सुबह तकरीबन आठ बजे आंख खुली जब पूजा फोन पे बात कर रही थी मां से और मेरा लंड पे झुकी हुई थी और उसको सहला रही थी बीच बीच में उसको चूम भी रही थी और बात भी कर रही थी......हम उसको अपने पास खींचे तो वो आंखों से इशारा की....शांत रहने को.....तब तक हम उसके पीठ और चूतड को सहलाते रहे वो बड़े आराम से एक हाथ से फोन पकड़े हुए थी एक हाथ से लंड सहला रही थी.....बात करने के बाद पूजा मेरे को चूमी और बोली गुड मॉर्निंग जान.....हम भी उसको चूमे और बोले ऐसे गुड मॉर्निंग अगर रोज होने लगे तो जिंदगी का मजा ही आ जाए.....फिर हम टीवी ऑन किए....फिर दोनो कोई ऐसे ही लेटे रहे कंबल में और चैनल बदल बदल में कुछ से कुछ देखते रहे.....रूम कल रात से बंद था इसलिए रूम हमारा थोड़ा गरम था ठंड में जब पत्नी के साथ क्वालिटी टाइम बीतने का मौका मिले न तो बात ही कुछ और होती है
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......हम पूजा को बोले फ्रेश नही होना है वो बोली होएंगे ना दोनो कोई साथ में अभी कही नही जाना है.....अभी ऐसे ही सोने दीजिए अपनी जान के पास...फिर पता नही ये मौका खास कर ये वाला मौका कब हाथ लगे.....हम बोले बस कुछ दिन कुछ महीने और उसके बाद तो मेरी जान ऑफिशियली मेरी हो जायेगी वो हस के मेरे होंठो को चूम ली......फिर दोनो कोई थोड़ी देर और सोए फिर साढ़े ग्यारह बजे पूजा हमको उठाई और बोली चलिए फ्रेश हो लीजिए.....हम।बोले कितना बज रहा है वो बताई वो छोड़िए चलिए पहले फ्रेश हो लीजिए हम हो लिए है फिर दोनो साथ में नहाएंगे.....वो अभी तक नंगी ही थी.....हम पूजा को अपने ऊपर खींच लिए और सीधा उसके ताजा ताजा होंठो को अपने होंठो से चूसने लगे......और साथ में उसके चूतड़ों पे थप्पड़ लगाने लगे.....किस तोड़ने के बाद वो कराहते हुए बोली आह जान क्या हुआ सुबह सुबह इनको किस बात की सजा मिल रही है हम बोले उस वक्त तुम क्या बोली थी की साथ में जायेंगे बाथरूम और अभी क्या खुद फ्रेश हो लिए हा और फिर से दोनो चूतड़ों पे थप्पड़ लगाए.....वो कराहती हुई बोली जान अभी नहाएंगे ना साथ में आप भी ना हम उसके कान में बोले हमको पता है वो तो इनके उभार देख के रहा नही गया वैसे भी इनको लाल करने में अलग ही मजा आता है हमको.....जानती तो हो ही.....आई लव स्पैंकिंग देम.....वो बोली आपको मजा आता है और हमको सजा हो जाता है पर वो भी प्यारा सा.....हम बोले फिर तो और ले लो ये सजा.....फिर सटाक से उसके चूतड़ों को बजा दिए.....वो ऊहुहु कर के बोली गंदे आदमी.....फिर दोनो उठे साथ में और पूजा को अपने गोद में उठा लिए और बाथरूम में आ गए और उसको उतार कर गीजर चालू किया और फिर पूजा को शावर के नीचे खड़े कर के खुद से चिपका लिए और पानी चालू किया......गरम पानी शरीर पे पड़ते ही दोनो कोई एकदम मदहोश से हो गए और पूजा हमको एक बार फिर चूमने लगी......और हम उसके चुचियों को जोर जोर से दबाने लगे......और नीचे लंड महाराज पूजा की चूत के द्वार पे खड़े थे......मैने पूजा को घुमाया और दीवाल के सहारे झुका कर एक ही बार में पूरा लंड पूजा की चूत में घुसा दिया......पूजा के मुंह से एक मादक सिसकारी निकली और गरम पानी के मस्त एहसास के साथ साथ उसकी चूत बजाने लगे.....साथ ही साथ अपनी एक उंगली उसकी गांड़ के छेद में डाल दिया था......कुछ देर बाद ही मैने अपने दूसरी उंगली भी उसकी गांड़ में डाल दी और इस बार पूजा चिल्ला उठी आहह जान ओहह इससस क्युकी अंगूठे के मुकाबले उंगली ज्यादा अंदर तक घुसी थी ना.......पूजा मेरा भरपूर साथ दे रही थी......अगले कुछ मिनटों तक हम पूजा की चूत के साथ साथ उसकी गांड़ भी मारते रहे फिर लंड बाहर निकाले और पूजा को अपनी तरफ घुमाए घूमते के साथ पूजा ने अपने पैर थोड़े फैला लिए और मैने उसकी गीली चूत में एक बार फिर से अपने लंड को उतार दिया था और पूजा मेरे से चिपक गई और मेरे होंठो को चूसने लगी.......कभी वो मेरे होंठो को चूसती चबाती तो कभी मेरे गर्दन सिने पे चूमती इतने देर में पूजा दो बार झड़ चुकी थी........अब मेरे छूटने का समय आ गया था इसलिए मैंने पूजा की चूत से लंड बाहर निकाला और पूजा को नीचे बिठा दिया और वो तुरंत मेरे लंड को मुंह में ले कर चूसने लगी और मैं कुछ ही पलों में उसके मुंह में झड़ गया......फिर वो उठी जबकि पानी अभी भी चालू था पर हैरानी की बात थी की हम दोनो पानी से हट के खड़े थे हमारे बदन जो शुरू में भीगे थे उसके बाद पानी का नामोनिशान नहीं था हमपे......पूजा बोली बेचारा गीजर फालतू मे पानी बहाए जा रहा था हम दोनो हसे और फिर दोनो एक दूसरे से चिपक के नहाए फिर रूम में आए और पूजा थोड़ा सा अपना बाल सवारी और हम तब तक बिस्तर सही किए क्युकी रूम सर्विस को बुलाने वाले थे नही इसलिए.......फिर पूजा को हम अपना टीशर्ट दिए पहनने को वो बोली क्या जरूरत है हम बोले ठंड है अभी नहाई है पहनो फिर थोड़े देर बाद उतार देना फिलहाल पहन लो....फिर वो उसको पहन ली और मेरे गोद में आ कर बैठ गई हम बोले अरे खाना नही खाना है क्या......वो बोली खायेंगे ना पहले ये तो खा ले और मेरे होठों को चूसने लगी.......हम भी उसका भरपूर साथ दिए और चुम्बन के बाद हम बोले अभी बाथरूम में तो खाई थी......वो मेरे होठों पे उंगली रख के बोली इनसे मेरा मन नही भरता पगलू.....हम बोले और मेरा इनसे और एक थप्पड़ उसके चूतड पे बजा दिए......वो अपने सर को ऊपर उठा कर बोली आह जान......ठंडा है हम बोले है तो है वैसे भी हम है ना तुम्हारे पास गरम करने के लिए....चलो बताओ क्या खायेगी वो फिर से वही राग अलापी की जो आप मंगा लो......हम बोले नही आज का सारा खाना रात तक का तुम्ही मंगवाओगी......कल बर्थडे था फिर भी मेरे पसंद का खाई चलो आज मेरे को तुम्हारे पसंद का खाना है.......और ये बोल के उसकी चूची को टीशर्ट के ऊपर से दबा दिए.....वो मेरे हाथ से फोन ली और सिंपल चिकन करी और चावल सलाद का ऑर्डर दी.....हम बोले अरे रोटी भी मंगवा लो वो बोली नही चावल ही खायेंगे.....फिर बोले आज चले कही बाहर.....वो बोली आपको कल ही बोले थे कही नही जा रहे हमदोनो इस कमरे से बाहर निकल के.....सीधा मंडे को चलिएगा......हम बोले भक्क थोड़ा टहल के आते है ना जान क्या हो जायेगा.....वो मेरे चेहरे को अपने हाथो में थामते हुए बोली जान मेरा हम अभी कही जाने के मूड में नहीं है हमको आपके साथ समय बिताना है बस......वैसे भी आप ये तीन दिन का समय ले के हमको कितना सुकून दिए है आप नही जानते.......हम बोले ऐसा क्या हो गया था मेरी जान जो इतना बेचैन थी......पूजा बोली पिछले हफ्ते मां रात में बोल रही थी उस बनारस वाले लड़के के बारे में की एक बार और बात करेंगे शादी के लिए क्युकी उस लड़के का बाप पापा के पास पटना आया था तो मिल के गया है दहेज वगैरह का कोई डिमांड नही है इसलिए मेरे पापा मम्मी अलबाला गए है की बढ़िया घर परिवार है लड़का भी कानपुर में नौकरी कर रहा है और अपनी लड़की भी सेटल है सो करवा देंगे शादी और ऊपर से क्या चोचला लगाया है की लड़की शादी के बाद भी काम करे कोई दिक्कत नही है.....हम बोले ये तो परेशानी वाली बात है स्वीटहार्ट.....पूजा मेरे बालो में हाथ फेरते हुए बोली आप क्यू परेशान होते है जान मेरे.....अभी आप मेरे जवाब तो सुने ही नही की हम मां को क्या बोले......हम बोले क्या बोली होगी यही ना की अभी शादी वादी का कोई सीन नही है कुछ साल बस.......पूजा मेरे गाल पे चूमी और बोली ये तो बोलबे किए है बाकी ये भी जोड़े है की हम किसी को पसंद करते है पर वो करता है की नही अभी नही मालूम इसलिए फिलहाल शादी के लिए रेडी नही है हम......हम आंख बड़े कर के उसको बोले पगली फिर तो बवाल हो गया होगा.....पूजा बोली हा मां उस रात बहुत सुनाई पर उनको ये चीज का सुकून था की केवल हम पसंद करते है लड़का करता है की नही ये नही पता.....उसी रात पापा को फोन हो गया और हुआ कलेश खूब उसी रात हम बस शांति से यही समझाते रहे की अभी घबराने का जरूरत नहीं है काहे इतना लोड ले रहे हो दोनो कोई......पापा के मन में होगा की हम कही भाग वाग ना जाए......पर हम भरोसा दिलाए की ऐसा कुछ नही है मेरे मन में बस एक बार उसके तरफ से जवाब या इशारा मिल जाए फिर जो मन में आए करिएगा हम कुछ नही बोलेंगे......फिर दो तीन दिन तक मां पापा को समझाते समझाते मेरा माथा खराब हो गया......पर क्या करते धीरे धीरे ही सही अपने घर में भी बात करना ही है......

हम बोले की पापा मां को मेरे बारे में तो पता है नही वो बोली जान मेरे आप क्यू घबराते है बस आप जॉब लीजिए ना फिर तो बात को आगे बढ़ाएंगे.......फिलहाल मां पापा दोनो एग्री है मेरे बात से.......हम बोले क्या एग्री है......वो हस के बोली लड़का सरकारी नौकरी में हो तो पापा को कोई फिकर दिक्कत नही और जब पापा रेडी तो मां भी रेडी......आप टेंशन मत लिजिए सब सही है.....हम उसको गले से लगा के बोले पगली कहिंकी सब महाभारत तुम अपने लड़ ली है ना......हमको बताना जरूरी नहीं था......वो बोली जान मेरा कुछ नही हुआ है सब ठीक है अभी आपका आइडेंटिटी रिवील नही ना हुआ है बस एक छवि है जो अभी अंधेरे में है.....हम बोले कितना रोई उस दरमियान तुम हमको जरा बतलाना.....वो बोली अरे आपको पाना है हमको हम आंसू और चोट लड़ाई झगड़ा कुछ नही देखेंगे हमको बस आपको अपने साथ देखना है पागल मेरे......वैसे भी जितना प्यार हम आपसे करते है ना.....उतना प्यार आप हमको नहीं करते होंगे.....हम उसके बालो को खींच के बोले क्या मतलब तुम्हारा हम तुमको प्यार नही करते है हा......वो हस के बोली हम कब बोले ऐसा की नही करते है पर मेरे जितना नही कर सकते आप स्वीटहार्ट.....हम बोले अच्छा हमसे मुकाबला.....वो बोली जान ले लेंगे आपका ये सब सोचे तो को हम आपसे मुकाबला कर रहे है या आपको नीचा दिखला रहे है......हम आपसे प्यार करते है और आप हमसे बस बात खतम.......हम बोले अच्छा ये बात है फिर ठीक है......वैसे बताओ कितना रोए धोए मां पापा को समझाने में......वो बोली घर आए फिर खाना मिल के बनाए मां के साथ में और जब खाने बैठे तो मां ये बात छेड़ दी मेरा माथा फिर गया तो फिर आपका बात याद आया उस दिन जब मां पकड़ ली थी तो आप कैसे बात संभाले थे उसी तरह हम अपना बात बहुत आराम से रखे बस आपका नाम नही लिए......फिर तो खाते खाते ही बवाल हो गया पापा तो इतना गुस्सा हो गए थे की एक पल के लिए हम भी डरा गए थे की आज हुआ कांड पर आपका नाम तो बताए ही नही थे तो इस बात का डर नही था पर भगवान जी साथ दिए और दू दिन में हम पापा को मनाए मां बात ही नही करती थी हम बैंक जाने के बाद पापा को बहुत कॉल करते थे...... जब मौका लगे पापा को कॉल फिर पापा भी मेरा हाल समझे जब उनको भरोसा दिलाए की अगर हम अपने बात में कामयाब नही हुए फिर जो आप कहे सो हम करेंगे फिर वो माने.......फिर पापा मां को समझाए तब कही बात नॉर्मल हुआ पर अभी भी मां थोड़ी थोड़ी उखरी रहती है शायद इसीलिए इस बर्थडे पे उतना प्यार नही मिला.....पर मेरे भगवान है ना सब देखते रहते है और इसीलिए आपको भेज दिए मेरे पास......कसम से जब आप कॉल किए थे ना शाम में की कल आ रहे है रहेंगे तुम छुट्टी के लिए बोल देना तो आपको बता नही सकते हम कितने खुश थे......

हम बोले बहुत अच्छा ऐसे ही करना कुछ भी बात हो तो अपने तक ही रख के सब झेल लेना और कुछ हो जायेगा ऊंचा नीचा तो हमको पता है नही चलेगा......वो बोली जान मेरे हम आपके संग रहते रहते इतना तो स्ट्रॉन्ग हो ही गए है की खुद से हम कहा तक बात संभाल सकते है जानते है फिर जब नही संभलेगा तो आप है ना मेरे मोटो.....
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इतने में खाना वाला आ गया फिर हम पूजा को बोले कंबल में जाओ हम खाना लेते है और हम अपना शर्ट पहने और गमछी लपेटे और खाना रिसीव किए उसको बोले भी की इतना लेट क्यू किए तो वो बोला सर बन कर तुरत लाए है......फिर दोनो कोई खाना खाए क्या खाना था मजा ही आ गया....... टेस्टी था दोनो दम भर खाए और फिर हम पापा को फोन किए की धनबाद पहुंच गए है आते है मंडे को......इधर पूजा सब ताम झाम हटाई बिस्तर पे से और फिर दोनो कोई लेट गए पूजा नीचे से नंगी थी और हम सिर्फ गमछी में.....बिस्तर में घुसने के बाद वो भी निकाल दिए हम और पूजा से लिपट गए.....हम पूजा से बोले अच्छा एक बात बताओ अगर मेरा जॉब नही लगा तो क्या करेगी शादी कर लेगी उस इंजीनियर बाबू से......वो उठ कर बैठ गई और बोली आपका दिमाग खराब हो गया है क्या......जॉब नही भी लगा तो क्या हमको आप बिना जॉब के इतना खुश रख सकते है तो फिर जॉब लग जायेगा तो कितना खुश रखिएगा......और उस इंजीनियर के जने का जिक्र मेरे साथ जोड़ कर दुबारा मत कीजिएगा हम आपको बतला दे रहे है
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आपके नही हुए तो किसी और के नही होंगे समझे आप.....हम माहोल हल्का करने के लिए मजाक में बोले अच्छा अगर हम किसी और के हो गए तब......वो मेरे ऊपर लेटते हुए बोली हमको बुद्धू समझे है क्या की उकसाने के लिए हमको ये सब बोल रहे है आप......एक बात बोले आप जो भी कर लो इतना तो पक्का यकीन है हमको की आप यानी की मेरे सुमित अपनी पूजा को दगा देने का सोच भी नही सकते कभी और दगा देना तो दूर का बात है.....और अगर फिर भी किस्मत कुछ ऐसा वैसा खेल खेल गई हमारे साथ तो आपका नही अपना बता देते है खुद को खत्म करने के अलावे मेरे पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है और ये मत सोचिएगा की अपना जीवन लीला खतम करने से पहले हम डरेंगे या कुछ सोचेंगे जिस वक्त जिस पल आपसे मेरा ये साथ टूट जायेगा उसके बाद इस धरती पे पूजा उतना ही देर रहेगी जितना देर उसको खुद को खत्म करने में लगे उसके बाद नही......

ये बात वो इतनी गहराई और दृढ़ निश्चय के साथ हमको बोली की हम मान गए की अगर हम नही मिले इसको तो ये कुछ भी कर लेगी......फिर उसको हम अपने सीने से चिपटाते हुए बोले एकदम पगली है तू पगली.....वो गुंगियाई हुई आवाज में बोली हम्म आपके लिए है और कुछ के लिए नही.....फिर वो सर उठाई और बोली अगर आपका जॉब नही लगा ना स्वीटहार्ट तो हम तो कर ही रहे है और अपना जो सेविंग्स होगा उससे कुछ बढ़िया सा धंधा शुरू कर लेंगे दोनो कोई मिल के फिर देखना और वैसे भी ये नौकरी आपके बदौलत हमको लगा है मेरे लकी चार्म है आप तो आपका खुद का जॉब कैसे नही होगा.....जरूर होगा आप टेंशन मत लिजिए.....देखिए कुछ भी करते करते हमलोग एक साल कंप्लीट करने पे है और आपका एग्जाम भी है अगर सब कुछ सही रहा फिर तो दूसरे साल जाते जाते आपको ऑफिशियली अपना बना लेंगे हम......हम बोले हा जान पर डर भी लगता है की कही अगर फेल हो गया तो फिर क्या करेंगे वो बोली भक्क तेरी की आप तो और है अभी ये वाला एग्जाम तो इंटर पास पे है ना ग्रेजुएशन कंप्लीट होने के बाद आप दोगे ना बैंक वाला फिर.....टेंशन क्यों लेते है...हम बोले अरे पगली पापा मां तुम्हारे इतना इंतजार करेंगे.....वो हस के बोली पगलू हम है ना फिर काहे का लोड लेना आप बस अभी अपने लक्ष्य पे ध्यान दीजिए और और और और हमको भी साथ में अपने प्यार के रस में सराबोर रखिएगा......अगर उसके कमी किए ना तो आपके ऊपर ऐसे ही चढ़ जायेंगे और वो ये बोल के मेरे ऊपर चढ़ गई और ऐसे ही आपका रस निचोड़ लेंगे और ये बोल के वो मेरे को एकदम वाइल्ड वाला किस करने लगी.....मेरा हाथ उसके नंगे चूतड़ों पे आ गया और हम दोनो एक मस्त चुम्बन में खो गए.......किस तोड़ने के बाद पूजा उठते हुए बोली जान वो समय कितना खूबसूरत होगा जब आपके इन होंठो का रस पीने का मौका रोज सुबह रोज रात मिलेगा......जब मन होगा आपको हम गले लगा लेंगे जब आप काम से घर आइएगा तो आपके गोद में चढ़ के चूम लेंगे और आप भी कम थोड़े है आपका भी जब मन होगा इनको लाल कर दीजिएगा......हम हस दिए और बोले वाह मतलब तुम साइड साइड से पूरा वर्चुअल जिंदगी जी रही हो इमेजिनेशन में है ना......वो बोली आप को पता नही अपना बाल बच्चा भी है उस दुनिया में.....
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हम उसको वापिस अपने ऊपर झुका लिए और उसके आंखो पे चूम लिए और उसको बोले बताना बच्चा लोग को की उनका बाप आज उनको पहली बार चूमा है......वैसे उनका नाम क्या रखी हो तुम......वो आंखे घुमा कर कुछ सोची और बोली वो जिम्मा दादा दादी नाना नानी का है अभी तो हम लल्ला लल्ला ही बुलाते है
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फिर हम दोनो हस दिए जोर से......हम बोले सब कुछ अच्छा रहा तो जल्दी ही ये सब सच हो जायेगा हकीकत में जीयेंगे हम दोनो
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पूजा बोली हाय कितना अच्छा होगा सब कुछ.....फिर वो मेरे ऊपर से उतर गई और मेरे बगल में लेट गई फिर दोनो कोई थोड़ी देर सो लिए......शाम को जब मेरी नींद खुली तो मैंने पूजा को भी उठाया और बोला चाय पिएगी वो बोली हा फिर हम फोन कर के नीचे बोल दिए.......पूजा उठी और बाथरूम से फ्रेश हो के आई और वो अभी भी बस टीशर्ट में ही थी.....हम बोले टेडी बियर को यहां ले आओ हमारे बीच में थोड़ा सा घमासान युद्ध का गवाह बनेगा फिर तो जा के उसमे हमारी खुशबू समाएगी......पूजा हस के बोली हा जान ये तो हम सोचे ही नही थे......पर फिर भी बात तो वही रहेगी कोई खिलौना विलौना आपका जगह नहीं ले सकता.....इतने में हमारी चाय आ गई हम वापिस से गमछी लपेटे और चाय लिए.....और दोपहर वाला बर्तन सब वापिस किए वेटर बोला सर रात का खाना का ऑर्डर बतला दीजिए हम पूजा से वही से पूछे तो वो बोली पनीर चिल्ली और रूमाली रोटी या फिर बटर तवा रोटी फिर हम उस वेटर को क्वांटिटी बतलाए और वो चला गया......कमरे में हम दोनो ने चाय का लुफ्त उठाया और उसके बाद फिर दोनो कोई कंबल में घुस के टीवी देखने लगे......राज पिक्चर आ रही थी एक चैनल पे अभी कुछ देर हो चली होगी सो हम बोले यही देखते है पूजा बोली नही भक्क हमको डर लगता है ये नही फिर रात को हम सो नही पाएंगे.....हम बोले गधी कहिंकी रात में सोने कौन दे रहा है तुमको और वैसे भी हम है ना फिर काहे घबराती है.....वो बुरा सा मुंह बना के बोली बै जान प्लीज ना पर फिर भी मेरे जिद के आगे पूजा मान गई और हमने वो पिक्चर देखनी शुरू की उसमे जब जब कोई डराने वाला सीन आता तो पूजा मेरे से चिपट जाती इसलिए हम पूजा के कंधे पे हाथ रखे और उसको टीशर्ट के गले से अंदर घुसा लिए और उसकी चूची को अपने पंजे के आगोश में ले लिए और निप्पल से खिलवाड़ करने लगे.....पूजा बोली ऐसे करिएगा तो पिक्चर हम देख लिए.....हम बोले पगली डरने नही देंगे तुमको हम है ना फिर वो मेरे कंधे पे अपना सर रखी और देखने लगी जबकि मेरा हाथ उसके चूची पे ही था......जब आपके प्यार में हम सवरने लगे गाना आया तो पूजा मेरा हाथ निकलवाई और खुद से अपना टीशर्ट उतार दी और मेरे कमर पे बंधे गमछी को खोल दी और हमसे एकदम चिपक के लेट गई हम बोले क्या हुआ वो कुछ बोली नहीं बस सीने पे चूम ली और गाना सुनने लगी......पर हम तो ठहरे हम पड़ाक से उसके चूतड पे एक हाथ दे मारे वो चिहुंक के मेरा हाथ पकड़ ली और बोली जाआआन गंदे कहीके.....हम बोले क्या हुआ बताओ तो अब देखो इनसे मेरा मन ही नही भरता क्या करू.....वो मेरी तरफ देखी और हमको चूम ली मेरे गाल पे और हाथ पकड़ के अपने चूतड पे ही रख ली बोली पगलू हम गाना देख के आपसे चिपके थे....
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ताकि आप उस हीरोइन के लटके झटके नही देखे हम्पे ध्यान हो जाए आपका......आप ऐसे ऐसे किसी को देखिएगा तो हमको अच्छा थोड़े लगेगा......
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हम बोले हे भगवान.....वो बोली हा नही तो क्या हे भगवान कोंची हम है ना......आपकी हीरोइन.....हम बोले हा जान तुम ही तो हो क्या तुम भी वो बोली चलिए ना ज्यादा बनिए मत किस वाले सीन में हम देखे आप कितने जोर से मेरे पीछे दबाए थे.....और ये बोल के वो मेरे लंड को सहला दी अपने हाथ से बड़ा फुदक रहा है.....उपाय कर लीजिए ना इसका हम बोले अरे वाह मतलब मैडम खुद मूड में है और इल्जाम हम्पे दिया जा रहा है की हम हीरोइन देख रहे थे.....फिर हम उसको चूमने लगे और फिल्म गई भाड़ में और बस मेरे इसी कदम का पूजा जैसे वेट कर रही थी......किस करते करते वो मूझपे सवार हो गई और खुद अपने हाथ से मेरे लंड को अपने चूत के मुहाने पे सेट की और हल्का सा दबाव दी और पक्क से लंड उसकी चूत में समा गया......ये आभास होते ही हम नीचे से करारा झटका मारे और पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया......पूजा हल्की सी कराही और अपनी कमर खुद से हिलाने लगी.....और किस तोड़ के मेरे गर्दन और चेहरे पे चूमने लगी.......हम पूजा के चूतड़ों को थामे हुए उसके ऊपर नीचे होने में मदद कर रहे थे.....कुछ देर बाद जब पूजा थक गई और उसकी उछलने की चाल ढीली पड़ने लगी तो उसको हम अपने ऊपर से उतार कर बिस्तर पे लिटाना चाहे पार वो उकड़ू हो गई जिससे उसकी चूत और गांड़ दोनो छेद मेरे सामने आ गए......मैने उसकी खुली हुई चूत और गांड़ को एक बार ऊपर से नीचे तक चाट लिया जिससे पूजा सिसक गई और फिर लंड घुसाने से पहले उसके चूतड़ों को मैने एक बार बजाया तो पूजा की मादक सिसकारी निकली........और फिर उसकी चूत में लंड घुसाया और उसके बालो को मुट्ठी में पकड़ कर उसके चेहरे को अपने तरफ घुमाया और उसके होंठो को चूसने लगा और अपने लंड को पिस्टन के जैसे उसकी चूत में चालान शुरू किया कुछ ही पलों के बाद लंड को पूजा की चूत से निकाल कर उसके गांड़ की छेद पे टिकाया और बालो को छोड़ उसके कमर को पकड़ा और लंड तो पहले से ही गिला था सो आराम आराम से लंड को अंदर घुसाया.....लंड अपनी गांड़ पे महसूस होते ही पूजा नीचे झुक गई थी और टोपा अंदर घुसते ही पूजा एक तेज सिसकारी ली और पास में पड़े तकिए को खिंच कर उसमें अपने मुंह को दबा ली और इधर मैंने थोड़ा सा और जोर लगाया और लंड को और भीतर तक घुसा दिया.....ये दूसरी बार था जब मेरे लंड में दर्द हो रहा था.......इसका एहसास पूजा को भी था क्युकी वो हमसे ज्यादा दर्द में थी......हम उतना लंड घुसाए ही रुके और पूजा के पीठ पे झुक के चूमे और फिर एक करारा झटका मारा और पूरा लंड गांड़ की जड़ तक घुसा दिया......पूजा के साथ साथ हमको भी एक तेज दर्द का एहसास हुआ और हम दोनो एक साथ चीख पड़े पर पूजा की चीख तकिए में दब गई और हम फिर से कुछ पल रुके और फिर लंड को पूजा के गांड़ के मुहाने तक खींच लिया साला बाहर खींचने में भी दोनो को दर्द हुआ पर अब ओखल में सर दे ही दिया था तो मूसल से क्या डरना......हम लंड को मुहाने पे रख के ही पूजा के पीठ पे झुके और अपने दोनो हाथ उसकी झूलती हुई चुचियों पे ले गए आर उनको थामे और निप्पल को हल्के हल्के उमेठेते हुए उससे पूछे जान निकाल लू क्या......पूजा कुछ बोली नहीं बस तकिए में ही अपने सर को ना में हिला दी और हम वापिस से उसकी पीठ पे चूमे और लंड को फिर से धीरे धीरे हल्के हल्के झटके देते हुए उसकी गांड़ में अंदर तक उतार दिए....अब लंड थोड़े आराम से अंदर जा रहा था इसलिए दर्द थोड़ा कम था पहले के मुकाबले पर पूजा डार्लिंग को दर्द अभी भी हो रहा था.....पर अब ना वो पीछे हटने वाली थी ना ही हम....इसलिए अब थोड़े आराम आराम से धक्के लगाने चालू किए और लंड गांड़ में होने के साथ साथ अपने हाथ की दो उंगलियां पूजा की चूत में घुसा दिया और ये दो तरफा हमला कुछ ज्यादा ही असर दिखलाई और नतीजतन पूजा की दबी दबी चीख सिसकियों में बदल गई और पूजा अपना मुंह तकिए से निकाल कर अपनी पहली गांड़ चुदायी का आनंद लेने लगी और मस्ती में आह जान उम्म ओह आह हम्मम जाआन ओह जैसी आवाजे निकलने लगी........इधर पूजा की गांड़ चोदते चोदते दस मिनट होने को थे.....मैने पूजा के बालो को वापिस मुट्ठी में भरा और लंड को धीरे धीरे ही उसकी गांड़ के हर कोने से वाकिफ करवाने लगा.....और फिर अपना पानी उसकी गांड़ में छोड़ दिया......इधर अपनी उंगलियां उसकी चूत में सटासट अंदर बाहर कर रहा था मेरे झड़ने के बाद पूजा भी झरझरा कर झड़ गई.....और धम्म से बिस्तर पे सीधी लेट गई जबकि हम उसके ऊपर ही मेरा लंड छोटा हो कर गांड़ से बाहर निकल कर उसके चूतड़ों के बीच फसा पड़ा था.....बिस्तर पे गिरने के बाद जब दोनो कुछ हद तक शांत हुए तो हम पूजा के कंधे पे चूमे और अपना एक हाथ नीचे ले जा कर उसके एक चूतड पे रखे और उसको हल्के से दबाए तो पूजा कराह के हस्ते हुए मदहोशी भरी आवाज में बोली हाहहा जाआआन गंदे कहीके आखिर आप हमको एक बार फिर अपने प्रेमरस से सराबोर कर ही दिए.......और वो चेहरा घुमा कर हमको एक किस कर ली.....और फिर वापिस बिस्तर पे सर रख ली.....हम बोले तुम तो तब से मेरी हो गई थी जब तुम हमको आई लव यू बोली थी पहली बार समझी उसके बाद हम दोनो खुद को अपने रिश्ते को मजबूत बनाते गए पगली......पर आज तो तुम्हारे सुमित ने तुमको बहुत दर्द दिया ना.....वो ये सुनते ही फटाक से मेरे तरफ मुड़ी और हमको अपने ऊपर एडजस्ट करते हुए बोली आप अभी बोले सो बोले दुबारा ये मत बोलिएगा समझे वरना हम आज तक आपसे गुस्सा नही हुए है पर ऐसे बोलिएगा तो हो जायेंगे बार बार आप ये क्यू बोलते है जान........हमको अच्छा नहीं लगता है.....हम हस के बोले अच्छा तो मैडम अब हमसे गुस्सा भी हो सकती है फिर तो मनाने का भी प्रैक्टिस करना पड़ेगा......फिर हम दोनो हस दिए....और वो जोर से हमको अपने आलिंगन में ले ली और मेरे कान को अपने मुंह में ले के बोली आई लव यू जान......हम भी उसको आई लव यू टू बोले फिर पूछे की खाना मंगवाते है......वो बोली भक्क जान अभी तो खाए थे अब रहने दीजिए.....हम बोले अरे नही भूखे नही रहना है जान वैसे भी आज शरीर की अच्छी खासी मरम्मत हो गई है अपनी.....और ऑर्डर तुमसे ही पूछ के दिए था वो वेटर को भूल गई.....वो बोली अरे हा हम ही मंगवाए है खाना और हम ही मना कर रहे है.....ये न सब आपके चक्कर में हो रहा है आप इतना ना हमको डूबा देते है अपने में अपने प्यार में की सब भुला जाते है हम.......
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हम बोले अच्छा हम ऐसा कुछ नही करते है हम तो सीधे साधे लड़के है हमको बदनाम मत करो....फिर हम दोनो हस दिए और हम पूजा के ऊपर से उठे और मेरा लंड छोटा हो कर अपने माल से गिला हुआ पूजा के चूतड़ों से बाहर निकला....हम उसको पास पड़े अपने गमछे से पोंछे और साथ ही साथ पूजा के चूतड़ों को फैलाए.....उसके चूतड़ों को फैलाते ही पूजा सिसक उठी हम बोले दर्द है ना वो वापिस अपने तकिए में मुंह घुसाते हुए सर हा में हिलाई पर हम चूतड़ों को धीरे से फैला कर उसकी गांड़ को भी पोंछे फोन नीचे लगाए और खाना लाने के लिए बोले और साथ ही साथ गरम पानी भी मांगे........ताकि उसकी गांड़ को थोड़ा सेक दू........पूजा बोली गरम पानी क्यू हम बोले सिकाई कर देंगे थोड़ी तो आराम मिलेगा तुमको जान.....वो धीरे से पलटते हुए उठी तो उसको फिर एक तेज दर्द हुआ उसकी गांड़ में और वो दर्द उसके कमर तक असर किया जिससे पूजा हल्के से चीखी तो हम बोले अरे थोड़ा शांत रहो ना सेक देंगे फिर उठना.....वो बोली जान फ्रेश होयेंगे थोड़ा.....हम बोले क्या हुआ सुसु जायेगी क्या....वो सर हा में डोलाई.....हम उसको बिस्तर के किनारे पे खींचे और अपने गोद में उठा लिए.....गोद में उठाने पे भी वो सिसकी हम बोले आई एम सॉरी जान....वो बोली आप नही मानिएगा है ना.....फिर उसको बिना आवाज किए सॉरी का इशारा किए और उठाए हुए उसको बाथरूम में ले गए.....वो बोली नीचे उतारिए हमको......हम बोले रुको तो सही उसको थोड़ा सा नीचे जमीन पे उतारे और उसके पीठ के साइड से उठा लिए अब पूजा का चेहरा सामने की ओर था.....मैने उसके दोनो टांगो को चौड़ा कर दिया जिससे उसकी चूत के लब खुल गए.....हम बोले अब करो वो बोली जान नही आप नीचे उतारिए हम कर लेंगे.....हम बोले अरे करो ना.....क्या हो गया.....वो बोली नही जान ऐसे में सब आपके पैरो पे लगेगा फिर नहाना पड़ेगा हम बोले नही नही नहाना पड़ेगा.....हम बोले करेगी या नौटंकी करेगी.....करो तुम....पूजा मेरे तरफ देखते रही और उसके पेशाब की धार नाली में गिरने लगी......और पेशाब की एक भी बूंद मेरे हाथो पे नही पड़ी ना ही इधर उधर फैली.....फिर पूजा को नल की तरफ घुमाए और बोले नल खोलो वो नल खोली और हम उसकी खुली हुई चूत को नल के ठंडे पानी से भिगोने लगे.....ठंडे पानी का स्पर्श पड़ते ही पूजा के मुंह से आह निकल गई.....फिर पूजा अपने हाथ से अपनी चूत को धोई.......चूत को अच्छे से धोने के बाद फिर हम उसको जमीन पे उतारे.....इस बार पूजा नॉर्मल थी हम उसकी गांड़ की दरार पे हाथ फिराए और पूछे दर्द नही हो रहा वो बोली जान अभी तो खड़ी हु इसलिए नही पता चल रहा वैसे भी आप उठा रखे थे तो दर्द कहा से होगा......फिर वो मेरे लंड को भी धोई और अपना मुंह पे पानी मारी.....उसके बाद हम एक चुल्लू पानी पिए फिर मूते जब तक पूजा वैसे ही खड़े रही.....फिर हम उसको वापिस अपने गोद में उठाने के लिए बोले तो वो बोली जान चल के जायेंगे गोद में नही.....हम बोले फिर दुखेगा तुमको जान.....वो अपने दोनो हाथ मेरे गर्दन पे रखते हुए बोली कोई दर्द नही है हमको.....वो तो मीठी सी निशानी है जो आप मेरे को देते रहते है समय समय पे......फिर वो चलने का कोशिश की तो उसको दर्द हुआ तो वो मेरे हाथ पकड़ के अपने पीछे कर ली और बोली अगर गिरी तो आप संभालना.....हम फिर से उसको अपने गोद में उठा लिए और बोले गिरने कैसे देंगे उससे अच्छा है उठा के ले चलते है.....वो बोली नही जान चलने दीजिए ना फिर उसको उतारे और वो धीरे धीरे चलते हुए बेड पे आ गई.....हम पूछे क्या हाल वो बोली सब ठीक है पागल कल तक और ठीक हो जायेगा वैसे भी आपसे चिपक के सोएंगे ना तो मेरा बॉडी सेल्फ हील मोड में चला जाता है......हम बोले वाह ये हो हमको पता ही नही था........तभी हमारा खाना आ गया हम वापिस अपना गमछा लपेटे और पूजा को कंबल में घुसने बोले और खाना रिसीव किए और वेटर गरम पानी भी लाया था वो दे कर गया हम रूम में वापिस मुड़े तो पूजा अपना कंबल हटा कर उल्टी लेट गई थी हम बोले अभी तो कोई कह रहा था कि दर्द वर्द नही है......वो हस के बोली गंदे कहीके मारेंगे ना.....हम बोले अभी तो मारे थे.....
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पूजा
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बोली चलिए खाना ठंडा हो जाए इससे पहले ये काम खतम कीजिए जान फिर हम अपने गमछे को खोले और बिस्तर के किनारे वो पूजा को खींचे और उसके चूतड़ों को धीरे धीरे फैलाए और उसकी गांड़ की सिकाई की......पहला गरम स्पर्श पड़ते ही पूजा आह की.....जैसे उसको बड़ा आराम मिला हो.....है उसके छेद को देख के बोले पहले के मुकाबले थोड़ा फैला हुआ लग रहा है.......वो कुछ नही बोली फिर हम बोले अच्छा लाओ तो इसमें उंगली डाल के देखते है.....वो चिहुंक के पीछे मुड़ी और हमको देखी.....हम बोले अरे इतना घबराहट.....वो बोली तो कुछ नही पर उसकी आंखे बयान कर रही थी की प्लीज अभी नही.....हम बोले रिलैक्स मेरा जान हमको पता है हम तो तुम्हारी टांग खींच रहे थे अरे नही सॉरी गांड़ खिंच रहे थे.....
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पूजा बोली गंदे कहीके.....फिर कुछ देर सिकाई करने के बाद पूजा को आराम महसूस हुआ और वो उठ के बैठी और बताई की जान दर्द बहुत हद तक कम हो गया है.....हालांकि अभी दर्द था पर पहले से थोड़ा कम.....पर अभी अच्छे से चलने में उसको दिक्कत होती क्योंकि खाना खाने के बाद भी पूजा चलने में मेरा सहारा ले के ही बाथरूम गई थी........हाथ धो कर वापिस आने के बाद पहले हम टीवी बंद किए फिर पूजा मेरे बाहों में सिने पे सर रख कर लेट गई और घर पे फोन लगाई कुछ देर बात की फिर हम अपने घर पे बात किए उसके बाद दोनो कोई सो गए......

अगली सुबह हम उठे तो पूजा अभी भी सोई थी हम उसके माथे पे चूमे और उसके बालो को सहलाते हुए उसको आवाज लगाए जान मेरा उठ जाओ सूरज सर पे चढ़ आए है और ये बतलाओ की दर्द कैसा है तुम्हारा ऑल ओके या नही.....फिर घर पे फोन भी घुमा लो एक बार....पूजा अपनी आंखे खोली और बोली हाय जान क्या मस्त आवाज लगाए है आप उठाने को काश ऐसे ही रोज हमको चूम के उठाते आप.......हम बोले जरूर मेरा जान टेंशन क्यों लेती है जल्द ही वो समय भी आएगा वो मेरे सीने पे सर रखते हुए बोली जान जब....हम बोले जल्द ही....चलो अब ये बताओ कैसे है और अपने हाथ उसके चूतड़ों पे सहला दिए और चूतड़ों में दरार पे ऊपर ऊपर से ही उंगली फिराते हुए पूछे......पूजा बोली अभी ठीक है चलने के बाद मालूम चलेगा फिर हम उठे और उसके होठों को चूमते हुए दोनो बाहें पकड़ के उसको भी उठाए और फिर पूजा खड़ी हुई और चली.....एंड येस वो काफी हद तक नॉर्मल हो गई थी.....पर दर्द अभी भी थोड़ा था हम बोले चलो कोई ना नहाएगी तो वो भी चला जायेगा......फिर पूजा बाथरूम में फ्रेश हुई जब तक हम घर पे बात कर लिए और नाश्ते के लिए नीचे बोल दिए...... फिर पूजा के आने के बाद हम भी फ्रेश हुए जब तक वो अपने घर पे बात कर ली.......और उसके बाद दोनो कोई साथ में नहाए फिर हम बोले आज घूमने चलते है.....वो बोली अरे क्यू और यहां कहा जायेंगे घूमने.....हम बोले तिलैया डैम जान बगल में ही है आज घूम आते है वैसे भी तुम्हारे साथ घूमने का अलग ही मजा है फिर क्या पता ऐसा मौका कब हाथ लगे क्युकी यहां से जाने के बाद हम एग्जाम का तैयारी में लगेंगे......पूजा बोली अच्छा ठीक है चलिए.....हम बोले तुम्हारा मन नही है ना.....वो ना में सर डोलाई और बोली पर आपके लिए हम चलेंगे....हम बोले हे भगवान नही जाने का मन तो कोई बात नही.....वो तुरंत मेरे से चिपट गई और मेरे बालो में हाथ फिराते हुए बोली पगलू हम मजाक कर रहे थे चलिए चलते है......हम बोले पक्का ना मन से बोल रही की बेमन से वो बोली जान आप भी ना चलिए.....हम फिर उसको बोले पक्का....वो बोली उउझ्हु बै जान फिर दोनो तैयार हुए पूजा अपने बर्थडे के दिन वाला ही कपड़ा पहनी और हम दूसरा कपड़ा क्युकी हम कपड़े ले कर आए थे......उसके बाद हम दोनो नाश्ता कर के बाहर निकले बाहर निकले तो पूजा धीरे धीरे ही चल रही थी हम उसको कान में बोले गोद में लू क्या जान.....वो बोली काश कि रोड पे कोई नही होता तो आपके बोलने से पहले ही हम चढ़ जाते आपकी गोद में.....फिर हमने एक ऑटो रिजर्व किया और निकल पड़े अपनी मंजिल की ओर.......वहा पहुंचे के बाद घूमते हुए हमने बहुत सारी फोटोज खींची पूजा अब नॉर्मली चल पा रही थी उसका दर्द अब लगभग खत्म हो चुका था.......फिर घूमने के दौरान कई जगहों पर पूजा और मैने एक बार फिर अपने अंतरंग पलों को जिया
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दोपहर में समोसे ही खा कर काम चलाए हम दोनो...... और फिर शाम होते होते हम वापिस लौट आए......दिन भर घूम घूम के इतने थक गए थे की क्या बताए कुछ और करने की ताकत ही नही बची थी.....आने के बाद हम और पूजा फ्रेश हुए पूजा फिर से नंगी हो गई......हम उसको पहले बिस्तर पे उल्टी लिटाए और उसके चूतड़ों को फैला कर गांड़ का छेद का मुआयना किए.....मेरे फैलाने से पूजा को दर्द नही हुआ.....पूजा बोली जान हम ठीक है आप टेंशन मत लिजिए......फिर हम उसको बोले कंबल में घुसो और हम खाना मंगवाए फिर दोनो ने जम के खाना खाया और अपने अपने घर बात किया.....हमसे पापा बोले कल आ रहा है ना हम बोले हा पापा पहुंच रहे है कल......

सोने से पहले दोनो कोई एक दूसरे को किस किए और पूजा की चुचियों को थोड़ी देर तक चूसे........और मेरी उंगलियां उसकी चूत की गली में घूम रही थी........और वो मेरे लंड को सहलाते हुए बोली ये बाबूसाहब तो कल से अकेले हो जायेंगे....हम बोले कोई नही अभी इसका कोटा पूरा हो गया है बेचारा अभी कुछ दिन चला लेगा वैसे भी इस हफ्ते के अंत में तुम पटना आएंगी ही ना जान तो वो बोली हा जाना पर अभी उसमे बहुत दिन है और ये तीन दिन कितनी जल्दी बीत गया काश फिर से वो वक्त मोड़ पाते......हम बोले अरे मेरा करेजा काहे दुखी होती है हम कही दूर थोड़े जा रहे है और देखना हम पटना में भी मिलेंगे तो कही चलेंगे और इस बार हम कुछ जुगाड बैठा लेंगे टेंशन मत लो तुम.....वो बोली जान सच में हम बोले हा रे पगली.....फिर दोनो कोई एक दूसरे से चिपक के सो गए.....
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सुबह हमसे पहले पूजा उठी और उठ कर मेरे लंड को चूसने लगी तो मेरा नींद खुल गया......हम उसके मुंह को अपने लंड पे दबाने लगे तो वो और अच्छे से तेज तेज चूसने लगी.....और कुछ देर चूसने के बाद हम उठे और पूजा को खींच के सीधा लिटाया और उसने अपनी दोनों टांगे फैला दी......और मैने एक ही बार में पूरा लंड पूजा की चूत में पेल दिया......आह सुबह सुबह चुदायी का मजा ही कुछ और होता है वो भी खास कर ठंड में......पूजा एकदम चिपट के अपने दोनो पैर मेरे कमर पे लपेटे हुए और अपने दोनो हाथ मेरे पीठ से होते हुए मेरे बालो को नोच रही थी और मादक सिसकियां ले रही थी.......हमारी चुदायी पूरे शबाब पे थी आज.......जबकि हम पूजा के होठों को अपने होंठो के आगोश में ले कर चबाने लगे......मेरे जोरदार झटको से पूजा एक बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी समय नजदीक था......इसलिए झटको की रफ्तार और बढ़ा दी और पूजा के ऊपर से उठ कर कभी उसके के जांघो को पकड़ कर धक्के लगाता तो कभी चुचियों को चूसते हुए लगा.....और कुछ पलों के बाद मै और पूजा दोनो कोई एक साथ झड़ गए......और मैं हाफते हुए उसके बगल में लेट गया......और पूजा को अपने ऊपर खींच लिया और वो मेरे होंठो को चूमी और ऐसे ही लेटी रही......हम बोले जान मेरा......पूजा कुछ नही बोली हम बोले ए स्वीटहार्ट चलो नहा धो के रेडी होते है बैंक जायेगी ना.....वो मुझको अपने बाहों के घेरे में कसते हुए बोली जान आप अभी चले जाओगे हमको बिलकुल अच्छा नही लगेगा......हम उसके माथे पे चूमे और बोले अब अगर अभी रोई तो देखना......वो मेरे सीने के साइड में पीठ के पास मुक्का मारी और बोली रोना ऑटोमेटिकली आ जाता है हम नही रोक पाते......हम उसके चूतड़ों को सहलाते हुए बोले तो ठीक है एक राउंड यहां भी कर लेते है फिर रोना अच्छे से......वो बोली जो आपका मन हो कर लीजिए पर......हम बोले पर पर क्या जान नही जाए.....वो खुश होते हुए बोली हा प्लीज मत जाइए.......हम बोले अरे पगली फिर हमलोग सैटरडे को ही तो मिलेंगे ना......वो बोली अभी उसमे 6 दिन है.....हम बोले हा तो क्या हुआ इंतजार के बाद मिलने में कितना मजा आता है जानती है ना.......फिर वो बोली नही आप मत जाओ......हम बोले ठीक है नही जाते पर रेडी तो हो जाओ नहा कर....हम यही रहते है बैंक से ड्यूटी तो कर के आयेगी ना......वो कुछ बोलती इससे पहले घर से फोन आया......पूजा उठाई तो मां थी फोन पे बोली बस से ही आ रहे है बेटा.....शाम तक आयेंगे......पूजा बोली हा ठीक है मां आराम से आइए आप.....फिर कुछ देर इधर उधर का बात हुआ और फिर फोन कट गया......उसके बाद पूजा केवल हमको देखे जा रही थी......हम बोले क्या जान कुछ बोलो भी.....वो कुछ नही बोली और उठ गई.....फिर दोनो कोई बाथरूम में गए और वहा पूजा को हम ठंडे दीवाल से सटाए पर मेरे दोनो हाथ उसके चूतड़ों पे थे और मेरा लंड फिर से खड़ा था जो उसकी चूत और पेट पे दस्तक दे रहा था......हम बोले उदास नही हो हम तुमसे दूर तुम्हारे लिए ही जा रहे है ना......वो मेरे होंठो पे चूम ली और बोली आई नो जान मेरा पर क्या करू ये दिल तुम बिन कही लगता नही हम क्या करे......हम बोले अरे गाना और वो शर्मा गई....
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फिर हम दोनो किस करने लगे और पूजा अपना हाथ पीछे ले जा के शावर ऑन कर दी पर थैंक गॉड पानी गरम मिक्स हो कर आ रहा था......नहाते नहाते पूजा की चुचियों को हम चूसे क्युकी आज के बाद इनके दर्शन सीधे सैटरडे को होने वाले थे.......और पूजा एक बार फिर मेरा लंड अपनी चूत में घुसा ली.....पर कुछ धक्के के बाद पूजा झड़ गई फिर हम उसको घुटनो के बल बैठा दिए और पूजा मेरा लंड चूसने लगी और उसका पानी हम उसके चेहरे और चुचियों ले निकाले.......फिर दोनो कोई अच्छे से एकदम इंटेंस वाला बाथ लिए और कमरे में आए......तैयार होते होते हम पूजा के चूतड़ों पे तीन चार बार थप्पड़ लगाए तो वो बोली लेट जाती हु जी भर के अपना प्यार बरसा दीजिए इनपे......हम बोले आई कांट कंट्रोल जान.....बिकॉज आई लव स्पैंकिंग देम
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फिर पूजा तैयार हुई और हम उसका बाल बनाए और फिर हम उसको बोले की टिकट्स के लिए हम जुगाड करते है फिर बतला देंगे की कब चलना है फिर दोनो चल पड़ेंगे.....वो बोली हा मेरा जान पर हमको ले कर ही चलिएगा......प्लीज हम बोले हा जान.....फिर सब सामान समेटे तो वो टेडी बियर को देख के पूजा बोली जान इसको कहा रखे.....हम बोले अंजली भाभी का हेल्प ले लो फिर वो उनको फोन की तो भाभी बोली की घर ला के दे दो हम रख देंगे फिर शाम में आएगी तो ले जाना ऊपर......फिर पूजा उसको एकदम अच्छे से रैप कर दी प्लास्टिक में और हमसे टेप मंगवाई बाजार से वो इसलिए ताकि कोई और उसके सुमित को ना छुए.....
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फिर हम दोनो नीचे गए रेस्टुरेंट में और सब हिसाब चुकता किए और फिर दोनो कोई वहा से निकले.....पूजा और हम दोनो साथ में ही घर गए जहा हम थोड़े साइड में खड़े रहे और पूजा भाभी को टेडी दे आई और उनको बोल दी थी की भाभी ध्यान से प्लीज भाभी उसकी चुटकी लेते हुए बोली जा ना तू बेफिक्र हो के......

