रात को मेरे जाने के बाद सुगंधा जब बिस्तर पे आई पूजा के साथ तो पूजा उसका बाल पकड़ के जोर से हिला दी.....सुगंधा एकदम से हुए इस हमले से बौखला गई और चिल्ला के बोली क्या हुआ कामिनी पूजा बोली अरे शांत हो जा काहे को बखेड़ा खड़ा कर रही है......आंटी बोली की क्या हुआ भाई अब इतना रात में तो पूजा बोली की बेटी को दौरा आते रहता है फिर पूजा सुगंधा को धीरे से बोली की क्या रे सुने की तू उनको मारने दौड़ती है आजकल और गाली भी देती है......सुगंधा ये सुन के अपने दात पिस्ते हुए बोली की कमीना हमको बोल रहा था की एक पे एक फ्री पूजा उसके मुंह से कमीना सुनी तो उसको फिर से मुक्का मारी पीठ में घम्म से आवाज आया तो आंटी बोली चिल्ला के अरे लड़ाई कर रही है क्या........तुम दोनो आए हम अभी.......

फिर पूजा बोली की नही मां क्या तुम भी......इधर सुगंधा अपना पीठ पकड़ के आऊ उहू कर रही थी......फिर पूजा बोली की उनको मत बोला कर ये सब हम बहुत पोजेसिव है उनके लिए तुझको तो पता है ही......पूजा बोली कुत्ति कहींकी मुंह से बोल देती बाल नोच के क्यू मारी फिर पूजा उसके सामने हाथ जोड़ते हुए मुस्कुराते हुए तुतले जबान में बोली आई एम चौली दीदी दी......

अब से आज के बाद से गली गलौज और मारा पिटी नही करना तू मेरे साथ कर ले पर उनके साथ नही......

फिर सुगंधा बोली सच में तू भी पागल है और वो भी पूजा ये सुन के फिर उसको बोली की तू नही सुधरेगी है ना......सुगंधा बोली सॉरी सॉरी मेरी मां सॉरी बाकी मारियो मत अबकी नही तो अभी घमासान युद्ध हो जायेगा इधर ही........फिर पूजा से सुगंधा बोली की अरे हमको ये बता की तू रूम में शाम को वैसे उसके गोद में क्या कर रही थी मेरे जगह मां आ जाती तो........तो पूजा बोली की मां आयेगी तो पायल का आवाज आएगा ना उनका.......सुगंधा बोली की फिर भी डर नही लगता वो बोली की नही बल्कि मजा आता है तू अगर कबाब में हड्डी ना बनती तो कुछ देर हमको उनको प्यार मिलता सुगंधा बोली हाय राम एकदम बेशर्म हो गई है मेरी सीधी साधी बहन.......

फिर पूजा हमको मैसेज की आपका बदला ले लिए हम....है बोले की किस बात का बदला कैसा बदला तो पूजा बोली की आपको कोई गाली दे मारे हम छोड़ दे ऐसे ही.......हम बोले की कर ली लड़ाई दोनो अपने में तो फिर हसने वाला इमोजी भेजी वो.....हम बोले की सब ठीक तो वो बोली हा.....फिर बात किए थोड़ी देर और फिर सो गए......

उसके बाद अगले 11 दिनो तक युही अपना प्रोग्राम चलता रहा पढ़ाई चुदायी का मिला जुला कोर्स और अपने जानते भर में हम दोनो अच्छे से तैयारी कर लिए थे एग्जाम के लिए और अगले दिन सुबह निकलने वाले थे शनिवार को......उस रात हम पूजा को बोले की कल अपनी दुल्हनिया को ले के सेकंड हनीमून पर जा रहे है हम......इस बार स्पेशल अरेंजमेंट है वहा तो वो बोली की अच्छा जी क्या क्या है हम बोले की बस कल इस वक्त तुम मेरे बाहों में सो रही होगी.......पूजा बोली हम्म्म्म बड़का ना सो रही होगी हम बोले हा ये भी सही है तुमको सोने कौन देगा......

वैसे बैग पैक कर ली तो वो बोली हा सब कुछ पैक कर लिए है बस अब आपसे मिलने का इंतजार है......हम बोले की सुबह में ठंड रहेगा इसलिए बढ़िया से जैकेट वगैरह पहन लेना अच्छे से और रांची में बहुत ठंड होगा यहा में मुकाबले क्युकी पहाड़ी इलाका है.......वो बोली वाह फिर तो हम आपको अपने से चिपकाए ही रखेंगे ठंडी वंडी मार दिया तो.......हम हस कर बोले की चिंता मत करो जान मेरा हम दोनो हीटर है एक दूसरे के.......इतने में सुगंधा उसको बोली की अरे लवेरिया की पेशेंट सो जा कल सुबह से तुम लोग साथ ही रहोगे ना......फिर पूजा बोली की अच्छा चलिए सग्गू गुस्सा कर रही है आप भी सो जाइए हम भी सोते है कल सुबह स्टेशन पे मिलते है......हम बोले की सुनो सुनो कल पहन के क्या आयेगी तो वो बोली रेड वाला ब्रा रेड वाला सलवार सूट व्हाइट लेगिंग्स रेड दुपट्टा.....और और एक व्हाइट वाला जैकेट और स्टॉल ओढ़ेंगे साथ में हम बोले की सुबह जब नहाएगी तो क्रीम लगा लेना क्लीन हो जायेगा वो बोली जान हम हर तीसरे दिन करते है हेयर रिमूवल कल ही किए थे.....हम बोले फिर भी कल की थी और कल सुबह तीसरा दिन है तो वो बोली जो हुकुम मेरे आका और कोई ख्वाइश......हम बोले हा पायल पहन लेना छम छम करती हुई चलोगी तो साथ में मेरा इश्क बजेगा.......वो बोली वाह ठीक है चलिए गुड नाईट.......

फिर सुबह हम उठे और अपना सब चीज पहले से बैग पैक्ड था फटाफट तैयार हुए और मां पापा से मिल के आशीर्वाद ले के निकल पड़े.....इतनी सुबह में भी ठंडी होने के बावजूद मां नाश्ता पैक कर के दे दी थी......मां तो मां ही होती है उसका मुकाबला कोई नही कर सकता दोस्तों.........

स्टेशन पे हम पूजा को फोन किए तो वो रास्ते में ही थी और उसका भाई उसको छोड़ने आ रहा था......अगले दस मिनिट में पूजा राहुल के साथ मेरे सामने खड़ी थी और क्या बला की खूबसूरत लग रही थी मेरी जान पूजा हमको ऐसे देखते हुए शर्मा सी गई क्युकी राहुल जो था साथ में......फिर हम तीनो चल पड़े अपने बोगी की तरफ......राहुल बोला की इससे अच्छा पिछली बार की तरह रात वाले में टिकट करा लेते तो हम बोले की नही मिला उसमे इसमें कन्फर्म था तो ले लिए......वो बोला आपके कन्फर्म के चक्कर में नींद हराम हो गया उसका बात सुन के हम और पूजा हस पड़े और वो सड़ा सा मुंह लिए वही खड़ा था.......खैर हम दोनो अपना अपना समान रख दिए बोगी में अभी कम ही लोग थे और सूरज मामू अपनी छटा धीरे धीरे बिखेर रहे थे.....हम राहुल को बोले की अब तू जा आराम से ट्रेन खुलेगी तो हम बोल देंगे फोन कर के......पर वो बोला की नही नही कोई दिक्कत नही ट्रेन खुलने दीजिए ना फिर चले जायेंगे.....तो हम बोले की ठीक है जैसी तेरी मरजी.....चल आ चल के गरम गरम चाय पीते है.....फिर तीनो कोई चाय पीए कुल्हड़ वाला.....और उसके बाद वापिस से अपने ट्रेन में हम लोग चढ़ गए जबकि राहुल बाहर ही खड़ा था हम पूजा को बोले जाओ अपने सीट पे बैठो अब टाइम हो चला है.....वो राहुल को ठीक से चले जाने का बोल के चली गई जबकि हम उकसे साथ खड़े थे......फाइनली जब गाड़ी सिटी बजाई तो वो बोला की चलिए ठीक है सुमित भईया निकलिए बेस्ट ऑफ़ लक अच्छी अच्छी खबर सुनाइए जल्दी दोनो कोई.....हम बोले की हा चलो और आराम से जाना और वो चला गया जबकि हम पूजा के पास आए और बैठते ही उसके गालों पे हल्का सा चुम्मा दे दिए एकदम झटके में तो वो आंखे गोल करते हुए हमको देखने लगी जैसे की कोई देख लेता तो हालांकि कोई देखा नही था बोगी में कम ही लोग थे.....हम उसको बोले की बवाल लग रही हो इसलिए रहा नही गया तो वो हस दी बोली पागल कहिके यही सब हरकत आपका तो हमको और पागल बनाता है आपके लिए.......अब तक ट्रेन स्टेशन से निकल चुकी थी और पूजा हमको ठंड ना लगे इसलिए बोली की स्टॉल के अंदर आ जाइए ना हम बोले की कैसे तो वो स्टॉल उतारी और एक चादर जैसे उसको हम दोनो पे फैला ली जिससे उसके हाथ और मेरे हाथ ढक गए और स्टॉल गर्दन तक थी और पीछे की ओर पीठ से उसको दबा दिए हम दोनो.....

ट्रेन अपनी रफ्तार से भागती जा रही थी.....और पूजा मेरे कंधे पे सर रखे रखे ही सो गई सुबह उठी होगी इसलिए नींद आना लाजमी था.....8 घंटे का सफर था.....

इधर हम पिछली बार वाले होटल के लड़के जिसका नाम अमन था उसका नंबर लिए थे उससे अपने लिए दूसरे अच्छे जगह अरेंजमेंट करवाए थे......इस बार पूजा को सरप्राईज देना था इसलिए होटल स्टेशन से कुछ दूरी पर ही था पर अबकी बार थ्री स्टार होटल बुक किए थे और खाना पीना के साथ सब कुछ ले दे के एकदम मस्त था और साथ ही साथ पतरातु घाटी घूमने जाना था इसलिए एक बाइक का इंतजाम भी करवाए थे अमन से......और इन सब के लिए अपने सेव किए हुए पैसे खर्च किए थे कुल मिला कर 15000 का खर्च बैठ गया था पर जो खुशी हमको देखने को मिलती ना उसके लिए ये सब बहुत कम था........

ट्रेन चले हुए तीन घंटे से ऊपर हो चुके थे जबकि पूजा मेरे बाह में अपने हाथ फसा कर अपना सर मेरे कंधे पे रखे मस्त सो ही रही थी....फिर कुछ देर बाद हम उसको आवाज दे कर उठाए तो ऐसे उठी जैसे पता नही क्या हुआ हो.....वो बोली पहुंच गए क्या......तो हम बोले नही बच्चा भूख नही लगा है तुमको चलो कुछ खा लो अब.....9 से ऊपर टाइम हो रहा है....वो बोली भक्क सोने देते ना हमको कितना गहरा नींद में थे हम......हम बोले की कुछ खा लो फिर सो जाना भूखे नही रहने देंगे चलो जाओ मुंह पे पानी मार के आओ तब तक हम खाना निकालते है......वो बोली नहीं कही नही जायेंगे हमको सोना है और वो फिर से मेरा बाह में अपना हाथ एडजस्ट की और सोने लगी हम स्टॉल के अंदर से उसकी चूची को जोर से दबाए तो वो सिसकियाते हुए उठी और बोली जान प्लीज ना सोने दीजिए ना हम बोले की सोना ना पर पहले कुछ खा लो उसके बाद......वो एकदम ऐसा मुंह बना कर उठी की क्या ही बताऊ......बाथरूम से फ्रेश हो कर आई पर अब भी वो सोने के ही मूड में थी हम तब तक खाना निकाल लिए थे......वो बोली की आप ही खिलाओ और ये कह कर मेरे कंधे पे फिर से सर रख ली और हम उसको खिलाने लगे और खुद भी खाए.....खाने के बाद वो बस बॉटल से पानी पीने के लिए हाथ चलाई और फिर से आंख बंद कर के मेरे कंधे पे सर रख दी हम बोले ओ मैडम हमको तो हाथ धो कर आने दो तो वो ऊहू कर के उठी और खिड़की की तरफ देखने लगी......और उसपे टेक लगा कर बैठ गई हम गए हाथ मुंह धोए बाथरूम गए और वापिस आए और पूजा को जब हम अपनी ओर आने बोले तो मना कर दी बोली आप सोने नही देते......हम बोले आ जाओ और अब सो लो ना मेरा जान हम तो खाना खाने के लिए ना बोले थे चलो गुस्सा नही करो आओ इधर वरना हम उधर आ जायेंगे फिर सोच लेना हम कहा कहा सर घुसाएंगे और ये कह कर उसके कमर के पास चिकोटी काट लिए वो कसमसा कर रह गई.....फिर वो मेरे पास आई स्टॉल को वैसे ही ओढ़ी और फिर वो हमको मेरे लंड के पास जोर से दबा दी.....और बोली ज्यादा बोलिएगा ना तो इसको ही खा जायेंगे हम.....हम मुंह बनाते हुए बोले की फिर अपनी रानी का क्या करोगी और हस दिए तो वो भी हस दी....और फिर से मेरे कंधे पे सर रख के खिड़की से बाहर की तरफ देखने लगी......हम इधर उसके जैकेट का चैन खोलने लगे तो वो हमको देखी पर फिर अपना मुंह घुमा ली और बाहर देखने लगी.....हम चैन खोले और सूट के ऊपर से ही उसकी चूचियों को दबाने लगे......वो अपने आप को एडजस्ट की थोड़ा और आराम से दबवाने लगी और अपना हाथ मेरे लंड पे ले जा के रख दी.....जो उसके स्पर्श से अब खड़ा होने लगा था......सूट के ऊपर से दबाते दबाते हम अब उसके सूट के कमर के साइड से जहा से कट होता है वहा से हाथ घुसाए और ब्रा के ऊपर से दबाने लगे अब उससे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था वो हमसे धीरे से बोली जान आप आग लगा रहे है फिर देखिएगा कंट्रोल नही होगा हमसे.......हम बोले की पानी की बौछार कर देंगे और ठंडी हो जाओगी जानेमन.........वो बोली तो कुछ नही पर उसकी आंखो में साफ साफ दिख रहा था की वो मना कर रही थी......हम भी सोचे की चलो बेचारी को बक्श देते है......और फिर ब्रा के ऊपर से अंतिम बार उसके खड़े हो चुके निप्पल को कस कर उमेठ दिए जिससे वो हल्के से आह जान आह ओह.....कर के रह गई और हम अपना हाथ उसके सूट से बाहर निकाल कर वापिस सूट के ऊपर से उसके चूची पे रख कर बैठ गए......वो हमको एकदम जोर से अपने साथ दबा ली जैसे वो अंदर ही अंदर झड़ गई हो......कुछ देर ऐसे ही पकड़े रहने के बाद वो मेरे कान के निचले हिस्से को मुंह में ले के चुभलाते हुए बोली आई लव यू जान मेरा.....उसके चुभलाने से बड़ा गुदगुदी हुआ हम उसको जवाब में आई लव यू टू जान बोले और फिर वो ऐसे ही बाहर देखती रही जबकि हम उसके सर पे ऊपर से अपना सिर टिका कर बैठे रहे और कुछ देर में वो फिर से सो गई.........

हमारे बोगी में लोग कम ही थे......और रांची आने में अब लगभग एक घंटा रह गया था.....अब मेरी भी आंख लगने लगी थी की तभी टीटी महाराज प्रकट हो गए.....वो टिकट मांगा तो बड़े बेमन से हम स्टॉल के अंदर से हाथ निकाले और ऐसा करने से पूजा भी जाग गई.....वो नही देखी की टीटी आया हुआ है.....वो नींद में थी तो वो टीटी को दूसरा कोई समझ के पूछती है क्या है ....
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हम बोले अरे पगली टीटी है टिकट देखेंगे फिर वो हमको ऐसे देखी हम बोले तुम सो जाओ वो बोली भक्क अब वो चिड़चिड़ा गई थी एकदम हम टिकट पैकेट से निकाल कर उसको दिखलाए और वो टिक कर के आगे बढ़ गया......पूजा बोली हद है आज तो हम बोले अरे क्या हो गया जान टीटी था वो चला गया और वैसे भी अब रांची आने वाला है चलो अब नींद से बाहर आओ की तभी घर से फोन आ गया.......हम मां से बात किए फिर पूजा को भी बात करवाए.....उसके बाद वो अपने घर पे बात की और फिर हम उसको बोले की चलो अब टाइम हो चला है रांची लगने वाली थी गाड़ी.....फिर पूजा अपने बैग से कंघी निकली थोड़ा बाल सवारी मुंह पोछी और फिर पानी पी और रेडी थी.....हम बोले नींद नहीं ना लग रहा अब वो मेरे हाथ पकड़ते हुए बोली.....अब है नींद किसे अब है चैन कहा......
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फिर रांची स्टेशन पे ट्रेन लग गई और हम दोनो बाहर आ गए......पूजा एकदम पत्नी जैसे बिहेव कर रही थी हाथ मेरा तो एक पल के लिए नही छोड़ी थी पटना से ट्रेन चलने के बाद और जब वो पूछी की आज होटल कहा लेंगे तो हम बोले की चलो तो यही बाजू में है और जब उसको ले के होटल के प्रांगण में घुसे तो वो बोली जान ये महंगा होटल होगा ना तो हम बोले की चुप रहो ना तुम चलो अब.....और फिर अमन को कॉल लगाए तो वो उसी होटल से बाहर आया और बोला जानते थे भाई की गाड़ी इसी टाइम आती है इसलिए यहां पहले से आया हुआ था उसके साथ एक लड़की थी जो उस होटल की अटेंडेंट में से एक थी उससे परिचय करवा दिया वो और बोला की भईया ये आपको हेल्प कर देगी सब चीज में और बाकी बात आप फोन पे कर लीजिएगा हमसे......और वो चला गया जबकि वो लड़की हमे हमारे कमरे तक ले के गई और जब पूजा अंदर का नजारा देखी तो बोली वाओ जान बहुत सुंदर रूम है बहुत महंगा होगा ना.....

हम बोले अब हनीमून पे आए है तो इतना तो बनता है ना.........वो शर्मा कर मेरे गले लग गई.......
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होटल में समान रखने के बाद पूजा सबसे पहले हमको अपने आलिंगन में लेते हुए बोली की अब बताइए इतना महंगा रूम का क्या जरूरत था पिछली वाले रूम भी तो ठीक था ना जान........हम बोले की भक्क पगली पिछली बार हम लोग एक दूसरे के प्यार में थोड़े थे बट इस बार हम दोनो दो जिस्म एक जान है.......इसलिए और वैसे भी इस बार हमारा ये ट्रिप स्पेशल होने वाला है इसलिए सब चीज स्पेशल होगा.......और एक बात हम तुमको आज से बल्कि अभी से एक पल के लिए भी सोने नही देंगे......खाना पीना सब ऑलरेडी बुक किया हुआ है......बस एक फोन घुमाना है और खाना हाजिर......

पूजा मेरे ना सोने देने वाली बात पे बोली अच्छा हम ऐसा क्या किए है जो हमको सोने नही दीजिएगा......हम उसके चूतड़ों पे हाथ लगाते हुए बोले की वो तो तुम खुद देख लेना की सो पाओगी या नही......और ये कहते हुए हम दोनो एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.....इधर मैंने उसके लेगिंग्स में हाथ डाला और चूतड़ों को दबाते हुए गांड़ के छेद को कुरेदने लगे.......कुछ देर के चुम्बन के बाद हम अलग हुए और फिर पूजा बोली की पहले कुछ खा लेते है उसके बाद आपको प्यार वाला रस पिलाऊंगी......हम बोले क्या खायेगी वो बोली जो आप मंगा लीजिए तब तक हक फ्रेश हो लेते है.......हम नीचे रिसेप्शन पे कॉल लगाए और चावल दाल सब्जी नॉर्मल लंच का ऑर्डर दिए तब तक पूजा बाथरूम से फ्रेश हो कर बेड पे आ गई थी और उसके पैरो में पायल एक अलग ही समा बना रहा था.....एकदम नई नई पत्नी वाली फीलिंग थी....
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अभी उसने अपनी जैकेट और दुपट्टा उतार दिया था और सिर्फ कुर्ते लेगिंग्स में थी.....खाना हम गेट से रिसीव किए और वापिस कमरे में आए..... जहा पूजा मेरे गोद में बैठ कर हमको अपने हाथ से खिलाई और खुद भी खाई........खाने के बाद हम बोले की चलो अब थोड़ा तैयार हो जाओ हम एक मिनट में आते है और उसके बाद चलेंगे कही बाहर......वो बोली अरे क्यू अभी तो आए है थोड़ा आराम करते है ना....नही अभी कही नही चलेंगे बाद में......प्लीज अभी नही....

फिर भी हम उसको रुकने का बोल के नीचे चले गए और उस लड़की से मिले और मेरे कहे अनुसार उसने मुझे एक थैली दी और वो ले कर हम वापिस कमरे में आ गए जहा पूजा अपने बाल खोल कर सवार रही थी अच्छे से फिर हम उसको वो थैला देते हुए बोले की लो इसको देखो और तैयार हो जाओ वो उसमे देखी तो उसके अंदर एक साड़ी ब्लाउज पेटीकोट सब का सेट था और हम अपने बैग से एक ब्रा निकाल कर दिए उसको वो बोली की क्या हुआ अचानक से कहा चलना है साड़ी पहन कर(ऐसा इसलिए बोली क्युकी साड़ी एकदम लाल थी जैसे सुहाग का जोड़ा होता है).......

फिर हम बोले अच्छा हम अभी कहे की चलो शादी कर लेते है तो चलेगी.....तो वो हमको ऐसे देखने लगी जैसे की हम उससे कोई चोरी करने के लिए कह रहे हो.......फिर वो बोली की हा क्यू नही करेंगे जान पर अगर ये बात घर में पता चली तो फिर क्या करेंगे......दिक्कत हो जायेगी ना......हम बोले कौन बतला रहा है उनको तुम या हम....वो हस कर बोली नही जान हमदोनो में से कोई नही बतला रहा पर आपके नाम का सिंदूर तो लगाऊंगी ना रोज आपके प्यार की सबसे अनमोल निशानी अपने गले में सजाए रखूंगी ना हर वक्त और फिर कभी कभार जो व्रत वगैरह पत्नी अपने पति के लिए करती है वो तो करूंगी ना और सबसे जरूरी बात आपके प्यार का रस रोज पिए बगैर मेरे को चैन पड़ेगा क्य.....अभी तो हम कैसे कैसे खुद को रोकते है आप देखे ही है आपसे ज्यादा बेताबी मेरे अंदर है.....है की नही......हम हा में सर डोलाए...... ऐसी बहुत सी चीजे है जो मैं किए बगैर नहीं रह सकूंगी या फिर कोई एक गलती और सब सच बाहर आ जायेगा तो कितनी बड़ी आफत आ जायेगी सोचे है आप........

हमको ऐसा लग रहा था की कोई टीचर बच्चे को गलती करने से रोक रही हो समझा रही हो........उमर में हमसे बड़ी होने के साथ साथ दिमाग भी है इस गधी में........पर हम सोच कर आए थे की आज शादी कर लेनी है हम दोनो ने हम ये बोले उसको तो वो बोली की जान चलिए कर लेते है शादी फिर जो होएगा देखा जायेगा कोई दिक्कत नही और वो कपड़े थैली में से निकाल कर अपने कपड़े उतारने लगी........अभी उसने अपनी कुर्ती का चैन खोला ही था की हम उसके हाथ को पकड़ते हुए बोले की अच्छा एक बात बताओ कब तक हम रुके अपनी शादी को ले कर.....मेरे से तुम्हारी ये दूरी अब ज्यादा दिन तक सहन नही होने वाली.......मेरा चेहरा उतर सा गया था एकदम क्युकी पूजा के समझाने के बावजूद हमको अभी भी मेरा ही फैसला सही लग रहा था.....वो मेरे चेहरे को अपने हाथो मे लेते हुए बोली जान आपको लग रहा है की हम कदम पीछे हटा रहे है पर ऐसा नहीं है अभी हम आपको बतलाए ना अगर फिर भी आपको करना है शादी तो हम आपके साथ है तैयार हो रही हु फिर चलते है ना परेशान क्यों होते है पर इतना जान लीजिएगा की अगर कुछ हुआ तो फिर हम दोनो को मिल के सब संभालना पड़ेगा क्युकी सुगंधा जब हमारे बारे में जान गई थी तो वो बहुत छोटी सी आंधी थी जिसको हम दोनो ने अपने प्यार के कद के सामने झुकने पे मजबूर कर दिया था पर इस बार हमारे सामने हम दोनो के परिवार होंगे जिनको हमे झुकाना नही बल्कि समझा कर हमे अपनाने को राजी करना होगा.......मेरी खोपड़ी में ये बात समझ में आ गई या ये कहिए की फिक्स हो गई थी फिर हम बोले की अच्छा ठीक है पर घूमने तो चलेंगे ना वो कुछ सोचने लगी और मेरी बात का जवाब नही दी फिर हम उसको हिलाए जोर से और बोले की जान हो गया अभी के लिए फिलहाल शादी को आगे बढ़ाते है.....

फिर पूजा बोली की अभी एग्जाम तक रुक जाते है अगर मेरा रिजल्ट हो गया तो फिर तो हम इससे भी अच्छे होटल में हनीमून मनाने जायेंगे वो भी सब का आशीर्वाद ले के......और उस वक्त आप देखना एक अलग ही बात होगी जब हम अपने रिश्ते की बात सब के सामने रखेंगे......हम बोले की नही अगर फिर भी मैं कहूं की आज शादी कर लेते है मंदिर में तो......वो बोली चलिए कर लेते है पर हमे चोरी कर के भागना थोड़े है जो चोरी छुपे शादी कर ले........वैसे भी जब से आप मेरे जिंदगी में आए है हम खुद में अपने आप को मजबूत मानते है और कोई भी मुसीबत से भिड़ सकते है और यही कारण था की उस दिन सुगंधा से हम अपना हाथ छुड़ा कर ऑटो से कूद पड़े थे और आपके पास आ गए थे...... क्युकी हम जानते है आप हमको कभी अकेला नहीं छोड़िएगा

रही बात शादी अभी करने की तो चलिए कर लेते है और इससे अच्छा क्या होगा जब हमारे रिश्ते पे भगवान की मुहर लग जायेगी......फिर तो वो भी हमारे साथ हो जायेंगे इस रिश्ते को एक करने में और ऐसा बोल के वो उठ गई और हमको बोली की आप पहले से सोच कर आए थे ना ये सब......हम उठे और उसको अपने आलिंगन में लेते हुए बोले हा सोच कर आया था.......पर तुम्हारी बात हमे समझ आ गई है अच्छे से इसलिए अपने दिल को समझाया है और बोला है की इस साल तू अकेला रह ले अगले साल तुझे तेरी वाली से मिलवा दूंगा........

पर जान अगर तुम्हारा रिजल्ट नही हुआ तो फिर......वो मेरे मुंह पे अपना हाथ रखते हुए डबडबाई आंखों से बोलो गंदे कहीके नेगेटिव क्यू सोचते है आपका और मेरा दोनो का मेहनत इसमें जुड़ा हुआ है और ऊपर वाले को कही ना कही तो दिख रहा होगा ना की ये रिजल्ट होना कितना जरूरी है........हमको आपके ऊपर और खुद के ऊपर पूरा विश्वास है और इसी विश्वाश के साथ एग्जाम दूंगी की ये एग्जाम एग्जाम नही आपको पाने के लिए एक सुनहरा मौका है.....बस इससे आगे कुछ नही आई लव यू उम्माह और एक पप्पी मेरे होठों पे चिपका दी और मेरे गले लग गई.......इधर हम भी सोचे की चलो कुछ दिन और सही वैसे भी सही कहा है किसी ने.....जल्दी का काम शैतान का......

फिर पूजा को हम बोले की फिलहाल चलो कही घूम आते है.... वो अपना कुर्ती उतारी ब्रा उतारी और लेगिंग्स उतरी पूरी नंगी खड़ी हो कर उस थैली में से एक एक कर के सारे कपड़े पहने मेरी लाई हुई ब्रा साड़ी पेटीकोट ब्लाउज सब कुछ और बोली एकदम फिटिंग है ब्लाउज वो बोली कैसे सिलवाए इसको.....हम बोले की इतने दिन से इस सीने के घेरे का माप ले रहा हु कुछ तो आइडिया होगा ना जान.....वो बोली आइडिया नही आपके मन में मेरी पूरी फिटिंग लिखी हुई है.....और कसम से क्या बवाल लग रही थी पूजा उस लाल साड़ी में जो उसमे अपने नाभि के थोड़ा ही नीचे बंधी थी ज्यादा नही पर नीचे थी और उसके साथ में वो चूड़ियों की खनखनाहट आए हाए अब बस मंगलसूत्र और सिन्दूर की कमी थी जो अगर उपर वाले ने चाहा तो जल्दी ही पूरी कर देगा........वो अपने बैग में से थोड़ा मेकअप का समान निकाली और खुद को और सुंदर बनाने लगी जबकि हम भी थोड़ा अपना हुलिया सुधारे शर्ट वर्ट बढ़िया से इन किए स्वेटर पहने थे उसको उतारे और एक लेदर वाली जैकेट लाया था साथ में वो पहना और धाय आई एम रेडी.....वो आईने में से देखते हुए हमको एक फ्लाइंग किस दे दी जबकि हम उसके पास गए और साड़ी के ऊपर से उसके चूतड़ों को दबाए वो आंख बंद कर ली और सिसकियाते हुए बोली आह जान आप ना तुरंत में आग लगा देते है मेरे अंदर.....इधर के साड़ी के ऊपर से ही गांड़ और चूत के बीच के फासले को घिसने लगे.....वो बस आंखे बंद किए खड़ी रही जबकि हम कुछ देर ये करने के बाद बोले चलो चले.....वो आंखे खोली और जोर जोर से सांसे लेते हुए हमसे लिपट गई और मेरे पीठ पे एक मुक्का मारी बोली जालिम इंसान हम हस दिए और उसको खुद से और चिपका लिए.......

फिर हम पूजा को उसका जैकेट दिए तो वो उसको ना ले कर स्टॉल ले ली और बोली की चलिए हम बोले की गधी बाहर ठंड है तबियत बिगड़ जाएगी वो बोली की नही नही बिगड़ेगी चलिए ना आप फिर भी हम उसका जैकेट अपने कमर के इर्द गिर्द बांध लिए तो वो बोली अरे एक पहने है एक कमर में बांध रहे है कोई देखेगा तो क्या सोचेगा.....हम बोले की जो सोचना है सोचने दो हम तुम्हारे लिए इसको बांधे है वो अपना स्टॉल उतारी और मेरे कमर से जैकट ले के पहन ली फिर हम उसको स्टॉल दिए और बोले ये भी लो वो मुस्कुरा कर उसको भी ले ली और ओढ़ ली.....फिर हम दोनो बाहर आए जहा वो लड़की से मुखातिब हुए और उसको थैंक्यू बोले तो पूजा सकपका गई की हम भला इसको थैंक्यू क्यू बोल रहे है तो हम बोले अमन इनके मदद से यह अपना रूम बुक करवा दिया है विथ डिस्काउंट.....और अभी देखो एक गाड़ी का अरेंजमेंट भी हुआ है वो लड़की बोली इट्स ओके सर थैंक्यू यू बोथ एंजॉय योर ट्रिप.....हम उसको बोले की नही नही आज ट्रिप पे नही जा रहे ट्रिप पे मंडे मॉर्निंग जायेंगे अभी तो फिलहाल घूमने जा रहे है यही लोकल में......फिर वो बोली श्योर सर फिर हम उसको बोले की पहाड़ी मंदिर जाना है ट्रैफिक का थोड़ा बता दीजिए तो वो बोली अमन से बात कर लिजिए वो अच्छे से बता पाएगा....फिर हम अमन से बात किए और निकल गए.....बाहर कदम रखते ही पूजा के रोम रोम सिहर उठा वो बोली ऊहूहुहु जान कितनी ठंडी है बाहर.....हम बोले हा और तुमको अभी बिना जैकेट के आना था ना......फिर वो बोली तो क्या हो जाता आप थे ना मेरे पर्सनल हीटर.....एक मिनट में आप गर्म कर देते हमको.....हम उसके चूतड़ों पे हल्के से चपत लगाते हुए गाड़ी में बैठ गए......फिर गाड़ी हम दौड़ा दिए सड़क पे.....वो बोली की आप ड्राइविंग जानते है.....हम बोले हा जान जानते है.....तभी तो अपनी दुल्हनिया को बैठा के निकले है की रास्ते में अगर मन डोल गया तो उधर से ही ले के फरार हो जायेंगे फिर हम दोनो हस दिए.......कुछ देर के बाद गाड़ी हम पहाड़ी मंदिर के पास रोक और पूजा को बोले तुम यही उतरो हम आते है गाड़ी पार्क कर के......वो वही खड़ी रही जबकि हम गाड़ी पार्क कर के उसके पास आए और फिर दोनो एक दूसरे का हाथ पकड़े मंदिर में प्रवेश किए सीढियां चढ़ते गए और फाइनली ऊपर पहुंच कर पहले थोड़ा हाथ पैर धोए और फिर सबसे पहले भगवान के लिए भोग खरीदा और उनके दर्शन किए जहा पंडित ने हमे पति पत्नी समझ कर अच्छे से जोड़ी बनी रहे अगला साल तीन हो कर आना का आशीर्वाद दिया और पूजा को आंचल फैलाने का बोले और उसमे कुछ दे कर पंडित जी बोले की इसको अपने आंचल में बंधे रखना.....जब तक हो सके फिर जब मनचाही प्रार्थना पूरी हो जायेगी तब इसको नदी में विसर्जित कर के यह दुबारा आना दर्शन करने को.....दोनो फिर दोनो को तिलक लगाया और थोड़ा प्रसाद दिया हम दोनो वही खा लिए और फिर कुछ देर उनके सामने बैठ कर अरदास लगाई की प्रभु जीवन की नैया बीच मझधार में पहुंचने वाली है सब आप पे छोड़ रखे है अब आप चाहे पार लगाए या डुबो दे आपकी माया बस अपनी कृपा दया दृष्टि हम्पे बनाए रखियेगा......फिर हम दोनो वहा से निकल आए

रास्ते में हम दोनो नेपाल हाउस के तरफ गए जहा अच्छे से मोमो और चाउमीन और गरमा गरम सूप का लुफ्त उठाए और फिर पूजा को आइस क्रीम खिलाए ठंडी में आइस क्रीम का अलग ही मजा है.....
फिर सीधा होटल आ गए क्युकी रात के 9 बजने को थे और ठंड काफी बढ़ चुकी थी.....होटल आ कर हम अमन को फोन कर दिए की वापिस आ गए है गाड़ी ले जाएगा क्या तो वो बोला नही भईया आप अभी अपने पास रखिए चाभी उस लड़की को दे दीजिएगा अगर कोई जररूत पड़ी तो हम उससे ले लेंगे और अगर आपको जाना हुआ तो आप ले जाइयेगा.......फिर उस लड़की को चाभी दे के रात का खाना का मना कर के हम दोनो कमरे में आ गए और फिर पूजा बिस्तर पे धम्म से लेट गई और बोली की जान आपके सात समय कितना जल्दी निकल जाता है पता ही नही चलता......हम बोले की होता है जान अक्सर अपने चाहने वालो के साथ समय का पता ही नही चलता......फिर हम पूजा को बोले जाओ फ्रेश हो लो फिर सोते है क्युकी आज काफी थक गए हमदोनो मेरी वजह से.....तो पूजा बोली की नही जान कोई थके वके नही है आप भी ना गजब है......हम बोले की अरे गधी कल पेपर है अपना भूल गई क्या सुबह सुबह ही पेपर है अपना......वो बोली की हा बाबा पता है अभी तो पूरी रात बाकी है सोने को आप परेशान क्यों होते है ऐसा कह कर वो हमारे पास आई और मेरे को बेड पे बैठा कर खुद मेरे गोद में बैठ गई.......और बोली की ये लिपस्टिक कब से आपके होंठों से लड़ाई करने को बेचैन हुआ जा रहा है इसको कोई ध्यान नहीं है......

उसका इतना कहना था की हम उसके होठों पे हमला कर दिए और उसके लिपस्टिक को खाने लगे......और इधर मेरे हाथ उसके ब्लाउज के ऊपर से उसकी चूचियों का गला घोंटने में लगे थे......दबाते दबाते जब कभी पूजा का निप्पल हाथ में आता तो उसको जोर से उमेठ देते जिससे पूजा चूमते चूमते दर्द भरी सिसकी निकालती पर होठ जुड़े होने के कारण वो खुल के दर्द जाहिर नही कर पाती......अब हम दोनो के लिए रुकना मुश्किल था चुम्बन तोड़ने के बाद पूजा को उसी जगह लिटा दिए और खुद खड़े हो कर अपने कपड़े निकाल फेके जबकि पूजा वैसे ही लेटी देखती रही......फिर बेड पे मैं लेटा और पूजा को अपने ऊपर बिठा लिया अभी भी वो पूरे कपड़ो में थी.....बस साड़ी का पल्लू बिस्तर पे था मैने ब्लाउज का हुक एक एक कर खोलना शुरू किया फिर ब्लाउज के दोनो पल्ले जब अलग हो गए तो पूजा ने खुद उनको अपने बदन से अलग कर दिया और फिर मैंने उसको अपने ऊपर लिटा कर उसके ब्रा का हुक खोला और फिर पूजा वापिस से उठ गई जबकि ब्रा मेरे सीने पे ही रह गई.....जिसको वो साइड हटा दी और अपने बालो को खोल कर वापिस से झुक कर मेरे सीने गर्दन पे चुम्बन की झड़ी लगा दी और बीच बीच में मेरे निप्पल मुंह में ले के चुभला देती जिससे हम जोर से सिसक पड़ते......फिर कुछ देर चूमने के बाद वो मेरे उपर से हटी और अपने साड़ी के कमरबंद को ढीला कर दी जिसको हम खींच कर पैरो से अलग कर दिए अब पूजा सिर्फ एक पेटीकोट में थी जिसको भी अलग करते हमको देर ना लगी.....अब पूजा और मैं दोनो बिलकुल नंगे थे और आज पूजा और दिनो के मुकाबले ज्यादा गरम थी......वो वही से मेरे लंड की तरफ बढ़ी और गपाक से उसको अपने मुंह में ले कर चूसने लगी जबकि हम उसको उसके चूतड़ों से पकड़ के अपने मुंह के पास किए और उसकी चिकनी चूत जो एकदम खुले हुए नल के माफिक बह रही थी आए हाए आए जब मैने मुंह लगाया और एक बार जबान ऊपर से नीचे तक फेरी की बस पूजा इतने में ही झड़ गई हम उसके रस के एक एक कतरे को चाट गए जबकि उधर वो लगी रही मेरे लंड को चूसने में हा जब वो झड़ी तो मेरे लंड से उसका ध्यान हट गया था क्युकी उस वक्त पूजा एकदम बावली जैसी अकड़ गई थीं.........अब लंड चूसते चूसते काफी देर हो गई थी और हम झड़ने में नजदीक थे इसलिए उसके सर को पकड़ के जोर जोर से उसके मुंह में लंड अंदर बाहर करने लगे और फिर झड़ गए जिसका एक एक बूंद पूजा चाट के साफ कर गई.......

