हरामी चूत
आज उसका जन्मदिन था। वो काफ़ी उत्साहित थी। उसे पता था कि डैडी ने उसके जन्मदिन के लिए शाम को पार्टी रखी है। वो जल्दी जल्दी उठकर फ्रेश होकर हॉल में आ गई। जब वो हॉल में आई तो सिर्फ़ डैडी ही बैठे थे। उसने डैडी को पूछा कि मम्मी कहाँ गयी तो डैडी ने कहा कि वो तोहफ़ा लेने को मार्केट गयी है। तो क्रांति ने डैडी को पूछा कि अप मेरे लिए तोहफ़ा नहीं लेकर आए?
डैडी ने क्रांति को गौर से देखा। क्रांति को महसूस हो रहा था कि डैडी क्रांति की चूचियों को नाइटी के ऊपर से देख रहे है। पर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। डैडी ने कहा कि मेरा तोहफ़ा तो तुमको मम्मी की अनुपस्थिति में ही खोलना होगा।
क्रांति ने मासूमियत से कहा चलेगा ! आप दो तो सही !
डैडी ने कहा- ठीक है तुम मेरे पास आकर बैठो और मैं तुमको एक सबसे अच्छा तोहफ़ा देता हूँ।
वो भोलेपन से अपने पापा के पास जाकर बैठी तो उसके पापा ने कहा कि तुम्हारी कमर कितनी है?
उसने कहा- 28 इंच।
तो पापा ने कहा- इतनी छोटी है ! वाओ … टाइट है मतलब !
ये सुनकर क्रांति को अजीब लगा। उसके पापा ने कहा- तुम खड़ी हो जाओ, मैं तुम्हारी छाती मापता हूँ।
क्रांति इस बार भी बड़ी मासूमियत डैडी के सामने आकर खड़ी हो गई। डैडी ने बड़ी ही बेशर्मी से क्रांति के चूचियों को हाथ लगाते हुए पेट पर रखा। इस तरह से हाथ घूमाते हुए डैडी को पता लगा कि क्रांति ने मॅक्सी के अंदर कुछ नहीं पहना।
डैडी ने कहा- पेट तो काफ़ी अंदर है पर तुम्हारे बूब्स काफ़ी बड़े हैं। क्रांति को ये बात सुनकर शरम सी आने लगी। उसने कहा- डैडी ऐसे मत कहो ना। डैडी ने कहा- ठीक है मुझे ठीक से नाप लेने दो। ये कहकर डैडी एकदम से क्रांति की चूचियाँ दबाने लग़े। क्रांति के निपल गाउन के ऊपर से बटन की तरह दिखने लगे। क्रांति ने अपनी आंखें बंद कर ली और कहने लगी- इस तरह से किसी ने भी मेरा नाप नहीं लिया है।
डैडी हँसने लगे और कहने लगे- आगे आगे देखो अब क्या होता है।
फिर एकदम से क्रांति ने आँखें खोली और डैडी से दूर जाकर खड़ी हो गई। डैडी बने कहा- ओके ! तुम्हारी कमर का नाप लेने दो और बोल कर उसके पीछे जाकर उसकी कमर पर हाथ रखकर उसकी गाण्ड के बीच में डालकर बोले- उम्म ! तुम तो तैयार आम हो।
मासूम क्रांति ने कहा- इसका क्या मतलब है?
तो डैडी ने कहा- तुमको मैं अपनी तोहफ़ा देने के बाद बताऊँगा। फिर डैडी ने कहा कि तुम मेरे कमरे में आओ।
क्रांति को कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था। पर अब डैडी से क्या शरमाना ! यह सोच कर वो डैडी के साथ कमरे में चली गयी।
कमरे में डैडी ने एक बैग निकाला और उसे कहा कि इस बैग को चेंजिंग रूम में जाकर खोलो और इसकी अंदर की चीज़ को पहन के आना।
क्रांति ने कहा कि ठीक है। वो बैग उठाकर बाथरूम में चली गयी। उसने जब बाथरूम में जाकर बैग खोला तू उसने देखा कि उसके अंदर एक लाल रंग की ब्रा थी और एक थोंग थी। उसने डैडी को आवाज़ लगाई कि डैडी यह आपने मुझे क्या पहनने को दिया है?