फिर जब वो वापस आई तो बोली आइए मेरे साथ हम बोले कहा.....वो बिना कुछ बोले मेरा हाथ पकड़ के अपने घर ले गई और सीधे सीढ़ियों पे चढ़ गई जबकि अंजली भाभी हमदोनो को देखी और थम्स अप का इशारा की.....पूजा हमसे लिपट गई और रोने लगी
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बोली आपके जाने का सोच सोच के मेरा दिल भर आया हम नही कंट्रोल कर पाए आई एम सॉरी जान......आई विल मिस यू वेरी मच और मेरे होठों को चूम ली.....हम भी उसको अपने आलिंगन में जोर से दबा लिए और बोले आई विल मिस यू टू मोर दैन यू हमर करेज़ा......फिर भी पूजा का रोना बंद नही हुआ तो हम बोले अरे जान अब अगर तुम नही चुप हुई तो हम भी रो देंगे......फिर वो अपने आंसू पोंछने लगी तो हम अपने हाथ से पोंछ दिए और फिर एक बार और गले मिल के निकल लिए वहा से.......हम जाते जाते अंजली भाभी जो की अभी भी अपने कमरे के गेट पे खड़ी थी उनको हाथ जोड़ में अपना आभार व्यक्त किए और निकल लिए.......रास्ते में पूजा बोली चलिए स्टेशन हम भी चलेंगे.....हम बोले नही तुम बैंक जाओ सीधे स्टेशन नही जाना है ये बात में ऑर्डर था जो पूजा को मानना ही था इसलिए बैंक के पास पहुंचे हम दोनो......पूजा मेरा हाथ पकड़े हुए थी जब जाने लगी तो वो धीरे धीरे हाथ छोड़ रही थी.....और आंखे नम थी उसकी.....अब हमसे भी नही रहा गया और हम रो दिए बोले भक्कक पगली रो मत ना जाओ.....अच्छे मन से खुद भी रोती है हमको भी रुलाती है.....वो बोली समझे जब आप हमसे दूर जाने लगते है तो कैसे खुद ब खुद आंसू आ जाता है....अब बताइए आप अभी क्यू रो रहे है हम रुवांसा आवाज में बोले आई लव यू जान आई विल मिस यू आई विल मिस यू सो मच.....वो वापिस मेरा हाथ पकड़ के चूम ली
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और बोली आई लव यू स्वीटहार्ट ध्यान से जाइयेगा फोन करते है हम और हा रोना बंद कीजिए वरना हम जा नही पाएंगे फिर.....फिर हम अपना आंसू पोंछे उसके दुपट्टे से और फिर बोले नाउ हैप्पी गो फिर वो चली गई और हम स्टेशन आ गए......थोड़े देर में ट्रेन पकड़ के पटना निकल लिए......

पटना पहुंचने के बाद मां पापा से मुखातिब हुए और पूजा गिफ्ट के लिए क्या बोली ये बताए फिर पूजा से भी बात हुआ......धीरे धीरे हम अपने दिनचर्या में लग गए क्युकी एग्जाम नजदीक था और मेरे को इस मौके का फायदा अच्छे से उठाना था........पूजा से मिलने में दिक्कत होती थी इसलिए एक रूम रेंट पे ले लिए दानापुर में जो की हमदोनो के घर से दूर था और एरिया बहुत सही मिल गया था एकदम शांत इलाका था और रेंट 1500 रुपए महीने का जो पूजा बोली हम दे दिया करेंगे.....पूजा तो बस इसी बात से खुश थी की अब हम शांति से मिल सकेंगे पटना में भी.......सब कुछ सही था और इधर जब से एग्जाम डेट निकला था सुगंधा के तरफ गए ही नही थे और ना ही अकाउंट्स वाला कोचिंग जा रहे थे क्युकी अभी ये जरूरी था इसलिए जितना हो सके प्रैक्टिस पे ध्यान दिए हुए थे......हालांकि सुगंधा से फोन पे बात हो जाती थी........पापा मां भी मेरा मेहनत देख रहे थे इसलिए वो भी अब किसी बात को ले कर कम ही टोकते थे.......

उधर आंटी जब कोडरमा पहुंची तो पूजा से टेडी के बारे में पूछी क्युकी उनका इशारा पूजा के क्रश के तरफ था पर यहां पे अंजली भाभी गेम कर गई सारा जिम्मा वो अपने ऊपर ले ली और पूजा यहां साफ साफ बच के निकल गई.....और मैडम उस गुड्डे को पूरी रात पाने सीने से लगा कर ही सोती थी.....जब हम बोले की गुड्डा बाबा को पूरा चाप के सो रही है ना तो वो हस के बोली आपका खुश्बू है उसमे बड़े आराम से नींद आ जाता है......गंदे कहीके बहुत तेज है आप.....हम बोले अरे मेरी जान हम तेज है बिकॉज आई लव यू......
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हफ्ते के अंत में पूजा जब पटना आई तो वो सुगंधा को ले के मेरे से मिलने आई जाना से उन्दोनो को ले के अपने किराए वाले घर पे गए जिसको वो अपने हिसाब से सजाई थोड़ा बहुत सुगंधा और मेरे हेल्प से फिर सुगंधा हमसे क्लास ना आने का कारण पूछी और फिर इधर उधर का बात में टाइम स्पेंड हो गया.......पर सन्डे वाले दिन वो फिर से मिलने आई और उस दिन हमने थोड़ा क्वालिक्टी टाइम स्पेंड किया साथ में क्युकी आज सुगंधा नही आई थी......उसके जाने के बाद एक जुगाड सेट करवा के सेकंड ऐसी का टिकट निकलवा लिए पटना से दिल्ली जाने और आने दोनो तरफ का पर पूजा को बतलाए नही सोचे की थोड़ा नौटंकी करेंगे फिर बताएंगे.......अब वेट था पूजा के साथ नौटंकी करने का.....
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इधर घर में पापा मां सब कोई एकदम निश्चिंत थे की उनका बेटा जितनी मेहनत कर रहा है उसका फल उसको मिलेगा ही मिलेगा......और रही बात शादी की तो वो तो हम पहले से ही तय करवा लिए थे.....
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मेरा एग्जाम का डेट निकल गया था और पूजा को हम बोले की एग्जाम का डेट निकल गया है पर टिकट का इंतजाम नही हो पा रहा है पर फिर भी हम देखते है क्या हो सकता है......पूजा बोली आप ना कुछ भी करिए पर जायेंगे आपके साथ ही हम.....नही ले गए ना हमको फिर देखना आप.....

सब कुछ सही चल रहा था इधर कई दिनों से सुगंधा से नही मिला था नाही अपने क्लास गया था सो आज थोड़ा रिलेक्स मूड में था इसलिए आज सुबह के क्लास के बाद प्रैक्टिस सेट के लिए ना जा कर सुगंधा के तरफ हो लिया......उसके दुकान पहुंचा तो पापा से मिला उनसे कुछ देर बाते की और फिर घर के लिए निकला वहा सुगंधा के साथ राहुल भी था.....दोनो कोई किसी बात पे झगड़ रहे थे.....पर हमको देख के दोनो चुप हो गए.....हम बोले किस बात पे महाभारत हो रही थी भाई.....राहुल बोला पगली है कुछ से कुछ करते रहती है दिन भर ना कही आना है ना कही जाना है पढ़ाई लिखाई सब छोड़ रखी है पता नही क्या दुख समा गया है इसमें.......हम सुगंधा के तरफ देखे तो वो खडूस सा मुंह बनाए अपने मोबाइल में कुछ कर रही थी.......हम बोले क्या बात है यार तू पढ़ाई लिखाई कब से छोड़ कर बैठी है.......वो बोली जैसे तू तो बहुत पढ़ाई कर रहा है अकाउंट्स क्लास में आ के रोज......किसी को कुछ बोलने से पहले खुद को देख लिया कर......हम उससे ऐसे जवाब का एक्सपेक्टेशन नही कर रहे थे.....वो बहुत चिड़चिड़ी हो गई थी शायद.....हम बोले अभी हम अपने गोल पे ध्यान दे रहे है यार इसी महीने एग्जाम है सब कुछ अच्छा रहा तो फिर इंटर लेवल पे ही नौकरी मिल जायेगी फिर ग्रेजुएशन का बेड़ा भी पार लग ही जायेगा बस मेहनत नही छोड़नी है.......वो बोली हमको सब पता है तेरा क्या गोल है और क्या मेहनत तू कर रहा है......एक ना एक दिन सब को अपने जगह पे पहुंच ही जाना है कैसे भी साला आशिक का चोदा काहिका हमको ज्ञान दे रहा है.......उसने ये बात धीरे से बोली थी.........और हम उसकी ये बात सुन के थोड़ा शॉक हुए क्युकी राहुल वही खड़ा था..........ये बात वो बहुत बेबाकी से बोल गई थी पर हम कुछ रिएक्ट करना सही नहीं समझे इसलिए बोले चल तू अभी अच्छे मूड में नहीं है बात करने के और उठ गए और राहुल से बोले चलते है राहुल फिर कभी आयेंगे फिलहाल माहोल ठीक नहीं है फिर कभी और आयेंगे.....काफी दिन से नही आए थे तो आज इधर आ गया चल कोई ना फिर मिलते है......राहुल बोले अरे आप काहे मन दुखाते है खुद का ये तो ऐसे ही हो गई है एकदम हमसे तो हमसे पापा से भी कभी कभी ऐसे ही बोलती है अलबला गई है जब से तबियत खराब हुआ है......खैर इसको छोड़िए चलिए हम चाय बनाते है पी के फिर जाइयेगा और बताइए क्या हाल है आपके उधर.....हम बोले नही यार राहुल फिर कभी और अभी चलते है......और फिर वहा से निकल गए रास्ते में हम सोच रहे थे की सुगंधा कैसी हो गई है उसके बारे में पूजा से बात करना ही पड़ेगा......पर अभी ये सब बात कर के अपना और पूजा दोनो का माहोल खराब नही करना चाहते थे क्युकी फिर पूजा और सुगंधा में लड़ाई होना तय था और अभी मां और पापा पूजा के उस क्रश के बारे में जानते थे इसलिए अभी कुछ भी करना घातक साबित हो सकता था क्युकी सुगंधा कब क्या उगल देगी कोई ठीक नही था इसलिए वो जैसे थी उसको वैसे ही रहने दिए हम......

अगले कुछ दिनो तक फिर हम वापिस उसी रफ्तार से अपने आप को अपनी मेहनत को तराशने में लगे रहे.....बैंक में पूजा को छुट्टी के लिए बोले और साथ में ये भी बोले की टिकट हुआ नही है पर फिर भी छुट्टी तुम ले लो क्या पता कुछ जुगाड हो ही जाए......वो बोली जुगाड नही भी हुआ ना फिर भी हम आपके साथ लटक के चलेंगे हम बोले अरे मेरी जान तुमको मेरे साथ चलना है ना बस तुम छुट्टी ले लो ना और घर में क्या बताएगी......वो बोली इस बार थोड़ा टेंशन है पर कोई नही आई विल मैनेज हम बोले सुनो मैनेज करने के चक्कर में फस मत जाना.....वो बोली नही जान आप तो जानते ही है जब आपकी बारी आती है तो हम कितना दिमाग चलाने लगते है इसलिए नही फसेंगे और अगर किसी दिन फस गए तो आप है ना आप सब संभालियेगा.....
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हम बोले अरे ये क्या मतलब हुआ की हम संभालेंगे सब कुछ बिगाड़ के बोलोगी की संभालिए ये कोई बात हुआ
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.......वो बोली आप कुछ भी बोलो हम जानते है ना जान हमको पता है हमपे कोई आंच आपके रहते भर में आ ही नही सकता.......हम बोले अच्छा इतना भरोसा.......अच्छा नही है ये.....वो बोली भक्क कुछों बोलते है चलिए अब ज्यादा सोचिए मत हम छुट्टी ले के मां से जुगाड बैठा के बतलाते है.......
एक शाम जब घर पहुंचा तो देखा की पापा घर पहले ही आ चुके है हम उनके कमरे में गए तो देखे उन्होंने पी रखी है और मां मुझे कही दिखी नही तो उनको आवाज लगाए तो पापा बोले मां नही है घर में तेरी यही बगल में गई है......तू इधर आ बैठ मेरे पास जब से धनबाद से आया है कितनी देर बैठा है हमारे पास......ये बात भी सही थी क्युकी पूजा से मिल के आने के बाद उनसे सही से बात नही कर पाया था......पापा के पास बैठा तो पता चला की उन्होंने पी रखी है हम बोले आज क्या हुआ क्यू मूड बिगाड़ रखे है अपना......पापा बोले कुछ नही रे तू ये सब छोड़ अपना बता तैयारी कैसी है कोई चांस बनता है इस बार हम बोले पापा अभी तो पहला स्टेज का परीक्षा है.....इसमें अगर रिजल्ट हो जायेगा तो फिर दूसरा स्टेज का परीक्षा देंगे उसके बाद उसमे अगर हो जायेगा फिर जा के कही बात बनेगी.....पापा मेरे सर पे हाथ फेर के बोले हो जायेगा पार तू तेरी मेहनत पे पूरा भरोसा है बेटा हमे......तेरी मां बोल रही थी की सुमितवा पूरा जी तोड़ मेहनत कर रहा है......खाने पीने का भी खयाल नहीं रहता है उसको.....हम बोले ऐसा नहीं है पापा बस ये मौका अच्छे से भुनाना चाहता हु ताकि बाद में पछतावा ना रहे और आपने और मां ने जो समय दिया है जो भरोसा किया है उसका भी तो लाज रखना है ना हमको इसलिए थोड़ा ज्यादा व्यस्त रहता हु......इतने में मां आ गई और बोली सब पता है बेटा पर खाना पीना समय से जरूरी है की नही......ताकत कहा से लायेगा पढ़ने के लिए हवा पानी से की फोन पे गप्प लड़ा के हम बोले क्या मां आप भी कब हम फोन पे गप्प लड़ाते दिखे है आपको......मां थोड़ा मुस्कुरा के बोली ऊ का करे ले तू लोग चेटिंग चूटिंग.....भात्सप्प
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हम बोले अरे मां व्हाट्सएप है ऊ और चेटिंग चूटिंग नही चैटिंग कहते है.....मां बोली हा ऊहे....... ई सब करे ला जिंदगी है पुरा करते रहना.....एक बेर नौकरी पा लेबे त हमनी दुनु के चिंता फिकिर खतम हो जाई......हम बोले मां मेहनत तो कर ही रहे है अब देख बाकी किस्मत जो नाच नचवाए.......फिर पापा बोले अच्छा चल कोई बात नही कब है एग्जाम......हम बोले बस यही महीना में है दिल्ली जाना है.....पापा बोले टिकट बना लिया हम बोले हा पापा बना लिए है......फिर थोड़ा दुकान और भईया के बारे में बात चीत हुआ वैसे भी वो साला सुधरने वाला तो था नही रोज रोज का वही कीच कीच और ताना पापा परेशान थे.......उनको बस ये इंतजार था की कब मेरी नौकरी लगे और वो उस दुकान से अपना नाता तोड़े.......वो कहते है ना की इंसान जब आपके पास होता है तो आपको उसकी कद्र नहीं होती पर वही जब आपसे दूर हो जाता है तो तब आपको उसकी वैल्यू समझ आती है.......वही हिसाब होने वाला था बड़े भाई के साथ.......पर अभी वक्त था और उस वक्त को लाने के लिए जितनी कोशिश मेरे से हो सकती थी हम कर रहे थे.......

इधर पूजा मां से अपने लिए कोई बहाना सोच रही थी पर उसको अभी हिसाब नही बैठ रहा था.....इसी उधेड़बुन में उसको उसकी एक कॉलेज की फ्रेंड का फोन आया और बात बात में पता चला की उसकी इंगेजमेंट है पटना में मेरे एग्जाम वाले दिन तो बस यही पे पूजा प्लान बैठाई और अपनी सहेली को थोड़ा मदद करने के लिए मना ली.....और फिर पूजा मां से बात की......की उसको उसके दोस्त के इंगेजमनेट पार्टी में जाना है दिल्ली जिसमे तीन दिन लगेंगे और बैंक से छुट्टी के लिए अप्लाई कर दी है.....मम्मी उसको बोली भी की ऐसा भी क्या है इंगेजमेंट में मत जाओ.....शादी में चली जाना पर पूजा अपना गणित बैठा चुकी थी सो मां को वो अपनी सहेली से बात करवाई और थक हार कर मां को परमिशन देना ही पड़ा अब बात आई की ट्रेन तो पटना से होगा ना तो पूजा इसके लिए भी तैयार थी वो मां को ये बोली की ट्रेन यही से पकड़ेगी इसलिए पटना नही जायेगी तो मां बोली की कपड़ा लत्ता नही लेगी क्या वो बोली नही मां जो है यही से अरेंज कर के जायेंगे अभी पटना जाने के लिए फिर से एक दिन का छुट्टी और बढ़वाना पड़ेगा हालांकि पूजा ने छुट्टी तो चार दिन की ली थी पर मां को तीन ही बताई थी.......इसलिए यही से बैंक ड्यूटी कर के रात वाली राजधानी में टिकट करवाई है उसी से जायेंगे.......मां बोली पहले देख समझ लो खुद से जानकारी है ट्रेन वगैरह का वो बोली हा मां इतना तो है की कहा से कौन सा गाड़ी पकड़ के उतरना है और आप ना ज्यादा टेंशन मत लिजिए.....हम सुमित से पूछ लिए है वो ही बतलाया है........अब सब सेट था सिर्फ देर थी हमारे नए सफर पे निकलने की
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......और बैंक में छुट्टी के लिए कोई लोचा नही था.........उसने अपने जाने वाले दिन अपनी मां को पटना के लिए ट्रेन में बिठा दिया और खुद शाम वाली जनशताब्दी से पटना आ गई इधर हम भी अपने घर से एग्जाम के लिए एक दिन पहले ही निकल गए......टाइम ऐसा चुना था की पापा को शक होने का कोई चांस ही नही था......पूजा जब रात में पटना पहुंची तो उसको ले कर सीधा अपने किराए के रूम पे चला गया......अब हमारे पास आज की रात और कल का पूरा दिन था क्युकी यहां से भी मैने टिकट करवाई थी पटना राजधानी में सेकेंड ऐसी में......पर पूजा को अभी बताया नही था इसलिए वो पटना आने के बाद से ही बड़बड़ किए जा रही थी टिकट हुआ की नही.... हुआ की नही.......

पूरे रास्ते बेचारी मोबाइल में लगी रही ऑटो में बैठे हुए उसको ये भी एक्साइटमेंट नही था की आज की रात पटना में मेरे साथ बिताएगी वो उसका सारा ध्यान टिकट पर था.......कमरे पे पहुंचे तो पूजा पहले फ्रेश होने गई और हम जब तक बिस्तर सेट किए.........पूजा के आने तक हम कपड़ा चेंज कर लिए थे और घर पे बात हम स्टेशन पे ही कर लिए थे ताकि बाद में कोई झिकझिक ना हो......पूजा बाथरूम से आने के बाद अपना लेगिंग्स उतार ली थी.....पूजा मेरे कंबल में घुसी औरा मेरे बाह को सीधा की और उसी पे सर रख के लेट गई

यहां आपको अपने किराए वाले कमरे के बारे में थोड़ा बता दू..... मेन दरवाजे से घुसते ही सामने हमारा हॉल नुमा कमरा था उसी में एक जगह पार्टिशन दे के किचन का स्पेस था.....और कमरे से बाहर की तरफ पीछे से निकल कर बाथरूम था जो की उस हॉल से ही जुड़ा था......और उसके बाद एक दरवाजा था जो की घर में पीछे की खाली पड़ी जमीन के तरफ निकलता था जिसमे पहले रहने वाले लोगो ने कुछ पेड़ पौधे लगा रखे थे........

उस दिन जब पूजा और सुगंधा आई थी तो उन्होंने घर को थोड़ा सेट किया सजाया था.....किचन का कुछ समान भी लाई थी हम पहले से एक गद्दा दो तकिया एक कंबल एक ट्यूबलाइट ला रखे थे बस इसके अलावा कुछ नही लाए थे हम
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बाकी सब सामान उस दिन पूजा ही लाई थी एक आईना एक बाल्टी मग साबुन कुल मिला कर पूरा घर का समान वो उस दिन लाई थी क्युकी अब जब भी वो पटना आती हम दोनो यही मिलने वाले थे इसलिए वो यहां पर भी अपना सब कुछ सेट कर ली जैसे हम कोडरमा में किए थे......पूजा बोली की ये अपना वर्चुअल घर का एक रूप है इसको धीरे धीरे सब वैसा ही कर देंगे जैसा हम सोचते है अगली बार आयेंगे तो दो दिन में इसको थोड़ा थोड़ा पेंट कर देंगे मस्त फिर तो और खूबसूरत हो जायेगा अपना ये रूम और इसको आप छोड़ने का सोचना भी मत अभी ये रूम अपना है......हम बोले थे हा ठीक है जान मेरा.......

आज पूजा जब से रूम में आई थी तो कुछ ध्यान नहीं था उसको ना खाने का ना पीने का वो तो अच्छा हुआ हम घर वाला खाना लिए हुए थे जो ट्रेन में खाने वाले थे हम.......हम उसको जबरदस्ती बोले खाने को वो खाना खाते खाते भी अपने मोबाइल में इधर उधर कर रही थी की टिकट का कुछ जुगाड उसको मिल जाए.....हम दोनो कोई खाना खतम किए फिर हाथ धो के आए बर्तन ऐसे ही रखा रहा किचन में......वो बिस्तर पे आई कंबल में बैठी तो हम उसको अपने बाहों के घेरे में कसते हुए उसके सूट के गले से हाथ अंदर घुसाए और ब्रा के ऊपर से उसकी चूची को दबाते हुए बोले अरे नही मिलेगा टिकट क्यू परेशान हो रही है.....वो मेरे हाथ को बाहर तो नही निकाली पर बोली ध्यान मत ना भटकाइए जान और टिकट नही ढूंढेंगे तो फिर जायेंगे कैसे जान हम दोनो...... हम फिर ब्रा में हाथ घुसाते हुए निप्पल को टटोलते हुए मजा लेते हुए बोले अरे नही हुआ तो क्या हुआ जनरल बोगी से चलेंगे संपूर्ण क्रांति से......वो इस बार सिसकियाते हुए बोली अब आप जानिए कैसे जायेंगे हम बोले क्यू घबरा गई क्या........तुम ही ना बोली थी की लटक के चले जायेंगे आपके साथ तो फिर घबरा क्यू रही है
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.......ये बात बोले तो उसका मुंह ऐसा था.....
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फिर हम बोले अरे हम है ना साथ में चलेंगे थोड़ा सा भिड़ रहता है पर सीट लूट लेंगे हम फिर तुम भी आ जाना......वो बोली अच्छा
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इतना आसान लगता है आपको चलिए फिर ठीक है आप बोल रहे है तो फिर हो ही जायेगा जैसा भी हो पहुंच ही जायेंगे रात भर का तो बात है......हम बोले हा पर उधर से भी ऐसे ही आना पड़ेगा क्युकी टिकट नही हुआ है वापिस आने का भी इस बार वो और चिढ़ गई
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और मेरा हाथ बाहर निकल दी पकड़ के........क्युकी मेरे साथ उसको आदत था आराम से सुकून से एकदम लिपटे हुए आने जाने का.......रांची से जब से आना जाना हो रहा था तो फर्स्ट ऐसी में ही आए थे और चेयरकार में और इस बार सेकंड ऐसी भी ठीक था पर उसको तो जनरल बता रहे थे वो मेरे बात से बहुत चिढ़ रही थी पर जाहिर नही होने दे रही थी की चिढ़ी हुई है.........और हम इस बार उसको छेड़े नही पर पूरा सुकून से उसको चिढ़ते हुए देख रहे थे......वो अभी भी मोबाइल में लगी थी हम बोले अरे बाबा छोड़ दो ना क्यू परेशान हो रही है अच्छा चलो रसपान तो करा दो इनका और उसकी चूची को दबा दिए........वो बोली कराती हु जान प्लीज थोड़ा रुकिए ना.......बस का देख रहे है हम स्लीपर बस का शायद कोई ऑप्शन मिल जाए
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.......हम बोले भक्क पागल तबियत बिगड़ जायेगा बस में और तुम परेशान मत हो हम है ना पहुंच जायेंगे आराम से दोनो कोई..........वो बोली नही जनरल से नही जायेंगे उतना दूर जाना है
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जायेंगे तो आराम से जायेंगे ना जान......हम बोले अच्छा अगर नही हुआ तो क्या नही जायेंगे बताओ......वो बोली होगा कैसे नही पर फिर भी जान
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इस बार वो ऐसे मायूस हुई की हमसे देखा नही गया......एक पल के लिए सोचे की टिकट दिखला दू पर फिर मेरे अंदर का बचपना भारी पड़ गया आशिक सुमित पे और हम सोचे की कल स्टेशन पे ही सरप्राइज़ देंगे......फिर हम अपने बदन पे एक मात्र हाफ पैंट उतारे क्युकी शर्ट जैकेट पहले ही गोल कर दिए थे.......और उसके हाथ से मोबाइल लिए और उसके सर पे चूमे और बोले हम है ना क्यू परेशान हो रही है........आज की रात अच्छे से पूरा नींद ले के सोना........कल क्या पता सो पाओ या नही........जवाब में वो मेरे होंठो पे चूमी और बोली आप सोने दीजिएगा क्या हमको......और वैसे भी आज रात तो सो भी लेंगे पर कल रात का क्या बैठे बैठे सोएंगे..........हम हस दिए बोले हे भगवान चलो तुम लेट जाना थोड़ा सा जगह बना के मेरी गोद में सो जाना सर रख के हम थोड़ा एडजस्ट कर के जगह बना लेंगे या नही तो मेरे कंधे पे सर रख के सो जाना..............वो बुरा सा मुंह बना के बोली आप ना जान समझ नही रहे है......हम बोले क्या नही समझ रहे है बताना जरा........वो बोली अगर आपमें कोई और सट के बैठी ना तो देखिएगा हम उसका खून कर देंगे वही पे........हम बोले अरे तो तुम बैठ जाना उसके बगल में और जरूरी थोड़े है की लेडीज ही होगी जेंट्स हुआ तो........वो बोली फिर भी जान आप पे मेरा हक है केवल यू अरे ओनली माइन
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.......और ये कह के वो मेरे लंड को अपने हाथ में ले ली और उसको एक बार सहला दी......हम बोले अच्छा सुनो हम खिड़की वाला सीट ही लूटेंगे खिड़की साइड तुम बैठ जाना तुमको तो कोई नही छुएगा और हम तुम्हारे बगल में.......और मेरे बगल में भगवान जी किसी आदमी को ही बिठाएंगे ठीक है ना तुम प्रार्थना करना उनसे......
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वो मेरे सीने पे मुक्का मारी और बोली गंदे कहीके......हम उसको अपने से चिपका लिए और फिर उसके होंठो को चूसने लगे और साथ साथ उसकी चूची को सूट के ऊपर से दबाने लगे और कभी कभी चूतड़ों को और उसके गांड़ के छेद को सहला दे रहे थे.....वो नीचे से पहले से ही नंगी थी.......चुम्बन तोड़ने के बाद बोले रसपान नही कराएगी क्या और सट्टाक उसके चूतड पे थप्पड़ बजा दिए........वो कराहती हुई हस के मेरे नाक पे दात से काट ली और थोड़ा सा सीधा हो के अपना सूट उतार दी......और उसके सूट उतारते उतारते हम ब्रा का हुक भी खोल दिए और वो अभी सही से सूट उतारी भी नही थी की हम उसके खड़े हो चुके निप्पल्स को मुंह में ले कर चुभलाने लगे........इस हमले से वो अलबलाने लगी......जल्दी जल्दी वो सूट उतारी और मेरे सर को अपने सीने पे दबाने लगी......और हम भी जितना हो सके उसके चूची को मुंह में समा लेने को आतुर थे......कुछ देर चूसने के बाद चुचियों को छोड़ गर्दन पे चूमने लगे और हल्के हल्के काटने लगे.....और हाथ उसकी चूत पे पहुंचते ही पूजा ने अपने दोनो पैर अच्छे से फैला दिए ताकि मेरी उंगलियां आराम से अंदर जा सके.....उंगली अंदर बाहर करते करते पूजा काफी गरम हो गई थी बार बार गांड़ उछला उछला के मेरी उंगली को निगलने को आतुर थी.......हम उसकी चूत में उंगली घुसाए ही उन्ही उंगलियों की मदद से उसकी चूत पकड़ के उसको घुमा दिए और अपना मुंह उसकी प्यारी सी गरमा गरम बहती हुई चूत पे लगा दिए.......और अब पूजा अपने दोनो हाथो से कभी तकिए को कचोटती तो कभी मेरे बालो को नोचती........अपने कमर को जितना हो सके वो हवा में उठना चाह रही थी......इधर हम उसकी चूत के साथ साथ गांड़ के छेद को भी अपने जीभ से चुभ्ला चूस रहे थे......और कुछ पलों की चुसाई के बाद पूजा झड़ गई......झड़ने के बाद पूजा हाफ़ते हुए हमको मेरे बाह पकड़ के अपने पास ऊपर खींची और मेरे होठों को चूसने लगी और इधर हम अपना तना हुआ लंड उसकी चूत के मुहाने पे टिकाए और दो बार में ही पूरा अंदर जड़ तक ठोक दिए.....और फिर एक अनादमय चुदायी का सुख प्राप्त कर के दोनो एक दूसरे के अगल बगल लेट गए.......पूजा मेरे से लिपट गई और बोली आप ना हम कुछ और में दिमाग लगाए हुए थे और आप गंदे कहीके कुछ और में दिमाग लगवा दिए.......हम उसके गांड़ में उंगली घुसा दिए वो चिहुंक गई.....हम बोले तुम मेरे पास आती है तो दिल दिमाग सब को एक ही चीज चाहिए होता है और वो है तुम्हारा प्यार तुम्हारे रसभरे होंठो का रसपान....
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पूजा बोली हा तो कर तो लिए आप.......हम बोले तो क्या नही मन था करवाने का......वो बोली नही जान आपको कभी मना कर सकते है हम पर मेरा ध्यान ना सब टिकट पे है जाने को ले कर थोड़ा परेशान हु की कैसे जायेंगे......हम हस्ते हुए बोले बस निकल गया हवा लटक के चलेंगे.....वो मुक्का मारी मेरे पेट में और बोली एक ही बात को पकड़ के बैठ गए है आप.......बोले तो क्या हुआ वैसे भी चलना तो लटक के ही है आपके बाहों में लटक जायेंगे गोद में चढ़ के बस आप ले चलना.......हम उसकी गांड़ में उंगली घुसाए ही उसको अपने से और चिपका लिए और बोले मन तो है की ऐसे ही लटका के ले चलूं......वो कराहते हुए बोली पागल फर्स्ट ऐसी होता तो ले जाते कोई दिक्कत नही था पर जनरल में कैसे......हम बोले नही रे पगली तुम जो हो ना कुच्छो सोचने लगती है......फिर दोनो कोई ऐसे ही हसी मजाक करते सो गए...... सुबह में मेरी नींद खुली एक छींक के साथ......कमरे में काफी झास भरा हुआ था हम उठे अपना हाफ पैंट पहने और किचन में गए जहा पूजा कुछ बना रही थी.......हम बोले क्या कर रही है सुबह सुबह वो बोली जान सुबह कब का हुआ अभी 11 बजने को आया है.......हम वापिस रूम में आए और मोबाइल में टाइम देखे तो सच में 11 से ऊपर समय हो रहा था हम बोले अरे तो तुम उठाई क्यू नही.....ये तो गनीमत थी की पापा फोन नही किए थे........हम उसके पास गए और पूछे की क्या बना रही है वो बोली आप सोए थे तो आपको उठाए नही और नहा धो के चले गए मार्केट और आज फ्राइडे था सो चिकन ले आए मस्त बनाए है आप भी तैयार हो जाइए फिर खाना निकालते है भूख लगा है हमको.......फिर हम उसको अपने से सटा लिए और बोले चिकन से ज्यादा टेस्टी तो तुम लग रही है......एक किस कर ले......वो बिना कुछ बोले मेरे होंठो को चूसने लगी.......और हम उसके चूतड को सलवार के ऊपर से दबाने लगे उसके गीले बाल मेरे दूसरे हाथ में फस रहे थे....आह क्या फीलिंग था.....किस तोड़ के वो बोली जाइए अब जल्दी से एकदम ताजा ताजा माल बन के आईए फिर हम जो बनाए है वो खाइए.....इतने में हम बोले फिर तुमको खायेंगे और उसकी एक चूची को मसल दिए और बाथरूम की तरफ भागे.......

बाथरूम से नहा धो कर निकला तो देखा की पूजा डार्लिंग ने खाना लगा दिया था और मोबाइल में अभी भी टिकट के लिए माथा पच्ची कर रही थी.......हम हस्ते हुए उसके पास गए और पीछे से गले लगा कर बोले अब मोबाइल छोड़ दो तुम्हारे बालम को ठंडी लग रही है बहुत कुछ गरमा गरम दो ना.......वो मुस्कुराते हुए हमको पीछे मुड़ के देखी और अपने लिपिस्टिक से लबरेज होंठो को मेरे होंठो से मिला दी....और मेरा हाथ पकड़ के अपने सूट के अंदर कर ली एंड ये क्या उसने आज ब्रा नही पहनी थी......हम किस तोड़ के बोले आज से ब्रा पहनना छोड़ दी क्या......वो बोली नही जान अभी तो ऐसे ही नही पहनी है स्टेशन जाने के टाइम पहना दीजिएगा आप.......हम बोले अच्छा साड़ी है तुम्हारे पास मेरा दिया हुआ वाला......वो बोली नही जान कहा हम वो नही लाए वो तो अपने घर पे है......हम बोले अच्छा कोई नही.....वो पूछी क्यों चाहिए था आपको......हम बोले मन था की आज बीवी के रूप में ले के बाहर निकलू......पर खैर कोई बात नही फिर कभी......और उसके माथे को चूम लिए......वो बोली जाना ले आते है मार्केट से ना......हम बोले भक्क पगली जाने दो फिर कभी......और उसको बोले चलो खाना खाते है......क्या खाना बनाई थी हम बोले जान इतना कुछ तुम कितने देर में अरेंज कर ली भाई......वो बोली अरे मेरा दुकान है हमको सब पता है की कैसे कैसे क्या क्या लेना है......बस आधे घंटे में तो हम वापिस आ गए थे और पहले से ही कुछ समान पड़ा था उस दिन का तो फिर क्या.........उसके बाद हम लोग खाना खतम किए और फिर बर्तन धो के पूजा तैयार हुई और फिर पहुंच गए स्टेशन......पूजा एकदम मायूस थी की अब तो रात भर का परेशानी होगा......स्टेशन पहुंचने के बाद वो बोली जान टिकट का कुछ नही हो सकता ना अब.....हम बोले नही जान क्या कर सकते है अब तो बस जनरल का ही सहारा है......और दोनो कोई स्टेशन पे बैठ गए जा कर एक जगह......पूजा ने अपना चेहरा दुपट्टा से बांध रखा था और हम चश्मा लगा लिए थे साला कही कोई देख ना ले......अपने तय समय पे राजधानी आई और लग गई हमारे सामने......पूजा उसको देख के बोली काश अपना टिकट इसमें होता तो कितने आराम से जाते और राजधानी का मौका मिलता सो अलग......हम उसका हाथ पकड़े और बोले जान मेरा ये ख्वाइश तुम्हारी हम पूरी कर देते है चलो इसी में चढ़ जाते है और टीटी आयेगा तो टिकट बनवा लेंगे......वो हमको घूर के देखी और बोली पगलाए क्या आप जानते है कितना फाइन मारेगा टिटिया.......हम हस के बोले अरे अपनी जान की ख्वाइश के आगे कितने का भी फाइन हो सब चलेगा और उसको लगभग खींचते हुए कुछ दूर चले और बोगी पे बोगी पार करते करते ट्रेन के ए5 बोगी में चढ़ गए.....वो बोली जान मेरा आप सोचिए जरा हम बोले अरे तुम्हारे पास कुछ है ना और मेरे पास है ही मिला के दे देंगे.....वो बोली बात पैसा का नही है बात है बेफालतू का खर्चा का.....मेरा पैसा और आपका पैसा अलग थोड़े है जान.........बोगी में कुछ लोग पहले से आ रखे थे उसका यू जान कहना सब कोई मुड़ मुड़ के देखने लगा......फिर हम उसको अपने सीट पे ले आ के बैठ गए वो बेहद घबराई हुई थी.......हम बोले अरे पगली टीटी को आने दो ना काहे ऐसे मुंह बनाई है....तो वो बोली की जान ये किसका सीट है किसका नही अगर वो आ गया तो फिर उठ के जाना पड़ेगा.......हम बोले अरे आएगा जब तब देखेंगे फिलहाल तुम ये अपना बुझा हुआ चेहरा को बदलो.....और हम लगे सब अपना सामान सेट करने...... बेडरोल रखा हुआ था उसको बिछाए अपना साइड लोअर साइड अपर सीट था.......दोनो सीट पे बेडरोल बिछा दिए और फिर आराम से बैठ गए जबकि पूजा बुरी तरह घबराई हुई थी......ट्रेन अपने तय समय पे स्टेशन से चल दी......पूजा को लाख बार बोले की मूड ठीक करो पर वो नहीं मानी इतने में टीटी बाबू प्रकट हुए और बोले 29,30 हम बोले हा सर वो बोला सुमित पूजा......हम थोड़ा हस्ते हुए टिकट निकले और उसको दिखलाए और वो टिक मार के निकल लिया...........
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बस पूजा का तो जैसे मुंह ही बन गया......टीटी के जाते ही वो मेरे हाथ को पकड़ के धम्म से सीट पे बैठ गई और बोली कितने गंदे है आप जान ऐसे कैसे कर सकते है आप मेरे साथ हम बोले अरे पगली तुमको लगता है की हम अपनी जानेमन को जनरल में ले के जायेंगे वो भी इतने ठंड में.......पर यार लटक के जाने वाला सपना अधूरा ही रह गया........वो मुंह बनाते हुए मुस्कुराई और मेरे बाह में अपना बाह फसा के सीट पे बैठ गई और हमको देखते हुए बोली आई लव यू......और पाउट जैसा मुंह बना ली......हम बोले अब खुश ना वो बोली हा जान पर इसमें तो हम लोग ऊपर नीचे सोएंगे ना......हम बोले अरे रहेंगे इसी सीट पे जब नींद आने लगेगा तो हम ऊपर चले जायेंगे......वैसे भी पर्दा तो है ही ना और वो पर्दा खींच ली और इत्मीनान से चप्पल खोल के ऊपर पैर कर के बैठ गई........हम उसको अपने तरफ खींचे और अपने दोनो पैरो को फैला कर बीच के जगह में बिठा लिए और वो मेरे ऊपर लद गई......और हम पर्दे में होने के कारण उसके चुचियों को हौले से दबा दिए और बोले अब इनका क्या होगा स्वीटहार्ट..........वो बोली जान आप टेंशन क्यों लेते है हम आपके ही है बस और मेरा हाथ पकड़ के अच्छे से अपने छाती वो टीका ली और बोली कैसे अरेंज किए टिकट बतलाइए...... हम बोले हो गया बस अपना भी कुछ जुगाड चलता है......वो फटाक से बोली अच्छा उधर से आने का.....हम बोले इसी में है इसी क्लास में है.....वो फिर खुश हो के बोली वाह मेरे जुगाड़ू सईया और मेरे गाल पे चूम ली......फिर उस रात ज्यादा कुछ हमने नही किया दरअसल अच्छा नही लग रहा था हमारे सामने वाले सीट्स पे एक फैमिली आ रखी थी और उनका बच्चा बार बार हमारा पर्दा हटा दे रहा था.....इसलिए हमने खाना खाया और फिर मौका देख के एक छोटा सा किस किया और फिर वो अपने सीट पे सोने चली गई जबकि हम अपने पे रह गए.........सुबह दिल्ली पहुंचे होटल लिया और फिर दोनो कोई सेंटर देखने गए इस बीच अपने घर पे हम दोनो ने बात कर ली और अपने खैरो खबर दे दी फिर दिल्ली मेट्रो का मजा लिया चांदनी चौक घूमे वहा से पूजा ने कुछ खरीदारी की फिर खाना खाया और रात 9 बजे दोनो होटल पहुंचे और घूम घूम के इतने थक गए थे की कुछ और किए बगैर दोनो एक दूसरे की बाहों में सिमट के सो गए.......अगली सुबह एग्जाम देने गया मैं सेंटर पहुंच के मां पापा से आशीर्वाद लिया और पूजा ने बेस्ट ऑफ लक बोला और सेंटर के बाहर वेट करती रही......एग्जाम दे के निकला तो पूजा का सबसे पहला सवाल कैसा रहा पेपर हम बोले.....फाड़ दिए.....पेपर मेरे सेट प्रैक्टिस के मुकाबले बहुत आसान था और टाइम मैनेज करने में बहुत साथ दिया मेरा सेट प्रैक्टिस.....मजा ही आ गया इतना तो कन्फर्म था की ये पहली पारी जरूर पार करेंगे......खैर अब रिजल्ट के लिए देखना था फिलहाल अपना जितना दे के आया था हम संतुष्ट थे.......एग्जाम सेंटर से सीधा होटल पहुंचे और समान पैक कर के निकले स्टेशन क्युकी हमारी ट्रेन आज की ही थी......रास्ते में पूजा बोली जान अगर सब कुछ अच्छा रहा ना तो फिर अगले साल हम आपके हो जायेंगे वाओ.....हम बोले हा स्वीटहार्ट बस विश्वास करना होगा खुद की मेहनत पे और तुम्हारा प्यार मां पापा का आशीर्वाद तो है ही.....फिर यही सब बाते करते हम पहुंच गए दिल्ली स्टेशन ट्रेन लगने में अभी पौना घंटा समय था.....पूजा अपनी सहेली को फोन की और थैंक्यू बोली और साथ ही साथ कांग्रेट्स भी उसके इंगेजमेंट के लिए फिर उसके इंगेजमेंट की कुछ पिक्चर्स मंगवा ली अपने पास और बोली चलिए अब दिखलाने को कुछ तो होगा मेरे पास......हम बोले अच्छा और जब मां पूछेंगी की तुम कहा हो इनमे तब......वो हस के बोली बोल देंगे आपके बाहों में थे......हम बोले अच्छा फिर तो सच में तुमको मेरे बाहों में आना पड़ेगा......वरना बहुत मार पड़ेगा
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वो बोली तो आप हो ना बचाने को.....
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इतने में हमारी ट्रेन आ गई और फिर कुछ देर बाद दोनो कोई निकल पड़े दिल्ली से......इस बार हमारी सीट अपर लोअर थी इसलिए एकदम शिष्टाचार में लिपटे बच्चो की तरह हम पटना पहुंच गए......स्टेशन से ही हम पूजा को उसके घर के लिए भेजे हालांकि वो जाने को तैयार नहीं थी पर फिर भी उसको भेजे इसलिए ताकि मां और पापा बाकी लोग को कोई शक न हो.....और हम अपने घर आ गए.......घर आने के बाद सबसे पहले मां और पापा से मिले और उनको अपना एग्जाम के बारे में बताया......फिर इसी तरह दुनिया वापिस अपने पटरी पे आ गई थी और प्रैक्टिस अच्छे से चालू थी सेकंड टियर के एग्जाम के लिए और पूजा डार्लिंग से मेरा मिलना हफ्ते में हो ही जाता था......कुल मिला कर सब कुछ अच्छा चल रहा था......तकरीबन तीन महीने बाद रिजल्ट अनाउंस हुआ और इस बार मेरा रिजल्ट पूजा अपने लैपटॉप पे देखी जबकि हम फोन पे यस और नो सुनने का वेट कर रहे थे.....बता नही सकते थे की कितना घबराहट हो रहा था आखिरकार पूजा चिल्ला के बोली येस येस......जान यू मेड ईट......
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और ये सुन के फिर तो मेरा सपना सच होता दिख रहा था......खुशी के इस मौके पे पापा और मां का आशीर्वाद लिया और पूजा बोली मेरा तोहफा बाकी रहा मिलने पे दूंगी....उड़ते उड़ते ये बात सुगंधा के पास भी पहुंची पर उसको इस बात की जरा भी खुशी नही थी.....पर अंकल और आंटी राहुल ये सब खुश थे की चली आखिर जो उनके घर की तस्वीर सुधारने में बेटी की मदद किया अब उसकी भी तकदीर बदलने वाली थी.......एक महीने में एग्जाम था मेरा दूसरा वाला.........इसलिए जितना हो सके टाइपिंग और अपनी प्रैक्टिस दोनो पे ध्यान दे रहा था उंगली तोड़ प्रैक्टिस चालू थी टाइपिंग की क्युकी रिटेन के बाद सारा खेल इसी पे टिका हुआ था.......खैर दूसरा एग्जाम का सेंटर भी दिल्ली ही मिला और इस बार पूजा को छुट्टी नही मिली और एग्जाम हम अकेले देने गए.........पर इस बार भी मेरी मेहनत साथ दी इधर पापा और मां अपनी खुशी जाहिर करते नही थक रहे थे की इतनी कम उम्र में इतनी अच्छी नौकरी पा लेगा उनका बेटा......और बैंक वाला भाई भी खुश था की चली बैंक ना सही कही तो फिट हो गया और सेंट्रल गवर्नमेंट की नौकरी थी उससे अच्छी बात क्या हो सकती थी.......

