रात भर कमरतोड चुदाई का मजा लिया

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Antarvasna, desi kahani: कॉलेज की पढ़ाई खत्म हो जाने के बाद मैं नौकरी की तलाश में था तो मेरे भैया ने मुझे अपने ऑफिस में ही जॉब लगवा दी थी क्योंकि वह उस ऑफिस में काफी समय से काम कर रहे थे। अब मैं उनके साथ ही हर रोज सुबह ऑफिस जाया करता और उन्हीं के साथ घर वापस लौटता। करीब एक साल तक मैंने उसी कंपनी में जॉब की मुझे 1 साल का एक्सपीरियंस हो चुका था इसलिए मैंने अब वह कंपनी छोड़ दी और मैंने दूसरी कंपनी में जॉब करने की सोची। मुझे दूसरी कंपनी में जॉब भी मिल चुकी थी और मैंने वह जॉइन कर ली कुछ दिनों की ट्रेनिंग के बाद मैं पूरी तरीके से ऑफिस का काम संभालने लगा था। एक दिन शाम के वक्त मैं अपने घर लौटा उस दिन भैया जल्दी लौट आये थे और मैं अपने रूम में चला गया। पापा घर आए तो पापा ने हम दोनों को बुलाया और कहने लगे कि बेटा अब हम लोगों को मीनाक्षी की शादी के लिए कोई लड़का देख लेना चाहिए।

पापा कभी भी कोई बात होती तो हम लोगों से पहले पूछा करते थे पापा ने मुझे जब इस बारे में पूछा तो मैंने पापा को कहा कि पापा आपको जैसा ठीक लगता है। उसके बाद पापा ने भी मीनाक्षी के लिए लड़का देखना शुरू कर दिया था और जल्द ही एक लड़का मिल भी गया। जब वह लड़का मिला तो उसके साथ मीनाक्षी की शादी तय हो गई मीनाक्षी को भी वह लड़का पसंद था। दोनों परिवारों की रजामंदी से हम लोगों ने शादी करवाने का फैसला कर लिया था और जल्द ही मीनाक्षी और निखिल की शादी तय हो गई। मीनाक्षी की निखिल से शादी हो जाने के बाद मीनाक्षी अपने ससुराल चली गई थी जिस वजह से घर में मुझे कई बार काफी अकेला महसूस हुआ करता था। जब घर में मीनाक्षी थी तो मैं उससे बात कर लिया करता था लेकिन अब मीनाक्षी की शादी हो जाने के बाद मैं घर में काफी ज्यादा अकेला महसूस किया करता हूं। मेरे ऑफिस में सुरेश जॉब करता है सुरेश ने मुझे कहा कि आकाश चलो कहीं घूमने का प्लान बनाते है। मैं भी उसकी बात मान गया और हम लोगों ने अब घूमने के बारे में सोचा हम लोगों ने अपने ऑफिस से तीन दिन की छुट्टी ले ली थी और हम लोग घूमने के लिए मनाली चले गए।

