करवाना हैं.

लड़की: ओके सर, मैं आप का नम्बर नोट कर लेती हूँ, सर क्या आप की कोई पसंद हैं जैसे की लड़की का फिगर, उम्र वगेरह.

मैं: जी मुझे कोई भी चलेंगी लेकिन फिगर में मांसल हो तो जरुर उसे भेजें.

लड़की: थेंक यु सर. मोना आप को कॉल करेंगी आप जब कहो, आप उसे भायंदर स्टेशन से पिक कर लेना.

मोना, साला नाम तो पूरा फ़िल्मी था. मुझे पता था की यह लड़कियों के नाम सारे नकली होते हैं. मुझे उस से कोई फर्क नहीं पड़ता था. अपने को तो बस उसकी चूत मिल जाएँ तो बस काम बन गया.

मैंने वेट नहीं की जरा भी और मैं उसी वक्त भायंदर स्टेशन पहुँच गया. अभी उसका कॉल नहीं आया था इसलिए मैं गला गिला करने के लिए एक बियर बार में घुसा और बियर ऑर्डर की. बियर आधी ग्लास ही पी थी की एक नए नम्बर से कॉल आया. मैं समझ गया की चूत का प्रबंध हो गया हैं.

मैं: हल्लो.

सामने से एक मस्त मीठी आवाज आई. "सर मैं मोना बोल रही हूँ, मैं दो मिनिट में भायंदर पहुंचूंगी." मुझे पीछे बेकग्राउंड में ट्रेन की आवाज आ रही थी.

मैंने फट से बियर को खतम किया और बिल दे के स्टेशन के बहार खड़ा हो गया. कुछ 4-5 मिनिट के बाद फिर से कॉल आई. मैं कॉल पिक करूँ उसके पहले ही कट गई. और मैंने देखा की पिली टी-शर्ट और ब्ल्यू जींस में एक लड़की आके मेरे पास रुकी; शायद वही मोना थी. मैंने उसे देख के स्माइल दी और पूछा, "मोना?"

उसने हाँ में सर हलाया. मैंने कहा, "मेरा फ्लेट यही करीब में हैं आओ."

फ्लेट सुनते ही जैसे उसकी गांड में मेंडक घुस गया हो. उसने मेरे साथ चलते हुए कहा, "फ्लेट में कोई इश्यु तो नहीं होंगी ना.?"

मैंने ना में सर हलाया. मोना मेरे साथ चल रही थी और मैंने देखा की आजूबाजू की मुम्बईया बस्ती उसकी चौड़ी गांड को देख रही थी जो मटक मटक के चलने पे उछल रही थी. मेरे दिमाग में चुदाई के 1000 आसन आ रहे थे जो मैं इस हॉट एस्कोर्ट के साथ लेना चाहता था. कुछ ही देर में हम लोग मेरे फ्लेट पे आये. मैंने फट से दरवाजा खोल के उसे अंदर लिया. मेरे सामने एक कपल रहता था जो हमेंशा घर लेट आता था. वो दोनों ही हसबंड वाइफ जॉब करते थे कही साथ में. मोना ने अंदर आजे कमरे में चारो और नजर घुमाई और फिर वो सोफे पे आ बैठी. मेरी नजर उसकी बड़ी बड़ी चुन्चियों पे ही थी. मेरा तो यह पहली बार था रंडी के साथ इसलिए मैं थोडा कतरा रहा था. लेकिन मोना तो प्रोफेशनल थी.

मोना बड़ी प्रोफेशन थी

मोना: सर आप मसाज भी करवाएंगे?

मैं: जी हाँ.

मोना उठ खड़ी हुई और उसने अपने पर्स को साइड में रख के अंदर से तेल की एक छोटी सी बोतल निकाली. उसने फिर मेरे पास आके मेरे शर्ट के बटन खोले. वाऊ यह एस्कोर्ट के स्पर्श से ही मेरे लंड के मोर उड़ने लगे थे. मेरा टाईट हो गया था उसके छूने से ही. मोना ने अब शर्ट को उतार फेंका और फिर वो निचे बैठ के पतलून को खोलने लगी. पतलून खोलते हुए जैसे उसे कुछ भी संकोच नहीं था; उसका तो डेली रूटीन था ये इसलिए. मेरी पेंट को उतार के उसने अंडरवेर को उतारना चाहा. अब मैं भी गरम हो गया था और मैंने अपनी चड्डी उसके सामने उतार फेंकी. मेरा लंड पूरा 8 इंच तन चूका था. मोना ने उसे एक नजर देखा और फिर मुझे उसने हाथ पकड के बिस्तर की और खिंचा.

इस मुंबई की एस्कोर्ट के साथ मसाज और सेक्स की बातें अगले भाग में पढना ना भूलें...!
 
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