टियर टू और स्किल टेस्ट देने के बाद फाइनली डॉक्यूमेट वेरिफिकेशन का मेल आ गया और मुझे सेंट्रल पासपोर्ट ऑफिस भोपाल में एलडीसी की नौकरी मिली थी.......पापा से दो साल का वक्त मांगा था और भगवान की कृपा और मेरी मेहनत रंग लाई आखिर और पूरे 22 महीने में मैने अपनी मंजिल पा ली थी
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और अभी से तीन महीने बाद फाइनली ज्वाइन करने जाना था......पूजा तो जैसे अब मेरे लिए दुल्हन
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बनने का ही वेट कर रही थी उसको अब कुछ नहीं चाहिए था सब कुछ था उसके पास.....इधर मां पापा तो जैसे लग रहा था दुबारा जवान हो गए थे
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.........घर में एक छोटी सी पार्टी रखी थी पापा ने और पूजा को खास कर के खुद फोन कर के बुलाया था......और पार्टी भी सन्डे को थी सो पूजा के आने में कोई दिक्कत नही हुई.......उस दिन मेरी बहन बहनोई भाई और भाभी सब मौजूद थे भाई भाभी के तो बस यही आश्चर्य था की आखिर कैसे हम ये मुकाम पा लिए...........पूजा मां के पास बैठी थी सब कुछ जैसे एक सपने जैसा लग रहा था इतने खुश थे हम सब..........जब मेरे फाइनल ज्वाइनिंग की बात पूजा ने अपने घर में बताई तो वो लोग भी बहुत खुश हुए.........एक पार्टी मेरे घर हुई जिसमे केवल वो शामिल थी और एक पार्टी उसके घर हुई जिसमे केवल हम शामिल हुए.......
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पर कहते है ना की सब कुछ अच्छा चल रहा होता है तो किसी न किसी भोसड़ी वाले की आंख में आप चुभ ही जाओगे और वही होने वाला था......फिलहाल पूजा अब मेरे बारे में अपने घर पे बताने वाली थी क्युकी अब उसको सब कुछ क्लियर कर के सदा के लिए मेरी होना था........पर आगे देखते है की इनकी कहानी कौन सा unexpected मोड़ लेती है.......
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आज का दिन पूजा के लिए बहुत खास था क्युकी आज वो मां के साथ पटना आ रही थी और आज वो पापा और मां दोनो कोई को अपने प्यार का नाम उसकी पहचान बताने वाली थी......जब से सुमित का रिज़ल्ट क्लियर हुआ था सुमित लगभग हर एक दो दिन बीच कर के पूजा से मिलने पहुंच जा रहा था कोडरमा और हफ्ते के एंड में तो पूजा आती ही थी.......और पूजा से ज्यादा बेताबी अब सुमित को थी की कब वो पूजा के साथ अपने प्यारे से रिश्ते को एक नाम दे और ऑफिशियली उसको अपनी दुल्हन बना के ले जाए.........ये बेताबी देख के पूजा अपने आप को सबसे खुशकिस्मत लड़की मान रही थी की उसको इतना प्यार करने वाला साथी मिला वो भी ऐसे मिला जिसके बारे में पूजा कभी तसव्वुर में भी नही सोची होगी.......
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जब मां बेटी घर पहुंचे तो सब कुछ नॉर्मल था वहा पूरा दिन सब में ऐसे ही बीता दिया शाम को पूजा सुमित से बात करते वक्त बोली की आज वो बताएगी घर में आपके बारे में सो भगवान से मनाइयेगा की सब हसी खुशी मान जाए.........दिल बहुत घबरा रहा है मेरा.........सुमित बोला की जान मेरी अब वो माने या ना माने तुम मेरी हो चुकी है बस अब एक चुटकी सिंदूर से अपने रिश्ते को रंग देना है........पक्का रंग फिर चाहे जमाना कुछ भी कहे.......पर तुम टेंशन मत लो सब मान जायेंगे बस अपने को हिम्मत नही हारनी है अपनी बात को शांति से सब के सामने रखना और हम आ जायेंगे क्या......पूजा बोली नही नही बाप रे आप अपने घर पे ही रहिएगा हम बात करेंगे ना आपसे बताने के बाद......हम बोले सुनो सुनो जो भी बात हो पॉजिटिव नेगेटिव हम कॉल पे रहेंगे उस वक्त फोन पास में रखना कॉल कनेक्ट कर के.......पूजा को भी ये बात सही लगी इसलिए वो बोली की ठीक है आधे घंटे में सब खा पी के जब निश्चिंत हो जायेंगे तो मां पापा से बात करूंगी हम बोले अच्छा क्या बोलेगी की आई लव सुमित
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पूजा बोली भक्क आप ना और मेरे को घबराहट बढ़वा रहे है कुछ भी समझ नही आ रहा हम बोले बिंदास जैसे उस दिन बात की थी मां से आज भी पहले मां से बात कर लो ठीक है उसके बाद बात खुद ब खुद पापा तक पहुंच जाएगी......पूजा सुबकने लगी बोली जाना मेरा मन बहुत घबरा रहा पता नही क्या होगा हम बोले मारेंगे अगर रोई तो अच्छे मन से खुशी खुशी जा के बात करो ठीक है.......फिर पूजा किचन में मां के साथ थी काम करते हुए जबकि राहुल और पापा बाहर वाले कमरे में टीवी देख रहे थे और सुगंधा मोबाइल में बिजी थी......पूजा पहले फोन हमको लगा लि और पास में रख दी उल्टा कर के.....और मां से बोली मां एक बात बोलना है......मां बोली हा बोल क्या है......पूजा बोली वो वो लड़का जी....इतना बोलते ही मां उसके तरफ घूमी और हैरत भरी नजरो से उसको देखने लगी.....फिर बोली आगे बोलेगी या नही......फिर पूजा बोली मां हम सुमित से प्यार करते है और वो भी हमको प्यार करता है.......इतना सुनते ही मां उसको खींच के एक तमाचा मारी पूजा के मुंह से एक आह निकली और आंख से आंसू बह निकले......इधर हम सब सुन रहे थे और मना रहे थे की ज्यादा कुछ बिगड़े नही बात संभाल जाए.......उधर मां उसको मारी और उसको जोर से हिला के दबी हुई आवाज में बोली तू होश में तो है उसके साथ तेरा भाई बहन का रिश्ता है और तुम दोनो क्या गुल खिलाए हो कुछ समझ में भी आता है या पैसे का हवा लग गया है......क्या बक रही है कुछ मालूम भी है तेरे बाप को पता चलेगा ना तो उसका तो पता नही तुझको जान से मार देंगे और उनकी छोड़ राहुल कितना गुस्सा करेगा तुझको मालूम भी है......पूजा रोते हुए दबी आवाज में ही बोली नही मां हम दोनो एक दूसरे के बहुत प्यार करते है नही रह सकते एक दूसरे के बगैर......मां सर पकड़ के जमीन पर बैठ गई और बोली हे भगवान ये लड़की क्या थी और क्या हो गई है बाप रे बाप घर का सुख शांति छीनने पे तुली हुई है.......पूजा गैस बंद कर के नीचे जमीन पे बैठ कर मां के हाथ को पकड़ के कुछ बोलती मां उसका हाथ छुड़ा के उसके बाल पकड़ के बोली तू उस दिन क्या बोली की वो कोई लड़का है पर पता नही वो तुझको पसंद करता है की नही और आज ये क्या नया ड्रामा है तेरा......पूजा फिर एक सास में शुरू से अंत तक का कहानी बयां कर डाली मां के सामने बस वो चोट लगना के जगह एक दूसरे के प्रति फीलिंग्स जागने से बदल दी क्युकी ये जरूरी था सारी बाते तो केवल हमारे बीच थी........मां सारी बाते सुनने के बाद पूजा का मुंह देख रही थी की कैसे हम दोनो नाक नीचे अपनी मोहब्बत की इबारत लिखते रहे और कानो कान किसी को खबर तक नहीं हुई......मां फिर से पूजा को एक तमाचा रसीद कर दी........और बोली तुमलोग ने बहुत अच्छे से विश्वासघात किया है हमारे साथ.......पर पूजा तुरंत मेरे घर में हुए कांड के बारे में भी बतला दी की सुमित के घर वाले हमारे रिश्ते के लिए मान गए है बस आपकी और पापा की मंजूरी चाहिए मेरे घर में क्या क्या हुआ था दो साल पहले वो सब उसने एक सास में बता दिया.......ताकि मां को थोड़ा विश्वास हो जाए हम पर.........पूरी बात सुनने के बाद मां थोड़ा शांत हुई और उनको भी समझ में आया की हम दोनो टिपिकल प्रेमी जोड़ा बन के अपना घर परिवार का इज्जत रौंद के कही भागे नही ना कोई गलत काम किया बस जो किया है वो सब के सामने है और तो और दोनो ने अपने आने वाले समय को भविष्य को सवार लिया है........मां फटफत उठते हुए बोली तूने जो करना था कर ली अब उसका सफाई मत दे बाप सुनेगा तेरा तो मर्डर कर देंगे तेरा तुझको पता भी है वो लड़का ढूंढ रहे है तेरे लिए वो लव मैरिज के लिए कभी नही मानेंगे जो तू ये फ्यूचर सवार लिए है का बिन बजा रही है ना कुछ नही होने वाला हमको लगा था की कोई बैंक में है और वैसे भी वो तुझको करता है या नही ये अभी तक साफ नही था और यहां तो तूने तो पूरी बात ही पलट के रख दी......तेरे पापा कभी नही मानेंगे समझ ले इस बात को और बिठा ले अपने दिलो दिमाग में......पूजा सुबकते हुए अपने आंसू पोंछ के बोली मेरा सुमित नही तो कोई और भी नही बेटी की शादी का मंडप सजवाने से पहले उसकी अर्थी का सोच लेना और ये बात हम ऐसे ही नही कह रहे वक्त आने पे साबित भी कर देंगे......मां उसके बाह पकड़ के बोली जो जी में आए कर और इतना ही मन बढ़ गया है तो जा जा क अपनेे बाप को सब बतला दे अभी के अभी......पूजा तुरंत अपना फोन उठाई और किचन से बाहर निकल गई और पापा के पास जाने के बजाए अपने कमरे में गई अपना थोबरा सुधारा और पापा के सामने जा के खड़ी हो गई और बोली पापा आपसे कुछ बात करना है तो पापा कुछ बोलते इससे पहले मां कमरे में आई और बात काटते हुए बोली बेटी कह रही है की हम अभी रुक जाए दो तीन दिन और मेरा घुटने का दर्द डॉक्टर से दिखला के दवाई ले के ही कोडरमा आए उसके पास.....तो पूजा मां को देखी जैसे पूछ रही हो की बात क्यू बदली.......पूजा फिर मां में हा में हा मिलाते हुए बोली क्या गलत बोले हम पापा.....तो अंकल बोले अरे कोई नही कल सुबह तू चली जा मंगलवार को तेरी मां पहुंच जाएगी तेरे पास.......मां बोली अरे अकेले नही छोड़ने का मन मानता है.....अंकल बोले अरे कोई नही इतने दिन से रह रही है सब ठीक रहेगा तुम पहले दिखला लो फिर चली जाना...........

ये सुनते ही पूजा सीधा अपने रूम में चली गई उसके पीछे मां भी आई और गुस्से में पूजा से बोली तू जितना आसान समझ रही है ना उतना सीधा सीधा कुछ नही है यहां पे......पूजा बोली मां आप नही समझ रही मेरी बात तो फिर प्लीज एक बार समझो ना हम किसी और के बारे में नही बोल रहे सुमित है जिसके कारण आज हम इस मुकाम पे पहुंचे है हम पहले से जो भी पढ़े थे उसको सही दिशा दिखलाने वाला वही है और साथ में उसने भी बराबर की मेहनत की है तभी आज वो भी उस जगह पहुंचा है और उसके घर में तो हम दोनो को तब एक्सेप्ट किया जब सुमित के पास कुछ नही था फिर भी उनके पापा मां उनमें भरोसा दिखलाए और आज देख लिजिए........सुमित भी मुझसे बहुत प्यार करता है मां प्लीज और वो मां के सामने हाथ जोड़े खड़ी थी.........मां को अब कुछ समझ नही आ रहा था इसलिए वो वहा से वापिस किचन में चली गई जबकि पूजा वही पे बैठ गई और मेरे से मोबाइल में बोली जान आप ही कुछ कीजिए ना हमको कुछ समझ नही आ रहा हम बोले तुम पहले रोना बंद करो और शांत हो जाओ और कल तुम कोडरमा निकलो यहां पे मां कुछ न कुछ करेंगी ही और अगर कल परसों में कुछ नही हुआ तो हम मां से मिलेंगे अब हम लोग जिस कसौटी पे खड़े है उसपे खरे उतरना होगा ही हमे क्युकी यहां से हम वापिस नही मुड़ सकते समझ रही है और मेरी एक बात सुन लो तुम ध्यान से ये कभी मत सोचना की तुम मेरी पत्नी नही बनेगी हम दोनो एक दूसरे के तब से है जब से मैंने तुम्हे पहली बार छुआ था समझी तब से है जब से तुम मेरा लाया हुआ श्रृंगार का समान से सजी थी मेरा लाया हुआ साड़ी पहनी थी और तो और अब तो मां पापा भी तुमको बहु मान चुके है उनका दिया हुआ नाक का कील इस बात का सुबूत है समझी और भोपाल जाने वाली गाड़ी में हम दोनो एक साथ चढ़ेंगे ठीक है अभी जाओ आराम से खाना पीना खा के सोना रात में बात करेंगे हम फिलहाल रोना बंद और आने वाली जिंदगी के बारे में सोच नए नए सपने सजा मेरी जान हम जल्दी ही आयेंगे अपनी जान को अपने साथ अपनी अर्धांगिनी बना के ले जाने........पूजा के लिए ये सब बाते एक दर्द निवारक का काम की उसका मन हल्का हो गया था पर फिर भी एक डर था पूजा के मन में की क्या होगा क्या नही........इधर उसकी मां और सुगंधा किचन का काम खतम कर के खाना लगा लि थी और पूजा अपना बैग पैक कर के उनके साथ ही खाना खाई और फिर सब सोने के लिए चले गए इधर पूजा के आंखो से नींद गायब थी और मेरी भी बेचैनी बढ़ी हुई थी सो नींद आने का सवाल ही नही था पूजा को हम दस मैसेज कर रहे थे तो वो एक का रिप्लाई दे रही थी...... सोने के थोड़े देर बाद पूजा हमको कॉल लगाए और बोली रुकिए और मां के बिस्तर के किनारे आ के बैठ गई और मां भी जागी हुई थी.......मां उसको देख के उसको हल्का से धक्के दे के बोली जा जा के सो जा अभी तमाशा मत खड़ा कर......पूजा नही गई तो मां उसको बाह से उठा कर मेन दरवाजे के पास ले आई और बोली तू समझ नही रही सुमित के घर वाले और तेरे बाप भाई में बहुत अंतर है......नौकरी की आर ले के अगर तुम लोग को लग रहा है की सब मान जायेंगे इतनी आसानी से तो गलत फहमी में हो बहुत बड़ी वाली समझ ले मेरी बात.......पूजा मां से बोली मां आप हम दोनो के इस रिश्ते को एक्सेप्ट करते हो की नही कम से कम आप अपना तो बतलाइए अबकी बार मां चुप हो गई और बोली मेरे मानने ना मानने से क्या होगा बेटा इतने में पूजा फोन स्पीकर पे कर दी और हमको बोली आप ही पूछिए इनसे......हम पूजा के इस एक्शन के लिए रेडी नही थे पर फिर भी मां से बोले प्रणाम मां........मां पूजा का फोन हाथ से ली और काट दी.....पूजा बोली मां प्लीज मां प्लीज एक बार तो बात करो उनसे क्या मेरा एक बात नही मान सकती और उनका हाथ ले के अपने सर पे रख ली और बोली आपको मेरी कसम है इतना सुनते ही मां उसके हाथ झटक कर कमरे में चली गई गुस्से में और इधर पूजा वही खड़ी रही तभी हम फोन लगाए वो उठाई और बोली मां चली गई कुछ बोली ही नहीं जान कोई नही समझेगा हम दोनो को......हम बोले अरे नही जाना तुम ना ज्यादा दिमाग मत चलाओ सब मानेंगे फिलहाल ये छोड़ो और जाओ सो जाओ सुबह निकलना है ना......पूजा बोली नही जान नींद नही आएगा हमको हम बोले आएगा नींद तुम मेरे साथ बिताया हुआ पल याद करो नींद खुद ब खुद आएगा समझो हम तुम्हारे पास है.....पूजा बिस्तर पे आ के बैठ गई फिर हम उसको बहुत मुश्किल से सुलाए और खुद जागते रहे क्युकी बात को कैसे संभालना है हमको जरा भी दिमाग काम नही कर रहा था........खैर सुबह में पूजा जब स्टेशन आई तो राहुल उसके साथ था हम दोनों का मैसेज में बात हो रहा था इसलिए वो हमको देख ली और कोडरमा के लिए निकल गई........सुबह में भी मां उससे ज्यादा बात नहीं की और पूजा को भी समय नहीं मिला की कोई बात कर पाए......इधर घर पे सुबह के काम निपटाने के बाद राहुल और पापा दुकान चले गए और सुगंधा मां से बोली की डॉक्टर के यहां कितने बजे जाना है मां.....मां उसको बोली की पहले पूजा से बात कर के बता की वो बैंक पहुंची की नही......पूजा से बात हुआ और फिर मां सग्गू को बोली की वो डॉक्टर के यहां पापा के साथ जायेगी और पापा जब दोपहर में खाना खाने घर आए तो मां पहले से रेडी थी और वो उनके साथ निकल गई और रास्ते में बोली डॉक्टर के यहां से लौटते वक्त मंदिर चलेंगे तो पापा बोले ठीक है फिर दोनो कोई डॉक्टर के यहां पहुंचे वहा से निकलते निकलते शाम हो गई तो मां उनको ले कर अपने घर के पास वाले मंदिर में ही आ गई और वहा पे एक जगह बैठ गई और पापा से बोली आप पूजा के बारे में क्या सोचे है.....पापा बोले सोचना क्या है बच्ची अपनी सेट है लड़का देख ही रहे है कोई बढ़िया रिश्ता मिलते ही घर बसा देंगे उसका और फिर लगे हाथ सुगंधा भी तो है एक दो साल में उसके लिए भी देखना पड़ेगा ना क्यू क्या हुआ मां बोली वो किसी से प्यार करती है बताई थी ना तो पापा गुस्से में बोले दिमाग होश में है ना की नही पिछली बार के नौटंकी को हम बर्दाश्त कर लिए थे क्युकी उस वक्त लड़का का कुछ अता पता नही था पर अभी ये प्यार का नौटंकी मेरे साथ न ही करना तो अच्छा रहेगा.....और पापा उठ कर जाने लगे तो मां उनको रोकी और मंदिर में देवी मां की मूर्ति के सामने उनको ला कर खड़ा कर दी और बोली हर बार आपके गुस्से से बात दब नही सकती इस बार आपको समझना पड़ेगा थोड़ा समझिए तो पापा उनसे सीधे सीधे सवाल किए की कौन है लड़का तो मां डरते डरते बोली वो सुमित से प्यार करती है पापा थोड़ा कन्फ्यूज हुए और पूछे कौन सुमित बैंक में है क्या......मां बोली नही सुमित सुगंधा का दोस्त.......पापा गुस्से में खींच के एक तमाचा मां को धर दिए और बिना कुछ बोले वो निकल गए वहा से.....मां अपने आप को संभालते हुए उनके पीछे भागी और उनको रास्ते में रोकना चाही पर वो नहीं रुके सीधा दुकान पहुंचे और राहुल को चिल्ला कर बोले दुकान बढ़ा और घर चल अभी के अभी.......राहुल अपने बाप में तेवर देख के घबरा गया और फटाफट दुकान का शटर डाउन किया सुगंधा अपने क्लास गई थी सो चाभी राहुल के पास ही थी......राहुल जब दुकान बंद कर के पापा के पास आया और इससे पहले वो कुछ पूछता पापा ने उसके जेब से मोबाइल निकाला और पूजा का नंबर डायल किया......पूजा अभी बैंक से निकल कर अपने रूम पर ही जा रही थी वो फोन उठाई और पापा बहुत ही शालीनता से उसको बोले की तू बस पकड़ और अभी के अभी पटना आ हम इंतजार कर रहे है तेरा और फोन काट दिया.......पूजा बुरी तरह घबरा गई थी इसलिए वो अपने कमरे पे ना जा के सीधे बस पकड़ने के लिए निकली और साथ में हमको भी फोन पे बताई की पापा घर बुलाए है बहुत डर लग रहा है हम बोले तुम पहुंचो हम भी आते है.....भगवान जाने क्या खेल रचाए थे वो हम दोनो के लिए....इधर घर आने के बाद मां पापा से बात करने के लिए मिन्नत करती रही पर पापा टस से मस नहीं हुए वो उनकी बात को सुनने को तैयार ही नहीं थे और हमको बहुत गाली दे रहे थे तो राहुल पूछा की बात क्या है ये सुमित भईया को क्यों गलिया रहे है फिर पापा उसको चिल्ला कर बोले तेरी बहिन तेरे सुमित भईया की छीनाल बन गई है समझा अब सोच ले भईया बोलेगा की क्या
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ये बात सुन के राहुल को जैसे यकीन ही नहीं हुआ वो मां से पूछा की पापा क्या कह रहे है मां ये सब......मां उसको बोली तू ये सब में मत उलझ जा अंदर जा राहुल लगभग चीखते हुए बोला सच है हा या ना में जवाब दो हमको मां....पापा बोले वो क्या बोलेगी हम बता रहे है ना उस नीच ने हमारे घर में आते जाते हमारी नाक में नीचे हमारी ही इज्जत पे हाथ डाला है इसका हिसाब तो उस कीड़े को देना ही होगा.....राहुल इतना सुनते ही घर से निकल गया मां उसको चिल्ला कर बुलाने का कोशिश की उसके पीछे गलियारे तक भागी और उसको रोकी भी पर राहुल उनको धक्का दे के हाथ छुड़ाते हुए चला गया मां वापिस घर में आ कर पापा से बोली की वो कहा जा रहा है उसको रोकिए गुस्से से बात बिगड़ेगी आप समझिए और अगर गुस्सा इतना ही हावी है तो तैयार रहना बेटी की अर्थी सजाने को.......पापा मां के पास आए और चिल्लाते हुए बोले आने तो दे तेरी बेटी को फिर उसके आशिक को भी बुलाता हु देखते है अर्थी किसकी सजेगी......फिर मां पूजा के बीच जितना बात कल रात में हुआ वो सब बतला दी और ये भी बोली की जितना गुस्सा आप अभी कर रहे है कल हम भी गुस्सा हुए थे पर उसके बातो में जिद था जो अगर पूरा नही हुआ तो कही कुछ अनहोनी ना हो जाए....पापा को अब सारा माजरा समझ में साफ साफ आ गया था पर वो अब भी कुछ सुनने को तैयार नहीं थे वो बोले अच्छा आने तो दे आ रही है ना सारा भूत उतार दूंगा प्यार का.......इतने में सुगंधा वापिस आई तो पापा ने उसको पकड़ के उसकी भी रेलाई कर डाली और पूछा की पूजा के इस कांड में वो शामिल है या नही पर वो पापा के गुस्से को देख कर बहुत डर गई थी और वो साफ साफ कन्नी काट के निकल गई की उसको इस सब के बारे में कुछ नही पता......पापा बोले बेटा अगर बाद में पता चला ना की इन सब में तू उनके साथ शामिल थी तो याद रखना जीना दुश्वार कर दूंगा......क्युकी हमको झूठे और धोखेबाजों से सख्त नफरत है....... आने दे तेरी बहन को उसको हम समझाते है प्यार क्या होता है.......अब मां समझ गई थी की पापा के अंदर गुस्सा हावी है पर अब बेटी के लिए पापा को समझाना होगा क्युकी जो भी हो जाए पूजा उनकी पहली संतान थी और मां बाप दोनो को अपनी पहली संतान कुछ ज्यादा अजीज होती है अगर कुछ ऊंच नीच हो जाती है और पूजा कोई ऐसा वैसा कदम उठा लेती है तो नुकसान केवल उसकी ममता का ही होगा........मां फिर से पापा से बात करने के लिए कोशिश की पर पापा तो अपने ही धुन में थे......मां पूजा के आने के बाद होने वाले तमाशे का सोच सोच के ही घबरा रही थी जबकि सुगंधा एकदम नॉर्मल थी....और राहुल का कुछ अता पता नही था......

इधर हम पापा के पास दुकान पे गए और उनको बतलाया की पूजा ने अपने घर में बताया है मेरे बारे में तो वहा का माहोल बहुत खराब है और अभी पूजा को वापिस बुलाया है वो निकल गई है यहां आने के लिए.......पापा बोले कोई नही बेटा घबरा मत हम और तेरी मां जा के बात कर आते है हम बोले पापा अभी जाना ठीक नही होगा वो बोले तुझको ये सब में परने का जरूरत नहीं है हम बड़े आपस में जा के समझ लेंगे और टेंशन मत ले सब ठीक हो जायेगा.....भईया मेरा सुना ये सब बात तो बोला की क्या मैटर है रे हम बोले कुछ नही तो पापा बोले इसकी शादी की बात करनी है भईया बोला किस्से कौन है कहा की है....पापा बोले शांति रख ना सब पता चल जायेगा.....और पापा मेरे साथ घर आ गए और मां को बात बतलाए तो वो भी पूजा के घर जाने के लिए बोलने लगी हम बोले नही अभी रुक जाइए सुबह में देखते है फिर पूजा के आने के बाद क्या बात होता है वो भी तो पता चलेगा पापा बोले कम से कम फोन से बात कर लेना चाहिए.....पर हम उसके लिए भी मना किए और बोले पापा अभी रहने दीजिए सुबह में कर लीजिएगा बात.......इधर पूजा स्टेशन से घर के लिए निकल गई थी रात के साढ़े दस बज रहे थे और हमसे मैसेज में बात हो रहा था हम बोले उसको की हम आते है तुम्हारे पास पर पूजा मना की बोली आपको मेरा कसम है आप वहा से हिलिएगा नही जो भी हो.....हम सब बतलाएंगे या कॉल ऑन कर के रखेंगे आप सुनना..........वो घर पहुंची तो देखी की दरवाजा पहले से खुला था.......उसके अंदर जाते ही पापा उसपे बहुत जोर से चिल्लाए और उठ कर उसके हाथ को पकड़ के खींचे और सोफा पे धकेल दिए और बोले माथा फिर गया है क्या तेरा या फिर पैसा का हवा लग गया है जो ये नौटंकी कर रही है वो बोली नही पापा ऐसा कुछ नही है आप एक बार मेरा बात तो समझने का कोशिश कीजिए......सुमित से इतना बोलना था की पापा का हाथ लगातार पूजा पे बरसने लगा पूजा के पीठ और गाल पे पड़ते वो थप्पड़ और मुक्को की आवाज बीच बचाव करती मां की आवाज हम साफ साफ सुन सकते थे और ताज्जुब की बात है की सुगंधा इस लड़ाई में पूजा को बचाने नही आई थी क्युकी उसकी आवाज बिलकुल भी नहीं आ रही थी....पूजा की दर्द भरी चीखे और उसके मुंह से रोते रोते पापा नही पापा आज जान यही सब आवाजे मेरे कानो में आ रही थी......हमसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था और दौड़ लगा दिए उसके घर के तरफ.....एक बार सोचा की पुलिस में फोन कर दू पर फिर बात और बिगड़ ना जाए इसलिए नही किया और दौड़ते दौड़ते पहुंच गया पूजा के घर की गली में......अभी उसका दुकान क्रॉस किया ही था की सामने से राहुल ने मेरा रास्ता रोक लिया......और इससे पहले हम कुछ समझ पाते राहुल ने मेरे को मारना शुरू कर दिया.....रात थी इसलिए सड़क सुनसान हो चुका था और राहुल को मैने रोकने की बहुत कोशिश की क्युकी मेरे हाथ उठाने से बात और बिगड़ती पर ये साला अपने बाप के जैसे ही था कुछ सुनने को तैयार ही नहीं था अंततः मैने रख के दिया एक घुसा पेट में और वो अपना पेट पकड़ के बैठ गया वही पे....वो जोर से चिल्लाए रुक जा साले तेरी मां चो***ता हु अभी और हम वहा से भागे पूजा के पास पूजा का फोन कट गया था क्युकी मेरा फोन ही बंद हो गया था...हम पूजा के घर पहुंचे और अंदर गया तो देखा की पूजा जमीन पे पड़ी है और मां उसके चेहरे पे पानी मार रही थी उसको उठाने के लिए....वो मार से बेहोश हो गई थी और पापा मेरे को नजर नहीं आए कही भी हम झट से पूजा के पास गए और उसको सर को उठा के अपने गोद में रखा और मां के हाथ से पानी का ग्लास ले के पूजा के चेहरे पे पानी छिड़का और जोर जोर से उसको आवाज देने लगा उठो पूजा देख हम है तेरे सुमित उठ ना.....मेरी आवाज पूजा से पहले पापा के कानो में पड़ी और वो अंदर के कमरे से बाहर आए उनके हाथ में एक लकड़ी का डंडा था लाठी जैसा.....वो मादरचोद बोलते चिल्लाते हुए मेरे पास आए और उस डंडे के पड़ने से पहले पूजा जागी और उसके मुंह से बस यही सुन पाया जान आप यहां क्यू आए
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और इतने में वो डंडा सीधा मेरे हाथ पे मारा पहला डंडा पड़ा तो पानी का ग्लास मेरे हाथ से छूट गया और ऐसा लगा की मेरी हथेली टूट गई....मां जो अब तक हैरानी भरी नजरो से हम दोनो को देख रही थी वो उठी और पापा को फिर से रोकने लगी पर पूजा की बात सही थी मेरे को देख के वो और बिगड़ गए थे...पापा बोलते जा रहे थे साले नीच कहींके धोखेबाज तुझे अपने बेटे के समान माना था और तूने मेरी ही इज्जत से खिलवाड़ किया हा तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरी भोली भाली बेटी को बहकाने की और तड़ातड़ डंडे बरसाने लगे हम पापा पापा बोलते हुए पूजा पे झुक गए ताकि उसको और चोट ना लगे और मेरे पीठ पे डंडे बरसने लगे इस बार सुगंधा बीच में आई और पापा को रोकना चाही पर तब तक कुछ छः सात डंडे पड़ चुके थे अभी सुगंधा पापा को पकड़ के पीछे की ही थी की राहुल घर में घुसा और इस बार उसके साथ शायद उसके कुछ दोस्त भी थे क्युकी राहुल के चिल्लाने के बाद कुछ और लड़को की आवाज आई थी कमरे में......वो हमको खींच के पूजा से अलग कर के बाहर गलियारे में ले गए और पूजा वही जमीन पर से उठने की कोशिश करने लगी पर उसको पहले ही बहुत मार पड़ चुकी थी जिससे उसमे ताकत नही थी....इधर वो लोग मुझ पर बेतरतीब तरीके से लात घुसे मारने लगे और गालियां तो बस जैसे खतम ही नही हो रही थी उनकी....मारते मारते गलियारे की दीवाल से उन्होंने मेरा सर टकरा दिया....मेरे सर फट गया और खून बहने लगा पीछे कमरे में मां का सब को समझाने का सामर्थ्य अब खतम हो गया था वो पापा के पास गई और उनके हाथ से डंडा खींचा और उनको और सुगंधा दोनो को धक्का दे कर अंदर के कमरे में गिरा दिया और बाहर से दरवाजा लगा दिया और रहुल्ल्लवा चीखते हुए बाहर निकली और उसी डंडे से दे दना दन सब को धुन दी जिसको जिधर मार सकती थी वो मारने लगी....इस बीच पूजा घुटने के बल चलते मेरे पास पहुंची और हमको गाल पे थपथपा के जान ए जान बोल के बात करने का कोशिश की पर हम लगभग लगभग अपने होश खोने को थे....वो मेरे सर से बहते खून को अपने हाथ से रोकी पर उसके हाथ में भी चोट था सूजन आ चुकी थी उसके हाथ में और मेरी तो हथेली मालूम पड़ती थी की टूट गई थी....अंदर कमरे में पापा दरवाजा तोड़ने पे आमदा थे......वो तो सुगंधा थी जो उनको संभाले हुए थे इतना शोर शराबा हुआ की किसी पड़ोसी ने पुलिस को बुला दिया था....अंदर सुगंधा मां दरवाजा खोल दे मां मम्मी और पापा अलग ही चिल्ला रहे थे........इधर मां की मार से राहुल के साथ वाले लड़के तो भाग खड़े हुए पर राहुल वही था और उसने अपने कमर से एक देसी बंदूक निकाली और तान दिया अपनी मां पे.....मां उसके हाथ में बंदूक देखी तो डंडा उनके हाथ से छूट गया और वो बबेटा रे बेटा ये क्या कर रहा है तू रे इसको फेक दे हटा इसको.....पूजा भी जितना चिल्ला सकती थी चिल्लाई और भरपूर कोशिश की हमको उस जगह से हटा कर ले जाने का और हममें इतनी शक्ति नही बची थी और हम कब बेहोश हुए मालूम भी नही अंतिम बार मेरे कानो में बस पूजा का जान कहना ही सुनाई पड़ा था और मैने उसकी हथेली को कस के अपने हथेली में फसा लिया था.........राहुल के सर पे खून सवार था वो चिल्ला कर बोला की इस मादरचोद ने मेरे घर में आते जाते मेरी ही बहन पे नजर डाली है इस रण्डी के जने को हम नही छोड़ेंगे हमारे भरोसे का कत्ल किया है इसने मेरे पापा के सम्मान को ठेस पहुंचाया है मां तू हट जा और मां उसके पास उसको समझाने के लिए बार बार आगे बढ़ रही थी ताकि वो कही गोली ना चला दे इसलिए राहुल ने मां को धक्का दे कर पीछे धकेल दिया और मां लगभग लगभग गिर ही गई थी और जब तक वो संभलती और राहुल को रोकती.......राहुल ने धाय से गोली चला दी पूजा चिल्लाते ना राहुल प्लीज ना मत कर ना कहते हुए तुरत मेरे पे झुकी पर तब तक गोली मेरे कंधे में लग चुकी थी.......पूजा जोर से चिल्लाई नही राहुल नही भाई भाई भाई हमको वो जितना कवर कर सकती थी की पर कोई फायदा नही राहुल ने तुरंत दूसरी गोली चलाई और इस बार वो गोली मेरे छाती के साइड से मेरे पंजरे में लगी........दो गोली चलने की आवाज सुगंधा और पापा ने भी सुनी थी पर किसने किसको मारी ये उनको नही पता था वो अब बाहर आने को आतुर थे और इधर मां एकदम शॉक में थी पर तभी जैसे वो होश में आई क्युकी राहुल तीसरी गोली मारने जा रहा था और राहुल तीसरी गोली चलाता उससे पहले उन्होंने उसको धकेल के गिरा दिया......और पास में गिरा हुआ डंडा उठा लिया और दे मारा उसके हाथ पे जिससे बंदूक थोड़ी दूरी पे फेका गया....... पर फिर भी राहुल उठा और बंदूक उठाना चाहा पर मां ने उसको डंडे से लगातार मारना चालू किया और रोते रोते गलियाना शुरू किया वो फिर भी बंदूक उठा लिया और मेरे तरफ दुबारा बढ़ने लगा जबकि पूजा हमको चाह कर भी वहा से दूर नहीं ले जा पाई और अब मेरी हालत का कोई ठौर ठिकाना नहीं था पूजा जितना हो सके उतना जोर लगा रही थी पर कोई फायदा नही और मेरी हालत देख के पूजा ने भी अपने होश खो दिए......राहुल अभी मां से लड़ाई कर ही रहा था की पुलिस
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आ गई.......और राहुल उनके गाड़ी और हल्ला सुन के वहा से भाग खड़ा हुआ जबकि कुछ पुलिस वाले उसके पीछे भागे और कुछ अंदर आए और हमको और पूजा को पहले उठाया.....पूजा होश में थी पर मेरी हालत बहुत खराब थी.........उन्होंने तुरत पास में खड़े एक रिक्शे वाले को पकड़ा और हॉस्पिटल ले जाने को बोला उसपे हमको और पूजा को जैसे तैसे लाद दिया गया दोनो ने जो एक दूसरे के हाथ पकड़ रखे थे वो छूट चुके थे......
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पूरे गलियारे में खून ही खून था.........
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पुलिस के आने के बाद आस पास से मजमा जुट गया वहा पे...........मां पुलिस वालो से कुछ नही बोली सीधे भागी घर के अंदर और दरवाजा खोला पापा और सुगंधा बाहर निकलते हुए बाहर की तरफ भागे और बाहर से पुलिस भी अंदर आ ही रही थी उन्होंने पापा को पकड़ा और मां को भी पकड़ के बाहर गलियारे में ले आए जबकि सुगंधा की अब रुलाई फूट पड़ी थी बाहर मंजर देख के उतने में राहुल को पकड़ के दो तीन सिपाही थानेदार के सामने ले आए थे......राहुल को जैसे कोई फर्क नही पड़ा था.......थानेदार ने सिपाही के हाथ से डंडा खींचा और राहुल को तीन चार डंडे दिए सटा सट वो कराहते हुए वही उछलने लगा.....इधर पापा और मां और सुगंधा तीनो उनको रोकने लगे......वो रुका और बोला डालो साले खूनी को गाड़ी में.....पर पापा बोले ये कुछ नही किया है साब थानेदार ने पापा को पीछे धकेलते हुए कहा हा कुछ नही किया है ये खून देख रहे है सब यहां होली खेल के गया है अभी अभी.......मादरचोद ज्यादा बोकरादी किए ना तो गांड़ में यही लठियां ठूस देंगे समझा......फिर वो थानेदार ने अपने थाने से एक और गाड़ी मंगवाई और राहुल को हथियार के साथ थाने भेज दिया जबकि वो हम दोनो के रिक्शे के पिछे जाने के लिए अपने जिप्सी में बैठा और उनके साथ में आई एक महिला सिपाही को मां और पापा को भी बिठाने को बोला.......जबकि सुगंधा उनके जाते ही घर बंद कर के भागी उनके पीछे.......ये सारा कांड एक घंटे में हुआ था पूरा तहस नहस हो गया था सब कुछ......इस एक घंटे में.......

इधर सुमित के पापा और मां बाइक से निकले थे पूजा के घर के तरफ क्युकी सुमित का फोन बंद था और उसके गए हुए काफी देर हो चुकी थी जबकि उनको मालूम था पूजा के यहां माहोल खराब है अभी वो चौराहे के पास ही पहुंचे थे की सुगंधा को तेज तेज कदमों के साथ जाते देखे......वो चिल्लाते हुए उसके पास पहुंचे और पूछे की सुमित कहा है क्या हुआ है पर सुगंधा कुछ बोली नहीं बस दौड़ के निकल गई सुमित के पापा बाइक से और मां उसके पीछे दौड़ के उसको रोकी और बोली ए लड़की बताएगी क्या हुआ.......सुगंधा के मूंह से इतना ही निकला हॉस्पिटल चलिए अंकल......वो लोग समझ गए की कुछ अनहोनी हो गई है......पापा दोनो को ले कर हॉस्पिटल पहुंचे तो देखे की पुलिस पूजा के पापा को डांट रही है और मां वही बगल में बैठी है.....सुमित के पापा वहा पहुंचे और पुलिस वाले से पूछा की क्या हुआ है पुलिस वाला पूछा की आप कौन......वो लड़खड़ाती हुई आवाज में बोले हम मेरा बेटा है सुमित.....इतना सुनते ही पुलिस वाला बोला इसने और इसके बेटे ने आपके बेटे के साथ मारपीट की है और उसको गोली मारी है और घायल है अभी इलाज में है......इतना सुनते ही हॉप्सिटल सुमित की मां की रुलाई और चीख से गूंज उठा.....जबकि सुमित के पापा उनको संभालने लगे रोते रोते इतने में एक हॉस्पिटल का कर्मचारी आ कर बोला अरे यहां पे चिल्लम चिल्ली मत करो ओटी है ये इंस्पेक्टर साब ले के जाओ इनको नीचे आप......पुलिस वाला बोला रुक जा भोसड़ी के वरना यहां इतना मारूंगा की तेरी चीखे बंद करवाने वाला कोई नहीं होगा समझा......और एक सिपाही सुमित के मां पापा को संभालने लगा......

इधर पूजा के पापा के मुंह से अब एक शब्द नही फूट रहे थे राहुल के कांड के बाद वो शांत था उनके हिसाब से उनकी बेटी को बहकाने वाले को सही सजा मिली थी......वही पूजा की मां जमीन पे बैठी रो रही थी.....और सुगंधा ओटी के पास गेट पे खड़ी थी पर को फायदा नही क्युकी यहां बाहर से कुछ नही दिख रहा था.......उसको लगा की दोनो को यही लाया गया है जबकि यहां पे केवल सुमित था.....पूजा नीचे के वार्ड में थी उसका सिटी स्कैन वगैरह हो रहा था बेहोश तो अभी तक वो भी थी.....वो हॉस्पिटल वाला कर्मचारी इंस्पेक्टर से झिड़की खाने के बाद वापिस ओटी की तरफ आया तो सुगंधा पूछी की दोनो अंदर है क्या भईया.....वो बोला नही लड़का यहां है लड़की नीचे है......वो पूछी की कहा है नीचे वो बोला नीचे जा के पूछो......वो अंदर जा ही रहा था तो सुगंधा पूछी की लड़का कैसा है वो बोला गोली मारी है दो और सर भी फाड़ दिया है बचेगा की नही ये तो अब डॉक्टर साब ही बतलाएंगे वो तो नसीब उसका अच्छा था डॉक्टर साब निकले नही थे वो यही थे और इंस्पेक्टर था साथ में इसलिए एडमिट ले लिया वरना कोई चांस नहीं था........सुगंधा रोते रोते उससे पूछी नीचे कहा जाऊ वो बोला सिटी स्कैन के लिए ले गए थे अभी वही पूछो जा के और चला गया अंदर.....इधर सुमित की मां के आंसू थम ही नहीं रहे थे और पापा बेचारे घबराए हुए नम आंखों से अपने बेटे की शकूशल वापसी की कामना कर रहे थे वो कभी सुमित के मां को संभालते कभी खुद किया और इंस्पेक्टर ने सुमित के पापा को बोला की एफआईआर दर्ज कर देंगे अंकल केस होगा और आर्म्स एक्ट और हाफ मर्डर में लंबा खिंचेगा इसलिए घरेलू मामला है देख लिजिए आपस में सलटाना है तो कुछ ले दे के केस खत्म कर देंगे.....सुगंधा नीचे पूजा के पास जा चुकी थी और पूजा की मां कैसे को यही रफा दफा करने की बात पे उम्मीद भरी नजरो से सुमित के पापा की तरफ देखने लगी पर सुमित के पापा ने थानेदार को कोई जवाब नही दिया और फोन निकाल कर उन्होंने पहले सुमित के बड़े भाई को फोन किया और फिर तिवारी जी को फोन किया........(ये कहानी में सबसे शुरू में आए थे जब सुमित के पापा ने इनसे सुमित के लिए अच्छी जॉब ढूंढने की बात की थी).......तिवारी जी पॉलिटिकल बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते थे पापा ने जैसे ही उनको बतलाया की ऐसा ऐसा हो गया है वो दस मिनट में ही अपने बेटे और बीवी के साथ पहुंच गए हॉस्पिटल और थानेदार उनको पहले से जानता था पर तिवारी जी अलग ही तेवर में थे उन्होंने पापा को पहले ढाढस बंधाया और फिर अपने फोन से किसी को कॉल लगाया और कुछ बात करने के बाद उस थानेदार को फोन पकड़ा दिया उधर से जो भी बात हुई वो होने के बाद थानेदार फोन वापिस करता हुआ बोला अरे सर आपको हम जानते है इतना दूर फोन करने का जरूरत ही नही था तिवारी जी बोले मेरा बेटा है वो जो अंदर है और इन बाप बेटा का अकल अच्छे से ठिकाने पे लाइए जरा नॉन बेलाबेल वारंट इश्यू होना चाहिए और वाटर टाइट केस होना चाहिए......वरना आप को अभी समझ में आ गया होगा की केस सलटाने के फेरा में कही आप ना सलट जाइए.......थानेदार की घिग्घी बंध गई थी उसने सुमित के पापा का बयान दर्ज किया जिसमे उन्होंने कहा की उनके बेटे और होने वाली बहु पे जानलेवा हमला हुआ जिसमे राहुल और उसके बाप को नामजद अभियुक्त बनाया........सुमित के पापा का ये फैसला सही था या नही ये अभी जरूरी नहीं था जरूरी ये था की उन्होंने क्या सोचा था और क्या हो गया क्युकी उन्होंने ये नही सोचा था की बात इतनी बिगड़ जाएगी और ये गोली का तो सपने में भी नही सोचा था.....और बयान दर्ज करवाते वक्त न सुगंधा की मां कुछ बोली और उसके पापा को तो कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था.......थानेदार ने एक सिपाही के साथ राहुल के बाप को नीचे भेज दिया गाड़ी में बिठाके रखने को पूजा के पापा जाते जाते बोले हम कभी भी ये रिश्ता नही होने देंगे याद रखना तुमलोग और तेरे बेटे को सही सजा मिली है वो इसी लायक था.......सुमित के पापा कुछ बोलते इससे पहले तिवारी जी बोले हा उसको तो सजा मिल गई पर अभी तू अपना देख बाप बेटा कहा जा के सड़ोगे कोई नही जानता है नर्क ना बना दिए जिंदगी तो बोलना.....थानेदार बोला अरे ले जा इस अमरीश पुरी को ना तो यही पे पोस्टमार्टम कर देंगे इसका वो सिपाही उसको ले गया और थानेदार सुमित के पापा और तिवारी जी से बोला की चलते है सर कुछ दिक्कत हो तो एक बार फोन कर दीजिएगा और चला गया......अब सुगंधा की मां की रुलाई फूट पड़ी पर उसके पास अभी कोई नही था वो एकदम बदहवासी की हालत में उठी और सुमित की मां और पापा के सामने हाथ जोड़ के बिना कुछ बोले वहा से चली गई नीचे.......इधर तिवारी जी का बेटा ओटी के वार्ड बॉय को बुला के सारी जानकारी ले रहा था और तिवारी जी की बीवी सुमित की मां के साथ बैठी थी......जबकि तिवारी जी और पापा एक जगह खड़े थे और सुमित के पापा अभी भी नम आंखों से तिवारी जी को बता रहे थे शुरू से की कैसे कैसे ये बात यहां तक पहुंची.......तभी भईया भाभी आ गए और फिर एक बार और मां की रुलाई फूट पड़ी और सारा माजरा जानने के बाद वो लोग भी शॉक हुए पर अब जो होना था हो चुका था अब बस वेट था सुमित के ठीक होने की खबर का जो डॉक्टर ले के आता पिछले ढाई घंटे से ना सुमित की कोई खबर थी ना ही पूजा की.......