मनाली में जब हम लोग गए तो वहां पर मुझे बहुत ही अच्छा लगा और सुरेश भी काफी खुश था। कुछ ही दिनों में हम लोग मनाली से वापस लौट आए थे मनाली में दो-तीन दिन रुकने के बाद जब हम लोग दिल्ली वापस लौटे तो दिल्ली में बिल्कुल भी मन नहीं लग रहा था फिर से वही भागदौड़ भरी जिंदगी शुरू हो गई थी। हम लोग सुबह के वक्त अपने ऑफिस जाते और शाम के वक्त ऑफिस से लौटते जिंदगी में कुछ भी नया नहीं हो रहा था। एक दिन मैंने अपने दोस्त सुरेश को कहा कि चलो आज शाम को हम लोग ऑफिस के बाद मूवी देखने के लिए चलते हैं तो वह कहने लगा ठीक है। जब हम लोग अपने ऑफिस से फ्री हुये तो उसके बाद हम लोग मूवी देखने के लिए चले गए हमारे ऑफिस के पास ही एक मॉल है हम लोग उसमें मूवी देखने के लिए गए क्योंकि मूवी का टाइम 7:00 बजे था तो हम लोगों को थोड़ा इंतजार करना पड़ा। हम लोग बैठे हुए थे जैसे ही शो शुरू होने वाला था तो हम लोग थिएटर में चले गए और हम लोग जब थिएटर में गए तो वहां पर मेरी बगल वाली सीट में एक लड़की बैठी हुई थी उसके साथ उसकी फ्रेंड भी आई हुई थी। जिस तरीके से वह लोग बात कर रहे थे उससे तो यही लग रहा था कि वह लोग कॉलेज में पढ़ते हैं। मैं और सुरेश मूवी देख रहे थे लेकिन वह लोग काफी शोर कर रहे थे मैंने उन्हें कुछ नहीं कहा लेकिन जब मैंने ध्यान से उस लड़की के चेहरे की तरफ देखा तो मुझे वह बहुत अच्छी लगी मुझे नहीं मालूम था कि शायद मेरी किस्मत इतनी अच्छी होगी कि वह भी मुझसे बात कर लेगी। उस लड़की ने भी मुझसे बात कर ली उसने जब मुझसे बात की तो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे और हम दोनों को एक दूसरे से बात करना अच्छा लग रहा था हम दोनों ने एक दूसरे के नंबर भी एक्सचेंज कर लिए थे। मुझे बिल्कुल पता नहीं था कि गरिमा और मेरी बात इतनी आगे बढ़ जाएगी हम लोग एक दूसरे को मिलने भी लगे थे और एक दूसरे को हम लोग डेट भी करने लगे थे। मैं जब भी गरिमा से मिलता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और उसे भी बहुत अच्छा लगता था।

गरिमा की कॉलेज की पढ़ाई अब खत्म होने वाली थी हम लोगों को मिले हुए करीब 6 महीने होने वाले थे इन 6 महीनों में गरिमा और मैं एक दूसरे के काफी नजदीक आ गए थे। गरिमा ने मुझे बताया कि उसके पापा मम्मी दोनों ही जॉब करते हैं इसलिए उसे कभी उसके मम्मी पापा से प्यार मिला ही नहीं। मैं गरिमा को पसंद करने लगा था और मैं चाहता था कि गरिमा को मैं प्रपोज करूं और मैंने जब गरिमा को प्रपोज किया तो वह खुश हो गई। उसके बाद हम दोनों का रिलेशन चलने लगा हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब मैं गरिमा से बात करता हूं। मैं और करीमा एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते, मुझे बहुत ही अच्छा लगता जब मैं गरिमा के साथ समय बिताया करता। एक दिन मुझे गरिमा ने कहा कि चलो आकाश आज कहीं घूमने के लिए चलते हैं तो मैंने उसे कहा ठीक है और उस दिन मैं अपने ऑफिस से फ्री होने के बाद गरिमा के साथ चला गया।