अब मैंने उसको खीच के सीधा किया और उसके ऊपर सवार हो गया और अगले ही पल उसकी चूत में एक ही झटके में अपना लंड पेल दिया और पूजा के मुंह से एक हल्की सी मीठी वाली दर्द के असर से मिलिजुली सिसकी निकली और उसने अपने हाथो का मेरे पीठ पे और पैरो का लॉक मेरे कमर पे लगा दिया और मेरा इंजन पिस्टन अंदर बाहर होना शुरू हो गया.....अभी पूजा चूसी थी मेरा लंड इसलिए छुटने के बाद सेकंड राउंड था ये इसलिए ये लड़ाई लंबी चली और लगभग पौने घंटे बाद हम दोनो पसीने से तरबतर एकदम एक दूसरे में लिपटे हुए झड़ गए और जब मेरी मूठ की धार उसके चूत के अंदर फूटी तो पूजा ने उत्तेजना में मेरे पीठ में नाखून बड़े जोर से गड़ा दिए नतीजतन मेरे पीठ से दो तीन जगह से खून निकल गया.....फिर जब दोनो की ज्वाला शांत हुई तो पूजा और मैं वैसे ही लेटे रहे....कुछ देर बाद पूजा मेरे कानो के निचले हिस्से को मुंह में ले कर चुभलाते हुए बोली जान ले कर फिर उसको वापिस से जिंदा करना कोई आपसे सीखे.....उसके कान चुभ्लाने से हमको गुदगुदी हुआ तो हम हस्ते हुए बोले की भक्क हम तुम्हारा जान कब लिए जान मेरी तो जान ही तुम हो......वो हस्ते हुए हमको फिर से चूम ली फिर हम उसके बगल में लेट गए और जब वो मेरे माथे के पसीने को पोछी तो देखी उसके हाथ में खून लगा है वो बोली जाना ये खून......हम कसमसाते हुए बोले की मेरा है क्युकी उसके ऊपर से हट कर लेटने के बाद जब बिस्तर से मेरा पीठ टकराया तो मालूम चला की मेरा पीठ छिल गया है......मेरा है सुनते ही वो उठ बैठी और हम पीठ उसकी तरफ कर दिए वो देख के अपने मुंह पे हाथ रख के घबराई हुई आवाज में बोली जान ये हम सॉरी सॉरी सॉरी जान पता नही कैसे इतना खरोच दिए हम......और ये बोल के वो बेड से उठ कर अपना बैग ले आई उसमे से कॉटन निकाल कर उसपे गुलाबजल लगाई और वो कॉटन मेरे पीठ पे रगड़ने लगी.....उसकी ठंडक से मेरा मुंह से सिसकी निकल गया हम बोले की जाने दो हो गया थोड़े देर में खून बंद हो जाएगा फिर भी वो कहा मानने वाली थी वो अपने काम में लगी रही और सॉरी आई एम सॉरी जान करते रही और कॉटन से साफ करने के बाद उसने एक क्रीम जैसा लगा दिया उसपे और बोली की अभी ऐसे ही रहिए आप.....वो बैग उठा के वापिस रख के आई और पीठ पेे फूक मारने लगी और बोली की आप बोले क्यू नही जब हम ये कर रहे थे तो......हम बोले की कुछ नही होता ये सब तो प्यार में चलता रहता है तुम ना टेंशन मत लिया करो इतना फिर वो पीठ पे झुक गई और चारो ओर चूमने लगी.....हम बोले की हाय ऐसे ही पूरे शरीर पे नोच दो फिर प्यार से चूमना कसम से ऐसे प्यार करेगी तो जिंदगी भर नोचवाते रहेंगे तुमसे.....वो बोली आई एम सॉरी जान इतना दुख देने से पहले मैं ही मर जाऊंगी.....हम अब उसके तरफ हो गए और पीठ नीचे बिस्तर पे रगड़ गई और इससे पहले वो कुछ बोलती हम उसको अपने से चिपका लिए और बोले की दुबारा मरने वरने की बात की ना तो देखना.....और एक बात जान ले तू कही भी हो कही भी जायेगी मैं तेरे से पहले वहा तेरा इंतजार करता मिलूंगा......और ये कह के उसके होठों को फट से चूम लिया.....वो बोली अभी आपको उधर क्रीम लगाई थी और आप उस तरफ से लेट गए सब बिस्तर में लग गया होगा हम उसको अपने बाहों में कसते हुए बोले की जाने दे ना जान बस तुम हमसे यूंही चिपक के प्यार करती रहना वो बोली आप ना गजब है..... फिर हम बोले की अच्छा अनवांटेड 72 है ना वो बोली हा 3 है तो हम बोले खा लेना एक क्युकी इस बार अपनी निशानी अंदर डाल दी है तो वो बोली कोई बात नही जान हम खा लेंगे सुबह और फिर हम अपने पैर से कंबल खींचे और दोनो उसी में समा कर लेट गए और मैने पूजा से बोला की कल मैं पहले तुमको तुम्हारे सेंटर पे छोड़ कर अपने सेंटर पे चला जाऊंगा और एग्जाम दे के आऊंगा तुझको लेने.....लेने आने की बात पे वो बोली की अभी ही ले लीजिए ना सुबह तक इंतजार नही होगा हम उसके चूतड पे एक थप्पड़ लगाए और बोले की अभी लेने की प्यारी सी सजा हमे मिल गई है पर क्या है ना की आपकी लेने से कभी मेरा मन भरेगा नही इसलिए जब मेरे मन होगा हम ले लेंगे फिलहाल तो आप आराम से सो जाओ कल अपनी परीक्षा है जो हमे किसी भी हाल में पास करनी ही है जानते है ना क्यू.....पूजा बोली जान मेरा हम पूरी ताकत लगा देंगे और पास हों कर आपको अपना बना लेंगे.......हम उसके माथे पे चूमे और फिर दोनो कोई एक दूसरे से लिपट कर सो गए......

सुबह 6 बजे का अलार्म सेट था सो अलार्म बजते ही पूजा और हम दोनो उठे और नंगे ही बाथरूम में घुस गए.......हम हगने बैठे जब तक पूजा ब्रश की और फिर हम बाहर निकले तो वो अपने नित्य क्रिया से निपट ली जब तक हम ब्रश करते हुए फोन पे ब्रेकफास्ट का बोल दिए और फिर दोनो एक साथ नहाए ठंडे पानी का स्पर्श मेरे पीठ पे पड़ते ही एक जलन सा महसूस हुआ और मेरे मुंह से एक आह निकल गई जिसको पूजा ने देख लिया और वो मेरे को अपने गले से लगाते हुए आराम देने की कोशिश करने लगी........और फिर दोनो एक दूसरे से चिपके हुए ही नहाने लगे.....नहाते नहाते लंड महाराज पूजा की मुनिया को देख कर खड़े हो गए थे तो पूजा ने भी उसको अपने मुनिया से सटा दिया और फिर मैने भी फटाफट उसकी गहराई में उसको उतार दिया और कुछ देर की घमासान चुदायी के बाद वापिस से झड़ गया......फिर हम दोनो कमरे में आए और वो बोली की आज आप हमको तैयार कीजिएगा हम बोले की ये भी कोई कहने की बात है फिर हम उसको एक एक कपड़े पहनाए और खुद भी पहने फिर उसके बाल खुद संवारे और लिपिस्टिक लगाई तो वो बोली की लिपस्टिक लगा के आप हमको बाहर जाने देंगे हम बोले की अरे रुको तो अभी हम है ना.....फिर हमारा ब्रेकफास्ट आ गया वो पूजा रिसीव कर के रूम में ले आई और हमको वो ही खिलाई और खुद भी खाई और फिर हम लोग अपने एग्जाम सेंटर के लिए तैयार थे निकलने को तो पूजा को अपने गले से लगा कर बोले की एकदम शांत मन से एग्जाम देना घबराना नहीं बिलकुल भी सब कुछ अच्छा होगा........मेरा प्यार और उनका आशीर्वाद साथ है तुम्हारे......फिर हम उसके खुद से चिपकाए हुए ही होठों को चूसने लगे और सारी लिपिस्टिक खाने के बाद बोले की मेरे को मेरा बेस्ट ऑफ़ लक मिल गया अब मेरा भी एग्जाम अच्छा जायेगा.....वो हस दी बोली पागल.....फिर दोनो निकला पड़े उसी गाड़ी से सेंटर के लिए पहले उसको छोड़ा और तुरत अपने सेंटर भागा......

एग्जाम में क्वेश्चंस के लेवल काफी हार्ड थे पर अपनी एक्यूरेसी के अकॉर्डिंग हम सवाल हल किए और पूरे 3 घंटे की परीक्षा दे कर बाहर यही कामना करते हुए निकले की सब कुछ अच्छा गया हो.......इधर जब पूजा ने क्वेश्चंस देखे तो वो थोड़ी घबराई क्युकी सवाल लगभग हमारे पढ़े हुए मैटेरियल से ही था पर कुछ कुछ ऐसे थे जो हमने कवर किए काफी टाइम हो गया था...... पर मेरे और उसके क्वेश्चन सेट में अंतर था इसलिए मिला जुला कर पूजा का पेपर अच्छा गया.......अब इंतजार था रिजल्ट का......

हम जब उससे मिले तो वो आधी खुश आधी नाखुश जैसी थी देखते ही गले लग गई और बोली की अपनी तरफ से पूरी कोशिश की है मैने जान अब देखते है की फैसला किसके तरफ गिरता है मेरे या फिर एग्जाम वालो के......हम उसको खुद से अलग करते हुए बोले की जो होगा अच्छा ही होगा बी पॉजिटिव....फिर हम लोग सीधा होटल आ गए और अभी समय हो रहा था दोपहर के डेढ़ इसलिए लंच का बोल के अपने रूम में आ गए हम.....पूजा बाथरूम जा के फ्रेश हो के आई फिर अपने कपड़े चेंज की और हम भी फ्रेश हो के आ के उसको अपने सीने से लगा कर बेड पे बैठ गए......वो बोली जान अब तो एग्जाम का बहाना खतम ना फिर रोज कैसे मिलेंगे हम दोनो तो हम बोले की टेंशन क्यों लेती है ये एक एग्जाम था आगे भी तो एग्जाम होंगे ना उसकी तैयारी नही करनी हमे.....
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वो बोली की आप ना बहुत तेज है....हम बोले जब तक इसका रिजल्ट नही आ जाता तब तक हम लोग अपनी रोज की तैयारी जारी रखेंगे......फिर रूम की बेल बजी तो पूजा ही खाना रिसीव की और कमरे में रखी....और इस बार उसको हम खिलाए और वो बड़े खुशी मन से मेरे हाथ से खाई......फिर हम बोले की चलो थोड़ा सो लेते है शाम को चलेंगे कही बाहर......उसने अपना कुर्ता उतारा और ब्रा में से अपनी दोनो चूची को बाहर निकलते हुए बोली की पहले आप इनका रस पी लीजिए फिर आराम कीजिएगा.....हम उसको अपने पास खींचे और उसकी चुचियों पे मुंह लगाते हुए बोले की तुम ना सोने नही देगी.......वो बोली सोने के लिए रात पड़ी है ना जान.....इधर हम उसके चुचियों को चूसते रहे और उधर उसने अपने पैरो से अपनी सलवार खोल कर निकाल दी और बेड पे अच्छे से उसको लिटा दिया और अपने कपड़े भी निकाल फेके जबकि पूजा ने अपनी ब्रा भी उतार कर नीचे डाल दी......मैने उसको पलट दिया और उसके चूतड़ों को फैला कर अपना मुंह उसपे लगा दिया......वो अब बावली जैसे अलबलाने लगी.......कमर उठा उठा कर अपने चूतड मेरे मुंह में जितना हो सके उतना देने की कोशिश कर रही थी......10 मिनट की चुसाई के बाद मैने उसके बाल पकड़ के उसको खींचा और अपना लंड उसके मुंह में दे दिया वो एक मिनट भी सही से नहीं चूसी होगी की हम उसको फिर से पलट दिए और उसके चूतड़ों को फैला कर अपना लंड उसके गांड़ के छेद पे टिकाया......और उसपे झुक गए और बोले की डाल दू.....वो कुछ बोली नहीं बस अपने हाथ से हमको थपथपाई जैसे कह रही हो आगे बढ़िए......हम फिर बोले दर्द होगा जान......वो फिर अपने हाथो से अपने चूतड़ों को पकड़ कर फैलाने की कोशिश करने लगी पर मेरा ही दिल पसीज गया और सोचा की ये वाला सीन शादी के बाद के लिए रहने देता हु और अगले ही पल मैने पीछे से उसकी चूत में लंड घुसा दिया........और ताबड़तोड़ ठुकाई करने लगे......उसके गद्देदार चूतड़ों पे मेरा हाथ लगातार थप्पड़ बन के चलता रहा और पूजा आह ओह आह ओह जान जानम आह करती रही और आखिरी थप्पड़ जो मैने मारा वो चीख पड़ी क्युकी मेरे थप्पड़ बड़े तेज थे और दोनो पल्ले लाल हो गए थे इसलिए मैने थप्पड़ मारने बंद किए और उसपे लेट कर मैने अपना लंड तेजी से अन्दर बाहर करना शुरू किया और थोड़े ही समय में मैने अपना माल पूजा के चूतड़ों पे छोड़ दिया और उसके बगल में तेज तेज सांस लेते हुए लेट गया और उसको अपने ऊपर खींच लिया इधर पूजा ने आह करते हुए अपने हाथ से मेरा माल अपने चूतड़ों पे मल लिया......ताकि कुछ तो आराम मिले......हम बोले जान थप्पड़ कुछ ज्यादा हो गए क्या.....वो सुबुकते हुए बोली आप वहा डाले भी नही पर ना डाल के भी मेरी जान निकाल दिए......हम उसके चूतड़ों पे हाथ फिराए और बोले की ये तो मेरा मनपसंद स्पॉट है देखती ही हो जहा मौका मिलता है पट से बजा देते हैं और ये कहते हुए एक और थप्पड़ उसपे जड़ दिए तो पूजा आह जान प्लीज कह के मेरा हाथ पकड़ ली पर ढीला ही पकड़ी थी मैं चाहता तो मार सकता था एक और पर नही मारा.....जैसे वो मना भी कर रही हो और रोक भी नही रही......फिर हम आगे बोले रही बात ना घुसाने की तो वो बाद में बताऊंगा......वो अपने आप को मेरे सीने पे एडजस्ट की और इस तरह से लेटी की एक चूची मेरे मुंह के पास आ रही थी सो मैंने उसको थोड़ा और अपने पास खींचा और चूची मुंह में ले लिया......और उसको बोला की इनमे दूध कब डलवा रही हो.....वो बोली जब आप हमको अपने प्यार से सराबोर कर के मेरे अंदर एक प्यार का बीज बो दीजिएगा तब......हम हस्ते हुए उसको अपने से और चिपका लिए.......और फिर बोले आई एम सॉरी जान थप्पड़ ज्यादा हो गया क्युकी अभी जब हम उसके चूतड को हाथ लगाए तो पाया की वहा पे गरम गरम लग रहा है जैसे ज्यादा जोर से मारने पे कही पे लाल हो कर गरम गरम महसूस होता है......वो हमको चूमते हुए बोली की आपके ही है हम आप जो चाहे करिए पर एक बात बोलूं.....हम उसकी चूची को मुंह से निकालते हुए बोले हा बोलो ना वो बोली जान आप हमको ऐसे ही प्यार करिएगा.....हम उसको बीच में रोकते हुए बोले कैसे ऐसे थप्पड़ मारते हुए और फिर एक थप्पड़ चिपका दिए......पूजा अपनी आंखे बंद किए उफ्फ कर के बोली हा ऐसे ही जैसे मर्जी हो वैसे कीजिए पर अपने आप से हमको दूर नहीं कीजिएगा कभी भी......हमको आपके प्यार का आपके केयर का आदत हो गया है......हम बोले हम जानते है अब चुप कर के सो जाओ.......वो बोली अच्छा जी इतना लाल कर के बोलते है सो जाओ हमको नींद नहीं आएगा.....हम बोले अभी लाते है नींद और फिर उसको अपने आप से और चिपका लिए और बालो में हाथ फिराने लगे......इसी तरह करते करते कब आंख लग गई दोनो की पता ही नही चला.......
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सुबह जब आंख खुली तो समय हो रहे थे सुबह के 11 और फोन में पहले से 12 मिस्ड कॉल थे सुगंधा के और पापा के 4 मैने पूजा को आवाज लगाई तो वो बोली अरे जान अभी सोने दो ना आज कौन सा एग्जाम है......हम उसको अपने पास चिपकाते हुए चूतड पे एक थप्पड़ बजाए तो वो नींद में कसमसाते हुए बोली भक्क जान सुबह सुबह आह
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सोने दीजिए ना.......हम बोले पगली 11 बजे से ऊपर हो रहा है समय और घर से कॉल आ चुका है 12 बारी......वो बोली भाड़ में जाए अभी हमको सोना है......फिर हम बोले क्या बोल रही है पता भी है......घर से फोन आ चुका है बात तो कर ले......वो हमसे चिपटते हुए आंख खोली और एक हाथ से मेरा फोन ली और घर पे लगाई........उधर से मम्मी फोन उठाई......पूजा बोली क्या हुआ मां कितने आराम से सो रहे थे हम ये दरवाजा पीट पीट के नींद तुड़वा दिया...... कम से कम आज तो सोने दो.....मम्मी बोली अरे सुबह से इतने कॉल किए ना सुमित उठाया ना तुम.....वो बोली मा वो भी सोया हुआ था अपने कमरे में डांट ना खानी पड़े इसलिए हमको दे के चला गया सोने फिर से.....मम्मी बोली पगलाई गई है का आज.....सवा 11 बजने जा रहा है अभी तक भूख नही लगा तुमको.....नींद ही आ रही है वो बोली अभी सोने दो मां आज कही जाना है नही ना पढ़ना है प्लीज सोने दो बाद में बात करेंगे उठेंगे तो पक्का और फोन काट दी.......और फोन साइड में रख के मेरे सीने पे चूमी और सोने लगी हम बोले अरे हमको भी तो बतियाने दो......वो बोली बाद में अभी आप हमको प्यार करो कितना गहरा नींद में थे हम......हम बोले घर से फोन था गधी समझ में आ रहा है कुछ.....इस वक्त मेरा एक हाथ बिस्तर पे था और दूसरा हाथ पूजा के बदन से दबा हुआ था.......जो हाथ दबा हुआ था वो उसको एडजस्ट कर के अपने चूतड से थोड़ा ऊपर कमर के पास रखवा दी और दूसरा हाथ अपनी चूची पे रख के बोली बस अभी सोने दीजिए हमको......हम चूची को दबाते हुए बोले बावरी हो गई है क्या आज.......वो कुछ नही बोली और सोने का नाटक करने लगी जबकि नींद उसकी टूट चुकी थी......हम फिर अपना फोन उसके ऊपर चढ़ के दूसरी साइड से लिए और घर फोन लगाए जबकि पूजा आंख खोल के मुंह बना के हमको देख रही थी.....मां से बात हुआ फिर उनको समझाए की फोन क्यू नही उठाए थे.....उसके बाद अमन को फोन किया और बोला की यार आज भी गाड़ी मिल जायेगी क्युकी आज घूमने जाना था और काफी लेट हो चुका है वो बोला भईया आज गाड़ी तो मिल जायेगी पर एक घंटा लग जायेगा.....हम बोले कोई बात नही तब तक हम भी तैयार हो जायेंगे......फिर उससे बात करने के बाद हम जब फोन काटे तो पूजा हमको वैसे ही देख रही थी.....मैने अपने एक हाथ से उसके चूतड को सहलाते हुए बोला क्या हुआ जान सुबह सुबह क्यू खुन्नस खा रही हो हमसे......वो एकदम से मेरे ऊपर चढ़ के बैठ गई और सीने पे अपने दोनो हाथ रख के बोली आप हमको थोड़ा देर और सोने क्यू नही दिए......हम बोले अरे क्या हो गया है जाना तुमको ऐसे गुस्से में क्यू हो आज चलो बाहर ले चलते है तुम्हारा मूड यू ठीक कर देंगे हम........

हम उठने की कोशिश किए तो वो बोली जानते है हम कितना अच्छा सपना देख रहे थे.....हम बोले की सपनो को दुनिया कभी अच्छी तो कभी बुरी होती है जान उसके चक्कर में घर पे बात ठीक से नहीं किए अब बताओ मां गुस्सा कर गई तो......वो बोली गुस्सा होंगी तो होंगी जब बात करूंगी तो वो समझ जायेंगी की सोने का मन था मेरा इसलिए.......अब आप बतलाइए जब हम बोले हमको सोना है तो आप क्यू उठा दिए हमको......हम बोले जान मेरा आई एम सॉरी घर का इतना सारा फोन देखे तो परेशान हो गए थे इसलिए उठा दिए......चलो आ जाओ कही नही जा रहे हम लोग आ जाओ सुलाता हु......और फिर उसको अपने ऊपर से उतारने का कोशिश किए तो वो मेरे सीने पे सर घुमा के लेटने जैसे मुद्रा में आ गई और बोली यही सुलाइए हमको अपने सीने पे धड़कन सुनते हुए सोएंगे हम....
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हमको बड़ा प्यार आया उसपे की यार जरा से सपने के लिए इतनी बेताबी.....हम बोले अच्छा सुनाओ तो वो सपना क्या था.......फिर वो अचानक से अपना मुंह उठा के पूछी की आपको बेटा पसंद है या बेटी......हम तुरंत जवाब दिए बेटी बिलकुल तुम्हारी परछाई जैसी........वो बोली कुछ नहीं और फिर से सोने लगी.....हम उसके पीठ पे हाथ फेरते हुए बोले की दवाई खाए थे......वो हा में सर डोला दी.....हम बोले की अब बताओ तो सपना क्या देख रही थी जिसको ले के इतना गुस्सा कर गए......वो हमको जोर से अपने बाहों में भींच ली और बोली आपके साथ अगर सपने में भी हम अपने आप को देखते है ना तो वो सपने से बाहर ही नही आना चाहते हम.....आप से जुड़ी हर चीज हमको सबसे अजीज है....हम बोले गधी हम है तुम्हारे साथ जब तो फिर सपने के लिए क्या इतना गुस्सा होना अच्छा चलो मुक्के मार ले थोड़े वो सड़ा हुआ मुंह बना के बोली आप नही समझिएगा......हम उसको बोले मार ले ना दिल हल्का हो जायेगा वो एक हल्का सा मुक्का मेरे कंधे पे मारी और बोली गंदे कही के......अच्छा जान हम पक्का एक साथ अपना सारा जीवन बिताएंगे ना.....हम बोले हा रे पगली क्यू सुबह सुबह टेंशन ले रही है......अच्छा ये बता घूमने चलेगी या नही......वो हमको फिर से जोर से भींच ली और बोली आज मन नही कही जाने का और अगर आपका मन है तो चलते है....हम बोले मन की बात नही है आज रुके है तो चल थोड़ा घूम आते है......वैसे भी अब कौन सा रांची दुबारा आने का मौका मिलेगा......वो बोली हमको घूमने से ज्यादा आपके साथ समय बिताने का दिल है.....घूमने के लिए तो जिदंगी पड़ी है.......

इसपे हम बोले की अच्छा अगर तेरी मेरी शादी नही हुई तब क्या करेगी वो बोली होगी कैसे नही......और वैसे भी अगर कोई नही माना तो हम आपके साथ.....हम बीच में उसकी बात काटते हुए बोले कोई नही माना तो हम तुमको ले के अपने घर ले आयेंगे कोर्ट मैरिज कर के फिर खुद धूम धाम से शादी करेंगे वो
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बोली हाय कैसा फील आएगा हमको उस वक्त वो हम ही जानते है......हम बोले हा नही तो क्या वैसे भी वहा कोई ऐसा नही है जो तुमको अपनी बहुरिया नही मानेगा......वो ये सुन के ऐसे खुश हो रही थी जैसे मेरे घर में सब ने सच में उसको बहुरिया मान लिया था पर एक बात तो थी की आगे अगर हम घर में बतला देते अपने और पूजा के बारे में तो थोड़े मान मनौवल के बाद सब मान जाते वैसे भी सबसे छोटा हु घर का कुछ तो ज्यादा प्यार लाड मिलेगा ही........

फिर वो तुरंत मेरे ऊपर से हट गई और हमको उठाते हुए बोली चलिए फ्रेश हो लेते है आपको अब भूख भी लगी होगी हम जानते है आपको भूख बहुत जल्दी लगती है....फिर हम पहले रिसेप्शन पे कॉल कर के खाना के लिए बोल दिए और फिर हम दोनो बाथरूम घुसे और फटाफट फ्रेश हुआ जबकि पूजा ब्रश की और फिर हमको बोली जान क्रीम लगा दीजिए आज तीसरा दिन है.....फिर हम बाहर आए और बोले जब तक ब्रश करते है तुम हो आओ.....वो गई जब तक हम खुद की झाटे उड़ा दिए और ब्रश भी किए फिर वो आई तो उसको क्रीम लगा दिए और जब हम उसके चूतड़ों को ध्यान से देखे क्रीम लगाने के दौरान तो पाया की मेरे थप्पड़ मारने से एक जगह को चमड़ी मेरे हाथ की एक अंगूठी से लग कर छिल गई थी....हम उसपे चूम लिए तो पूजा बोली की दिख गया क्या आपको.....हम बोले आई एम सॉरी जान....वो तुरंत घूमी और घुटनों पे बैठते हुए बोली अरे पागल आप रोज रोज थोड़े उतना हसीन दर्द देते है हा ये अलग बात है को कल थोड़ा ज्यादा ओवरडोज दे दिए थे
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और ये कह के वो हस दी.....हम बोले नही जान कल हम बहुत जोर जोर से हाथ चलाए ना और मेरी ये अंगूठी से तुम्हे लगी.....आई एम सो सॉरी.....वो बोली अभी तो हम परसो सुबह तक आपके साथ है और इनको देख के आपसे रुका नहीं जाता अब भले आप उनको चूमिए या थप्पड़ मारिए.....जब मैं ही आपकी तो फिर आगे कोई सवाल नही जवाब नही.........फिर भी हमको खुद में बड़ा गिल्ट सा महसूस हुआ.....वो मेरे होठों पे चूमी और बोली की आप सोचिए मत ठीक है वो बल्कि अभी भी आप चाहे तो बजाइए इनको आजकल बहुत मुंह निकालने लगे है......उसका मतलब था की उसके चूतड बाहर की ओर निकल आए है......हम बोले की क्यू क्या हुआ कोई टोका क्या.....वो बोली हा मां टोकी थी की थोड़ा एक्सरसाइज किया कर तो हम भी उसने पूछे की क्यू हम तो पतले है पहले से अब क्या कंकाल बन जाए.....वो बेलन से मेरे इनपे मारी तो हम हस दिए और मन ही मन सोचे की क्या बात है सास दामाद सब का मन इनको मारने का ही होता है......ये सुन कर हम भी हस दिए....फिर हम उसको बोले चलो अब क्रीम साफ करो उसके बाद शावर ऑन हुआ और वो क्रीम साफ कर ली और हम उसको बोले रुको जरा चेक कर लू साफ हुआ की नही फिर पहले उसके अंडरआर्म को हाथ से छुए और कंधो के जोड़ के पास चूमे और फिर उसकी चूत को चाट कर देखे तो जुबान एकदम मक्खन के टुकड़े पे जैसे फिरती है वैसे फिर आई.......फिर उसके बाद चूतड़ों के अंदर जुबान फिराई......वो सिसकियां कर बोली जान आप कल यहां से क्यू नही घुसे आपका मन था ना.......हम वापिस से जब ऊपर उठे तो उसके आंखो में नशा सा हो रखा था जो सिर्फ चुदायी के रस से उतरता......हम बोले की मेरी जान को वहा ना घुसा कर भी कितनी तकलीफ दिए हम गंदे तो हम है ही.....वो मेरे होठों पे चूमी और बोली खबरदार अपने आप को कभी ऐसे बोले तो ये सब मेरा हक है केवल......हम बोले

उसने पूछा कितना हक है मेरा....
हमने बोला जब भी सामने आऊ तुम बिना पूछे गले से लगा लेना....

वो बोली बस फिर तो अब आप संभालना क्युकी हम आपको अब कभी भी कही भी गले से लगा लेंगे.....हम बोले हा जान लगा लेना....आई एम ऑल योर्स....ये कह कर उसके होठों से हम अपने जुबान से जुगलबंदी करने लगे और नीचे लंड महाराज तो कब से तैयार बैठे थे.....पानी का गिरना बदस्तूर जारी था और बदन गिला होने के कारण फिसलन पहले से बनी पड़ी थी बस एक ही झटके में पूरा लंड अंदर पेल दिया पूजा पहली बार किस तोड़ कर चीखी आऊ....मम्मी ओफ्फो आह पर अब तो चाकू खरबूजे में घुस चुका था.....पूजा ने अपने दोनो पैर उठा कर मेरे कमर के इर्द गिर्द लपेट लि और फिर लंड फटाफट अंदर बाहर अंदर बाहर होने लगा और फिर कुछ पलों के बाद हम और पूजा दोनो एक साथ झड़ गए जबकि हम पूजा जांघो पे अपना माल गिराए.....और फिर उसने एक चुम्बन के बाद अपने पैरो के आलिंगन को मेरे कमर से हटाया और फिर दोनो एक दूसरे को नहला कर बाहर आए......नहा लेने के बाद कमरे में आते हुए पूजा बोली हम मम्मी से कैसे बात किए वो भी बोलती होगी पगला गई मेरी बेटी......फिर हम दोनो रूम में आ गए पूजा और मैं दोनो नंगे ही थे.....वो बैग में से अपने कपड़े निकलने लगी जबकि हम अपने बैग से निकाल कर पहन भी लिए.....वो अभी भी ऐसे ही खड़ी सोच रही थी की क्या पहनू......मैं बोला की अरे जान ठंडी मार देगी कुछ तो ख्याल करो अपना वो बोली हम कितनी बार बोले है आप है मेरे पर्सनल हीटर और ठंडी मार भी दिया तो क्या आप हो ना मेरे पास ठीक कर के ही भेजोगे हमको अपने ससुराल हम बोले वाह.....फिर हम उसके पास गए और उसको अपने गोद में ले लिए और उसको बोले बैग हाथ में ले और ले के बिस्तर पे आ गए......उसने अपने बदन पे स्प्रे पहले ही छिड़क लिया था बाल सवार लिए थे जो मैने खोल दिए वो बोली अरे क्यू खोल दिए.....हम कमर पे हाथ फिराते हुए बोले जैसे हम बोलेंगे वैसे बांधना.....फिर उसके बैग में कपड़े देखे....तो दो ही सूट थे हम बोले गजब ड्रामेबाज हो तुम बताओ दो सूट में तय नहीं कर पा रहे थे की कौन सा पहनूं हा........तो वो मुस्कुराते हुए बोली
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डिसाइड करना बहुत मुश्किल हो जाता है जब आपके साथ कही जाना होता है तो क्युकी आप के लिए ही सजते है और आपको ही अगर पसंद नही आए तो फिर सारी मेहनत बेकार......हम उसकी चूची पे थप्पड़ मारते हुए बोले तुम हमको ऐसे भी पसंद हो
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और अगर कुछ भी पहन लो वैसे भी
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तो ये सब दुबारा मत सोचना समझी.....फिर हम उसको एक सलवार सूट दिए और बोले जैकेट पहनेगी ना तो वो बोली हा तो हम बोले आज नो ब्रा.....वो बोली
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हम तो पहले ही बोले थे की एक समय ऐसा आएगा की आप हमको नंगी ही रखिएगा....हम उसके गाल पे चूमते हुए बोले वो सिर्फ मेरे सामने बाकी किसी और के सामने नहीं......

फिर हम बोले....

जो गिरफ्तार है मोहब्बत में उनसे पूछो
नाज क्या चीज है क्या चीज अदा होती है....

