मैं अनीता शर्मा, मेरी उम्र 30 साल, मेरा फिगर 36 30 34 है, दिखने में गोरी, मैं एक हाउसवाइफ हूँ।
मैं अपनी पहली स्टोरी लिख रही हूँ उम्मीद करती हूँ कि आपको मेरी सेक्स स्टोरी पसंद आएगी।
एक दिन मैं अस्पताल के लिए घर से निकली और मैं अस्पताल जाते जाते लेट हो गई। तब तक अस्पताल की पर्ची बनना बंद हो गया थ।
तभी मुझे गार्ड नजर आया, मैं उसके पास गई तो देखा, वह दिखने में लंबा चौड़ा कोई 35 साल का आदमी था।
मैंने उससे कहा- प्लीज, मेरी पर्ची बनवा दीजिए, मैं लेट हो गई हूँ, बहुत दूर से आई हूँ।
तब गार्ड बोला- मैडम, पर्ची काउंटर तो बंद हो गया है, फिर भी मैं देखता हूँ कि क्या कर सकता हूँ आपके लिए!
वह बोला- मैडम आइए मेरे साथ!
मैं इसके साथ पीछे पीछे चल रही थी। चलते चलते ही उसने मुझसे पूछा- मैडम आपको किस चीज की पर्ची बनवानी है?
मैंने उससे कहा- मुझे लेडीज़ प्रॉब्लम है जो मैं आपको नहीं बता सकती।
गार्ड बोला- अगर मैडम, आप नहीं बताएंगी तो मैं पर्ची कैसे बनाऊंगा?
मैं उससे बोली- मैं और मेरे पति सेक्स में संतुष्ट नहीं हो पाते!
तो वह मेरी तरफ देख कर हंसने लगा फिर वह अपने साथ मुझे लिफ्ट में ले गया और मुझसे पूछा- आपको सेक्स में दिलचस्पी है?
मैंने उससे कहा- अगर दिलचस्पी नहीं होती तो मैं यहां क्यों आती!
बातें करते करते वह मुझे तीसरी मंजिल पर ले गया और कहा- मेरी ड्यूटी खत्म हो गई, मैं 2 मिनट अपनी ड्रेस चेंज कर लूँ, फिर आपके साथ चलता हूँ।
और वह मुझे गार्ड रूम की तरफ से ले जाने लगा।
मैं भी उसके पीछे चुप चाप चलने लगी।
वहां बिल्कुल सन्नाटा था, मुझे डर लगने लगा।
फिर उसने मुझसे कहा- मैडम अगर डर लग रहा हो तो अंदर आ जाइए।
और मैं अंदर चली गई।
वो एक छोटा सा रूम था, वह मेरे सामने ही अपने कपड़े उतारने लगा तो मैंने अपना मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया।
फिर उसने मुझसे कहा- मैडम, बुरा ना मानें तो एक बात कहूँ?
मैंने कहा- हां कहो?
तो उसने कहा- एक बार मैं आपकी देखना चाहता हूँ!
मैंने कहा- क्या देखना चाहते हो?
तो वह बोला- आपकी नीचे वाली!
मैं हंस दी और घूम गई तो देखा वह सिर्फ अंडरवीयर में खड़ा है और उसका अंडरवियर तम्बू बन चुका था। वह धीरे से मेरे पास आया और मेरी चूत को सलवार के ऊपर से ही हाथ लगाने लगा।
मुझे अच्छा लगने लगा।
फिर वह मेरे दूध को दबाने लगा, मैंने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया, उसने अपना हाथ में सलवार के अंदर डाल दिया, फिर अपनी उंगली मेरी चूत के अंदर डाल दी।
मुझे अच्छा लगने लगा, मैंने उसे कस के पकड़ लिया और मेरे मुंह से सी सी की आवाज निकलने लगी।
वह अपनी उंगली मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा।
फिर उसने मेरी सलवार पूरी उतार दी और मेरी चूत देख कर बोला- आप जितनी ऊपर से खूबसूरत हैं, उतनी ही नीचे से खूबसूरत हैं।
मैं बोली- मेरे हसबैंड भी ऐसे ही कहते हैं।
और फिर उसने मेरी चूत को चूम लिया, फिर खड़ा हो गया और मेरा कमीज उतारने लगा।
अब मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा में खड़ी थी, मुझे शर्म तो आ रही थी कि किसी अजनबी के सामने मैं नंगी खड़ी हूँ और शर्म के मारे मैं अपनी चूत को हाथों से छुपाने की कोशिश करने लगी।
मैं अपनी पहली स्टोरी लिख रही हूँ उम्मीद करती हूँ कि आपको मेरी सेक्स स्टोरी पसंद आएगी।
एक दिन मैं अस्पताल के लिए घर से निकली और मैं अस्पताल जाते जाते लेट हो गई। तब तक अस्पताल की पर्ची बनना बंद हो गया थ।
तभी मुझे गार्ड नजर आया, मैं उसके पास गई तो देखा, वह दिखने में लंबा चौड़ा कोई 35 साल का आदमी था।
मैंने उससे कहा- प्लीज, मेरी पर्ची बनवा दीजिए, मैं लेट हो गई हूँ, बहुत दूर से आई हूँ।
तब गार्ड बोला- मैडम, पर्ची काउंटर तो बंद हो गया है, फिर भी मैं देखता हूँ कि क्या कर सकता हूँ आपके लिए!