नीचे सुगंधा जब गई तो वहा के नर्स से पता चला की लड़की अभी बेहोश है कई जगह भारी चोट है और हाथ टूटा हुआ है एक पैर में भी चोट थी लिगामेंट डैमेज था सिर की सिटी स्कैन हुई है वो रिपोर्ट डॉक्टर ही बतलाएंगे......सुगंधा पूजा के वार्ड के बाहर ही खड़ी थी उसको आईसीयू में रखा था.......ऊपर से उसकी मां उसको ढूंढते ढूंढते नीचे जा रही थी वो मां को देख के दौड़ के उनके पास पहुंची और उसको देख के मां की रुलाई फूट पड़ी और वो उसको पकड़ के वही जमीन पे बैठे बैठे चीत्कार मार मार के रोने लगी क्युकी अभी उनके आगे पीछे कोई नही था देखने वाला.......सुगंधा भी रोते हुए उनको संभालते हुए बोली मां कुछ नही होगा सब ठीक हो जायेगा पूजा दी और सुमित को होश में आने दो पर मां राहुल बहुत बड़ी गलती कर दिया है ये नही करना चाहिए था......अब सब सुमित और पूजा दी पे ही डिपेंड करता है.......इतने में एक लेडी डॉक्टर आई और बोली आपका पुलिस केस है ना इंस्पेक्टर कहा है तो सुगंधा की मां बोली वो तो चला गया बयान ले के तो वो डॉक्टर बोली आप लड़की की कौन है मां है वो बोली हा.....और आप सुगंधा को तरफ इशारा करते हुए वो बोली छोटी बहन......इनलोग पे हमला हुआ है क्या या फिर कोई मारा है......अगर कोई मारा है तो उसको भी वैसे ही सजा दिलवाईएगा पता नही कैसे कैसे कहा कहा चोट पहुंचाया है जल्लाद सब.....वो दुबारा पूछी की क्या हुआ है बतलाइए सुगंधा की मां बोली मेरे पति और बेटे ने मारा है डॉक्टर ही सुनते ही अपनी आंखे चौड़ी कर के बोली पागल वागल है क्या दोनो ऐसे कोई करता है वो भी अपनी ही बहन बेटी के साथ......और किस लिए मारा है इस बार कुछ नही बोली इतने में नर्स पीछे से बोली मैडम लव मैरिज का केस है लड़के को गोली मारी है दो बचेगा की नही भगवान ही जाने उसके छाती की पंजरे को चीरते हुए डायफ्राम के पास फसी पड़ी थी गोली और एक कंधे की हड्डी में फसी थी सर में 11 टांके है अंदरूनी चोट अलग है साला जल्लाद जैसा मारा है.....अच्छा हुआ दोनो पकड़े गए हरामखोर...... डॉक्टर उसको बोली अरे माइंड योर लैंग्वेज सिस्टर.....सिस्टर सॉरी बोल के निकल ली वहा से तो डॉक्टर बोली ये एक दो आदमी मिल के नही मारे है और भी लोग होंगे....इस बात को हम रिपोर्ट में जरूर डालेंगे और ऊपर चल दी सुमित का स्टेटस देखने......सुगंधा डॉक्टर के पीछे दौड़ के पूछी की मैम मेरी बहन कैसी है बताई नही आप.....डॉक्टर बोली फिलहाल बेहोश है कई जगह भारी चोट है और बायां हाथ टूटा हुआ है एक पैर में भी चोट है लिगामेंट डैमेज है चलने में अभी दिक्कत होगी उसको शायद किसी भरी चीज से या पैर से मारा गया है उसके पैर पे पीठ में कई जगह चोट है ब्लड जम गया है वो तो गनीमत रही की रीढ़ की हड्डी में कुछ नही हुआ वरना अपाहिज हो जाती जिंदगी भर के लिए सुगंधा ये सुन के अपने मुंह पे हाथ रख ली डॉक्टर आगे बोली सिर की सिटी स्कैन हुई है उसका रिपोर्ट डॉक्टर ही बताएंगे पर सर के चोट और अंदरूनी पेन के कारण वो बेहोश है.......और डॉक्टर आगे बढ़ गई

ईधर सुमित का ऑपरेशन चल ही रहा था और उसका पूरा परिवार ओटी के बाहर खड़ा था.....तकरीबन सुबह के साढ़े 4 बजे डॉक्टर ओटी से बाहर आए उनके साथ वो लेडी डॉक्टर भी थी.......डॉक्टर को देखते ही सब दौड़ पड़े और सबसे पहले सुमित की मां रोते रोते पूछी की बेटा से मिलने दीजिए डाक्टर साब तो वो बोले प्लीज शांत हो जाइए और बात सुनिए दो गोली लगी थी निकाल दी है एक छाती में साइड से लगी थी और एक कंधे में....सर में 11 के करीब टांके है और कुछ चोट है जिसके लिए सिटी स्कैन कर चुके है और अभी बेहोश है अगले 24 घंटे ऑब्जर्वेशन में रहेगा फिर होश में आने के बाद ही कुछ सही से बता पायेंगे फिलहाल के लिए अगले 24 घंटे बहुत नाजुक है......और वो जाने लगे तो पापा रोते रोते पूछे और लड़की कैसी है लेडी डॉक्टर फिर वही सारी बाते दोहरा दी जो वो सुगंधा को बतलाई थी.......सुमित के पापा एकदम से जमीन पे बैठ गए और अब उनकी सहन शक्ति जवाब दे गई थी वो भी रोने लगे उनको देख के सुमित की मां भी रोने लगी और सुमित की भाभी भी वहा मौजूद सब लोग दोनो को संभालने लगे पर अब इंतजार के अलावा कोई उपाय नहीं था........भगवान करे की सब सही हो.....
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इस कांड के बाद सुगंधा ने अपने अंदर के पल रहे जहर को कल रात आंसुओ में रास्ते बह जाने दिया था......हा ये बात सच है की वो सुमित से ही प्यार कर बैठी थी पूजा के लिए उसका प्यार केयर देख कर वो खुद को सुमित के साथ देखने लगी उसकी भी ख्वाइश थी की सुमित के जैसा साथी उसको मिले जबकि वो अपनी बहन से ज्यादा सुंदर थी पर फिर भी सुमित पूजा पे मर मिटा था उसके मन में जलन की भावना पैदा हो गई थी पूजा से की अगर वो सुमित को पूजा से न मिलाती तो तीन साल के लंबे समय में जब तक वो अकाउंट्स के क्लास आता रहता उतने दिन में वो सुमित को जानते पहचानते धीरे धीरे ही सही पर सुमित उसका होता आज.......और इस मोहब्बत का बीज सुगंधा में मन में उस दिन जागा था जिस दिन पूजा से मिलने सुमित पहली बार उतनी ठंड में उसके घर में गलियारे में आया था और बेधड़क बिना डरे वो पूजा को हसा कर प्यार के पल बिता कर गया था और पूजा पहले के मुकाबले ज्यादा खुश रहने लगी थी सजने संवरने लगी थी.......सुमित उसके लिए जो भी लाता सुगंधा उस चीज को खुद के लिए इमेजिन करती पर असलियत में ऐसा था नही इसलिए जब पूजा की जॉब लगी तो वो बाहर चली गई और इस समय वो सुमित को अपना बना सकती है इसलिए उसने अपनी तबियत बिगाड़ी थी ताकि सुमित पूजा के गैर हाजिरी में उसकी केयर करे और वो सुमित से अपने प्यार का इजहार कर दे.....पर इसी बीच सुमित और पूजा दोनो के सुमित के घर पे पकड़े जाने के बाद से सुगंधा का कोई चारा नहीं चलने वाला था इसलिए वो पूजा से नही सुमित से ज्यादा चिढ़ती थी पर नियति ने जो खेल पहले से रचा रखा है उसको कोई कैसे बदल सकता है........अब सुगंधा ये जान चुकी थी की वो इन दोनो के बीच कभी नही आ सकती और अब उसके मन में कुछ नही था पर एक टीस थी की कल रात वो पूजा को शायद मार पड़ने से बचा सकती थी पर सुमित को न पाने की खुन्नस में उसने पूजा को पीटने दिया पर अब उस टीस से उसको बहुत तकलीफ हो रही थी क्योंकि कल रात में गोली लगने के बावजूद दोनो एक दूसरे के हाथ पकड़े हुए थे वो देखने के बाद वो समझ गई थी की इन दोनो के बीच आने के बारे में सोचना भी कितना बड़ा पाप होगा......
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अब वो दोनो के एक होने के लिए ही कामना कर रही थी पर अभी ज्यादा जरूरी था दोनो का बिलकुल ठीक होना.......

दोनो बच्चो की मां के आंखो में आसू सूखे नही थे.....क्युकी मां तो मां ही होती है ना.....सुमित की मां पूजा के लिए भी उतनी ही चिंतित थी जितनी सुमित के लिए......खैर अभी तो सब वेट ही कर रहे थे तिवारी जी ने अपनी पत्नी और बेटे को साथ में सुमित की भाभी को घर भेजा और फ्रेश हो में दुबारा आने को कहा ताकि यहा ठहरे हुए लोगो का नाश्ता पानी हो सके.......इधर राहुल और उसके पापा को थाने के हाजत में रात भर बंद रखा और राहुल की गिरफ्तारी के बाद उसको थोड़ी मार लगाई ताकि वो बंदूक कहा से लाया था वो बतला दे.....पर राहुल ने वो इल्जाम भी अपने पे ले लिया था....हॉस्पिटल से उसके पापा के आने के बाद से दोनो रात भर टकटकी लगाए देखते रहे क्युकी गुस्से में उठाया गया कदम बाद में बड़ी तकलीफ देता है कुछ यही हाल दोनो बाप बेटा का था पर अब पछताए होत का जब चिड़िया चुग गई खेत.......अभी उनको कुछ भी नही पता था की वहा हुआ क्या है......आखिर पूरे रात की खामोशी के बाद पूजा के पापा ने अपने बेटे से पूछा की उसने गोली क्यू मारी जो बात थी हम समझ के जो करना होता वो करते पर ये कदम तूने क्यू उठाया......बोलेगा भी की नही अभी बता हमे यहां कौन छुड़ाने आ रहा है......राहुल कुछ नही बोला बस बाहर देखता रहा.....पर उसकी आंखो में आसू आ गए थे.....फिर दोनो बाप बेटा में कोई बात नही हुई....इधर सुगंधा की मां थाने में बंद अपने बेटे और पति के लिए कुछ नही कर सकती थी पर फिर भी थाने जाना तो था ही आगे क्या प्रक्रिया होगी ये जानने के लिए और इस काम का जिम्मा सुगंधा ने उठाया और वो मां को भरोसा दिलाई पापा और राहुल छूट जायेंगे बस एक बार सुमित और दी सही हो जाए......सुगंधा घर वापिस आई फ्रेश हो कर वो फटाफट थाने के लिए निकले लगी तो बगल के एक पड़ोसी आंटी ने सुगंधा को रोका और पूछा की क्या हुआ कल रात तो वो कुछ बताई नही बोली कुछ प्रोब्लम हो गया है आंटी पर ठीक हो जायेगा वो औरत बोली सुन हम समझ सकते है की क्या हुआ है पर बेटा तू घबराना नहीं ठीक हो जायेगा सब रुक जा हम और अंकल चलते है साथ में कुछ जरूरत पड़ेगी तो पर सुगंधा मना कर दी बोली जरूरत पड़ेगी तो खुद बोलेंगे आंटी आपको हम फिलहाल आप परेशान क्यू होइएगा और निकल गई फिर सीधे थाने पहुंची तो देखी दोनो बैठे है थाने की हाजत में और उनको देखते ही उसकी आंखों से आंसू बह निकले.....वो उनके तरफ जा ही रही थी तो एक सिपाही ने रोक दिया और कहा की पहले साहब से परमिशन लो महतो जी का दलान नही है की आए और सीधे घुस गए......वो बड़ी शर्म महसूस की और अंदर गई थाने में और रात वाले इंस्पेक्टर ने उसको देखा तो बोला क्या बात है क्यू आई हो जाओ यहां से कोर्ट में मिलना मिलाना करना जाओ भागो......वो बोली सर मेरे पापा और भाई है अंदर बंद तो पुलिस वाला बोला हा है और बंद ही रहेंगे ऐसे ही अभी कोर्ट ले जा रहे है शाम तक जेल हो जायेगी फिर वही जा के मिलना चलो जाओ यहां से......रे सुलेखा किधर है इसको बाहर निकालो चलो भागो एक लेडी कॉन्स्टेबल आई और सुगंधा को समझाते हुए ले जाने लगी तो सुगंधा थोड़ा तेज आवाज में बोली एक बार मिलने तो दीजिए अंकल प्लीज हाथ जोड़ती हु और हाथ जोड़ के रुकी वो.....पर वो महिला सिपाही खींचने लगी तो थानेदार उसको रोका और बोला क्या करेगी मिल के कोई फायदा है बताओ जिसके लड़के को गोली मारी है कल उसके बाप के साथ जो आदमी था उसने पता भी है किसको फोन मिलाया था हा अजहरुद्दीन को और उससे पंगा किसको लेना है देखो साफ साफ शब्दों में बता देते है उनका इंटरफेयर हो चुका है इस केस में और ये देखो एफआईआर चार्जशीट सब रिपोर्ट तैयार है मामला कोर्ट में जायेगा अब जो होना होगा वो जज बाबू करेंगे क्युकी अब इनके सर्वे सरवा उहे है न्यायधीश महोदय और अब अगर अजहरुद्दीन का फोन वहा भी घूम गया तो फिर कोई कुछ नही कर पायेगा काहे की उसका डायरेक्ट कनेक्शन बिहार के सीएम से है बाबू इसलिए जो केस किए है उनको बोलो वापिस ले लेंगे माफीनामा वगैरह लिखवा के छुड़वा लो पारिवारिक मामला है....एई लालमोहना लाओ दूनू को ले के आओ तो यहां.....एक सिपाही दोनो को हथकड़ी और रस्सी में बंधे हाथ के साथ प्रस्तुत हुआ तो थानेदार बोला काहे रे बेटा होश कुछ ठिकाने पे है की नही या अभी भी मियाज हरियाएल है....राहुल कुछ नही बोला पर उसका बाप बोला कोई पछतावा नहीं है हमको जो किए सही किए थानेदार बोला ले बेटा देख ले बाप के लछण हमरा तो एकदम्मे ठीक न बुझा रहा है रे लड़का तू काहे ला गुमसायेल है तू भी कंठ खोल कुछ बक चुप काहे है तो राहुल के आंख से आंसू टपक पड़ा थानेदार बोला बेटा अब रोवाई छूट रहलो है रो ले बेटा काहे की तोहर बाप आऊ तू दुन्नु लतखोर मालूम पड़ता है हमरा अगर तोहनी छूटे वाला भी होगा ना तो नही होने देंगे जब तक तोहनी जैसन के गाड़ पे पउवा नही रखायेगा ना तब तक तोहनी नही सुधरेगा और तू तो बेटा जाओगे ई लिख के ले लो काहे की तोरा पास से हथियार बरामद भी हुआ है और तू अपना जुर्म खुद कबूले भी हो सो ई सब नौटंकी से कोनो फायदा ना है....और चलाओ कट्टा बंदूक मादरचोद रोता है.....रे ले जो दुनू के यहां से आऊ तैयारी कर कोर्ट ले जाए के ई दुन्नू के अजहरुद्दीनवे मियाज ठंडाएगा सुगंधा अब चाह कर भी कुछ नही बोल सकती थी वो उन दोनो को जाते हुए देख कर रह गई और फिर थानेदार ने उसको भी रफा दफा कर दिया वहा से....वो वहा से रोती हुई सीधे हॉस्पिटल पहुंची जहा पता चला की दोनो अभी भी बेहोश है.....सुगंधा की मां ने उससे पूछा की थाने में क्या हुआ थाने में तो उसने अपनी मां को सारी बात बतलाई जो थाने में हुई तो उसकी मां रोने लगी और रोते रोते बोली उसमे हम कुछ नही कर सकते बेटा सिवाय रोने के और रोने लगी और रोते रोते बोली अब सब भगवान ही देखेंगे सुगंधा उनको चुप करवाई और बोली सब ठीक हो जायेगा मां तुम ऐसे हिम्मत हार जायेगी तो हम क्या करेंगे......फिर मां बोली बेटा एक ही रात में कहा से कहा आ गए हम बता तू ही हम दोनो अकेले कहा किधर किधर जायेंगे पैसे भी उतने नही है कैसे होगा सब कौन सा दुख हम लोग पे टूटा है....फिर सुगंधा भी नम आंखों से उनके आंसू पोंछी और बोली सब ठीक हो जायेगा मां चुप हो जाओ हम साथ है ना बस बाकी भगवान पे भरोसा रखो.....

खैर कल रात ऑपरेशन के बाद सुमित को आईसीसीयू वार्ड में रखा गया था जबकि पूजा आईसीयू में थी.....दोपहर में डॉक्टर वापिस आया और बिना किसी को कुछ बोले अंदर चला गया और कुछ देर बाद वापिस आया तो फिर से सब लोग उसको घेर लिए तो डॉक्टर बोला अभी भी हालत वही है हमने जरूरत के हिसाब से इलाज जारी रखा है आशा है जल्दी ही वो होश में आ जायेगा पहले के सिर में चोट के कारण भी थोड़ा ज्यादा असर है बेहोशी का पर सिटी स्कैन की रिपोर्ट भी देख ली है कोई दिक्कत नहीं है होश में आ जायेगा बाकी बदन पे चोट है वो समय के साथ साथ ठीक हो जायेंगे और कलाई में हल्का सा फ्रैक्चर है एक उंगली भी टूटी है बाए हाथ में.....फिर पापा बोले सुमित को देख सकते है हमलोग तो डॉक्टर बोला एक आदमी कोई जायेंगे बस वो भी वार्ड बॉय रहेगा साथ में और वहा रोना धोना बिलकुल नहीं कीजिएगा अलग से ही देख के बाहर आ जाइए और वो चला गया......सुमित की मां ही अंदर गई पर तिवारी जी ने वार्ड बॉय को थोड़ा समझाया तो उसने सुमित के पापा और उनको भी अंदर जाने दिया.......तीनो कोई देखे सुमित को उसकी हालत देख के मां और पापा की आंखों से आंसू बह निकले......पर वार्ड बॉय ने उनको तुरंत बाहर कर दिया......तिवारी जी ने सुमित की एक फोटो ले ली थी.....और जब वो बाहर आए तो थानेदार आ कर खड़ा था.....उनको देख के बोला डॉक्टर के पास चलिए तो सुमित के पापा और तिवारी जी उसको ले के डॉक्टर के केबिन में गए और वहा डॉक्टर से थानेदार ने चोट के बारे में जानकारी ली और पूछा की बयान लेना है कैसे होगा डॉक्टर बोला लड़की लड़का दोनो अभी होश में नहीं आया है जैसे ही आएगा आपको बतला देंगे......और अगर आप लड़की का हाल जानना चाहते तो उनके डॉक्टर से आप मिल लीजिए......थानेदार बोला नही फिलहाल तो लड़के का बयान ज्यादा जरूरी है पर फिर भी देखते है.....और वो उठ कर जाने लगा तो तिवारी अंकल उसको रोके और केबिन से बाहर ला कर पूछे की बाप बेटा का हालत क्या है इतने में पापा भी बाहर आ गए और थानेदार ने सुबह में जो पूजा के पापा बोले थे वो दोहरा दिया तो तिवारी अंकल बोले बहुत बढ़िया है मादरचोद को पेल के रखिए एकदम खाना पीना कुछ नही देना है अभी क्या करना है वो बोला कोर्ट में पेश करेंगे और रिमांड का मांग कर के दोनो को वापिस ले आना है जब तक की लड़का होश में नहीं आता तब तक केस मजबूत नही बनेगा फिलहाल तो खाली मारपीट और आर्म्स एक्ट है हाफ मर्डर जोड़ेंगे बयान के बाद और जब लड़का का बयान लेंगे फिर कोर्ट में पेशी होगा उसके बाद देखिए क्या होता है तिवारी जी बोले अरे आज रात मादरचोद उस लौंडा को उसके बाप के सामने थोड़ा सोटीए अच्छा से ताकि अपना बच्चा पे जब दुख पड़ता है बिना मतलब का न तो कैसा लगता है उसको मालूम चले......बाद बाकी आप समझ रहे है ना.....इतने में सुमित के पापा बोले दरोगा बाबू देखिए मारना पीटना हमको कुछ नही चाहिए इसमें बेकार का बात और नही बिगाड़ना है तिवारी यार ये सब ठीक नही आखिर फिर तो उनकी बेटी ही मेरी बहु बनेगी ना......तिवारी अंकल बोले तू पगलाया है क्या अपने बेटे का हाल देख और वो फोटो निकाल के पापा को दिखलाए तो पुलिस वाला उनसे फोन ले लिया और देख कर बोला देखिए तिवारी जी सही बोल रहे है ऐसे ऐसे लोगो को जब तक सबक नही मिलता है ना तब तक होश ठिकाने नही आएगा......पापा फिर भी मना किए बोले नही आप समझिए फिर तिवारी जी वहा से चले गए......पापा थानेदार से बोले आप अभी जो कर रहे है करिए बस मानवता की हद में रह कर कीजिए जो भी उचित है बाकी आप भी एक बाप होंगे कभी नही चाहेंगे कि आपके बच्चे के होने वाले ससुराल से रिश्ते खट्टे हो......थानेदार बोला धन्य है प्रभु आप भी हम आपका बात समझ सकते है इसलिए तो कल रात में बोले थे केस यही निपटा लीजिए तो पापा बोले नही वहा पे अगर हम ये करते तो हमको वो कमजोर समझते और हम कमजोर नहीं है जो गलती वो किए है उसकी सजा तो मिलनी ही चाहिए वैसे भी जब तक मेरा सुमित होश में नहीं आ जाता तब तक तो हम केस वापिस नही ही लेंगे फिलहाल आप को जो सही लगता है करिए बस मेरी यही गुजारिश है की रिश्तों में और खटास ना आने पाए.....थानेदार बोला अब आप निश्चिंत रहिए बस तिवारी जी से कहिएगा की अजहरुद्दीन साहब को थोड़ा संभाल ले बात को खींचना नही है तो क्युकी ऊपर से फिर घंटी बजने लगेगी तो फिर हमको एक्शन लेना ही पड़ेगा पापा उसको बोले वो आप टेंशन मत लिजिए वो हम समझ लेंगे और थानेदार चला गया......फिर सुमित के पापा तिवारी जी को समझाए तो तिवारी जी बोले यार हम समझते है पर अपने सुमित को भी तो देख तो पापा बोले अरे सब का हिसाब वो ऊपर जो बैठे है ना वो ले लेंगे फिलहाल बिगड़ी हुई बात को बनाना है अगर यही सब करना होता तो जब हमको जानकारी हुई थी उसी वक्त हम इस रिश्ते को खतम करवा देते पर बेटे को उसकी जिद के आगे झुक कर एक मौका दिया दो साल का और उसने निराश नही किया अपनी मंजिल पा ली और फिर ही बोला अब शादी करनी है और लड़की भी समझदार है मार पिटाई तो मेरी पत्नी ने भी उसके साथ किया था पर वो पलट के कुछ एक शब्द तक नही बोली थी लड़की पर ये बाप बेटे ने तो कुछ सोचा समझा ही नहीं बस सब एक झटके में तहस नहस कर दिया और उनके आंखो से आंसू निकल गए फिर तिवारी जी ने उनको चुप कराया और बोला चल ठीक है जो होगा हम देख लेंगे फिलहाल तू अपने आप को संभाल हम लोग है तेरे साथ......सुमित का भाई अपनी मां को हॉस्पिटल में ही जबरदस्ती ले जा कर मुंह हाथ धुलवा कर चाय पिला आया ताकि उनकी तबियत ना बिगड़े.......तिवारी जी भी उसी तरह फ्रेश हुए सुमित के पापा के साथ और ऊपर आते वक्त वो पूजा के वार्ड की तरफ गए जहा सुगंधा और सुगंधा की मां बैठी थी सुगंधा की मां न उनको देख के हाथ जोड़े पर कुछ बोला नहीं......सुमित के पापा ने देखा और बोला कैसी है पूजा कुछ बोला डॉक्टर ने.....सुगंधा बोली नही अंकल तो पापा बोले जाइए नीचे से हो आइए चाय पानी पी लीजिए थोड़ा दोनो कोई तब तक हम लोग है यहां....दरअसल सुमित के पापा को आत्मग्लानि महसूस हो रही थी दोनो मां बेटी की हालत देख कर खास कर सुगंधा की मां को देख कर....वो इतना बोल कर पूजा के वार्ड के तरफ थोड़ा आगे बढ़ गए और वो दोनो मां बेटी नीचे चली गई...

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सुमित पूजा से मिलने कोडरमा पहुंच गया था पूजा अभी बैंक में ही थी सुमित से रहा नही जा रहा था पूजा को गए हुए अभी तीन दिन ही हुए थे पर जब से सुमित की जॉब लगी थी वो एक तरह से निश्चिंत हो गया था ना कोई रूटीन ना कोई प्रैक्टिस सेट ना कोई मेंटल प्रेशर वो तो अब बस पूजा के साथ समय बिताना चाहता था ज्वाइनिंग से पहले इसलिए पूजा से मिलने वो कोडरमा पहुंचा था और बैंक के अंदर जा कर एक आम कस्टमर कि तरह वो पूजा के पास गया और अपनी आवाज बदल कर बोला मैम एक अकाउंट खोलवाना है खोल दीजिएगा.....पूजा जो अपने काम में व्यस्त थी और अभी सुबह का टाइम था तो बैंक में भिड़ नही थी कई स्टाफ अभी आए भी नही थे....इसलिए पूजा बिना उसके तरफ देखे बोली हा खुल जायेगा फॉर्म भरिए और अपना दो फोटो और वोटर कार्ड का फोटोकॉपी लगा के दीजिए हम अकाउंट ओपन कर देते है....सुमित बोला नही मैम हमको लिखना पढ़ना नही आता आप ही भर दीजिए ना पूजा बोली रुकिए एक मिनिट....वो अपने ड्रॉर में रखे कुछ कागज में से ढूंढ के एक फॉर्म निकली और बोली अपना नाम बोलिए....सुमित बोला तुम्हारे जानेमन है हम सो नाम में लिख दीजिए पूजा के जान.....पूजा इतना सुनी तो गुस्से में ऊपर देखी और सामने अपनी जान को देखते के साथ मुस्कुरा दी वही सुमित भी मुस्कुरा रहा था....सुमित को देखते ही पूजा उठ खड़ी हुई और सुमित थोड़ा पीछे हट कर खड़ा हो गया और पूजा अपने काउंटर से बाहर आई और धीरे से बोली आपका अकाउंट तो कब का ओपन हो गया है जान मेरे दिल में और उसमे आपका प्यार दिन पर दिन मल्टीप्लाई होते जा रहा है.....समझे और सुमित के बाह पे हल्के से मुक्का मार दी और बोली यहां अचानक से तो सुमित बोला अरे अब हमसे रहा नही जा रहा था और मां भी पटना में ही थी इसलिए हम सुबह सुबह ट्रेन पकड़े और आ गए अपनी जान के पास और अब तुम यहां से चलो जल्दी हमको तुम्हे अपने बाहों में भरना है वो बोली अरे ऐसे कैसे चले हम बोले वो सब नही पता पर चलो यहां से प्लीज जान ना....पूजा बोली अच्छा ठीक है रुकिए हम आ रहे है....वो अंदर अपने ब्रांच मैनेजर से बात कर के बाहर आई और बोली चलिए वहा से निकल कर हम दोनो एक दूसरे का हाथ थामे सीधे अपने कमरे पे आए और कमरे में घुसते ही हम पूजा को अपनी बाहों में भर लिए और खुद से जोर चिपका लिये वो मेरी बेताबी देख के बोली अरे जान मेरा क्या हो गया आज तो कुछ ज्यादा ही उतावले हो रहे है....हम उसको गले लगाए ही नाक से नाक रगड़ के बोले क्या करे अपनी जान से अब ज्यादा समय दूर नही रहा जाता सन्डे को मिल के गई थी ना वो कोटा कल रात में खतम हो गया इसलिए आज आ गए अपनी जान के पास अपना दिल को तुम्हारे इन प्यारे होठों के रस से सराबोर करने पर अब ये ज्यादा दिन नहीं चलेगा इसलिए अब घर पे बात कर के जल्दी से मेरे पास आ जाओ सदा के लिए....वो हमको अपनी बाहों के घेरे में ले के गोल घूम गई और बोली जान बस अब घर पे बात छेड़ने की देर है उसके बाद तो हम आपके ही है.....आई लव यू उम्म्ह्ह और एक प्यारा सा पप्पी मेरे होठों पे दे दी अभी पूजा मेरे को चूमी ही थी की हमारे कमरे के दरवाजे से राहुल जोर से चिल्लाया मादरचोद तूने मेरी बहन को छूने की हिम्मत कैसे ही हा साले भोसड़ी के और फिर एक जोर की आवाज हुई....और पूजा एक तेज चीख के साथ हॉस्पिटल में बेड पे लेटे लेटे रोते हुए चिल्लाने लगी जान जान जान न मेरे जान न नही भाई भईया ना ए भाई भाई प्लीज रे भईया ना.....उसकी आंखे अभी भी बंद ही थी बस वो अपने तसव्वुर में सुमित के साथ कल रात का आखिरी वक्त याद कर रही थी.....तो नर्स उसको देखी और उसके गाल थपथपाई और बोली आंख खोलो देखो इधर हेलो तुम ठीक हो और वो भी ठीक है वो अभी ऊपर है तुम आराम से रहो अभी कैसा लग रहा है.....देखो इधर रोना बंद करो सुनो ए लड़की पर पूजा कुछ समझ नही रही थी बस अपने हाथ हिला रही थी जोर जोर से उसको खुद के टूटे हाथ का दर्द भी नही महसूस हो रहा था.....इसलिए नर्स बाहर गई और उस लेडी डॉक्टर के जगह किसी जूनियर डॉक्टर को बुला कर लाई क्युकी पूजा पैनिक हो रही थी......वो डॉक्टर अंदर आया और पूजा को उसके गाल पे थपथपाया और बोला रोना बंद करो पहले मेरी बात सुनो अच्छे से देखो तुम हॉस्पिटल में हो आंख खोलो देखो इधर पर फिर भी पूजा नही समझी तो उसने पहले उसके हाथ में लगे ड्रिप को बंद कर के निकाल दिया और पूजा को फिर से गाल पे थोड़ा जोर से थपथपाया तो वो आंख खोली और वो बोला आप शांत हो जाओ पहले मेरी बात सुनो हम आपकोे ले चलते है बस एक बार मैडम से हम इस फाइल पे साइन करवा के आते है ओके वो पूजा को उसका ही फाइल दिखला के उसको फुसलाया ताकि वो थोड़ा शांत हो जाए......वो थोड़ा शांत तो हुई पर सिसकना बंद नही की और धीमे धीमे आवाज में बोल रही थी जान के पास जाना है उनको चोट लगा है जान हम है आपके साथ ए जान आपको कुछ नही हुआ है....डॉक्टर को साफ साफ समझ में आ रहा था की लड़की पे हादसे का बहुत गहरा असर हुआ है.....वो नर्स को बोला अभी इनको ऐसे ही रहने दो मैडम आ ही रही होंगी.....और वो चला गया बाहर सुमित के पापा और तिवारी जी थे पूछे की क्या हुआ सर इतने में सुगंधा और उसकी मां भी आ गई तो वो भी पूछी की क्या हुआ तो वो बोला होश में आ गई है पर अभी बहुत बुरी तरह से परेशान है सुमित सुमित कर रही है और किसी को रोक रही है भाई भाई कह के.....ये सुनते ही सुगंधा की मां रोने लगी और बोली बेटा बस एक बार उसके पास जाने दो हम समझा देंगे पर वो बोला नही मिलने का परमिशन मैडम ही देंगी आने दीजिए उनको आप अभी थोड़ा रुक जाइए और चला गया......थोड़ी देर बाद डॉक्टर आई और सीधे पूजा के पास गई पूजा अभी भी नर्स को बोल रही थी की सुमित से मिला दो आप वो नर्स बार बार समझा कर थक गई थी पर वो नहीं मानी और बड़बड़ाते ही जा रही थी उसको अपने सुमित का ही ध्यान था बस....वो होश में तो थी ही और चोटिल थी हाथ टूटा था सो अलग पर उसको कुछ नही सूझ रहा था......डॉक्टर आई और उसकी हाल देख के मन ही मन बोली क्या हाल हो गया है बेचारी का......फिर वो नर्स को बोली इनको उठा कर बिठाओ पूजा को जब उठाया तो उसको ऐसा लगा की पूरा बदन गोल घूम गया है और वो वापिस गिरने वाली थी पर नर्स उसको संभाले हुए थी पूजा को जबरदस्त चक्कर आ रहा था उठने के बाद डॉक्टर उसका बाह को पकड़ी बीपी चेक की और थोड़ी देर में उसको स्टेबल कर के बोली इधर देखो ठीक हो तुम कैसा महसूस हो रहा है.....पूजा अपने आप को संभाली और बोली हमको एक बार मेरे सुमित के पास ले चलिए वरना हम खुद से चले जायेंगे और पैर नीचे कर दी बेड से पर जैसे ही पैर जमीन पे रखी एक तेज दर्द की लहर उसके पैर में उठी और वो जोर से चिल्लाई इसलिए डॉक्टर उसको वापिस बेड पे सही से बैठाई और बोली अभी तुम्हारे पैर में चोट है आप मेरी बात समझो हम ले चलेंगे उसके पास आप पहले मेरी बात सुनो शांत हो जाओ.....पूजा दर्द को नजरंदाज कर के बोली अरे नही हमको कुछ नही हुआ है हम बिलकुल ठीक है आप बस उसके पास हमको पहुंचा दीजिए ना वो कैसे है हमको उसके पास ले चलिए ना प्लीज.....फिर डॉक्टर उसको बोली की के चलेंगे पहले हमको आपको देखने दो फिर वो पूजा के सर का और फिर बाकी चोट का मुआयना कि और उससे पूछती रही की कैसा फील हो रहा है कहा कहा चोट सेंस हो रहा है पर पूजा को तो अभी बस सुमित का ध्यान लगा हुआ था डॉक्टर ने जितना चेकअप करना था कि और उसका हाथ देखी और नर्स को बोली की ये अभी डेलिकेट है एकदम इसको ध्यान देना थोड़ा अच्छे से और पैर का देखी उसमे क्रेप बैंडेज लगी थी उसके बारे में बोली की इस पर अभी दबाव एकदम नही देना है ठीक है.....फिर पीठ देखी जिसमे मार के कारण अंदरूनी चोट थी और मानसिक तनाव अलग ही उसपे हावी थे जिससे वो और अपने आप को संभाल नही पा रही थी....डॉक्टर ने उसको एक ताकत का इंजेक्शन दिया और नर्स को बोली एक घंटे में कुछ खाने को दो और अब ड्रिप नही लगाना और वो जाने को मुड़ी तो पूजा बोली आप हमको सुमित के पास जाने दीजिए और देखिएगा हम बिलकुल ठीक हो जायेंगे आप अभी बोली थी ना की ले चलेंगी फिर जा क्यू रही है और रोते सिसकते बोली आपके हाथ जोड़ती हु पैर पड़ती हु प्लीज एक बार हमको उसका चेहरा दिखला दीजिए प्लीज और फिर से अपने आप को बेड से उतरने की कोशिश की तो नर्स उसको रोकी और वापिस बेड पे सही से बिठाई और डॉक्टर पूजा को बोली अभी अपनी हालत में सुधार होने दीजिए फिर आप दोनो को एक ही वार्ड में शिफ्ट करवाएंगे ये मेरा प्रोमिस है आपसे पूजा बोली नही एक बार बस बार एक बार देखने तो दीजिए डॉक्टर उसको बोली आप पहले शांत हो जाओ पर वो डॉक्टर से बार बार सुमित के पास जाना है वो कहा है आप बतलाती क्यू नही है हमको बोलते हुए रोते जा रही थी.....उसको बात न समझता देख कर डॉक्टर उसको हल्के से डांटी और कहा की सुमित का भी इलाज चल रहा है इतना सुनते ही पूजा बोली इलाज....क क्या हुआ है उनको आप ले चलो हमको अभी फिर डॉक्टर उसको बोली अच्छा आप चाहते हो की उसके इलाज में आप बाधा बनो आपके वजह से वो ठीक नही हो....नही ना तो फिर यही आराम कीजिए उसके बाद आप दोनो को एक ही जगह रखेंगे और रोना नहीं है वरना आपका तबियत और बिगड़ेगा......पर पूजा उसका हाथ पकड़ ली और रोते हुए सिसक सिसक के बोली की बस एक बार दीदी ना आप बड़ी दीदी जैसी है मेरे प्लीज आप समझ सकती है मेरी हालत को प्लीज दीदी तो वो डॉक्टर बोली अच्छा ठीक है पर अभी नही कुछ देर बाद अभी हम उसका रिपोर्ट ले के आते है फिर देखते है ओके पर अभी आप आराम से रहिए और रोना नहीं है अपने आप को स्ट्रॉन्ग बनाइए ताकि आप खुद अपने पैरो पे चल के उसके पास जा सके.....और वो ये बोल के बाहर चली गई जहा सुमित के पापा तिवारी जी सुगंधा और मां डॉक्टर का ही वेट कर रहे थे वो उस डॉक्टर से पूछी की मैडम पूजा होश में आई कैसी है मेरी बेटी मिल सकते है क्या उससे डॉक्टर बोली हा होश में आ गई है पर बहुत ज्यादा सदमे में है अभी बहुत जिद कर रही थी लड़के को देखने के लिए बहुत रो रही थी बहुत मुश्किल से समझाया है आप लोगो मे उन दोनो के साथ सही नही किया है बहुत बुरी हालत में है लड़की.....सुमित के पापा बोले कोई घबराने वाली बात तो नही ना है मैम वो बोली नही पर चोट है पूरे पीठ पे खून जमा हुआ है बुरे तरीके से मारा गया है दाया हाथ टूट गया है एक और पैर के लिगामेंट डैमेज है पैर सूजा हुआ है चलने में अभी दिक्कत होगी खैर वो तो ठीक हो जायेगा पर मेंटली ठीक वो सुमित से मिलने के बाद ही होगी सुमित का अपडेट भी ले के आते है फिर अगर पॉसिबल हुआ तो इसको ऊपर ले जायेंगे वरना ये अपनी तबियत और बिगाड़ लेगी.....सुमित के पापा और तिवारी जी ने भगवान का शुक्रिया किया की कम से कम एक बच्चा तो उनका होश में आया अब मालिक जल्दी से सेहतमंद भी कर दे......सुगंधा की मां पूछी मिल सकते है क्या हम लोग तो वो बोली हा मिल लीजिए पर अभी नही थोड़ी देर में अभी उसको इंजेक्शन दिया है ताकत का एक आधे घंटे में जाइयेगा और हा ज्यादा स्ट्रेस मत डालियेगा उस पर कुछ ज्यादा बात करने की जरूरत नहीं है अगर वो सो रही होगी तो उठाना तो बिलकुल नहीं है नर्स है उनसे आप अपडेट ले लीजिएगा और अगर जागी हुई हो तो पहले उसका हालत देखिएगा तब ही उसको कुछ बोलिएगा वरना वो कैसे रिएक्ट करेगी कोई नही जानता कल रात के रिगार्डिंग कोई बात नही निकलनी है उसके सामने...... ठीक है और वो चली गई......
उसके जाने के बाद सुगंधा की मां और सुमित के पापा पहले अंदर गए और देखा की पूजा नर्स से कह रही है की सुमित से मिलवा दीजिए ना आपको हम पैसा देंगे.....पागलों जैसी हालत हो गई थी उसकी....नर्स उन दोनो को देख ली और हाथ से रुकने का इशारा कर दी और वापस लौटने को बोली......वो दोनो उसको उसी तरह थोड़ी देर देखे और वापिस लौट गए......बाहर निकलते के साथ पूजा की मां सुगंधा को पकड़ के रो पड़ी बोली की काश मैं उनको रोक पाती एक मां हो कर भी मैं अपने बच्चे की हिफाजत नही कर पाई हे भगवान कैसी हालत हो गई है उसकी.....सुगंधा उसको संभालते हुए बोली ठीक हो जाएगी दी....मां तुम चुप रहो प्लीज तुमको मेरी कसम है.......फिर सुमित के पापा बोले आप खुद को संभालिए सब ठीक हो जायेगा वो मेरी भी बच्ची ही है अब वो मेरी जिम्मेदारी है समझे हम आते है ऊपर से और चले गए वहा से अपने बेटे के पास.....