वो ये सुन के एकदम से मेरे होठों को अपने होठों से जोड़ दी और एक गरमा गर्म चुम्बन के बाद वो तैयार हुई और फिर जैसा हम बोले वैसे ही बाल बांधी.....उसके बाद हम नीचे जा कर खाना ले कर आए दोनो ने खाना खाया उसके बाद पूजा अपने घर पे बात की फिर उसके बाद हम दोनो निकल पड़े घूमने....पतरातु घाटी....पर इस बार कार के जगह बाइक मिली हमने बोला कोई नही इतना भी बहुत हेल्प हो गया......फिर दोनो ने पतरातु घाटी की सैर की और पूजा पूरे रास्ते मेरे साथ एकदम पत्नी के जैसे सट के बैठी थी पैर एक तरफ कर के.....लव ट्रैंगल वाले चौराहे के पास ऊपर से हम दोनो ने मोमो गोलगप्पे खाए गर्दा उड़ा दी पूजा खाने में इस बार....फिर घाटी में इधर उधर बहुत सारे फोटो खींचे और जहा थोड़ा भी सन्नाटा मिलता पूजा मूड में आ जाती कुछ फोटो में पूजा हमको किस करती गालों पे कभी गले लगाते हुए कभी पीछे से पीठ पे चढ़ते हुए कुछ फोटो में मैं पूजा में चुचियों को थामे रखा और ब्रा ना पहनने के कारण बड़े अच्छे से पूजा के निप्पल महसूस कर पा रहा था.....कुछ में एक हाथ चूची पे एक हाथ उसकी चूत पे रखा चूत पे हाथ क्या रखा चूत की लकीर के बीच कपड़े के ऊपर से हाथ दबाया तो कपड़े के ऊपर से गीलापन साफ महसूस हुआ........इन सब फोटो के चक्कर में पूजा गरमा गई वो मेरे पीछे से बार बार मेरे कान को अपने मुंह में लेती फिर कभी पैंट में ऊपर से लंड पे हाथ फिराती हम उसको पकड़े और बाइक से सटाते हुए बोले चलो होटल अब लग रहा है तुमसे बर्दाश्त नहीं हो रहा वो हस्ते हुए हमको फिर से एक चुम्बन दे दी होठों पे.......फिर कुछ देर पूजा ने बाइक चलाने को सिखाने की जिद की तो कुछ दूर घाटी में उसे अपने आगे बिठा कर बाइक चलवाया......मेरे आगे बैठने से पूजा के गर्दन पे मेरी गर्म सांसे पड़ रही थी पगली कुछ देर चलाने के बाद बोली आप ऐसे मेरे से चिपके रहिएगा तो हम यही पे आप प चढ़ जायेंगे.......हम बोले जान अब गाड़ी कैसे चलाना सिखाऊ बताओ तुम्ही फिर गाड़ी रोके और वो उसी हालत में सर घुमा कर हमको एक जोरदार चुम्मा होठों पे चिपका दी और जवाब में हम उसके बालो को पकड़ कर वापिस से उसके होठों पे एक थोड़ा छोटा मगर गहरा वाला जुबान से जुगलबंदी वाला किस कर दिए जब होठ के अंदर जीभ गई तो पूजा ने अपने आप मेरा हाथ पकड़ के अपनी चूची पे रख दी हम उसको थोड़ा सा दबाए और तुरंत उससे अलग हो गए फिर पूजा को उतार कर पीछे बैठाए इस बार वो मेरे से सट कर दोनो तरफ पैर कर के बैठी और मेरे कंधे पे सर रख दी........फिर ऐसी ढेर सारी प्यारी यादें हमने अपने फोन में कैद की और चल पड़े वापिस.....लौटते लौटते हमे साढ़े 3 बज गया था.... होटल पहुंचते पहुंचतें शाम के 5 बजे गए और हमारी ट्रेन दो घंटे में थी और इस बार भी हमे कूप ही अलॉट हुआ था जब ये बताए पूजा को तो वो बोली मतलब आज भी मेरे को थप्पड़ पड़ेंगे....हम उसको बोले नही जान कैसी बाते करती ही पर क्या करू तुम्हारे चूतड़ों को देख कर रहा नही जाता ना.....वो मेरे कंधे पे दात गड़ाते हुए बोली गंदे कहीके कैसे बोलते है.....हम बोले तो अब चूतड को चूतड ना बोले
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वो बोली बस हो गया चलिए.....फिर वो रास्ते में बोली मार लीजिएगा हम कब मना किए है हम बोले नही जान आई लव यू वो आई लव यू टू और फिर हम गाड़ी भगा दिए.....थोड़े देर में ही पूजा मेरे कंधे पे ही सो गई.....हम बोले गधी सुबह भी सोने के लिए गुस्सा हो रही थी और अभी भी सो गई.....होटल के पार्किंग में गाड़ी लगाए तब पूजा खुद से उठी और बोली जान हमको नींद आ रहा है आप हमको ले चलो....हम सुबह की बात को ले कर उसको नाराज नही करना चाहते थे पर उसको बोले चलो तो ऊपर सब नींद पूरी हो जायेगी.....और उसको ले के रिसेप्शन पे आया और गाड़ी की चाभी उस लड़की को दिया और रात का खाना पैक कर देना बोल के रूम की तरफ चल पड़े....पूजा अभी भी अलसाई सी चल रही थी हम उसको लॉबी से आगे आ कर लिफ्ट के पास रोके और अपने पीठ पे उठा लिए और वो खुश हो कर मेरे गर्दन पे चूम ली हम समझ गए की वो यही चाह रही थी.....फिर लिफ्ट के बजाए सीढ़ियों से होते हुए रूम में पहुंचे जहा पूजा को बेड पे लिटा कर खुद भी धम्म से बेड पे लेट गए और अपनी भारी हो रखी सांसों को काबू में करने लगे....पूजा ये देख के मेरे सीने पे अपना सर रख कर बोली की इतने में थक गए जान अभी तो हमको जीवन भर ढोना है आपने.....हम उसको अपने पास सरकाते हुए बोले ढोना नही है तुम्हारे प्यार में डूब कर जिंदगी जीना है समझी मेरी जान.....वो हमको अपने आलिंगन में ले ली फिर 10 मिनट बाद उसको बोले चलो समान समेटो निकलना है खाना पैक हो चुका होगा......फिर वो उठी और पूछी ब्रा पहन लूं हम बोले नही अब रहने दो फिर हम दोनो लव बर्डस निकल पड़े स्टेशन और जाते जाते अमन को बुला कर 1000 दे दिए ताकि इन फ्यूचर भी रिलेशन ठीक बना रहे उससे......स्टेशन पे हमारी ट्रेन लगी थी सो हम अपने एलॉटेड कूप में जा कर बैठ गए और अपने तय समय पे गाड़ी निकल गई रांची स्टेशन से और हम दोनों ने अपने घर पे इनफॉर्म कर दिया की आ रहे है.......फिर कुछ देर में टीटी आया और वो नाम पूछ कर निकल लिया.....उसके जाने के बाद हम दोनो ने पहले खाना खाया और फिर दोनो लेट गए एक ही बर्थ पे....पूजा बोली दोनो बार हमारी एक सीट के पैसे ऐसे ही बेकार चले जाते है.....हम बोले तो क्या हुआ इतनी आरामदायक सीट भी तो मिलती है उसके बदले में मेरा इशारा मेरे सीने से था वो बोली हा और साथ में एक्स्ट्रा सर्विस भी मिलती है और ये कहते हुए वो मेरे लंड को दबा दी.....अब रात हो चली थी सो हमने अपने कूप की बत्ती बुझाई और फिर मैं पूजा को ले कर एक ही बर्थ पे लेट गया....फिर हम उसके जैकेट को उतारने का कोशिश किए जो वो समझ गई और अपने जैकेट के साथ साथ अपना कुर्ता भी निकाल दी.....और इधर हम अपना शर्ट स्वेटर पैंट और बाकी सब उतारे और पूजा को अपने पास खींच लिए....उसने हाथ नीचे ले जा कर अपने पायजामे का नाड़ा ढीला कर लिया था इसलिए जब हम उसको अपने आप से चिपकाए तो पायजमी में हाथ डाल कर सीधा गांड़ की छेद को कुरेदने लगे......वो मदहोशी में इधर उधर चूमने लगी जबकि हम धीरे धीरे उसके पायजमे को पूरा ढीला कर दिया और चूतड़ों को नंगा कर दिया था और पायजामी जमीन पे पड़ी थी.......और आज फिर मेरे हाथ में उसके चूतड आते ही मन थप्पड़ मारने का करने लगा इसलिए उसकी गांड़ को कुरेदना छोड़ चूतड़ों को सहलाने लगे......वो समझ गई की हम क्या चाहते है इसलिए चूमते चूमते बोली मार लीजिए मार लीजिए क्यू अपने मन को रोक रहे है हम जानते है आप मारे बगैर नहीं रह सकते.....हम बोले नही कल छिल गया था......आज कंट्रोल में हु नही मांरूंगा......वो मेरे होठों को चूमी और फिर गर्दन के पास की चमड़ी को अपने मुंह में ले के चुभलाते हुए बोली अरे जान आप मार लीजिए कोई दिक्कत नही जब बर्दाश्त नहीं होगा तो मुंह से बोल दूंगी आई प्रोमिस......अब हमसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था इसलिए उसके चूतड़ों पे दो चार थप्पड़ लगाने का सोचे पर जब बजाना शुरू किए तो छे सात आठ हो गए......और वो आह आह करती रही फिर खुद को रोके और फिर उसको बर्थ पे सीधा लिटा कर उसके टांगो को फैलाए और फिर उसके ऊपर सवार हो गए और अपना लंड महाराज को एक ही बार में उसकी गीली हो रखी चूत में पेल दिया और इस बार पूजा अपने दोनो हाथो के टाइट आलिंगन में हमको लॉक की और फिर अपना पहला राउंड तकरीबन 25 मिनट तक चला और इस बार माल पूजा के पेट पे निकले और इसके ऊपर ही लेट गए और वो भी मेरे बालो में हाथ फिराने लगी....फिर पूजा बोली की जान आप मेरे बिना बोले क्यू रुक गए.....हम बोले कुछ नही और उसको अपने सीने से चिपकाए सोने लगे......फिर वो भी शांति से सो गई..... सुबह तकरीबन साढ़े 5 बजे हम जागे और पूजा को भी जगाए वो भी नंगी थी और हम भी कंबल हटने के बाद ठंड लगने लगी इसलिए हम दोनो कपड़े पहने पहले और इस बार पूजा ब्रा पहन ली थी.....फिर पूजा बोली जान इतना जल्दी क्यू आ जाता है ये ट्रेन कभी लेट क्यू नही होता.....हम बोले इसको भी जलन होता होगा तुमको मेरे साथ देख के......तो पूजा गुस्से में एक हल्का सा मुक्का खिड़की के शीशे पे मारी....हम उसका हाथ अपने हाथ में ले कर उसको अपने गोद में बिठाते हुए बोले बस जान इतना गुस्सा ठीक नहीं......इस वक्त पूजा दोनो घुटने मोड़ कर मेरे गोद में बैठी थी......इसलिए हम कपड़े के ऊपर से उसके चूत को छुए तो पाया की उसके पयजामि का नाड़ा अभी ढीला है तो हम उसके चूत को अच्छे से अपने हाथ में ले कर दबाते हुए बोले अब गुस्सा नही और घर जाने के बाद अच्छे से रहना हम शाम में आयेंगे.....वो बोली जान दोपहर तक आइए ना हम बोले नही इतनी जल्दबाजी ठीक नही अभी एग्जाम खतम हुआ है ना इसलिए धीरे धीरे फिर उसी टाइम से आने लगेंगे....फिर हम उसके चूत को छोड़ कर उसके नाडे को बांधे और उसके पेट पे हाथ रखते हुए बोले आई लव यू......वो पगली सुबकने लगी.....हम बोले फिर रोई तुम अगर रोई तो देखना फिर वो बैठे बैठे ही घूम कर मेरे गले लग गई और बोली आपसे दूरी बर्दाश्त नहीं होता ना आप समझते नही है......फिर हम उसके पीठ से सहलाते हुए उसके चूतड़ों को हल्का सा ऊपर तक दबाए और बोले बस हो जहा कुछ घंटो में फिर हम तुम्हारे साथ होंगे और हा अब तुम्हारे इन दूध के थनों के रसपान के अलावा हमको इन्पे हाथ भी साफ करना है सो इनको अच्छे से खा पी के मजबूत बनाओ ताकि ये सह सके......वो हस दी और बोली जान आप अभी ही मार लीजिए ना पागल......हम बोले नही शाम में घर पे......वो बोली ठीक है अब से आपके आने के बाद दिन वाले कपड़े चेंज करूंगी और नाइटी या नाइट सूट वगैरह पहनूंगी और उसी वक्त आप इनको अच्छे से समझाना की ज्यादा मुंह बाहर न निकले वरना ऐसे ही पिटाई खाते रहना फिर उसको बोले हा ऐसे ही खुश रहा करो है ना चलो तुम ब्रश करो हम आते है.........फिर उसको पैंट्री से जा के खुद सामने बनवा के एक्स्ट्रा पैसे दे के चाय लाए और पिलाए फिर दोनो कोई पटना उतर गए......पर इस बार राहुल पूजा का बाहर वेट कर रहा था ये तो अच्छा हुआ की वो स्टेशन में अंदर नही आया वरना हमे फर्स्ट ऐसी के डब्बे से उतरते देख लेता तो भारी मुसीबत हो सकती थी......स्टेशन से पूजा को उसके घर विदा कर के हम अपने घर आ गए......
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घर पहुंचने के बाद मां पापा से मिला फिर एग्जाम के बारे में बताए और नहा धो के नाश्ता करने बैठा तब तक पापा दुकान जा चुके थे.....सुबह के 11 बज रहे थे हम नाश्ता कर के हम अपने कमरे में बैठे पूजा के साथ खिचाए फोटो देख रहा था और जिन फोटो में मैं उसके साथ अंतरंग पलों को जी रहा था उसे देख कर मेरा मन हो रहा था काश पूजा साथ होती....तभी हम पूजा को कॉल लगाए तो पूजा ही उठाई और सबसे पहला सवाल दागी कब आइएगा....आई एम मिसिंग यू वेरी बैडली जान मेरा.....हम बोले मि टू पर आऊंगा शाम को ही कोचिंग के बाद वो बोली ठीक है आई विल बी वेटिंग माय लव....उम्माह फोन पे एक चुम्मा दे दी हम बोले की अभी रांची वाला फोटो सब देख रहे थे तुम्हारी बड़ी याद आ रही थी इसलिए फोन लगाया अच्छा नाश्ता की या नही....वो बोली हा कर लिए उस दिन सुबह वाले मेरे अकडू जवाब का हिसाब मम्मी हमसे आज ले रही थी पर हम बात संभाल लिए...हम बोले कोई दिक्कत नही ना वो बोली नही जान फिर हम बोले सुगंधा कहा है वो बोली टीवी में घुसी पड़ी है सुबह से मेरा सर खा गई पूछ पूछ के की क्या क्या किए कहा कहा घूमे.....हम बोले बतला देती की चूतड लाल कर दिए थे चमड़ी छिल दिए उसके जीजा जी उसकी बहन के चूतड़ों का....पूजा एक ठंडी सिसकारी लेते हुए बोली गंदे कही के फोन पे भी यही सब बोल के मेरा मूड बिगाड़ देते है.....जब आप मेरे साथ रहा करिएगा तब ही ये सब बोलिएगा ताकि आपको हम अपने आगोश में ले सके.....फिर हम बोले चलो आते है अब शाम तक मां आ रही है......और फोन काटे तो सामने स्क्रीन पे पूजा की फोटो खुली थी जो हम देख रहे थे इसलिए हम पूजा की फोटो को फोन में चूम लिए तभी अचानक से मां कमरे में आ गई वो हमको ऐसा करते देख ली थी पर कुछ बोली नहीं जबकि हम भी सकपका गए थे की बेटा लौड़े लग गए.....पर मां बोली की जा पापा से गाड़ी मांग के ले आ हमको थोड़ा अपनी छोटी बहन के यहां पहुंचा दे बड़े दिन से मिलने जाने का सोच रखा था......हम सोचे थे की मां मेरा फोन मांगेगी या कुछ उल्टा पुल्टा बोलेंगी पर ऐसा कुछ नही हुआ......हम लोअर टीशर्ट में थे और धूप खिली हुई थी इसलिए बिना कुछ और पहने दुकान के लिए निकल गया बात दरअसल ये थी की मां से हमको डर लग गया था इसलिए हड़बड़ी में निकल गया.....पैदल दुकान पहुंचा और पापा से गाड़ी मांगी और बताया क्यू चाहिए तो गाड़ी मिल गई साथ में 200 रुपए भी की तेल डलवा लेना......हम बोले गाड़ी अब हम ले के नही आयेंगे कोचिंग जाऊंगा इसी से......भईया बोला भी कि काम है हमको पर हम कहा मानने वाले थे हम निकल गए वहा से.....जब तक पैदल चल के दुकान आया ठंड नही लगी पर साला जब मोटरसाइकिल भगाई तो जिस्म में थरथरी हो गई.....हवा ठंडी थी और हाथ एकदम बर्फ के माफिक हो गए थे 5 मिनट में ही पर फिर भी घर तो जाना ही था.....पेट्रोल लिया और निकल पड़ा घर की तरफ......अपने घर की रोड में घुसा था और तकरीबन 30 की स्पीड पे होऊंगा और अपनी ही मस्ती में जा रहा था आराम आराम से.......की तभी सामने से एक बिल्ली रास्ता काट गई और जब तक कुछ समझ पाते मेरे आगे वाले एक स्कूल वैन ने ब्रेक मार दिया और हम जा के उससे भीड़ गए.....और गाड़ी से गिर पड़े....और नीचे सड़क पे मैनहोल के ढक्कन को उठाने के लिए उसमे बनाए गए लोहे के हुक पे सर टकरा गया और हम बेहोश हो गए....जब आंख खुली तो पास के एक क्लिनिक में पड़ा था और पास में मां पापा और बगल के एक दो और लोग थे......सिर से खून बहा था और मेरी टीशर्ट एकदम सराबोर थी खून से एक साइड से.....होश में आते ही दर्द की एक तेज लहर दौड़ पड़ी बाए तरफ से सिर पे चोट आई थी डॉक्टर के नाम पे कंपाउंडर था मादरचोद टांके लगाने के लिए घाव साफ कर रहा था डेटॉल से......जलन के मारे मेरी गांड़ फटी पड़ी थी दर्द में कराहने लगा.....पापा हाथ पकड़े हुए थे जबकि मां मेरे सिर के पास खड़ी थी उसके साड़ी के आंचल में भी मेरा खून लगा था....कुछ देर साफ करने के बाद जब उससे खून नही रुका तो वो बोला पट्टी बांध देता हु जल्दी से हॉस्पिटल ले के जाइए इसको यहां इसका इलाज नहीं हो पाएगा.....इधर जितनी देर उसने मेरे को डेटॉल से जलाने में की थी खून काफी बह चुका था नतीजतन एक बार फिर से बेहोशी आने लगी मेरे को आखिरी चीज जो मैने देखी वो थी बीपी मशीन जो वो डॉक्टर कम कंपाउंडर मेरे हाथ पे बांध रहा था.....दुबारा जब आंख खुली तो हॉस्पिटल में था सिर पे टांके लगे थे 5 और हाथ में कोहनी के पास भी पट्टी थी और घुटने के पास भी दूसरे हाथ में एक ड्रिप लगी थी जिससे पानी चढ़ाया जा रहा था......मेरे मुंह से पहला शब्द मां निकला.....मम्मी वही बैठी थी तुरंत मेरे पास आई और पापा भी वह थे भईया भाभी सब था.....मां बोली कैसे गिर गया था गाड़ी से हम जो हुआ वो बतलाए उनको फिर वो अपने आंचल से मेरा मुंह पोछी और घबराई आवाज में बोली मेरी ही मति मारी गई थी जो तुझे ये गाड़ी लाने भेजा......पापा बोले अब हो गया जाने दो घबराने वाली कोई बात नही है अपना बेटा खाए पिए घर का है.....हम बोले क्या टाइम हुआ है.....भईया बोला शाम के पौने 6 बज रहे है ये सुन के मेरा मुंह खुला रहे गया हम बोले इतना लेट हो गया भाभी बोली हा खून ज्यादा बह गया था इसलिए तुमको होश में आने में टाइम लग गया बीपी लो हो गया था तुम्हारा यहां लाते लाते........वो बोली अब ठीक लग रहा है हम बोले हा.....फिर इतने में वार्ड बॉय आया और ड्रिप देखा और बोला अरे होश आ गया चलो बढ़िया है अभी डॉक्टर को बतला देता हु......और वो चला गया.....फिर हम मां से पूछे मेरा फोन मां तो वो बोली भाई के पास है.....भईया हमको मेरा फोन दिया......पर गिरने के कारण उसका टच टूट गया था पर डिस्प्ले ठीक था और थोड़ा जोर से दबाने पे वो बड़ी मुश्किल से काम कर रहा था.....और गनीमत ये रही की फोन आने पे वो रिसीव हो रहा था वो भी हेडफोन के बटन से.....हम बोले किस किस का फोन आया दोस्त लोग कोई किया था क्या भईया बोला हा आया था एक दो का हम बोले किसका किसका तो भईया बोला उतना हमको नहीं याद एक दो लड़का लोग का था और एक लड़की का था लगता हैं.....हम बोले सब को का जवाब दिए है आप तो वो बोले की बोलेंगे क्या की चोट लगा है हॉस्पिटल में है हम मन ही मन बोले हे भगवान अगर पूजा होगी तो वो तो बावरी हो गई होगी और अगर सुगंधा होगी तो बात अपने तक रखे शायद क्युकी उसको तो सब अच्छे से पता है.....तभी डॉक्टर आया और माथे पे हाथ लगाया घाव देखा फिर कोहनी और घुटना वाला देखा और बोला की खाया पिया करो अच्छे से फिर बीपी चेक किया और बोला खून चढ़ाना सही फैसला था बीपी नॉर्मल हो गया है रात भर यही रखते है सुबह डिस्चार्ज कर देंगे.......भईया बोला अभी नही ले जा सकते है सर तो डॉक्टर बोला की ब्लड लॉस हुआ था ना इसलिए बीपी एब्नॉर्मल बिहेव कर सकता है उस कारण से कल तक ऑब्जर्वेशन में रखेंगे और सुबह में घाव की सफाई कर नए ड्रेसिंग के बाद डिस्चार्ज कर देंगे......तो पापा बोले ठीक है सर कोई बात नही..... यहां पे भईया भाभी को रुकने और ज्यादा पैसे खर्च होने की चिंता थी और पापा बात समझ गए थे इसलिए जब डॉक्टर चला गया तो वो उन दोनो को जाने के लिए बोले की कल सुबह हो सके तो आना रात में हम दोनो यहां रुकेंगे.....और इसमें कोई हैरानी वाली बात नही की वो रुकते वो पंद्रह मिनट में ही निकल लिए क्युकी उनके बच्चे खाना पीना के लिए वेट कर रहे होंगे ना...पर इधर मां और पापा ऐसे ही बैठे थे सुबह से बस चाय पी थी मां ने तो वो भी नही पी थी फिर हम बोले की मां आप घर हो आओ थोड़ा आराम भी हो जायेगा और खाना बना के ले आना कुछ......पापा बोले की अरे तू क्यू टेंशन लेता है तेरा बाप अभी है तेरे साथ खाना बाहर से आ जाएगा.....हम बोले पापा कहा से फोन तो पहले ही टूट गया है ऑनलाइन ऑर्डर होगा नही फिर.....तो वो बोले अरे गधा होटल नही है हम ले आयेंगे बोल क्या खायेगा......मम्मी बोली पनीर का कि सब्जी ले आइएगा मन से खा लेगा......मां अपने आप को दोषी मान रही थी हम बोले मां काहे लिए रोनी सूरत बनाएं हो होनी था हो गया अब जाने दो सब ठीक है.......तभी वार्ड बॉय आया और बोला की अंकल अभी जूस वगैरह मत लायेगा रात का समय है ठंड है गला परेशान करेगा फिर......अभी नॉर्मल खाना ही दीजिए कल से चालू करिएगा पौष्टिक खाना पीना......फिर जब पापा गए तो हम मां से पूछे की पूजा दी का फोन आया था क्या तो वो बोली पता नही बेटा तेरा भाई ही बात किया है सब से.......तेरे दो तीन दोस्तो का फोन तो आया था पर किस किस का आया था मालूम नही.....हम अपना फोन चेक किए तो मेरे दो दोस्त का फोन था एक अमन का भी फोन था और लास्ट कॉल पूजा का था शाम में साढ़े 4 बजे......हम मन ही मन मना रहे थे कि पूजा ना हो ये और फिर वार्ड बॉय आया जिसके साथ एक नर्स थी......वार्ड बॉय ड्रिप निकाला और नर्स मां को बोली की बाहर रिसेप्शन पे बोल दीजिए आप की मरीज की चादर बदल दे क्युकी ये साइड से गंदी हो गया है और वो मेरा मेडिसिन चार्ट में कुछ कुछ देखने लगी और वो बोली उठा के बिठाओ इनको जरा......फिर वार्ड बॉय हमको उठा के बिठाया......पर जैसे ही उठ कर बैठा सर जोर से घुमा और हम झुक कर बेड का कोना पकड़ लिए वार्ड बॉय बोला देखा कमजोरी कितनी आ गई है इसलिए उठा कर बिठाया था है ना मैडम.......पर वो कुछ बोली नहीं.....फिर वो वार्ड बॉय कुछ देर तक हमको सहारा दे कर रोके रखा जब तक की हम वापिस अपने सही हालत में नही आ गए फिर बिस्तर का टेक लगा के बिठा के वार्ड बॉय मां को बोला आप यही रुकिए माजी हम चादर के लिए बोल आते है और नर्स मेरा बीपी फिर चेक की तो वो लो बता रहा था.....वो बोली डॉक्टर को भेजते है आप लिटाइए इनको वार्ड बॉय लिटाया नही वैसे ही बैठाए रख के निकल गया दोनो वहा से.....हम मां को देखे वो बेचारी घबरा रही थी......हम बोले घबरा मत मां कमजोरी लग गई है ठीक हो जायेंगे खायेंगे पिएंगे तो.....इतने में पापा आए और पापा के साथ सुगंधा थी......हम उनको देखे तो मन ही मन सुगंधा को थैंक्स बोले की कम से कम गधी कुछ तो काम ठीक की......पापा खाना रखे और वो मां से बोले क्या हुआ पीछे से वार्ड बॉय आया और बोला कुछ नहीं अंकल कमजोरी है बहुत चक्कर आ गया था उठाने पे.......हम उसको मन ही मन बोले भोसड़ी के आस पास देख तो ले.....फिर सुगंधा मेरे पापा मम्मी से सब हाल चाल ली पूछी की कैसे हुआ.......बात करते करते सुगंधा सिर्फ मेरा मुंह देखे जा रही था.....हम हस के बोले अरे क्या हुआ ऐसे काहे देख रहे हो कोई अजूबा देख लिए का......फिर सुगंधा बोली अरे नहीं हमेशा पढ़ते खाते हस्ते देखे है ना अभी ये कुछ जमा नही अपने को तेरा हालत इसलिए खैर कोई बात नही जल्दी जल्दी ठीक हो जा फिर जॉब भी तो करना है ना वैसे कहा जा रहा था उड़ते उड़ते जो भिड़ गया हम बोले तेरे जैसी एक भैंस आ गई थी सामने.....फिर वहा सब हस दिए.......सुगंधा मेरे बेड के बगल में बैठी और मां खाना निकाल रही थी और पापा वही कुर्सी पे बैठे थे और मां से अभी के बारे में बात कर रहे थे......हम सुगंधा से धीरे से पूछे की पूजा दी को बताई क्या वो ना में मुंडी हिलाई......हम उसको बोले बताना भी मत वो बोली नही यार नही बताऊंगी पर कब तक अभी तो तुझे ठीक होने में टाइम लगेगा ना कल ना परसो वो जान ही जायेगी......हम बोले अभी तू कैसे आई तो वो बोली कोचिंग से जब निकले तो तुझको फोन किए तो भईया उठाए और बताए फिर हम ऑटो से तेरे दुकान गए फिर वहा से तेरे घर का एड्रेस मिला घर गए तो पड़ोस वाली एक आंटी गेट खटखटाते देखी तो बताई की यहां एडमिट है तू फिर यहां आए डायरेक्ट कोचिंग से घर गए ही नही......हम बोले घर जायेगी तो भी कुछ मत बताना.......वो बोली यार बताना तो पड़ेगा ना वरना पूजा दी के हाथ में फोन आते ही वो पागल जैसे कॉल करेगी......हम बोले की बात करेंगे हम उससे तू बोल देना की काम में फस गया था इसलिए नही आया सुगंधा बोली यार बता देना चाहिए हम बोले पगला मत हम ठीक है बात कर लेंगे उससे वो बोली ध्यान रख अपना और फिर मां पापा से बोली चलते है अंकल तो वो बोले की बेटा खा के जा तो वो बोली नही आंटी घर पे आयेंगे फिर खायेंगे.....फिलहाल घर कब जायेंगे आपलोग तो पापा बोले की कल बेटा अभी तो कमजोरी है बहुत वो खून ज्यादा बह गया था....पर अब ठीक है फिर वार्ड बॉय पापा को बोला अंकल जरा भईया को पकड़िएगा और वो हमको बाह से पकड़ के खड़ा किया जमीन पे पाव पड़ते ही मेरे को ऐसा लगा जैसे शरीर में जान ही नही है और हम एकदम से अनबैलेंस हो गए और सर में फिर से दर्द हुआ सच में साला कमजोरी बहुत आ गया था मेरे को......सुगंधा बस देखती जा रही थी वार्ड बॉय चादर बिछाया और हम वापिस उसपे लेट गए....फिर सुगंधा बोली हम चलते है अंकल आंटी.....फिर हमको बोली ध्यान रख जैसा रहेगा बताना.......कल मिलते है......और सुगंधा निकल गई......उसके जाने के बाद खाना पीना हुआ मेरा और फिर रात में नर्स एक बार फिर चेकअप करने आई और फिर दो इंजेक्शन घुसेडे और फिर मां को हम जबरदस्ती घर भेजे क्युकी ऐसे वो भी बीमार पड़ जाती और मेरी इस बात में पापा ने मेरा साथ दिया......फिर दोनो बाप बेटे वही सो गए जबकि मां घर गई........इधर सुगंधा जब घर पहुंची तो मम्मी उससे पूछी की शाम को वो घर क्यू नही आई दूसरे क्लास क्यू नही गई तो सुगंधा ये बोली की उसको कॉलेज के किसी जरूरी काम से एक सहेली के साथ उसके घर जाना पड़ा फर्स्ट ईयर का एग्जाम भी आने वाला था ना इसलिए जबकि पूजा को बस मेरे बारे में जानने की बेचैनी थी.....मम्मी के जाते ही सुगंधा से पूजा पूछी की वो आए थे क्लास सुगंधा बोली नही नही आया था पर हम कॉल किए थे तो बोला की जरूरी काम है सो जा रहा हु मां के साथ......पूजा बोली की आज तो ऐसा कुछ काम नहीं था फिर भी पर यार सग्गू मेरा ना दिल सुबह से बड़ा घबरा रहा है ला फोन दे ना बात करू मैं उनसे और तू तो अलग ही लेवल की लबरी है फोन ही ले के चली गई थी और पूरे दिन गायब रही जबकि तुझे मालूम है की हमको उनसे बात करना होता है.....सुगंधा बोली अरे काम था ना दी क्या तू भी चल पहले खाना खा लेते है फिर बात करती रहना.......पूजा उससे फोन लेते हुए बोली पहले हम बात करेंगे मेरा दिल दिमाग सुबह से उनके लिए बेचैन है और तुझको ठूसने की पड़ी है
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.......पूजा हमको कॉल लगाई तो फोन स्विच ऑफ बताया अब पूजा अलबलाने लगी जैसे ही फोन ऑफ आया वो सुगंधा के बताए मुताबिक कॉल हिस्ट्री चेक की तो लास्ट कॉल शाम का था वो वापिस कमरे में आई और सुगंधा को हाथ से पकड़ के रूम के अंदर ले गई वो खाना खा रही थी......ये तो अच्छा हुआ की मम्मी किचन में थी.....सुगंधा से पूजा पूछी की बता क्या बात हुआ था उनसे कहा गए है वो फोन ऑफ है अभी सुगंधा एकदम लाइटली लेते हुए बोली अरे गधी हो गई है क्या हमको जो बतलाया वही तुझको बतलाए.....जरूरी काम से गया....रहा बात फोन ऑफ होने का तो वो चार्ज खतम हो गया होगा......क्यू इतना बात को लंबा खिंच रही है भाग हमको खाने दे और खुद भी खा ले.....बोल के सुगंधा वापिस खाने बैठ गई...जबकि पूजा का सारा ध्यान हम्पे था.....वो कहते है ना की जब किसी अपने के साथ कुछ बुरा होता है तो उसके सबसे करीबी को पता चल जाता है.....वही हाल पूजा का था......सब कोई आ चुका था और पूजा आज खाना नही खाए और बहाना लगा दिया की मन ठीक नही लग रहा है सुगंधा कोशिश की उसको खिलाने की पर पूजा तो पूजा थी.........घर में सब कुछ नॉर्मल था जबकि पूजा मेरे से बात नही हो पाने के कारण बेचैन थी क्युकी इतने दिनो में कभी भी ऐसा नही हुआ था की हम फोन ऑफ कर ले और उससे बात ही ना करे ना घर आए.......रात में जो इंजेक्शन हमको पड़ा था एक ताकत के लिए था और एक दर्द के लिए की दर्द कम रहे और नींद आ जाए......सुगंधा जब बेड पे आई तो पूजा पहले से वहा थी सके आते ही वो उसका हाथ पकड़ के रोने लगी.....सुगंधा बोली दी क्या हुआ क्यू ऐसे कर रही है एक दिन बात नही हुआ नही आया तो ऐसे करेगी रो क्यू रही है हा वो मना करता है ना.......पूजा रोते रोते धीरे आवाज में बोली नही सग्गू ऐसा कभी नहीं हुआ इतने दिनो मे की वो मेरे से ना ही मिलने आए न ही मेरे से बात किए.....और सुगंधा के हाथ पे सर झुका के रोने लगी सुगंधा से अब बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था पर वो नहीं चाहती थी की अभी पूजा वो सब जाने और कुछ नादानी कर बैठे इसलिए उसको जैसे तैसे कर के वो सुलाई पर पूजा थोड़े देर बाद ही जग गई और मोबाइल से बार बार ट्राई करती रही और मैसेज भेजते रही की शायद कैसे भी कर के उससे बात हो जाए.....धीरे धीरे रात गुजरी और सुबह हो गई.....पूजा मां के साथ साथ उठ गई थी और मां को कुछ एब्नॉर्मल ना लगे इसलिए उनके साथ घर के काम में हाथ बटाई और फिर नहा धो के अच्छे से तैयार हुई और 9 बजे कॉलेज जाना है जरूरी काम से ऐसा मां से बोली और निकल गई उसके जाते ही सुगंधा भगवान से प्रार्थना की......की सब ठीक हो कोई तमाशा ना हो.....और इधर पूजा सीधा पहुंची मेरे घर.....रास्ते भर कॉल ट्राई करती रही वो अभी भी बंद था दरअसल फोन में एक तो खराबी आ गई थी दूसरी बात फोन चार्ज किया ही नहीं किसी ने......घर पहुंची तो मां से मिलना हुआ उसका.....और मां बेचारी सब बात उसको बता दी और बातो बातो में ये भी पता चल गया की कल सुगंधा मिल के गई है उससे.....पूजा पे मानो आसमान टूट पड़ा हो ये सब जानने के बाद पर उसने बड़ी हिम्मत से काम लिया और मां के सामने रोई नही पर उसका हार्ट रेट इतना बढ़ गया था की वो केवल वही जानती है.....पूजा बोली आंटी हम उससे मिल आते है तो मां बोली रुको बेटा हम साथ में चलते है अभी उसको डिस्चार्ज कर देंगे वहा से.....फिर घर ही आएगा वो.....इधर हम सोए ही हुए थे अभी तक पापा जग गए थे पर उठाया नही ताकि शरीर को आराम मिल जाए....फिर वार्ड बॉय आया और मेरे को उठाया बोला फ्रेश हो लो भाई अभी डॉक्टर साहब आते ही होंगे फिर डिस्चार्ज मिल जायेगा आपको......मेरा सर बहुत दर्द कर रहा था पर फिर भी उठना तो था ही और उठते के साथ ध्यान पूजा पे गया तो मोबाइल मांगा पापा से तो वो बोले की मां घर ले गई है.....फिर वार्ड बॉय का मदद से उठे खड़े हुए और थोड़ा देर खड़े हो रहे फिर जब लगा लो चल पाऊंगा तो जा के फ्रेश हो के आया धीरे धीरे जब बाहर आया तो वार्ड बॉय ड्रेसिंग का समान ले के वेट कर रहा था....हम बोले भाई क्यू तकलीफ देने पे तुला है वो बोला भईया इतना तो सहना ही पड़ेगा टांको की सफाई बहुत जरूरी है फिर एक आध हफ्ते में टांके कटवा लेना फिर ऑल ओके उसके बाद वो लगा अपने काम में और हम अपने मतलब वो सफाई करने के साथ साथ ड्रेसिंग बदलने वाला था जबकि हम चिल्लाने में और हाथ से बार बार उसको रोक रहा था क्युकी दर्द तेज होता था जब भी वो रूई फिराता था तो इतने में मेरा हाथ किसी ने पकड़ा और ये हाथ का स्पर्श से ही हमको मालूम चल गया की ये पूजा है उसके जिस्म की खुशबू मेरे अंदर एक दर्द नीवारक का काम की.......पर फिर भी दर्द तो दर्द है जब तक वो साफ करता रहा एक एक कर के मेरे टांको को.....मेरे हाथ पे पूजा का पकड़ और मजबूत होते जा रहा था जैसे मेरे दर्द को अपने अंदर समा लेना चाहती हो.......फिर वो साफ करने के बाद बोला डॉक्टर देख लेंगे उसके बाद ड्रेसिंग कर दूंगा......और पूजा मेरे बगल में बैठ गई वो अभी तक कुछ नही बोली थी पर उसकी आंखे एकदम लाल हो चुकी थी और रोना उसने कैसे काबू कर रखा था ये वो ही जाने......पर फिर भी पूजा शांत रही और मां हमसे बोली की अब ठीक है हम बोले हा फिर वो रात भर का समाचार पापा से ली और उतने देर पूजा मेरे सिरहाने बैठी रही......और मां पापा की नजरो से बचते हुए मेरे बाह को सहला रही थी जैसे पूछ रही हो की इतने खुदगर्ज कब से बन गए.... हमदोनो की नजरे एक दूसरे से जुड़ी हुई थी पर दोनो में से कोई कुछ नही बोला था अभी तक फिर इतने में डॉक्टर नर्स के साथ आया और मेरा घाव देखा और फिर बीपी चेक किया और उसके बाद नर्स को बोला कुछ अंग्रेजी में पर इतना तो समझ गए थे की फिर से भूकेगी एक सुई और.......और फिर पापा से बोला फिलहाल घर ले जाइए सब ठीक है और एक हफ्ते बाद टांके कटवा लेगा आ कर और तब घर पे ही आराम करना है ज्यादा धूल मिट्टी के संपर्क में नही आना है.....फिर नर्स मेरे को सुई भोक दी......साला पड़ हमको रहा था पर आंख पूजा बंद कर रखी थी और मेरा हाथ फिर से वैसे ही जोर से पकड़ रखा था नर्स बोली हाथ इतने जोर से क्यू पकड़ी हो तुमको थोड़े लगा है सुई
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वो फिर भी कुछ नही बोली बस मेरा हाथ छोड़ दी और जहा इंजेक्शन लगा था वहा पे वो रूई का टुकड़ा रगड़ने लगी....फिर वार्ड बॉय ने ड्रेसिंग कर दिया उसके सामने ही और फिर उसके बाद नर्स पापा को साथ ले कर चली गई बिल्स क्लियर करवाने और इधर मां और पूजा सब सामान समेट ली.....मम्मी बोली बेटा तुम बैठो हम आते है नीचे से कोई रिक्शा वाला को बुला के.....मां गई पापा पहले ही नहीं थे और अब पूजा का बांध टूट गया हमको गले लगा के रो पड़ी
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और बिना कुछ बोले रोती ही रही जबकि हम उसको पीठ पे सहला के शांत करने का कोशिश करने लगे.....फिर जब वो शांत नही हुई तो हम अपने आप से उसको अलग करते हुए उसके आंख से आंसू पोंछे और बोले आई लव यू.....वो सिसकते सिसकते बोली आई हेट यू गंदे कही के इतना चोट लग गया और आप हमको बतलाना जरूरी भी नही समझे आपके नजर में मेरा कोई वैल्यू नही है हा कोई मायने नहीं रखते हम......हम फिर बोले आई लव यू जान मेरा.....फोन टूट गया था ना और ऊपर से कोई चार्ज भी नही किया था और हम बेहोश थे बच्चा कैसे बतलाते तुम ही बतलाओ हमको........वो मेरे घाव पे ऊपर से पप्पी ले ली और मेरे गाल पे भी पप्पी दी और एक हल्का सा चुम्बन मेरे होठों पे भी....हम बोले अरे जान आस पास और भी लोग है वो बोली भाड़ में जाए और लोग मुझे क्या फिर हम कुछ नही बोल और वो मेरे बगल में बैठ गई एकदम सट के.....हम चुटकी लेते हुए उससे पूछे तब कल का दिन रात कैसे काटे......वो एकदम दुखी सा मुंह बना के मेरे को देखी फिर हम हस दिए......है आपका हाथ उसके कमर पे रखे और उसके पास झुकते हुए बोले आई मिस्ड यू सो मच जान आई मिस्ड यू
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वो बस मेरे माथे पे चूम ली.....फिर मां पापा एक साथ आए और बोले चल बेटा घर चले.....फिर पापा मेरे को सहारा देने आए तो हम बोले आप चलिए पापा हम ठीक है और फिर हम पापा एक साथ और पूजा मम्मी एक साथ आगे बढ़े नीचे आए धीरे धीरे मम्मी बोली बेटा तुम घर चलेगी ना खाना बनाएंगे खा कर ही जाना और तुम रहेगी तो इसका भी मन लगा रहेगा......पूजा बोली हा आंटी चल रहे है......फिर हम और मम्मी रिक्शे में बैठे पापा और पूजा अभी दूसरे रिक्शे के लिए खड़े थे उतने में भईया आया बाइक से अकेला.....तो हम बोले चलो भईया हो गया...वो अभी पापा को कुछ बोलता इससे पहले उनके पास एक रिक्शा वाला आ गया और वो हमारे साथ चल पड़े घर की तरफ.....भईया पीछे पीछे आया......घर आने के बाद पहले हम आंगन में ही बैठे और हॉस्पिटल वाले कपड़े उतारे जबकि पूजा अक्वार्ड फील ना करे इसलिए मां उसको सब सामान और दवा वगैरह मेरे कमरे में रखने बोली और हम पहले नहाए गरम पानी से जो मां जाने से पहले कर के गई थी....उतने देर पूजा ऊपर से हमको नहाते हुए देखती रही छुप के फिर मेरे नहाने के बाद हमको अंदर से अच्छा महसूस हुआ फिर मां हमको आराम से अपने कमरे में आ गए जहा पूजा बैठी थी....मां बोली बेटा यही रहना इसके साथ तब तक हम आते है इसके पापा को भी पानी देना होगा नहाने के लिए.....भईया नीचे पापा से मिल के दुकान निकल गया क्युकी अब उसका यह कोई काम नहीं था.......इधर पूजा हमको अपने गले से लगा ली और रोते हुए बोली जान आपको इतना चोट लग गया आप हमको बतला भी नही पाए पता भी है हम कल कितना परेशान बेचैन रहे पूरे दिन पूरे रात रांची से आने के बाद तो आप पे ग्रहण ही लग गया......हम उसको अपने से जोर से सटाए और बोले हमको कल होश में आने के बाद तुम्हारी कमी बहुत खली पर कहते है ना की तड़पने के बाद महबूब से गले मिलने का अलग ही मजा है......फिर पूजा हमको देखने लगी..... और तुरंत मेरे होठों पे एक पप्पी दे दी.....हम जवाब में उसके उरोजो को मसल दिए.....वो बड़ी अदा से करते हुए बोली तरस गए थे आपके स्पर्श के लिए ये दोनो.....फिर हम बोले अच्छा आज रहेगी ना मेरे साथ.....वो बोली ये भी कोई पूछने की बात है जान मेरे आज पूरे दिन मैं यही रहूंगी.....हम बोले फिर तो आज रात को भी यही रह जाना वो बोली हम रात को आपके पास आये.......हम बोले नही रे पगली ठंडी में इतना रात में पागल वागल हो गई है क्या.....वो बोली जान हम आ सकते है कोई दिक्कत नही होगी.......हम बोले एक बार ना बोल दिए तो बस बात खतम.....वो मेरे बोलने के लहजे में बेरूखी और अपने लिए फिकर दोनो देख ली इसलिए दुबारा वो बात बोली ही नही.....फिर हम बोले अच्छा जान अभी तो हम ये फोन ले के बाहर नही जा सकते सो क्या तुम इसको बनवा ले आयेगी.....वो बोली हा जान तो हम बोले ध्यान रखना इसमें अभी हमारी फोटो पड़ी है सो किसी भी दुकानदार को बोलना यही खोलिए फोन और मेरे सामने बनाइए और देखना की कोई वायर से इसको कनेक्ट ना करे.....वो बोली जान हम नही ले जायेंगे इसको मार्केट पहले फोटोज सब निकाल लीजिए इसमें से.....हम बोले पॉसिबल होता तो निकाल लेते ना पर कोई बात नही रहने दो हम देखते है बाहर जब निकलेंगे तो बनवा लेंगे......फिर पूजा उठ के गई और आंगन में झाक के देखी तो मां से पूछी आंटी दवाई दे दू मैं इसको.....मां बोली हा दे दे बेटा पापा को दुकान विदा कर के हम आते है.......फिर पूजा रूम में आई और परदा लगा दी गेट पे और मेरे पास आ के मेरे होठों को चूसने लगी.....और साला हम भी इस वक्त से कमजोरी महसूस कर रहे थे पर अब कुछ नही हम एकदम टनाटन थे और लौड़ा भी पूरा टनाटन हो रखा था........ये साला इश्क भी ना बहुत बदमाश हो जाता है जब इसमें हवस की मिलावट हो जाती है......मेरा हाथ पूजा के चुचियों पे जम सा गया था दुपट्टा नीचे गिरा कर कुर्ती में हाथ डाल के मस्त मसले जा रहा था......फिर पूजा किस तोड़ी और मेरे चेहरे को हाथो में लेते हुए बोली आई लव यू.....हम उसको अपने पास बिठाते हुए बोले आई लव यू टू जान.....फिर वो मेरे माथे के घाव को देखी और बोली आज घर जाऊंगी तब उस सुगंधा को बताती हु सब कुछ जानने के बाद भी हमको अंधेरे में रखी.....हम बोले एई पगली वो ये इसलिए छुपाई ताकि तुम कोई नादानी ना कर बैठो कल शाम को.....आखिर आज तुम मेरे पास आ गई ना....वो बोली जान आप नही समझिएगा.....और ये कह के वो खड़ी हो गई और हमको गले लगा ली......हम बेड पे बैठे थे और वो बेड किनारे खड़ी थी और ऐसे में गले लगाने से मेरा सर उसकी चुचियों के ठीक बीचोबीच था और मैने अपने दोनो हाथ उसके चूतड़ों के ऊपर आलिंगन में ले रखा था.....वो मेरे सर को चूमी हम जवाब में उसके कुर्ते को हटा कर पायजामि के ऊपर से उसके चूतड़ों को अपने आलिंगन में ले लिए और खुद से और दबा लिए......तभी हमारे पीछे से आवाज आई सुमित ये तू क्या कर रहा है.......हम दोनो एक झटके से अलग हुए तो सामने मां खड़ी थी और उन्होंने हम दोनो को देख लिया था.....अब हम दोनो को मानो काटो तो खून नहीं......
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मां बहुत गुस्से में थी और वो अंदर कमरे में आई और पूजा को एक तमाचा खींच कर मारी और दूसरा तमाचा उठाई ही थी की हम खड़े हुए और मां को रोक दिए पर अगले ही पल वो तमाचा मेरे को पड़ गया....गुस्से में मां ने ये भी नही देखा की सर पे चोट है......हमको मारने के बाद मां चिल्ला चिल्ला के पूजा को गाली देने लगी हम उनको फिर भी समझा रहे थे मां बात तो सुन लो ऐसा है वैसा है पर मां तो सुनने को ही तैयार नहीं थी.......और बेचारी पूजा के आंखो से आंसू बह निकले थे.....मां हमको धकेल दी और पूजा को बाल से पकड़ कर खींचते हुए रूम से बाहर ले जाने लगी.....इसको देख के मेरा खून खौल गया हम पूजा को पेट के पास से पकड़े और मां के हाथो से बाल छुड़ा कर उसको अपने बिस्तर पे बैठाए.....और हम चिल्ला कर बोले बस मां बहुत हो गया मेरी बात तो सुनो......मेरे चिल्लाने से मां थोड़ी सहम गई और गुस्से में चुप चाप हमको देखने लगी......हम बोले मां सुनो तो क्यू बात का बतंगड़ बना रही हो..... वो बोली क्या सुनूं जो देखा वो काफी नही था क्या.....आंखो में धूल झोंक कर रंगरेलिया मनाते आ रहे हो जरा भी शर्म नही लगा पढ़ाई लिखाई संस्कार माई बाबू का इज्जत सब को ताक पे रख दिया.....और वो फिर पूजा के तरफ बढ़ी और उसको बोली हरामजादी तुझको मेरा ही बेटा मिला था फसाने को बहन भाई का रिश्ता मानते थे ना तुमदोनो पर तुझको अपने ही भाई से लिपटना चिपटना अच्छा लगता है....घर में अपने भाई के साथ भी ऐसे ही करती है क्या हा बोल ना रण् .......मां इसके आगे बोलती हम मां को उनके बाह से पकड़ के अपनी तरफ घुमाए और फिर से चिल्ला कर बोले बस मां इसके आगे मत बोलना वो मेरा प्यार है और इसको कोई गाली दे ये हमसे बर्दाश्त नहीं होगा....... हम दोनो एक दूसरे से प्यार करते है पूजा मेरा प्यार है.....और शादी करूंगा तो इसी से......मां अब चुप थी वो केवल मेरा मुंह देखे जा रही थी जबकि पूजा रोए जा रही थी..... हम पूजा को बोले चुप हो जाओ रो मत.....रोने से कुछ नही होगा पर वो डर गई थी करती भी क्या हम दोनो में से कोई भी इस unexpected टर्न के लिए तैयार नहीं था.....फिर मां को अपने बेड पे बिठाए और फिर बगल में खड़ी पूजा के आसू पोंछे और उसको चुप करा कर बोला कसम याद नही क्या तुझे हा चुप हो जा एकदम........ये देख मां उठ कर जाने लगी की तभी पापा कमरे में आए.....अब सच में मेरी गांड़ फट के चार हो गई थी और मां भी एक पल के लिए डर गई....क्युकी बात अब बहुत बिगड़ सकती था......पापा को देख के पूजा हाथ जोड़ ली....क्युकी उसको लगा अब मार पड़ेगी मेरे को......पापा को देख के मैं सोचा की बात को घुमा दू पर जितना छीछा लेदर अभी कमरे में मचा था उसको देख के नही लगता था की अब हमारे रिश्ते को छुपाने का कोई भी तरीका काम नही आने वाला था......पापा मेरे पास आए और मां को हटाते हुए बोले ये तूने गलत किया है बच्चे तुझ्से ये उम्मीद नहीं थी इस बच्ची केे परिवार में तेरी छवि एक भाई एक अच्छे दोस्त के रूप में है वो जब जानेंगे तो बहुत बुरा होगा बेटा...... तूने उनके घर में आते जाते उनकी घर की इज्जत पे हाथ डाला है........अंदाजा है तुझे कुछ अपनी गलती का....हम कुछ नही बोल पा रहे थे.....पापा को शांति से बात करता देख मां चिल्ला कर बोली अरे आप इसको क्या समझा रहे है ये तो आशिक हो गया है.....पर ये ये लड़की साली हरामजादी कुत्ती कहिंकि....हम फिर से चिल्ला कर बोले मां बोले ना गाली नही.....पर इस बार पापा एक जोरदार तमाचा मेरे मुंह पे मारा बोले कुत्ता साला चोट्टा कहिका और उनका हाथ मेरे सर से भी टकरा गया और ड्रेसिंग के अंदर में से खून बह निकला.....दर्द की एक तेज लहर मेरे सर में दौड़ी और चीख निकल गई.... और मैं अपना सर पकड़ कर वही जमीन पे बैठ गया.....पापा तो नीचे मेरे तरफ देखे भी नही वो बाहर निकल गए पर मां तो मां ही होती है ना....वो तुरंत मेरे सर को देखने लगी और बोली ये क्या किए आप खून बह रहा है......पर अबकी बार पूजा बिस्तर से उठी और मां को संभालते हुए बोली आप रुकिए मां हम देखते है मां उसको धक्का दे दी और बोली सब तोहरे कारण हुआ है......पर पूजा कुछ बोली नहीं फिर से मेरे पास आई और मां को जबरदस्ती पीछे करते हुए हमको उठा के बिस्तर पे बैठाई....और पास पड़े मेरे गमछे से मेरे सिर से बह रहे मेरे खून को रोका और फिर वो मां से बोली मां खून बह रहा है हॉस्पिटल चलते है वरना दिक्कत हो जायेगी....मां कुछ बोले बगैर कमरे से बाहर निकल कर पापा को आवाज दे रही थी पापा बाहर आंगन में खड़े थे.....हम पूजा को वही कमरे में छोड़ कर नीचे गए पापा मम्मी के पास और बोले कही नही जा रहे हम पहले ये बात समझिए.....पापा जो रिक्शा लाने के लिए जाने वाले थे हम उनको रोक दिए तो पापा बस गुस्से से मेरे तरफ देख रहे थे तो मां बोली की आशिकी बाद में झारते रहना पहले हॉस्पिटल चल लतखोर.....हम पापा मम्मी के हाथ पकड़ते रोते रोते वही बैठ गए जमीन पे और बोले आपकी ही औलाद हु अपने वचन का पक्का पूजा का हाथ थामा है उसको अपने घर की बहु बनाऊंगा तो बनाऊंगा ही.....मम्मी हाथ छुड़ाते हुए पापा से बोली आपको क्या हो गया है इसको कुछ बोलते क्यू नही है......पापा फिर भी कुछ नही बोले इतने में पूजा मेरे पीछे से आई और बोली पहले खून का रुकना जरूरी हैं पहले चलिए आप हम बोले रुक जायेगा शांति से पहले बात करने दो हमको......फिर पापा दुबारा से जाने लगे तो हम उनको फिर रोके और बोले पापा कुछ तो बोलिए वो बोले पहले रुक जा सोचने समझने का समय देगा या नही और अगर इतनी हड़बड़ी मची है तो जा भाग जा हमारी इज्जत को अपने पैरो तले रौंद कर.....हम अभी तक रोए ही जा रहे थे रोते रोते ही बोले नही पापा आपका हर हुक्म सर आंखों पर आप बस ये बात मान लीजिए की पूजा से मैने और उसने मेरे से प्यार किया है....पूजा ही मेरी पत्नी बनेगी प्यार करते है हम उससे समझिए इस बात को......पापा फिर हाथ छुड़ाए और चिल्ला कर बोले औकात जनता है अपनी....आशिकी बेटा खाली जेब में बहुत महंगी पड़ती है.....अभी घर से निकाल दू और फिर जहा जी आए वहा जा के आशिकी करते रहना तो दो दिन......समझा दो दिन में आते चावल का भाव मालूम पड़ जायेगा.....और यही मोहब्बत प्यार जहर लगने लगेगा.....जिसको ना पी पाएगा ना साथ ले के चल पाएगा.....

