यह कहानी मेरी सहेली ईशा की है, इसे मैं खुद लिख रही हूं तो मैं खुद को ईशा मान लेती हूँ और ईशा का पति राकेश की जगह मैं अपने पति रवि का नाम लिखूंगी।
हमारी शादी को दस साल बीत चुके थे, शादी की सालगिरह पास आ रही थी, मेरे पति रवि ने कहा- इस बार कुछ नया करने का मन कर रहा है।
मेरा माथा ठनक गया… ‘इन्हें क्या नया चाहिये?’
मैंने कहा- साफ साफ बताओ?
तो मुस्कराते हुए रवि बोले- यार, अब कोई दूसरा पार्टनर हो जिसके सामने हम सेक्स करें और वो हमारे सामने!
‘तो यह मामला था जनाब का…’ मैंने मन ही मन सोचा, मैंने रवि से कहा- यार, तेरे मन में कोई तो होगी जिसे हम राजी करना होगा। उसका नाम बता दो?
रवि ने कहा- रूपाली…
रूपाली का नाम सुनते ही मैं चौंक गई, मैंने कहा- यार, वो एकदम सीधी सादी है… शादी हुए पांच साल हुए हैं… माना बच्चे नहीं होने से शरीर कसा हुए है लेकिन वो राजी नहीं होगी।
रवि ने कहा- देखो तुमने वादा किया है… कोशिश करके देखो।
इस पर मैंने भी हां कर दी।
अगले एक हफ्ते तक मैंने रूपाली के घर के खूब चक्कर लगाये।
दूसरी तरफ रवि ने सालगिरह वाले दिनों के आसपास अपने एक दोस्त के जरिये उदयपुर में सैर सपाटे के फ्री कूपन हासिल कर लिये। इन कूपनों से चार लोग तीन दिन तक उदयपुर में मस्ती कर सकते थे जिसमें होटल का खर्चा भी शामिल था।
अब मैंने रूपाली को उदयपुर चलने के लिये राजी कर लिया। एक पैसा खर्च नहीं होना था इसलिये शुरूआती ना नुकुर के बाद रूपाली राजी हो गई।
रवि को इस होटल के कमरा नंबर 201 की खासियत पता थी। कमरा नंबर 201 और 202 के बीच खास तरह का शीशा लगा था। इसके जरिये 201 में बैठे लोग 202 की एक एक चीज देख सकते थे लेकिन 202 वालों को 201 का कुछ नजर नहीं आता था।
उदयपुर पहुंच कर रवि ने 201 में डेरा जमाया और रूपाली और उसके पति को 202 में भेज दिया।
इसके बाद उसने कमरा नंबर 201 के शीशे के बारे में मुझे बताया।
हम दोनों कुर्सी पर बैठ गये और 202 का नजारा देखने लगे।
कमरे में जाते ही सीधी सादी रूपाली के रंग ढंग बदल गये, वो कमरे में सेक्सी अंदाज में डांस कर रही थी और एक एक करके अपने कपड़े उतार रही थी।
थोड़ी ही देर में वो पूरी तरह से नंगी हो गई, उसकी तनी हुई चूचियाँ देख कर रवि का लंड हरकत करने लगा था। लेकिन हैरानी की बात यह थी कि रूपाली के पति पर इसका कोई असर नहीं पड़ा था।
रूपाली बाथरूम में नहाने गई और बिना शरीर पौंछे बाहर निकल आई। शरीर पोछने के लिये उसने अपने पति को तौलिया दिया और उसके कपड़े उतारने लगी।
लगता था रूपाली कुछ करने के मूड में थी।
रवि को उसका यह अंदाज पसंद आया।
रूपाली ने अपने पति को नंगा कर दिया था…
लेकिन यह क्या… उसका लंड एकदम शांत था जबकि दूसरे कमरे से देख रहे मेरे पति का लंड फनफना रहा था।
अब रूपाली अपने पति का लंड चूस रही थी लेकिन काफी कोशिश के बाद भी लंड खड़ा नहीं हुआ।
मैं उस लंड की हालत देख कर हैरान थी, मैं सोच रही थी कि लंड को तो बस चूत के दर्शन चाहिये और वो तुरंत खड़ा हो जाता है और यह रूपाली का पति… .क्या इसी वजह से रूपाली के बच्चे नहीं हुआ।
अगर ऐसा है तो रूपाली की गर्मी कैसे शांत होती होगी।
हमारी शादी को दस साल बीत चुके थे, शादी की सालगिरह पास आ रही थी, मेरे पति रवि ने कहा- इस बार कुछ नया करने का मन कर रहा है।
मेरा माथा ठनक गया… ‘इन्हें क्या नया चाहिये?’