ऊपर सुमित के डॉक्टर अभी सुमित के वाइटल और बाकी सब चेक ही कर रहे थे इतने में सुमित रिस्पॉन्ड किया और धीरे से आंख खोला और सबसे पहले बोला पापा.....डॉक्टर उसको देख के बोला पापा यही बाहर खड़े है तुम्हारे पहले ये बताओ सास ले पा रहे हो आराम से कोई दिक्कत या तकलीफ है सास लेने में बताओ सुमित दबी हुई भारी आवाज में बोला हम ठीक है सर मेरे साथ में एक लड़की थी वो किधर है डॉक्टर बोले वो भी ठीक है यही है रिलैक्स एंड टेल मि अंदर से कही दर्द महसूस हों रहा है सुमित बोला सर हम ठीक है बस सर में तेज दर्द है बहुत आप इसका कुछ कर सकते है क्या......डॉक्टर बोला सर में चोट है इसलिए दर्द है अभी पेन किलर दे रखे है धीरे धीरे आराम हो जायेगा अपने हाथ हिलाओ पैर को हिलाओ उंगलियों के साथ ठीक है सब.....सुमित बोला डॉक्टर आप पहले उस लड़की के बारे में बतलाइए न कहा है वो कैसी है हम ठीक है एकदम डॉक्टर थोड़ा मुस्कुरा कर बोला दोनो के दोनो एक ही जिद पकड़े हो होश में आने के बाद से.....इतने में लेडी डॉक्टर अंदर आई तो देखी सुमित होश में आ चुका है तो वो वही डॉक्टर के बगल में खड़ी रही और डॉक्टर बोला ये है यही तुम्हारी उस लड़की का क्या नाम है मैम उसका लेडी डॉक्टर बोली पूजा वो डॉक्टर बोला हा पूजा उसका इलाज यही की है सुमित थोड़ा उठने का कोशिश किया तो डॉक्टर बोला ना ना अरे क्या कर रहे हो अभी उठना नही है ऐसे ही लेटे रहो सब ठीक है.....सुमित फिर बोला कैसी है मैम एक बार उससे मिलवा दीजिए ना प्लीज और मेरी मां होगी बाहर उनसे आप बोल दो हम ठीक है तो डॉक्टर बोला सब को बतला दिया जाएगा तुम टेंशन मत लो सुमित लेडी डॉक्टर से बोला मैम आप पूजा से मिलवा दीजिए प्लीज.....डॉक्टर हस दी बोली ठीक है वो अभी थोड़े देर में साथ में एक ही वार्ड में शिफ्ट कर देंगे जब से होश में आई है तुम्हे ही ढूंढ रही है फिर वो बाहर चली गई और बाहर सब को बोली की सुमित को होश आ गया है तो सुमित की मां बोली ए बेटा हमको अंदर जाने दो लेडी डॉक्टर बोली अभी सर बाहर आयेंगे तुरंत उनसे पूछ के जाइयेगा और हम लोग पूजा को ऊपर शिफ्ट करेंगे थोड़ी देर में सुमित के साथ....और वो चल दी नीचे....नीचे जा कर पूजा की मां और सुगंधा से बोली इनको ऊपर ले जा रहे है डॉक्टर से बात कर के लड़के को भी होश आ गया.....ये सुन के सुगंधा और उसकी मां रिलैक्स हुए की अब दोनो होश में है और भगवान का शुक्रिया अदा किया.....फिर डॉक्टर पूजा के पास गई जो अभी थोड़ी स्टेबल थी डॉक्टर उसको बोली चलो तुम्हारे सुमित के पास ले चले बाबा रे पूरा वार्ड सर पे उठा ली थी तुम........नर्स पूजा को बोली अब खुश हो जाओ अब तो रोना बंद कर दो कब से सिसक रही है......पूजा बोली आप बताइए ना वो कैसे है तो डॉक्टर बोली ठीक है वो अभी होश में आया है तो पूजा बस अपने आंसू पोंछ ली एक हाथ से और बोली प्लीज ले चलिए ना ऊपर......और इतने में सुगंधा की मां अंदर आई और पूजा से उनका सामना हुआ.....मां पूजा के पास जाती इससे पहले पूजा चीख के रोते हुए बोली नही मेरे पास मत आना आप लोग कोई नही चाहिए हमको यहां आप में से मैं आप लोगो के लिए मैं कल ही मर गई थी और आप कौन है हम नही जानते डॉक्टर आप इनको कह दीजिए यहां से जाने के लिए हम देखना नही चाहते है इनको यहां आपलोग कैसे किसी को भी अंदर आने दे सकते है......जोर से चीखने के कारण पूजा को दर्द हुआ उसके सीने में तो वो अपना सीने पे हाथ रख ली और आवाज बंद सी हो गई उसकी तो डॉक्टर उसकी मां को बोली आप बाहर जाइए और सुगंधा की मां रोते हुए बोली बेटा एक बार मेरी बात तो सुन ले पर पूजा उनकी बातो पे ध्यान ही नही दी......डॉक्टर मां को दुबारा बोली बहार जाने को तो मां अपने मुंह को दबाती हुई बाहर चली गई और बाहर जा कर सुगंधा को पकड़ के रोने लगी सुगंधा पूछी भी क्या हुआ पर कोई जवाब नही दी मां उसको वो फिर उनको चुप कराने लगी तभी पूजा स्ट्रेचर पे लेटी हुई बाहर निकली और उसने सुगंधा और अपनी मां के तरफ देखा भी नहीं और वो दोनो मां बेटी उसके पीछे पीछे चल दिए....इधर ऊपर सुमित के डॉक्टर बाहर आ कर बोले होश में है आपका लडका और ठीक है कोई दिक्कत नही है आगे अपने ऑब्जर्वेशन में रहेगा इसलिए कोई दिक्कत वाली बात नही है फिलहाल माता जी आप जाइए मिल आइए तो सुमित के पापा बोले हम भी जाए डॉक्टर साब तो डॉक्टर बोला एक एक कर के जाइए ठीक है फिलहाल माता जी आप मिल लीजिए जब वार्ड में आएगा तो बाकी भी मिल लेंगे......थोड़ी ही देर में हो जायेगा क्युकी लड़का लड़की दोनो परेशान है एक दूसरे के लिए और ऐसे केस में हम पेशेंट की अच्छी रिकवरी के लिए जो हो सके वो चीज प्रोवाइड करवाते है ठीक है और वो चला गया.....सुमित की मां लगभग दौड़ते हुए अंदर गई और अपने बेटे को देख के वो रो पड़ी और बोली बेटा तू बोला भी नही और चला गया था कितना गलत किया तू अगर तुझको कुछ हो जाता तू फिर हम दोनो को कोन देखता रे सुमित बोला नही मां हम इतना कमजोर थोड़े है सब ठीक है देखो तो सुमित की मां उसका चेहरा अपने आंचल से पोंछी और बोली हा बेटा तू ठीक है अब जल्दी से और ठीक हो जा मेरा बच्चा कसाई के दिल नही पसीजा कैसे मार दिया मेरा कलेजा के टुकड़ा को.....वो लगातार अपने आंचल से सुमित का मुंह पोंछ रही थी सुमित अपना एक हाथ बढ़ा के उनका हाथ पकड़ के बोला मां भूख लगल है कुछ खिला दे ना......तो वहा खड़ा वार्ड बॉय बोला अभी सब मिलेगा खाने को डॉक्टर साब से पूछ के ऐसे नही माताजी अब आप बाहर जाइए वार्ड में मिलिएगा तो सुमित बोला मां आप जाओ हम आते है फिर वो बाहर चली गई और सुमित के पापा और बाकी लोगों को बताई की सुमित कैसा है और क्या बोला.....इधर पूजा को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था और बगल के बेड पे सुमित को ना देख के पूजा बोली की कहा है सुमित तो नर्स उसको उठा कर बिठाते हुए बोली अरे थोड़ा सब्र करो ना आ रहा है उसको भी तो आईसीसीयू में रखा था निकाल के ला रहे है.......पूजा की मां और सुगंधा दोनो उसी के वार्ड में एक कोने में खड़ी थी पूजा उनकी तरफ देख भी नहीं रही थी तो सुगंधा पूजा के पास गई और बोली कैसी है दी.....पूजा बोली ये ढोंग मत कर तू ये सब कल कहा था हा हम कौन है तेरे बोल तो दी की मर गई पूजा तुमलोग के लिए जाओ हटो यहां से और अपना मुंह फेर ली सुगंधा वापिस वही खड़ी हो गई जा के और अपने आंसू पोंछ ली......इतने में वार्ड बॉय और सुमित के पापा सुमित को ले के अंदर आए और सुगंधा और उसकी मां को बोले अभी आप बाहर चलिए और वो दोनो चली गई......सुमित का हाल देख के पूजा की रुलाई फूट पड़ी वो जोर से बोली जान आपको हम क्या करवा दिए काश आप नही आए होते मेरे पास कल और बेड से उतरने का कोशिश की तो नर्स और सुमित के पापा उसको रोके और बोले बेटा जो होना था हो गया अब जाने दो उसमे तेरा कोई गलती नही है बच्चे नर्स डांटते हुए बोली तुमको एक बार में समझ में नहीं आता है पैर बार बार इधर उधर कर रही है शांति से रहोगी की यहां से वापिस नीचे ले चले.....फिर नर्स सुमित के पापा को बोली आप बाहर रहिए थोड़ा सेट कर ले इनको फिर आइएगा और वो चले गए पूजा सुमित को देख कर आगे कुछ बोली नहीं पर तेज तेज रोने लगी तो नर्स उसको संभाल के वापिस से सही से बिठाई और सुमित एकदम बगल में उसके बेड से सटा हुआ था तो वो थोड़ा उसके तरफ सरक गई और सुमित भी उसको ही देख रहा था वो अपना हाथ बढ़ाया और पूजा भी अपना हाथ बढ़ा के उसका हाथ थाम ली और हाथ थामते ही दोनो के आंखो से आंसू एक साथ बह निकले.....सुमित रुंधे हुए गले से बोला पगली रोती क्यू है मना किए थे ना रोने से देखो कल तुम इतना रोई की हम तो सच में मरने वाले थे पूजा अपने होठ अंदर की ओर दबा के अपने आंखे बंद कर के आंसू आने से रोकी और सर ऊपर कर के अपने चेहरे को झटकी और फिर आंखे खोल के सुमित को देखते हुए बोली आप ना एकदम पागल है......सुमित बोला जब जानती है तो फिर ये कैसे सोच ली की हम नही आते तुम्हारे पास......और दोनो कोई एक दूसरे के हाथ को पकड़े रहे एक लेटा रहा एक बैठी थी......सुमित पूछा कैसी है तो पूजा बोली आप कैसे है फिर सुमित हस दिया और बोला हनीमून मना के आए है अभी जस्ट लैंड किए है हॉस्पिटल में हम एकदम मस्त है......पूजा के साथ साथ नर्स और वार्डबॉय भी हस दिए.....अब वेट था दोनो के जल्दी जल्दी रिकवर होने का.....
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थानेदार को डॉक्टर का कॉल आया कि लड़का होश में आ गया है आप आ कर बयान ले लीजिए तो थानेदार बोला थोड़ा देर में आते है डॉक्टर साब और इधर सुमित और पूजा एक दूसरे के साथ होने मात्र से अच्छी तरह रेस्पोंड कर रहे थे और पूजा ने जितना हो हल्ला मचाया था उससे हॉस्पिटल स्टाफ को शांति मिली थी पूजा और सुमित को एक साथ शिफ्ट किए एक घंटा होने को था और बाहर सुमित के पापा और तिवारी जी ही थे उसकी मां बड़े बेटे के साथ घर गई थी क्युकी सुमित ने बोला था की उसको भूख लगी है तो मां कुछ बना कर लाने गई थी.....सुगंधा और उसकी मां भी बाहर ही थे एक तो पूजा उनसे मिलना नही चाहती थी और सुमित को जब लाया गया था उसके बाद वो उससे मिल नही पाई क्युकी वार्ड बॉय उसको सही से सब व्यवस्थित करने में लगे थे और फिर पूजा के बेरूखे व्यवहार से उनको वहा से बाहर कर दिया गया....
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सब कुछ सही से व्यवस्था करने के बाद वार्ड बॉय लोग वहा से चले गए जबकि एक नर्स पूजा के सहायता के लिए थी......अभी हम और पूजा लेटे हुए थे हमारे बेड एकदम सटे हुए थे जिससे लग रहा था की हम दोनो किंग साइज बेड पे है.....और पूजा को अगर पैर में चोट ना लगी होती तो वो कब का मेरे गले से लग जाती पर अभी यहां पे सब कोई था और वैसे भी अभी हम उस हालत में नहीं थे पर पूजा तो पूजा है वो थोड़ा सरक कर मेरे करीब लेटी थी और अब वो आसानी से मेरा हाथ पकड़ रखी थी और हौले हौले दबा रही थी हम दोनों एकदम शांत थे पर आंखो ही आंखो मे एक दूसरे के दर्द को समझ पा रहे थे.....पूजा के हाथो का स्पर्श मेरे लिए इतना सुकून भरा था की क्या बताऊं.......नर्स ये देख के हस के बोली तुम लोग आराम से रहो हम तुरंत आते है और वो चली गई उसके जाते ही पूजा मेरा हाथ उठाई और चूम ली और बोली जान आई एम सॉरी सब मेरे वजह से हुआ ना....हम उसको देखे और बोले तुमको रिटर्न किस तो नही कर सकते पर हा आई लव यू सो मच और अभी में बाद से सॉरी बोलना बंद ओके तुम्हे मेरी कसम समझी वो फिर मेरे हाथ को चूम ली और पूछी कैसा है दर्द अब....हम बोले तुम मार खा रही थी और हम नही आते ये कभी हो ही नही सकता की मेरी जान तकलीफ में हो और हम उसके पास न आए......कल परीक्षा थी हमारी और वो हम पास किए की नही पता नही पर तुम मेरी हो गई है अब बस बात खतम.....और इस बार हम उसके हाथ को थोड़ा खींचे अपने तरफ पर हो नही पाया.....तो उसको देख के फ्लाइंग किस कर दिए.....पूजा आंख बंद कर ली जैसे मेरे चुम्मे को वो फील कर रही हो.....इतने में पापा और तिवारी जी अंदर आए और उनके साथ साथ सुगंधा और उसकी मां भी आई.....और पूजा के पापा और राहुल पुलिस के गिरफ्त में थे ये ना हम जानते थे ना ही पूजा.....वो अलग बात है की अभी तक पूजा उनको नही ढूंढी थी और न ही हम वैसे भी वो क्यों ढूंढती जब वो अपनी मां और बहन को ही देखने नही मांग रही थी तो......पापा हमसे बोले अब कैसा है हम बोले हम ठीक है पापा बस अभी जख्म ताजा है तो थोड़ा तो रहेगा ना.....तो तिवारी जी बोले इसी लिए तो जख्म देने वाले को ठूंसवा दिए जेल में......ये सुन के हम और पूजा दोनो शॉक हुए.....हम बोले पापा ये क्या बोल रहे है अंकल और राहुल कहा है.....पापा हमको बोले उनको कल रात ही पुलिस ले के गई..... एफआईआर केस वगैरह सब हुआ है और राहुल हथियार के साथ मौके से पकड़ा गया है तो होना तो था ही.....हम बोले पापा एफआईआर ये सब कौन किया......तो सुगंधा की मां बोली कोइ नही किया बेटा ये उनके किए की सजा है जो बात थी वो.....वो दोनो समझने का कोशिश ही नहीं किए बस अपने गुस्से के आग में सब कुछ बरबाद कर दिए.....और हमे भी शर्मिंदा होने के लिए मजबूर कर के गए......तभी सुमित के पापा उठे और बोले देखिए आप अपने तरफ से पूरी कोशिश की होंगी उनको समझाने बताने के लिए क्युकी अगर आप भी उनके तरह झूठी शान के चक्कर में होती तो आप आज यहां पे नही होती अपने बच्चो के लिए ही तो सब कुछ अर्ज करते हैं हम जब वो बच्चे ही नहीं रहेंगे तो फिर इतना कुछ कमाने बनाने का क्या फायदा......पूजा की मां अब रो पड़ी और वही जमीन पे बैठ गई धम्म से सुगंधा उनको पकड़ी पर कुछ बोली नहीं....मां रोते रोते बोली जब पूजा बताई की वो सुमित को पसंद करती है तो हम भी गुस्सा हुए थे यहां तक कि इसको मारा भी था पर मेरी बेटी है बचपन से उसकी पसंद नापसंद अच्छा बुरा सब कुछ हम तय किए इसके पापा भी नही बोलते थे कहते थे की ये सब तुम ही देखो और मैने देखा तीनो बच्चो को अच्छे से पाला पोसा और बड़ा किया और पूजा मेरी बेटी तीनो में सबसे शांत स्वभाव की है उस दिन मेरे गुस्सा करने पे भी वो डट कर बोली की सुमित नही तो कोई और नहीं और तुरंत अपने पापा के पास पहुंच गई सुमित के बारे में बताने तब मैने ही बात पलट कर उस दिन कलेश होने से रोका था और उस रात में सोई नही इसी सोच में की कैसे बताऊंगी उनको क्या होगा क्या नही इतने में ये वापिस मेरे पास आई और हम चिड़चिड़ा कर इसको जाने बोले तो इसने जब अपने सर पे हाथ रख के कसम दी तो मैं तभी इस रिश्ते के लिए मान गई थी और इसको बोला भी की मेरे मानने ना मानने से क्या होगा पर ये समझी नहीं और उसी पेशोपेश में हम इसके पापा से बात छेड़ दिए और ये सब हो गया और हम ये सब होने से एकदम नही रोक पाए और मेरे बेटे ने जो किया वो तो न मैने सोचा था ना ही इसके पापा ने पर अब इन सब का नतीजा ये है की मेरी ही बेटी कह रही की मर गई मैं उसके लिए वो तो मुझको देखना भी नहीं चाह रही उनके रोने की आवाज से मेरे तो आंसू निकल ही रहे थे साथ ही साथ पूजा भी रो रही थी पर वहा मौजूद सब कोई की आंखे नम थी.....मेरे पापा सुगंधा को बोले उनको उठाने को और सुगंधा मां को उठाई तो पापा बोले अरे पूजा बेटा जो बोली गुस्से में बोली और उसका गुस्सा जायज है पर अभी जो हो गया उसपे मिट्टी डालिए और बच्चे पे ध्यान दीजिए गुस्से में कही गई बात को दिल से नही लगाते.....फिर उनको रोता देख पापा सुगंधा को बोले की इनको बाहर ले जाओ बेटा और चुप कराओ और मुंह हाथ धुलवाओ कल रात से पागलों जैसे रो रही है ज्यादा रोएंगी तो तबियत खराब हो जायेगी और आप सुनिए जो होना था हो गया और भगवान की कृपा से मेरे दोनो बच्चे ठीक है बस अब कोई दिक्कत नही.....समय के साथ साथ सब ठीक हो जायेगा और फिर सुगंधा उनको बाहर ले गई पर....उनके जाते ही हम पूजा को बोले चुप हो जाओ फिर पापा को बोले पापा केस वेस वापस ले लीजिए ये सब मत करिए क्या फायदा आखिर है तो वो अपने ही ना......तो तिवारी जी बोले ऐसे कैसे बेटा मार पीट तक बात होती तो चलो मान भी जाते पर गोली मजाक है क्या.....कल रात जब तेरे बाप ने फोन किया ना तो उसके आवाज सुन के मैं खुद इतना घबरा गया था की वो हम ही जानते है ये ऊपर से भले खुद को शांत दिखलाए पर अंदर ही अंदर ये कितना डरा हुआ था ये तू नही समझ सकता तेरे बाप के साथ आज से नहीं हु तुझसे भी छोटी उमर से दोनो कोई एक साथ है अपनी दोस्ती दोस्ती नही एक तरह से भाई है और तू कह रहा है ये सब नही करना.....तू मुझको ये बता अगर तेरे जगह पूजा बेटी होती उसके भाई ने उसे गोली मारी होती तो क्या तू छोड़ देता उसको ऐसे ही......हा.....बोल आगे चल कर तेरी अर्धांगिनी बनेगी वो और अपनी होने वाली पत्नी पे जानलेवा हमला को तू बर्दाश्त कर लेता और ऐसे ही जाने देता......हम कुछ बोलते उससे पहले पूजा बोली केस करे या ना करे पर जो उन्होंने किया है उसके लिए कभी माफ नहीं करेंगे और ये बोल के पूजा मेरा हाथ थाम ली और रोते रोते रुंधे हुए गले से बोली एक पल के लिए तो ऐसा लगा था की हम आपको खो ही दिए पर हमको अपने प्यार पे पूरा यकीन था वो इतना कमजोर हो ही नही सकता की इतना जल्दी आपसे मेरा साथ टूट जाए......फिर पापा बोले ये सब पे अब डिस्कशन नही करना है क्या करना है क्या नही वो हम देख लेंगे समझा और थाने से आएगा अभी तेरे बयान लेने सोच समझ के देना बयान जो भी देना ही उतने तो समझदार हो ही और आप बेटा पूजा शांत रहना समझे उनको उनके किए की सजा वक्त देगा बच्चे गुस्से में कोई ऐसी वैसी बात नही कर देना अपने पापा के जैसे की बात और बिगड़ जाए.....पूजा जी पापा बोल के रह गई इतने में डॉक्टर आया नर्स के साथ सब रिपोर्ट का फाइल ले के.....डॉक्टर को देख के सुगंधा और उसकी मां भी अंदर आई तो तिवारी जी पूछे की डॉक्टर साब कब तक ठीक हो जाएंगे ये दोनो तो डॉक्टर बोला सुमित को जो गोली छाती में लगी थी वो थोड़ा ज्यादा गहरा घाव की है जबकि कंधे में जो गोली लगी है वो ऊपरी परत को चीरते हुए वही घुस में रह गई थी.....ऑपरेशन में दोनो गोलियां निकाल दी थी और रही बात घाव की तो कम से कम दस से बारह दिन केवल उसको गोली का असर खत्म करने में लगेंगे फिर वो धीरे धीरे सुखना चालू होगा अभी टाइम जायेगा कम से कम दो महीना पूरी तरह नॉर्मल होने में और हा अब इनको अपने सर को बहुत बचाना होगा क्युकी एक बार और अगर उस हिस्से पे चोट आ गई तो मामला बिगड़ सकता है इवन कल रात ही अगर दीवार से टकराने में थोड़ा और प्रेशर लगा देते तो वी कूड हैव लॉस्ट हिम......जितनी ताकत से इनका सर दीवार पे मारा गया था वो ये बर्दाश्त कर पाए है केवल और केवल अपने बॉडी के अच्छे रख रखाव से हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज से.....इसलिए मिस्टर अब लड़ाई झगड़ा से दूर रहना है.....और आप रिकवर जल्दी जल्दी कर रहे है ठीक हो जाओगे हम बोले उठ कर बैठ कब से सकते है सर बहुत दुखता है पीठ मेरा तो वो बोला थोड़ा तो वेट करना पड़ेगा क्युकी छाती के पास वाला घाव अच्छा खासा गहरा है इसलिए अभी तो लेटना ही होगा क्युकी उठोगे तो वो दबेगा और ब्लीडिंग हो जायेगी एंड अभी तुम्हारे शरीर में खून की भी बहुत वेस्टेज हो गई है इसलिए कमजोरी लगेगी थोड़ी पर वो टेंशन की बात नही है सब ओके है एंड आई थिंक की सब कुछ ठीक रहा तो अभी से चौथे दिन तुमको धीरे धीरे उठ कर बैठने देंगे हम ठीक है बाकी कोई दिक्कत नही है और उंगली भी दो महीने में ओके हो जाएगी हाथ के साथ साथ.....एंड मैडम आप अभी दस से पंद्रह दिन पैर पे भार धीरे धीरे देना है कंप्लीट बेड रेस्ट बिना सपोर्ट के उठना नही है समझे अगर इसमें लापरवाही किए तो जीवन भर पैर तकलीफ देगा.....ज्यादा देर चलना तो दूर दस मिनट खड़े होने में भी तकलीफ हो जायेगी इसलिए ये दस से पंद्रह दिन एकदम जैसे जैसे हम लोग बोलेंगे वो करना है बाकी आपके चोट जो है पीठ पे सच बोलू तो हैवानियत की हद पार है लाठी या डंडा जो भी होगा उसको जोर जोर से कोने से मारा गया है इसलिए रेगुलर सिकाई और मालिश लेनी है नर्स आपको ले जायेगी दो से तीन बार पूरे दिन में जल्दी ही आराम हो जायेगा आप भी सिकाई के लिए जाइयेगा वो हमको बोला क्युकी मार तो आपको भी लगी है जांघ में और पीठ में आपके भी कई जगह खून जमा हुआ है चोट है पर अभी जब हम एलाऊ करेंगे तब ही जाइयेगा सिकाई के लिए फिलहाल अभी सिर्फ और सिर्फ रेस्ट......तो पापा पूछे की खाना पीना सर तो डॉक्टर बोला फुल डाइट लीजिए अभी जम के जितना पौष्टिक खाना ले सकते है लीजिए पर केवल घर का बना हुआ बाहर का नही......पापा डॉक्टर का हाथ पकड़ के बोले बहुत बहुत शुक्रिया सर फिर वो डॉक्टर बोला अभी कम से कम 2 हफ्ते आपको यहां रहना होगा फिर नाम काट देंगे यहां से......पापा बोले सर और पूजा बेटा का तो वो बोला की इनको पहले छुट्टी दे भी दे तो ये अपने मन मुताबिक करने लगेगी और फिर पैर का कंडीशन बिगाड़ेगी इसलिए दोनो एक साथ ही छुट्टी ले के जायेंगे यहां से फिर वो चला गया उसके जाने के बाद पापा भी बाहर चले गए तिवारी जी को समझाने की केस का क्या करना है और नर्स ने पूजा के उठा कर बिठाया और फिर बोली अभी आराम है पैर में तो पूजा कुछ नही बोली क्युकी उसका ध्यान अपनी मां की कही एक एक बात पे था वो अंदर ही अंदर एक धर्मसंकट में थी क्युकी उसकी मां ने उसके रिश्ते के लिए क्या कदम उठाए थे क्या नही उसको तो ये मालूम ही नहीं था तो इसमें उनकी गलती कहा थी पर सुमित पे जो हमला हुआ उसको ले कर वो तय नहीं कर पा रही थी की क्या करे....उसको ऐसे गुमसुम देख कर हम अपना हाथ बढ़ा कर उसके हाथ को पकड़ कर बोले क्या हुआ वो फिर से रोने लगी हम बोले इधर देखो मेरी तरफ हम ठीक है बिलकुल समझी और मम्मी से नाराज होने का कोई तुक नहीं बनता है जान वो कोशिश की होंगी पर पापा नही माने पर कोई बात नही मान जायेंगे वो भी देखो कल रात से वो वहा बंद है अभी हम बयान देंगे तो उनको छोड़ देंगे समझी मम्मी से कोई बात मन में मत रखो सब कुछ ठीक है पगली और तुम ही ना कहती थी की आप नही तो कोई नही और कल जो भी हुआ उसके बाद अब हम कहते है की हम दोनो को कोई अलग नही करेगा अब समझी दुनिया इधर का उधर हो जाए हम लोग एक है अब और तुम ये रोना बंद करो जान वरना तुम मेरा टिकट कटवा के ही मानेगी.......वो थोड़ा मुस्कुरा दी रोते रोते बोली मारेंगे ना.....हम बोले हम सर फुड़वा लिए गोली खा लिए तुम डंडा खाई हाथ तुड़वाई पैर का अलग ही बैंड बजवाई इतना तो मार खिलवा दी और रिटर्न में हम भी तुमको मार खिलवा दिए अब बस अब केवल प्यार करेंगे जल्दी जल्दी ठीक हो जाए फिर ना......नर्स ये सब सुन रही थी हम उसको देख के बोले आप बाहर से इनकी मां और बहन होगी उनको बुला दीजिए वो बाहर गई और उन दोनो को अंदर भेज दी वो दोनो अंदर आई तो हम बोले अरे क्या बात है सब का ध्यान पूजा पे ही है हमको तो कोई एक दोस्त के नाते भी कुछ नही पूछा.....तो सुगंधा बोली अरे नही ऐसा नही है यार सब कुछ इतना जल्दी में हुआ की कुछ समझ नही पाए और सुबह से आने के बाद यहां पे मिलने का मौका नहीं मिला और फिर दीदी इतना बोल के वो चुप हो गई.....हम बोले अरे आज तो बड़ा अच्छे से बात कर रही है उस दिन आए थे तो बाप री तेरा तो तेवर ही अलग था आज क्या हो गया.....हम दोनो के पिटाने का वेट था क्या की मार खाने के बाद हम लोग का शकल चेंज हो गया जो इतने अच्छे से बात कर रही.......सुगंधा बोली नही ऐसा कुछ नही था पिछली बातो को भूल जा अभी खुद पे ध्यान दे और जल्दी जल्दी ठीक हो जा......तो पूजा बोली तू तो कल मेरे मामले में एक शब्द तक नही बोली और न ही किसी को रोकी क्यू तुझको कॉक रोका था.....सुगंधा सिर नीचे कर ली और बोली हम दर गए थे दी इसलिए हमको माफ कर दे.....फिर इतने में मां हाथ जोड़ कर बोली सुमित बेटा हमको माफ कर दे हम ये सब होने से रोक नही पाए हम बोले अरे नही मम्मी आप काहे हाथ जोड़ रही है सब ठीक है और आपका इसमें कोई गलती नही है आप अपने आप को दोषी मत मानिए जो होना था हो गया अब छोड़िए ये सब और हम पूजा का हाथ थामे और बोले आप हम दोनो के रिश्ते को मानती है ना हम दोनो का शादी करवाईएगा ना तो मम्मी बोली बेटा हम मानते है तुम दोनो का रिश्ता पर इनको कैसे मनाएंगे.....तो पूजा बोली वो माने या नही माने अब कोई फर्क नही पड़ता हमको और अब भूल कर भी हम बता रहे है भूल कर भी अगर आंख उठा के देख लिए बुरी नजर से तो हम अभी तक जितना दुख दर्द चोट दिए है सब का हिसाब एक बार में ही ले लेंगे क्युकी हम लोग आपके पास आए थे सब कुछ जानते समझते हुए भी की हमारे बड़े है समझेंगे हमको पर नही यहां कोई नही समझने वाला सब अपने दुनिया की झूठी शान के चकाचौंध में अंधे है....तो पूजा की मां बोली नही बेटा ऐसा नही है हम है ना तेरे साथ और अब उनको आ जाने दे एक बार फिर सब ठीक कर देंगे ये मेरी जिम्मेदारी है बस तुम दोनो....वो म्म्म....मम्मी आगे बोलने में संकुचा रही थी हम बोले आप टेंशन मत लिजिए बयान क्या देना है हम दोनो जानते है.....और अभी से खुश रहिए बहुत रो लिए आप और मेरी मां भी बहुत रोई सब कोई परेशान हो गए थे धीरे धीरे सब ठीक हो जायेगा समझे तो नर्स बोली बहुत देर से आप लोग बात कर रहे है अभी थोड़ा आराम करने दीजिए इनको वरना फिर डॉक्टर साब पाबंदी लगाएंगे.....वो लोग अभी बाहर जा ही रहे थे की मां अंदर आई खाना लिए हुए और उनके साथ भाभी थी नर्स बोली अरे अरे इतना भिड़ मत लगाइए जनरल वार्ड बना दीजिएगा आप लोग तो हम बोले एक मिनट में सब चले जाएंगे आप रुक जाइए थोड़ा मां खाना लाई है फिर नर्स को पूजा बोली आप मत घबराइए हम लोग ज्यादा समय नहीं लगाएंगे.....फिर मां हमको धीरे धीरे चम्मच से खिलाई और मेरी मां पूजा की मां को भी दी बोली दोनो के लिए लाई हु बना कर तो मम्मी उसको खिलाने गई तो पूजा बोली नही आप रहने दीजिए हम खा लेंगे अभी एक हाथ मेरा सही सलामत है.....पूजा के इस उखड़े व्यवहार से मां चिढी नही बल्कि पूजा को जबरदस्ती चम्मच मुंह में दे दी और बोली गुस्सा रह ले खाना खाने के बाद फिर पता नही तेरा बाप कब अपने गुस्से के आग में हमको ही राख कर दे सब कोई तो हमको दोषी मान ही रहा है मर जायेंगे तो सब ठंडा हो जायेगा तू भी अपने नई दुनिया में बस जाना मेरा क्या है हम तो अपना जीवन जी चुके.......तो सुगंधा बोली पागल है मां क्या बोल रही है फिर मम्मी खाना वही बिस्तर पे रख के बाहर चली गई......सुगंधा उनके पीछे गई और पूजा न खाना खाई ना ही उनको रोकने का कोशिश की हम खाते खाते बोले अब थूक दो गुस्सा बोले ना इसमें उनका कोई गलती नही है अगर वो गलत होती तो वो यहां नही अभी थाने के चक्कर लगा रही होती फिर मेरी मां भी समझाई बोली बेटा देख गुस्से में हम भी तुझपे हाथ उठाए थे उठाए थे ना तो तू मेरा इज्जत नहीं करेगी अब बता......फिर पूजा को समझ में आया और उसको अपनी गलती का एहसास हुआ दरअसल वो अपने बाप भाई का गुस्सा उनपे उतार रही थी ना चाह कर भी वो अपने आप को समझा ही नहीं पा रही थी की क्या करे फिर हम उसको गुमसुम देख के बोले मां को आवाज दे के बुलाओ यहां पे मारो आवाज तो नर्स बोली नही नही उतना जोर मत लगाओ अभी रुको हम बुला देते है फिर जब मम्मी अंदर आई तो देखा की उनकी आंखे फिर से नम है तो मेरी भाभी बोली जाने दीजिए सब बात भूल चूक को माफ कीजिए और कितना भी कुछ हो जाए बेटा बेटी से माई का मोह नहीं टूटता है ना ही बाल बच्चा का माई से वैसे भी मेरा देवर जिसको चुना है वो गलत हो ही नही सकती फिर मां पूजा के पास गई और उसको अपने गले लगा लि और रुंधी हुई आवाज में बोली हमको माफ कर दे बेटा हमको माफ कर दे......(पूजा की मां जानती थी की बैंक की नौकरी लगने के बाद से घर के हालात कितने सुधरे है पहली तनख्वाह उठने से ले कर अभी तक पूजा एक एक पैसा सब मां को देती आई थी जो उन्होंने अपने घर के कामों में लगाया था या फिर पूजा के पापा ने कुछ और कामों में इस्तेमाल किया था.....और साथ साथ कुछ पैसे जोड़े भी थे जो शायद वो पूजा की शादी में ही इस्तेमाल में लाते पर जो भी था पूजा की नौकरी का लगना केवल पूजा की मेहनत नही सुमित भी बराबर का हिस्सेदार रहा उसको उस मुकाम तक पहुंचाने में और आज खुद भी वो एक अच्छे जगह पे पहुंच चुका था ये बात अलग थी की ये सब नही होना चाहिए था ना पूजा सुमित का प्यार भरा रिश्ता ना ही उस रिश्ते को जबरदस्ती तोड़ने के लिए इन दोनो की ये हालत ).......अब पूजा के पापा किस नतीजे पे पहुंचते है उनका और राहुल का क्या अंजाम होता है ये सब सुमित और पूजा के बयान पे टिका हुआ था.....पूजा अपनी मां की हालत जानते हुए भी उनके हाल से मुंह मोड़ रही थी पर सब के समझाने के बाद वो अपनी मां के प्रति मन से द्वेष निकाल दी थी.....पूजा मम्मी को एक हाथ से थोड़ा पीठ पे सहला दी पर वो जुबान से कुछ भी बोली नही थी फिर मम्मी पूजा से अलग हुई और उसको खाना खिलाई.....इधर जैसे तैसे हम खाए उधर वो फिलहाल हम दोनो अपने परिवार में मेरे साइड से और पूजा के परिवार में सुगंधा और उसकी मां से निश्चिंत थे अब बारी थी दोनो बाप बेटा की....खैर खाना पीना के बाद सब कोई बाहर चला गया जबकि नर्स मेरे लिए वार्ड बॉय को बुला लाई यूरीन बैग खाली करने के लिए और हमको और पूजा को दवाई दी वो खाने के लिए.....फिर दोनो कोई को आराम करने बोल कर वो बाहर चली गई पर हम दोनो का ध्यान अभी भी पापा पे था की कैसे उनको राजी किया जाए पूजा मेरा मन का बात भांप ली और मेरा हाथ पकड़ के बोली आप अब टेंशन मत लिजिए हम बोले ना आपके और मेरे बीच अब कोई नही आयेगा जितना जिसको करना था वो कर लिया अब बस अब कोई नही और मुस्कुरा दी हम बोले सोच तो तुम भी पापा के बारे में ही रही थी वो बोली हा पर ज्यादा सोचने से कुछ नही होने वाला इसलिए जाने दीजिए....हम बोले दर्द हो रहा है क्या वो मेरे पे थोड़ा सा झुक के बोली क्या करे आपका प्यार नही मिला न मार पड़ने के बाद से.....हम होंठ गोल कर के बोले
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असुविधा के लिए खेद है......पर जान हम दोनो एक दूसरे के साथ है ना जल्दी ही ठीक हो जायेंगे तो पूजा बोली फिर एक अच्छे से लंबे वाले हनीमून पे जायेंगे हम दोनो
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फिर दोनो कोई थोड़ी देर आराम किए और हमारी नींद लगभग चार घण्टे बाद शाम को खुली वो भी जब डॉक्टर के साथ पुलिस वाला आया हुआ था और पापा मम्मी और पूजा की मां वहा मौजूद थे.....पहले डॉक्टर ने सब कुछ चेक किया और बोला सब ठीक है आप लोग को एक साथ रखने का पॉजिटिव इफेक्ट दिख रहा है होप जल्दी जल्दी रिकवर कीजिएगा....और फिर थानेदार मुझसे बोला वैसे तो हमको सब मैटर पता है पर फिर भी आप अपना बयान दर्ज करवाइए ताकि मामले को आगे बढ़ाना है या खतम करना है जल्दी से नतीजे पे पहुंचे हम बोले मामला कुछ नही है सर जो हुआ घर का मामला है और हमलोग को कोई मामला दर्ज नही करवाना है....फिर थानेदार बोला पर जो हथियार से हमला हुआ उसका क्या वो तो आर्म्स एक्ट के तहत मामला बनेगा ही इस बयान के तर्ज पर इनके पिता जी तो छूट जायेंगे पर भाई नही छूटेगा......तो पापा बोले दरोगा जी आप चाहिएगा तो सब कुछ मैनेज हो सकता है वैसे भी अजहरुद्दीन जी का फाइन अगर अभी इस मामले को दबाने के लिए आ जाए फिर तो तुरंत हो जायेगा......थानेदार उनसे कुछ नही बोला बस हमसे पूछा की अब आगे कुछ कहना है बाबू आपको.....हम बोले नही सर फिर वो पूजा से बोला बेटा आप बताओ आपके साथ मार पीट किसने किया पूजा बोली कुछ नही है बोलने को जो है सब ये बतला दिए फिर पूजा को देख तिवारी जी बोले चलिए हो गया बयान दर्ज अब इधर आइए मेरे साथ अब आपका मेरे साथ काम है फिर थानेदार हम दोनो का ठप्पा ले के गया तिवारी जी के साथ और उनके पीछे पापा भी गए साथ साथ डॉक्टर भी बोला आराम से रहिए अब अनलॉक के जाते ही पूजा की मां आ कर मेरा हाथ पकड़ के बोली ये दूसरा अहसान है बेटा तेरा हम पर जीवन भर ये बात कभी नही भूलेंगे.....हम बोले मम्मी अब आप हमको शर्मिंदा कर रही है.....फिर मेरी मां पूजा के का को बोली चलिए अब ठीक है सब कुछ.....उधर बाहर थानेदार से बात कर के उसको तिवारी जी ने पचास हजार दिए ताकि वो राहुल के केस का निपटारा कर दे और वो ये बोल कर गया की रात रात तक वो दोनो लौट जाएंगे.....थाने से छूटने के बाद दोनो बाप बेटे भूखे प्यासे पहले हॉस्पिटल आए और नीचे से एक वार्ड बॉय को ऊपर भेजा सुगंधा को नीचे बुलाने......नीचे मेरे पापा तिवारी जी और सुगंधा की मां गई पूजा के पापा सुगंधा की मां के पास आए और उनसे घर की चाभी मांगी और जाने को मुड़े तो दोनो हाथ जोड़ कर पापा के तरफ बिना देखे दो सेकंड खड़े रहे और फिर निकल गए......पापा और तिवारी जी हैरान थे उनके इस व्यवहार से जब पापा कुछ नही बोले तो तिवारी जी उनके पीछे गए और उनको कंधे से पकड़ कर रोका और बोले दुबारा ऐसा कोई कदम मत उठाइएगा हाथ जोड़ कर गुजारिश है क्युकी इस बार के तरह अगली बार कोई गुंजाइश नहीं रहेगी और तिवारी जी वहा से वापिस हो लिए जबकि सुगंधा की मां उनके तरफ गई भी नही और उनके जानें के बाद वो लोग वापिस ऊपर आ गए.....पूजा की मां के मन से एक बोझ तो उतार गया था की उनके बेटे और पति सकुशल घर वापिस लौट गए है फिर सुगंधा की मां ने उसको घर जाने को बोला ताकि वो उन दोनो को देखे क्या कर रहे है क्या नही और खाने पीने का देख ले और उसको घर चला दी और सुबह आने के लिए कह दी
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अब सब कुछ वापिस नॉर्मल होने लगा था और पूजा के बैंक में भी इनफॉर्म कर दिया गया था की एक्सीडेंट हुआ है से अभी छुट्टी पे रहेंगी और फिर दिन बीतते गए और मेरा और पूजा का हालत धीरे धीरे बेहतर होता गया.....हमे हॉस्पिटल में रहते हुए एक हफ्ते से ऊपर होने को आया था पर पूजा के पापा और राहुल दोनो में से कोई नही आया था हमे देखने को.....और अभी उनके आने ना आने से कोई फर्क नही पद रहा था किसी को मुझसे पहले पूजा चलने फिरने में ठीक हो गई तो उसको छुट्टी देने की बात चली पर पूजा अभी घर जाने को ले कर श्योर नही थी इसलिए उसने मेरे किराए वाले रूम में रहने का फैसला लिया और वो वही शिफ्ट हो गई और उसके छुट्टी मिलने के तीन दिन बाद हमको भी छुट्टी मिल गई और डॉक्टर ने बोला अभी घर जाने के बाद भी रेस्ट लेना है एंड नो मोर स्ट्रेस एकदम अच्छे से खाना पीना है ताकि जख्म जल्दी जल्दी भर जाए और वैसे भी यू आर डूइंग वेल सो टेंशन वाली कोई बात नही पर फिर भी ऐस ए डॉक्टर कहना पड़ता है और आपके पास ऑलरेडी एक स्पेशल डॉक्टर है उनका इशारा पूजा की तरफ था.....इधर पूजा के पापा थाने पुलिस के बाद एकदम नॉर्मल अपनी जिंदगी में व्यस्त थे रोज का वही रूटीन दुकान खोलना और दिन भर के बाद घर आ जाना....उनके मन में अलग ही योजना बन रही थी और मेरे पापा मम्मी चाह रहे थे की भोपाल जाने से पहले हम दोनो शादी कर ले पर अभी सबसे बड़ी अटकान थी पूजा के पापा की रजामंदी और उनके मन में जो बुरी मंशा थी उसको विफल करने की......वो अभी तक हमदोनों से खुन्नस में थे और राहुल वो तो शायद अपने बाप के चाल पे चलने को मजबूर था क्युकी वो मम्मी से और सुगंधा से कई बार पूजा के बारे में पूछ चुका था कर वो दोनो उसको एक ही जवाब देती थी की खुद से जा के मिल आ पर वो नही गया.....सुगंधा से एक दिन रहा नही गया तो वो राहुल से बोली तू उस दिन क्या सोच के ये कदम उठाया अगर सुमित के जगह पूजा दी को लग जाता और कुछ हो जाता फिर तू अपने आप को कभी माफ कर पाता बता मार पीट तक तो समझ में आया भाई पर इतना गुस्सा इतना की ना तुझको अपने जिंदगी का खयाल रहा ना ही उन दोनो का.....इतना सुनते ही राहुल के आंख से आंसू टपक पड़े और राहुल जो खाना खा रहा था वो छोड़ कर उठा और एक तरफ घूम के सुगंधा से अपने आंसू पोंछते हुए बोला उस दिन मुझसे ये कैसे हो गया हम खुद नही जानते दी बाद में हम उस रात थाने में बहुत कलपे अंदर ही अंदर ये सोच कर की वहा क्या कर के आए हम पर जब सुबह तुम आई और तुमको देख के मन में शांति मिली की ठीक है सब कुछ वरना अगर कुछ हो जाता तो तुम वहा आती ही नहीं हम लोगो के पास पूजा दी के सामने किस मुंह से जाऊ दी ना ही उसके राखी की लाज रखी और ना ही उसकी रक्षा कर पाया......हम पापा की बातो से नासमझी में क्या कर दिए और पापा के साथ हम इसलिए है क्योंकि शुरू से उनके बताए राह पे चला जो वो बोले वो सब किया यहां तक कि अपनी पढ़ाई का भी नही देखा सही से दुकान में ही सारी ताकत झोंक दी ताकि मेरे बाप को कभी कोई कमी न होने पाए और जब से पूजा दी की नौकरी लगी तब से पापा को और मजबूती मिली पर जब पूजा दी के बारे में मां उनको बताई तो वो कुछ समझे ही नहीं और हम भी गुस्से में उनका साथ देते चले गए.....तो मां राहुल से बोली अब तो उन दोनो को समझ थोड़ा अगर वो गलत होते या फिर बिना बताए चले जाती कही तो क्या कर लेते हम लोग तब भी तो बदनामी होती ही नहीं और अभी भी कौन सा कम हुआ पुलिस थाना मार पीट खून खराब आखिर हो गया ना क्या मिला इज्जत बढ़ गया ये सब से तो राहुल अपने आंसू पोंछते हुए बोला पापा को समझना होगा मां पर आप भी ये जानती है की हम लोग का क्या है उनके हाथ की कटपुतली है क्युकी आपने हमे जन्म दिया है इस धरती पे पर हमारा वजूद उनसे है तो सुगंधा बोली और तू तू क्या मानता है वो बोला वक्त आने पे सब दिख जायेगा दी और वापिस चला गया दुकान पे......

इधर मेरे गोली के जख्म भर रहे थे और अब धीरे धीरे ठीक हो रहा था पर अभी भी इस लायक नही था की एकदम नॉर्मली घूम फिर सकू.....पूजा मेरे किराए वाले रूम में रह रही थी और जब जब डॉक्टर के यहां जाना होता वो साथ में चली और मेरी मां भी साथ में होती थी और बाकी दिन लगभग लगभग पूरे समय वीडियो कॉल पे रहती थी उसका बस चलता तो वो मेरे घर पे रहती पर जब से हम पकड़े गए थे उसके बाद से पूजा ने मेरे घर की दहलीज पार नही की थी......पूजा का पैर भी ठीक हो गया था पर अभी भी उसको दौड़ने भागने की मनाही थी और हाथ का प्लास्टर अभी भी लगा था.....
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इसी तरह दिन पर दिन बीतते गए और हमारे साथ हुए कांड को दो महीने गुजर गए और मेरे भोपाल जाने में सिर्फ एक महीने का समय रह गया था और हम दोनो लगभग पूरे ठीक हो चुके थे वो अलग बात है की मेरे बदन पे गोली के निशान रह गए थे पर कोई दिक्कत नही शायद वो ससुराल से मिला दहेज का ठप्पा था और इस बात का सबूत था की हम दामाद है उनके बड़े वाले
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इतने दिनो में हम और पूजा सिर्फ और सिर्फ एक दूसरे का खयाल रखे और एक दूसरे को वापिस से खड़े होने में हेल्प किए पर फिर भी अभी हम दोनो को एक बंधन में बंधना बाकी था......पता नही वो खूबसूरत समय कब आएगा हम दोनो के लिए.....
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पूजा बैंक ज्वाइन तो नही की थी पर अपने मेडिकल कंडीशन के अकॉर्डिंग लीव ले रखी थी और इसमें वो लेडी डॉक्टर ने उसकी बड़ी हेल्प की थी.....पूजा अभी भी मेरे किराए वाले कमरे में ही रह रही थी और सुगंधा और मां उससे मिलने वही जाती थी उनके कई बार समझाने के बावजूद वो अपने घर नही लौटी उसका साफ साफ कहना था की वो घर में मेरे सुमित का खून बहा है वहा हम कदम नहीं रखेंगे और बार बार बोलने से हम अपना फैसला बदल नही लेंगे मां इसलिए ये सब का जिद अब छोड़ दो....मां भी धीरे धीरे समझ गई की दोनो बाप बेटी एक किस्म के ही जिद्दी है.....