हमदोनो का सारा तैयारी चौपट होता नजर आ रहा था मेरे को और पापा की कही एक एक बात समझ में आ गई थी....
पापा इतना बोल के चले गए जब तक मां हमको बोली की पागलपन का भूत सवार है तुझपे देखना मैं ही मर जाऊंगी.....पूजा ये सुन कर बोली नही मां ऐसा कभी नहीं होगा और हमदोनो के कारण तो बिलकुल नहीं होगा इधर हम भी बोले क्या बोलती हो मां ऐसा कभी नहीं होगा अगर होना भी हो तो उससे पहले हम मर जायेंगे पर ये पाप अपने सर नही ढोएंगे.....पर ये बात बिलकुल सच है की पूजा नही तो कोई और नहीं.....और ये कह कर हम पूजा को घर जाने बोले और वो निकल गई......पर वो घर ना जा कर हॉस्पिटल पहुंच गई और वहा जा कर उसी वार्ड बॉय को ढूंढी और मेरे बारे में बोली.....की दरवाजे से हल्का सा सर में ठेस लग गया है आप चलोगे क्या....वो बोला नही मैडम उनको यही ले आओ....फिर वो मन ही मन बोली की आ तो रहा ही है और वो गेट के बगल में बने गणेश भगवान की मूर्ति के पास हाथ जोड़ कर खड़ी हो गई......वही प्रार्थना करने लगी......इधर पूजा के जाने के बाद हमको रोता देख मां अपने आंचल से मेरा मुंह पोछी और खून अब रिसना कम हो गया था......वो बोली क्यों सब कुछ खराब करने पे तुला है तू इस लड़की के चक्कर में अपनी हालत नही देख रहा तू.....ना ही मां बाप की बात समझने को तैयार है तू अभी पढ़ाई करनी है ना तुझे नौकरी करनी है ना उस दिन पापा से क्या बोला था तू भूल गया......हम सिसकते हुए मां से बोले सब याद है मां हमको मेरे और भाईयो जैसा मत समझना हम वैसे बिलकुल नहीं है और नाही पूजा वैसी है.......वो अच्छी लड़की है मां.....मां बोली अभी तो तुझे कुछ बोलना समझाना ही बेकार है.....उतने में पापा रिक्शा ले आए.......मां रिक्शा देखी तो हमको हाथ पकड़ के उठाई और हॉस्पिटल ले के चल दी जबकि पापा बाइक से चले.......अगले कुछ मिनटों में वही वार्ड बॉय हॉस्पिटल के लॉबी में मेरे ड्रेसिंग को खोल रहा था......वो अग्रम बगरम बके जा रहा पर हमको तो सब ध्यान पूजा पे था क्युकी पूजा घर गई या नही कोई आइडिया नही था हमको और वो मेरे को हॉस्पिटल में भी नही दिखी..........ड्रेसिंग खोल के वार्ड बॉय ने घाव को देखा किनारे से खून रिस रहा था उसपे उसने कुछ लगाया और पापा को बोला अंकल सर का चोट है ऐसे बार बार ठेस लगाओगे तो दिक्कत आ जायेगी ध्यान रखिए अच्छे से अभी खून बंद हो जाएगा पर ड्रेसिंग थोड़ी देर बाद करता हु तब तक आप यही बैठो और वो चला गया......इतने में हम पापा से बोले पापा हमको गलत मत समझिए पर हम दोनो एक दूसरे को प्यार करते है प्लीज हमारी बात को समझिए.....वो बरे शांत मन से बोले अगर हम मान भी जाए तो उसके घरवालों का क्या......आजकल के जमाने में आशिक को प्यार करना है तो सबसे पहले उसकी जेब भरी होनी चाहिए ये सब जब आप सेटल हो तब भाता है.......पापा की बात मेरे भेजे में एकदम घुस गई थी वो क्या कहना चाहते है.......वो आगे बोले तूने गलत किया है और तो और तू अपनी मां पे चिल्लाया शर्म नही आया तुझको जिस्म देने वाली के सामने जन्म देने वाली का ओहदा कम पड़ गया है ना.....सही है बेटे जैसे सब ने मेरे साथ थोड़ा थोड़ा धोका किया है उसी राह पे तू भी है.....कोई बात नही बच्चे जिसको अपनी मर्जी से जिंदगी जीनी है वो जिए हम दोनो मिया बीवी को हमारे हाल पे छोड़ दे.........इतने में पीछे से पूजा बोली नही पापा सुमित ऐसा नही है और ना ही हम कभी ऐसा कुछ किए जिससे आपलोगो से वो दूर हो जाए.......मां पापा के आंखो में आसू देख के उनकी भी आंखे नम हो चुकी थी इसलिए वो बोली मैं हु ना आपके साथ मेरा ही दोष है शायद इसके लालन पालन में कही गलती कर दी मैने जो ये ऐसा निकल गया बाकियों ने जो भी सुलूक किया कम से कम हमारी इज्जत को खतरे में नही डाला था..........पूजा मां का बात सुन के बोली नही मां आपके लालन पोषण में कही कोई गलती नही हुई है....पर हम दोनो करीब आ गए ये किस्मत का फैसला था वरना मेरे मन में ये सब कभी नही पनपा किसी के लिए भी पर सुमित की बात अलग है उसका व्यक्तित्व उसका संस्कार सब कुछ अलग है.........पापा उसके तरफ देखे भी नही और बोले तुम यहां से चले जाओ बच्चे हम नही चाहते यहां कोई तमाशा हो......हम पापा को बोले पापा यहां कोई तमाशा नही होगा आपका गुस्सा जायज है हम है दोषी पर आपको धोखा दे दू या कुछ ऐसा वैसा कर दू जिससे आपके मान सम्मान को ठेस पहुंचे ना कभी ऐसा कुछ किया हु ना आगे करूंगा.....तो मां बोली तो ये क्यू इज्जत की ऐसी तैसी करने पे तुला है हमारी बात समझ में आ रही है तुझे की नही........हम मां को बोले हा मां गलती हो गई हमसे पर अब हम दोनो एक दूसरे की जान है ये बात आज आपको बता देता हु.....भले आप मानो या ना मानो हम पूजा से प्यार करते है और इतने में पूजा बोली पापा मम्मी प्लीज हमे गलत मत समझिए जैसे दूसरे भईया भाभी ने आपको अकेला छोड़ दिया है वैसे हम दोनों नही है.......पापा की नम आंखों को मां साफ करने लगी जबकि पापा बोले.......कह दिया ना हमे किसी की जरूरत नहीं तुम अपने घर जाओ......वही मां अब पूजा को फिर से गाली देने लगी हम मां को बोले मां आपको मेरा कसम है जो उसको आप गाली दिए एक भी......एक गाली दी और हम इधर ही मर जायेंगे.....
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मां तुरंत चुप हो गई और पापा हस के बोले वाह रे मोहब्बत जीना मरना इतना आसान होता है क्या...... जरा सा खून निकला और एक दो थप्पड़ में तो रुलाई फूट पड़ी है शुक्र मना की तेरे भाई को ये सब नही मालूम चला.....हम इतने पे बोले मुझे मेरे पापा मां ने मारा है और हर बच्चे को गलती करने पे उसके मां बाप कभी मार तो कभी प्यार से समझाते है वही आपने किया पापा.....और रही बात भाई की तो उसको पता चल भी जाता तो कोई दिक्कत नही हमको क्युकी जितने कुकर्म उसने कर रखे है उससे तो हम बेहतर ही है......प्यार ही किए है ना.....मां बाप से बढ़कर इस दुनिया में कुछ नही होता पर जीवन बिताने के लिए एक संगिनी की जरूरत होती है उसके बगैर जीवन नही जी सकता इंसान......हम आपके सर का कसम खाते है पापा मेरे और पूजा के कारण आप दोनो की इज्जत पर कभी कोई आंच नही आने दूंगा और रही बात पूजा से शादी करने की तो उसमे अभी समय है पापा इतनी हड़बड़ी नही मची है अभी एग्जाम दे के आए है दोनो अगर पूजा का हो जाता है तो वो जॉब करेगी.....फिर दो साल में मेरा भी किसी न किसी तरह नईया पार लग ही जायेगा फिर उसके बाद आप खुद अपने दिल दिमाग से सोच कर हमारे बारे में फैसला लेना....पूजा बोली पापा अगर सुमित की जॉब हो जायेगी तो हम अपनी जॉब छोड़ कर आप दोनो के साथ यहां रहेंगे और अपना कर्तव्य निभायेंगे....बस आप हमारी ये एक बात मान लीजिए........पापा और मां चुप चाप सब सुन रहे थे......

इतने में वार्ड बॉय आया और साथ में डॉक्टर भी था वो बोला लगे हीरोगिरी करने क्या जी तुम......हम बोले नही डॉक्टर साब वो अचानक से दरवाजा से ठेस लग गई थी......वो घाव देखे और बोले ध्यान रखो और वार्ड बॉय को बोले कर दो पट्टी फिर वो पट्टी किया और तब तक सब शांत रहे कोई कुछ नही बोला.....फिर वार्ड बॉय पैसे मांगा पापा उसको दे दिए और फिर वो बिना कुछ कहे नीचे चले गए जबकि मां भी उनके साथ में चली गई....पीछे मैं और पूजा वही खड़े रह गए.......

हम पूजा को बोले तू घबराना मत समझी अभी यहां से सीधा घर जा और टेंशन नहीं लेना मैं शाम तक तुमसे बात करूंगा ठीक है.....और इनको मनाना मेरी जिम्मेदारी हैं और भरोसा रख मेरे पे तेरा प्यार है मेरे साथ पापा मम्मी को मना लूंगा ठीक है.....और फिर नीचे उतरने लगे और उतरते उतरते पूजा के आसू पोंछे और बोले गधी सब मेकअप बिगाड़ ली फिर भी उतनी ही सुंदर है जितनी तू असल में है.....और घर जाने से पहले अपना हुलिया ठीक कर लेना वरना मां वहा अलग तुझपे इंक्वायरी बिठा देंगी और सुन सुगंधा को सब कुछ बता देना फिर जैसा रहेगा हम बताते है शाम तक.....ठीक है ना.....वो सब कुछ शांति से सुनी और बोली ध्यान रखिएगा अपना.....और एक बात याद रखिएगा आप नही तो कोई नही....हम उसके सर पे टपली मारे और बोले अभी न तू शुरू मत हो ठीक है.....आई लव यू एंड आई एम ऑल योर्स ओके......अभी निकलो घर....पर मेरे को पहले पापा मां के पास जाने दो फिर निकलना.....और घर पहुंच के सुगंधा से मेरे को कॉल करवाना हेलो उसका सुन कर हम काट देंगे और ये कंपलसरी है क्युकी तू पगली है किधरो जा के बैठ जायेगी इसलिए उससे फोन करवाना...वो बोली हा ठीक है जान पर ये खराब है ना.....हम बोले हेडफोन से फोन उठ रहा है इसमें ठीक है......और सुन रोना नही समझी एकदम नही रोना......वो बोली ठीक है.....उसके बाद हम पापा मां के पास गए......पापा रिक्शा रोक रखे थे मेरे आते ही हम मां के साथ रिक्शे में हो लिए जबकि पापा बाइक से निकले.....पीछे घूम कर देखा तो पूजा जा रही थी.......

हम लोग घर पहुंचे और पापा बोले हम चलते है दुकान.....हम उनको रोके और बोले नही पापा पहले आपको हमारी बात का जवाब देना होगा.....पापा बोले अभी हमको तू एकदम अकेला छोड़ दे....अभी कोई बात नही होगा और सुनो ना तुम इस बारे में बात करोगी....वो मां से बोले....

हम फिर भी पापा को रोक और हाथ पकड़ के घर में ले आए और उनके बगल में मां को भी बिठाया....फिर उनके पैरो के पास बैठ कर बोला पापा कुछ तो बोलिए कम से कम भरोसा कीजिए हमारा हम दोनो का हमलोग ऐसा कोई काम नही करेंगे जिससे अपने या उसके परिवार के इज्जत पे आंच आए और ना ही पूजा ऐसा कुछ करेगी......देखिए उसने अपनी जॉब तक छोड़ने का वादा किया आपसे ताकि बाकी बहुओं के जैसे वो ना करे जब जरूरत हो तो आपकी सेवा में वो हाजिर रहे.....हमे बस आपका भरोसा और आशीर्वाद दोनो चाहिए ताकि हम लोग खुद को साबित कर सके अपने प्यार को सही साबित कर सके........पापा बचपन से अभी तक आपने मेरे को सबसे ज्यादा प्यार दिया है....मुझे तो याद भी नहीं की आखिरी बारी कब आपने मुझपे हाथ उठाया था.....और मां....मां आप तो अपने बेटे को समझो उस वक्त आपने कितनी आसानी से कह दिया की आपके लालन पालन में कोई गलती हो गई होगी.....क्या आज तक आपने जो सिख जो संस्कार मुझमें डाले है उससे हट कर कुछ भी किया है.....मैं अपने आप को सबसे अच्छा नहीं बोल रहा मां पर इतना तो खुद पे भरोसा है हमको की मैने कभी अपने मां बाप का दिल नहीं दुखाया है और ना ही उनको कही शर्मिंदा होने दिया है.......बस अपने वचन का पक्का हु अपनी बात का अपनी जुबान का पक्का हु.......ये सब चीजे मुझे आप दोनो से ही सीखने को मिली है.......और रही बात पूजा की तो वो भी एक अच्छी लड़की है दुख सुख सही गलत का ज्ञान उसको बखूबी है......मां उसको उसके बाल से खींच के मारी पर उसने पलट कर एक भी शब्द नही कहा क्युकी वो जानती थी ये उसके प्यार की पहली कसौटी है जो उसे खुद ही पार करनी है पर उसके साथ साथ उस कसौटी पे हम भी है......मां पूछी कब से चल रहा है ये सब......हम बोले जब रांची गया था पहली बारी तभी से.....पापा बोले जात कौन सी है उसकी......हम बोले....**** पापा बोले वो दूसरे जात की है और उमर में भी बड़ी है तुझसे......हम बोले हा बस तीन साल पापा और आजकल जात के लिए कोई नही सोचता.....और अगर आप मान जाइयेगा तो सब मान जायेंगे पापा....मां आप समझो ना थोड़ा सा.....पापा बोले तू पागल हो गया है बेजात में शादी करवा दू और पूरे समाज में अपनी थू थू करवा लू........हम बोले पापा जब हमदोनो अपने पैरो पे खड़े रहेंगे फाइनेंशियली मजबूत रहेंगे तो किसी को हमारी जात का अंतर नही दिखेगा सब कोई तरक्की देखेगा हमारी और आज के समय में पैसा सबसे जरूरी चीज है पापा उस वक्त आप क्या बोले खाली जेब ले के प्यार नही किया जाता.....पापा प्यार होना था हो गया ये बोलते ही पापा फिर से मारने को हाथ उठाए पर मारे नही बोले समझ में भी आता है क्या बोल रहा है या दिमाग बेच खाया है.......फिर हम बोले पापा जो गलती कर दी है उसको सही करने का मौका दीजिए तो....अपनी जिंदगी को प्यार के हवाले नही किया है पापा बल्कि जिंदगी में प्यार आया है अब उसको सफल बनाना हमारे हाथ में है.....और हम दोनो अपने मेहनत और आप दोनो के आशीर्वाद से हर वो मुकाम हासिल करेंगे पापा.....मम्मी प्लीज.....पापा बोले ठंडे दिमाग से सोचना तू की तेरी इस बेवकूफी भरी जिद के कारण तेरे बाप की पगड़ी पे क्या असर होगा क्या नही.....बहन के ससुराल में उसको ताने मिलेंगे वो अलग.......हम बोले पापा आप कहा की बात कहा जोड़ रहे है आप हमको एक बात बताओ उनके ससुराल में आप बतलाने जा रहे है या हम या दीदी कौन बतलाने जा रहा है ......इस बात पे मां बोली ऐसी बाते हवा को तरफ फैल जाती है किसी को किसी से कहने की जरूरत नहीं होती......हम बोले नही मां कुछ नही होगा आप वो सब क्यू सोच रहे है अभी.....पहले हमे समय तो दीजिए ताकि खुद को सवार सके......

पापा उठे और बोले दिया दो साल और दुकान के लिए निकल गए.....
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पापा तो दुकान चले गए जबकि मां अब मुझसे बात ही नही कर रही थी......वो कमरे में चली गई ना मेरे को दवाई के लिए पूछी ना ही कुछ खाने को......अब ओखली में सर दे ही दिया था तो मूसल से क्या डरना......हम ऊपर कमरे में गए वहा थोड़ी देर शांति से हाथ पैर मोड़ के बिस्तर पे आंखे बंद कर के बैठा और अभी जो कुछ हुआ वो सब सोचने लगा की क्या क्या हुआ किस तूफान को हम उठने से रोके थे अभी.....अगर पापा मेरी बात नही समझते तो मेरी गांड़ ले लेते और फिर पूजा और मेरा हाल लैला मजनू वाला हो जाता.....बहुत सी ऐसी बाते है जो अगर पापा चाहते तो कर देते.....पर मेरे पापा ने मुझे समझा और कही न कही मेरा और पूजा का प्यार कमजोर नहीं पड़ा जिसके कारण पापा मान गए....पर इन दो सालों में मुझे भी कुछ अचीव कर लेना था वरना ये मौका पापा के तरफ से दुबारा नहीं मिलने वाला था......और तो और पूजा के परिवार में शादी वादी का तमाशा ज्यादा दिन नहीं रुकने वाला है......

कुछ देर यूंही इसी तरह उधेड़ बुन में बिताया और मन में कुछ सोच कर उठा और पहले मां के पास गया देखा वो घर के कामों में लगी थी.......मैं उनके पास गया और बोला मां भूख लगी है.....मां बोली चला जा अपनी रानी के पास वो खिला देगी......बेटा तो बेटा पता नही बाप को क्या हो गया है.....हम मां से बोले माफ करना मां पर पूजा और आप मेरे नजर में एक बराबर हो...जैसे आप मेरे लिए मायने रखते हो वैसे ही वो भी......पर ये भी एक सच है की मेरे लिए पूजा से पहले आप हो.....मेरी किस्मत में आगे क्या लिखा है मैं नही जानता पर इतना तो तय है की जब तक इस धरती पे हु आपसे और पापा से बढ़ कर कोई नही......और ये आप को तय करना होगा की आपके बेटे की खुशी किसके साथ है......किसके साथ नही....

इतना बोल के हम वापिस आंगन में आए आराम आराम से थोड़ा हाथ मुंह धोया और कमरे में चले गए वहा तैयार हुआ दवाई पॉकेट में रखा और निकल गए घर से......दुकान पहुंचा तो भईया था हम बोले पापा तो वो बोला मार्केट गए है आते होंगे.....सुबह से जो भागा दौड़ी मची थी उसमे काफी समय निकल गया था......खैर हम वहा से भी निकले और एक जगह नाश्ता किया वही दवाई खाई......और फिर पहुंचा मोबाइल की दुकान पे......वहा मोबाइल बनवाया आंखो के सामने और उसको बनवा के चेक किया सब ओके था फिर एक इयरफोन खरीदा.....इन सब कामों में शाम हो चली थी....वहा से निकला तो फोन पॉकेट में रख के पूजा को फोन लगाया......फोन सुगंधा उठाई वो अभी थोड़ी देर पहले क्लास से आई थी और दूसरे क्लास जाने का था उसको.......हम बोले क्या हाल चाल सब ठीक.....वो बोली तू पहले ये बता की वहा सब संभला की नही....पूजा दी की तो बत्ती गुल हुई पड़ी है....अभी किचन में मां के साथ काम कर रही है अपना ध्यान पूरा तेरे ऊपर है उसका और उसी चक्कर में उंगली में चाकू से लगा ली है.....हम ये सुनते ही सुगंधा से बोले की हे भगवान ठीक है ना वो.....वो हस्ते हुए बोली हा ठीक है मजनू की लैला तू पहले उधर का बता......हम फिर उसको सब बात बतला दिए वो बोली यार अभी ये भारी टेंशन वाली बात हो गई.....मैं पहले भी तुमदोनो को आगाह की थी पर तुम दोनो जरा भी ध्यान नहीं दीए अब हो गया ना बखेड़ा......हम बोले चल एक ना एक दिन तो होना ही था पर इतनी जल्दी नही सोचा था......वो बोली खैर मना की यहां अपने घर में नही हुआ ये ऐसा कुछ भी वरना बात संभाले नहीं संभलती.......फिर हम बोले चल अब और डरा मत बात करा दे मेरी जान से......वो बोले एकदम बेशर्म है.....सुधर जा सुधर जा.....फिर वो किचन में गई और पूजा को बोली तू छोड़ हम कर लेते है.....जा थोड़ा रिलेक्स कर ले.....और ये बोल के वो पूजा का हाथ दबा दी.....मां बोली क्या हुआ रे.......सुगंधा बोली कुछ नहीं मां दीदी सुबह भी कॉलेज गई थी फिर दोपहर में आई तो आपके साथ लगी ही रही....और अभी भी लगी है इसलिए बोले लाओ हम कर देते है जो है.....मां बोली और तेरा क्लास सुगंधा बोली आज मैडम लेट से आने को बोली है आधे घंटे बाद निकलूंगी......लाओ तब तक फटाफट आपका हाथ बटा दू.....फिर मां बोली पूजा तू जा के जो कपड़े रखे है उसको प्रेस कर दे.....टाल भर कपड़े हो गए है जा.....पूजा किचन से चली गई और बाहर निकलते ही दौड़ के फोन उठाई मेरा और बोली जान प्लीज अच्छी खबर सुनाइएगा.......हम उसको सब बात बतला दिए पूजा के आंखो में आसू था.....रुवांसे गले से वो बोली आई लव यू मेरा जान आई लव यू सो मच आई मिस्ड यू सो मच......उम्माह और एक चुम्बन फोन पे ही दे दी...... हम बोले आई लव यू टू स्वीटहार्ट अच्छा सुनो अगले महीने रिजल्ट आ रहा है.....भगवान से मनाना की हमदोनो में से कम से कम किसी एक का हो जाए फिर तो जिंदगी की गाड़ी ऐसी पलटी मारेगी की सच में सब कुछ अच्छा हो जायेगा फिर दो सालो के भीतर हम भी कुछ कर लेंगे.....पूजा आंखे बंद कर के सब महसूस की और एक लंबी सास छोड़ते हुए बोली जरूर होगा जान हम दोनो सब कर के दिखलाएंगे......