मैंने कहा- साफ साफ बताओ?
तो मुस्कराते हुए रवि बोले- यार, अब कोई दूसरा पार्टनर हो जिसके सामने हम सेक्स करें और वो हमारे सामने!
‘तो यह मामला था जनाब का…’ मैंने मन ही मन सोचा, मैंने रवि से कहा- यार, तेरे मन में कोई तो होगी जिसे हम राजी करना होगा। उसका नाम बता दो?
रवि ने कहा- रूपाली…
रूपाली का नाम सुनते ही मैं चौंक गई, मैंने कहा- यार, वो एकदम सीधी सादी है… शादी हुए पांच साल हुए हैं… माना बच्चे नहीं होने से शरीर कसा हुए है लेकिन वो राजी नहीं होगी।
रवि ने कहा- देखो तुमने वादा किया है… कोशिश करके देखो।
इस पर मैंने भी हां कर दी।
अगले एक हफ्ते तक मैंने रूपाली के घर के खूब चक्कर लगाये।
दूसरी तरफ रवि ने सालगिरह वाले दिनों के आसपास अपने एक दोस्त के जरिये उदयपुर में सैर सपाटे के फ्री कूपन हासिल कर लिये। इन कूपनों से चार लोग तीन दिन तक उदयपुर में मस्ती कर सकते थे जिसमें होटल का खर्चा भी शामिल था।
अब मैंने रूपाली को उदयपुर चलने के लिये राजी कर लिया। एक पैसा खर्च नहीं होना था इसलिये शुरूआती ना नुकुर के बाद रूपाली राजी हो गई।
रवि को इस होटल के कमरा नंबर 201 की खासियत पता थी। कमरा नंबर 201 और 202 के बीच खास तरह का शीशा लगा था। इसके जरिये 201 में बैठे लोग 202 की एक एक चीज देख सकते थे लेकिन 202 वालों को 201 का कुछ नजर नहीं आता था।
उदयपुर पहुंच कर रवि ने 201 में डेरा जमाया और रूपाली और उसके पति को 202 में भेज दिया।
इसके बाद उसने कमरा नंबर 201 के शीशे के बारे में मुझे बताया।
हम दोनों कुर्सी पर बैठ गये और 202 का नजारा देखने लगे।
कमरे में जाते ही सीधी सादी रूपाली के रंग ढंग बदल गये, वो कमरे में सेक्सी अंदाज में डांस कर रही थी और एक एक करके अपने कपड़े उतार रही थी।
थोड़ी ही देर में वो पूरी तरह से नंगी हो गई, उसकी तनी हुई चूचियाँ देख कर रवि का लंड हरकत करने लगा था। लेकिन हैरानी की बात यह थी कि रूपाली के पति पर इसका कोई असर नहीं पड़ा था।
रूपाली बाथरूम में नहाने गई और बिना शरीर पौंछे बाहर निकल आई। शरीर पोछने के लिये उसने अपने पति को तौलिया दिया और उसके कपड़े उतारने लगी।
लगता था रूपाली कुछ करने के मूड में थी।
रवि को उसका यह अंदाज पसंद आया।
रूपाली ने अपने पति को नंगा कर दिया था…
लेकिन यह क्या… उसका लंड एकदम शांत था जबकि दूसरे कमरे से देख रहे मेरे पति का लंड फनफना रहा था।
अब रूपाली अपने पति का लंड चूस रही थी लेकिन काफी कोशिश के बाद भी लंड खड़ा नहीं हुआ।
मैं उस लंड की हालत देख कर हैरान थी, मैं सोच रही थी कि लंड को तो बस चूत के दर्शन चाहिये और वो तुरंत खड़ा हो जाता है और यह रूपाली का पति… .क्या इसी वजह से रूपाली के बच्चे नहीं हुआ।
अगर ऐसा है तो रूपाली की गर्मी कैसे शांत होती होगी।