नमस्ते मित्रो.. ये मेरी सबसे पहली वाली स्टोरी है। मैं बहुत वर्षों से अन्तर्वासना का पाठक हूँ.. तो मैंने सोचा अब मैं भी अपनी कहानी लिख दूँ। यदि मेरे इस पहले प्रयास में कुछ गलती हो जाए.. तो माफ़ कर देना। आप अपने कमेंट्स जरूर भेजना। मुझे आप से दोस्ती करने में अच्छा लगेगा।
खास कर जलगाँव डिस्ट्रिक्ट महाराष्ट्र से जो भी पाठक हों.. प्लीज मुझे जरूर मेल करें।
मैं 24 वर्ष का मस्त मौला लड़का हूँ। बहुत हैण्डसम तो नहीं हूँ.. पर ठीक हूँ। अभी तक सेक्स नहीं किया था.. पर एक मेरी पड़ोसन है, जिसकी उम्र 28 साल होगी। वो सांवले रंग की पतली सी है.. पर उसके चूचे बड़े हैं।
वो रोज बराबर सुबह 10 बजे कपड़े धोने आंगन में आती है। उसके घर के बाहर ऊंची कंपाउंड वाल है.. इसलिए बाहर के लोगों को कुछ दिखाई नहीं देता है। मेरे घर में मेरे कमरे की स्थिति कुछ इस तरह है कि मैं उसे ठीक से देख सकता हूँ और वो भी मुझे देख सकती है।
कपड़े धोते समय उसकी साड़ी घुटनों के ऊपर तक होती है। बहुत बार उसकी सांवली-सांवली जांघें भी दिख जाती थीं। साथ-साथ इसके बड़े चूचे तो जैसे ब्लाउज के बाहर आने का जोरदार प्रयास करते रहते थे।
मैं तो लगभग रोज ही उसे देख कर अपना लम्बा सा लवड़ा हिलाने लगता हूँ। एक दिन उसकी नजर मुझ पर पड़ी.. मैं उस समय मजे से अपना लंड हिलाने में लगा था। वो मुझे घूरे जा रही थी। कुछ देर बाद मैं झड़ गया। मैं अपने लंड का पानी साफ करने लगा.. तभी मेरी नजर उस पर पड़ीं।
हमारी आँखें मिल गईं। वो भी शर्मा गई और कपड़े धोने लगी। मैंने भी शर्मा कर अपना लंड अन्दर डाल लिया और वहाँ से हट गया। मुझे थोड़ा डर सा लगा कि कहीं मेरे घर पर ना बोल दे।
दूसरे दिन वो भाभी फिर कपड़े धोने आईं। आज तो उसने कमाल ही कर दिया था। आज उसने अपनी साड़ी जाँघों तक उठा ली थी।
ब्लाउज से लटक कर बाहर को निकलते हुए चूचे भी दिखाई दे रहे थे। उधर आते ही उसने मेरी खिड़की की तरफ देखा। मानो उसकी आँखें मुझे ढूंढ रही हों। मैं आज डर के मारे खिड़की के पीछे छुपा हुआ था।
कपड़े धोते-धोते वो और भी बोल्ड हो रही थी। फिर कुछ देर बाद मैं खिड़की में कुछ इस तरह से खड़ा हुआ कि वो मुझे न देख सके। अब मैं अपना लंड हिलाने लगा। उसकी नजरें तो मुझे ढूंढ ही रही थीं और उसने मुझे देख लिया। मैं अपने मजे में लंड हिलाए जा रहा था।
अब उसने अपने कपड़े धोने का स्पीड को कम कर दिया और लगातार प्यासी आँखों से मेरी तरफ देखे जा रही थी। कुछ देर बाद उसने कपड़े धोना बंद कर दिए और अब वो मेरी तरफ देख रही थी। उसका चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया था.. सांस फूल सी गई थी।
कुछ देर में मैंने भी अपना पानी छोड़ दिया और मैं नशीली आँखों से उसकी तरफ देखने लगा। उसने झट से अपनी बाल्टी में से पानी निकाला और अपने हाथ धोने लगी। मानो मुझे लंड साफ करने का बोल रही हो।