एक शाम हम मां से बोले की आता हु थोड़ी देर में तो मां बोली पूजा के पास जा रहा है ना तो हम बोले नही मां तो मां बोली ज्यादा देर हो जायेगा तो वही रुक जाना और फोन कर देना समझा हम ठीक मां बोल के निकल गए....आज बड़े दिनों बाद पूजा के पास एकदम ठीक हो के जा रहा था मिलने के लिए बहुत खुश था और जब पूजा हमको वहा देखेगी तो तो वो और खुश होगी क्युकी आज उसका सुमित उससे मिलने आ रहा था रास्ते में स्टेशन से पांच लाल गुलाब लिए और उसको एक छोटा सा प्यारा सा गुलदस्ता टाइप बना लिए और फिर एक बड़ा वाला डेरी मिल्क और कमरे के पास पहुंच कर पास की एक दुकान से गरम गरम गुलाब जामुन लिए और पहुंच गए अपनी जान के पास गेट पे नॉक किए तो पूजा अंदर से ही पूछी कौन हम जवाब नही दिए और फिर से नॉक किए वो फिर पूछी कौन है बोलेगा फिर जवाब नही दिए और फिर से नॉक किए इस बार वो गेट खोली और समाने हमको देख के एकदम चौक गई.......शायद वो अभी अभी खाना बना कर हटी थी पसीने से तरबतर कमर पे दुपट्टा बांधे हुए परेशान लग रही थी सब कुछ अकेले करना पड़ता होगा ना.....हम उसको बोले अरे हम है तुम्हारे जान अंदर नही बुलाएगी क्या....वो पगली रोने लगी मेरा हाथ पकड़ के अंदर ले आई और हम बोले गधी रो क्यू रही है कोई भूत नही है ना हम सुमित ही है ना तुम्हारे देखो तो इधर वो पगली अपने आंसू भरे आंख पोंछे जा रही थी और जोर जोर से सिसक रही थी हम अपने हाथ का समान सब वही जमीन पे नीचे रखे और उसको अपनी तरफ घुमा कर उसके चेहरे को उठाए और उसके आंसुओं को पोंछे और बोले आई लव यू ना जान मेरा और उसके दोनो आंखो पे नाक पे दोनो तरफ गाल पे फिर होंठो पे चूम लिए और हम जोर से उसको गले लगा लिए......मेरे होंठो के स्पर्श से वो एकदम टूट सी गई और अपने आप को मेरी बाहों में डालते हुए बोली तरस गई थी आपके इस छुवन को महसूस करने के लिए एक पल को जैसे लगा था की हम आपको खो ही दिए थे.....हम होश में आने के बाद से आपका चेहरा देखने के लिए जितना तरसे जो रोए जो दर्द आज डर में वो समय बिताए वो हम ही जानते है जान उसकी बाते सुन के मेरी भी आंख नम हो गई आखिर कह तो वो सही ही रही थी क्युकी उस दिन हम दोनो खो ही देते एक दूसरे को.....फिर हम उसके पीठ और सिर को पीछे से सहलाते हुए मन ठीक करने के लिए बोले मेरे आने से खुश नहीं लग रही रोए जा रही है जाओ हम जा रहे है और उसको छोड़े भी नही सिर्फ थोड़ा सा पीछे हटे तो वो जोर से मेरे को पकड़ ली और बोली ऊहूहू मारेंगे ना.....और मेरे सीने पे अपना सर रखते हुए बोली नही जान अब आपको हम कही जाने नही देंगे फिर दोनो कोई थोड़ी देर ऐसे ही खड़े गले मिले और फिर हम उसको ले के जमीन पे बेड पे बैठ गए और बोले क्या कर रही थी वो बोली खाना बना के हटी ही थी....फिर हम गुलाब
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उसको दिए तो वो उनको चूम ली और फिर मेरे होंठो को भी हम उसको घुमा के अपने आलिंगन में लेते हुए थोड़ा उसको अपने ऊपर लिटा से लिए और फिर उसके कान के निचले भाग को अपने मुंह में लिए तो वो आंखे बंद कर के कसमसा कर बोली उफ्फ जान....फिर हम उसको चॉकलेट देते हुए बोले आज तो इन होंठो की खैर नहीं....वो चॉकलेट ली और अपने हाथ की उंगलियों को मेरे उंगलियों के फसा कर जोर से दबा दी और मेरे होंठो के पास चूम कर बोली आई एम ऑल योर्स स्वीटहार्ट.....फिर हम अपना टीशर्ट उतार दिए जिसमे वो मदद की मेरा और टीशर्ट उतरने के बाद मेरे कंधे पे वो गोली का निशान देखी तो उसको छू कर देखने लगी और बार बार उसको चूमने लगी और फिर से सिसकने लगी.....हम उसको बोले जान मेरा फिर रो रही है तुम पर वो सुन ही नही रही थी वो मेरे कंधे से फिर नीचे आई और मेरा सैंडो भी उतार कर छाती के साइड वाला गोली का निशान देखी तो उसको भी वैसे ही चूम ली और बार बार मेरे चेहरे को संवारने लगी बालो में हाथ फिराने लगी उसकी आंखे पूरी तरह आंसुओ से भरी हुई थी बस वो रो नही रही थी......ये देख के मेरी भी आंख फिर से नम हो गई हम उसको दुबारा जान बोले और अभी हम उसके गालों को छुते इससे पहले वो मेरी आंखों को देखी और मेरे गले लग गई और सिसकते हुए बोली......
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सौ बार बुलाए.....मैं सौ बार आऊ....एक बार जो दिल दिया.....
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एक आँख रोये तो दूजी बोलो सोयेगी कैसे भला....
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इन प्यार की राहों में पत्थर हैं कितने...
उन सबको ही पार किया...
एक नदी हूँ मैं चाहत भरी आज मिलने सागर को आई यहा.....
सजना.....सजना.....आज आंसू भी मीठे लगे
तू ही रे......तू ही रे.......
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आई लव यू जान आई लव यू सो मच.....
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पूजा के उन प्यार भरे बोल गुनगुनाने के बाद हम उसको अपने से अलग किए और बोले बस जान बस अब और आंसू नही समझी और उसके आसू से भरे हुए आंखो को अपने हाथ से पोंछे और दुबारा से अपने आलिंगन में ले लिए और खुद से चिपका लिए हम दोनो अभी बिस्तर पे नही थे जमीन पे दीवार से लग कर बैठे थे....पूजा कुछ देर मेरे सीने से चिपका रही और हम उसके पीठ से ले कर कमर तक सहलाते रहे और फिर उसको बोले खाना क्या बनाई है...
पूजा बोली रोटी और बेसन की सब्जी हमको जरा भी पता होता तो हम कुछ और बना लेते जान रात में रुकिएगा ना....
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हम उसके कमर से नीचे हाथ चूतड़ों पे ले गए और थोड़ा उसको और उठा के लगभग अपने गोद में ले लिए....
और बोले तुम क्या चाहती है रात में रुके की लौट जाए तो वो मेरे को जोर से चुम्मी कर दी और बोली हम जानते है आप रुकेंगे तो हम मुस्करा कर बोले हा जान मेरा और ये देखो हम गुलाब जामुन लाए है मिला जुला कर खा लेंगे और वैसे भी मेरा पेट तो आज इनको खा कर भरेगा और उसके चुचियों को दबा दिए पूजा कसमसा कर बोली इस्शशशाह हम बोले अरे क्या हो गया......तो वो बोली ऐसा लग रहा है की सब कुछ पहली बार हो रहा है आप हाथ लगाए तो इनमे दर्द हुआ जान......
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हम बोले हम लोग जब से एक दूसरे के करीब आए है हम दोनो दूर रहे ही कब ज्यादा से ज्यादा दो से तीन दिन या एक हफ्ता पर जब भी मिलते थे बाढ़ आ जाता था हमारे प्यार के बांध में है ना....
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पूजा बोली हा स्वीटहार्ट पर इस बार तो हम लोग कुछ ज्यादा ही समय तक एक दूसरे से दूर नही एक दूसरे के प्यार से महरूम रहे पर आज हम फिर से डूबेंगे आपके प्यार में और फिर से एकदम इन गुलाब के जैसे खिल जायेंगे माय लव
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.....हम उसके होंठ पे हल्के से चूमे तो वो मेरे निचले होंठ में दात काट ली हम बोले जैसे पहले चहकती रहती थी वैसे ही है ना......
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चलो अभी पहले खाना खाते है खिलाएगी ना वो मेरे नाक में नाक टकराते हुए बोली पागल ये भी कोई पूछने वाला बात है फिर दोनो कोई एक दूसरे को खायेंगे.....
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हम बोले आज दोनो कोई एक दूसरे के इतने दिनो तक का कोटा का भरपाई करेंगे चलो अब जल्दी से खाना निकालो सइया को भूखू लगा है तुम्हारे.....
कैसी जानू है पुछबो नही कलती है मेले बाबू ने थाना थाया.....
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पूजा बोली मारेंगे ना ये सब हरकत किए तो तुतलाबाजी पता नही सब कैसे कर लेती है आज कल और हमको न आपके होंठ देख के ही पता चल जाता है की मेरे जान ने खाना खाया है की नही.......
हम बोले अरे ऐसे कैसे इसमें डिस्प्ले होते रहता है का.....
वो बोली हा यही समझ लीजिए और हम अगर इतना भी नही समझ पाए तो घंटा के आपकी अर्धांगिनी कहलाएंगे......
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फिर पूजा खाना ले के आने लगी एक एक कर के जबकि हम बिस्तर को थोड़ा सेट किए और रूम का मेन गेट खुला ही था पर्दा उठा दिए ताकि थोड़ी ठंडी हवा रूम में आए और वातावरण थोड़ा ठंडा हो जाए और हम अपने साथ कोई कपड़ा तो और एक्स्ट्रा लाए नही थे इसलिए वैसे ही जींस में रहा तो....
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पूजा बोली जान टॉवल से बदल लीजिए ना जींस में खाया नही जायेगा अच्छे से हमको भी सही लगा पर हम जब कपड़े वाले शेल्फ के पास गए तो मेरी एक हाफ पैंट मुझे मिल गई हम बोले ये नही देखी थी क्या तो वो बोली अरे हा ये तो था ही ध्यान नहीं था और वैसे भी आप ये कितनी देर पहनियेगा हम भी जानते है....
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ये बोल के वो शर्मा सी गई......
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हम उसके पास गए और उसको अपने बाहों के घेरे में ले लिए और बोले आय हाय शर्मा क्यू रही है मेरा जान तो वो बोली भक्क आप भी ना.....
फिर हम दोनो खाना खाए खाना कम था क्युकी पूजा केवल अपने लिए ही बनाई थी पर फिर भी हो गया और वैसे भी पूजा के साथ साथ मेरी भी भूख अब कम हो गई थी क्युकी हम दोनो एक दूसरे को खाने को बेताब थे आज
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......पूजा सब बर्तन हटा कर बाथरूम में रखने गई तो पापा का फोन आया हम उठाए तो वो मेरे बोलने से पहले बोले रात काफी हो गया है इसलिए वही रुक जाना समझा
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तो हम बोले ठीक है पापा फिर वो बोले खाना पीना हुआ हम बोले हा उसके बाद मां से बात हुआ और वो पूजा को ढूंढी तो हम बोले बर्तन धो रही है फिर मां बोली अच्छा कोई बात नही जा आराम कर और फोन कट गया.....हम बिस्तर पे लेटे हुए मोबाइल में कुछ रेंटल फ्लैट का भोपाल में देख रहे थे तभी पूजा कमरे में आई और पहले मेन गेट बंद की और सीधा मेरे पास आ कर लेट गई और मेरे हाथ से मोबाइल ले ली और बोली अब इसको अपने से दूर कीजिए और हम पे ध्यान दीजिए थोड़ा.....हम उसको अपने ऊपर लगभग चढ़ा लिए खींच कर और बोले थोड़ा क्या पूरा ध्यान देंगे की और सीधा उसके होंठो को चूमने लगे और नीचे दोनो हाथ उसके चूतड़ों को मसल रहे थे आज का चुम्बन बहुत ही अलग प्रतीत हो रहा था और हम दोनो एक दूसरे को चूमने से ज्यादा हाफ रहे थे पता नही क्यू पर आज हमारी सांसे ज्यादा ही फूल रही थी ये देख पूजा हसने लगी पर मेरे होंठो को चूमना नही छोड़ी ना ही हम......नीचे हम उसके सलवार के डोरी में जबरदस्ती हाथ घुसा कर उसके नंगे चूतड़ों को दबाने लगे और गांड़ के छेद में उंगली डालने की कोशिश करने लगे.....हाथ थोड़ा और नीचे की तरफ ले गए तो पाया की पूजा की चूत लबालब पानी छोड़ रही थी और वही हाल मेरे लौड़े का भी था पूजा के वजन से वो दबा हुआ था ही ऊपर से अकड़ने के कारण उसमे दर्द भी हो रहा था......एक लंबे चुम्बन के बाद पूजा मेरे गालों को चूमते हुए मेरे को सर उठा कर देखी और बोली इसलिए कहते है लोग की किसी भी काम में कंटीन्यूटी बहुत जरूरी है
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हम हस दिए और पूजा भी हस दी.....
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फिर वो मेरे ऊपर से उतरी तो हम उसके ऊपर सवार हो गए और हाथ थोड़ा नीचे ले जा कर उसके सलवार के नाडे को खोला और बाकी काम पूजा खुद उसको अपने पैरो से निकाल कर के कर दी.....दुपट्टा तो पहले ही नहीं था और समीज के गले में हाथ डालने वाले ही थे की पूजा हमको रोकी और थोड़ा सा एडजस्ट कर के खुद कमर तक उठ गई और हम तुरंत उसका समीज उसके बदन से अलग कर दिए और फिर से उसको लिटा कर उसके गर्दन कंधे हर जगह चूमने लगे.....वो भी अपने दोनो हाथ मेरे बालो में घुमा रही थी और पीठ पर सहला रही थी इस बार उसने मेरे हाफ पैंट में हाथ डाला और मेरे चूतड़ों को सहलाते हुए पैंट जांघो तक कर दी.....आज हम थोड़े कांप रहे थे पूजा के साथ हमबिस्तर होते समय और पूजा ये बात नोटिस कर ली और बोली जान आप कांप क्यू रहे है.....हम कुछ बोले नही उसको और अपने काम में लगे रहे चूमते चूमते हम उसके दोनो चुचियों को ब्रा से बाहर कर दिए थे और उनके निप्पल को जबरदस्त तरीके से चूसने लगे और निप्पल मुंह में लेते ही पूजा सिसकने लगी और आहह उम्म्म करने लगी और इधर मेरे शरीर के सारे रोंगटे खड़े हो गए.....मेरा कांपना देख के पूजा का ध्यान बार बार उसपे जा रहा था.....हम उसके तरफ देखे क्युकी वो हाथ घुमाना रोक दी थी और बोले रे पगली उतने दिन बाद कर रहे है ना बॉडी को यकीन नही हो रहा है शायद
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पूजा बोली भक्क़ जान आप सही में कांप रहे है और अभी तो रोंगटे भी खड़े हो गए है देखिए तो.....हम चूची चूसना छोड़ कर बोले तुम शांत रहो सब ठीक है और दुबारा से उसके निप्पल को चूसने लगे और वो कुछ देर खुद को रोकी पर ज्यादा देर नहीं रोक पाई और फिर से सिसकने लगी और हम चूची चूसते चूसते नीचे बढ़े और उसकी नाभि को चूसने लगे पूजा अब तिलमिलाने लगी थी और अपने पैर फैला कर मेरे पीठ पर घेरा बना ली थी और मेरे बालो को नोचने लगी थी आह जान ओफ उफफ आज सच में हम दोनो को ऐसा लग रहा था कि सब कुछ पहली बार हो रहा था नाभि चूसने के बाद हम उसकी चूत की तरफ बढ़े और पूजा भले मेरे साथ हमबिस्तर नही हो रही थी पर वो मेरी कही एक एक बात का ध्यान रख रही थी उसकी चूत एकदम चिकनी थी और अंडरआर्म भी एकदम चकाचक और पैंटी तो अब वो पहनती ही नहीं थी केवल पीरियड्स में पहनती थी......
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चूत पे मुंह लगाते ही पूजा चीखी और अपने पैरो को जितना हो सके उतना फैला दी.....और उसकी हद से ज्यादा बह रही चूत को हम लपालप चाटने लगे और कमरे में पूजा की तेज सिसकियां और मेरे चूसने चूमने की आवाज का मिला जुला म्यूजिक बज रहा था पूजा तो जैसे बावली हो गई थी और हम उसके चूत के अंदरूनी भाग को दांतो में फसा कर खींचते और अंदर तक जीभ डाल कर चूस रहे थे और जब जब हम थोड़ा ऊपर आते पूजा उत्तेजना में अपने आप को एक धनुष जैसे उठाती....थोड़ी देर की बेदम कर देने वाली चुसाई के बाद पूजा अब छटपटाने लगी थी और कुछ ही पलों में वो एक तेज सिसकारी के साथ झड़ गई और पूजा का स्खलन आज बहुत ज्यादा हुआ था मेरा पूरा चेहरा लगभग लगभग भीग गया था.....झड़ने के बाद पूजा की सांसे धौकनी की तरह चल रही थी हम उसके चूत से में हटा कर चूमते हुए धीरे धीरे नीचे आए और उसके पैरो की उंगलियों को मुंह में ले कर चुभला दिए जिससे वो और ज्यादा मदहोश होने लगी....और उसकी उंगलियों को चूसते चूसते उसके पाव को पकड़ कर उसको घुमा दिया और फिर उसके गदराये हुए दोनो चूतड़ों को पहले प्यार से दो थप्पड़ मारा और फिर उनके बीच मुंह लगा दिए और पूजा सिसकियते हुए अपने घुटनो पे आ गई और अपना सर तकिए पे रखी हुई थी और हम एक बार फिर उसकी गांड़ के साथ साथ चूत को भी चाटने लगे......गांड़ को गिला करने के बाद हम घुटनो के बल खड़े हुए और पूजा फटाक से घूम कर मेरे लंड को गप्प से मुंह में ले ली चूसने लगी और हम उसके बालो को मुट्ठी में भींच कर उसके मुंह को तेजी से अपने लंड पे दबाने लगे और उसकी ब्रा को खोल दिया जिसको वो अपने दोनो हाथो से आजाद कर दी और मेरा लंड वो चूसती गई पूजा को चूसते हुए अभी एक दो मिनट ही हुए होंगे की हम उसको अपने लंड से अलग किए और उसको लिटाए और पूजा अपने पैर खुद ब खुद फैला दी और अपनी बाहों को भी और बोली आज मेरी बाहों में रहते हुए हमको खुद में समा लीजिए जान......
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और हम उसके बाहों में सिमटते हुए अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पे टिकाए और दबाव डाला.....ओह शीट आऊ
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आज साला हमको भी दर्द हुआ तो पूजा अपनी बाहों को और ज्यादा मेरे ऊपर कस ली और वो तो बस आंखे बंद किए और मुंह गोल किए जोर जोर से सांसे लेते हुए अपने दर्द को काबू कर रही थी.....धीरे धीरे घुसाते घुसाते लंड पूजा डार्लिंग की चूत में पूरी तरह समा गया और हम फिर लंड वापिस खींचे कमर हिला के और दुबारा अंदर डाला कसम से क्या फीलिंग थी वो पहली बार की तरह ही कसी हुई लग रही थी और हम दोनो को होने वाला दर्द वो तो अलग ही लेवल का था दस से पंद्रह बार अंदर बाहर किया और लंड बाहर निकाला और पूजा के पेट पे झड़़ गया और बाहों में तो पहले से ही वो कस रखी थी हमको.....और गुत्थम गुत्था होने का नतीजा हम दोनो पसीने में तरबतर हो गए थे और बिस्तर के तो क्या कहने वो पूरा सिमट के एक तरफ हो गया था......पूजा हमको मेरे गाल गर्दन और कान को चूमने लगी जैसे कह रही हो अभी मन नही भरा.....हम पूजा के गिरफ्त से आजाद हुए आज बगल में लेट गए और पूजा मेरे से लिपट गई हम बोले काश ऐसी होता यहां.....तो पूजा बोली है तो जान और अपने मुंह से मेरे चेहरे पर फूक मारने लगी.....हम मजाक से बोले उह मुंह महक रहा है
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बंद करो तो पूजा बोली अरे कितने गंदे है आप कहा महक रहा है मेरा मुंह हम हस के बोले अरे मजाक कर रहे है जाना मेरा और अगर महकेगा फिर भी हम उसमे मुंह डालेंगे ही और जो भी हो है तो मेरा ही हक में ना वो.....और उसको चूम लिए तो पूजा मेरे सीने पे हल्के से मुक्का मारी बोली गंदे कहिंके हम उसको अपने ऊपर चढ़ा लिए और आंखो में देखते हुए बोले आई लव यू.....तो वो मेरे नाक से नाक टकरा के बोली आई लव यू टू जान मेरा.....
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पर आज दर्द हुआ जान सीरियसली....हम बोले अभी कहा हुआ है अभी तो और होगा....
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और दुबारा से हम दोनो एक दूसरे के होंठ चबाने लगे.....और मेरे दोनो हाथो में पूजा की चूचियां थी.....जिनको मैं कभी हौले हौले दबा रहा था तो कभी उनके निप्पल पकड़ के उमेठ दे रहा था और नीचे लंड महाराज फिर से सर उठा रहे थे हालांकि अभी तुरंत़े उल्टी किए थे फिर भी और कुछ ही देर में मेरा लंड पूजा की चूत में घुसने को मचल रहा था.....इस बार पूजा मेरे ऊपर ही थी इसलिए वो खुद हाथ नीचे ले जा कर लंड को अपने चूत पे सेट की और हम कमर ऊचका के लंड उसकी चूत में घुसा दिए......आहा वो गर्मागर्म एहसास
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लंड का टोपा अभी अंदर गया था और हम पूजा को फिर से नीचे बिस्तर पे लिटा दिए लंड उसी तरह फसाए हुए ही और उसकी चूत में एक करारा झटका मारा और एक हल्की सी सिसकी के साथ लंड पूरा अंदर घुस चुका था और अब बिना देर किए इंजन में पिस्टन के जैसे लंड अंदर बाहर होने लगा और पूजा की आह ओह उम्मम आह जैसी सिसकियों से कमरा एक बार फिर गुलजार हो गया.....और चुदायी करते करते पूजा मेरे कान में बोली ओह जान आह इस बार हा हा उह अंदर ही झड़िएगाआआ और मेरे चूतड़ों पे अपने दोनो हाथ से अंदर धकेलते वक्त प्रेशर देती ताकि लंड और अन्दर तक धसे......हम पूजा की बात सुने पर समझने की हालत में नहीं थे.....तकरीबन दस मिनट होने को आए थे और हम लगातार उसकी चूत में धक्के लगाए जा रहे थे और पूजा भी एक बार झड़ चुकी थी क्युकी इस बार वो उत्तेजना में मेरे पीठ को खरोची तो नही पर नाखून गड़ा जरूर दी थी और जब हमको लगा की हम झड़ने वाले है तो हम अपने लंड को जितना हो सके उसकी चूत के अंदर घुसाए रखे और ज्यों ही मेरा वीर्य उसकी चूत के कोने कोने में घुसा पूजा मेरे कान गर्दन को काटने लगी और अपनी कमर उचका कर मेरे लंड को और ज्यादा अपने अंदर समा लेना चाहती थी.....झड़ने के बाद हम पूजा पे ही लेटे रहे और पूजा धीरे से हाफ्ते हुए बोली थैंक्यू स्वीटहार्ट....
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हम अपनी सांसों को काबू करने के बाद बोले जाना दवाई लेगी क्या अंदर झड़वा दी और हम लोलू झड़ भी गए
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......पूजा बोली अरे आप घबराते क्यू है पागल......हम बोले क्या सोची है कंसीव करेगी क्या.....तो वो मेरे को अपने ऊपर से उतार दी और खुद मेरे जांघ पे अपनी एक जांघ चढ़ा कर अपने हाथ मेरे सीने पे रख के बोली हम लोग न शादी कर लेंगे आपके भोपाल जाने से पहले....हम बोले अच्छा और ये होगा कैसे पापा अभी माने तो है नही.....पूजा बोली उनको छोड़िए बेटी पराया धन होती है बस आप इतना जानिए और सुनिए ना......
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मतलब वो मेरा बात काट कर आगे बोलने लगी.....मम्मी से आप बात करिए वो मान जायेंगी शादी के लिए.....हम बोले जानेमन वो तो हम सब कर लेंगे पर इसका क्या मतलब था....पूजा हस के बोली आपको पापा और हमको मम्मी बुलाने वाले को भी लाना था जल्दी से क्युकी अब और वेट नही जान.....हम हस के बोले पगली कहिंकी ऐसा था तो बोलती पहले अभी तक कितना बाल बच्चा बहा दिए हमलोग ऐसे ही कपड़ा में पोंछ पोंछ के....
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पूजा एक हल्का सा मुक्का मारी मेरे पेट पे और बोली गंदे कहिंके.....हम बोले ओके वुड बी मम्मा अब से कोई बरबादी नही देखना धीरे धीरे खुद का बाल बच्चा के साथ बैंक खोलेंगे हम दोनो हर डिपार्टमेंट में सब अपना ही बाल बच्चा होगा.....
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पूजा बोली हे भगवान और फिर दोनो कोई पंखे की हवा में थोड़ी देर सुस्ताए और फिर दो बार और अपनी फैक्ट्री में प्रोडक्शन का काम किए
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पूजा की गांड़ में सैर करने का भी मन हुआ पर मेरे लंड का टोपा लाल हो रखा था और थोड़ा दर्द भी था इसलिए उसको स्किप किया और सुबह के तीन सवा तीन बजे के आस पास सोए दोनो कोई.....सुबह नौ बजे नींद खुली और खुलने का कारण था पापा जी का फोन.....हम फोन उठाए और ऊंघते हुए बोले हा पापा तो पापा बोले अरे अभी तक सो रहा है घर कब आएगा....हम बोले अभी नही पापा दोपहर तक आयेंगे वो बोले तोरा मईया इसीलिए गरियाती है समझा....लाज शरम सब घोर के पी गया का रात में जो नींद नहीं खुला नशा में.....हम थोड़ा शॉक हुए और फोन देखे तो पापा ही थे फिर हम बोले आते है पापा थोड़ा देर में.....इतने में मां पीछे से बोली जल्दी घर आओ अब.....फिर फोन काटे और पूजा को देखे तो वो भी सोई हुई थी उलटी हो कर पूरी नंगी बाल पूरे बिखरे हुए जिसमे से उसका खूबसूरत चेहरा थोड़ा सा नजर आ रहा था......चूत के लब एकदम सटे हुए थे आपस में और चूचियां एक तरफ बिस्तर में दबी हुई थी....चूतड एकदम थप्पड़ खाने को बेताब थे पूजा पहले के मुकाबले अब काफी भरे बदन की हो गई थी और ये सीन देख के मेरा लौड़ा उफान मारने लगा हम उसके ऊपर झुके और बालो मे बीच झांकते हुए उसके चेहरे से हम बाल हटाए और उसके होठों को चूम लिए और उसके कान के निचले भाग को बाली सहित मुंह में ले लिए तो गुदगुदी के कारण पूजा नींद में कुनमुनायी....तो हम उसके कान को मुंह से निकाल कर बोले आई लव यू जान मेरा.....और तुम सो हम जा रहे है इतना सुनना था की पूजा बिना आंख खोले अपना हाथ घुमाई और मेरा हाथ जोर से पकड़ ली और बोली कही नही जाने देंगे जान आपको हम आपको कोई दूर नही कर सकता हमसे समझा और खींचने लगी हमको खुद से सटाने लगी......आप मेरे है नही आप कही नही जा रहे है.....हम उसको झकझोरे थोड़ा और बोले जान नींद से बाहर आ कर देखो पगली हम यही है तुम्हारे पास पूजा.....ए जान देख तो सही....फिर पूजा आंख खोली और हमको गले से लगा लि और बोली ऊऊह मारेंगे ना सुबह सुबह क्या बोलते रहते है गंदे कहिंके फिर हम हस्ते हुए बोले तुमको ऐसे सताने में अलग ही मजा है जानू मेली
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....और सट्टाक उसके चूतड़ों पे थप्पड़ बजा दिए पूजा
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फिर हमको अपने से अलग की और ये बोलते बोलते हस दी आप नही सुधलिएगा मेले दान.....
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फिर पूजा के होंठ मेरे होंठ से जुगलबंदी करने लगे और मेरे हाथ उसके चूतड़ों के साथ साथ उसकी गांड़ में छेद को भी सहलाने लगे.....वो एक पैर मेरे ऊपर चढ़ा दी जिससे उसके चूत के लब थोड़े खुल गए जिसको भी हम गांड़ के छेद के साथ साथ कुरेदने लगे.....और चूमते चूमते एक बार फिर हम पूजा पे सवार हो गए और मेरा लंड महाराज अब पहले से बेहतर स्तिथि में था इसलिए पूजा की चूत में घुसने को बेताब था.....और हम लंड को पूजा के चूत पे ऐसे ही ऊपर से दबाए तो पूजा जोर से सिसकी हम बोले अरे क्या दर्द है क्या उसमे.....वो सर हा में डोलाई हम फिर उसकी चूत को छुए तो वो फिर से सिसकी तो हम समझ गए की जैसे मेरे शहजादे को दर्द था और मुंह लाल हो रखा था वैसे ही पूजा की रानी भी घायल है....हम पूजा के ऊपर से हटने लगे तो वो मेरा हाथ पकड़ ली पर तब तक हम बगल में लेट गए थे वो बोली अरे पागल दर्द होते रहता है ढेर दिन हुआ ना अपने को इसलिए.....हम उसको अपने ऊपर चढ़ा लिए पूरी तरह से और चूतड मसलते हुए बोले अरे मोर करेजा ई तो हमरे ह जब मन होई तब बाबू के सैर करवा देम फिलहाल थोड़ा रिलेक्स हो जाने दो उसको चलो फ्रेश हो जाते है पेट में गुड़गुड़ हो रहा है.....पूजा बोली अरे मेरे जान आप भी ना वो चाहती थी की हम दोनो अभी एक बार और मिलन करे पर फिर मेरा पेट गुड़गुड़ का बात सुन के नही बोली आगे और मेरे ऊपर से उतर गई तो हम उसको वापिस खुद पे चढ़ा लिए तो वो बोली अरे जान छोड़िए न तब तो कुछ इंतजाम करू आपके इस भूखे टमी का.....हम बोले बुझे मन से जायेगी ना तो खाना हमको नहीं लगेगा....दर्द कर रहा है इसलिए नही किए ना वरना देखो इसको अपने लंड की तरफ़ इशारा किए और बोले कैसे मुंह निकले तैयार है.....पूजा नीचे घसकी और मेरे लंड को अपने मुंह में भर ली और लगी चूसने.....और फिर उठ कर अपने दोनो पैर फैला कर खुद उसको अपने चूत के मुहाने पे लगाई और बैठ गई धीरे धीरे उसको अपनी चूत में पूरा घुसा कर मेरे ऊपर झुक गई और हम भी उसको खुद से चिपकाते हुए उसके होंठ चूसने लगे चुचियों को दबाने लगे और अपना कमर हिलाना शुरू किए.....और कुछ देर बाद पूजा मेरे नीचे थे और हम उसके ऊपर मेरे दोनो हाथो में उसकी चूचियां थी और लंड सटासट अंदर बाहर हो रहा था और पहले के मुकाबले पूजा भी दर्द कम महसूस कर रही थी क्युकी वो हमारे इस मिलन को एंजॉय कर रही थी.....आंखे बंद में उसके सर को इधर उधर घूमना बीच बीच में मेरे होंठो को चूमने के लिए हमको खुद पे खींचना और चूमते चूमते पीठ में अपने नाखून से प्यार की इबारत लिखना
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और इन सब के बीच सिसकियाते सिसकियाते पूजा झड़ी और हम भी उसकी चूत में ही एक लंबी आह लेते हुए झड़ गए..... चुदने के बाद पंखे की हवा में थोड़ा देर सुस्ताए दोनो कोई क्युकी रात के मुकाबले अभी हम दोनों पसीने में तरबतर नही हुए थे पर पसीना आया तो था ही और अब पूजा के चेहरे पे एक सुकून था वही हम उसके गाल खींच के बोले चोट्टीन कहिंकी करना क्या शुरू की थी और खतम किसपे की वो दांतो तले अपने होंठ दबा के हमको अपने बाहों के आलिंगन में ले ली और बोली डैट्स वाय यू लव में एंड आई लव यू स्वीटहार्ट.....
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फिर दोनो कोई उठे.....पूजा बाथरूम गई जबकि हम फटाफट बिस्तर सही किए और कपड़ा पहन कर रूम का गेट खोले और पर्दा उठा कर दरवाजे के ऊपर डाल दिए एक साइड और रूम में झाड़ू लगाए और पूजा कमरे में रौशनी देखी तो बोली जान गेट लगाइए ना अंदर आयेंगे हम.....हम फटाक से गेट बंद किए तो पूजा आई पूरी नंगी थी वो मेरे को बोली आप ये सब क्यू कर रहे है हम नही करते आ कर....हम बोले अभी से तुमको ही करना है हम किए ही क्या है जानेमन खाली पीली हम पल गुच्छा कलती है और ये बोलते हुए उसके चूतड़ पे एक थप्पड़ लगाते हुए बाथरूम में भाग गए......मेरे जाने के बाद पूजा डार्लिंग रूम में पोंछा लगाई और मेरे आज खुद में कपड़े बिस्तर पे रखी इतने में हम आए और उसको पीछे से पकड़ कर उठाते हुए बाथरूम में ले गए वो बोली जान आप ना फिर दोनो कोई साथ में नहाए और इस बार ये बाथरूम भी हमारे मिलन का गवाही बना....इस बार भी हम पूजा की चूत में ही झड़े......अब सोच लिया था की शादी कर ही लेनी है......फिर दोनो कोई बाहर आए तो पूजा मेरे शरीर से पानी पोंछी और हम उसके पर वो ज्यादा जगह खुद से ही पोंछी और फिर टॉवल बाल में लपेट लि....हम बोले वाह रे मेरी मॉडल बीवी सब कुछ खुला छोड़ कर बाल में टॉवल लपेटी है.....वो बोली हा तो आप ही न है यहां और हम भी तो आपके ही है फिर हम बोले ये भी मेरा है और टॉवल उसके बालो से खोल के हटा दिए.....वो बोली सूखेगा नही तो फिर तबियत मेरा बिगड़ेगा हम बोले ऐसे कैसे बिगड़ेगा अभी सुखा देते है और उसके बालो में फूक मारने लगे तो वो हस दी बोली रहने दीजिए जान हम समझ गए आप अभी मंतर फूक दिए इसमें अब मेरा तबियत खराब हो ही नही सकता.....फिर दोनो कोई हस्ते हस्ते एक बार फिर से गले मिले और जल्दी से तैयार हुए.....
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हम बाहर निकले और पास के होटल में ही मस्त नाश्ता पैक करवा के दूध खरीदा और दो बिस्किट का पैकेट और रूम पे ले आया.....पूजा नाश्ता निकाली और साथ में चाय चढ़ा दी दोनो कोई नाश्ता किए वो भी एक दूसरे के गोद में बैठ के खाते खाते पूजा बोली जाना बैंक ज्वाइन करना होगा ना तीन महीने का लीव लगाए थे अब खतम होने को आया है वो.....हम बोले कर लेना पर अब शादी के बाद ही ऐसे नही अबकी बार सुना मांग ले के नही जायेगी तुम समझी वो मेरे गाल पे चूम ली और बोली जो हुकुम मेरे आका.....हम बोले आका को लग रहा है की चाय जलेगा और तुम आका की रानी बेगम से दासी बेगम बन के जला हुआ बर्तन रगड़ रगड़ के धोएगी
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.....वो अरे बाप रे
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भूल ही गए थे और भाग के किचन में गई और वहा से चिल्ला के बोली हम रानी बेगम बन के रहे या दासी रहेंगे आपकी बेगम ही और चाय जला नही ना ही बर्तन हीहीहीही आई एम सो स्मार्ट
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गैस कम किया हुआ था समझे बच्चू.....फिर दोनो कोई चाय पीए और हम बोले चलते है आखिर साढ़े ग्यारह हो ही गया मम्मी पक्का डोज देगी हमको.....पूजा बोली चलिए हम भी चलते है हम बोले कहा वो बोली अपने ससुराल.....हम बोले कुछ दिन का सबर मेरी जान फिर तो ये कमरा खाली ही कर देंगे वो बोली नही मारेंगे ना ये खाली नहीं होगा कभी कभी हम लोग यहां आया करेंगे ये हमारा पर्सनल हनीमून सुइट है जब मन होगा वी विल कम हियर....
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हम बोले ठीक मेरी जाना चलो तुम आराम करो अब कल से धमा चौकड़ी बहुत मचाए है हम दोनो क्या समझी और दोपहर में कुछ बनाना मत बाहर से हम ऑर्डर मार देंगे रिसीव कर लेना समझी और हम आयेंगे शाम तक एक बार पर आज रात में रुकेंगे नही वरना कल सुबह तो पक्का कत्लेआम हो जायेगा मेरा.....
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वो फिर बोली आप नही सुधारिएगा क्यू बोलते है ये सब....हम बोले अच्छा नही बोलते बाबा आई एम सॉरी और वो डेरी मिल्क खा लेना ये बोल के निकल गए वहा से.....वो दौड़ के आई मेरे पास और बोली आपके होंठो का जायका उसमे मिक्स किए बगैर नहीं खाने वाले
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जाना समझे आप आइएगा तो ही उसको खायेंगे दोनो कोई हम बोले अच्छा ठीक चलो अब जाओ पहले घर में पगली नंगे पाव गली में आ गई गधी फिर वो ये बोलते हुए लौट गई आई विल मिस यू जान जल्दी जल्दी आइएगा ना हम बोले हा जाना पक्का पक्का
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और हम घर निकल लिए....