फिर वो बोली अब मिलेंगे कैसे हम लोग हम बोले अरे हम ठीक हो जाए थोड़ा और तो तुम्हारे पास घर तो आयेंगे ही न हम......फिर वो बोली अरे हा सुबह से टेंशन में सब कुछ भुला गए है हम....हम बोले अच्छा उंगली में कैसे लग गया.....वो बोली आपको कैसे पता हम बोले तुमको लगा कैसे....वो बोली आपके बारे में सोच रही थी और सुबह में जो कुछ हुआ अंदर मेरा हार्टबीट इतना बढ़ा हुआ था की क्या बताए हम आपको.....हम बोले मां तुमको मारी उसके लिए हम माफी मांगते है तुमसे मेरा जान......वो बोली भक्क पगले कही के......मां है मां अपने बच्चो को मरती भी और प्यार भी करती है आज मारी है कल को जब हम उनकी बहू बनेंगे तो आपसे ज्यादा प्यार हमको मिलेगा......हम बोले फिर भी.....वो बोली नही कुछ नही कोई सॉरी वॉरी नही......अच्छा आप आज नही आ पाइएगा ना.....हम बोले नही आज तो नही अगले हफ्ते देखता हु.........पूजा बोली पागल मत बनिए इतने दिन हम नही रह पाएंगे समझे आप.......ज्यादा कीजिएगा ना तो हम फिर वही आ जायेंगे भले मार गाली खाऊं पर आपके बगैर नहीं रहेंगे एटलिस्ट अभी दो दिन आप आराम कीजिए ठीक हो कर आइए मेरे पास जल्दी से.....आई एम वेटिंग फॉर यू माय लव......हम बोले अच्छा जान फिलहाल रात में वीडियो कॉल करेंगे और हा अभी जा रहा हु घर मां को मनाऊंगा पहले.....रात में पापा आयेंगे तो उनका भी मूड देखना पड़ेगा ना.......वो बोली सब ठीक होगा......इतने बात करने के बीच पूजा प्रेस करने का सेटअप लगा ली थी और काम स्टार्ट था उसका.......उसका फोन काट के घर पहुंचा तो मां बैठी आंगन में आग जला कर सब्जी काट रही थी.....हम अभी उनको कुछ नही बोले सीधा अपने कमरे में आया और हाथ मुंह धो के फ्रेश हुआ और फिर आइने में अपने घाव पे ड्रेसिंग को देखा.....हल्का हल्का साइड साइड से दबाया तो दर्द कम महसूस हुआ.....फिर कपड़े बदल के नीचे आया तो मां किचन में लगी थी.....पापा आते ही होंगे किसी भी वक्त.....हम मां के पास गए और मां का हाथ पकड़ के उनको बरामदे में ले आया वो चिल्लाने लगी काम करने दे बकवास सुनने करने के लिए मेरे पास समय नहीं है.....हम बोले काम कर लिजिएगा अभी बस एक बात बता दो आप हमको की हम आपके बेटे रहे या आज सुबह में पूजा के साथ रिश्ता है ये जानने के बाद बेटा मर गया आपका......मां एक टक से मेरा मुंह देखने लगी.....हम बोले आप बतला दीजिए एक बार साफ साफ की हा मेरा केवल दो बेटा तीसरा बेटा आज सुबह में मर गया उससे कोई वास्ता नहीं फिर मैं आपको परेशान नहीं करूंगा बार बार इस तरह......हम जानते है गुस्सा जायज है पर वो गुस्सा थूकने के बजाय अगर आप चाहते है की मेरा आपसे कोई रिश्ता नहीं रहा केवल पूजा ही सब कुछ है तो बतला दीजिए हमको.......क्युकी प्यार के रिश्ते के आगे अपने मां बाप को नहीं छोड़ सकता मैं बाकियों के जैसे जो बीवी नौकरी के चक्कर में बावले हुए पड़े है.....बाप मां किस हाल में है क्या है क्या नही कुछ खबर नही......और रही मेरी बात तो वो जब वक्त आएगा तो सब साफ साफ हो जाएगा.....फिलहाल हम ये बोझ ले के नही चल सकते की मेरी मां और मेरे पापा हमसे यू उखड़े उखड़े रहे और हम अपने सुंदर भविष्य की कामना करते रहे.....इतने में पापा आ गए.....वो बहस होते देख के बोले सुबह का ड्रामा अभी तक खतम नही किया तुमने राधा......पापा मां को उनके नाम से पुकारे थे इसका मतलब था पापा ने आज पी रखी है......मां तुरंत उठी और उनके हाथ से झोला ली समान का पापा ने उनको रोका और उस झोले में से एक छोटी सी थैली निकली जिसमे मेरी मनपसंद मिठाई थी.....बेलग्रामी.....वो अंदर आए और मेरे पास बैठे और बोले कुछ खाया सुबह से या बाहर ठेले पे खा के दिन निकाल दिया....हम बोले नही पापा हम खाना खाए है.....वो हस्ते हुए एक धीरे से टपली मेरे सर पे मारे और बोले हम सब जानते है कौन कितना खाया और कौन कितना खिलाया.....राधा इधर आओ यहां.....मां हमारे पास आई और पापा उनका हाथ पकड़ के अपने पास बिठा लिए और बोले अपना सुमित दिल का साफ है जो शिक्षा मैने और तुमने उसे दिए है वो उन्पे खरा उतरेगा बिलकुल ये मेरा विश्वास है.....सुबह जब वो लड़की क्या नाम है उसका.....हम थोड़ा धीरे आवाज में बोले पूजा.....वो बोले हा पूजा....वो इससे प्यार करती है अब व्यक्तित्व कैसा है उसका ये तो समय ही बतलाएगा पर ये हम दावे के साथ कह सकते है की अपना सुमित हो या वो पूजा दोनो में से कोई भी हमदोनो मिया बीवी का दिल कभी नही दुखायेंगे.......जैसे आजकल के समय में हो रहा है आज किसी एक के साथ कल किसी और के साथ कम से कम अपने दोनो बच्चो में ये चीज नही होगी.....और तुम खामखा इससे मुंह फेरे बैठी हो देख लेना यही बेटा मेरा और तेरा सहारा बनेगा बाकियों कमीने जैसे नही......और तुझे पता है आज मैने क्यू पी है बड़े दिनों बाद एक सुकून मिला सीने में की सुमित के तरफ से मेरी टेंशन खत्म.....क्युकी इस गधे ने मोहब्बत का रास्ता अख्तियार किया है.....और इस राह पे चलने वाला या तो खो जाता है या तो अपनी मंजिल पा लेता है.......बाकी बच्चे जैसे भी है पर वो खुद तो जी रहे है पर अपनी बेअदबी जबान से तिल तिल कर के मेरे अंदर दुख भरते जा रहे है..... यहां तक कि तेरे अंदर भी वो टीस उठती जरूर होगी भले तू मुझसे छुपाए पर मैं जानता हूं बाकी औरते जब अपनी बहु की सेवा में आराम फरमाती है ना तो तुझपे क्या बीतती है.....मुझे माफ करना रे राधा जीवन में तुझे सुख वाले पल बहुत कम दे पाया मुझे माफ करना और ये बोल के पापा के आसू बह निकले.......मां के साथ साथ हम भी पापा को संभाले और उनको चुप करवाया......फिर उनको उठाया और कमरे में ले के गए.....वहा भी वो हमको अपने पास बिठाए.....जब तक मां वो मिठाई और खाना निकाल लाई....पापा फिर बोले दो साल दिया हु तुझको अपने पैरो पे खड़ा हो जा फिर जो जी में आए करना......और भगवान ना करे अगर तू अपने पैरो पे खड़ा नही हो पाया इन दो सालो में तो बेटा मैं हु अभी तेरे साथ.....इतना तो जरूर कमा कर रखा हु की तुझे अपने पैरो में खड़े होने में खुद में सक्षम होने में मदद कर पाऊं......इसलिए घबराना नहीं जब हम राजी है तो किसी की कोई औकात नही की मेरे सामने बोल दे कुछ भी......हम बोले पापा सब अच्छा होगा मेहनत से सब ने दुनिया जीती है हम भी मेहनत कर रहे है मंजिल मिलेगी ही......फिर मां बोली खाना खा लीजिए....आप आज क्यू ऐसे कर के आए.....पापा मिठाई उठाए और बोले अरे आज खुशी का मौका था इसलिए थोड़ी लगा ली पर ज्यादा नही है तू टेंशन मत ले.....और वो मिठाई पहले हमको खिलाए फिर मां को फिर खुद खाए......और खाते खाते बोले अपने बेटे से नाराज मत हो इसको मेरे जैसे तू भी मौका दे के देख.......और हा बेटा सुन पूजा को आज से इस घर की दहलीज नही लांघने देना.....अब उसको तब ही लाना जब तू उसके साथ होगा दुल्हे के रूप में और वो तेरी दुल्हन.....समझा....बाहर मिलना जुलना जो भी वो सब सलीके से करना क्युकी सारे मां बाप की सोच एक जैसी नहीं होती या ये कह के की एक जैसे हालात नही होते की वो स्तिथि को समझ पाए........फिर मां नम आंखों से मेरे तरफ एक टुकड़ा खाना बढ़ाते हुए बोली खा ले सुबह भी मैने तुझे नही खाने को दिया जबकि कल ही तेरे को इतनी चोट लगी थी......हम खाते हुए बोले कोई बात नही मां अब सब ठीक है.....फिर हम उनके हाथ से थाली ले के एक कौर मां को खिलाया एक कौर पापा को....फिर वो बोले जा भाग यहां से जा के उसे अच्छे से समझा दे की मैने क्या बोला है.....और हमको थोड़ा धक्का दे दिए.....हम भी उनकी बात मानते हुए कमरे से निकल आए.....और किचन में गए वहा से खाना लिया और मां को बोलते हुए ऊपर रूम में चले गए की मैने खाना ले लिया है.......उस रात पूजा से मैने फोन पे सारी बाते बताई तो वो भी मेरे घर के तरफ से निश्चिंत हो गई बोली ये बहुत बड़ी बात है स्वीटहार्ट की हम दोनो को अब केवल मेरे परिवार को मनाना होगा.....हम बोले बस मेरी और तुम्हारी नौकरी हो जाए.....फिर सब कुछ ठीक होगा.......

मेरा एक्सीडेंट हुए एक हफ्ता बीतने को था और अब हम पहले जैसे ही फील कर रहे थे अंदर से.....घाव के टांके भी सुख के खुद ब खुद गिर गए थे पर सिर पे एक दाग जैसा हो गया था हम मां को बोले तो वो बोली बेटा समय के साथ साथ ठीक हो जायेगा.....पर मेरी पूजा तो डार्लिंग थी.....उससे तो बर्दाश्त नहीं हुआ और हमको ले के पहुंच गई डॉक्टर के पास वहा उन्होंने एक क्रीम बताया और कहा की समय के साथ साथ ये चला जायेगा इसका इस्तेमाल करते रहना है.......

इधर उसके घर आने जाने का सिलसिला थोड़ा कम कर दिया था ताकि उधर से अभी कोई परेशानी न आ जाए.....सुगंधा के साथ क्लास करने जाता था नॉर्मली और फिर हफ्ते में एक या दो दिन जाने का सोचा था पर पूजा के जिद के आगे मेरी एक ना चली.....हफ्ते में चार पांच दिन तो जाता ही रहा......इस बीच पूजा ने मेरे साथ एक बार भी फिजिकल नही होना चाहा क्युकी वो नही चाहती थी की मेरी कमजोरी फिर से सर उठाए.....उलटे वो मेरे खाने पीने का ध्यान एकदम पत्नी के जैसे रखने लगी.......पर हम ठहरे ठरकी मिजाज बिना उसके बदन के स्पर्श के रहा ही ना जाए वैसे भी इधर एक दो हफ्ते तो पहले एक्सीडेंट फिर उसके बाद मां पापा से वो मुठभेड़ इन सब में मैं पूजा से अच्छे से मिल भी नही पा रहा था और ना ही अपने प्यार से उसको नहला पा रहा था....जब सेहत में सुधार होने लगा तो खुद ब खुद पूजा मुझसे मौका मिलते लिपट जाती.....और वैसे भी रांची में किया हुआ वादा की जब मन करे तुम मेरे गले से लग जाना.......वो एकदम बेधड़क अपने घर में थोड़ा सा मौका मिलते ही मेरे से लिपट जाती....और हम उसके चुचियों के साथ साथ उसके चूतड़ों को भी मसल देते....घर में हमे मौका मिलता भी तो पूजा नंगी हो कर मेरे गोद में बैठती और मेरे मूसल को अपने नर्म होठों से तो कभी अपने हाथो से सहला सहला कर शांत कर देती पर मेरे को कुछ नही करने देती वो बोलती की पहले ठीक हो जाइए अच्छे से हम आपके ही है जान
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......उसके हिसाब से हम अभी भी कमजोर ही थे जबकि हम उसको अपने गोद में उठा ले रहे थे पर नही मैडम अभी भी सिक्योर नही थी मेरे सेहत को ले कर.....पूरे डेढ़ महीने निकल गए और हमारे रिश्ते को पूरे 7 महीने होने वाले थे....इतने समय में पूजा के बदन में बहुत बदलाव आया था कहा उसका छरहरा बदन पतला सा अब उसके सीने के साथ साथ कमर और चूतड भी फैल गए थे.... कुल मिला कर पूजा एकदम गदरायी हुई माल बन गई थी.......इसका सीधा सीधा असर उसके कपड़ो पे पड़ा था सब टाइट होने लगे थे.....पूजा की मां बोली अब तेरी शादी की उमर हो चली है...पूजा ये सुन के घबरा जाती और मेरे पास पहुंचा देती अपनी शिकायत हम बोलते समय का वेट कर लो सब ठीक होगा.........इधर मेरे घर में सब नॉर्मल था बीच बीच में जब घर लेट से आता तो मां सीधे सीधे मुंह पे पुछ लेती मिल आया क्या क्या किया आज....कहा कहा गया.....
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खैर इन सब में समय कैसे निकला पता ही नही चला नया साल का आगमन हो चुका था मकर संक्रांति मनाने के बाद हमलोग अभी भी रिजल्ट को ले कर इंतजार कर रहे थे.....और आखिर वो दिन आ ही गया जिसका हमे बेसब्री से इंतजार था.....आज रिजल्ट था हमारे दोनो के दिल की हालत कैसी थी ये सिर्फ हम दोनो ही जान रहे थे.....क्युकी मेरा रिजल्ट हो जाना भी कोई मतलब नहीं बनता था पर पूजा का होना बहुत जरूरी था.....सुबह पहले घर पे मां पापा को प्रणाम किया और पूजा भी अपने घर में यही की और फिर जैसे तैसे दिन काटे क्युकी रिजल्ट शाम को आना था.....सो हम सुगंधा और पूजा और राहुल चारो जने साथ में साइबर कैफे गए और बढ़ी हुई धड़कन के साथ रिजल्ट देखने में लग गए.....

जब तक स्क्रीन पे वो गोल चकरी घूमती रही अंदर से तूफान सा मचा हुआ था......पहले मेरा रिजल्ट ही चेक हुआ एंड मेरा क्लियर नही हुआ था.....सब कोई हताश हो गए पर उससे कोई फर्क नही पड़ने वाला था क्युकी असली खेल तो अभी बाकी था ना.....पूजा का रिजल्ट देखा और यहां पर हमे प्रभु ने निराश नही किया पूजा का एग्जाम क्लियर हो गया था....और उसकी जॉब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क में लगी थी कोडरमा में......ये देख के सुगंधा इतने जोर से उछली खुश होते हुए की क्या ही बताऊं और खुशी में पूजा मेरे को गले से लगा लि वही पे और पगली रोने लगी...हम उसको चुप करवाए और बोले मेहनत रंग लाई रे पगली.....उसके गले लगाने से मेरी एक पल के लिए गांड़ ही फट गई की राहुल साथ में है.....पर शुक्र है भगवान का की वो इसको केवल एक्साइटमेंट के रूप में लिया.....फिर दोनो बहने भी उसी तरह खुशी से गले मिली और पूजा फिर राहुल से भी गले मिली.....साइबर वाला भी हमदोनो को बधाई दिया और बोला भईया मिठाई खिलाए बिना नहीं जाने देंगे.....राहुल गया और घर के लिए मेरे और अपने अलग अलग पैक करवा लिया जबकि साइबर वाले को अलग से खिलाया गया......उसने हमसे पैसे नही लिए और रिजल्ट का प्रिंट निकाल के हमे दे दिया हम लोग वहा से निकले और सीधा घर पहुंचे पापा दुकान बढ़ा के पहले ही घर आ चुके थे घर पहुंचे तो वहा भी पूजा के मां पापा खुशी से रो पड़े फिर सब को हम और सुगंधा ने मिल के समझाया और फिर मीठे का दौर चला सुगंधा के पापा मेरा हाथ पकड़ के बोले बेटा तेरा ये एहसान जीवन भर नही चुका पाऊंगा....हम बोले नही अंकल क्या बोलते है आप भी बच्चा लोग अपने माता पिता पे कभी एहसान करता है भला.....ये सब हमारी मेहनत और आपके आशीर्वाद के कारण संभव हो पाया है.....इतने में उसकी मां बोली तू कुछ भी कहे पर तेरे मुबारक कदम पूजा के लाइफ में पड़ते ही उसकी जिंदगी सवर गई......हम फिर बात को खींचे नही और उनके पैर छू कर आशीर्वाद लिए की दो साल में हमको भी इसी तरह जॉब लेना है वो लोग बोले क्यू नही पूजा और तुम दोनो साथ में सुगंधा भी सब यूंही तरक्की की राह पे हमेशा आगे बढ़ो......राहुल बोला अरे हमको भूल गए....पापा बोले अरे तू भी तो है न मेरे बुढ़ापे की लाठी....तुझको कही नही जाने दूंगा मैं....उनका इशारा साफ साफ था की उनकी दुकान को आगे राहुल ही ले के जायेगा.....

पूजा के पापा बोले बेटा कब से ज्वाइन करना है तुझको फिर पूजा बोली वो सब का मेल आएगा फिर मालूम चलेगा फिलहाल ये पक्का है की कोडरमा में जॉब करनी है....पूजा के पापा बोले फिर वहा तेरे साथ तेरी मां रहेगी यहां पे खाना पीना का सुगंधा देख लेगी....क्यू सग्गू तू संभाल देगी ना कुछ दिन सुगंधा क्या बोलती वो बोली क्या पापा ये भी कोई पूछने का बात है......पूजा की मां बोली हा चलो अभी से आप इतना ध्यान पे मत चढ़ाइए सब हो जायेगा समय आएगा फिलहाल तो अभी समय है ना....हम बोले अरे हम है ना जैसे एग्जाम देने साथ गए थे वैसे ही ज्वाइनिंग के समय भी हम ही जायेंगे आप दोनो में से कोई भी किसी बात का टेंशन मत लीजिए कोडरमा में रूम ढूंढने से ले के सब कुछ सेट करने तक और ज्वाइनिंग हो जाने के बाद आंटी चली आएंगी यहां से......सब को ये बात जच गई और पापा बोले की हा ये ठीक रहेगा ज्वाइनिंग का क्या तरीका है वो सब निपटा लेने के बाद तुम चली जाना यहां से.......

खैर इतने सब होने के बाद उनसे विदा ले के मैं निकलने लगा की आखिर अपने घर भी तो खुश खबरी दे आऊ.....सुगंधा इशारे से पूजा को बोली मेरे साथ आने जब की वो बाकी घर वालो को बातो में उलझाए रखी.....पूजा घर के बाहर आई और चालाकी से उसके मेन गेट की चिटकनी बाहर से लगा दी थी......और वो मेरे गले से लग गई और अगले ही पल अलग हो कर एक मस्त वाला चुम्बन मेरे होठों पे चिपका दी कुछ सेकंड्स की जीभ की जुगलबंदी के बाद वो मेरे से अलग हुई और बोली आज दूसरी सीढ़ी पार कर ली है अब बस चंद कदमों की दूरी पे आप हो हमसे फिर हम आपको ऐसे खा जायेंगे और ये बोल के वो मेरे होठों को अपने दांत से काट ली.... हम उसके कमर में हाथ डाल कर उसको अपने से चिपकाते हुए बोले बिलकुल मेरी जान......अब तो बेचैनी और बढ़ गई है देखते है कब चैन मिलता है इस बेकरार दिल को.....
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फिर दोनो अलग हुए वो बोली रात में आज आने का ट्राई कीजिएगा ना प्लीज हम बोले ठीक है जान मेरा.....और हम घर निकल गए....घर पहुंच कर मां पापा को बतलाए तो वो लोग भी खुश हुए और हमको बोले बस तू भी अब अपनी मंजिल पा ले इसी तरह.....फिर पापा बोले हो सके तो कल उसको ले आना यहां.....हम बोले पापा आप ही तो बोले थे की......वो मेरी बात को बीच में काटते हुए बोले अरे ले आ ना तू उसको कल मैं ही बोल रहा हु ना.....फिर मां बोली हा बेटा ले आना उसको उस दिन के किए के लिए उससे माफी मांग लूंगी हम बोले मां क्या तुम भी उसको तो वो सब याद भी नहीं कहती है बस आप दोनो मान गए ये याद है बाकी पिछला अगला कुछ नही......और माफी क्या होती है कुछ नही मां बाप अपने बच्चो को गलती पे डटते है पीटते है बस वही था अब छोड़ो ये बताओ कल क्या बनाना है खाने में पापा बोले मीठा तो खा ही लिए हो अब कुछ नमकीन तड़कता भड़कता हो जाए.....इसलिए कल सुबह में मै मटन ला दूंगा बढ़िया सा और साथ में नवरतन पुलाव रहेगा......हम बोले ठीक है फिर......उसके बाद हमने खाना खाया और फिर मैं ऊपर आ कर पूजा को सारी बाते बतलाया वो बस हमको ही आई लव यू आई लव यू बोले जा रही थी.....परेशान हो के सुगंधा बोली अरे पगला गई का आगे कुछ बात कर ले वरना सो जा नही तो बैंक जाने से पहले ही तू पागल हो जायेगी......पूजा हस्ते हुए बोली नही रे हम पागल हो चुके है ये हमको पागल बना रखे है......हम इधर से बोले हम क्या किए भला बताना जरा......पूजा बोली सब आपका ही किया धरा है.....अब आपसे दूरी बर्दाश्त करना मुश्किल है जाना......सुगंधा बोली अरे दी कुछ मेरा भी खयाल कर ले मेरा भी मन खराब होता है
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......पूजा बोली अरे बाप रे भाग ना यहां से फिर जा के उधर सो जा फिर हम बोले अच्छा मिलने आऊ या नही जल्दी बोलो सुगंधा बोली नही पागल मत बन.....पूजा बोली प्लीज मिल लेने दे ना बहुत दिन हो गया है सग्गू......सुगंधा बोली ध्यान से देख फस मत जाना.....फिर हम उससे मिलने पहुंचे और पूजा मेरे से आ के मिली.....मिली क्या हम्पे एकदम सवार सी हो गई अपने दोनो पैरो को मेरे कमर में लॉक कर के.......लगी अपना प्यार बरसाने.....और तकरीबन रांची से आने के बाद से पूजा से मेरा इतना लंबा वाला चुम्बन नही हुआ था.....चुम्बन के साथ साथ पूजा के चूतड़ों का मर्दन जारी रखे हम......फिर पूजा को अपने ऊपर से उतारे हम और उसके नाइटी को समेट कर उसके नंगे चूतड़ों पे हाथ रखते हुए बोले अब तुम तो चली जाओगी कोडरमा और हम यहां अकेले रह जायेंगे.....पूजा अपनी आंखे गोल करती हुई बोली ही भगवान ये तो हम सोचे ही नही थे की इस नौकरी के चक्कर में आपसे दूर हो जायेंगे हम......वो घबराते हुए बोली जान कैसे होगा कुछ उपाय लगाइए ना आप......हम ज्यादा दिन रह नही पाएंगे वैसे काम धंधा तो छोड़िए हमसे वहा रहा ही नहीं जाएगा आपके बिना......हम बोले गधी कहिंकी 160 किलोमीटर ही तो है पांच घंटे में तुम्हारे पास पहुंच जायेंगे और ट्रेन से तो तीन घंटे में ही पगली.....ज्यादा मत सोचो और वैसे भी शुरुआत के कुछ दिन हम रहेंगे ना तुम्हारे साथ वो बोली कितने दिन......हम बोले ज्वाइनिंग का मेल आएगा उसके हिसाब से सब सेट करेंगे पर तुम निश्चिंत रहो हम है अभी तुम्हारे पास जाने से पहले तक जी भर में मेरा प्यार अपने में समेट लो ताकि वहा जा के जब हम लौट आए फिर इस बचा के रखे हुए प्यार के कोटे में से रोज थोड़ा थोड़ा प्यार तुम खर्च कर सको.........वो हस के बोली पागल आप भी ना कुच्छो बोलते है.....और ये कह के वो मेरे गले लग गई जबकि उसकी पूरी टांगे नंगी थी कमर तक और उसके नंगे चूतड़ों को हम सहला रहे थे.....ऐसा करते देख वो बोली आज लाल नही कीजिएगा.....हम कस के दबाते हुए बोले इतनी ठंडी हवा है और रूम में होते तो अब तक लाल पीली गीली सब कर दिए होते.....वो बोली आपसे सट के खड़े है हमको ठंडी हवा का कोई असर नहीं हो रहा समझे.....हम बोले बस जान ज्यादा उकसाओ मत ये ओपन एरिया है वरना जहा इतना उठा रखे है वहा उतारने में क्या दिक्कत होती गधी......फिर वो हमको एक बार फिर चूम ली.....फिर हम बोले अच्छा बैंक में मैनेजर या कोई बड़ा ऑफिसर तुमपे लाइन मारा तो.....वो बोली कुत्ता भौंके हजार हाथी चले बाजार....हम हस दिए वो बोली पागल कोई कुछ भी कहे हमको पता है ना हम किसके है बस.....हम वहा आपको पाने के मकसद से जा रहे और अपना और अपना घर का भविष्य सुधारने.....पापा को थोड़ी बहुत मदद मिलेगी मेरी सैलरी से समझे......हम बोले अच्छा ठीक है जान बस इन सब के बीच में हमको भूल नहीं जाना वैसे हम तुमको भूलने नही देंगे.....आते जो रहेंगे बार बार वो बोली आप अगर ये सब बात दुबारा मन में लाए ना अपने तो देख लेना और ये बोल में वो थोड़ा अलग हो के खड़े हो गई......फिर हम अपने मोबाइल में देखे तो रात में डेढ़ बज रहे थे.....उसको वापिस से अपने पास खींचे और कान में बोले तुम्हारे जान का जन्मदिन है आज और उससे ऐसे नाराज रहोगी बताओ तो......वो उसका मुंह खुला रह गया और अपने सिर पे टपली मारी खुद से और बोली जान आई एम सो सॉरी आई एम सो सॉरी......और एक चुम्मा होठों पे एक सिर पे एक एक गाल पे मतलब चारो ओर चुम्बन की झड़ी लगा दी......हम पागल इतने दिनो से आपके साथ है और आपका जन्मदिन ही नही जाने हम कितने बड़े वाले गधे है हम.....हम अपने पैकेट से एक डेरी मिल्क निकाले और उसको बोले अभी ये ले के आए की कम से कम इसको काट के बर्थडे मना लू अपने जान के साथ.....वो नम आंखों से हमको देख रही थी हम बोले बाल खींच के मरूंगा अभी अगर रोई तो वो हस के मेरे सीने से लग गई.....और अपने आंख से आंसू पोंछे और फिर वो डेरी मिल्क फाड़ी और हमको खिलाई.....हम वो टुकड़ा अपने मुंह में लिए और उसके होठों से अपने होठ जोड़ लिए.....कसम से क्या किस था वो....अंदर बाहर पूरा चॉक्लेट चॉकलेट हो गया था मेरे शर्ट पे उसके नाइटी पे सब पे चॉकलेट गिर रहा था.....पर अभी तो हम दोनो अपने ही धुन में खोए हुए थे......उसके हाथ वाला बचा हुआ चॉक्लेट हम उसके हाथ से लिए और किस तोड़ते हुए बोले अब केक काटने की बारी और नीचे बैठ गए और उसके नाइटी को उठा कर उसको पकड़ने बोले....वो पकड़ कर खड़ी रही जबकि हम डेरी मिल्क का बचा हुआ टुकड़ा उसके चूत में घुसा दिए और कसम से पूजा नीचे से एकदम झरने के माफिक बह रही थी.....घुसा कर धीरे से बोले हैप्पियेस्ट बर्थडे टू मी........ और सीधा उसकी चूत पे मुंह लगा दिए और चूसने लगे..... तब तक चूसे जब तक पूजा झड़ नही गई.....वो दिवाला के सहारे खड़ी थी और जोर जोर से सांसे ले रही थी......हम वापिस खड़े हुए और बोले उससे की देखी बर्थडे मन गया ना मेरा यूनिक तरीके से......वो मेरे गाल पे चूमते हुए बोली गिफ्ट अभी बाकी है कल आऊंगी तो लेते आऊंगी.....हम बोले सबसे बड़ा गिफ्ट तो यही है इस बार का को नौकरी लग गई तुम्हारी.....और मेरे मां पापा के तरफ से तुमको ग्रीन सिग्नल मिल गया है......वो फिर से मेरे गले लग गई....हम बोले आज इनका रसपान नही करवाओगी क्या.....वो मेरे को बोली जितना डेयरी मिल्क गिराए है ना सब साफ कीजिए.....बस फिर क्या था उसके कंधे से नाइटी सरकाए और पूजा ने उसको अपने कमर तक ला कर हाथो से पकड़े रखा जबकि हम उसके गुब्बारों को दबा दबा के चूसे और सीने पे गिर डेरी मिल्क को चाट चाट के साफ किए.....वो बोली बस कीजिए जान वरना नाइटी यही गिरा के आपके ऊपर चढ़ जायेंगे हम......हम हस के बोले क्या करे चढ़ा तो लेते पर अभी वक्त कम है......मेरे को आए ढाई घंटे से ऊपर होने वाला था.....इसलिए पूजा को बोले जाओ सो जाओ और कल अच्छे से एकदम तैयार हो के आना....और कुछ ब्लैक रेड मिक्स में पहन लेना......वो बोली जो हुकुम मेरे सरताज.....और कोई फरमाइश.....हम बोले नो जानेमन बाद बाकी जो जरूरत होगी हम एडजस्ट कर लेंगे......फिर उससे विदा ले के घर आए हम पूजा को मेसेज किए फिर उससे थोड़ी देर बात किए और जो सोए सीधा सुबह उठे 8 बजे.......

नीचे जा के पहले मां को प्रणाम किया फिर पापा के आने तक नहा धो के रेडी हो गया तब पापा आए फिर उनसे आशीर्वाद लिया.....उन्होंने 1000 रुपए दिए और बोले आज घूम आना कही....जो मन करे खा लेना बाहर......इधर पूजा अपने घर से तैयार हो के सुगंधा के साथ निकली मार्केट का बहाना कर के और दोनो पहुंची मेरे लिए गिफ्ट लेने......और गिफ्ट में लिया मेरे लिए एक टाइटन की घड़ी....फिर उसको पैक करवा के सुगंधा निकली अपने कॉलेज के तरफ और पूजा मेरे को फोन लगाई और बोली कहा है हम बोले महावीर मंदिर हु यही आ जाओ यही से साथ चलेंगे......फिर कुछ देर बाद पूजा आई और क्या लग रही थी वो एकदम परी के जैसे.....जब वो पास आई तो हम बोले आज तो मेरी जान एकदम सोने से भी ज्यादा चमक रही हो.....आज ना तुम्हारे मेकअप की ऐसी तैसी करने में बड़ा मजा आयेगा..... वो हस के बोली आपके लिए ही तो सजे है इतना आप देख लिए बस अब मेकअप रहे या ना रहे कोई दिक्कत नही......इसी तरह एक दूसरे से प्यार भरी बातें करते मैं और पूजा साथ साथ घर पहुंचे......पूजा को देख के मां बेचारी झेप सी गई वही पापा ने उसको गेट पे से रिसीव किया और उसका हाथ पकड़ के घर के अंदर ले गए.....और सबसे पहले पूजा स्थान पे ले के गए और बोले यहां पहले प्रणाम करो.....पूजा ऐसा ही की फिर वो घूम के पापा को पैर छू के प्रणाम की और उसके बाद पापा उसको ले के अपने कमरे में गए और बिठाए खुद उसके बगल में बैठ कर बोले उस दिन के बाद से आज मिल रही है या पहले भी मिली इससे......पिछे से मां बोली हमको तो नही लगता की इतने दिन तक रुके होंगे ये दोनो.....पूजा बस शर्म से नीचे देखने लगी और उठ के उनके भी पैर छू में प्रणाम की मां उसको कंधे से पकड़ के उठाई और बोली बहुत सुंदर लग रही है आज.........
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मां तुरत बोली बेटा उस दिन के लिए माफ करना हमको....पूजा बोली नही मां आप कैसी बाते कर रही है.....वो सब जो भी था सब ठीक था कुछ गलत नही था उसमे.....और दोनो कोई कमरे में आ गए..... जबकि हम मंदिर से लाया हुआ प्रसाद का डब्बा देते हुए मां को बोले पहले ये खा लीजिए फिर सवाल जवाब करते है......पूजा ने डब्बा मेरे से लेते हुए सब को दिया और खुद भी खाई......फिर पापा बोले कब जाना है यहां से बेटा तो वो बोली अभी नही पता चला है पापा मेल आएगा फिर आगे का पता चलेगा.....फिर पापा बोले वहा साथ में कौन रहेगा वो बोली मम्मी रहेगी....उसके बाद पापा बोले चलो खाना लगा दो सब खा लेते है वैसे भी दोपहर हो चला है.......फिर सबने मिल के खाना खाया...पापा और मां दोनो ने खाने के बारे में पूजा से पूछा की कैसा बना है तो वो बोली अच्छा है मां ये आपसे ही बनाने का सीखूंगी जब मौका मिलेगा तो.........
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फिर मां बीच बीच में पूजा को इधर उधर की बाते करती रही क्युकी अभी उनके बीच उतना खुलापन नही आ पाया था.......खैर खाना खाने के बाद पापा बोले ये ले बाइक की चाभी जा इसको घर छोड़ आ ठीक है....

घर से निकलने के बाद पूजा और मैं चिड़िया खाना गए......हमारे पटना का लवर्स प्वाइंट....वहा पे पूजा ने मुझे मेरा गिफ्ट दिया और फिर पूरी शाम साथ में बिताई हमने.....अब रात के 7 बजने को थे और हम पूजा के साथ अभी भी बाहर थे तो पूजा बोली चलिए अब घर छोड़िए हमको.....हम बोले अरे वाह सवाल जवाब हुआ तो......तो वो बोली बोल देंगे आज मेरी जान का जन्मदिन है सुगंधा से पता चला तो इसको पकड़ के ले आई.....फिर क्या हम उसके घर गए......वहा पूजा बताई की आज सुमित का बर्थडे है तो राहुल को बोल के एक केक मंगवाया गया और फिर वहा से भी खाना खा के ही निकला.......पूजा के पापा ने मेरे को 501 रुपए दिए....हम मन ही मन बोले दामाद को सलामी दिए है का.....फिर सुगंधा और राहुल बोले हमारा गिफ्ट ड्यू रहा......पूजा बेचारी उनके हा में हा मिला दी लेकिन असलियत में तो उसने अपना स्पेशल गिफ्ट रात को ही दे दिया था.....और घड़ी दो सो अलग......

फिर पूजा गलियारे में आई सुगंधा के साथ तो सुगंधा बोली जा छोड़ आ हम यही है गेट के पास.....पूजा हमको ले के थोड़ा आगे गई और प्यार से गले मिल के बोली ये बर्थडे नाइट अकेले बीता लीजिए....सब कुछ अच्छा रहा तो अगला बर्थडे नाइट मेरे साथ मेरी बाहों में बिताइयेगा.......और एक पप्पी दे दी मेरे होठों पे और लौट गई......
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पूजा जब मेरे होठों पे पप्पी दे के लौटने लगी तो हम उसको पीछे से पकड़ कर अपने तरफ घुमा लिए और अपने से चिपकाते हुए बोले रात में हम आए या नही.....वो बोलती इससे पहले सुगंधा बोली सोचियो भी मत....पूजा बोली कुत्ती हमदोनो का बात तू क्यों सुन रही है.....वो हस कर बोली बेशर्म हो दोनो हम सामने खड़े है फिर भी चिपटे पड़े हो दोनो......पूजा मेरे से अलग होना चाही पर हम उसको और चिपका लिए खुद से और सुगंधा को बोले देख ले ध्यान से हवा भी नही पास होगी....
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पूजा धत्त बोल के हमको दूर की जबकि सुगंधा वहा से पैर पटक के बड़बड़ाते हुए चली गई......उसके जाते ही पूजा खुद से मेरे से लिपट गई और बोली रात में मन ठीक रहा तो आ जाइयेगा वरना फोन पे तो बात करेंगे ही.....फिर हम वहा से निकल गए घर आए तो पापा अपने कमरे में आवाज दे के बुलाए.....और बोले वो कोडरमा जायेगी तो तू क्या करेगा हम बोले कुछ नही पापा जो समय आपने दिया है उसमे हमे कुछ करना है ना जो सोच रखा है उसको अंजाम दूंगा....वो हल्के से एक चपत मेरे गाल पे लगाए और बोले अरे गधा वो वहा जायेगी तो तू साथ में जायेगा या नही.....हम बोले नही पापा उसकी मम्मी जाएंगी ही तो फिर हम क्यू......हालांकि पूजा के घर पे हम जाने की बात पहले ही कर चुके थे....पर यहां अपने घर में तो कोई वाजिब कारण था नही सो यहां मना किए हम......मम्मी बोली कितना शरीफ बन रहा है अंदर से तो तेरे को अभी से बेचैनी होगी की वो वहा अकेले रहेगी और तू यहां एक दूसरे से इतने दूर......पढ़ाई लिखाई खाना पीना सब पे असर पड़ने वाला है हम बता दे रहे है आपको.......पापा हस कर बोले नही नही सुमित अपना समझदार है क्यू रे है ना.....हम बोले हा पापा आप भी ना मां क्या से क्या सोचने लगती है.......
पापा बोले अच्छा सुन यहां से जब भी जाने का हो उनका साथ में तू हो आना.....और देख समझ के वापिस आ जाना उसकी मां वही रहेगी उसके साथ......हम बोले हा रहेंगी वो वही यहां सुगंधा है ना खाना पीना देखेगी घर के साथ साथ......हा तो फिर ठीक है उसकी मां रहेगी साथ में तो कोई दिक्कत नही अकेले भेजना अच्छा नहीं था तुम दोनो को......हम पापा की बात का मतलब समझ के शर्मा गए....
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क्युकी अकेले नहीं जाने देने के बात पे पापा का मतलब हम बखूबी समझे थे......हम उठ के जाने लगे तो पापा बोले लग जा अपनी किस्मत संवारने में क्युकी अब तेरे पास सच में वक्त नहीं बचेगा.......क्युकी उसका परिवार भी अब अपनी कवायद में लग जायेगा......हम बोले पापा पूजा को सब अच्छे से पता है वो संभालेगी दो साल कैसे भी.....मां बोली हा क्यू नही वो इतनी जल्दी हार नही मानेगी.....
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फिर हम ऊपर आए और पूजा से बात कर के उसको सब बात बतलाए वो भी बोली चलिए अब आप मेरे साथ एक अच्छा खासा टाइम स्पेंड कीजिएगा वहा......हम बोले एक बात बताओ तुम तो बैंक चली जाया करेगी फिर हम क्या करेंगे दिन भर.....वो बोली मेरे लिए प्यार समेट समेट के रखिएगा और हम जैसे ही लौटेंगे एक ही बार में लूटा दीजिएगा सब मेरे पे.....हम बोले अच्छा ऐसा है फिर ठीक है......फिर कुछ देर यूंही बात करने के बाद हम सो गए......