वो मस्त कामुक स्माइल दे रही थी। मैंने भी स्माइल किया। अब मेरी लाइन पूरी साफ़ थी। मस्त गरम और खुले विचार वाला माल मेरे सामने था.. पर मुझे इस में ही बहुत मजा आ रहा था।
खास कर जलगाँव डिस्ट्रिक्ट महाराष्ट्र से जो भी पाठक हों.. प्लीज मुझे जरूर मेल करें।
मैं 24 वर्ष का मस्त मौला लड़का हूँ। बहुत हैण्डसम तो नहीं हूँ.. पर ठीक हूँ। अभी तक सेक्स नहीं किया था.. पर एक मेरी पड़ोसन है, जिसकी उम्र 28 साल होगी। वो सांवले रंग की पतली सी है.. पर उसके चूचे बड़े हैं।
वो रोज बराबर सुबह 10 बजे कपड़े धोने आंगन में आती है। उसके घर के बाहर ऊंची कंपाउंड वाल है.. इसलिए बाहर के लोगों को कुछ दिखाई नहीं देता है। मेरे घर में मेरे कमरे की स्थिति कुछ इस तरह है कि मैं उसे ठीक से देख सकता हूँ और वो भी मुझे देख सकती है।
कपड़े धोते समय उसकी साड़ी घुटनों के ऊपर तक होती है। बहुत बार उसकी सांवली-सांवली जांघें भी दिख जाती थीं। साथ-साथ इसके बड़े चूचे तो जैसे ब्लाउज के बाहर आने का जोरदार प्रयास करते रहते थे।
मैं तो लगभग रोज ही उसे देख कर अपना लम्बा सा लवड़ा हिलाने लगता हूँ। एक दिन उसकी नजर मुझ पर पड़ी.. मैं उस समय मजे से अपना लंड हिलाने में लगा था। वो मुझे घूरे जा रही थी। कुछ देर बाद मैं झड़ गया। मैं अपने लंड का पानी साफ करने लगा.. तभी मेरी नजर उस पर पड़ीं।
हमारी आँखें मिल गईं। वो भी शर्मा गई और कपड़े धोने लगी। मैंने भी शर्मा कर अपना लंड अन्दर डाल लिया और वहाँ से हट गया। मुझे थोड़ा डर सा लगा कि कहीं मेरे घर पर ना बोल दे।
दूसरे दिन वो भाभी फिर कपड़े धोने आईं। आज तो उसने कमाल ही कर दिया था। आज उसने अपनी साड़ी जाँघों तक उठा ली थी।
ब्लाउज से लटक कर बाहर को निकलते हुए चूचे भी दिखाई दे रहे थे। उधर आते ही उसने मेरी खिड़की की तरफ देखा। मानो उसकी आँखें मुझे ढूंढ रही हों। मैं आज डर के मारे खिड़की के पीछे छुपा हुआ था।
कपड़े धोते-धोते वो और भी बोल्ड हो रही थी। फिर कुछ देर बाद मैं खिड़की में कुछ इस तरह से खड़ा हुआ कि वो मुझे न देख सके। अब मैं अपना लंड हिलाने लगा। उसकी नजरें तो मुझे ढूंढ ही रही थीं और उसने मुझे देख लिया। मैं अपने मजे में लंड हिलाए जा रहा था।
अब उसने अपने कपड़े धोने का स्पीड को कम कर दिया और लगातार प्यासी आँखों से मेरी तरफ देखे जा रही थी। कुछ देर बाद उसने कपड़े धोना बंद कर दिए और अब वो मेरी तरफ देख रही थी। उसका चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया था.. सांस फूल सी गई थी।
कुछ देर में मैंने भी अपना पानी छोड़ दिया और मैं नशीली आँखों से उसकी तरफ देखने लगा। उसने झट से अपनी बाल्टी में से पानी निकाला और अपने हाथ धोने लगी। मानो मुझे लंड साफ करने का बोल रही हो।
वो मस्त कामुक स्माइल दे रही थी। मैंने भी स्माइल किया। अब मेरी लाइन पूरी साफ़ थी। मस्त गरम और खुले विचार वाला माल मेरे सामने था.. पर मुझे इस में ही बहुत मजा आ रहा था।