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घर पहुंचा तो मां थोड़ा गुस्सा की सिंगल शॉट डोज मिला....फिर बोली कुछ खाया है हम बोले हा मां खाए है पर आप क्या बनाए हो वो भी दो खायेंगे तो वो बोली पापा को फोन कर के बुलाए ले....साथ में हो जायेगा खाना हम लोग का.....हम कॉल किए पापा को घर आने के लिए और ये भी सोच रहे थे की मां और पापा से कैसे बात करेंगे शादी के लिए कैसे बात शुरू करू शर्म जैसा लग रहा था खुद से बोलते हुए.....फिर सोचा की पहले पूजा से पूछेंगे की कैसे बोली फिर आगे बढ़ाएंगे बात....
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फिर कुछ देर में हम पापा और मां तीनो खाना खा रहे थे खाते खाते पापा बोले सुन तेरे जाने में अभी ज्यादा समय नहीं रह गया है तो न कुछ सोचा है हमने.....और कल तेरे जाने के बाद पूजा की मां से और तिवारी से मिल के बात हुआ तेरी शादी को ले कर सो अभी पूजा के पापा तो रजामंद हुए नही है और अब हमको नहीं लगता की वो कभी होगा इसलिए अभी फिलहाल के लिए एक शॉर्ट टाइप में शादी कर देते है जिसमे लगभग लगभग घर के ही लोग होने रिश्तेदारी में अभी नही फैलाएंगे ये बात जैसा हमारा मानना है फिर एक बार पूजा के पापा को समझाया जायेगा अगर फिर भी वो नही माने तो दिसंबर जनवरी तक तेरी शादी धूम धाम से करवा देंगे......बोल क्या बोलता है.....हम बोले पापा आप जो ठीक सोचे कोई दिक्कत नही हम दोनो को वैसे भी हम लोग शुरू से आप लोगो को हर कदम बता कर ही रखे है बाकी आप लोग भी सब जानते ही है.....तो मां बोली इसलिए तो बोल रहे है....फिर हम बोले पापा पर अपने मुहल्ले में और भईया भाभी फिर बाकी लोग भी तो है और शादी ऐसा तो है नही की छुपाने से छुप जायेगा और आज ना कल सब लोग जान ही जायेगा तो सब लोग क्या बोलेगा फालतू का चार बात बनाएगा.....इसलिए ऐसा करते है कोर्ट मैरिज कर के रह जाते है फिर टाइम आने पे शादी धूम धाम से कर लेंगे.....पापा मुस्कुराए और मां से बोले देखी हम बोले थे ना मेरा बेटा ऐसा है ही नही.....हम कन्फ्यूज हुए थोड़ा तो पापा बोले रे बेटा मेरा कल तेरा खडूस ससुर भी था साथ में मान गया है वो तुम दोनों की शादी के लिए.......
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कल यहां से जब तू गया तो तेरी मां बोली की बच्चा मेरा कुछ बोलता नही है पर हम जानते है की उसको क्या चाहिए जिसके लिए इतना मेहनत किया और सब के भरोसे पे खरा उतरा है पर उसके बावजूद मेरा बच्चा लोग को कितना तकलीफ से गुजरना पड़ा......अब हम लोग का जिम्मा बनता है की बात को सही से मुकाम पे ले जाया जाए......शादी का बात छेड़ दीजिए पूजा की मां से बोल के और पूजा के पापा को भी एक बार और ट्राई मार के देखिए समझाने का समझा तो समझा ना तो बोल दीजिएगा की शादी हो कर रहेगा तो हम तिवारी और तेरी मां तेरा भाई सब कोई उनके घर.....सुगंधा को फोन कर के एड्रेस लिए और हो गया वहा गए तो बेचारी पूजा की मां अच्छे से स्वागत की और वही उसका भाई भी तिवारी को देख के सहम गया था पर फिर जब देखा की उसकी मां और सुगंधा बेटी आव भगत में लगी है तो उसको चैन आया और फिर सब के पाव छुआ वो....हम बोले और पूजा के पापा तो मां बोली दुकान पे ही थे तो राहुल गया उनको बुलाने तो कुछ देर बाद आया वो और शांति से बैठ गया तिवारी तो उनको देखते ही लाल पीला होने लगा था
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फिर धीरे धीरे बात किए और पहले सुगंधा की मां एग्री की शादी के लिए फिर पूजा के पापा से भी बात किया सब कोई मिल कर समझाया एक एक चीज सुगंधा भी अपने बाप को समझाई और राहुल तो यहां तक बोल दिया की जब हम सब रेडी है तो फिर आपको क्या तकलीफ है अगर वही दीदी भाग जाती तो फिर क्या करते हम लोग सिवाय थाना पुलिस के चक्कर लगाने के यहां पे वो लोग परिवार को ले के चलना चाह रहा तो ये भी नही पच रहा है वो थोड़ा गुस्सा हुआ पर तिवारी बोला अरे अब गुस्सा वुस्सा मत करो वरना बात और बिगड़ेगा ही.....फिर कुछ देर तक तो पूजा का बाप कुछो बोला ही नहीं फिर हम ये बोल के उठे और जाने लगे की अब अच्छा बुरा जो भी हो हमारे बच्चे अब किसी एक के गुस्से के कारण और दिन वेट नही करेंगे....तभी सुगंधा की मां उसके पापा से बोली की सोचिए आप थोड़ा बात क्यू नही समझ रहे फिर वो खड़ा हुआ और मेरा हाथ से हाथ मिलाया और बोला हम तैयार है हम गलती किए उसके लिए हाथ जोड़ के माफी मांगते है और अपने हाथ जोड़ लिया.....फिर हम उसको तुरंत गले लगा कर बोले अरे पूजा मेरी बेटी है आप बस अब मन में कोई गुबार मत रखिएगा बाकी सब कुछ सही है और अच्छे से ही होगा और फिर एक एक बार वो मेरे और तिवारी से गले मिला और फिर हम वहा से लौट आए....
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फिर मां बोली अब बस शादी के कार्ड छपवाए और हॉल बुक कर के जल्दी से पूजा को ले आ यहां हम हस के बोले आप लोग सब कुछ कर लिए एक ही बार के बात में ताज्जुब की बात है और सबसे ज्यादा हैरानी की बात की पूजा के पापा मान गए ये चमत्कार से कम नहीं है.....हमको थोड़ा अटपटा लगा पर जो भी हो अब फाइनली पूजा मेरी दुल्हन बनने जा रही थी इसके आगे कुछ नही जानना समझना था और नौकरी तो पक्की थी ही हैंडसम सैलरी है लाइफ से अब कोई शिकायत नहीं थी हमको बस कोई चुटियापा ना हो जाए भगवान से यही परार्थना है......हम पापा से बोले इसीलिए सुबह सुबह डोज दिए आप ऐसे एकदम अजीब टाइप हम भी सोचे उस टाइम की इतना उखड़े उखड़े क्यू है मेरे से.....तो पापा बोले अरे तनी मनी हम भी चुटकी ले लेते है......फिर हम तीनो हस दिए
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हम बोले फिर भी पापा इतना जल्दी कैसे होगा हमको जाने में ज्यादा समय नहीं है.....इतने में पीछे से भईया बोला अरे हम लोग है ना बाकी और भी सब दो दिन में यहां पहुंच जायेगा फिर तो काम यू फटाफट हो जायेगा तू टेंशन मत ले ये सब का बस अब खुशी से रहो उनके साथ भाभी भी थी.....सब कोई खुश था अब हम उठे हाथ धोए और फिर सब का पांव छुए आखिर कितने समय बाद घर में खुशी का मौका आया था....फिर भईया और पापा थोड़ा देर घर में डिस्कशन करने के बाद गए कार्ड का डिजाइन देख कर पसंद करने और उधर से ही वो पंडित के यहां जाने वाले थे और उसी पंडित के यहां सुगंधा के पापा और मां भी आने वाले थे मां भाभी के साथ घर से जाती डायरेक्ट पंडित के यहा ही इसलिए हम मां को बोले मां हम आते है थोड़ा पूजा को भी खुश खबरी दे दू.....तो भाभी बोली हा जाओ जाओ अब तो उसको भी खबर दे ही दो और बोल देना की अब कमर कस ले क्युकी यहां आयेगी तो पूरा सेवा करे परेगा.....
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हम बोले अरे हा करवा लीजिएगा सबसे आगे रहेगी ऊ आप सब मे.....
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अब बस देर था पूजा के पास पहुंचने का और जल्दी से उसको खुश खबरी देने का.....
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हम पूजा के पास पहुंचे दरवाजा नॉक किया तो फिर पूजा पूछी कौन....हम बोले खोलो स्वीटहार्ट इट्स मि योर जान.......पूजा दरवाजा खोली और हम उसको अंदर धकेलते हुए घुसे और उससे पूछे की डेयरी मिल्क कहा रखी कल वाला.....वो हस के बोली अरे मेरा जान क्या हुआ.....हम बोले अरे बताओ ना और खुद ढूंढने लगे.....वो बोली पर्स में रखी हु जानेमन रुकिए देती हु पर हुआ क्या की आते के साथ चॉकलेट ढूंढा जा रहा है.....हम उसके बैग को देखे जो सामने खूंटी पे टंगा था....उसमे से चॉकलेट निकाले फाड़े और एक टुकड़ा तोड़ कर पहले पूजा को खिलाए और फिर उसको अपने आलिंगन में ले लिए.....जो टुकड़ा तोड़े थे वो थोड़ा बड़ा था पूजा के मुंह में पूरा घुसा दिए थे तो वो गूंगियाते हुए बोले अरे हुआ क्या क्यू ऐसे बिहेव कर रहे है.....हम बोले पहले एक किस्सी दो....वो बोली ऐसे मुंह में पूरा ठूस दिए है जान.....हम उसके चेहरे को पकड़े और एक जबरदस्त वाला चॉकलेटी किस किए.....और किस तोड़ने के बाद बोले मेरी दुल्हनिया को खुशखबरी देनी थी तो बिना मुंह मीठा किए कैसे देते.....वो आंखे गोल कर के बोली मजाक मत करिए जान अभी तो आप गए थे.....हम बोले हा और जाते के साथ तुम्हारी इस सुनी मांग को सिंदूर से भरने का हक मिल गया.....और वो भी तुम्हारे पापा की रजामंदी के साथ......वो मेरे आलिंगन से अलग हुई और बोली नही आप ये झूट बोल रहे है.....मजाक मत करिए जान.....
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हम बोले अरे मेरी जान मजाक नही सच्ची में इसलिए तो दौड़े भागे आए तुम्हारे पास पगली आई एम वेरी हैप्पी फॉर अस.....पूजा बोली जान आप समझिए पापा यूंही नही माने होंगे उनका फिर कुछ उल्टा सीधा दिमाग में चल रहा होगा....इतना कुछ करने के बाद वो ऐसे कैसे मान गए.....और बाकी लोग वो राहुल ये सब कैसे मान गया हम बोले अरे छोड़ो भी अब बस इस बात पे ध्यान दो की तुम मेरी दुल्हनिया बनेगी और हम तुम्हारे दुल्हे.....
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और वैसे भी कोई कुछ भी कहे हा या ना अपने घर में सब सेट था ना बस फिर क्या अपनी शादी तो होनी ही थी और वो भी भोपाल जाने से पहले फिर क्यों टेंशन लेना आखिर हम दोनो एक हो जायेंगे हमेशा के लिए......
पूजा को अब भी ये बात हजम नही हो रही थी की उसके पापा और भाई मान गए है हमारी शादी के लिए.....
फिर हम उसको समझाए की जान तुम हमको हमेशा के लिए पा ली और अब किसी का डर नही है और अब मुंह न बनाओ खुश हो जाओ ना प्लीज.......पापा का हम भी सुन के हैरान हुए थेंपर जानेमन शादी के बाद तुम मेरे साथ ही रहेगी ना कही जाने नही देंगे तो बस अब खुश हो जाओ ना एंड लेट्स सेलिब्रेट.....फिर जैसे हम खुश हो रहे थे अपनी शादी के लिए वैसे ही वो भी खुश थी क्युकी जो भी है ये खूबसूरत पल हम दोनो के झोली में आया भी तो कब इतनी मार पिटाई गोली खाने के बाद और इन सब से पहले जो पढ़ने में मेहनत की थी वो अलग ही इसलिए हम जब पूजा को समझाए तो वो समझ गई की जो हम चाह रहे थे वो हमे मिल गया.....फिर दोनो कोई बिस्तर पे बैठ कर एक दूसरे को चॉक्लेट खिलाए उसके बाद पूजा को बोले घर जायेगी ना....ये सुनते ही वो सहम गई और बोली नही जान वहा नही जाना हमको और मेरे हाथ पे अपना सर झुका ली जैसे उसको फिर से वही डर सताने लगा हो की क्या पता उसके बाप की कोई घिनौनी चाल हो.....हम उसके चहरे को पकड़ कर उठाए और देखे की वो रो रही है हम उसके आंखो के आंसू को पोंछे और बोले मारेंगे अगर रोई तो....
देखो बस कुछ दिन की बात है फिर तुम मेरे पास और उसके बाद तुमको लगता है की हम खुद से दूर जाने देंगे.....अरे अभी तो तुझमें मेरा जान बसता है शादी के बाद तो पता नही कितना ज्यादा प्यार करेंगे तुमको और अगर तुम कही गई भी तो हम खुद ले के चलेंगे और खुद ले के वापिस भी आयेंगे समझी.....और अब कुछ नही होगा....फिर भी बता दे रहे है अगर कुछ उल्टा सीधा हुआ तो इस बार पप्पा को संभलने का भी मौका नहीं देंगे.....फिर पूजा मेरे गले से लग गई.....थोड़े देर ऐसे ही रहने के बाद बचा हुआ चॉकलेट खाए फिर हम बोले चलो बाहर चलते है वो बोली कहा हम बोले पापा और बाकी लोग गए है पंडित के यहां और उधर से तुम्हारी मां भी आएंगी.....तो हम दोनो चलते है खुद के लिए कुछ चीजे सेलेक्ट करने और कुछ अच्छा खा कर इस मौके को और खुशनुमा बनाया जाए......फिर पूजा को खुद अपने हाथो से तैयार किए हम और बीच बीच में उसको छेड़ देते तो वो बोलती जान या तो आप मुझसे लिपट जाइए या फिर हम लोग बाहर चलते है तैयार हो के.....हम हस के फिर आगे का काम किए और फाइनली दोनो कोई निकलने वाले ही थे तो दरवाजे पे दस्तक हुई....हम दरवाजा खोले जबकि पूजा वही खड़ी रही......सामने सुगंधा और राहुल खड़े थे.....सुगंधा मुस्कुरा रही थी जबकि राहुल शांत खड़ा था......हम उसको देख के बोले अरे यहां अचानक आ जा अंदर आ जा सुगंधा तो तुरंत आ गई पर राहुल वही खड़ा था....जो पूजा को एक टक देखे जा रहा था हम राहुल को बोले अरे खड़ा क्यू है अंदर आ जा राहुल थोड़ा सकुचाते हुए अंदर आया और सीधा जा के पूजा के पैरो में बैठ गया जबकि पूजा मुंह फेरे अपने आंखो से बहते आंसू छिपा रही थी राहुल भी रोने लगा और रोते रोते बोला दीदी माफ कर दो हमको हमसे गलती हुआ उस दिन पता नही क्या हुआ और हम वो कदम उठा लिए हमको माफ कर दे दी हम तेरे गुनहगार है पर फिर भी हमको माफ कर दे उसका सिसकना मेरे को भी अच्छा नही लग रहा था पर गलती तो उसने किया था पूजा अब भी चुप थी पर रोए जा रही थी.....
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फिर हम ही बोले इकलौता भाई है तुम्हारा और दोनो बहन कभी प्यार करने में कमी नहीं की हो पर अपने पापा के गलत सलत बातो के जाल में फस कर ये बेवकूफी भरा कदम उठा लिया था जाने दो अब छोड़ो पिछली बातो को और हम राहुल को बोले तब अब कोई तकल्लुफ नही है ना हम दोनो से.....पर वो अभी भी पूजा के पैरो में ही बैठा था फिर सुगंधा उठी और पूजा के आंसू पोंछी और बोली राहुल बहुत पछताया दी बाद में उस दिन के बाद से इसकी हिम्मत ही नहीं हो रही थी तेरे सामने आने की बोलता था की किस मुंह से जाऊंगा दीदी के पास न ही उसके राखी का लाज रखे ना ही उसकी रक्षा कर पाए.....पूजा ये सुन के और ज्यादा रोने लगी फिर हम उसको बोले अभी ना बोले थे रोना नहीं पर तुम नही मानेगी.....सुगंधा फिर उसके आंसू पोंछते हुए बोली जब तेरी शादी को सब राजी हो गए तो फिर हम ही इसको जबरदस्ती ले के आए तेरे पास की अब दीदी को घर लाने चल तू साथ में मां और पापा तो तैयारी में जुटे है.....माफ कर दे दीदी इसको....पूजा नीचे बैठी और राहुल के आंख का आंसू पोंछ कर बोली जा किया माफ पर जो तू किया जो जख्म दिया वो कभी नही भूलेंगे याद रहेगा तेरे को राखी बांधने का सबसे बड़ा गिफ्ट....फिर सुगंधा बोली नही दी ऐसा मत बोल उसको अपना गलती का एहसास है फिर पूजा उसको बोली तू इस मामले में हमको ना ही समझा तो ज्यादा अच्छा रहेगा.....पूजा के इस जवाब की उम्मीद नहीं थी सुगंधा को तो वो चुप हो गई.....
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हम माहोल को गमगीन होता देख राहुल को उठाए और बोले अरे कैसा भाई है बहन को घर ले जाने आया है ना तो फिर जाओ गाड़ी वाड़ी मंगवाओ या ऐसे ही ले जायेगा पैदल पैदल तो राहुल हमसे भी हाथ जोड़ के माफी मांगा हम बोले अरे अब हो गया छोड़ो ये सब फिर सुगंधा पूजा को बोली घर लौट चल दी....तो वो साफ साफ मना कर दी बोली नही इस बात के लिए तू मत बोल हमको हम नही जाने वाले उस घर में फिर राहुल बोला दी कुछ उल्टा पुल्टा नही होगा हम है आपके साथ अपनी गलती सुधारने का मौका दो दीदी एक..... ढाल बन कर रहेंगे हम ना वैसे भी सब ठीक हो गया है अब और फिर अपना घर अपना ही होता है दी.....पापा जो किए उनको भी उसका पछतावा होगा और अब सब कोई मान गया है दी इसलिए अब आप भी उनको एक मौका दे के देखो ना.....
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फिर पूजा जा के बिस्तर पे बैठ गई और अपना सर झुका के अपने घुटनो में घुसा ली.....हम सुगंधा और राहुल को बोले घर जाओ अभी तुम लोग शाम में हम फोन करते है फिर देखते है ठीक है......तो पूजा चिल्ला के बोली नही हम नही जायेंगे.....हम बोले हा ठीक मत जाना कोई जबरदस्ती नहीं है बाबा पर अभी गुस्सा नही करो शांत हो जाओ फिर उसके पास गए और उसका हाथ अपने हाथ में ले कर बोले अच्छा ये बताओ बाजार चलेगी ना.....वो मेरी तरफ देखी और बोली जान आप मेरी मन की हालत को समझ नही रहे हमको उस घर में कदम नहीं रखना चाहते जहा मेरी जान का खून बहा हो वो भी बिना मतलब का.....हम थोड़ा गुस्सा कर के बोले अरे तो खून बहा तो हम मर गए क्या नही ना है ना तुम्हारे साथ अब तो तुम मेरी हो जायेगी सदा के लिए फिर.....फिर कभी न कभी तो उस घर की दहलीज को पार करेगी ही न जान मेरा हम है ना तुम्हारे साथ बस इस बात से तुमको वास्ता रखना है अब शादी के बाद उस घर से पराई हो जायेगी तुम ये भी तो देखो फिर ये दोनो जो खड़े है तुम्हारे सामने ये तुमसे मिलने आया करेंगे ना की तुमको अपने घर ले जाने.....तुम्हारा गुस्सा जायज है पर ये बात जो तुम कर रही है उसको हम मानते है पर अभी कुछ दिनों के लिए इस चीज को साइड रख दो थोड़ा ठीक है और तुम घर जा रही है पर उससे पहले हम अपनी जानेमन का मूड ठीक करेंगे.....
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इतना सब होने के बाद सुगंधा और राहुल वापिस लौट गए जबकि हम और पूजा मार्केट गए जहा वो मुझसे उतना बात नही कर रही थी पर मेरी जान हमसे ज्यादा देर तक नाराज रह ही नहीं सकती इसलिए शाम होते होते वो मान गई और अगली सुबह घर जाना था उसने मार्केट से उसको वापिस कमरे पे छोड़ा और अपने घर निकल लिया.....इधर मेरे घर पे सब कुछ बढ़िया चल रहा था सब अपने अपने काम में व्यस्त थे और हम भोपाल जाने से पहले इस कोशिश में थे की मां पापा से बोल के पूजा को कुछ दिन अपने साथ ले जाऊ पर उसकी नौकरी का क्या ज्यादा दिन वो भी अपनी छुट्टी बढ़ा नही सकती थी और शादी के बाद का क्या सीन होगा ये तो आगे ही मालूम होगा क्युकी पूजा अब हमको छोड़ कर पटना रहती है या मेरे साथ ये तो वो ही जाने.....
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खैर उस शाम पूजा अपने घर गई उस वक्त पूजा के पापा दुकान पर थे और पूजा को ले जाने सुगंधा और राहुल आए थे पूजा घर जाते वक्त अजीब महसूस कर रही थी पर हम जो बोल दिए थे सो वो न चाहते हुए भी जाना ही था.....मार पिटाई वाले दिन के बाद से तकरीबन दो ढाई महीने बाद पूजा घर लौटी थी.....पूजा की मां उसका स्वागत आरती कर के की.....उसके घर आने से सब कोई खुश थे सबसे ज्यादा पूजा की मां और आज वो उसके लिए उसके मनपसंद खाने की चीजे बनाई थी......राहुल दुकान चला गया जबकि सुगंधा और पूजा एक जगह बैठी थी और सुगंधा पूजा के मन में जो खटास थी उसको निकलने के लिए भरसक प्रयास कर रही थी शादी में क्या पहनना है से ले कर शादी के बाद कहा घूमने जायेगी और तो और वो अपने दोस्त को जीजा जी कैसे बुलाएगी ये बड़ा अजीब लगेगा दी हम तो जैसे अभी बात करते है वैसे ही करेंगे.......बाप रे कैसा लगेगा सुमित जीजू बोलने में.....पूजा उसकी ये बात सुन के जोर से हस दी तो सुगंधा बोली आई एम सॉरी दी उस दिन के लिए हम कुछ नही कर पाए थे तो पूजा बोली अब वो सब याद मत दिला हम ठीक है और तुझको तो कब का माफ कर दिए और हम समझ सकते है की तू क्यों नही आई कुछ करने क्युकी वो हालात ऐसे नही थे की कोई कुछ कर पाता पर कोई नही बुरा समय था बीत गया.....वैसे तू उनको जीजा जी ही बुलाएगी समझी तो सुगंधा हस के बोली नही हम नही बुलाने वाले भक्क और मेरा छोड़ राहुलवा क्या बुलाएगा ये तो और ज्यादा सोचने वाला बात है फिर दोनो बहन हस दी.....क्युकी राहुल शुरू से सुमित को सुमित भईया बुलाता था अब सुमित जीजा जी या जीजा जी या जीजू बुलाएगा.....दोनो बहन की हसी सुन के पूजा की मां कमरे में आई और बोली अब तेरे आने के बाद घर फिर से गुलजार हो गया मेरी बच्ची और पहले की हुई गलती को भुला दे अब और अच्छे मन से इस घर से विदा हो जा क्युकी हम लोग से ज्यादा प्यार देने वाला वहा इंतजार कर रहा है हमलोग तो शायद तुझको वो प्यार दे नही पाए समझ ही नही पाए बेटा.....तो पूजा बोली नही मां आप ये सब मत बोली सुमित के आने से पहले हमको जो भी दिए आप और पापा ही न दिए है मगर ये और बात है की सुमित हमको जीना सिखलाया......मेरे ओहदे को एक मुकाम पे पहुंचाने में मदद किया.....और जीवन में एक हमसफर का क्या महत्व होता है वो बतलाया.....सबसे बड़ी बात की परिवार की सहमति हर चीज में जरूरी होती है ये भी समझाया एक बार हमसे वो बोले भी की चलो शादी कर लेते है पर हम बोले आप अपना ही बताया हुआ सिखाया हुआ चीज भूल रहे है कुछ भी हो थोड़े दिन में सब की सहमति से शादी करेंगे हम दोनो और आज वो बात सच साबित हो रही है मां.....तो पूजा की मां उसके गाल पे हाथ फेर के बोली हमेशा खुश रह मेरी बच्ची......अब शादी के बाद तो तू यहां नही आयेगी...पूजा बोली नही मां ऐसा नही है उस दिन जो हुआ उसके बाद मेरे अंदर डर बैठ गया था क्युकी हम जो किए कही न कही वो गलत है पापा की नजरो में और हम ये जानते है की पापा अपनी इज्जत प्रतिष्ठा के लिए हमलोग को मारे थे पर गोली क्यू मारी किसके कहने पे मारी.....ये हमदोनो ने सपने में भी नही सोचा था भगवान का कृपा रहा की उनको कुछ नही हुआ पर अगर कुछ हो जाता तो हम भी नही रह पाते मां....इतने में सुगंधा उसको बीच में टोकी और बोली पर अब इन सब बातो का कोई मतलब नहीं बनता है और अब ये सब बात कोई नही करेगा घर में अरे अब शादी का माहोल है कितना कुछ बाकी है करने को वो सब कोई सोच ही नहीं रहा.....तो पूजा हस दी और अपने बैग से अपना एटीएम निकाल के उसको दे दी और बोली ले इसको और जो पसंद आए मेरे लिए और अपने लिए जिसके लिए जो जो लेना है लेने चलेंगे कल सुबह.....अभी मां के हाथ का खाना घर पे बैठ के खाने दे बहुत दिन हुए घर पे इत्मीनान से टीवी के सामने बैठ के खाना खाए......
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थोड़ी देर बाद सुगंधा और पूजा एक साथ खाना खाई....खाना खाने के बाद पूजा बाहर वाले कमरे में बैठी टीवी देख रही थी और साथ में हमसे बात भी कर रही थी की घर भेज तो दिए पर अब मिलेंगे कैसे कल कितने दिन बाद आप अपने प्यार से भिगोए थे और आज फिर दूर कर दिए....हम बोले अरे पगली भूल गई क्या रात में मिलने आ सकते है हम और अभी ही तो मौका है ये सब पल दुबारा से जीने का फिर कहा मिलेगा तो वो बोली अरे पगलू मेरे जानेमन....आप मिलने का मिल के चले जाइयेगा और हम फिर रात भर आपके छेड़खानी का खामियाजा भुगतेंगे....आपके मिलने और मिल के बदमाशी करने में फर्क है ना जान और अब मेरा मन छिटपुट छेड़खानी से नही भरता बल्कि और आपका जरूरत महसूस होता है.....हम बोले अरे बाबा रे मेरी सीधी साधी पूजा को क्या हो गया भाई कहा गई वो शरीफ वाली पूजा ये तो कोई गुंडी बात कर रही है मेरे से.....तो वो शरमाने वाला इमोजी भेजी और बोली अब आपका करतूत है बिगाड़ दिए है हमको.....हम हस के बोले तब तो ये अच्छा है मेरे लिए.....अच्छा सुनिए मैडम आपसे जरूरी बात करनी है ये बताओ की शादी के बाद मेरे साथ भोपाल चलेगी या क्या करेगी....पूजा एक बार में बोल दी जॉब से रिजाइन कर देने स्वीटहार्ट....हम बोले अरे नही पगली हो क्या.....तो वो बोली फिर हम कोडरमा रहेंगे और आप भोपाल में घर में मां पापा अकेले दिमाग से थोड़ा काम लिजिए ना जानेमन.....हम बोले पहले पापा मां से हम बात करते है और उधर तुम अपने घर में बात करो.....पूजा बोली एक बात बताइए आप हमसे शादी कर रहे है तो हमको खिला नही पाएंगे क्या या मेरी जररूत का खयाल नहीं रख पाएंगे या हमको किसी चीज का कमी होने देने....हम बोले कहना क्या चाहती हो जान मेरा तो वो बोली की हम आपके साथ भोपाल चलेंगे और जॉब हम छोड़ रहें है बस बात खतम और इस बारे में हम किसी से कुछ नही पूछने जा रहे.....हम बोले अच्छा ठीक है पर ये बताओ की मेरे साथ भोपाल चली जायेगी फिर भी तो मां पापा यहां अकेले ही रहेंगे ना....वो बोली जान मेरा वो आप हम्पे छोड़ दीजिए वो मैनेज करना मेरा काम है....फिर बोली अच्छा ये सब छोड़िए रात में आइएगा ना हम बोले जान इतना मेहनत कर के जॉब पाई थी तुम उसको ऐसे कैसे छोड़ देगी.....
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पूजा बोली आपको मेरा कसम है ये सब बोल के इमोशनली ब्लैकमेल नही कीजिए हम आपसे दूर कहा अकेले रहेंगे जान हम मेहनत किए थे पर जानेमन अब बात दूसरी है मेरी शादी हो रही है आपसे और इतना तो है की आपकी सैलरी से हम सब चला लेंगे और रही बात मां पापा के अकेले रहने की तो हम अप डाउन कर के कुछ दिन वहा कुछ दिन यहां फिर आगे चल कर पापा मां को वही बुला लेंगे हम दोनो उनके साथ रहेंगे ना और हम जानते है मां हमको मना नहीं करेंगी.....हम बोले धन्य हो देवी सब प्री प्लांड है है ना वो बोली येस माय वुड बी लविंग हसबैंड....अब बस जल्दी से आपके पास आना है हमको.....हमसे रहा नही गया तो हम फिर बोले जाना जॉब छोड़ना इज नॉट ए गुड ऑप्शन दुबारा से सोचो ना....वो बोली आप सोचते रहिए हम चले नहाने मेरा पूरा मन गर्मी गर्मी हो रहा है....हम बोले अरे सुनो तो पर वो चली गई.....
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इधर हम पापा और मां से जब ये बात बोले तो पापा भी मना किए की जॉब ना छोड़े पर मां बोली अरे सही तो कह रही है ये भोपाल में रहेगा वो कोडरमा में फिर कैसे कैसे होगा पापा बोले सब होगा करने वाले इसी में सब कुछ करते है समझी और कितनी मेहनत से दोनो ने नौकरी पाई है मजाक है क्या.....पूजा बेटा से हम बात करेंगे सुबह में और समझाएंगे....
उधर पूजा के पापा दुकान बंद कर के घर आए और सीधा पूजा के पास गए और उसके सामने बिस्तर पर बैठ गए पूजा उनके तरफ देख भी नहीं रही थी....पूजा के पापा उससे बोले बेटा हमको मालूम है तू हमसे गुस्सा है पर बेटा अब अपने बाप को माफ कर दे ले तेरे आगे हाथ जोड़ता हु पर अपने बाप को माफ कर दे और अच्छे मन से अपना कन्यादान करने का मौका दे दे..... उस दिन के बारे में ज्यादा नही बोलूंगा पर बेटा हम जानते है की तू वो हादसा नही भुला सकती और उसका कारण हम है अगर हम जरा सी बात समझ पाते तो ये सब नही हुआ होता और आज तू अपने बाप से इस तरह मुंह फेर कर नही बैठी होती......हम उस गलती को सुधार तो नही सकते पर बेटा तेरे पैरो पे गिर के माफी मांगने के अलावा कोई रास्ता भी नही हैं मेरे पास.....
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और वो पूजा के पैरो पे झुक जाते है बैठे बैठे तो पूजा उनको उठाती है और इससे पहले वो बोलती पीछे से राहुल बोला दी पापा को भी अपना गलती का एहसास है इनको माफ कर दो दी पापा को जब से पता चला की आप घर आ गई है तब से ये बस रोए जा रहे थे आज शाम से दुकानदारी भी नही किए सही से हम कितना समझाए की दीदी अब पहले से ठीक है अच्छे से घर में हस बोल रही है फिर ये बोले की मेरी थोड़ी से न समझी का कितना खामियाजा भुगतना पड़ा मेरी बेटी को जिस बेटी के कारण अपनी हालत सुधरी उसी को इतनी बुरी हालत में पहुंचा दिया की उसका चलना फिरना मुश्किल कर दिया.....भगवान मेरे इस किए के लिए हमको कभी माफ नहीं करेगा.....इतना सुनने के बाद पूजा अपने बाप के बहते आंसू को पोंछी और बोली हम गलती किए थे पापा जिसकी सजा हमको मिली पर हम उनसे प्यार करते है मालूम है नही करना था पर हो गया जिसको अब हम वापिस नही मोड़ सकते ना वो मोड़ सकते है.....तो क्या अब हम आपके बच्चे नही रहे.....तो पूजा के पापा बोले नही बेटा ऐसा मत बोल अब पिछली बातो को छोड़ दे हम समझने में देर किए पर वो कहते है ना देर आए दुरुस्त आए अब सब ठीक है....अब खुश रह बस....
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फिर पूजा बोली हम नौकरी छोड़ देंगे शादी के बाद तो पूजा की मां कुछ बोलती इससे पहले पूजा के पापा बोले बेटा ये तू क्या बोल रही है तो पूजा फिर वही सब बात दोहराई जो सुमित के साथ की थी सब बात सुनने के बाद पूजा के पापा बोले जब तूने सोचा है तो अच्छा बुरा समझ के ही सोचा होगा जैसी तेरी मरजी वैसा कर बस अब खुश रह कोई भी दुख तकलीफ सहने की जरूरत नहीं......पर पूजा की मां बोली नही बेटा नौकरी मत छोड़ कितना मुश्किल से तू इस नौकरी को पाई है पर पूजा मानने को तैयार नहीं थी पर पूजा की मां बोली नही नौकरी नहीं छोड़नी है अभी तू जज्बात के घेरा में फसी हुई है इसलिए ऐसा बोल रही है बाद में तुझको पछतावा होगा बेटा देखना.....पूजा बोली नही मां हम सुमित से भी बात किए है इस बारे में और उनकी नौकरी में हम खुशी खुशी रह लेंगे....फिर इस बारे में किसी ने बात नही की उस रात पूरा परिवार बहुत दिन बाद एक साथ था सब कुछ अच्छा था......
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सुमित के घर पर भी उसकी बहन और बाकी भाई भाभी सब आ चुके थे शादी की तैयारी भी पूरी हो चुकी थी.....पूजा के घर भी सारी तैयारी पूरी हो चुकी थी सिर्फ करीबी रिश्तेदारों को ही बुलाया था पूजा के पापा ने ज्यादा लोगो को अपनी बेटी की शादी के बारे में नही बतलाया था अब ये अंतर्जातीय विवाह का मसला था या फिर लव मैरिज का ये तो वो ही जाने और जितने लोग आने वाले थे सब से यही बोल रहे थे की लड़का और परिवार अच्छा मिल गया इसलिए जल्दी में सब कुछ तय कर दिया और शादी की तारीख भी निकल ली क्युकी लड़को वालो को जल्दी थी.....
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सुमित के पापा ने पूजा से नौकरी के बारे में बात की तो पूजा अपने बात पे अटल थी और सुमित ने भी अपने पापा को समझाया की वो नही मानेगी इसलिए जाने दीजिए बाकी हम लोग आपस में मैनेज कर लेंगे पापा और सुमित की मां भी नही चाहती थी की पूजा और सुमित शादी के बाद अलग अलग रहे और इस बार पूजा के पापा ने भी पूजा का साथ दिया की वो नौकरी छोड़ दे ताकि अपने घर संसार को अच्छे से सवार सके.....पर पूजा की मां नही चाहती थी की बेटी नौकरी छोड़े पर उनकी एक न चली और अब ये तय था की पूजा कोडरमा वाला रूम खाली कर देगी और बैंक में रिजाइन डाल देगी.....अब जैसे जैसे शादी का दिन नजदीक आ रहा था एक अजब सा बेचैनी था जो बढ़ते ही जा रहा था पर काम इतना था की उस एहसास को खुल के महसूस ही नही कर पाए ना ही हम न ही पूजा.....इसी बीच राहुल और पूजा एक दिन गाड़ी बुक कर के कोडरमा निकले ताकि अंजली भाभी और उनके सास ससुर को शादी के लिए न्योता दे आए और वहा से रूम खाली कर दे....राहुल रूम का समान सब पैक करने लगा जबकि पूजा बैंक को रिजाइन लेटर ब्रांच मैनेजर को सबमिट कर के नोटिस पीरियड में सर्विस करने के बदले एक मंथ का सैलरी देने का बोली और एग्जिट इंटरव्यू का प्रोसेस कंप्लीट कर के आई अब जोनल अप्रूवल मिलते ही उसका रिजाइन एक्सेप्ट हो जाता....वहा से सब काम निपटा कर वो लोग रात रात तक लौट आए पटना.....पूजा और सुगंधा मां के साथ मिल के खूब सारी शॉपिंग की थी जितना वो अपने मन में सजा रखी थी सपना की ये करूंगी वो करूंगी वो सब वो कर रही थी दूसरी तरफ राहुल और पापा दोनो घर की रंगाई पुताई से ले कर बाकी जरूरी काम देख रहे थे और रिश्तेदार जो आने वाले थे उनके रुकने ठहरने की व्यवस्था सब कुछ हो गया था....मेरे घर में कमोबेश एक जैसा ही हाल था और अब अगले दिन से शादी की रस्में चालू होने वाली थी नतीजतन अब पूजा और हम शादी वाले दिन ही एक दूसरे को देखते या मिलते उससे पहले मिलना अपशगुन था इसलिए आज पूजा को बोला की रात में वेट करने आज उसका सुमित मिलने आएगा क्युकी जब अगली बार मिलेगी तो फिर वो उसका जीवनसाथी बन चुका होगा इसलिए प्रेमी वाली फील लेने के लिए ये आखिरी रात थी हमारे पास....
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उस रात सब की नजरो से बचते बचाते पहुंच गए अपनी पूजा डार्लिंग के पास और वो पगली मेरा बेसब्री से इंतजार कर रही थी...हम उसके पास गए और पहले उससे गले मिले पूजा लगभग मेरे गोद में चढ़ गई थी हम बोले आई लव यू पूजा आई लव यू वो मेरे गोद से उतरते हुए बोली अरे मेरा जान क्या हुआ आज नाम ले रहे है....हम बोले हा क्युकी अगली बार तो लव यू बेगम लव यू हनी ऐसे बुलाएंगे ना....वो बोली हे भगवान आप भी ना हम या आप बदल थोड़े जायेंगे शादी हो रही है हमारी ना की हम लोग का दिमाग दिल प्यार चेंज हो रहा है...और ये बोल के वो मेरे गले में हाथ डाली और बोली पहले भी आप मेरे जानू थे और आगे भी रहिएगा और हम आपके जान....और फिर वो तुरंत मेरे होंठो को चूसने लगी.....किस तोड़ने के बाद वो बोली तैयार रहिएगा मेरे नखरे झेलने को जितना दिन आपसे दूर रहे है ना वो सब वसूल करेंगे...हम बोले अरे हम तो कब से रेडी है...अच्छा हम होमीमून पे कहा जायेंगे वो बोली फिलहाल हनीमून भोपाल में ही मना लेंगे क्युकी अभी पैसा सेव करते हुए चलना होगा जानेमन.....हम बोले मारेंगे ना हनीमून पे तो जायेंगे ही और हम माथेरान हिल स्टेशन जा रहे है और उसके लिए हमे मुंबई जाना होगा और सब कुछ सेट है जानेमन और पैसा का टेंशन तो तुम लेना ही मत समझी हम है ना रे पगली....फिर वो बोली आपका हुकुम सर आंखों पर मेरे आका ये सुन हम दोनो हौले से हस दिए उसके बाद पूजा और हम दोनो ने एक दूसरे के साथ कुछ फोटो खींचे और फिर कुछ देर साथ में बिताने के बाद हम पूजा को बोले अब मिलते है अपनी अलग दुनिया में जहा सिर्फ हम तुम और हमारा प्यार होगा हमसे तो सब्र ही नही हो रहा तुमको दुल्हन बने हुए देखने को वो बोली बस जान कुछ घंटे और....हम बोले वेट रहेगा अपनी जान को लाल जोड़े में देखने के लिए.... तो वो बोली और आपको शेरवानी में
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....फिर हम दोनो एक बार एक दूसरे को प्यार सा हग किए उसके होंठो को चूमे और घर निकल गए.....
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अगली सुबह हमारी शादी का कार्ड भी छप के आ गया था और रिवाज के हिसाब से पहले भगवान को न्योता दिया गया फिर पूजा के घर गया और वहा से भी पहले भगवान के घर फिर मेरे घर....और जब कार्ड मेरे हाथ लगा तो उसके ऊपर अपना और पूजा का नाम देख के बड़ा सुकून मिला हम फोटो खींच के पूजा को भेजे तो वो तुरंत कॉल की हम बोले मुबारक हो माय लवली मिसेज आखिर वो दिन आ ही गया जिसके लिए हम दोनो इस सफर पे एक अजनबी की तरह निकले थे और फिर न जाने कैसे एक दूसरे के जान बन गए.....वो बोली आई लव यू माय मिस्टर हब्बी....अब बस जल्दी से हमको ले आइए अपने पास फिर पूरा जीवन आपके साथ बिताना है....हम उसको चिढ़ाने के मकसद से बोले अरे नही नही हम तुमको यही छोड़ कर भोपाल चले जायेंगे यहां मां पापा को देखने के लिए भी कोई चाहिए ना और हम आयेंगे ना हर महीने में भोपाल है ही कितना दूर.....पूजा बोली ठीक है आप चले जाइयेगा हम रह लेंगे यही पापा मम्मी के पास पर....हम बोले पर क्या....वो बोली आप ना कितने गंदे है उहहु पर वर कुछ नही हम नही रह पाएंगे आपके बगैर समझ जाइए इस बात को और मां पापा को साथ में ले चलेंगे यहां से हम लोग उनके साथ रहेंगे.....हम बोले पापा नही जायेंगे जानेमन खैर अभी ये सब छोड़ो अच्छा शादी का जोड़ा कैसा ली है दिखलाई ही नहीं वो बोली आप बात पलटिए मत हम बता दे रहे है आपके साथ आपके प्यार से दूर हम नही रहेंगे इसीलिए अपना जॉब छोड़ें है हम और आप हमको खुद से दूर कर रहे है जान ऐसे कीजिएगा अपनी पूजा के साथ बताइए.....हम बोले कहा कुछ कर रहे है घर तो आयेंगे ही न जान मेरा तो वो पगली सिसकने लगी हम बोले अरे अरे मेरा जान रोना नहीं देखो ऐसे करेगी तो हम गुस्सा हो जायेंगे फिर रोना नहीं अभी अच्छा हम दोनो भोपाल इकट्ठे चलेंगे ठीक है थोड़े दिन बाद मां पापा से बात करेंगे समझी हम तो तुमको चिढ़ा रहे थे खाली और तुमको क्या लगता है तुमको यहां छोड़ में वहा रह लेंगे हम अकेले.....पगली तुमसे ज्यादा बेचैनी है हमको.....याद है ना कैसे तुम्हारे पास आ जाते थे कोडरमा हर तीसरे चौथे दिन तो फिर क्या जान मेरा तुम भी....वो रोंदी आवाज में बोली गंदे कहिंके खाली सताते है हमको.....हम बोले फिर मना कर प्यार भी तो करते है वो थोड़ी देर चुप रही और बोली अगर बाद में कुछ उल्टा पुल्टा किए ना तो देखिएगा हम पक्का आपसे रूठ जायेंगे फिर मानते रहिएगा.....
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हम बोले नही मेरा जान हम नही पलटेंगे ना ही तुमको छोड़ कर कही जायेंगे अब खुश वो बोली हम आपसे गुस्सा थे ही नहीं हम भी आपको तंग कर रहे थे हम जानते है ना आप हमको छोड़ कर कही नही जाइयेगा....
हम बोले गुंडी बन गई है तुम....चलो अब जल्दी से मेरे नाम की मेंहदी रचाओं और मेरी बन जाओ हम आ रहे है तुमको ले जाने के लिए
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अगले दिन से हम और पूजा दोनो घर में कैद हो गए क्युकी अब शादी के बाद ही हम दोनो बाहर निकल सकते थे आज देवता पूजा था और घर में काफी खुशनुमा माहोल था दीदी भाभी मां पापा सब लोग थे और कुछ करीबी रिश्तेदार सब भी आ गए थे वही पूजा के घर पे भी सब लोग आ गए थे और आज वहा भी देवता पूजा ही था.....दोनो कोई को जब भी मौका लगता फोन से बात कर लेते पर ज्यादा तर हम लोग चैटिंग में ही बात कर पा रहे थे.....सब रस्म करते कराते दो दिन निकल गया और पता भी नही चला.....
आज हमारी हल्दी थी यहां हमको हल्दी लगी वहा पूजा को शादी के घर में वो गीत जो बज रहा था और सेंटर ऑफ अट्रैक्शन हम अलग ही फील हो रहा था अब बस कल के दिन पूजा मेरी हो जायेगी ये सोच सोच के ही गुदगुदी हो रही थी मन में.....रात में पूजा ने अपने हाथ की मेंहदी की तस्वीर भेजी और पूछी की बताइए आपका नाम किधर है हम उसको बोले वो छोड़ो मेंहदी कितना गहरा रंग लाया है वो बोली जान मेरे आप प्यार ही इतना करते है हमसे तो ये तो रंग लाना ही था....वो बोली अच्छा आप अपना हाथ का भी तो दिखलाइए हम बोले नही शादी के दिन देखना अभी केवल आवाज से काम चला लो वो बोली भक्क ऐसे नही कीजिए ना हम बोले नही अब बस कल ही तो होने का देर है कल देखना और बताओ कौन कौन आया है घर पे तो वो बोली बुआ आई है फूफा है मामा मामी उनका बेटा बेटी सब है और चाची चाचा है सब कोई है और घर में एकदम जगह नहीं है सब उथल पुथल हो रखा है और अभी तक पापा मां किसी को नही बतलाए है कि हमारी लव मैरिज हो रही है काफी असहज महसूस कर रहे है हम की पता नही बाद में जब भी मालूम चलेगा सब क्या सोचेगा.....
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हम बोले ज्यादा सोचो मत बस अब परसो का वेट है उसके बाद दुनिया जाए गांड़ मराने हमे क्या हम दोनो एक दूसरे के हो जायेंगे फिर सब टेंशन खत्म.....वो बोली आप भी ना कितना गन्दा बोलते है पापा मां समझ गए है ना बाकी सब नही ना समझेगा वो लोग तो बात बनाएगा ही तो फिर उसको भी देखना पड़ेगा ना....हम बोले भूल गई क्या जान मेरा उस दिन क्या बोल रही थी की कोई कुछ भी कहे हम और आप एक हो गए बस बात खतम......वो बोली हा जान पर फिर भी अच्छा नही लग रहा....हम बोले जान मेरा सब कोई जब देखेगा ना की शादी के बाद तुम कितनी खुश है तो बस सब को तुम्हारी खुशी से मतलब होगा समझी अब बस ज्यादा मत सोचो ये बताओ अपने जान को शादी के रात क्या तोहफा देगी वो हस के बोली हम पूरे के पूरे आपके है जान अपना दिल मन तन सब तो आपको कब का दे चुके अब मेरे पास आपके प्यार के सिवा कुछ भी नही है और वो हम आपको भी नही देंगे क्युकी वो मेरा है बल्कि शादी के बाद तो आपको डबल ड्यूटी करना पड़ेगा सुबह शाम रात दिन हमको आपका प्यार चाहिए.....
हम बोले लोली कहींकी वो सब ने हम कमी थोड़े करेंगे हा ये और बात है की हम भोपाल में रहेंगे तुम यहां तो थोड़ा दिक्कत होगा....पूजा बोली बै जान उसी दिन ना आपसे बात हुआ था आपके साथ जाएंगे हम देखिए छोड़ के जाने का बात मां पापा के सामने किए ना तो हम बोलेंगे तो कुछ नही रह जायेंगे पर देखिएगा आपसे बात नही करेंगे हम फोन बंद कर के रख देंगे समझ जाइयेगा फिर.....हम बोले अरे मेरी पगली साथ में ले के चलेंगे तुमको वहा क्यू चिढ़ जाती है इस बात पे और मां बोल रही थी की अभी भोपाल ले जाना साथ में....पता है क्यू बोली मां ऐसा...पूजा बोली आप बदमाशी मत कीजिए मां मेरा मन का बात पहले से जान गई इसलिए आपको साथ ले जाने को बोल दी.....हम बोले अरे पगली मां ऐसा इसलिए बोली क्युकी अपने यहां पहला बाल बच्चा मायके में होता है इसलिए प्रेगनेंसी कन्फर्म होते ही आपको मायके भेज दिया जाएगा और उस टाइम आपका क्या मेरा भी नही चलेगा....वो बोली बाप रे उतना दिन आपके बगैर रहना पड़ेगा हम बोले नही जानेमन हम आयेंगे ना मिलने क्यू सोचने लगती है वो बोली फिर भी जान हम बोले फिर वीर कुछ नही ये बहुत दूर की बात है समझी दिल्ली अभी दूर है अभी ये बताओ क्या क्या पहनेगी शादी वाले दिन....वो बोली लहंगा लिए है वो पहनेंगे जयमाला तक फिर उसके बाद मंडप में साड़ी है एक ऑरेंज कलर का हम बोले अच्छा और बाकी कपड़ा वो बोली क्या जान आप भी सब कुछ रहेगा और हा आप ये बताओ कल के दिन पैंटी डालने का परमिशन है या नही हम बोले अरे मेरी जानेमन कल के दिन जो मन वो करना बस बिना किसी रुकावट के मेरी हो जाना पर हा मेकअप को नेचुरल ही रहने देना हल्का मेकअप करना ये नही की पोत लेना हमको तुम जैसी है वैसी ही अच्छी लगती हो वो बोली आप ना देखते रह जायेगा हमको....हम बोले हाय हमसे तो वेट ही नही हो रहा क्या करू मिलने आऊ क्या वो बोली नही जान रस्म है बीच में तोड़ कर नही मिलना अब इतना दिन काटे है एक रात और वैसे आप क्या पहनिएगा हम बोले देखना ना कल....फिर पूजा के हाथ की मेंहदी में अपना नाम ढूंढ के उसको बतलाए तो वो बोली सुगंधा से शर्त लगा था जीता दिए थैंक्यू हम बोले आधा इनाम मेरा वो बोली पागल ले लोजियेगा.....
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फिर शायद उसकी मां आ कर उसको बोली की मोबाइल रख और आराम कर ले कल बहुत काम है इसलिए वो चली गई ये बोल के जल्दी से आइए कल हमको और ले जाइए अपने साथ आई लव यू माय स्वीटहार्ट
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जवाब में हम भी उसको आई लव यू टू मेरा जान उम्माह
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अभी पूजा और मैं एक दूसरे के सामने खड़े थे पूजा के हाथो में आरती की थाली थी और वो मुस्कुराती हुई हमको देखते हुए मेरा आरती उतार रही जबकि हम उसको आशीर्वाद देने के मुद्रा में हाथ उठाए मुस्कुरा रहे थे मेरी इस हरकत से पूजा को हसी आ रही थी....
वही पूजा के पीछे सुगंधा हाथो में फूलो की माला थाली में सजाए खड़ी मुस्कुरा रही थी और उसके साथ और भी लड़किया और लड़के थे जिनको मैं एकदम नही जानता था....मेरे पीछे मेरी दोनो बहने उनमें से एक के पास सुगंधा के जैसा ही माला का थाली था भाभी सब थी......हॉल में काफी लोग थे और सब की निगाहे हम पर ही टिकी थी पापा और मां स्टेज से नीचे खड़े थे साथ ने पूजा के पापा और उसकी मां भी थी फिर आरती के बाद पूजा के हाथ में माला दिया गया और मेरे हाथ में भी माला दिया गया और सब चिल्लाने लगे पहले तुम पहनाना दी पहले आप पहनाना दी साला मेरे तरफ से कोई बोल ही नहीं रहा था तो मेरा भाई और जीजा जी सब बोला यहां पे अगर पिछुआ गया तो जिंदगी भर पीछे पीछे चले पड़ेगा इसलिए पहले तू फटाक से डाल देना चूकना नहीं मौका अभी सब हमको समझा ही रहा था की मौका देख के पहले पूजा ने मेरे गले में माला डाल दी और सब चिल्लाया जोर से और पूजा भी हस दी और ताली बजा के खड़ी हो गई हम पीछे देख के बोले जा सब मिल के हरवा दिए ना....तो पापा बोले कोई बात नही बेटा हम भी हारे थे और हस दिए साथ में मां शर्मा सी गई तो तिवारी आंटी अंकल सब कोई हस दिया....फिर हम मुस्कुराते हुए पूजा के गले में माला डाले और सब कोई जोर से चिल्लाया और हम हाथ आगे बढ़ा के पूजा का हाथ थाम लिए दोनो और मन में तो आया की गले मिल ले पर हम कंट्रोल किए खूबसूरत तो वो इतनी लग रही थी क्या ही बोले शब्द नही है जो उसकी खूबसूरती को बयां कर पाए....
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सुर्ख लाल जोड़े में एकदम परी सी खड़ी थी और तो और जैसा हम बोले थे एकदम लाइट मेकअप था पर क्या लगाई थी उसकी मेकअप आर्टिस्ट चेहरे पे अलग ही ग्लो था और उसपे आंखो में काजल मेरे फेवरेट बालो में पीछे फूलो वाला जुड़ा था गले में हार और लहंगा चोली का फिटिंग एकदम कड़क था पूजा पे बहुत ज्यादा फब रहा था उसके साथ सर पे दुपट्टा का वो घेरा मांगटिका....नाक में छोटा सा नथुनी टाइप का पहनी थी और कान में झुमके कुल मिला कर हर एक पहलू आज उसका चमक रहा था और होता भी क्यू ना आज वो मेरी प्रेमिका से मेरी पत्नी बनने जा रही थी वही हम एक ग्रे कलर के कोट पैंट में थे सादा जीवन उच्च विचार
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सबसे बड़ी बात ये की पूजा आज बहुत खुश थी और वही हाल मेरा भी था हम पूजा का हाथ पकड़े हुए थे तो सब बोला अरे अब छोड़ भी दो तुम्हारी हो चुकी है वो कही नही जायेगी....फोटो वाला भी हमारी कई फोटोज ले चुका था फिर दोनो कोई वही स्टेज पे बैठे अगल बगल और सिलसिला शुरू हुआ लोगो के आने का और गिफ्ट्स देने का और थोड़ी देर में तिवारी जी भी आए उनके साथ आंटी और उनका बेटा भी था उन्होंने एक लिफाफा पकड़ाया जो काफी हल्का सा था और थोड़ा बड़ा भी ये तो तय था की उसके कैश नही है फिर फोटो खिंचाए हम लोग और पूजा और हम दोनो उनसे आशीर्वाद लिए तो तिवारी आंटी बोली बेटा अब हमेशा खुश रहना तुम दोनो साथ में कितने खुश लग रहे हो नजर ना लगे मेरी बच्ची और पूजा के सर पे चूम ली....अभी तिवारी जी और लोग खड़े ही थे तो उन्होंने पापा और मां को बुलाया और बोला अब देर मत कर दे अपने बेटे को उसका शादी का तोहफा फिर पापा और मां ने एक गाड़ी की चाभी मेरे और पूजा के हाथ को आपस में जोड़ कर दी और पापा बोले ये ले हमारी तरफ से हमारी बेटी को किसी किस्म की दिक्कत नही होने देना समझा और तू भी खुश रह जीवन में बहुत आगे बढ़ और अपने बाप का सर ऊंचा कर उन्होंने मुझे हुंडई की आई 20 गिफ्ट की थी हम उनसे गले मिल लिए और तुरंत हम और पूजा दोनो कोई के पैर छू लिए.....और फिर मां भी आशीर्वाद दी ये मंजर देख के उनकी आंखे नम थी हम बोले नही मां रो मत अभी सब कुछ अच्छा है ना फिर उन्होंने भी पूजा और मुझको आशीर्वाद दिया तब हम पापा को बोले ये गाड़ी का तो पापा बीच में बात काटते हुए बोले बेटा तेरा बाप अभी इतना भी कमजोर नही हुआ है की अपने बेटे की एक ख्वाइश को पूरा न कर पाए तेरी मां बताती थी की ये गाड़ी उसको पसंद है पेपर में देखता है तो उसका सब डिटेल में पढ़ता है फिर क्या था ले आए हम और तेरे ये तिवारी अंकल.....
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फिर सब कोई का एक ग्रुप फोटो हुआ इतने में पूजा के पापा और मां ऊपर आए और पूजा के पापा ने एक सोने की चेन मेरे गले में पहनाई और एक अंगूठी मुझे मेरे उंगली में पहनाई....और पूजा की मां ने मेरे हाथ में कुछ कैश दिया और बोली हमेशा ऐसे ही हस्ते मुस्कुराते रहना जीवन में हर खुशी तुम दोनो के कदम चूमे फिर हमदोनो ने पापा और मां के पैर छू कर आशीर्वाद लिया फिर सब कोई का एक साथ फोटो खिंचवाए और उसके बाद धीरे धीरे बाकी लोग आते गए और मिलते गए तकरीबन तीन घंटे बाद हम दोनो स्टेज से उतरे और खाने पीने का प्रोग्राम हुआ और खाने के समय पूजा को हम खिलाए और वो हमको यहां पे भी सब हसी मजाक करते रहे.....पूजा एकदम चुप थी और जब कोई हसने वाली बात होती तो वो हौले से हस्ती हम टोके की क्या हुआ जान खुल के हस ले मेरी रानी अब तो हम आपके हो चुके तो वो धीरे से बोली आप मेरे ही थे जान और हम ऐसे जोर जोर से हसेंगे तो सब बोलेगा लड़की पगली उगली है का हम बोले भक्क पागल हसो खुल के कोई कुछ नही बोलेगा समझी तो वो बोली जीने दीजिए जान इन खूबसूरत पलों को ऐसे ही मुस्कुरा के आपके साथ इस लम्हे को जीने के लिए बहुत लंबा सफर तय किया है और फिर एक मिठाई का टुकड़ा उठा कर मेरे मुंह में दी खिलाने को....वो भूल गई थी की सब के बीच बैठे है हम तो सब फिर ओय होय हुऊउउ कर दिया तो पूजा फिर से शर्मा गई और हम मिठाई मुंह में डालते वक्त उसकी उंगली को धीरे से काट लिए तो वो चिहुंक गई और फिर अपने हाथ से भी उसको पूरा का पूरा मिठाई उसके मुंह में खिला दिया तो मेरे जीजा जी और बाकी लोग बोला देखा अपना दूल्हा राजा पूरा मिठाई खिला दिया पर दुल्हनिया कंजूसी कर दी जा.....तो सब हस दिया पर पूजा तो ठहरी पूजा वो तुरंत बोली ये रसमलाई ज्यादे खाते है गुलाबजामुन मेरा फेवरेट है इसलिए हमको पूरा खिलाए ये
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इस बात पे भी सब लोग द्विअर्थी मतलब निकल के हसा जिससे हम और पूजा दोनो शर्मा गए......हम बोले बस करा अब का एकदम लाल करिए के मानिएगा सब कोई तो फिर सब कोई हस दिया....पूजा फिर से मेरे को एक मिठाई खिला दी दुबारा से उसके उंगली को काट लिए पूजा फिर चिहुंक गई पर इस बार वो बोली आप सब को मानने को कह रहे है और खुद कहा मान रहे है हा.....