अगली सुबह एक नए आगाज के साथ आई थी क्युकी आज से हमको मेरी मंजिल पाने के लिए एक सफर तय करना था जो जितनी जल्दी मैं पाता उतना मेरे लिए अच्छा था.....आज से थोड़ा बदलाव करना था खुद में....इसलिए जो जैसा चल रहा था वैसे ही चलता रहा सब कुछ सही था.....रिजल्ट आने के कुछ दिनों बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का मेल पूजा को आ गया जो की पटना में ही था.....वहा भी हम उसके साथ ही गए और फिर उसके बाद उसको ज्वाइनिंग डेट मिल गई जून में.....सब कुछ अच्छा चल रहा था इधर मैंने स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की तरफ भी थोड़ा ध्यान देना शुरू कर दिया था क्युकी एज और बाकी क्राइटेरिया के अकॉर्डिंग ये भी एक बढ़िया ऑप्शन था.......

पूजा के घर में बराबर शादी की बाते उठती रहती थी पर पूजा में अब थोड़ा बहुत कॉन्फिडेंस आ गया था सो वो साफ साफ मना कर देती थी की अभी दो से तीन साल कुछ नही बूढ़ी नही हो रही हु जो सब इतने बेचैन हुए जा रहे है.....अब उसकी बात में भी वजन होता था
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इसलिए बात आई गई हो कर रह जाती थी.......इधर जब हम घर में बतलाए की मई महीने के आखिर में हम जायेंगे कोडरमा.....पापा पहले से ही बतला रखे थे जाना है तो जाना है........आखिर वो दिन भी आ ही गया जब हमे कोडरमा जाना था......मैं पूजा के साथ उसके ज्वाइनिंग डेट के एक हफ्ते पहले कोडरमा के लिए ट्रेन से निकला......वहा पहुंच कर पहले हमने एक होटल लिया और जो समान पटना से ले के आए थे सब वहा रख के उसी दिन हम पहले अपने बैंक का लोकेशन देखने पहुंचे फिर वहा से निकले घर ढूंढने........गर्मी का अलग ही तेवर जोरो पे था दोपहर के तीन बजते बजते हालत पस्त हो चली थी पर फिर भी ढूंढना तो था ही अगर आज नही मिलता तो कल ढूंढते पर शाम होते होते एक अच्छा कमरा हमे मिल गया जहा से पूजा का बैंक नजदीक ही था वहा से वो पैदल ही जा सकती थी.....मकान दो मंजिला था नीचे में मकान मालिक का परिवार रहता था जिसमे एक बूढ़े दंपति थे और उनकी बहु और एक पोता था.... बेटा का जॉब दिल्ली में था वो आते जाते रहता था और पत्नी को यही रखा था अपने मां बाप के पास.....कमरे की बात करते समय ही पता चल गया था की ये परिवार सही है और मिलनसार भी है पूजा को कभी अकेले भी रहना पड़ा तो वो आराम से रह लेगी....हालांकि ऐसी नौबत तो आने वाली नही थी पर फिर भी अच्छा था.........मकान मालिक नीचे में था और ऊपर फर्स्ट फ्लोर का कमरा उन्होंने अपना गेस्ट हाउस जैसा बना रखा था जिसके उनके आने जाने वाले रिश्तेदार ठहरते थे.....उसके ऊपर का या ये कह लीजिए की छत पर बना कमरा हमने लिया था.........ऊपर काफी बढ़िया स्पेस था और छत पे आने के लिए एक गेट था जिसको हम बंद कर सकते थे रात के समय.......पूजा को रूम इसलिए पसंद आया क्युकी वहा बाकी के रेंट वाले घर जैसे हो हल्ला नही मचने वाला था....शांति माहोल था और कमरे में आगे से बालकनी भी थी और उसी बालकनी से हो कर किचन था....बाथरूम बालकनी के दूसरे साइड पे था और उसमे से कमरे में आने जाने पे कोई दिक्कत नही थी वो एरिया ढका हुआ था.........फिर दोनो के घर पे हमने बता दिया की कहा कमरा लिया कैसा है वगैरह वगैरह.....फिर होटल से सब सामान ले के वहा आते आते रात हो गई.....कमरे में आए और सबसे पहले जमीन पे एक चादर बिछाई और बैग को तकिया बनाया और पहले मैं लेटा और मेरे सीने पे सर रख के पूजा लेटी.....आज दिन भर गर्मी से हाल बेहाल हो गया और ऊपर से पहले कमरे के चक्कर में चले और फिर कुछ समान खरीदने के लिए मार्केट के चक्कर काटे थे इतना चले की साला कुछ और करने का सुध ही नही रहा दोनो ने अच्छे से एक किस भी नही किया.......कुछ देर रिलैक्स होने के बाद हमने थोड़ा बहुत सामान सेट किया सबसे पहले पंखा टांगा क्युकी बिना उसके सोना हराम हो जाता.......फिर दोनो ने खाना खाया जो बाजार से आते वक्त लेते आए थे........फिर घर पे थोड़ी देर बात की और एक दूसरे की बाहों में ही सो गए.....सुबह जब आंख खुली तो पूरा शरीर दर्द कर रहा था और पूजा उल्टी हो कर बेसुध सोई पड़ी थी........मैं उठा और फोन चेक किया और फिर पूजा को अपने पास खींचा.......वो नींद में कुनमुनाई और बोली जान सोने दीजिए ना....हम उसके बाल को जुड़े से आजाद किए और फिर सूट का चैन पीछे से खोले और कंधे से सरकाते हुए वहा चूमते हुए उसको बोले जाग जाओ जान गुड मॉर्निंग हो गई है.....वो आधा उठी और मेरे को अपनी तरफ खींच कर सीधा मेरे होठों पे अपने होठ रख दी और एक मीठे से चुम्बन के बाद वो बोली अब हुई न गुड मॉर्निंग जान
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.......हम उसके सूट में से झांकते चुचियों के ऊपर हाथ डाले और बोले अब इनका रसपान भी करा दो....उसने तुरंत अपना सूट उतार दिया और बोली हाजिर है जनाब....और हम उसके चुचियों पे टूट पड़े......वो अरे अरे ब्रा तो उतार लीजिए....पर उतारना तो दूर ब्रा खींचा तीरी में आज टूट गई......दोनो चुचियों को चूसते चूसते कभी कभी उनपे थप्पड़ भी मार देता था जिससे पूजा कसमसा जाती और ज्यादा उत्तेजना में मेरा सिर अपने चुचियों पे दबा देती........फिर मैं थोड़ा नीचे आया और उसकी नाभि को चूसने लगा....पूजा मेरा सिर पकड़ के बस अपने ऊपर खींचना चाह रही थी........नाभि चूसने के बाद हम उसके सलवार के तरफ बढ़े....और उसको खोलने के बजाय हम उसकी चूत को सलवार के ऊपर से ही चूसने लगे क्युकी वहा वो पहले से ही गिला हो रखा था........मेरा मुंह लगाते ही पूजा एक हल्की सी सिसकी के साथ झड़ गई.....फिर भी हम उसकी चूत को चूसते रहे.....वो पैर फैलाना चाह रही थी पर सलवार आड़े आ रही थी.....वो हमको जोर से अपने ऊपर खींची और मेरे साथ एकदम बावली जैसी किस करने लगी......एक दूसरे के होठों को ऐसे चबा रहे थे की आज काट के अलग ही कर देंगे......
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किस करते करते पूजा ने अपने सलवार का नाड़ा खोल दिया था नही तो आज वो भी टूट के अलग हो जाती....
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जब किस टूटी तो मैं अपने घुटनो पे खड़ा हुआ और अपना पैंट और चड्डी नीचे खिसका दिया....और लंड महाराज कूद के बाहर निकल आए.....पूजा उठी और अपने टूटे ब्रा को अपने बदन से अलग करती हुई झुकी और गप्प से मेरे लंड को अपने मुंह में ले ली और सलवार अपने पैरो से निकाल बाहर की अब वो पूरी नंगी थी.......और हम उसी तरह घुटनो पे खड़े थे और पूजा मेरा लंड चूसे जा रही थी......हम थोड़ा झुक के उसकी फैली हुई गांड़ पे थप्पड़ बजाने लगे और साथ में उसके छेद को कुरेदने लगे.....और आज पहली बार था की मैने अपनी एक उंगली पूरी की पूरी उसकी गांड़ में घुसाई थी......ऐसा करने से वो दर्द और उत्तेजना में मेरे लंड के साथ साथ अंडकोष को भी मुंह में ले के चुभलाने लगी.........पर आज तो दोनो पे हवस सवार हो रखी थी......मैने उसकी गांड़ अपनी तरफ घुमाए और वो जमीन पे बिछे चादर पे अपना सर रख दी और अपनी कमर हवा में उठा दी मेरे तरफ.....मैने उसकी बह रही चूत और गांड़ के छेद को एक साथ चाटना चूसना शुरू किया.....अब पूजा को सिसकियां तेज होती जा रही थी.....मैने कुछ मिनट चूसने के बाद अपना लंड उसकी चूत पे सेट किया......और एक ही झटके में पूरा लंड अंदर जड़ तक पेल दिया......पूजा की एक मादक सिसकी निकली आह.......और पास में पड़े मेरे टीशर्ट को उसने अपने मुंह में भर लिया ताकि ज्यादा आवाज न कर सके वो......दस मिनट की चुदायी में ही हम अपना माल पूजा के पीठ पे और चूतड़ों पे निकाल दिए और उसको अपने से सटाते हुए वही जमीन पे निढाल हो गए....पूजा बेचारी दो बार झड़ी थी इसलिए उसकी सांसे ज्यादा तेज फूल रही थी.....और जल्दी झड़ने का कारण ये भी था की जमीन पे घुटने दर्द दे रहे थे रांची के जैसे होटल वाला मजा यहां कहा..... और आज एक तरह से कई दिनों के बाद हम लोग एकांत में मिले थे रांची से आने के बाद जो हुआ उसके बाद हम दोनो को एक साथ एकांत में समय बिताने का मौका बहुत कम ही मिला था.......और मेरे घर आने का तो सवाल ही नही पैदा होता था.....और उसके घर पे अब मेरा शाम को जाना ना के बराबर हो गया था क्युकी एग्जाम का रिजल्ट निकलने से पहले मैं ही चोटिल था और जब तक ठीक ठाक हुआ रूटीन सेट करने में बना ही नही.....हमदोनो आज इतने दिनो की सारी कसर निकाले थे इसलिए पहली बार जल्दी ही थक गए हम दोनो....और कुछ असर कल का भाग दौड़ का भी था.....सांसे कंट्रोल में आने के बाद पूजा बोली....जब आप वहा उंगली घुसाए थे ना तो बाप री मेरा तो कलेजा मुंह में आ गया था.......और हस दी....हम उसको अपने से चिपकाते हुए बोले होता है इसलिए तो उसको बचा रखे है शादी के बाद हनीमून में उसको इनौग्रेट करेंगे.....वो मुक्का मारी और बोली बड़े आए....जैसे हम और आप करते है ना ज्यादा दिन नहीं बच पाएगी ये......हम उसके चूतड पे थप्पड़ लगाए और बोले देखते जाओ तब तक ये है ना इसी से काम चलाएंगे....और एक और थप्पड़ लगा दिए उसके चूतड पे.....वो थप्पड़ से बचने के लिए सीधी लेट गई और जमीन की ठंडक से उसको बड़ा आराम मिल रहा था......हम बोले सीधे लेट गई हो तो क्या थप्पड़ नही लगेगा अभी भी लगेगा और कह के उसकी चूची पे थप्पड़ लगा दिए.......वो रोने जैसा मुंह बनाई और बोली गंदे कहीके जालिम इंसान दुख रहा है ठीक कीजिए......फिर हम तुरत उसको मुंह में ले लिए......और कुछ पल चूमने के बाद बोले......अब ठीक है.....वो बोली हा जान.....हम तो मजाक कर रहे थे.....फिर वो एकदम से मेरे शरीर पे उपड़ चढ़ गई और मेरे गाल होठ गर्दन सब जगह किस करने लगी और बोली हमको तो लग रहा है की आपके जाने के बाद मेरा दिन कैसे कटेगा......हम उसके चूतड़ों को दबाते हुए बोले सुनो एक काम करना एक कॉपी रखना पतला वाला हर महीने के हिसाब से और उसमे रोज अपनी दिल की बाते लिखना चाहे जो हो मेरे से रिलेटेड अपने से रिलेटेड और जब वो भर जाए तो हमको बतलाना की आइए और पढ़िए बस हम उसी सुबह या रात तुम्हारे पास पहुंच जायेंगे फिर वो कॉपी हम तुमको अपने से ऐसे ही सीने से लगा के पढ़ेंगे फिर देखना प्यार जो इंस्टॉलमेंट में जमा की होगी तुम मेरे लिए और हम तुम्हारे लिए वो जब एक साथ मिलेगा ना तब कितना मजा आयेगा......वो मेरे एक निप्पल को चूमी और बोली फिर तो हम 15 दिन में ही भर देंगे कॉपी......हम हस के बोले बहुत बढ़िया पर ये बताओ मम्मी को कहा भगाएगी......वो बोली आप टेंशन क्यों लेते है आपके साथ रहते रहते इतना तो सिख गए है की अपनी जान से मिलना हो तो कैसे जुगाड कर के मिलते है........हम बोले वाह मेरी जान.....तुम तो चोट्टी बन गई है....
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वो मुंह फाड़ते हुए बोली हाॅव कितने गंदे है आप.....फिर हम हस्ते हुए बोले अच्छा चलो अब फ्रेश हो लो फिर दोनो कोई रूम सेट करेंगे......वो बोली आज नए बाथरूम में दोनो साथ में नहाते है....हम बोले ये भी कोई बोलने वाली बात है.....वो मेरे ऊपर से उतरी और मेरे पैरो में फसे जींस और चड्डी को उतारी और पहले पूजा फ्रेश होने गई जब तक हम इधर अपन दोनो के कपड़ो को एक जगह कर दिए और चादर सही से किए फिर बाथरूम में घुस गए और दोनो कोई नहा के निकले और तैयार हुए.....फिर निकले मार्केट वहा हमने आज घर का सब बचा हुआ सामान खरीदा और दोपहर को ऑटो से घर आए.....फिर दोनो ने मिल के पूरा रूम सेट किया.....किचन सेट किया....लोकल गैस एजेंसी से नया कनेक्शन के लिए अप्लाई किया और वेंडर को पकड़ के ऊपर से 150 रुपए दिए और सेम डे में सिलिंडर ले लिया.....ये सब करते करते रात के 8 बज गए........हम दोनो को ऐसा लग रहा था की भाग कर आए है और यहां अपनी दुनिया बसा रहे है....
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....गर्मी से पूरे दिन दिमाग खराब रहा दोनो का.....पर रात को ठंडी हवा में छत पे बैठने का अलग ही मजा था वो भी जब आपकी महबूबा आपके साथ हो और साथ में चाय हो....
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हम दोनो अपने में ही मशगूल थे की तभी मकान मालिक की बहु ऊपर आई वो टंकी में पानी देखने आई थी वो देखने के बाद हम दोनो से बोली तो हो गया घर सब सेट पूजा बोली हा भाभी हो गया.......फिर पूजा उनको भी चाय पीने के लिए दी और वो पहला ही सवाल वो पूजा से दागी ये आपके कौन लगे.....पूजा बोलती इससे पहले हम बोले ये मेरी दोस्त है बेस्टी वाली.....पूजा हमको एक पल के लिए देखी और हस के बोली ये कब हुआ.....भाभी जिनका नाम अंजली था वो बोली अरे वाह बेस्टी हो के बेस्टी को नही पता......और वो हस दी....हम बात बदलते हुए बोले अभी हम कुछ दिन ही है यहां फिर मम्मी आयेगी और वही रहेंगी साथ में इनके इनकी बेस्टी बन के........वो बोली अच्छा......उसके बाद वो बोली चलो अच्छा है अब हम चलते है काम है......वैसे चाय अच्छी थी और वो निकल गई.....उनके जाने के बाद पूजा को हम अपने गोद में बिठाए और बोले क्या बोलने का इरादा था वो शरमाते हुए बोली मंगेतर बोलते और क्या.....हम बोले अच्छा और जब मां आती तो क्या बताते कौन था मंगेतर आपका......वो झूठे गुस्से में बोली डंके की चोट पे बोलती मेरे सुमित है मेरे जान मेरे मंगेतर और क्या.....हम उसकी चूची को पकड़ के बोले जान ऐसा पागलपन हमदोनो को मुसीबत में डाल देगा इसलिए सतर्क रहना पगली कम से कम दो साल तो रहना ही होगा......वो अपना सर मेरे सर से सटाते हुए बोली जानते है जान आप फिकर मत कीजिए......फिर वो बोली क्या खाइएगा रोटी की चावल हम बोले तुमको खायेंगे.....और ये बोल के उसके गाल पे काट लिए....वो बोली आह जान खा लीजिएगा ना पर अभी पेट में गुड़ गुड हो रहा होगा आपके और मेरे में तो हो रहा है कब से इसलिए बताइए क्या खाइएगा......हम बोले आज थक गई है ना कल से बनाना सुबह में नाश्ता परांठा भुजिया अभी फिलहाल अंडा मैगी बना लेते है फटाफट....वो बोली पक्का हम बोले हा जाना पक्का.....वो बोली तो अंडे लेने चले हम बोले तुम मैगी पकाना शुरू करो हम यू गए और यू आए.......वो कप उठाई और अंदर गई जबकि हम नीचे बाजार गए......रात के साढ़े 9 बज रहे थे अभी हम अंडे वाले को पैसे दे ही रहे थे की बिजली चली गई.....हम बोले अरे यार ये भी अभी ही चली गई.....फिर अंडे और मोमबत्ती ले कर घर निकले और देखा की नीचे इन्वर्टर से लाइट चल रहीं है और सीढ़ियों पे फ्लैशलाइट ऑन किया और ऊपर पहुंचा तो पूजा दौड़ के मेरे गले से लग गई एकदम घबराई हुई थी हम उसको जोर से पकड़े और बोले अरे क्या हो गया जान....वो लगभग रोते हुए बोली आप चले गए और तुरंत लाइट चला गया.....हमको बहुत जोर से डर लगा जान.....बहुत जोर से डर गए थे हम.....हम बोले पगली यही तो नीचे गए थे हम केवल....और लाइट जाने पे कौन डरता है.....वो कुछ बोल ही नहीं रही थी....हम बोले एई पगली सब ठीक है देखो हम है तो तुम्हारे पास.......वो सुबकने लगी.....हम उसको खुद से अलग किए जबरदस्ती एकदम जोरो से पकड़ रखी थी हमको.....और उसके आंखो से बहते आंसू को पोंछे और बोले हे भगवान ये डरपोक्की है मेरी लैला..... चोट्टी तो थी ही अब डरपोक्की भी हो गई.......वो रोते रोते हस दी बोली गंदे हम बोले चुप हो जा नही तो मारेंगे.....वो कस के मेरे से चिपटते हुए बोली आई लव यू डोंट लीव में एलोन एवर.....हम उसके चूतड पे थपथपाये और बोले ज्यादा बोलेगी तो अभी ही नीचे भाग जायेंगे.....वो उह्ह्ह कर के रह गई जबकि हम हसने लगे......

फिर उसको बोले मोमबत्ती लाया है जलाओ और मैगी का क्या सीन है.....वो बोली चढ़ाए ही नही.....हम बोले चलो अब मिल के बनाते है.....फिर मोमबत्ती जलाए और पहले छत का गए बंद किया और दोनो कोई पहले कपड़े चेंज किए पूजा सिर्फ एक नाइटी में थी जबकि हम सिर्फ एक हाफ पैंट में......फिर दोनो ने मैगी अंडा का लुफ्त उठाया और छत पे ही बिस्तर उठा ले आए हम दोनो कोई वही ठंडी ठंडी हवा में एक दूसरे से लिपट के सो गए......
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इसी तरह एक हफ्ता कब बिता मालूम ही नहीं चला......आज पूजा का पहला दिन था बैंक में जाने का वो ऐसे घबरा रही थी जैसे बॉर्डर पे जंग लड़ने जाना हो......हम उसको कितना समझाए फिर उसको अच्छे से तैयार किए.....और बैंक गई वो जबकि हम वहा आस पास का इलाका घूम आए की घूमने और साथ में टाइम स्पेंड करने वाली कौन सी जगह है....फिर एक टीवी मैकेनिक के दुकान पे गए जहा से एक सेकेंड हैंड टीवी खरीद कर पूजा के रूम में सेट कर दिया और एक पेन ड्राइव खरीदी जिसमे कुछ फिल्मे और गाने भरवा दिए......हम जानते थे की पूजा देखेगी तो बड़ा खुश होगी पर पता नही मम्मी कैसा रिएक्ट करेंगी.....फिर सोचा चलो बाद में देखा जायेगा.....फिर शाम के 5 बजे तक अपनी जान का वेट करते करते दिमाग सुन्न पड़ने लगा.....हम छत पे ही टहल रहे थे की तभी अंजली भाभी आई और मजे लेते हुए बोली इंतजार नही हो रहा क्या बहुत बेचैन लग रहे हो.....हम बोले नही भाभी ऐसा बात नही है....आज पहला दिन है ना इसलिए अभी तक तो बैंक बंद हो जाता है पर आई नही.....वो हस्ते हुए बोली आम पब्लिक के लिए बंद हो जाता है बैंक खुला रहता है कर्मचारी के लिए.....हम भी ये बात सोचे ही नही थे....
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फिर वो अपने धुले हुए कपड़े समेट के नीचे चली गई.....उनके जाने के बाद कुछ सूझा नही की क्या करू क्या करू तो फिर सोचा की चलो खाना ही बना देता हु टाइम कट जायेगा.....और फटाफट बाजार से पनीर ले आया और पनीर की सब्जी और रोटी बना डाला......बड़े दिनों के बाद खाना बनाया था ना इसलिए सब्जी तो ठीक ठाक बन गई कर रोटी में थोड़ा मेहनत ज्यादा लगा पर बन गया....अब शाम के 7 बजने को आए थे पूजा सुबह 9 बजे की गई हुई थी और लंच में वो सुबह के बनाए दो परांठे और भुजिया ले गई थी वो तो गनीमत रही की मैने एक ब्रिटानिया का केक का पैकेट खरीद के दे दिया था वरना उसका भूख के मारे दिमाग खराब हो जाता.....फिर रूम बंद किया और बैंक के तरफ चल पड़ा की क्या पता रास्ते में मिल जाए.....पर बैंक पहुंच कर देखा तो गेट बंद था और अंदर काम चालू था......गार्ड भी नजर ना आया जो पूछता कुछ उससे.....खैर वहा से लौट आया और घर आते वक्त गुलाब जामुन मिल गए तो वो ले लिया और कुछ चॉक्लेट भी घर आया और कपड़े चेंज किया और तकरीबन पौने नौ बजे के करीब पूजा घर आई और हम उसका वेट सीढ़ी के पास ही कर रहे थे वो आई तो हम उससे आज गले लगे की पता नही कब के बिछड़े हो और वही हाल उसका भी था.....वो मेरे गर्दन कंधे पे चूमते हुए बोली आई लव यू मेरा जान आई मिस्ड यू सो मच......ओह हम ही जानते है कैसे कटा है ये दिन मेरा.....हम अपना बेचैनी छुपाते हुए बोले कैसा रहा आज पहला दिन वो बोली ये सब बाद में पहले हमको मेरे जान से गले मिलने दीजिए अच्छे से......हमसे अब बर्दाश्त नहीं हुआ और हम उसको अपने आलिंगन में लिए ही छत के बीचोबीच आ कर गोल घूम गए जोर से और बोले आई मिस्ड यू सो मच माय लव मिस्ड यू सो मच.....ऐसे करेगी तो हम तो बेचैन हो हो के ही मर जायेंगे.....वो मेरे आलिंगन से आजाद हुई और बोली खबरदार ये बोले आप दुबारा तो देख लेना हम सब छोड़ छाड़ के वापिस आ जायेंगे......हम बोले बस दो साल तो बनवास काटना ही पड़ेगा.....जान मेरा.....तो वो बोली फिर क्यों बोले ऐसे अभी ये बात हम बोले होते तो मार देते हमको.....हम उसके सर से सर टकराते हुए आंखो में देख के बोले तो हमको तुम मार दो.....जवाब में वो मेरे होठों पे एक जोरदार चुम्मा दे दी बोली देखिएगा दुबारा बोले तो क्या करते है हम.....हम बोले ऐसे करेगी तो पक्का मार जायेंगे.....वो रोनी सी सूरत बना के बोली ऊऊहू गंदे और फिर मेरे एक होंठ को दात से काट ली जोर से.....हम आउ आह आह बोले तो वो एक चुम्बन दे के हाथ पकड़ के रूम में आ गई.....और टीवी देखी तो बोली जान ये कब लाए मेरा मतलब क्यू....हम बोले अरे तुम बैंक से थकी हुई आयेगी तो थोड़ा रिलेक्स तो हो पाएगी और मां भी तो रहेंगी ना उनका मन बहलेगा.....फिर वो बोली और क्या क्या सरप्राइज़ है....हम बोले पहले फ्रेश हो लो खाना लगाते है.....वो देखी हैरानी से और बोली कहां से खाना.....हम बनाए और क्या....तेरे मनपसंद गुलाब जामुन भी लाया हु......वो उछलते हुए बोली वाह हम अभी आए.....और वो फ्रेश हो के आई जबकि हम उसको नाइटी दिए वो पहनने लगी जबकि हम चाय बनाने गए वो नाइटी पहन के मेरे पास आई हम बोले अरे बैठो आ रहे है चाय ले के......पर वो कहा मानने वाली थी.....साथ में चाय ले के छत पे आए और वो मेरे गोद में बैठ के चाय पी और पूरा दिन बैंक में क्या क्या हुआ वो बताई.....फिर हम बोले चलो अब खाना खा लो वैसे भी मैने कल चले जाना है कल मम्मी और राहुल आ रहे है.......वो मायूस होते हुए बोली जानते है हम पता नही कैसे रहेंगे हम.....अभी पहले खाना खा लो फिर ये सब सोचते रहना.....जब पूजा खाना खाई तो वो बोली unexpected टेस्ट है मोगैंबो खुश हुआ.....हम बोले शुक्रिया जहांपनाह....
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फिर दोनो जोर जोर से हस पड़े.....खाना खाने के बाद आज हम रूम में ही सो रहे थे एक दूसरे के बाहों में नंगे पूरे और इसमें कोई हैरानी नहीं थी की पूजा नंगी होने के बावजूद मेरे बाहों में आते ही नींद की आगोश में चली गई थी......हम भी उसको जगाना सही नही समझे इसलिए कुछ देर उसको यूही निहारते रहे और फिर पता नही कब मेरी भी आंख लग गई.......सुबह हम दोनो एक साथ उठे और बिस्तर पे ही पहले किस किए दोनो एकदम मस्त वाला.....पर समय हों रहा था सुबह के 8 इसलिए समय की कमी के कारण पूजा पहले फ्रेश हुई फिर हम जब तक वो रूम में झाड़ू वगैरह लगा ली थी फिर दोनो जने एक साथ नहाए.....आज हमारी झटपट वाली चुदायी बाथरूम में ही हुई....क्युकी आज मां और राहुल के आने के बाद कोई मौका नहीं मिलने वाला था......इसलिए पर जो भी था ये एक हफ्ते में हमे पापा के कहे अनुसार दो दिन में आटे चावल का भाव मालूम पड़ गया था.....पर प्यार साथ में हो और हौसला हो तो सब मुमकिन है मेहनत में बल पे....

इधर पूजा बैंक गई जबकि मम्मी और राहुल को लेने हम स्टेशन गए.....11 बजे तक वो लोग रूम पे थे और मम्मी और राहुल काफी खुश हुए की सब कुछ सेट कर लिए थे हम दोनो अच्छे से बस एक शिकायत थी की ऊपर का रूम है दिक्कत होगी....हम बोले कोई दिक्कत नही होगी भरोसा कीजिए आप आंटी......फिर राहुल भी बोला एडजस्ट कर सकते है मां रूम अच्छा हैं और दीदी के बैंक से बगल में है.....फिर मकानमालिक से भी दोनो को मिलवा दिया और जब अंजली से मुखातिब हुए हम लोग तो एक पल के लिए मेरा गला सुख गया की कही कुछ ऐसा वैसा ना बोल दे ये पर थैंक गॉड सब ओके रहा......आज पूजा कल के मुकाबले थोड़ा जल्दी आ गई थी हम बोले चलो अच्छा है वैसे भी गाड़ी हमारी लौटने वाली लेट थी......जब पूजा आ गई और सब से मिल के खाना वाना खा के बाहर छत पे आराम से बैठे थे बात कर रहे थे उसी दौरान एक बात तय हुआ की हर हफ्ते शनिवार की रात वो दोनो पटना आएंगी और मंडे मॉर्निंग को वापिस आएंगी कोडरमा हालांकि इसमें रिस्क था थोड़ा की अगर गाड़ी लेट हुई तो पूजा को दिक्कत होगा पर पूजा तो पूजा है जो बात फाइनल हो गया सो हो गया.......फिर राहुल उठा और अंदर जा के एक थैला ले के हमारे पास आया और मम्मी को देते हुए बोला लो मां....आंटी उस थैली में से दो मोबाइल के डब्बे निकाली और एक पूजा को दी और एक हमको एक मेरा बर्थडे गिफ्ट था जबकि एक पूजा को मिला था पर्सनल क्युकी उसका फोन सुगंधा रख ली थी......हम दोनो खुशी से वो मोबाइल ले लिए रेडमी के फोन थे सो ये हमे हमारे बनवास काटने में काफी मददगार साबित होने वाला था........

ये सुगंधा का ही आइडिया था की जब पूजा दी के लिए ले ही रहे है तो सुमित का बर्थडे गिफ्ट भी यही ले लेते है एक......
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हरमखोर बाबू का जेब खाली अच्छे से करवाई थी.....
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फिर हमारे जाने का भी टाइम आया अब पूजा को अपने आंसू रोकने मुश्किल लग रहे थे.....पर क्या ही कर सकते थे....हम जान बूझ के अपना मोबाइल का चार्जर ऊपर ही छोड़ दिए और जब सब कोई नीचे आ गए तो हम बोले मेरा चार्जर ऊपर ही रह गया है....तो पूजा बोली की हम ले आते है और दौड़ गई.....हम बोले मालूम है कहा है वो सुनी ही नही या ना सुनने का नाटक की.....फिर राहुल बोला भईया जाइए आप ही ले आइए वरना वो बिना लिए नीचे आयेगी फिर आपको बोलेगी.....हम बोले ठीक है रुको आते है.....और दौड़ के ऊपर चढ़े पूजा चार्जर लिए सीढ़ी पे खड़ी थी.....हम उसके पास गए और अपने गोद में उठा लिए और एक जबरदस्त स्मूच किए.....और बोले आई विल मिस यू जान...आई विल मिस यू सो मच.......और ये बोलते के साथ मेरे आंखो से आंसू बह निकले.....पूजा से ये बर्दाश्त नही हुआ और वो मेरे गले लग के रोते हुए बोली मारेंगे अगर आप रोए तो.....हम बोले अच्छा चलो नही रोते पर क्या करे ये रुक ही नही रहे.... वो तुमसे थोड़ा दूर जा रहे है ना पहले तीन किलोमीटर का फासला था अब 165 किलोमीटर का फासला है ना इसलिए रोक नही पाए खुद को और हम फिर रो दिए
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.....पूजा फिर से हमको एक चुम्मा दी और मेरे आंसू पोंछते हुए बोली चुप हो जाइए जान और अच्छे मन से जाइए और जल्दी से मेरे पास वापिस आइए क्या समझे हम सुबकते हुए हा में सर डोला दिए....वो बोली अरे बोल के बताइए ना हम बोले हा जान आते है जल्दी ही.....फिर दोनो नीचे आए तो राहुल बोला आप भी गए तो ऊपर ही रह गए....हम बोले अरे मेरा टूथब्रश और एक टीशर्ट था वो भी यही रह जाता इसलिए टाइम लग गया.....फिर हम और राहुल निकल गए जबकि पूजा मम्मी से नजरे चुराते हुए नम आंखों से हमको विदा कर दी....
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घर पहुंचते पहुंचते रात के 1 बज गए.... पर पूजा वहा अभी भी जागी हुई थी....स्टेशन से राहुल अपने रास्ते और हम अपने रास्ते हो लिए.....उसके जाते ही पूजा को मेसेज किया की पहुंच गए उधर से वो मैसेज की घर पहुंचिए फिर वीडियो कॉल करेंगे....हम बोले अरे मां होगी ना बगल में तो वो बोली हमको भी पता है की मां है बगल में पर फिर भी हम करेंगे वीडियो कॉल.....हम बोले ठीक है पहले घर पहुंच जाऊ.......घर पहुंचा तो मां ने दरवाजा खोला और बोली काफी देर हो गई तुझे आते आते.....खाना खायेगा हम बोले नही मां खा कर आया हु अब आप भी सो जाओ हम भी सोते है कल सुबह बात करते है......वो फिर चली गई सोने जबकि हम कमरे में आ कर कपड़े चेंज किए हाथ पैर धोया और फिर सीधा बिस्तर पे.....बिस्तर पे लेटते ही आंखे भारी होने लगी नींद से पर पूजा तो पूजा थी वो दस मिनट के बाद वीडियो कॉल कर रही थी.....हम उठाए तो वो बोली जान मेरा सो गए थे क्या.....हम बोले नही बिस्तर पे लेटा था और तुमको मैसेज करने वाला ही था की कुछ सोचने लगा और फिर आंख लग गई.....वो धीरे धीरे बोल रही थी बोली कोई बात नही जान थकान हो गई होगी ना......हम बोले मेरे जाने के बाद तुम भी रोई ना.....वो बोली जैसे आप से नहीं रोका गया वैसे ही हमसे भी नही रुका.....हम बोले अच्छा है तोड़ते रही मेरी कसम.....वो बोली आपको न कुछ नही होगा मेरी हर प्रार्थना में आप शामिल होते है समझे......हम बोले अच्छा ठीक है चलो अब सो जाओ कल सुबह बात करते है......वो एक किस की मोबाइल पे और कॉल कट गया.....और हम फिर सो गए....सुबह जब नींद खुली तो सुबह के सवा 7 बज रहे थे मैं जल्दी से फ्रेश हुआ और नीचे आया क्युकी आज से हमको अपने लक्ष्य के प्रति तन मन से एकजुट हो कर लगना था.....मां नाश्ता तैयार कर चुकी थी इसलिए पापा मम्मी और हम तीनो साथ में नाश्ता किए और एक हफ्ते वहा कैसे किया क्या क्या किया कमरा कैसा है सब कुछ बतलाया और साथ में ये भी की नया मोबाइल मिला है बर्थडे गिफ्ट में पापा बोले इतना लेट कौन गिफ्ट देता है हम बोले जाने दीजिए पापा मेरा वाला मोबाइल मां के पास रहेगा और नया वाला हम रख लेंगे.....पापा हस के बोले चल ठीक है ससुरारी धन है कर ले यूज......
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फिर हम वापिस ऊपर गए तैयार होने क्युकी आज से सुबह में एक अलग क्लास का पता कर के जाना शुरू करना था जहा तैयारी को सही ढंग से अंजाम दे सकू........ऊपर जा के पूजा को गुड मॉर्निंग जान का मेसेज कर दिए पर वो केवल डिलीवर हो के रह गया था मैसेज सीन नही हुआ कुछ देर वेट किया फिर फोन छोड़ फटाफट तैयार हुआ......इन सब में 8 बज चुके थे निकलने ही वाला था की पूजा का वीडियो कॉल आया हम उठाए और उठाते ही मेरा लंड महाराज तनने पे मजबूर हो गया......पूजा बिलकुल नंगी थी बाथरूम में और वो वीडियो कॉल इसलिए की थी ताकि हम वर्चुअल तरीके से आज रसपान का मजा ले सके......उसने कुछ न बोलने का इशारा किया और फोन एक जगह रख के गोल घूमी और बस फोन काट दी........तुरंत मैसेज आया मिस यू माय लव.....अभी तैयार होऊंगी तो फोटो भेजूंगी और कॉल भी करूंगी तो उठाईएगा....
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इधर से हम रिप्लाई में मिस यू टू जान....सुबह सुबह तहलका मचा के भाग गए....मिलेगी तब बताएंगे अच्छे से....
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और फिर हम निकल गए......पहले कॉलेज गया और वहा अटेंडेंस का काम करवाया साला कॉलेज का अलग ही रंडाप चालू रहता है.....फोन पे पूजा का मेसेज आया उसने अपनी फोटो भेजी थी और जवाब में बोली मिलेंगे तो जितना कसर रहेगा सब निकाल लीजिएगा और अब तो रोज आपको ऐसे ही थोड़ा थोड़ा गरम करते रहेंगे
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......हम जब फोटो देखे तो एकदम सिंपल तैयार हो के बैंक जा रही थी.....हम उसको कॉल किए वो अभी रास्ते में ही थी फोन उठाते के साथ बोली उम्ममाह
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कैसे है मेरे स्वीटहार्ट हम भी जवाब में उसको चूमे फोन पे और हस के बोले अरे क्या हुआ अपसेट हो क्या वो बोली नही तो....तो हम बोले फिर ऐसे बैंक क्यू जा रही सूखा चेहरा ले के वो बोली भक्क जान आप भी ना हम तो ऐसे ही जायेंगे वो तो जब तक आप थे इसलिए तैयार हो के जाते थे पर अब कौन देखेगा हमको सजते हुए आप आइएगा तो फिर से तैयार होंगे ना....हम बोले धन्य हो प्रभु वो बोली हा और अच्छा है ना ऐसे में कोई तंग नही करता अपना काम शांति से करते रहते है दिन भर कोई चापलूसी नही करता और सबसे अच्छी बात अपनी ब्रांच मैनेजर भी लेडीज ही है सो और ज्यादा कंफर्टेबल है मेरे लिए क्युकी शाम को जब पूरे दिन का कैश का हिसाब किताब देना होता है तो आराम से दे देती हु.......हम बोले अच्छा इस सैटरडे को आयेगी पटना ना वो बोली हा टिकट के लिए कल शाम को ही अपने ऑफिस के चपरासी भईया को बोल के बनवा लिए जाने आने दोनो का.....हम बोले फिर ठीक है तो इस बार आने के बाद कहा मिलना है.....वो बोली वो सब आप देख लिजिए हम को आपके साथ कही भी चल पड़ना है जहा आप ले जाओ.....फिर वो बोली चलिए अब बैंक आ गया रखते है मैसेज करेंगे बीच बीच में रिप्लाई दीजिएगा ठीक ना हम बोले हा मेरा जान आई लव यू.....वो आई लव यू टू टेक केयर कह के फोन काट दी....इधर हम एक कोचिंग का फीस वगैरह पता किए और दुकान गया वहा पापा को बतलाया तो उन्होंने फीस के लिए पैसे दिए और बोले लग जा अपने समय का सदुपयोग करने में एक बार अगर चिड़िया उड़ गई तो फिर पछताने से कुछ नही होगा....हम सब बात सुन के जी पापा बोल के सर झुका के निकल लिए वरना अभी और लंबा चलता मैटर....वापिस उस कोचिंग पहुंचा पैसे भरे और अगले हफ्ते से क्लास शुरू होने को था अभी मेरे पास 4 दिन थे......अब एक नया रूटीन सेट किया जिसमे सुबह में थोड़ा रनिंग और एक्सरसाइज को जोड़ा ताकि शरीर को भी फिट फाट बना सकू.....अब ऐसा था की पूजा से सिर्फ मैसेज से ज्यादा बात होती थी.....बस रात और सुबह में पूजा का वीडियो कॉल तय था पर हम लोग फोन सेक्स से दूर ही भागते थे पता नही क्यों पर मन नही मानता था दोनो का........