हम दोनों साथ में ही थे और मैं गरिमा के साथ काफी अच्छा समय बिता रहा था। उस दिन हम दोनों को साथ में काफी देर हो गई थी मैंने गरिमा को कहा गरिमा अब हम लोगों को घर चलना चाहिए। गरिमा चाहती थी कि मैं उसके साथ समय बिताऊं मैंने उसे कहा गरिमा अब काफी देर हो चुकी है परंतु गरिमा ने जब मुझे कहा मुझे तुम्हारे साथ समय बिताना है मैंने उसे कहा ठीक है और उस दिन गरिमा ने मुझे अपने साथ अपने घर पर चलने के लिए कहा उसने मुझे बताया कि उसके पापा मम्मी आज अपने किसी फ्रेंड के घर पर ही रुकने वाले हैं। वह घर पर अकेली थी उस दिन उसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था इसलिए उसने मुझे अपने साथ रुकने के लिए कहा मैं भी मान गया। मै उसके साथ उसके घर पर ही रुका मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश था कि मैं गरिमा के साथ रुकने वाला हूं हम दोनों के बीच में सेक्स संबध बन गया हम दोनों दो जवान बदन थे हम दोनों एक दूसरे की बाहों में आ चुके थे वह मेरे होठों को किस कर रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा जब मैं उसको किस कर रहा था मेरे अंदर की गरमाहट में बढ़ोतरी होती जा रही थी। हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे को चुम्मा चाटी करते रहे। अब हम दोनों की आग बढ़ने लगी थी मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था वह भी रह नही पा रही थी। मैंने उसको कहा मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है वह मुझे कहने लगी अच्छा तो मुझे भी बहुत लग रहा है मैने गरिमा की चूत से पानी बाहर निकल दिया था वह बहुत ज्यादा तड़पने लगी थी। मैंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया था जब मैंने अपने लंड को बाहर निकालकर हिलाना शुरू किया तो वह मेरे लंड को देखकर कहने लगी तुम्हारा लंड तो बहुत ही ज्यादा मोटा है। उसने अपने हाथ को आगे बढाया और मेरे लंड को कुछ देर हिलाने के बाद उसने झट से उसे अपने मुंह में ले लिया उसने मेरे लंड से चूसकर पानी बाहर निकाल दिया। उसकी भी चूत से पानी बाहर निकालने लगा था मैं पूरी तरीके से मचलने लगा था वह उत्तेजित हो गई थी।

मैंने गरिमा के बदन से कपड़े उतारकर उसके स्तनो को अपने हाथों से दबाना शुरू किया। जब मैं ऐसा कर रहा था तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था। मेरे अंदर की आग अब बढ़ती जा रही थी उसको मजा आने लगा था वह मेरे लंड को चूत में लेना चाहती थी। मैंने जब उसकी पिंक पैंटी को उतारकर उसकी चिकनी चूत को देखा उसकी गुलाबी चूत पर एक भी बाल नहीं था मैंने उसकी चूत पर अपनी उंगली का स्पर्श किया तो वह मचलने लगी। मैंने धीरे से अपनी उंगली को उसकी चूत मे डालने की कोशिश की तो वह उछल पड़ी। मैंने अब उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया था मैं जब उसकी योनि को चाट रहा था तो मुझे बहुत मजा आ रहा था उसको भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था वह उत्तेजित होने लगी थी। मेरे अंदर की गरमाहट अब बढ़ने लगी है हम दोनों ही एक दूसरे के लिए तडपने लगे थे मैं अपने आपको ज्यादा देर तक रोक नहीं पाया।

मैंने जब गरिमा की चूत के अंदर अपने लंड को थूक लगाते हुए डाला तो वह जोर से चिल्लाई उसकी चूत से खून निकल रहा था उसको बड़ा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करना शुरू कर दिया था वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी। मैंने उसके दोनों पैरों को ऊपर उठा लिया था उसके पैरों को आपस में मिलाने के बाद जिस प्रकार से मै उसको चोद रहा था उससे उत्तेजित होती जा रही थी। उसकी चूतड़ों को मैंने अपनी तरफ किया और उसको घोडी बनाया उसकी चूत के अंदर मैंने अपने लंड को घुसेडा उसकी चूतड़ों पर जब मैं प्रहार करता तो उसकी चूतड़ों का रंग लाल होने लगा था और मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आने लगा था काफी देर तक मैंने उसके साथ संभोग का मजा लिया। उसकी चूत से पानी निकलने लगा था मेरा माल भी गिरने वाला था मैंने अपने माल को उसकी चूत मे गिरा दिया मेरा माल गरिमा की चूत मे गिर तो वह खुश हो गई थी। रात भर कमरतोड चुदाई करने के बाद मे थक कर चूर हो गया था।
 
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