वह बोला- मैडम आइए मेरे साथ!
मैं इसके साथ पीछे पीछे चल रही थी। चलते चलते ही उसने मुझसे पूछा- मैडम आपको किस चीज की पर्ची बनवानी है?
मैंने उससे कहा- मुझे लेडीज़ प्रॉब्लम है जो मैं आपको नहीं बता सकती।
गार्ड बोला- अगर मैडम, आप नहीं बताएंगी तो मैं पर्ची कैसे बनाऊंगा?
मैं उससे बोली- मैं और मेरे पति सेक्स में संतुष्ट नहीं हो पाते!
तो वह मेरी तरफ देख कर हंसने लगा फिर वह अपने साथ मुझे लिफ्ट में ले गया और मुझसे पूछा- आपको सेक्स में दिलचस्पी है?
मैंने उससे कहा- अगर दिलचस्पी नहीं होती तो मैं यहां क्यों आती!
बातें करते करते वह मुझे तीसरी मंजिल पर ले गया और कहा- मेरी ड्यूटी खत्म हो गई, मैं 2 मिनट अपनी ड्रेस चेंज कर लूँ, फिर आपके साथ चलता हूँ।
और वह मुझे गार्ड रूम की तरफ से ले जाने लगा।
मैं भी उसके पीछे चुप चाप चलने लगी।
वहां बिल्कुल सन्नाटा था, मुझे डर लगने लगा।
फिर उसने मुझसे कहा- मैडम अगर डर लग रहा हो तो अंदर आ जाइए।
और मैं अंदर चली गई।
वो एक छोटा सा रूम था, वह मेरे सामने ही अपने कपड़े उतारने लगा तो मैंने अपना मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया।
फिर उसने मुझसे कहा- मैडम, बुरा ना मानें तो एक बात कहूँ?
मैंने कहा- हां कहो?
तो उसने कहा- एक बार मैं आपकी देखना चाहता हूँ!
मैंने कहा- क्या देखना चाहते हो?
तो वह बोला- आपकी नीचे वाली!
मैं हंस दी और घूम गई तो देखा वह सिर्फ अंडरवीयर में खड़ा है और उसका अंडरवियर तम्बू बन चुका था। वह धीरे से मेरे पास आया और मेरी चूत को सलवार के ऊपर से ही हाथ लगाने लगा।
मुझे अच्छा लगने लगा।
फिर वह मेरे दूध को दबाने लगा, मैंने अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया, उसने अपना हाथ में सलवार के अंदर डाल दिया, फिर अपनी उंगली मेरी चूत के अंदर डाल दी।
मुझे अच्छा लगने लगा, मैंने उसे कस के पकड़ लिया और मेरे मुंह से सी सी की आवाज निकलने लगी।
वह अपनी उंगली मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा।
फिर उसने मेरी सलवार पूरी उतार दी और मेरी चूत देख कर बोला- आप जितनी ऊपर से खूबसूरत हैं, उतनी ही नीचे से खूबसूरत हैं।
मैं बोली- मेरे हसबैंड भी ऐसे ही कहते हैं।
और फिर उसने मेरी चूत को चूम लिया, फिर खड़ा हो गया और मेरा कमीज उतारने लगा।
अब मैं उसके सामने सिर्फ ब्रा में खड़ी थी, मुझे शर्म तो आ रही थी कि किसी अजनबी के सामने मैं नंगी खड़ी हूँ और शर्म के मारे मैं अपनी चूत को हाथों से छुपाने की कोशिश करने लगी।