उस दिन मार्केट गया कुछ किताबे लेने और उधर से ही अकाउंट्स वाला क्लास चला गया......वहा सुगंधा मिली जब छुट्टी हुई तो वो बोली चल घर चल हम बोले क्यू....अब क्या तू पढ़ेगी क्या साथ में......वो बोली नही हम तो जायेंगे ना अपना दूसरा सिलाई बुनाई वाला क्लास तो हम बोले फिर हम क्यू जाए सब्जी काटने....
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वो बोली नही ऐसे ही चल क्या हो गया.....पूजा दी नही है तो नही जायेगा हम बोले नही वैसा कोई काम रहेगा तो जायेंगे ही फिलहाल तू बता तेरा क्या प्लान है आगे वो बोली मेरा तो सीधा सा ग्रेजुएशन कंप्लीट कर के बियाह कर के फुरर हो जाना है......हम बोले वाह बड़ा फास्ट है तू तो कोई है का नजर में तेरे......वो बोली है तो पर अभी तक उसको जाहिर नही किए है शायद हम लेट हो गए यार उसको कोई और ही अपने हिस्से में ले ली......हम बोले अरे लेट सवेर कुच्छो नही होता है समझी.....जा के बिंदास बोल दे पर पर देख पूजा और मेरे मैटर के सॉल्व होने तक सीक्रेट ही रखना इसको वरना पापा मम्मी बोलेंगे दोनो की दोनो बेटी लव मैरिज ही कर ली.....वो सड़ा हुआ मुंह बना के बोली जा ना ऐसा कुछ नही है अब मेरा तो कन्फेशन लेट हो गया है इसलिए अब पापा जो चुन के लायेंगे वही सही......हम बोले तेरी मर्जी....पर अगर मौका लगे हाथ तो देना अपने दिल का साथ और बोल के देखना उसको क्या पता वो तेरे पास आ जाए.....क्युकी आज में जमाने में ब्रेकअप पैचअप चलता रहता है......वो बस मुस्कुरा के बोली घर नही चलेगा हम बोले नही यार पापा या राहुल कोई होगा नही ना अकवार्ड लगेगा इसलिए फिर कभी चलेंगे.......वो बोली तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे घर कभी अकेले आया ही नही है.....
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हम बोले भाग ना पूजा होती तो अकेले क्या चोरी छुपे आ जाता तू जा और अपने वाले को बुला ले और मामला सेट कर ले.....वो बोली बकवास मत कर और जा घर जा भाग.....हम हस के वहा से निकल गए अपने घर और वो सड़ा हुआ मुंह ले के अपने घर.........रास्ते में पूजा से बात हुआ और वो हमको अपना पूरा दिन का खबर दी और हम उसको अपना.......घर आया तो पापा बुलाए कमरे में और बोले कल सुबह बाइक खरीदने चलना है कोई अच्छी सी बाइक देख ले बढ़िया माइलेज वाली हम तुरंत बोले पापा डिस्कवर है अभी मार्केट में बढ़िया चल रही है पर अभी अचानक से क्या हो गया बाइक के लिए....पापा बोले ये वाली गाड़ी बेच रहा हु अच्छा दाम दे रहा है जो ये बेच में पैसे मिलेंगे उसी से डाउनपेमेंट कर देंगे और बाकी फाइनेंस करवा लेंगे....हम बोले फिर तो अच्छा है पर दुकान पे खड़ी नही रखेंगे बाइक आपको छोड़ कर हम ले जाया करेंगे बाइक वो हस के बोले ले जा सब तेरा ही तो है.....फिर सुबह पापा पुरानी वाली बाइक बेच के पैसे ले के शोरूम पहुंचे और इधर से हम और मां पहुंचे और फाइनली डिस्कवर 125 सीसी की सिलेक्ट की और लोन का फॉर्मेलिटी को आगे बढ़ाने के लिए कर ही रहा था की बैंक वाला भाई फोन किया पापा को तो पापा बोले कि बाइक लेने आए है तो जब वो सुना की फाइनेंस करवा रहे है तो वो बोला की मत करवाए फाइनेंस हम दे देते है बाकी पापा मना कर दिए पर जब हमसे और मां से बात हुआ तो वो मान गए और फिर कैश आज ऑनलाइन पेमेंट करने के बाद हम उसी बाइक से सब कोई घर आ गए....फोटो पूजा को भेजी वो भी बोली बढ़िया है इस हफ्ते इसी से घूमने जायेंगे.....
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शनिवार रात को पूजा पटना आई तो उसका भाई उसको रिसीव करने गया था......इसलिए हम नही गए और वैसे भी रात काफी हो गया था अगली सुबह दौड़ने गया और वापिस घर आया तैयार हो के नीचे आया मस्त नाश्ता किया और फिर पूजा को वीडियो कॉल किया तो वो मार्केट में थी और बोली हम निकले है महावीर मंदिर वहा से अपनी सहेली से मिलने जाना है जो आप है
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.....हम बोले वाह बहुत बढ़िया मेरा लिंग ही चेंज कर दी तुम....वो बोली क्या जान आप भी आइए जल्दी से.....हम तैयार हो के नीचे गए और मां से बोले आते हैं शाम तक वो बोली कहा चला.....हम बोले यही हु आस पास में ही रहेंगे दोस्त सब के साथ....मां बोली दोस्त की दोस्तिनी.....हम बोले क्या मां आप भी आते है और निकल गए नई बाइक से अपनी जान के पास.....पूजा जब मेरे से मिली तो वो गले मिलने के लिए पहले बाइक पे बैठी और जोर से पीछे से गले लगा लि.....और गाल पे चूमते हुए बोली आई मिस्ड यू सो मच जान....आप समझ नही सकते एक हफ्ता में आपको कितना मिस किए हम अभी तक पूजा वैसे ही हमसे चिपटी हुई थी.....हम बोले एक हफ्ता स्वीटहार्ट अभी तो दो साल है पूजा बोली अरे आप डराइए मत भगवान चाहे तो दो साल से पहले ही आपका जॉब लग जायेगा तो हम तुरंत आपके पास आ जायेंगे......हम बोले होप सो जान......फिर हम दोनो अपने पुराने टाइम पास वाले जगह चिड़िया खाना ही गए.....वहा जाने के थोड़े देर बाद पूजा बोली घर चले.....हम बोले किसके अपने या तुम्हारे.....वो मेरे दोनो गाल खींचते हुए बोली आपके स्वीटहार्ट मेरे घर तो जा नही सकते ना.....हम बोले मेरे घर जाना सही रहेगा अगर मां को कही जाना होता तो बात अलग होती......वो कंधे पे सर रख के बोली हे भगवान कुछ जुगाड कीजिए ना.....हम उसको बोले टेंशन क्यों लेती है आज रात हम घर आयेंगे ना मिलने बस फिर.....वो खुश तो हो गई पर बोली मेरा अभी मन है स्वीटहार्ट.....जान कही तो चलिए हम बोले नही रिस्क क्यू लेना.....और अगर इतना ही मन है तो होटल चले....वो मेरे गले से लग गई और बोली नही जान हम समझ सकते है कोई न रात में आइए आप और सुनिए टाइम ले के आइएगा ये नही की आए और तुरंत लौटने के लिए बोलिएगा नही तो हम गुस्सा हो जायेंगे......हम बोले अच्छा तो मैडम अब हमसे भी गुस्सा हो सकती है.....वो मेरा मुंह देखी और एक मुक्का मारी सिने पे और बोली आपसे हम गुस्सा कितने देर रह ही पायेंगे ये आप भी जानते है.....हम बोले नही अब तुम गुस्सा हो जाना हम नही आयेंगे आज रात में.....वो बच्चे जैसा आवाज बना के बोली नही ना जान प्लीज ना.....हम बोले आयेंगे ही नही.....वो मेरे होठ पे चूम ली और बोली हम जानते है आप हमसे दूर रह ही नहीं सकते आप ना आइए ये हो ही नही सकता......हम हस दिए तो वो मेरे को अपने आलिंगन में ले के बोली इसलिए तो कहते है हम आई लव यू मेरा जान.....हम उसको अपने से और चिपका लिए और चूतड पे एक हल्का सा चपत लगा के बोले आई लव यू टू मेरा जान....
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और अपने जेब से एक आर्टफिशियल गोल्ड वाला इयररिंग निकाले और उसको दिखलाए वो
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बोली सुंदर है स्वीटहार्ट पहना दीजिए आप ही और अपना कान मेरे तरफ कर दी हम उसका मुंह पकड़ के अपने तरफ घुमाए और बोले घर पे क्या बोलेगी सुमित पहना दिए है.....वो बोली आप पहनाइए ना क्या कहना है वो हम जानते है ना जान.....इतने दिन में आपके साथ रहते रहते कुछ तो बहाना बाजी सिख ही गए है.....फिर हम उसको कान में पहनाए और वो फोटो खींची अपने साथ मेरा सेल्फी तभी हम उसकी चूची को दबा दिए तो वो बोली आप हमको मना करते है और खुद लगे रहते है मेरे साथ......हम बोले क्या करे पहले रोज मिल जाते थे ये पीने को अब थोड़े दुर हो गए है ना ये......और फिर से दबा दिए तो वो बोली मेरा बस चले तो आपको अपने से एक पल के लिए भी दूर न करू पर ये किस्मत भी ना अजीब अजीब खेल खिलाती है......हम बोले चलो अब रोना धोना नही चलो कुछ खा लेते है सुबह से ऐसे ही भूखी है और हम भी भूखे है......वो अपने सर पीटी और बोली ही भगवान सुबह हम परांठा बनाए थे पनीर का टिफिन में है रुकिए......हम बोले वाह बहुत बढ़िया निकालो जल्दी से.....वो निकली और फिर अपने हाथ से खिलाई और हम उसको....मजा ही आ गया नही तो अभी जाना पड़ता बाहर फिर कही खाने का ऑर्डर देते तब खाने को मिलता.... यहां चार परांठा था दोनो ने अच्छे से खाया और फिर वहा से निकले घर की तरफ.....अभी रास्ते में ही थे तो पूजा की मां कॉल की और बोली कहा है घर कब आयेगी पूजा बोली आ रही हु मां थोड़े देर में पहुंच जाऊंगी क्या हुआ......वो बोली सुमित को फोन कर देना शाम में आ जायेगा उससे भी मिलना हो जायेगा.....फिर पूजा मेरे कंधे पे सर रखी और मेरे कान के नीचे वाले हिस्से को अपने मुंह में ले के बोली अब तो आपको शाम में ही खा जायेंगे हम..... मां घर आने बोली है और हम घर जाने के बाद ही सुगंधा को बोलेंगे की मां को ले के जा थोड़े देर के लिए.....हम हस के बोले बहुत ज्यादा दिमाग नही चलाने लगी हो तुम जान.....वो मेरे पेट पे हाथ कसते हुए बोली सब आपका किया धरा है आपका ही करतूत है सीधे साधे थे हम.....अपने प्यार का पाठ पढ़ा के तालीम कर दिए हमको आप....
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हम बोले चलो फिर आते है शाम को पर अभी घर चले जाते है और हो सके तो मां को वीडियो कॉल पे तुमसे बात करवा देंगे....वो बोली हा ठीक है उनसे भी बात हो जायेगा......फिर उसको घर के नुक्कड़ पे छोड़े और फटाफट अपने घर आए.....मां बोली घूम आया हम बोले यही थे मां हम कही नही गए थे.....अभी शाम को जायेंगे उसके घर पे ही.....फोन आया था हम अभी अपने लक्ष्य पे काम कर रहे है मां बोली अच्छा चल ठीक है आजा खाना खा ले हम बोले आते है ऊपर से आप लगाओ......खाने का तो मन नही था पर फिर भी खाना खा लिया क्युकी मां फिर गुस्सा करती......जैसे तैसे समय काटा और पहुंच गया अपनी बाइक से पूजा के घर पे.....वहा तीनो देवियों से सामना हुआ.....पूजा वही अपने नाइटी में थी और दुपट्टा ले रखी थी जबकि आंटी और सुगंधा रेडी थी कही जाने के लिए..... नई गाड़ी देखी तो वो भी बोली कब लिए हम बोले इसी हफ्ते......फिर आंटी बोली तू तो भूल ही गया हम बोले नही आंटी आप भी क्या बोलती है इसी हफ्ते तो आपसे वहा मिला था और सब हस दिए फिर हम बोले अभी अपनी नौकरी के लिए भी मेहनत कर रहा हु ना.....कुछ फॉर्म भरे है मैने जो इंटर लेवल पे है इसलिए.... कोचिंग वगैरह पकड़ा है सुबह में ........वो आशीर्वाद देते हुए बोली हो जायेगा तेरा भी जल्दी ही मेहनत करता रह और सुगंधा बता रही थी की पूजा के जाने के बाद तू आया ही नही यहां.....कभी कभी आ जाया कर राहुल अजर इसके पापा तो दुकान पे ही रहते है ये अकेले रहती है कभी कभी आ जाया करना हम बोले ठीक है आंटी.....हम सुगंधा को बोले चुगली करती है रे तुम तो वो बोली नही चुगली नही शिकायत किए थे तेरा.....
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फिर सुगंधा ने मैगी बनाई थी सबको मिला खाने को और जो प्लान पहले से पूजा ने सेट कर रखा था वोही हुआ......आंटी बोली अभी तू रहना हम और सुगंधा यही पास के मार्केट जा रहे है आते है थोड़े देर में....दरअसल सुगंधा ने अपने लिए कुछ कपड़े लेने का डिमांड किया था जो वो आंटी के साथ लाने जाने वाली थी.....तो हम बोले ये क्या बात हुआ हम आए और आप जा रहे है.....आंटी बोली अरे नही बेटा थोड़ा देर में आते है मिल के ही जाना भागना नहीं.....हम बोले ठीक है.....वो दोनो गए और पूजा पहले गेट बंद की और मेरे गोद में चढ़ बैठी और हमरा किस चालू और पूजा के दुपट्टा हटाते ही हमको मालूम पड़ गया की वो अंदर से नंगी है.....हम बोले एकदम रेडी थी तुम है ना.....वो हस के बोली और नही तो क्या.....और फिर कुछ ही पलों में पूजा और मैं बिलकुल नंगे थे....और पंखे चलते रहने के बावजूद हम दोनो पसीने से तर बतर थे......पूजा तो ऐसे कर रही थी जैसे पता नही कितने महीनों बाद मिले थे हम......उसको उसके बेड पे ले के गए और टूट पड़े उसकी चूत पे.....ये बात तो सही है की इंतजार के बाद मिलने का मजा ही कुछ और है....... चूत चाटने के बाद पूजा घूम के मेरे लौड़े को अपने मुंह में ले ली और चूसने लगी....जबकि आज फिर हम उसके फैले हुए गांड़ के छेद में अपनी उंगली घुसा दिए पूजा क्या सिसकी थी लौड़ा चूसना छोड़ के मुंह नीचे बिस्तर में घुसा ली और हम लगातार कुछ देर तक उसके गांड़ में उंगली अंदर बाहर करते रहे और वो कराहती रही.....फिर हम उसको घुमाए अपनी तरफ और उसकी गांड़ के छेद पे लौड़ा टिकाए और थोड़ा दबाव डाले.....जैसे जैसे लंड महाराज गांड़ के छल्ले में अपनी जगह बनाते जा रहे थे पूजा की सिसकियां दर्द भरी चीख में तब्दील होने लगी.....थोड़ा और दबाव बनाता और लंड का टोपा उसकी गांड़ में घुस जाता पूजा ने बिस्तर पे पड़ी चादर को ऐसे कस के पकड़ रखा था की क्या बताऊं......पर फिर मैने ही लंड महाराज को वापिस बाहर निकाला और एक ही झटके में चूत में पेल दिया पूजा की दर्द भरी चीख मादक सिसकियों में बदल गई पर......पूजा को समझ ही नहीं आया की हम ऐसा क्यू किए......पर चूत में लंड घुसाने के बाद उसके चूतड़ों को हौले हौले थप्पड़ लगाते रहे और पानी उसकी पीठ पे निकले और तकरीबन पौने घंटे की धमा चौकड़ी के बाद दोनो बिस्तर पे एक दूसरे की बाहों में पड़े थे.....पूजा बोली आप आज क्या सोच के नही डाले.....हम उसके माथे ले सहलाते हुए बोले तुम इतने दर्द में थी की मन ही नही किया वरना आज कांड हो ही जाता.....वो मेरे को और जोर से अपने बाहों में कस ली और मेरे सीने पे चूम ली और बोली आपका एग्जाम कब पड़ेगा हम बोले पता नही शायद साल के अंत अंत तक क्यू.....वो बोली जब आप जाइयेगा तो हम आपके साथ चलेंगे जैसे हम दोनो रांची गए थे.....हम बोले फिर बैंक और मां का क्या.....वो बोली बैंक में छुट्टी अप्लाई और मां को बोलेंगे बैंक के काम से बाहर जा रही हु....
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हम उसके चूतड़ों पे थप्पड़ बजाए और बोले सुपर प्लानिंग है.....
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वो बोली वहा दर्द होगा भी ना तो आप मेरी मत सुनना.....हम बोले नही जान वो सब तो चलो ठीक है होता रहेगा और होता ही है अपने बीच पर जान हमको ना तुम्हारा दर्द नही देखा जाता......वो बोली आप ना डार्लिंग है डार्लिंग.....बस जल्दी से शादी कर के आपसे सब सुख देना है.....हम बोले बस भगवान से मनाओ की जॉब हो जाए.....फिर दोनो जने उठे और अपने कपड़े पहने वो ब्रा पहनी और नाइटी डाली और बोली आज खाना यही खा के जाइयेगा हम बोले खा तो लिए तुमको और बोल के उसकी चूची दबा दिए तो वो बोली हमको खा लिए अब मेरे हाथ का बना खाना खा के जाइयेगा......हम बोले क्या बनाएगी वो बोली चिकन ला रहे है पापा और चावल बनायेंगे.....आपको पनीर के बाद चिकन पसंद है ना इसलिए आज पापा को बोल के चिकन मंगवाए है......फिर उस रात खाना खाने के बाद हम घर आए और रात में पूजा से मिलने भी गया.....दोनो ने एक दूसरे की बाहों में चॉकलेट का लुफ्त उठाया और चॉकलेटी किस भी किया...... अगली सुबह वो चले जाने वाली थी इसलिए थोड़ा मायूस हो गई थी पर हम उसको हसा के ही वापिस आए.....सुबह हम जब दौड़ने के लिए निकले तब पूजा भी निकल चुकी थी घर से और स्टेशन के बाहर से उसको देखे जाते हुए और उसने भी मुझे देख लिया और मैसेज की अब दिन अच्छा जायेगा.....फिर अगले कुछ महीनों तक यही चलता रहा पूजा से मिलना बदस्तूर जारी रहा और मेरी तैयारी भी अच्छी खासी हो गई थी और रेगुलर एक्सरसाइज से बॉडी भी मस्त हो गई थी मेरी.....सब सही चल रहा था और मेरा एग्जाम का डेट भी नजदीक आ रहा था.......अब देखते है सुमित के नसीब कब तक पलटता है.....
 
पूजा को बैंक में काम करते 5 महीने से ऊपर हो गए थे और आने वाले महीने में उसका जन्मदिन था......पूजा को जैसे मेरा बर्थडे नही पता था वैसे ही उसको ये भी नही पता की हमको उसका बर्थडे मालूम है......और कुछ दिनों से बैंक का काम बढ़ गया था इसके कारण वो दो तीन हफ्तों तक पटना भी नही आ पाई थी पर उससे कोई फर्क नही पड़ने वाला था क्युकी काम कभी कम तो ज्यादा चलता रहता है......खैर नवम्बर आया और इस महीने भी पहले हफ्ते में वो घर आई और हमारा मिलना बहुत थोड़े समय के लिए हुआ क्युकी इस बार ठंड वाला कपड़ा सब ले के जाना था सो दोनो मां बेटी उसी में लगे रहे और दिवाली भी आने वाली थी तो थोड़ा बहुत साफ सफाई में भी समय गया.....