डैडी ने कहा- वो ही जो तूने अभी नहीं पहना है और ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे। क्रांति कुछ समझ नहीं पाई और उसने वो लाल ब्रा पहनी और अपने आप को आईने में देखा तो उसने देखा कि वो काफ़ी जवान लड़की दिख रही है और उसके बूब्स सेक्सी औरत की तरह नेट वाली ब्रा से दिख रही हैं। फिर उसने अपनी मिली हुई तोहफ़े में से थोंग(चड्डी) पहनी।
आज उसका जन्मदिन था। वो काफ़ी उत्साहित थी। उसे पता था कि डैडी ने उसके जन्मदिन के लिए शाम को पार्टी रखी है। वो जल्दी जल्दी उठकर फ्रेश होकर हॉल में आ गई। जब वो हॉल में आई तो सिर्फ़ डैडी ही बैठे थे। उसने डैडी को पूछा कि मम्मी कहाँ गयी तो डैडी ने कहा कि वो तोहफ़ा लेने को मार्केट गयी है। तो क्रांति ने डैडी को पूछा कि अप मेरे लिए तोहफ़ा नहीं लेकर आए?
डैडी ने क्रांति को गौर से देखा। क्रांति को महसूस हो रहा था कि डैडी क्रांति की चूचियों को नाइटी के ऊपर से देख रहे है। पर उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। डैडी ने कहा कि मेरा तोहफ़ा तो तुमको मम्मी की अनुपस्थिति में ही खोलना होगा।
क्रांति ने मासूमियत से कहा चलेगा ! आप दो तो सही !
डैडी ने कहा- ठीक है तुम मेरे पास आकर बैठो और मैं तुमको एक सबसे अच्छा तोहफ़ा देता हूँ।
वो भोलेपन से अपने पापा के पास जाकर बैठी तो उसके पापा ने कहा कि तुम्हारी कमर कितनी है?
उसने कहा- 28 इंच।
तो पापा ने कहा- इतनी छोटी है ! वाओ … टाइट है मतलब !
ये सुनकर क्रांति को अजीब लगा। उसके पापा ने कहा- तुम खड़ी हो जाओ, मैं तुम्हारी छाती मापता हूँ।
क्रांति इस बार भी बड़ी मासूमियत डैडी के सामने आकर खड़ी हो गई। डैडी ने बड़ी ही बेशर्मी से क्रांति के चूचियों को हाथ लगाते हुए पेट पर रखा। इस तरह से हाथ घूमाते हुए डैडी को पता लगा कि क्रांति ने मॅक्सी के अंदर कुछ नहीं पहना।
डैडी ने कहा- पेट तो काफ़ी अंदर है पर तुम्हारे बूब्स काफ़ी बड़े हैं। क्रांति को ये बात सुनकर शरम सी आने लगी। उसने कहा- डैडी ऐसे मत कहो ना। डैडी ने कहा- ठीक है मुझे ठीक से नाप लेने दो। ये कहकर डैडी एकदम से क्रांति की चूचियाँ दबाने लग़े। क्रांति के निपल गाउन के ऊपर से बटन की तरह दिखने लगे। क्रांति ने अपनी आंखें बंद कर ली और कहने लगी- इस तरह से किसी ने भी मेरा नाप नहीं लिया है।
डैडी हँसने लगे और कहने लगे- आगे आगे देखो अब क्या होता है।
फिर एकदम से क्रांति ने आँखें खोली और डैडी से दूर जाकर खड़ी हो गई। डैडी बने कहा- ओके ! तुम्हारी कमर का नाप लेने दो और बोल कर उसके पीछे जाकर उसकी कमर पर हाथ रखकर उसकी गाण्ड के बीच में डालकर बोले- उम्म ! तुम तो तैयार आम हो।
मासूम क्रांति ने कहा- इसका क्या मतलब है?
तो डैडी ने कहा- तुमको मैं अपनी तोहफ़ा देने के बाद बताऊँगा। फिर डैडी ने कहा कि तुम मेरे कमरे में आओ।
क्रांति को कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था। पर अब डैडी से क्या शरमाना ! यह सोच कर वो डैडी के साथ कमरे में चली गयी।
कमरे में डैडी ने एक बैग निकाला और उसे कहा कि इस बैग को चेंजिंग रूम में जाकर खोलो और इसकी अंदर की चीज़ को पहन के आना।
क्रांति ने कहा कि ठीक है। वो बैग उठाकर बाथरूम में चली गयी। उसने जब बाथरूम में जाकर बैग खोला तू उसने देखा कि उसके अंदर एक लाल रंग की ब्रा थी और एक थोंग थी। उसने डैडी को आवाज़ लगाई कि डैडी यह आपने मुझे क्या पहनने को दिया है?
डैडी ने कहा- वो ही जो तूने अभी नहीं पहना है और ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे। क्रांति कुछ समझ नहीं पाई और उसने वो लाल ब्रा पहनी और अपने आप को आईने में देखा तो उसने देखा कि वो काफ़ी जवान लड़की दिख रही है और उसके बूब्स सेक्सी औरत की तरह नेट वाली ब्रा से दिख रही हैं। फिर उसने अपनी मिली हुई तोहफ़े में से थोंग(चड्डी) पहनी।