इस महीने के दूसरे ही हफ्ते में पूजा का जन्मदिन था और दिन था शुक्रवार एंड बेस्ट पार्ट ये की सेकंड सैटरडे का छुट्टी सन्डे मिला के तीन दिन था हमारे पास
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.....मैने पहले से सोच रखा था की कोडरमा जा के ही उसका बर्थडे मनाएंगे.....पर दिक्कत ये थी की रूम पे मां होंगी वहा तो पॉसिबल है नही इसलिए कुछ अलग जुगाड करना होगा इसलिए पूजा के बर्थडे के तीन दिन पहले अपने यूनिवर्सिटी जाने का बहाना कर के मैं कोडरमा निकल लिया पूजा से बात भी हुई पर उसको भनक नहीं पड़ने दिया की हम कहा है......कोडरमा में उस दिन अच्छे से अच्छे होटल का पता किया और फाइनली एक होटल सेंटर स्क्वायर होटल बुक किया और पहले ही बतला दिया सारा कंडीशन और अपने ठहरने के लिए उसी में एक रूम ले लिए क्युकी हम फ्राइडे से मंडे रहेंगे और उसी दिन की 11 बजे वाली गाड़ी से वापिस जाने वाले थे......अब था समय की घर पे क्या बोलेंगे और पूजा अपने घर में मां को क्या बोलेगी बैंक से तो छुट्टी ले लेगी और मेरे साथ हो लेगी पर सैटरडे और सन्डे का क्या......इसलिए सुगंधा को अपने प्लान में शामिल करना होगा.....उस दिन घर आया और अगली सुबह पापा को बोला की इस शुक्रवार धनबाद जा रहे है एक फॉर्म भरे थे उसका पेपर है....पापा बोले कब है पेपर हम बोले सन्डे को तो वो बोले अरे तो इतना पहले क्यू......हम बोले दोस्त है वहा इसलिए इस वीकेंड वहा एग्जाम दे के मंडे को शाम तक आ जायेंगे......पापा जानते थे की हम हो ना हो पूजा से मिलने जायेंगे एक दिन इसलिए शुक्रवार को जा रहे है.......वो डायरेक्टली पूछे की पहले कोडरमा हो के जायेगा ना इसलिए शुक्रवार को निकल रहा है ना......हम क्या बोलते बाप तो आखिर बाप ही होता है......हम बोले पापा बस शुक्रवार को शाम में मिलना हो पायेगा एक डेढ़ घंटा बैंक से छूटने के बाद और उसी शाम को धनबाद के लिए निकल जायेंगे वो हस के मेरे गाल पे प्यार से थप्पड़ लगाए और बोले कहा मिलेगा वहा तो उसकी मां रहेंगी ना और वो तो बैंक भी जायेगी.....हम बोले हा पापा मां रहेंगी पर बैंक से छुट्टी मिलने के बाद ही मिलेंगे वो फिर बाकी देखते है कहा जायेंगे.......ये सब बात मां सुन रही थी वो गुस्सा हो गई बोली बेटा वो जब यहां आती है तो मिलता तो है तू फिर जब एग्जाम देने जा रहा है तो सीधे वही जा ना ये सब हरकत हमको पसंद नही है समझा और क्या जरूरत है मिलने का वहा जा के अच्छे घर परिवार के लड़के ये सब नही करते है.....पापा बोले अरे नही हम जानते है ये क्यू जा रहा है जन्मदिन होगा उसका या फिर कुछ स्पेशल दिन होगा वो क्या होता है एनिवर्सरी हा वैसा कुछ.....हम पापा को
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ऐसे देखने लगे......पापा आगे बोले इतना तो समझ में आता ही है हमको चलो जाने दो वैसे भी इनकी किस्मत कब क्या गुल खिला दे कुछ पता नही और तुमको तो बस एक बहाना चाहिए गुस्सा करने का फिर पीपड़ी बजाने लगोगी...... तुमसे कितनी बार बोला है सुमित अपना ऐसा वैसा कुछ नही करेगा पर तुम समझती ही नही है.......मां बोली पर आज कल का समय ठीक नही है कब क्या हो जाए कुछ पता नही पड़ता......पापा कुछ बोलते इससे पहले हम बोले अरे बाबा आप लोग क्यू फालतू मे लड़ रहे है नही है मर्जी तो नही जाते हम सीधे धनबाद चले जायेंगे ठीक है......मां फिर कुछ नही बोली.....पर पापा बोले अरे नही रे तू तो और सत्यवादी बनने लगता है सब मालूम है बोलेगा कुछ और करेगा कुछ......जा अच्छे से जाना एग्जाम दे के बढ़िया से आ.....और पढ़ाई लिखाई ठीक चल रही है ना तेरी हम बोले हा पापा.....फिर उसी शाम अकाउंट्स के क्लास गया पर वहा आज सुगंधा नही आई थी हम मन ही मन बोले साला टाइम पे कोई नजर नहीं आता.....क्लास खत्म करने के बाद सुगंधा के दुकान पे गए वहा मालूम चला की उसकी तबियत बिगड़ी हुई है फीवर लगा है शुरुवाती ठंड है ना इसलिए........पापा और राहुल दुकान पे ही थे वो घर पे थी दोपहर में पापा उसको दवा वगैरह दिलवा के आए थे हम बोले हम मिल आते है अंकल तो वो दो नॉर सूप का पैकेट दिए और बोले अगर हो सके तो बना देना बेटा ये उसको पसंद है और गरम गरम पिएगी तो अच्छा लगेगा......हम बोले अरे जरूर अंकल बना देंगे और जब ये दे ही रहे है तो एक पनीर का पैकेट भी दे दीजिए खाना भी बना देंगे वो बोले नही बेटा वो होटल से ले आयेंगे........हम बोले अरे आप दीजिए तो हमको अपना घर है मेरा फिर आप पराया क्यू सोचते है हमको........राहुल हमको एक पनीर का पैकेट दिया और बोला जाइए आप घर पे.......हम राहुल को बोले क्या हाल तू उसके पास रह लेता घर पे.....वो बोला अरे हम थे सुबह से अभी पापा के साथ दोपहर को दुकान आया हु शाम में जरूरत पड़ती है यहा.......पनीर का पैकेट दे के वो अंकल का मुंह देखने लगा.....हम बोले टेंशन मत लो हम जा रहे है अभी ठीक है......वो बोला ज्यादा परेशान मत होइएगा.....हम बोले चल ना अब ज्यादा बोकरादी मत पाद....
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अंकल बोले अरे नही बेटा वो आगे कुछ बोलते अब आप मत बोलिए अंकल सब ठीक है......फिर वहा से सुगंधा के पास पहुंचे....जब वो गेट खोली तो उसका मुंह देखने वाला था....एकदम बाल बिखरे हुए आंखे लाल हम बोले क्या हुआ बेटा ये क्या हाल बना रखा है.....वो दरवाजा खुला छोड़ के अंदर गई हम उसके पीछे हो लिए वो बिस्तर पे बैठी और कंबल में घुसते हुए बोली आज इधर का रास्ता कैसे भुल गया तेरी डार्लिंग तो यहा है नही फिर......बकवास हो गया हो तो अब चुप हो जा और ये बता तबियत कैसे खराब कर ली.....वो गधी रोने लगी....हम शॉक हो गए और उसको हाथ पकड़ के बोले अरे पगली क्या हुआ क्यू रो रही है.....वो कुछ बोले बिना रोए जा रही थी बस.....हम बोले अरे शांत हो जा क्या हुआ.....बोल तो वो बोली साला तबियत ठीक नहीं है मेरा और पास में कोई नही था मेरे......पापा साढ़े 12 बजे से गए हुए है.....दवाई ला के दे दिए बस........शाम के 6 बज रहा है देखने पूछने तक नही आया कोई की ठीक है की बेहोश हो में पड़ी है अकेले......ऐसा लग रहा जैसे केवल एक काम वाली का औकात है मेरा काम किया तो ठीक वरना कोई नही सब को केवल अपना फिकर है......हम उसको चुप कराते हुए उसका हाथ पकड़ के बोले अरे बस कर शांत हो जा रोना बंद कर देख अभी हम आए न तू एक दिन नही आई टी क्या बोलती है की फिकर नही है.....फिकर कैसे नही है अभी अगर मम्मी और पूजा यहां होती तो फिर भी तू ये सब सोचती......वो बोली तुझको भी तेरी डार्लिंग से रिलेटेड कोई काम होगा इसीलिए तू यहा आया है वरना ऐसे तू इधर क्यू आएगा......हम उसको झूट बोले की नही तू आज क्लास नही आई थी जबकि तू रोज आती है इसलिए आए थे और जानते है की तू अभी अकेले मैनेज कर रही है दिक्कत तो होती होगी पर ये सब मत बोल के फिकर नही है ब्ला ब्ला.......अच्छा बोल क्या खायेगी देख पापा सूप दिए है बना के लाते है गरमा गर्म पिएगी तो अच्छा लगेगा तुझको.....क्या यार तू भी बच्चो जैसे रोने लगती है......उसका हाथ छोड़ के उसका आंसू पोंछे और किचन में गए......वहा से उससे चिल्ला के बोले सुबह से कुछ खाई है या ऐसे ही पड़ी है भूखे पेट.....वो उठ के किचन के पास आई और बोली मैगी खाई है सुबह में दोपहर में दवाई खा के सो गई थी बस..... हम बोले फिर तो एकदम ठीक हो जाएगी तू....कल तक शायद एडमिट करना पड़े हॉस्पिटल में वैसे भी तू है तो एक लीवर की बस लगी रह रिटायरमेंट जल्द ही मिलेगा काम वाली के पोस्ट से.....
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वो फिर से रोनी आवाज में बोली तो क्या हम फीवर में खाना बना के खाते.....हम बोले अरे तो राहुल को बोलती वो बाहर से ले आता खाना क्या तू भी और फिर से रोने मत लगिओ चुप कर के शांति से जा के बेड पे बैठ हम आ रहे है.....वो चली गई फिर पूजा को मेसेज किए की ऐसा ऐसा हो रखा है यहां वो बोली आप घर आए है क्या.....हम बोले हा आए है आज क्लास नही आई तो देखने आए थे तो मालूम चला पूजा बोली अभी बैंक में ही है हम मौका मिलता है तो फोन करेंगे उसको फिलहाल आप उसको थोड़ा देख लीजिए.....आप भी परेशान हो रहे होंगे हम बोले क्या तुम भी वो रोने लगी थी अकेले है ना घबरा गई है थोड़ा......पूजा बोली ठीक है हम बात करते है उससे.....हम बोले अभी नही जब हम निकल जायेंगे फिर करना वरना बोलेगी की वहा भी खबर पहुंचा दिए हम.....वो बोली ठीक है ना वो हम बोले हा बाबा बस घबरा गई थी थोड़ा अब ठीक है फिलहाल पापा के आने तक है हम यहां......वो बोली ठीक है फिर उसके मैसेज का रिप्लाई दे के हम सुगंधा के पास गए और उसको सूप का कटोरा पकड़ाए और चम्मच से फूक फूक के सूप हम अपने हाथ से पिलाए......पहला चम्मच मुंह में लेते ही उसकी आंखे फिर से भर गई थी हम बोले अरे फिर क्यों रो रही है अब क्या हुआ.......वो आंसू पोंछते हुए बोली कुछ नहीं हम दूसरा चम्मच रोक के बोले अपने क्रश को अभी तक तू नही बोली ना.....वो ना में सर डोला दी.....हम बोले क्यू अरे पागल उस दिन भी बोला था ना तुझको की जा जा के बोल दे क्या पता वो तेरे पास आ जाए.......वो रुंधे हुए गले से बोली आजकल हर कोई पूजा दी के जैसे नसीब वाला नही होता ना जो एक लड़की को ही अपना सब कुछ मान ले आजकल एक लड़का तीन चार को घुमा रहा होता है और वही लड़की सब भी यही कर रही है एक साथ दो तीन लड़के घुमा थी होती है.......हम उसको सूप पिलाते हुए बोले अच्छा है कौन वैसे अपना कोचिंग का है क्या.....या तेरे कॉलेज का है.....कहा का है इसी मोहल्ले का......अरे बोल तो सही नही बोल पा रही तो मेरा हेल्प ले ले.....वो बोलने के चक्कर में खांसने लगी हम पानी का ग्लास उसको दिए और वो पी के बोली अरे छोर दे उसका किस्सा खतम है अब नही करना कुछ भी हमको.......हम आगे कुछ बोलते इससे पहले वो बोली अब बस कर छोड़ और चम्मच मेरे हाथ से ले ली और खुद से सूप पीने लगी और हम बोले बोल रात में क्या खायेगी.....वो बोली अभी नही पता तू जायेगा घर न तो जा पापा आयेंगे फिर देखते है......होटल से मंगवा लेंगे आज......हम बोले बस यही दिक्कत है तेरे में अकडू कही की......हम उठे और टीवी पे पहले गाना लगाए और बोले मनहूस जैसा मत बैठा कर और फिर अपने बैग से पनीर का पैकेट निकाले और किचन में चल दिए वो बोली मत बना यार पापा होटल से ला देंगे.....फिर जब मसाला का खुश्बू उसके नाक में गया तो वो किचन में आ गई और बोली ला हम आटा गूंथ देते है हम बोले महारानी आप अपने शयनकक्ष में आराम फरमाइए हम सब कर लेंगे कल से आप कामवाली का ओहदा संभालिएगा.....
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वो हस दी और फिर जा के बेड पे बैठी थोड़े देर में हम रोटी सब्जी बना के थाली में परोसे और फोटो पूजा को भेजे और फिर ले में आए सुगंधा के पास और बोले चल खा ले है फटाफट 9 बज रहा है पापा और राहुल आ ही रहे होंगे.....वो टीवी का आवाज कम की और थाली मेरे हाथ से ले ली हम बोले खा के बता कैसा है....वो पहला निवाला ली और खा के बोली पूजा दी खुशकिस्मत है
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हम बोले बता कैसा है वो बोली बोले तो बुद्धू समझ में नहीं आया क्या.....हम बोले 5 में से कितना स्टार वो बोली 4.5 हम बोले नॉट बैड पर प्वाइंट 5 क्यू काटी.....वो बोली सब सवाल का जवाब नही होता.......खाना बहुत टेस्टी बना है बाप रे कितना दिन बाद दूसरे के हाथ का खाना खाने को मिला है वो भी इतना टेस्टी हम बोले चल अब ऐसे ही खुश रह और कल जल्दी से ठीक हो के क्लास में मिल.........वो कुछ बोलती इतने में पापा गेट पे दस्तक दिए आवाज लगाए.....हम गेट खोले वो अंदर आए और बोले बेटा तुझको काफी देर हो गया ना हमारे चक्कर में......हम बोले क्या अंकल आप भी.....फिर वो सुगंधा से उसका हाल चाल लिए और उसके चेहरे पे रौनक देख के वो बोले चल अब ठीक लग रही है सुबह से तो ऐसी शकल बनाई थी की क्या बोले....फिर वो बोली दीदी से बात हुआ तो अंकल बोले राहुल किया है अभी थोड़े देर पहले आता है तो तू भी बात कर लेना.......फिर हम बोले अब चलते है अंकल हम वो बोले रुक जा राहुल छोर आएगा तुझको हम बोले अरे नही चले जायेंगे आराम से आप टेंशन मत लीजिए......और निकल लिए हम वहा से......रास्ते भर पूजा से बात किए और उसको सब कुछ बताए फिर घर पहुंचे और मां एकदम फुट पड़ी बाप रे आधे घंटे तक गुस्सा में मां बड़बड़ाती रही फिर पापा बोले कहा रह गया था हम बोले पापा यही था दोस्त लोग के साथ सो लेट हो गया और कहा जायेंगे हम.....जब तक खाना खाए मां सुनाती ही रही.....आवारा बनता जा रहा है घर में पाव टिकते ही नही इसके ये वो पता नही क्या क्या......पर इन सब बातो के पीछे एक ही वजह थी उनका मेरे प्रति चिंता.....इसलिए हम सब कुछ सुनते रहे और खाना खा के उठे हाथ धोए और मां को अपने आलिंगन में ले के जोर से बोले माफ कई दे मां आगे से ना करेंगे ऐसा.....बस इतना करना था की मां एकदम चुप हो गई और बोली कर के जितना करना है हम ही सहेंगे तेरे ये नखरे और कोई नहीं सहेगी....
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हम बोले नही मां हम नखरा वखरा नही कर रहे सच्ची में समय का पता नही चला.....पापा बोले अरे अब जाने भी दो 10 बजे से पहले लड़का घर में है ना बस.....मां बोली है ना वाह क्या बात है 10 बजने में केवल 5 मिनट था तब घर आया है और आप ऐसे बोल रहे है.....पापा बोले अब तुम पिपडी बजाते रहो रे लड़का तू ऊपर भाग जा सो जा सुबह तूने दौड़ने जाना है ना....हम बोले हा और ऊपर चले गए फिर ..........सुबह फिर वही रूटीन चालू हुआ.....शाम को आज क्लास गया तो आज भी सुगंधा नही आई थी......हम बोले आज तो कैसे भी बात करना ही होगा...... इसलिए छुट्टी से पहले ही निकल गए क्लास से सर से काम है अर्जेंट बोल के और सीधा पहुंचे सुगंधा के घर.....दरवाजा वही खोली और कल के मुकाबले वो आज ठीक थी.....हम बोले आज क्यू नही आई वो बोली मन नही किया अब अगले हफ्ते से ही आएंगे.....हम बोले क्यू ज्यादा छुट्टी मारने का मन हो रहा है क्या तो वो बोली अरे थोड़ा आराम कर लेने दे ना.....घर में तो करते ही है काम बाहर से तो आराम मिले.....हम बोले तेरा ही पढ़ाई का नुकसान होगा इसमें.....वो बोली सब मैनेज है....फिर हम बोले की सुन अभी तेरी तबियत भी खराब है तो इस वीकेंड मम्मी को यहां बुला ले ताकि तेरे को और थोड़ा एक्स्ट्रा आराम मिल जाए....वो बोली क्यू तू क्या सोचा है हम बोले कल हम कोडरमा जायेंगे पूजा का जन्मदिन है ना.....वो बोली हा पर मां तो दी के साथ ही आयेगी ना हम बोले तू उसका टेंशन मत ले वो बोलेगी की बैंक में काम है छुट्टी नही है इस हफ्ते......वो आंखे गोल कर के बोली साले कितना बड़ा वाला कांडी आदमी है तू.....अगर किसी को पता चला तो.....हम बोले तू क्यों नेगेटिव सोचती है सब मैनेज है......वो बोली चल ठीक है हम मां को बुला लेते है.....हम बोले सुन भट्ठा मत बैठा दियो आराम आराम से सेट कर के बात करना ताकि मामला फिट बैठ जाए.....वो बड़े एक्साइटेड वे में हमसे पूछी की क्या प्लान किया है हम बोले किए है बताएंगे तुझको बाद में मंडे शाम को मिलेंगे ना तब फोटोज देख लिए......वो बोली हाउ रुड....
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फिर हम वहा से निकले और अपनी जान को फोन मिलाया और बताया की कल छुट्टी ले ले बैंक से वो बोली क्यू.....हम बोले मेरी जान का जन्मदिन है और उसका प्यार उसकी मोहब्बत उसका दिन बनाने आ रहा है......आई हैव प्लांड समथिंग स्पेशल फॉर माय लव.......फिर सुगंधा और मेरे बीच की बात बता दी उसको ताकि वो मां को उधर से पुश कर सके घर आने को और इधर से तो सुगंधा तैयार थी ही......बैंक का छुट्टी सैटरडे सन्डे था ही बस और पूजा अभी बैंक में ही थी इसलिए वो अपना सूटेबल बहाना लगा के छुट्टी का मेल डाल दी और अब बस सब सेट था.....हमसे ज्यादा तो पूजा खुश थी क्युकी उसको जरा भी इल्म नहीं था की हम ऐसा कुछ प्लानिंग किए है.....पर उसको बतलाना जरूरी था वरना वो छुट्टी कैसे लेती और मां को कैसे भेजती पटना....... उस रात सुगंधा हमको बता दी की मम्मी कल बस से आ रही है और दीदी वही है जा जा के मना ले बर्थडे.....हम बोले घर में भी तो सब बोला होगा ना उसके बर्थडे के लिए......तो सुगंधा बोली तेरे साथ रह रह के मेरी सीधी साधी बहिन भी चापलूस हो गई है........काम का बहाना लगा के अगले हफ्ते शिफ्ट की है अपना बर्थडे हमलोग के साथ......अब बस कल सुबह हम निकल के अपनी जान के पास पहुंचने का देर था.......
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उस रात पापा ने मुझे अपने पास बुलाया और 2000 रुपए दिए और बोले रख ले कल सुबह तो तू चला जायेगा ना.....हम बोले हा फिर सोमवार को लौट आयेंगे पापा.....फिर वो बोले हा चल ठीक है अच्छे से परीक्षा दे के आओ......उसके बाद हम मां को बोले की सुबह में मेरा नाश्ता बनाने मत उठना आप क्युकी सुबह में ठंड रहेगा और हम जल्दी निकलेंगे इसलिए परेशान मत होना.....मां बोली जैसे तेरी मर्जी पर ट्रेन में कुछ खा लेना हम बोले हा मां कुछ देर में तो पहुंच ही जायेंगे फिर वही खा लेंगे....मां फिर कुछ नही बोली.....फिर मैं ऊपर चला गया......थोड़ी देर बाद मैं नीचे आया और आज शाम घर आते वक्त मैने अपने साथ एक कुकर में तैयार होने वाली रेडिमेड केक मिक्स और उसको सजाने के लिए कुछ समान ले आया था और उसको शांति से धीरे धीरे बिना आवाज के बनाया क्युकी उसमे कुकर की सिटी की जरूरत नहीं थी.....केक मैने एक टिफिन बॉक्स में बनाया था......केक बनाने के बाद उसको डेयरी मिल्क को गला के उसको मेंहदी जैसे एक कोने में भर के उसपे पूजा का नाम लिखा....साला टेढ़ा मेढा लिखा गया पर जो था यही था और फिर उसको जेम्स से सजाया और फिर उसको फ्रिज में रख दिया ताकि सुबह तक वो अच्छे से सेट हो जाए फिर अगली सुबह हम पहुंच गए कोडरमा अपनी जान का जन्मदिन मनाने......पूजा को कॉल लगाया तो पता चला की वो मां को बस पे बैठा के लौट रही है......बस फिर क्या था हम उसको होटल का पता बता दिए और बोले की यही आ जाओ हम नीचे ही वेट कर रहे है........अगले आधे घंटे में पूजा पहुंच गई मेरे पास........पूजा जब मेरे सामने आई तो देखता ही रह गया.....उसने अपने बाल सेट करवाए थे लग रहा था की ब्यूटी पार्लर गई थी और आज कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी
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डीप ग्रीन कलर के स्वेटर और ब्राउन रंग के सूट और चूड़ीदार सलवार में हल्के येलो रंग का दुपट्टा और आंख में गहरा काजल होठों पे हल्के न्यूड शेड लिपस्टिक कान में मेरे दिए हुए बाली पैरो में वही आर्टिफिशियल वाली पायल जो रांची में हम ला के दिए थे कुल मिला के पूजा एकदम मेरी पत्नी बन के आई थी.......हम पूजा को बोले जन्मदिन मुबारक हो मेरा जान पर जान मेरा आज तो लग रहा है की होटल के बजाय शादी के मंडप में ले जाए इतना सुंदर बन के मत निकला करो रोड पे सब का ईमान डोल जायेगा समझी.....वो बोली भक्क आप भी ना इतने दिन बाद आपसे मिलने आ रहे थे और सजेंगे नही पागल और हमको केवल अपनी जान से मतलब है दुनिया से नही.....फिर वो बिना कुछ सोचे समझे मेरे गले लग गई एकदम जोर से..... हम बोले अरे पगली कंट्रोल कंट्रोल पर वो कहा मानने वाली थी.....फिर हम दोनो रिसेप्शन से अपने रूम की चाभी लेने गए और ले कर अपने रूम में आ गए.....रूम का दरवाजा बंद करते ही पूजा मेरे गोद में चढ़ गई और सीधा मेरे होठों पे हमला बोल दी.....वो मेरे होंठो को एक तरह से चबाने लगी बहुत वाइल्डली किस कर रही थी.......उसको उसी तरह गोद में लिए हम बिस्तर पे गिर गए......चुम्बन के बाद हम दोनो अलग हुए तो हमारी सांसे बहुत तेज तेज चल रही थी हम हस्ते हुए बोले आज तो तुम हमको अच्छे से खाई......वो ये सुन के वो हस्ते हुए मेरे सीने पे सर रख के बोली और नही तो क्या पर अभी तो केवल टेस्ट किए है खाना तो अभी बाकी है और मेरे लंड पे हाथ रख दी.....हम बोले वैसे आज इतना बवाल लग रही हो कुछ नया ट्राई की हो क्या पार्लर में....वो बोली नही जान हम तो पार्लर गए भी नही है.....घर पे ही तैयार हुए है अंजली भाभी हेल्प की थी थोड़ा बाल बनाने में.....हम बोले अच्छा वैसे क्या क्या पहनी हो आज.....और ये बोल के पहले उसके दुपट्टे को उतारे और स्वेटर को थोड़ा खींचे उसके सूट के गले से अंदर झांकने लगे फिर उसको थोड़ा खींचे तो अंदर ब्रा दिखा.....हम बोले नया ब्रा वो बोली भक्क बुद्धू रांची में जो आप दिलवाए थे वही है......हम नीचे हाथ ले गए और चूत के पास सीधा हाथ लगाए तो पूजा सिसिया के बोली इस्सस जान.....आपका हुकुम नही टालते हम पैंटी नही है......हम थोड़ा नीचे झुके और उसके चूत पे चूम लिए वो कसमसा कर रह गई........फिर हम बोले क्या खायेगी वो बोली अभी तो बताई आपको खाना हो गया मेरा.....हम बोले अभी तीन दिन है अरे नही बल्कि मंडे सुबह तक हम है तुम्हारे पास चार दिन है जी भर में खा लेना.....पर उससे पहले एक मिनिट रुको.....और अपने जेब से एक नाक की कील निकाले और उसको दिए......छोटा सा था क्यूट सा एकदम.....और उसको दिखलाते हुए बोले ये लो पापा मम्मी और मेरे तरफ से छोटा सा प्यारा सा तोहफा.......वो उठी और मेरे हाथ से वो कील लेते हुए बोली जान ये तो सोने का है......हम बोले हा तो.....वो आंखे गोल करती हुई बोली ये आप कैसे लाए....उसका इशारा पैसे की तरफ था.....हम बोले हम तो कुछ और लाए है पर ये मां दी है एक्चुअली......पापा से पूछ कर.....सुबह जब निकल रहा था तो मां मुझको ये पकड़ाते हुए बोले ले जा इसको और जो भी सवाल जवाब करने हो वो आ कर करना......हम भी बस मुस्कुराते हुए ये उनसे लिए और चल दिए रास्ते में सोच भी रहे थे की कल रात मां गुस्सा कर रही थी बाहर मिलने जुलने को ले।कर और अभी ये सच में मां बाप को समझना बहुत मुश्किल है पर इतना भी नही की समझ नही पाए........और फिर हम तुरंत उठे और बोले वेट हम आए अभी भाग के नीचे गए और अपना स्पेशल गिफ्ट टेडी बियर जो उसी दिन यह रखवा कर गए थे वो लिए और ऊपर आए पूजा देख के बोली ये कब लिए आप हम बोले वो सब छोड़ो कैसा है बताओ वो बस हमको हैरानी से देखे जा रही थी फिर हम टेबल पे रखे बोले ये लो गुलू गुलू सुमित जब हम पास नही होंगे तो ये रहेगा तुम्हारे पास.......वो बेड से उठ के तुरंत मेरे पास आ गई और टेडी समेट हमसे गले मिल गई....वो बोली आप भी ना हद है भला आपका जगह कोई खिलौना ले सकता है......हम बोले नही पर जब भी मेरी याद आयेगी तो यही टेडी तुमको सुमित लगेगा......वो बोली भक्क याद आएगा तो वीडियो कॉल है ना फोन है ना......हम बोले सब है पर फिर भी मेरा अहसास ले के गले तो लगा ही सकती हो........वो बोली बस अब कुछ नही ज्यादा पगलाए हम तो ट्रेन पकड़ के आपके पास आ जायेंगे.....हम हस दिए और बोले हा बाबा हम जानते है तुमको और तुम्हारी दिवानगी को भी.....और उसको माथे पे चूम लिए.....फिर बोले वेट एक और सरप्राइज़ है वो फिर पूछी अब क्या.....हम बोले मेन चीज तो अभी बाकी ही है.....फिर अपने बैग से केक वाला टिफिन निकाले और खोल के दिखलाए उसको....अच्छा चलो केक काटते है फिर कुछ खाने चलेंगे नीचे....वो बोली चलेंगे ना अभी तो आए है.....हम बोले अरे भूख नही लगा है तुमको क्या सुबह से कुछ खाई भी है की नही......वो बोली खाएं तो अभी आपके इन होठों को.....हम बोले जान मेरा सच में भूख लगी है कल रात के खाए हुए है हम.....वो बोली स्वीटहार्ट हम मजाक कर रहे थे चलिए नीचे कुछ खा आते है.....हम बोले अरे रुको तो सही....फिर अपने बैग से बनाया केक का टिफिन निकाले तो....वो बोली क्या बना कर लाए है.....हम बोले रुको तो सही.....और हा सुनो अगर देखने में अच्छा नही हुआ तो प्लीज बोलना मत वरना मेरा दिल टूट जायेगा.....वो मेरे कंधे पे हाथ रखते हुए बोली क्या बोल रहे है आप पहले दिखलाइए तो सही क्या बनाए है जान आप......फिर हम उसके साथ बेड पे आए और टिफिन खोले एंड वो केक देख के बोली जान ये आप बनाए है.....हम बोले हा हम बनाए है कल रात में उठ के......पहली बार था इसलिए अच्छे से नाम लिख नही पाए पर अपने दिल से पूरे मन से इसको बनाए सजाए है......वो बोली जान आप इतना प्यार करते है हमसे.....हम बोले कोई शक है तुमको इस मामले में.....वो मेरे होठों पे एक चुम्मा चिपका दी.....फिर वो केक को देखी और हस दी बोली ये कौन सा लिपि में लिखे है आप हम बोले अरे डिजाइन पे मत जाओ भावनाओ को समझो......
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वो बोली नही जान जो भी आप बनाए वो दुनिया के किसी भी दुकान पे नही मिल सकता ना कोई बड़ा से बड़ा हलवाई बना सकता है.......हम बोले चलो चलो अब ज्यादा चने के झाड़ पे मत चढ़ाओ......फिर हम उस केक में स्पार्कल वाला कैंडल लगाए और उसको जला दिए......पूजा खुशी खुशी उस केक को काटी और एक टुकड़ा पहले हमको खिलाने को आई पर हम पहले उसको ही खिलाए और फिर वही टुकड़ा हम खाए......उसके बाद पूजा इत्मीनान से बैठ के पहले वो पूरा केक खतम की बीच में हमको भी दे रही थी पर हम बोले सब तुम्हारा है खाओ फिर खतम करने के बाद वो बोली ईट वाज द बेस्ट केक आई हैव ऐट एवर
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फिर हम बोले चलो अब कुछ खा आते है.....वो बोली नही यही मंगवा लीजिए ना ऊपर ही.....हम बोले तो बोल कर आते है नीचे से....वो बुरा सा मुंह बना के बोली क्यू फोन नही कर सकते हम बोले नही बच्चा वेट हम आते है पर पहले ये बतलाओ की तुम क्या खायेगी.....वो बोली जो आपका मन हो वो ले आइए फिर आपको अपने हाथो से खिलाएंगे.......फिर हम दरवाजे के पास पहुंचे ही थे की पूजा चिल्लाई और बोली अरे मेरे जान रुकिए सुबह में मां नाश्ता बनाई थी वो खाते है हम भूल ही गए थे की बैंक के लिए लंच आज मां बनाई थी आपसे मिलने के एक्साइटमेंट में सब भूल जाते है हम फिर भी हम बोले ठीक है तुम ये निकालो हम आते है नीचे से......वो बोली क्यू.....हम आते है बोल के नीचे चले गए......नीचे जा के होटल के रेस्टरौंट में खाने के लिए पूछे की रूम में डायरेक्ट मंगवाना हो तो क्या पॉसिबल है फिर वहा का मैनेजर बोला हा सर टोटल बिल अमाउंट का दस परसेंट एक्स्ट्रा लगता है आपके रूम में पहुंच जाएगा बस आप हमारे नंबर पे फोन कर दीजिएगा हम बोले भाई कुछ मैनेज कर दे अभी दोपहर से ले के मंडे मॉर्निंग तक सर्व करना होगा.......वो दस से आठ पे आया फाइनली उसको पांच परसेंट पे मनाया और दोपहर का ऑर्डर दे कर वापिस रूम में आ गया जहा पूजा खाना का टिफिन खोल के बैठी थी और फोन पे शायद सुगंधा थी.....राहुल मां को रिसीव करने जाने वाला था.....इसलिए वो बस का नंबर पूछ रहा था पर पूजा ने मेरे से मिलने के एक्साइटमेंट में सब गड़बड़ कर दिया था......खैर पूजा ने उसको बस का नाम बताया ताकि राहुल ढूंढ ले अगर मिल पाया तो ठीक वरना मां आराम से आ जाती घर ज्यादा दूर तो है नही......फिर सुगंधा मेरे बारे में पूछी तब तक हम अपने सारे कपड़े उतार कर सिर्फ थ्री क्वार्टर पैंट और टीशर्ट में आ गए थे ठंड थी पर मेरी हीटर तो मेरे पास ही थी इसलिए फिर पूजा बोली बाद में बात करती हु अभी नाश्ता करने जा रहे है और तू अपना ध्यान रख और मां आयेगी तो इनफॉर्म कर देना फिर पूजा मेरे को देख के बोली ठंड है जान आप ऐसे क्यू हो गए अभी......हम बस मुस्कुरा के बेड पे चढ़े और उसको अपने आलिंगन में ले लिए......और बोले तुम्हारे अंदर इतनी गर्मी है की हमको ठंड लग ही नही रहा और ये बोलते हुए उसके स्वेटर को कंधे से नीचे किए दुपट्टा वो पहले ही उतार चुकी थी और सूट के गले में हाथ घुसा के ब्रा में हाथ डाले और उसकी चूची को दबा दिए......ठंडा हाथ लगते ही वो मेरे हाथ को अपने हाथ से दबा के बोली आह जान ठंडा है आपका हाथ......हम बोले इसलिए तो यहां हाथ डाले की गरम हो जाए......वो अपनी चूची पे मेरे हाथ को दबाए मेरे को देखने लगी......बोली पागल कहिके फिर हम एक बार और चूची दबाए और हाथ बाहर निकाल लिए वो अपना स्वेटर ठीक की......फिर बोली चलिए नाश्ता कर लीजिए फिर दोनो ने मिल के नाश्ता किया और फिर मेरा केक वाला टिफिन और अपना नाश्ता वाला टिफिन पूजा बाथरूम से धो के ले आई और टेबल पे रख के बेड पे आ गई हालांकि हम कंबल खोल लिए थे पर वो अभी भी अलग ही थी पहले वो स्वेटर उतारी फिर मेरे कंबल में घुस गई.......इस बार उसका हाथ ठंडा था इसलिए वो मेरे टीशर्ट में हाथ घुसाई और मेरे को बोली फील ईट जान.....हम ओह हो हो बोले और बोले बदला ले रही हो क्या.....वो तुरंत अपना हाथ बाहर खींच ली और मेरे गाल पे किस करते हुए बोले गंदे कहीके हम बोले अच्छा ऐसा है.....थोड़ा सा उठो हम लेटे लेटे ही उसके सूट के चैन को खोल दिए और साथ ही ब्रा का हुक भी.....और फिर उसको झुका दिए वो झुकी तो हम उसके खुले पीठ पे चूम लिए......वो सिसक गई फिर वो उठी और अपने सूट और ब्रा को उतार दी जबकि हम अपने टीशर्ट.....पूजा की ब्रा और सूट दोनो उसके कमर पे अटकी थी......हम उसको अपने पास खींचे और अपने से चिपका लिए.....वो मेरे कान को अपने मुंह में लेते हुए बोली इसस जान कितने तरस गए थे इस स्पर्श को महसूस करने के लिए.....हम सिर्फ उसको अपने से जोर से चिपका लिए और पीठ से होते हुए उसके सलवार में हाथ घुसाए और और उसके चूतड़ों को दबाए....पूजा मेरे चेहरे पे चूमने लगी फिर मेरे गर्दन पे चूमते हुए नीचे मेरे छाती पे चूमी और अपना हाथ मेरे पैंट में घुसाई और लंड को पकड़ के हिलाने लगी.....हम एक हाथ से अपना पैंट खिंच कर घुटने तक कर लिए और फिर उसको नीचे उतार दिए......इधर पूजा कंबल में नीचे घुसी और मेरा लंड अपने मुंह में ले ली और चूसने लगी हम इतने दिन बाद लंड चुसाई का पूरा मजा लेने लगे कुछ और करने में ध्यान ही नही रहा.....मेरा हाथ कंबल के ऊपर से ही पूजा के सिर पे था उसको ज्यादा तो नहीं पर जब मेरे छूटने के समय नजदीक आया साथ आठ मिनट की ताबड़तोड़ चुसाई के बाद लंड ने पिचकारी छोड़ दी जिसको पूजा ने पूरा अपने अंदर समा लिया......वो कंबल के अंदर लंड चूस रही थी इसलिए पूरे पसीने से तर बतर हो कर बाहर निकली और मेरे सीने पे लेट गई......उसके चेहरे से बाल हटाते हुए उसके पसीने को अपने हाथ से पोंछे और बोले इतना जल्दी काम तमाम कर दी तुम......तरस नही आया तुमको उसपे......बेचारे का मिलन ही करवा देती.....वो हस के बोली अरे अभी मिलन हो जायेगा मेरा मन था उससे खेलने का इसलिए खेल लिए तो आपको बड़ा तकलीफ हो रहा है.....ये बोल के एक मुक्का हमको मारी वो मेरे सीने पे.......हम बोले अच्छा अच्छा मारो मत......फिर हम बोले अच्छा जब चले जायेंगे फिर क्या करेगी......वो बोली बै अभी तो अइबे किए है आज अभी से वो सब याद मत करवाए जानते नही है आपसे दूर हम कैसे कैसे मैनेज कर के रह रहे है.......हम बोले हमसे दूर की इससे मेरा इशारा लंड की तरफ था वो मेरे लंड को हाथ में पकड़ के बोली दोनो से.......हम बोले यहां तो कोई घूमने वाला जगह भी नहीं है.....वो एकदम से आंख गुस्से में कर के बोली बहुत मारेंगे हम अगर कही जाने आने का नाम लिए तो अभी मंडे तक सिर्फ और सिर्फ मेरे बाहों में कही नही जाने देंगे हम सोचिएगा भी नही.......हम बोले अरे पगली रूम पे जायेगी ना की नही......वो बोली नही जा रहे कही भी हम अंजली भाभी को बताए की हम और आप रांची जायेंगे तो यहां पे बात संभाल लेने और वो इतनी तेज है जब मम्मी निकल गई तो हम फिर से भाभी के पास गए थैंक्यू बोलने के लिए क्युकी मम्मी बोली की सुंदर लग रही है काजल अच्छे से लगा के जा नजर ना लग जाए किसी का......तो वो अंकल आंटी को सुना के बोली की घर जा रही है जान आयेगी तो हम भी सुना के बोल दिए मंडे को शाम में ही आयेंगे बैंक से सीधे......फिर दोनो कोई हस दिए और निकल आए वहा से फिर आपके बाहों में.......हम बोले बहुत तेज हो गई है तुम.....वो बोली सब आपका करतूत है.....
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फिर हम बोले अच्छा हम किए है वो बोली हा हम बोले हम किए है और ये बोलते हुए उसकी चूत को सलवार में ऊपर से रगड़ने लगे......वो हस्ते हुए बोल भी रही थी और कसमसा भी रही थी सब आप ही किए है ये आदत भी आप ही लगाए है हम अच्छा अच्छा बोलते हुए कंबल हटाए और उसकी सलवार को खींच के पैरो तक कर दिए वो उसको अपने पैरो से बाहर कर दी.....और फिर उसको पलट दिए और उकड़ू कर दिए अब उसका सर तकिए पे था और कमर हवा में पीछे से उसके पैरो को फैलाए और उसकी चिकनी चूत और गांड़ का छेद मेरे सामने था......हम उसके चूतड़ों पे पहले एक एक थप्पड़ लगाए वो आह कर के रह गई और फिर सीधा उसके दोनो छेदो को अपने मुंह के आगोश में ले लिए......एक साथ दोनो छेदों की चुसाई से पूजा अलबला गई और वैसे भी उसको भी ये स्पर्श काफी समय बाद मिला था.... चूत को एकदम अंदर तक चूस रहे थे इसलिए कुछ ही पलों में पूजा झरझरा के झड़ गई.....आज कितना पानी वो छोड़ी थी
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पूजा हाफ्ते हुए एक तरफ पसर गई और हमको अपने ऊपर आने के लिए बाहें फैला दी......हम उसके आलिंगन में समा गए और वो मेरे सर पे हाथ घुमाने लगी और थोड़ी देर बाद वो बोली पता है रात में मिलना हम बहुत मिस करते है पर आज मिल के सब्र का बांध टूट गया......हम उसकी एक चूची के निप्पल को चुभलाते हुए बोले अच्छा न है ऐसे ही मिलेंगे तो मिलने का स्वाद डबल ट्रिपल हो जायेगा.....वो मेरे पीठ पे मुक्का मारते हुए बोली भक्क जैसे हर हफ्ते आते है हम वैसे ही आते रहेंगे ये इतने लंबा गैप हम कैसे काटे है वो हम ही जानते है.......अच्छा आपका एग्जाम कब आएगा आप बतलाए नही......हम बोले अच्छा हा सुनो बताना भूल गए थे एग्जाम दिसंबर में है थर्ड वीक में सेंटर दिल्ली है वो बोली टिकट बनाए हम बोले नही वेटिंग था इसलिए नही लिए हम दोनो नही जायेंगे केवल हम ही जायेंगे क्युकी तुमको परेशानी होगा वैसे भी टिकट का बहुत मारामारी होता है पटना से दिल्ली में......वो बोली तत्काल में ट्राई कीजिएगा ना पर जायेंगे साथ में ही हम अब आप जाने कैसे कीजिएगा.....हम बोले नही जान परेशान हो जायेगी तुम और जनरल में तुमको ले के नही जायेंगे वो कुछ बोली नहीं अब मेरा मुंह देखने लगी गुस्से में.....हम बोले अच्छा ठीक आई विल ट्राई ओके आई विल ट्राई.....वो मेरे लंड को थोड़ा जोर से दबा के बोली ट्राई नही हम चलेंगे तो चलेंगे बस.....हम आह करते हुए बोले अच्छा ठीक.....वो फिर हस के मेरे से चिपक गई और हम उसकी एक चूची को अपने मुंह में भर लिए......और वो आराम से रसपान कराने लगी.....हम पूजा को बोले ये अब बड़े हो गए है पहली बार जब पकड़ा था तो पूरे हथेली में आराम से समा जाते थे पर अब तो एक हथेली में मुश्किल से पकड़ाते है ये.......वो बोली सब आपका मेहनत का नतीजा है.....चूची चूसते चूसते मेरा लंड महाराज फिर से खड़ा हो गया.....मैने पूजा को सीधा लिटाया और उसके पैरो के बीच आ गया......पूजा ने थोड़ा एडजस्ट हो कर अपने पैर पूरे फैला लिए और हमको अपने ऊपर खींच ली...हम उसके होठों को चूसने लगे जबकि वो मेरे चूतड से पकड़ के अपने ऊपर खींचने लगी......हम अपना लंड उसकी चूत के मुहाने पे टिकाए और बस एक ही बार में पूरा जड़ तक पेल दीए......पूजा के मुंह से एक हल्की सी दबी दबी चीख निकल गई और हम धक्के पे धक्के लगाने लगे.....कुछ देर की ठुकाई के बाद पूजा की चूत में लंड फसाए ही उसको पलट दिए और फिर पीछे से लंड अंदर बाहर करने लगे........पूजा मस्ती में अपने सिर इधर उधर घुमा रही थी कभी तकिए में सर घुसा रही थी.......पीछे से चूत मारने पे उसके चूतड मेरे सामने थे इसलिए अपने दोनो हाथो से उसको सहलाते सहलाते उनपे हल्के हल्के चांटे लगाने लगा और फिर उसकी गांड़ का छेद में अपना दोनो अंगूठा घुसा दिया और उसको फैलाने लगा......पूजा पीछे मुंह कर के देखते हुए सिसकियां लेने लगी जो अब हल्की हल्की चीखों में बदल रही थी पर हम उसपे ध्यान नहीं दीए और चूत में ठुकाई करते रहे......गांड़ में अंगूठे अब आसानी से थोड़ी अंदर तक जा रहा थे......इसलिए मैंने पूजा की चूत से गिला लंड निकाला और उसकी गांड़ के छेद पे टिकाया........पूजा समझ गई थी की आज ये सीमा भी हम लांघ ही जायेंगे.......इसलिए उसने अपना मुंह तकिए में घुसा लिया और इधर हम अपना लंड का दबाव उसकी गांड़ पे बढ़ने लगे.......और धीरे धीरे अपने लंड का टोपा उसकी गांड़ में डाल दिया......पूजा एकदम से अकड़ गई थी पर तकिए में दबी हुई कराह को हम सुन सकते थे.......पर आज लंड बगावत पे उतारू था.....मैने थोड़ा और दबाव बढ़ाया और लंड फिर थोड़ा अंदर घुसा.....अब हालत ये थी की लंड पे चारो ओर पूजा के गांड़ के छल्ले ने मजबूत पकड़ बना रखी थी.....ऐसा लग रहा था की लंड के चारो ओर कोई मोटा रबर बैंड बांध रखा है.......मैने कमर थोड़ा पीछे किया और लंड को थोड़ा तेजी से अन्दर की ओर धकेला......पूजा जो अभी तक उकडू हो कर लेटी हुई थी सीधी हो कर लेट गई और बगल में पड़े कंबल को अपने मुट्ठी में जोर से भींच ली जबकि हम उसके ऊपर गिर गए लंड मुड़ गया था बड़ा तेज दर्द हुआ मुझे क्युकी लंड बुरी तरह फसा हुआ था........मैने पूजा को फिर से उकड़ू किया और अपना लंड को उसकी गांड़ में एडजस्ट किया और फिर थोड़ा और दबाया....वो थोड़ा ही अंदर गया पर पूजा की दर्द भरी चीखे अब बढ़ने लगी थी..........इसलिए लंड को बाहर निकाल लिया लंड बाहर निकालते ही पूजा को जैसे मुक्ति मिल गई हो.......उसके मुंह से एक बड़ी वाली संतुष्ट होने की कराह निकली......और लंड को वापिस से पूजा की चूत में घुसा दिया.....और सटासट पेलने लगा......कुछ ही पलों में मैने अपना माल पूजा के पीठ पे निकाल दिया.......और फिर दोनो धम्म से बेड पे लेट गए और सांसे को काबू करने लगे.......कुछ देर बाद पूजा के ऊपर से हम उतरे और पूजा मेरे सीने ऊपर आ गई और सर घुमा कर लेट गई.....जबकि मेरा हाथ अभी भी उसके चूतड पे था........हम बोले कैसा लगा....वो अपना मुंह मेरे तरफ की और मेरे होंठ पे चूम ली और बोली आज भी आप मेरे दर्द के कारण नही किए ना.....हम कुछ नही बोले बस उसको अपने से और चिपका लिए वो बोली.....पर पता है जान आप थप्पड़ ही मार लिया कीजिए.....हम हस के बोले इसलिए तो थोड़ा सा ही डाले थे.....हमको तुम्हारा ख्याल है जान दर्द हुआ ना आज बहुत.....वो बोली इस दर्द के लिए तो हम हर बार तैयार है जान.....सन्डे की रात तक पूरा डाल देना आप.....हम बोले अच्छा पहले जब आगे का हिस्सा गया तो क्या महसूस हुआ.....पूजा मेरे कंधे में अपना चेहरा घुसाते हुए बोली हम तो तैयार हो रहे थे की आज कुर्बानी हो ही जाएगी.....हम बोले दर्द हुआ ना.....वो बस मेरे गर्दन पे चूम ली और बोली आप वो सब मत सोचिए.....है कदम पे हम आपके साथ है स्वीटहार्ट चाहे वो कुछ भी हो.....आई लव यू माय लव माई लाइफ माय जान माय समान.....
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रिप्लाई में हम बोले आई लव यू टू मेरा जान मेरा जहान.....फिर उसके बाद हम बोले अच्छा ये बताओ कपड़ा तुम यही एक लाई है मंडे तक यही पहनेगी....वो बोली हमको नहीं लगता की आपके होते हुए हमको कपड़ा का जरूरत पड़ने वाला है और हमको भी यही लगता है.....की हम कपड़ा पहनेंगे ही नही वैसे भी कही नही जा रहे हम और अगर जाना भी हुआ तो आप ही जाइयेगा वो भी केवल नीचे......हम बोले जान मेरा....वो बोली बस कही नबी जा रहे बस हो गया फैसला.....प्लीज ना जान प्लीज ना.....हम बोले अच्छा ठीक है पर कम से कम मंडे को मां के आने से पहले घर जायेगी ना कपड़ा बदलने.....वो बोली नही बैंक से आने के बाद बदलेंगे अगली सुबह.....हम बोले वो क्यू भला......वो बोली आपकी खुश्बू इसमें समेट के ले जायेंगे पागल......हम बोले हे भगवान क्या करे हम इस अल्हड लड़की का....वो बोली कुछ कीजिए ना जल्दी से अपनी मेहरारू बना के ले जाइए अपने पास.....हम बोले बस कुछ दिन और फिर सब ठीक हो जायेगा.......फिर दोपहर का खाना आया हम उसको रिसीव किए और फिर पूजा नंगी ही मेरे गोद में बैठी थाली पकड़ के और हम उसको खिआए और खुद भी खाए...... उसके बाद दोनो एक दूसरे से लिपट के सो गए.... शाम को दोनो की नींद खुली तो समय काफी हो गया था.....हो चली थी इसलिए हम फोन लगाए और खाना का बोल दिए और एक आइस क्रीम भी बोले चॉकलेट और स्ट्रॉबेरी उसके बाद पूजा फ्रेश होने गई और बाथरूम से वो बुलाई हमको और बोली जान पानी बहुत ठंडा है आप मेरे साथ रहिए कही ठंडा वंडा मार दिया तो.....हम उसको अपने गोद में उठा लिए और बोले ऐसे कैसे मार देगा.....फिर वो बाथरूम की और हम उसकी चूत को अच्छे से उंगली डाल डाल के साफ किए और ठंडा पानी का स्पर्श पाते ही पूजा के बदन में झुरझुरी उठ गई वो बोली गीजर से नहाएंगे कल हम बोले हा जान वैसे भी 12 बजे से पहले कौन नहा रहा है.....फिर हम उसको पलटे और उसकी गांड़ के छेद को भी अच्छे से धोए और इस बार उंगली करने पे पूजा उतना रिएक्ट नही की जितना करती थी.....फिर लगे हाथ उसकी चूचियों को भी भिगो दिए..... चूची पे पानी पड़ते ही वो बोली जान आप कुल्फी बना दीजिए मेरी पानी ठंडा है ना....ऐसे करते करते आप हमको नहला ही दीजिए......हम बोले नही जान हम है ना......फिर दोनो वापिस से बिस्तर पे आ गए और बिस्तर का जो दुर्गति हम दोनो किए थे ना.....वो देखने लायक था.......पर कोई ना पैसे भी तो भरे है.....फिर दोनो एक दूसरे से चिपके चिपके ही दोनो घरों पे बात किए हालांकि सुगंधा का मेसेज कब का आ गया था की मां आ गई है.....और हम अपने घर पे भी बात किए पापा मां तो जानते थे की हम पूजा के साथ है इसलिए उससे भी बात करवाए मां उससे पूछी की पहले ये बताओ की आज है क्या जन्मदिन या कुछ और पूजा पहले प्रणाम की और फिर बोली आज जन्मदिन है मेरा मां फिर वो आशीर्वाद दी और पूछी कैसा लगा पसंद आया की नही.....वो मां से बोली अच्छा है मां हम तो पहन भी लिए है....फिर पापा से बात हुआ वो भी पूजा को आशीर्वाद दिए और फिर बैंक की बात चली कुछ देर और फिर फोन कट गया जबकि हमरा खाना आने को था फिर हमने खाना खाया और फिर मैने और पूजा ने एक फिल्म देखनी शुरू की टीवी पे ही और बीच बीच में हमरा चुम्बन ब्रेक चलता रहता.....रात के साढ़े दस बजे के करीब में हमरा आइस क्रीम आया.....उसके बाद फिल्म गई भाड़ में और हमारी अलग ही फिल्म चालू हो गई थी......मैने वो आइसक्रीम पूजा की चूत में घुसाई और उसको वही से खाना शुरू किया जबकि पूजा ने मेरे देखा देखी अपनी आइसक्रीम मेरे लंड पे लगा दी और चूसना शुरू कर दिया.....एक तो तापमान कम ऊपर से आइसक्रीम का सितम अलग ही लेवल का मजा था.......नतीजतन कुछ ही देर में पूजा की सिक्सियो से कमरा गुलजार हो रहा था......आइसक्रीम से सराबोर लड़ाई खतम होने के बाद दोनो जने एकदम चिपचिपे हो गए थे जबकि हमारा बिस्तर भी गवाही में चीख रहा था की जालिमों तुमने अपने चक्कर में मेरी वाट लगा दी.....फिर हम पूजा को बाथरूम में जाने बोले जबकि हम कपड़े पहन के नीचे रिसेप्शन पे जा के बेड का चादर और कंबल बदलवाए फिर वापिस से दोनो जने आराम से गरम गरम पानी से नहाएं फिर जा के कंबल में घुसे और दोनो एक दूसरे से चिपक के सो लिए......
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