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इतने में पीछे से अंजली भाभी बोली अरे बस करो अभी मिठाई के साथ साथ उसकी उंगली भी काटोगे क्या.....हम दोनो उनको देख कर मुस्कुरा दिए वो हम लोगो के पास आई और उनके साथ उनके पतिदेव भी थे जिनको हम दोनो पहली बार देख रहे थे वो लोग भी गिफ्ट दिए जिसको वही साइड में रखे और फिर उनके लिए भी खाना लाया गया और खाने के बाद साथ में एक फोटो हुआ देर से आने के लिए माफी ट्रेन से नही बस से आए थे और पटना का ट्रैफिक तो आज पूरा सड़क पे ही आ गया है इतना जाम था की क्या बताए ऊपर से ये हॉल ढूंढने में भी टाइम लग गया पर कोई नही फाइनली हम लोग पहुंच गए तो पूजा बोली शादी में रुकिएगा भागिएगा नही तो अंजली के हसबैंड बोले जरूर ये भी कोई पूछने की बात है
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फिर खाने के बाद सब कोई जबरदस्ती....."मेरे हाथ में तेरा हाथ हो सारी जन्नते मेरे साथ हो" गाने पे डांस करवा दिया जिसमे लास्ट में हम पूजा को अपने गोद में उठा लिए और पूजा अपने दोनो हाथ मेरे गले में दे दी थी
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....हम दोनो का ये पोज देख के वहा पे सब लोग हूटिंग जैसा किया सबसे ज्यादा सुगंधा चिल्लाई थी क्युकी वो शुरू से हम दोनो के बेबांकपन से वाकिफ थी.....ये डांस लिस्ट में कही नही था सब सुगंधा का किया धरा था.....नाचने के बाद दोनो कोई को अलग अलग कमरे में ले जाया गया तैयार होने के लिए अब शादी का समय था.....हम कोट उतारे कर रखे और थोड़ा रिलेक्स हुए पहले फिर शेरवानी जो लाए थे वो पहने और आ गए मंडप में और पूजा जैसा बोली थी ऑरेंज कलर की साड़ी ब्लाउज में और सिर पे लाल चुनरी का घूंघट किए पायल से छन छन की आवाज करते आ कर बैठी मंडप में
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....उसके बैठते ही उसका घूंघट सुगंधा उठा दी हाय लिपस्टिक को और गाढ़ा कर के आई थी बदमाश घूंघट उठाते ही सुगंधा हमको देख के बोली इधर नही सामने देखो हम बोले भाग मेरा मन जिधर देखे हम.....फिर तिवारी आंटी बोली अरे बेटा बस थोड़ा देर और फिर इसी को देखते रहना बेचारा का नजर ही नहीं हट रहा तो मां पापा पंडित जी के साथ साथ सब लोग हस पड़ा
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और अब लगभग लगभग सब परिवार के ही लोग बचे थे शादी के मंडप के आस पास क्युकी जो लोग शादी में रुके थे वो सोने चले गए थे हॉल में जो कमरा बुक्ड था पर अंजली भाभी वही थी उनके हसबैंड शायद सोने चले गए थे....फिर विधि शुरू हुआ और पंडित जी चालू किए मंत्रोच्चार.....
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कुछ देर बाद पूजा के मां और पापा को कन्यादान के लिए बुलाया गया और फिर पंडित जी के कहे अनुसार उन्होंने पूजा का हाथ मेरे हाथ में दिया और हम दोनो के गठबंधन किया
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उसके बाद दोनो कोई को खड़ा करवाया गया और फिर पूजा मेरे आगे आ गई और तुरंत मेरे हाथ को अपने हाथ में ले ली और हम भी उसका हाथ जोड़ से पकड़ लिए
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पहले तीन फेरो तक पूजा मेरे आगे चली और फिर चौथे फेरे से मैं उसके आगे चला.....
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फेरो के समय पूजा थोड़ा थोड़ा कांप रही थी ये हम साफ साफ महसूस कर पा रहे थे.....पर दुबारा जब हम दोनो एक दूसरे के जगह बदल कर बैठे तो हम उसके पास थोड़ा झुक कर बोले बस अब एक चुटकी सिंदूर फिर पूजा सुमित की अगले सात जन्मों तक....
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पूजा मुस्कुरा दी फिर पंडित जी ने मेरे हाथ में सिंदूर का किया पकड़ाया और बोले भरिए मांग पांच बार फिर हम उठ खड़े हुए जबकि पूजा बैठी रही और हम एक सिक्के के सहारे से सिंदूर उठाए और पूजा की मांग में सिंदूर भर दिए और लगातार पांच बार सिंदूर भरे और उसके मांग वाले भाग में पूरा सिंदूर ही सिंदूर फैल गया था
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इस पूरे समय में पूजा की आंखे बंद थी और उसके आंखो से आसू बह रहे थे.... फिर सिंदूर देने के बाद हम वही बैठे फिर दीदी मेरे को मंगलसूत्र दी और पंडित जी के कहने के बाद हम झुक कर पूजा के गले में वो धागा जो हमारे रिश्ते को अटूट बनाएगा वो तमगा जो सब को ये बताएगा कि ये लड़की जिसका नाम पूजा है अब से मेरी धर्मपत्नी है सुमित की पत्नी उसकी पूजा उसकी जान....मंगलसूत्र उसके गले में पहना दिए और हाथ पीछे ले जा कर बांधे उसको और पूजा को धीरे से बोले जान नाउ यू आर माइन रो मत देखो अब मेरे नाम का ये मंगलसूत्र तुम्हारे पास है तुम्हारे गले में है....अब क्यू रोना तो वो आंख खोल में नम आंखों से हमको देखी तो हम उसको होंठ गोल कर चुम्मी दे दिए
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वो मुस्कुरा के धीरे से बोली आपको पा लिए हम सदा के लिए मेरी मांग में आपके नाम का सिंदूर है और गले में ये आपसे जुड़ी हुई अटूट डोर है अब इसलिए मन भर आया और आसू निकल गए हम बोले जान अब आंसू नही बी हैप्पी......फिर पंडित जी कुछ और विधि करवाए और मां दीदी भाभी सब कोई आई और पूजा के मांग को फिर से सिंदूर लगाया गया उसके बाद थोड़ी बची हुई विधि और मंत्रोच्चार हुआ फिर पंडित जी बोले विवाह संपन्न
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फिर सब कोई ताली बजाया और पापा तिवारी जी के साथ और भी जो मर्द लोग बैठे थे सब एक ही स्वर में चिल्लाया सिया वर रामचंद्र की जय.....
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बधाई हो और मेरे पापा पूजा के पापा से गले मिले वही मेरी मां पूजा की मां से फिर तिवारी जी और तिवारी आंटी भी सब से गले मिले....फिर हम दोनो मंडप से बाहर आए और सब से पैर छू के आशीर्वाद लिया और इन सब में सुबह के 4 बज गए थे......
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आज की सुबह में अजीब सा सुकून था अब लग रहा था की जीवन में सब कुछ है मेरे पास अब कुछ नही चाहिए जिंदगी से बस अब प्यार से आगे का जीवन बिताना था......सब का आशीर्वाद लेने के बाद अब वक्त था बिदाई का सब के साथ पूजा गले मिली और यहां पे मायका छूटने का दर्द पूजा में दिखा....भले यहां तक आने में जो कुछ भी हुआ हो पर घर घर ही होता है....पूजा की मां और सुगंधा भी रो रही थी उससे गले मिल के और पूजा को विदा करते करते उसका बाप रोंदी सूरत बना कर उससे हाथ जोड़ कर माफी मांगा तो पूजा उनका हाथ पकड़ के नीचे कर दी और बोली नही पापा आपकी बेटी ही रहेंगे हम.....आपसे दूर थोड़े जा रहे है फिर पापा उसको गले लगा लिए वही बगल में राहुल था वो भी हमसे गले मिला और बोला नई जिंदगी के लिए मुबारक हो और आगे के लिए विश यू ऑल द बेस्ट जीजा जी
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ये सुन के हम जो फील किए ना वो हम ही जानते है.....हम उसको बोले थैंक्यू साले साहब
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और उसके बाद वो पूजा में पैर छू कर बोला रक्षा बंधन में इंतजार रहेगा दी फिर वो दोनो सर में सर टकरा के प्यार व्यक्त किया....
इन सब में बाद हम पूजा और बाकी लोग बाहर आए जहा मेरी दूसरी रानी फूलो से सजी हुई द्वार पे इंतजार कर रही थी ब्लैक कलर की आई 20....उसको देख के हम पापा को गले लगा लिए बोले थैंक्यू पापा तो तिवारी अंकल मजाक में बोले साले बाप को थैंक्यू बोलता है गधा....
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फिर वहा सब कोई हस दिए भईया को गाड़ी देख के आग ही लग गया होगा क्युकी उसके चेहरे पर जरा भी खुशी नही दिख रही थी खैर अब ये सब मेरे लिए मायने नहीं रखता क्युकी गांड़ मराए दुनिया हम बजाए हरमोनिया...
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पूजा और हम गाड़ी में पीछे बैठे साथ में मां और दीदी बैठी फिर और वहा से हम लोग निकल गए घर के लिए जबकि बाकी सब हमारे साथ साथ हो लिए और पूजा का परिवार हॉल से घर के तरफ रवाना हुआ और अंजली भाभी अपने हसबैंड के साथ स्टेशन निकल ली जाते टाइम उन्होंने गाड़ी में ही हमे कंग्राचुलेट किया और फिर मिलेंगे कह कर निकल ली.......हम लोग गाड़ी से पहले मंदिर पहुंचे जहा मां पूजा और मेरे हाथ से पूजा करवाई और भगवान का आशीर्वाद ले कर हम दोनो घर पहुंचे जहा पूजा का गृह प्रवेश हुआ मां से पकड़े जाने के बाद पूजा आज मेरे घर में आ रही थी गृह प्रवेश के बाद फिर दोनो कोई घर के पूजा रूम में गए वहा भी प्रभु का आशीर्वाद लिया घर में भी सब के साथ हमारी एक फोटो हुई क्युकी जो लोग शादी में समय नहीं थे उनके साथ भी फोटो खींचना जरूरी था नींद तो हम दोनो पे हावी हो रही थी क्युकी अब सुबह के 8 बजने को थे पर साला यहां रस्म और आशीर्वाद लेने का फेरा ही खतम नही हो रहा था....खैर सब को निपटाने के बाद मां और पापा सब रिश्तेदारों के साथ बैठे और तिवारी अंकल और उनकी फैमिली भी घर चली गई थी क्युकी अभी टाइम था आराम करने का इधर हम दोनो ऊपर आए अपने कमरे में साथ में भाभी भी थी.....अंदर पूरा कमरा सजाया हुआ था
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और ये काम शायद कल मेंरे जाने के बाद हुआ होगा क्युकी जब तक हम थे तब तक पूरा घर हिला हुआ था मेहमानो से
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पर अभी तो मेरा कमरा पहचान में नही आ रहा था प्रॉपर सुहाग की सेज सजाई गई थी हम बोले अरे ये कब हुआ तो भाभी बोली सब तुम जान ही जायेगा हुआ ना कभी भी अब जाओ अभी आराम करो और सुनो आराम ही करना ये बात सुन के हम बुरी तरह झेप गए फिर भी जवाब दिए हा भाई अभी तो आराम ही आराम है जिंदगी में अब आप जाइयेगा तब ना आराम करेंगे....भाभी हैरानी से बोली बाप रे केतना बेचैनी है जाओ भागो....और वो पूजा को बोली चुनरी का गठबंधन नहीं खोलना संभाल के रख देना ठीक न और वो नीचे चली गई जबकि हम और पूजा कमरे में आ गए और पूजा अपना चुनरी और मेरा शेरवानी का दुपट्टा को सही से समेट कर रख दी और पूजा का समान पहले से ही ऊपर ला कर रखा हुआ था......
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पूजा और हम दोनो बहुत थके हुए थे पर हमदोनो एक बंधन में बंध गए थे उसकी खुशी ज्यादा हावी थी हम पर....बिस्तर पर बैठने से पहले हमको पूजा अपने बाहों में ली और बोली आई लव यू माय हैंडसम सेक्सी हब्बी
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फाइनली वी मेड ईट सपना सच होने जैसा लग रहा है जान.....
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अब आप को हम अपने प्यार के बंधन में और ज्यादा जकड़ कर बांध लेंगे ताकि आप हमको कही छोड़ कर नही जा पाए और मेरे होंठो को चूम ली.....हम उसके चूतड़ों को साड़ी में ऊपर से दबाते हुए बोले हाय अब ऐसे रिझा कर बोलोगी तब तो हम पक्का तुमको एक सेकेंड के लिए भी नही छोड़ेंगे....वैसे लहंगे में बवाल लग रही थी तुम जानेमन और तुम्हारे ये दोनो रसगुल्ले कुछ ज्यादा ही कसे हुए लग रहे थे मन तो हो रहा था की एक बार दबा ही दु पर खुद को कंट्रोल कर लिए पर अब इनको कौन बचाएगा और ये कहते हुए उसकी दोनो चुचियों को दबाने लगे....वो हंसते हुए अपना मुंह मेरे सीने में घुसा ली और बोली अब तो ये सब पे आपका मालिकाना हक है अब जो जी में आए वो करिए इनके साथ हम कौन होते है रोकने वाले.....हम उसको अपने से और चिपका लिए और बोले फिर मिसेज का मूड अभी सोने का है या कुछ करने का है वो बोली जो मेरे जान बोले....अभी से शाम तक तो कोई नही आ रहा उठाने थोड़ा इसको भी आराम करवा देते है और वो मेरे लंड को दबा दी....हम बोले अच्छा फिर नींद नही पूरा हुआ तो इससे अच्छा है सो ही लेते है वरना फिर शाम में तुम ढिलमिलाते हुए चलेगी और तुम गिरेगी तो सब के सामने तुमको अपने गोद में उठा लेंगे अच्छा लगेगा.....वो बोली नही मेरे जान सब मैनेज हो जायेगा और हम आपके प्यार के लिए तो हर वक्त भूखे ही रहते है.....वैसे कल रात में जब आप उठाए डांस करते करते हाय मेरा तो दिल दुबारा से आप पर फ्लैट हो गया था आप डांस भी कर लेते है जान हम बोले तो और नही तो क्या आई एम मल्टी टैलेंटेड स्वीटहार्ट.....वो बोली हम कितने लकी है की आप मिले हमको....
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फिर हम बोले चलो फिर इनाम दो अपने मल्टी टैलेंटेड सलीम को अनारकली तो जवाब में वो भी बोली जो हुकुम मेरे सरताज....
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और उसको लिए दिए धीरे से बेड पे गिर गए अब हम नीचे और पूजा मेरे ऊपर थी.....बिस्तर पे गिरते ही पूजा मेरे होंठ चूसने लगी और मेरे हाथ उसके चूतड़ों पे जम गए थे.....पूजा का ये चुम्बन आज अलग ही एहसास दे रहा था सब कुछ इतना अच्छा लग रहा था की क्या बताऊं....चुम्बन तोड़ने के बाद पूजा हाफ़ते हुए बोली कैसा लगा हम बोले रोमबानल्ला वो बोली क्या...?? हम बोले रापचिक रे मेरी जानेमन अपनी बीवी का पहला किस था ये....वो बोली कल आप जैसे मेरे तरफ देख रहे थे ना मंडप में हम समझ गए थे आपका ध्यान मेरे लिपस्टिक पे है....और फिर जब सुगंधा आपको टोकी फिर आप क्या झाड़े उसको पगलू कहिंके.....हम बोले हा तो लग ही रही थी इतनी टेंपटिंग क्या करते नजर हटा ही नही कैसे रोके हम खुद को हम ही जानते है.....वैसे हम कैसे लग रहे थे वो बोली आप कितने गंदे है कुछ नही बताए थे हमको वरना मैचिंग मैचिंग लहंगा लेते ना हम बोले अरे यही तो मौका रहता है एक दूसरे के पसंद नापसंद को जानने का पगली वो मेरे होठों पे फिर से चूमी और बोली आप मेरे प्रिंस चार्मिंग जैसे लग रहे थे और फिर जब आप शेरवानी में बैठे थे तो मेरी एक दोस्त थी साथ में बोली यार तेरा वाला तो एकदम फिट है क्या बॉडी है देख तो हम उसको बोले हरामजादी क्यू नजर लगा रही है तो वो फिर आपके बारे में बोली ही नहीं
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....और आपको हम फेरो के वक्त देखे अच्छे से समझे एकदम टाइट माल बन के बैठे थे आप पर आपको देखने के लिए फेरो तक रुकना पड़ा क्युकी आपके तरह हम मुंडी घुमा के तो देख नही सकते थे ऑकवार्ड लगता ना ऊपर से बात बनाने का सब को मौका चाहिए रहता है...हम बोले चलो मतलब ठगाई नही हो दूल्हा सुंदर मिला है तुमको तो वो मेरे गाल खींच के बोली बड़े आए सुंदर आप सुंदर नही है आप माल है माल.....
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फिर उसको अपने ऊपर से उतार कर बगल में लिटाए और फिर उसके साड़ी के पल्लू को हटाने का कोशिश किए तो पता चला की ब्लाउज में पिन लगा कर रखी है पल्लू सेट करने के लिए फिर उस पिन को खोला और फिर पल्लू उसके सीने से हटा दिए....ब्लाउज में कैद वो मेरे रसगुल्ले देख कर रस पीने की और प्रबल इच्छा होने लगी तो पूजा खुद अपने हाथो से ब्लाउज के हुक खोलना चाही तो हम बोले अरे पति बने है आज तो साड़ी उतारने का सुख लेने दो.......वो मुस्कुरा कर बोली अरे मेरे जान जल्दी कीजिए फिर वरना हम आप पे दुबारा से चढ़ जायेंगे....हम एक एक कर के सारे हुक खोले और सामने पूजा ऑरेंज कलर का ही ब्रा पहनी थी हम पहले उसके ऊपर से चुचियों के चूमे और हौले से दबाए फिर पूजा को उठा कर खड़ा कर दिए और पहले उसके बालो को खोल दिए वो सर झटक कर अपने बालो को सुलझाई थोड़ा सा और इधर हम उसके बदन से ब्लाउज अलग कर दिए फिर घुमा कर उसको अपनी गोदी में बिठाए और बालो को कंधे के एक तरफ करते हुए उसके गर्दन पे चूमे और हाथ नीचे ले जा कर ब्रा का हुक खोले पूजा खुद उसको अपने बदन से अलग करते हुए जमीन पे गिरा दि....पूजा अब ऊपर से नंगी थी इससे पहले हम आगे बढ़ते पूजा खुद पलट कर मेरा मुंह अपनी चुचियों के बीच धसा दी और एक मादक सिसकी ली जैसे कह रही हो अब इनको दबाइए जान मसलिए......शादी के समय जो वो तैयार हुई थी नए कपड़े में उसकी भीनी भीनी खुशबू उसके बदन से आ रही थी और हाथो में चूड़ियां खनक खनक कर के एक अलग ही समा बना रही थी.....इधर मेरा लंड महाराज अब फूल तैयार था पर अभी हम पूरे कपड़ो में थे पूजा के एहसास हो चला था की अब ज्यादा देर नहीं है हम दोनो की सुहाग के सेज पे पहले मिलन की......पूजा की चुचियों को तकरीबन पांच छ मिनट चूसने दबाने के बाद हम पूजा को खड़ा किए और साड़ी की गांठ को उसके पेट के पास से आजाद कर दिए....साड़ी अब अस्त व्यस्त हो चली थी......इधर मेरी जान मेरा कुर्ता निकालने में लगी थी और बटन खोलने के बाद हम उसका साड़ी छोड़ कर हाथ ऊपर कर के कुर्ता निकालने में उसका मदद किए....और फिर उसकी साड़ी को वो खुद अपने पैरो को चला कर नीचे जमीन के सुपुर्द कर दी थी अब बारी थी पेटीकोट की हम डोरी खींचे और पेटीकोट जमीन पे.....और मेरी जान आज भी नीचे से नंगी थी अब पूजा पूरी नंगी खड़ी थी मेरे सामने उसके बदन पर गहनों के अलावा कुछ नही था....पूजा का पेटीकोट उतरते ही वो मेरा बनियान भी उतार दी और हम उसको बेड पे लिटा दिए और खुद भी जल्दी से जन्मजात वाले अवस्था में आ गए....मेरी जान ने लग रहा है कल नहाते वक्त शेव किया होगा एकदम लाल हो रखी थी उसकी चूत हम सीधा उसकी चूत पे टूट पड़े और पूजा भी जितना हो सके उतना अपने पैरो को फैला रही थी.....उसके बह रही चाशनी को एकदम चूस चूस के पी रहे थे और पूजा को मेरी ये ताबड़तोड़ चुसाई बर्दाश्त नहीं हुई और मेरे बालो को नोचते हुए वो झड़ गई.....शायद वो कुछ ज्यादा ही गरम हो गई थी.....ऊपर से हम ज्यादा आवाज तो छोड़ो सिसकी भी नही ले सकते थे....फिर भी जो तय था होना वो तो हो कर ही रहेगा ना....हम खड़े हुए और बिस्तर के कोने पे अपने घुटनो के बल खड़े हो गए और लंड सीधा पूजा की चूत के मुहाने पे सेट किया तो पूजा बोली जान ऐसे ही सूखे सूखे रुकिए तो हम कुछ बोले नही बस उसके ऊपर लेट गए और नीचे से अपने शहजादे को उसकी रियासत में घुसा दिए.....पूजा आंखे बंद कर के अपना सर थोड़ा पीछे खींची और फिर अगले ही पल से हमदोनो को प्रेम क्रीड़ा शुरू हो गई पूजा ने अपने पैरो के घेरे में मुझे लॉक कर लिया था और हम अपने सुहागदीन का पूरा आनंद लेने लगे....वो मेरे होंठो को चूस रही थी काट रही थी और सिसकियां भी ले रही थी उम्म्म आह ओह ओओओ इनका कोई उपाय नहीं था आज आनी ही थी ये तो गनीमत थी की मेरा पलंग आवाज नही कर रहा था......मेरे दोनो हाथ बिस्तर पे थे जबकि पूजा के दोनो हाथ मेरी पीठ पे और पैर कमर पे हाथो की चूड़ियां और पैर की पायल बज बज के सब कुछ जगजाहिर करने पे तुली थी
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.....पर अब क्या ही कर सकते थे वैसे भी ऑफिशियली पति पत्नी बने थे इतना तो सेलिब्रेट का छूट मिलना ही चाहिए.....इधर लंड अपनी पूरी शिद्दत से अंदर बाहर हो रहा था नतीजतन कुछ देर बाद पूजा भी अपने चूतड उछालने लगी और चुम्बन तोड़ कर हल्की हल्की सिसकियां लेने लगी आखिर वो भी कब तक खुद को रोकती और हम भी हाफने लगे थे और थोड़ी देर में ही हम पूजा की चूत में ही झड़ गए....
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संगम के बाद दोनो कोई अलग नही हुए बल्कि एक दूसरे पे ही लेटे रहे और मेरा लंड अभी भी उसकी चूत में था.....सुस्ताने के बाद पूजा बोली अब हम दोनो एकदम कंप्लीट है जान बस हमारा एक लल्ला या लल्ली आ जाए हम उसके गालों पे माथे पे चूमते हुए बोले आ जायेगा जान इतना भी जल्दी क्या है अभी तो ये जीवन का नया अध्याय शुरू ही हुआ है.....फिर दोनो कोई शांत होने के बाद पूजा मेरे से अलग होती हुई उठी और कपड़े उठाने लगी हम बोले पहनेगी क्या तो वो बोली हा जान कब कौन आ जायेगा.....हम उसके हाथ से ब्लाउज छीने और वापिस से खुद से चिपका लिए और बोले सुनो अभी ऐसे ही रहो कोई नही आ रहा आएगा भी तो हम लोग सो रहे है समझी....वो मुस्कुरा दी और मेरे सीने पे मुक्का मरते हुए बोली गंदे कहीके कितने तेज है आप हम बोले जी बेगम साहिबा अब आइए और अपने शौहर को प्यार कीजिए.....वो फिर मेरे सीने पे सर रख के लेट गई और अपने बाहों के घेरे मेरे पेट पे बना ली और बोली थोड़ा सो लेते है जान हम बोले हा एक मैच खेल लिए ना अब नींद और अच्छा आएगा.....फिर वो हस दी बोली आप ना एकदम
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फिर दोनो कोई सो गए.....
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शाम को चार सवा चार बजे मेरी नींद खुली सर पूरा भारी लग रहा था बगल में पूजा नंगी ही सो रही थी हम उसको भी उठाए तो वो कुनमुना कर बोली जान अभी सोइए ना कहा कोई आया है बुलाने हम बोले आएगा ही अब कोई ना कोई जान उठ जाओ अब....वो आंख खोली और हमको देखी तो मुस्कुरा के बोली आई लव यू जान और मेरे होठ के कोने के पास चूम ली हम भी उसके चूतड़ों पे हल्के से थप्पड़ मारे बोले आई लव यू टू स्वीटहार्ट.....फिर वो उठी और नीचे पड़े अपने कपड़े उठाई और उसको एक जगह रख कर मेरे पास बैठ गई और बोली चलिए नहा लेते है हम बोले नही तुम नहा लो हम कल नहाएंगे अब सच में मेरा मन नहीं था पर फिर पूजा बोली अच्छा तो आप मेरे साथ इस कमरे में पहली बार नहाने का मौका छोड़ रहे है ठीक है फिर हम चलते है नहाने वो उठी और जाने लगी तो हम भी उठे और उसको अपने गोद में उठा लिए और बोले अकेले कही नही जाना है हम भी चलेंगे समझी फिर दोनो कोई फटाफट साथ में नहाए एंड नहाने का दौरान भी मेरा शहजादा अपनी रियासत में घूम के आया और इस बार भी अपना माल उसके अंदर ही छोड़े.....नहाने के बाद कमरे में आ कर वो मेरा बदन पोंछि और हम उसका फिर हम दुबारा से लेट गए और वो मेरे मुंह के पास बैठ गई और सामने अलमीरा के आइने में अपने बाल सवारने लगी कंघी से....जब तक हम उसके चूतड़ों से खेलते रहे उसके खड़े निप्पल बता रहे थे की पूजा फिर से मूड में है पर अभी कुछ करना सही नही होता इसलिए बाल संवारने के बाद वो कपड़े पहन ली पर इस बार सिर्फ साड़ी ब्लाउज और पेटीकोट ब्रा को मेरे को दे दी और बोली आपका इनाम नाम ढूंढने का हम बोले आएं ये क्या तो वो बोली सुगंधा से शर्त लगा था की नाम ढूंढ लेंगे आप तो वो अपने पैसे से मेरा यानी की आपका पसंद वाला ब्रा खरीदेगी अगर नही तो फिर हम नॉर्मल वाला ब्रा पहनते पर आप तो आप है जीता दिए अपनी जानेमन को फिर वो उठी और मेरे लंड को चूम ली और बोली अब आप भी कपड़ा पहन लीजिए नीचे चलते है....हम बोले अरे क्यू कोई बुलाया क्या....वो बोली भक्क आप भी ना खुद से ना जायेंगे नीचे हम वरना क्या सोचेगा सब की घोड़ा अस्तबल सब बेच बाच के सुत्तल है दोनो कोई हम बोले अच्छा रुको चलते है.....
फिर दोनो कोई नीचे पहुंचे एंड यस पूजा वाज राइट हमे खुद नीचे आना चाहिए था क्युकी नीचे सब कोई आराम फरमाने के बाद जागा हुआ था और चाय बनाने के लिए बात हो रही थी पर ये काम पूजा को नही मिला जो हलवाई आया था वो ही चाय बनाया और फिर उस शाम को पूजा की पहली रसोई थी....पूजा के नीचे आने के बाद मां सब लोग से अच्छे से मिलवाई पूजा को और अब उसको बेटा ही कह कर बुला रही थी मां और पापा दोनो बाकी मेरी दीदी लोग उसको जी जी कर के.....सब पूजा के व्यवहार से खुश दिख रहे थे क्युकी पूजा शिष्टाचार में अव्वल थी और बड़े बुजुर्गो को क्या चाहिए सम्मान करने वाले लोग और पूजा के लिए सब के मुंह से जो शब्द फूट रहे थे वो मेरे कानो को बड़ा सुकून दे रहे थे....
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फिर देर शाम पूजा ने अपनी पहली रसोई बनाई पराठे खीर और पनीर की सब्जी बेचारी इतने लोगो का खाना अकेले बनाई और तो और हम किचन में भी नही जा सकते थे सब कोई था वहा पे फिर मां देखी हम कुलबुला रहे है तो मां हमको बोली बेटा एक ग्लास पानी दे ना ला कर हम फटाक से उठे और किचन में गए तो देखे की पूजा पसीने से तरबतर है और खाना बना रही है....हम बोले हाय मेरी रानी को क्या बना दिया सब वो बोली कुछ नही जान ये तो आज है ना अभी इतने लोग है इसलिए बाद में हम चार हो होंगे आप टेंशन मत लो हम ठीक है फिर हम अपने जेब से रुमाल निकाले और उसके माथे का पसीना चेहरे पे और गर्दन के पास का पसीना पोंछ दिए तो वो बोली थैंक्यू स्वीटहार्ट हम फिर उसके मुंह वो फूक मार दिए वो बोली आ हा हा हा वो बोली बस आधे घंटे और फिर तुरंत वहा से खिसक लिए मां को पानी का ग्लास पकड़ाये तो बोली देख अयीले अपन पूजा के....और वो हस दी जबकि हम बोले क्या मां....फिर सब कोई खाना खाया और पूजा इस टेस्ट में भी पास हुई.....
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खाना खिलाने के बाद पूजा अभी मां और बाकी लेडीज के साथ बैठी थी तभी सुगंधा फोन की और उसका हाल चाल ली सब कोई बात किया उससे इधर हम अपना सब जरूरी सामान समेट कर एक जगह रख रहे थे क्युकी भोपाल का मूहर्त भी नजदीक ही था......रात में हम और पूजा डार्लिंग सिर्फ सोए क्युकी शरीर को आराम भी जरूरी था पर सोए तो दोनो नंगे ही क्युकी उस चीज की मनाही नहीं थी
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....अगली सुबह पूजा हमको एक मस्त चुम्मा दे के उठाई और फिर दोनो कोई अच्छे बेटे बहू के तरह तैयार हो के नीचे उतरे और आज ज्यादा तर लोग जाने वाले थे.....पूरा दिन इसी उथल पुथल में बीत गया और अब घर खाली हो चुका था दीदी भी अपने घर जा चुकी थी और भाभी जो पास में थी वो भी जबकि एक भाई का कल फ्लाइट था.....अब आज रात में बारी थी गिफ्ट्स खोल खोल के देखने की.....सब मेहमानो द्वारा दिए गए गिफ्ट्स खोले ज्यादा तर में घर सजाने वाले समान थे और कुछ में कैश गिफ्ट भी दिया था पूजा की मां हमको 11001 रुपया दी थी हाथ में और पापा ने सोने की अंगूठी चैन जो दी थी वो भी अच्छे खासे अमाउंट की होगी.....वही तिवारी जी का गिफ्ट खोला तो उसमें मुंबई की फ्लाइट टिकट थी आने और जाने दोनो का और वो भी अभी से ढाई महीने बाद की वहा पे रहने खाने का मुंबई घूमने का सब होटल बुक किया हुआ था फिर वहा से एक हिल स्टेशन माथेरान हिल स्टेशन का आने जाने का गाड़ी और वहा ठहरने का कॉटेज बुक किया हुआ था ये भी काफी भारी भरकम गिफ्ट था.....पापा मां कार दिए ही थे और बड़े भाई के तरफ से भी हम दोनो को कपड़े और कैश थे साथ में पूजा को एक पायल भी दी थी....वही बैंक वाला भाई हमको एक फ्लैट का चाभी दिया और बोला भोपाल में बुक कर दिया है तेरे दोनो के नाम पे अगले महीने तक पेपर आ जायेगा समझा शिफ्ट कर सकता है आराम से बिना किसी रुकावट के और तेरे ऑफिस से ज्यादा दूर भी नही है फूल फर्निश्ड फ्लैट है बस पार्किंग का जगह नहीं अवेलेबल हुआ है पर डीलर बोला है करवा देगा सो उसका टेंशन नहीं लेना वो भी हो जायेगा और अब जिंदगी में खूब तरक्की कर और अपने परिवार को हमेशा बांध कर रखना एक मुट्ठी की तरह.....सब का इतना प्यार देख के पूजा और मैं एकदम इमोशनल हो गए थे देर से ही सही सब कुछ अच्छा हो गया था हमारे लिए
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बैंक वाला भाई जो फ्लैट दिया था वो रेंट पे था और भईया ने उसका किराया दस महीने का पे कर दिया था और फूल फर्निश्ट फ्लैट था तो कोई दिक्कत नहीं थी अब बस जा कर काम शुरू करना था....अब बात थी मेरे और पूजा के साथ जाने की इसको ले कर हम दोनों ने पहले ही फैसला कर रखा था की हमे साथ मे जाना है पर इसके लिए अब मा पापा क्या कहते है ये तो उनसे बात करने के बाद ही पता पड़ता इसलिए जब बैंक वाला भईया सपरिवार शाम को चला गया तो उसी रात हम पूजा को बोले आता हु मा पापा से बात कर के जाने को ले कर क्या कहते है तो पूजा बोली सुनिए ऐसे तो हम नहीं चाहते की आप हमको छोड़ कर जाए पर अगर पापा मा हमको रोकना चाहेंगे तो आप जबरदस्ती मत करिएगा मेरे जाने को ले कर तो हम पूजा को बोले अरे अभी परसों ही धमकी दी थी तुम हमको की नहीं ले गए ना तो देखिएगा और अभी ये तो पूजा बोली जान मेरे आप समझते है की हम बुद्धू है तो ऐसा नहीं है अब हम दोनों दो जिस्म एक जान है समझे ना शादी नई नई हुई है और अगर बिना उनकी मर्जी के चले जाएंगे ना तो बड़े भईया भाभी को मौका मिल जाएगा बात बनाने का जो हम नहीं चाहते पर फिर भी भगवान है ना सब समझते है मेरी मन की दशा को देखिए बात कर के और डायरेक्टली मेरा ही बात मत करने लगिएगा समझे.........हम उसके माथे पे चूमे और बोले जाएगी तो तुम मेरे साथ ही देख लेना चलो आते है वैसे अगर मा पापा रोक लिए तब क्या करेगी तो वो बोली तो क्या करेंगे फिर से दोनों शादी से पहले वाला जीवन बिताएंगे फोन पे.....हम साड़ी के उपर से उसकी चुत दबाते हुए बोले हाए रे मेरी अनारकली फिर से उसकी रियासत सुनी हो जाएगी वो मेरे सीने मे मुक्का मारती हुई बोली जी नहीं मेरा जब मन होगा ट्रेन पकड़ के आपके पास या जाएंगे चलिए अब जल्दी से नीचे जाइए और रिजल्ट ले के आइए......हम नीचे गए और पापा मा के कमरे मे गए और मा से बोले की मा इस संडे को निकल रहा हु सारा समान हम अपना पैक कर लिए है कुछ और हो तो देख कर बतलाइएगा उसे भी रख लूँगा और पापा आपको अब से ज्यादा टेंशन नहीं लेना है हम कमाने लगेंगे तो सब ठीक हो जाएगा समझे ना तो पापा बोले हा मेरा बेटा वो सब तो ठीक है पर पूजा उसका क्या वो क्या करेगी नई नई शादी है तेरे लिए जॉब छोड़ी उसको साथ नहीं ले जाएगा है तो उसको साथ मे ले जा ना..हम बोले नहीं मा आप लोग यहा अकेले रहिएगा ऐसे कैसे उसको भी ले कर चले जाए.....तो मां बोली पगला हो गया का तू इतना कुछ किया उसी से शादी करने के लिए और आज कह रहा की उसी को नहीं ले जायेंगे साथ में बौरा गेले का इतने में पापा बोले सुनो ना तुम जाओ पूजा बेटा को बोलो साथे जाने का तैयारी कर ले....मां हमको घूरते हुए चली गई वहा से और पापा हमको बोले साला तुम नया नया शादी किया है.....अभी नोकरी है छोकरी है अब थोड़ा गृहस्थ जीवन में भी प्रवेश कर....हम बोले पापा अभी आप लोग को छोड़ कर यहां से चले जायेंगे तो बाकी सब तो यही कहेगा कि सब बेटा जोरू के पीछे पागल है बाप माय को छोड़ के चला गया ऐसा ही है तो फिर आप दोनो चलिए यहां से हमारे साथ......पापा उठे और मेरे सर पे एक तपली मारे और बोले अभी जा तू उसके साथ घूम फिर के जब आ जायेगा ना मुंबई से नौकरी में सब कुछ स्टार्ट कर के घर बार सब सेट कर ले फिर हम दोनो भी वही आ जायेंगे....हम पापा का मुंह ताकते रह गए....हमको ऐसे देखते देख वो बोले समझा की अब मार खइबे जो भाग एज्जा से.....हम बोले ठीक है ले जायेंगे साथ में पर भोपाल गाड़ी से जायेंगे तो पापा बोले उतना दूर कैसे जायेगा ट्रेन से जा हम बोले नही पापा हमको आता है फिर पापा बोले नही अभी नया गाड़ी है कहा तू उतना दूर खिंचेगा.....फिर कुछ सोच कर वो बोले चल ठीक है ले जा वैसे भी यहां उसको कौन यूज करेगा....फिर हम वहा से ऊपर जाने के लिए निकले और ऊपर कमरे में पहुंचे तो मां पूजा को समझा रही थी और पूजा मां को मां हमको देख के बोली क्या बोले पापा साथ में जाने ना हम बोले हा फिर मां बोली चलो फिर अभी सो जाओ सबेरे सब जो भी पैक करना होगा कर लेना तो पूजा मां से बोली मां वहा सलवार सूट पहन सकते है क्या तो मां बोली बेटा ऐसे तो नही एलाऊ है शादी के बाद पर तू वहा पहन लेना लेकिन यहां नही ठीक ना तो पूजा ठीक मां कह के रह गई.....और मां नीचे चली गई और उनके जानें के बाद पूजा दरवाजा बंद की और सीधा मेरे गोद में चढ़ गई और मेरे होंठ चूसने लगी....कुछ देर चूसने के बाद बोली बाप रे कितना बड़ा बोझ उतरा मेरे दिल से हम तो सोच सोच के मरे ही जा रहे थे हम तुरंत उसको रोकते हुए बोले ये का बोली अभी.....मरे जा रहे मारेंगे ना फालतू बात की तो....पूजा मेरे गोद में चढ़े ही मेरे को फिर से चूम ली और बोली अरे मेरे जानू को गुच्छा आ गया
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हम उसको देखते देखते हस दिए और उसको अपने गोद में लिए ही बेड के कोने पे बैठते हुए बोले मत बोला करो ना जानेमन ऐसे अच्छा चलो अभी भोपाल चलेगी साथ में अब तो फुल डे फूल नाइट हनीमून ही मनाएंगे है ना.....पूजा बोली हम तो आपको कही जाने ही नही देंगे....हम बोले पगली ऑफिस तो जायेंगे ना उस बीच तुम घर में रहना और उसको अपने मुताबिक सजना जैसे अपना किराया वाला रूम सजाई थी.....पूजा बोली नही हम तो बाजार में घूमेंगे नया नया जगह देखेंगे पटना से रांची गए थे फिर कोडरमा घूमे दिल्ली भी गए तो कहा अच्छे से घूम पाए पर भोपाल तो घूमेंगे ही....हम बोले नही मेरा जान अकेले तुम माल बन के घूमेगी तो हम ऑफिस में काम नही कर पाएंगे मेरा सारा ध्यान तुम पर ही रहेगा की कही कोई हमसे भी ज्यादा हैंडसम मिल मिला गया तो तुमको फसा लेगा.....पूजा मेरे कान में दात काट ली और बोली ऐसा कभी नहीं हो सकता जान मेरे दिल दिमाग में सिर्फ आप है और अब तो आपसे सात जन्मों का बंधन बंध गया है अब कोई नही आयेगा हमारे बीच में....
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हम पूजा को अपने गोद से उतारे और बोले एह भागो ना का तो कोई नही आयेगा हुह वो आयेगी जल्दी ही हमारे बीच में बस समय का वेट करो.....पूजा सवालिया नजरो से मेरी तरफ देखे जा रही थी....हम बोले आयेगी जल्दी ही आयेगी अब तुम पुरानी हो गई नई वाली जल्दी ही आयेगी और बिस्त पे लेट गए....पूजा तुरंत बिस्तर पे चढ़ कर मेरे सीने पे बैठ गई और गुस्से में बोली ये मजाक हमको पसंद नही ये सब क्या बोल रहे है आप....हम बोले सच ही तो बोल रहे कोई है जो मेरे और तुम्हारे बीच आयेगी जल्दी ही बस थोड़ा इंतजार और अब पूजा से रहा नही गया और उसका गुस्सा आंसू बन के फूट पड़ा....हम उसको तुरंत अपने सीने से नीचे उतारे और हंसते हुए उसके आंख को पोंछते हुए बोले अरे अरे मेरी पगली हमारी बेटी आयेगी अपने बीच फिर हम उसको ज्यादा प्यार करेंगे ना की तुमको समझी....पूजा जोर का एक जोरदार मुक्का मारी मेरे पीठ में और रोनी आवाज में बोली बहुत गंदे है आप ये देखिए तो और मेरा हाथ पकड़ के अपने सीने पे रख दी.....
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बाप रे बाप उसकी धड़कन कितनी तेज हो रखी थी हम बोले अरे मेरा जान क्यू तुम भी इधर आओ वो हाथ छुड़ा के बोली नही आप इतना डरा दिए हमको.......हम फिर बोले अरे तो मेरी बेटी आयेगी तो उसको प्यार नही करेंगे हम....पूजा अपना आंख मलते हुए बोली बेटा आ गया तो....तो उस साले को तुम ही प्यार करना हम तो मारेंगे चोट्टा को मेरी बेटी आयेगी तो राजकुमारी बना कर रखेंगे उसको
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पूजा सिसकने लगी थी हम बोले अरे बस करो अच्छा तुम्हारे प्यार में कोई कमी नहीं करेंगे अब मुस्कुरा दो जानेमन मेरी....पूजा मेरे सीने से लगती हुई बोली हम आपको कभी दूसरे के साथ बांटने का खयाल भी अपने मन में नहीं आने दे सकते आप सिर्फ मेरे है सिर्फ मेरे....हम पूजा को अपने बाहों के घेरे में ले लिए......पूजा बहुत ज्यादा घबरा गई थी पूरा अपने आप को मेरे बाहों में सिमटा ली और हम उसको शांत करने लगे बोले आई एम सॉरी जान दुबारा ये सब नही बोलेंगे वो फिर वही बात दोहराई आप सिर्फ मेरे है हम उसको खुद से और चिपका लिए वो इतना ज्यादा घबरा गई थी की कुछ देर तक कुछ बोली ही नहीं बस मेरे सीने से सिमटी हुई रही फिर थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद हम बोले सो गई क्या जान.....वो बोली नही सोई नही हू पर अभी आपके पास ऐसे ही रहने दीजिए हमको मेरा पचास ग्राम खून सुखा दिए थे आप अभी सब रिकवर हो रहा है
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हम हस दिए बोले पगली आई लव यू....वो मेरे सीने पे चूमी और बोली आई लव यू टू और फिर कमरे में लाइट जले ही हम दोनो कब सो गए पता ही नही चला......रात के दो बजे के आस पास पूजा जागी और मेरे से अलग हुई और हमको भी उठाई और बोली जान आराम से सो जाइए हम भी न आपके सीने से लगे ही सो गए....हम बोले तुम इतने गहरे नींद में थी की जगाना ठीक नही समझे और हम भी ऐसे ही सो गए....फिर वो उठी और बोली बाथरूम से आती हु आप आराम से लेटिए वो बाथरूम से वापस आई फिर हम गए और आ कर कमरे की बत्ती बुझाए और पूजा को वापिस से अपने आलिंगन में ले कर लेट गए......पूजा हस कर बोली नींद आ गया था हमको क्या करे पता ही नही चला....हम बोले अब सो जाओ छोड़ो वो सब सुबह सब तैयारी करना है और कार से ही चलेंगे तो पूजा बोली नही ट्रेन से जाएंगे दूर है बहुत टिकट कल करवा लीजिए कैसे भी मारेंगे अगर जिद किए तो सेफ नहीं है उतना दूर स्वीटहार्ट हम बोले अरे तुम चलेगी ना साथ में फिर टेंशन क्यों लेती है.....वो बोली ट्रेन में क्या दिक्कत है नही कार से नही हम ट्रेन से जाएंगे हम बोले अच्छा जाने का जाने टाइम देखेंगे अभी सो जाओ फिर वो मेरा मुंह कुछ देर देखी जैसे मना कर रही हो हम उसके चूतड़ों पे थप्पड़ लगाते हुए बोले....अरे बोले ना फिर तो वो मुस्कुरा के मेरे से और चिपक गई और दोनो दुबारा नींद की आगोश में चले गए...
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सुबह जब उठा तो देखा पूजा ड्रेसिंग टेबल के पास नंगी खड़ी है और तैयार हो रही है....हम उसको बोले आय हाय ऐसे करेगी जान अब हमको छोड़ कर खुद अकेले नहा ली....पूजा हस कर बोली अरे नही मेरे जान मां आई थी पागल बोली तैयार हो के नीचे आवा जल्दी से कही जाना है मंदिर जाएंगी शायद....हम बोले फिर भी उठा देती ना तो वो बोली हा फिर आप हमको लेट करवा देते....वैसे अभी भी ज्यादा लेट नही हुआ है और ये बोल के वो मेरे को आंख मार दी....हम बोले अच्छा ये बात है फिर तो इधर आओ मेरे पास तो वो बोली नहीं हम जा रहे है नीचे और अपना ब्रा उठा कर पहनने का कोशिश करने लगी तो हम उठ कर उसको पकड़ लिए और बोले भाग के किधर जाएगी..वो बोली जान ऐसे मत कीजीए अभी टाइम नहीं है समझे फिर मा आ जाएगी तो आप समझना अरे आप नींद मे थे इसलिए नहीं उठाए पर आप खुद भी तो उठ सकते थे ना आप नहीं उठे इसमे मेरा क्या गलती...अभी मेरे हाथ उसकी चूचियों पे थे और पीछे से उसके कंधे पे मुह रखते हुए बोले छोड़ी भी तो तुम ही ना थी क्यू नहीं उठाई हमको....तो वो बोली आप गहरी नींद मे थे जान इसलिए पर अभी नहीं अच्छा सुनिए मंदिर से आ जाने दीजिए वरना अभी बहुत गड़बड़ हो जाएगा हम बोले जुर्माना भरना पड़ेगा तो वो बोली हा जान आपका लगाया हुआ हर जुर्माना मंजूर है हमको और हसने लगी हम उसको छोड़ दिए पर जब तक वो तैयार नहीं हुई हम उसको देखते रहे बीच बीच मे वो बोली भी आप ऐसे देखते रहिएगा ना तो हम कुछ नहीं कर पाएंगे समझे जान हम बोले तो मत करो न देखो इसको और अपना लंड पैंट से बाहर निकाल लिए जिसको देख के पूजा मुसकुराते हुए एक लंबी सांस छोड़ी और बोली जान आइ एम सॉरी ना हम बोले अरे मेरी पगली हो आओ मंदिर से ये वेट कर लेगा तुम्हारी मुनिया का और झुक कर उसकी चुत को दबा दिए तो वो कसमसा कर बोली उफ्फ़ हमको नहीं लग रहा की आप जाने दीजिएगा ऐसे ऐसे कीजिएगा तो हम तो जाने से रहे हम बोले अच्छा अभी केवल मा एक बार आवाज दे दे ना फिर तुरंत भागती हुई नीचे जाएगी.......वो बोली अच्छा ये सब छोड़िए अभी क्या पहनु ये बताइए फिर हम उठे और अलमीरा से उसको एक साड़ी निकाल के दिए और उसके बाद बाकी कपड़ा पूजा खुद से निकाल ली पहनी और भागी नीचे और हम फ्रेश होने गए.....
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हम नहा कर कपड़ा पहन कर नीचे आए तो देखे की अभी पूजा और मां दोनो वही है हम बोले अरे गए नही क्या तो मां बोली हो आए हम लोग हम बोले अरे इतना जल्दी अभी तो पूजा गई थी आपके पास और हम नहाने गए थे....पूजा बोली आपको नहा कर आने में पौना घंटा लग गया जा....जी
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पूजा जान बोलने वाली थी पर उसको जी में बदल दी
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फिर मां बोली अपने घर के पास में जो मंदिर है वही गए थे बेटा पूजा के हाथ से चढ़ावा देना था दे आए बस अब ये तेरे साथ चली जायेगी ना तो फिर ज्यादा दिन तक चढ़ावा बाकी नही रखते....फिर पूजा वही से किचन में चली गई जबकि मां और हम पापा के पास वहा गए तो पापा बोले वहा जाने के बाद काम मन लगा कर करना अच्छे से ध्यान से क्युकी बेटा सरकारी नौकरी है अच्छा छवि शुरू से बनाएगा तो आगे जब ग्रेजुएशन पूरा करेगा तो उसी महकमे में ऊंची पोस्ट के लिए जब अप्लाई करोगे तो फायदा मिलेगा समझा....हम बोले जी पापा जैसे यहां तक आए है आगे भी जाएंगे और आप दोनो का आशीर्वाद है ना मेरे पास....पापा मेरे सर पे हाथ फेरे और बोले खुश रह हमेशा और जल्दी से हमे दादा दादी बना दे....हम बोले क्या पापा आप भी वैसे पूजा कह रही थी कार से नही जाने को लंबा दूरी है ये वो तो मां बोली ठीक तो कह रही है बेटा कार से मत जा मेरा पूरा ध्यान लटका रहेगा तुम दोनो पे.....पापा बोले अरे नही यहां खड़ी कर के रखने को थोड़े ली है चला जायेगा और तू सुन आराम आराम से जाना ज्यादा जल्दी नही करना है समझा हम बोले हा पापा हम जानते है....चलिए अब कल तो चले जायेंगे आज हो सके तो घर जायेगी ये अपने मां बोली देख वहा जाना तो ज्यादा देर नहीं करना मेरा जी बहुत घबराता है तू समझ रहा है ना....पापा बोले हा बेटा जाओगे ठीक है पर चौकन्ना रहने में ही भलाई है ठीक ना...हम उनकी बातो को भली भांति समझ रहे थे इसलिए बोले ठीक है आप टेंशन मत लिजिए इतना और चले जायेंगे तो खाना पीना सब टाइम से और हम वहा सब कुछ सेट करते ही आप दोनो को लेने आ जायेंगे यहां ताला बंद और वहा रहेंगे आपके साथ ही हम दोनो ठीक ना तो पापा बोले हा ठीक है और वो उठे और मां से कुछ बोले लाओ किधर रखी है फिर मां बोली दराज में है.....पापा दराज में से एक बंडल निकले जो पेपर में लपेटा हुआ था वो मेरे हाथ में देते हुए बोले ये ले 2 लाख है संभाल के रख ले गाड़ी की आगे की किस्त जो जमा करनी है इसी से कटवा देना और फिर मां ने तकरीबन पच्चीस हजार रुपए मेरे को दिए और बोली इसको अपना वहा का खर्च के लिए रख फिर जब तनख्वाह मिलने लगेगी फिर तो कोई दिक्कत नही हम बोले मां मेरे पास है अभी कुछ पैसे मेरे सेविंग अकाउंट में उनसे काम चल जाएगा अभी आप लोग ये रखिए फिर पापा बोले देबू दू थोपी ना तो मियाज ठंडा हो जायेगा अभी रख फिर आगे तू ही तो है और कोई नही है बेटा....हम पापा को बोले अच्छा ठीक है पर जब हम आयेंगे तो फिर कोई बहाना नही की ये है अभी नही जायेंगे या वो सब नही करिएगा ठीक और पीछे में अपना ध्यान रखियेगा अच्छे से बे फालतू का शराब नही पीने लगिएगा पापा बोले हा मेरे बाप चल अभी जा ये सब संभाल के रख.....
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फिर हम पैसा ले के ऊपर गए और सोचा की इतना कैश ले कर जाना सही नही सो बैंक में डाल देता हु और बाकी जो पैसे मां ने दिए है वो साथ में रखेंगे तो वापिस नीचे आया और पूजा को बोला तुम नाश्ता करवा देना मां पापा को खुद भी कर लेना हम तुरंत बैंक से आते है और बैंक निकल गया वहा जा कर पैसा जमा किया कुछ मेरे अकाउंट में कुछ पूजा के अकाउंट में और वापसी में गाड़ी तेल भरवा लिया हवा वगैरह चेक करवा लिया बस अब रानी तैयार थी उड़ान भरने को अब कल सुबह का वेट था....
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घर पहुंचा तो देखा की मां कमरे में सो रही है पापा दुकान जा चुके थे हम पूजा के पास गए और पूछे की नाश्ता की तो वो बोली अभी शादी के बाद कब आपके बगैर हम खाए है अभी साथ में खायेंगे ना हम बोले एकदम जिद्दी हो तुम भी वो बोली जी कुछ कर लीजिएगा क्या....हम उसको अपने आलिंगन में लेते हुए बोले बताऊं की क्या कर लेंगे वो बोली हा जो करना है कर लीजिएगा पर पहले नाश्ता करते है....फिर दोनो कोई साथ में नाश्ता किए और उसके बाद पूजा सब अपना जरूरी सामान सब पैक की फिर बोली घर चलते है ना सब से मिल आते है हम बोले चलेंगे पहले इसको सुबह वाला जुर्माना तो भर दो और अपने लंड को बाहर निकाल कर पूजा के हाथ में थमा दिए....वो बोली हर वक्त ये तैयार ही रहता है हम बोले जब सामने ऐसी खूबसूरत अप्सरा खड़ी
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हो तो ये तो तैयार ही रहेगा ना फिर धीरे धीरे एक एक कर के पूजा और मेरे कपड़े जमींदोज होते गए और हम दोनो अपने प्यार के सागर में डूबते गए.....कुछ पल पलंग पे धमाचौकड़ी मचाने के बाद पूजा मेरे सीने पे सर रखे लेटे हुए बोली आप ना दिन पर दिन अपना कोटा कम करते जा रहे है हम बोले अरे कब कम किए बल्कि और ज्यादा बढ़ा दिए है वो हसते हुए मेरे सीने पे और ऊपर बढ़ गई और मेरे कान को अपने मुंह में ले कर काट ली फिर बोली इतना से नही चलेगा ये दिल मांगे मोर हम उसके चूतड़ों पे थप्पड़ लगाते हुए बोले हब्शी हो गई है तुम मारेंगे ना वो बोली तो मारिये ना कौन रोका है हम ये सुन के उसके चूतड़ों पे थप्पड़ पे थप्पड़ लगाते गए वो कसमसाती हुई मुझमें सिमटती गई फिर वो मेरा हाथ रोकते हुए बोली अच्छा अच्छा ठीक है हम समझ गए आप कम नहीं किए है
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अब आप रुक जाइए वरना मां बोलेंगी नई नवेली बहु को मार रहा है
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हम फिर उसके चूतड़ों पे एक लगाए और बोले मां कुछ नही बोलेंगी समझी क्युकी वो सो रही है
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फिर वो बोली उहुहुहु जान अब लाल हो गया होगा हम उठे और उसको पलट कर देखे तो सच में इसके चूतड़ लाल हो गए थे हम उनपे झुक कर चूम लिए और फिर ऐसा हुआ की कुछ देर तक चूमते ही रहे....तो पूजा बोली आह जानेमन ये आप रोज किया कीजिए मेरे साथ हाय आपके प्यार का ये रूप हमको बहुत ज्यादा पसंद है....हम ये सुनते ही उसके चूतड़ों के दरार के पास दात से काट लिए तो वो फिर कसमसा कर बोली अरे बाप रे आप ना एकदम उफ्फ....हम वापिस से ऊपर आए और पूछे एकदम क्या है हा तो मेरे तरफ हो कर बोली एकदम पक्के वाले बदमाश पति है जो अपनी पत्नी को दो तरफा वाला प्यार करते है जिससे हम आपके और ज्यादा दीवाने हो जाते है
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हम बोले अच्छा फिर ठीक है हमको लगा बोलेगी की एकदम खडूस पति है वो बोली अरे मेरे जान हम कभी भी ऐसा नही बोल सकते है....क्या आप भी अच्छा चलिए अब घर से हो आते है दोपहर हो चुका है शाम तक वापिस आ जायेंगे तब फिर खाना वाना भी बनाना होगा....हम बोले मेरा एकदम मन नही है वहा तुमको ले कर जाने का खास कर अभी....पूछो क्यू...वो बोली हम जानते है क्यू आपको अभी और कुछ चाहिए जहा आप अपना हाथ चला रहे है....उसका इशारा था की हम उसकी गांड़ के छेद को चुभला रहे है मतलब गांड़ मारेंगे पर वो आगे बोली वो आप अभी रुक जाइए घर हो आते है दोनो कोई वरना फिर अभी तुरंत तो आने से रहे हम लोग भोपाल से....और रही बात इसकी तो सब आपका ही है पर जानेमन और भी गम है जमाने में इसके सिवा
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हम फिर उसके चूतड़ों पे थप्पड़ मारे और बोले अच्छा तो ये कर के हम तुमको गम देते है वो बोली अरे शायरी है आप मतलब मत निकालिए भावनाओ को समझिए स्वीटहार्ट गंदे कहिंके
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फिर दोनो कोई उठे और पूजा बोली नहा लू क्या जान हम बोले नही तबियत खराब हो जायेगा गरमा कर फिर ठंडा होने जायेगी तो
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चलो ऐसे ही रेडी हो जाओ फिर दोनो कोई बाथरूम गए मुह हाथ धो कर बाहर आई फिर पूजा जल्दी जल्दी रेडी हुई और हम भी आखिर शादी के बाद पहली बार ससुराल जा रहे थे अपने और वहा क्या रवैया रहता है ये तो जाने के बाद ही पता पड़ेगा.....
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पूजा मेरा मुंह देख के समझ गई की हम कुछ दुविधा में है पर पूजा तो पूजा है वो मेरा मुंह अपने तरफ घुमाई और बोली देखिए हम दोनो एक साथ है ना बस बाद बाकी अब कोई कुछ नही कर सकता समझे और अगर वहा जाने के बाद ऐसा वैसा कोई कुछ बोल भी दिया ना तो आपको मेरा कसम है तुरंत हम दोनो वापिस आ जायेंगे वहा से समझे आपसे बढ़ कर अब कोई नही इस दुनिया में मेरे लिए.....हम बोले हा हम जानते है जान मेरी तो दुनिया ही तुमसे है.....सो ये सब छोड़ो अगर सब ठीक रहा तो सुगंधा के साथ मार्केट चला जायेगा क्या बोलती हो वो मेरे होंठो पे चूम ली और बोली वो सब वहा जाने के बाद चलिए माय डैशिंग सेक्सी हब्बी
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हम बोले चलो मेरी जानेमन और उसके गाल पे चूम लिए तो वो बोली भक्क मेरा मेकअप खराब हो जायेगा हम फिर दुबारा उसके उसी गाल पे चूम लिए तो वो तुरंत दूसरा गाल आगे की और बोली यहां भी प्लीज हम उसके गाल पे चूमते हुए बोले अब नहीं खराब हो रहा तुम्हारा मेकअप वो बोली नही अब तो और निखर के आएगा और एक चुम्मा यहां पे प्लीज वो अपने होंठ आगे करते हुए बोली फिर उनपे भी चूम लिए हम
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फिर दोनो कोई नीचे उतरे और मां को जगा कर बोले मां आते है थोड़ी देर में तो पूजा मां से बोली आप कुछ बनाने मत लग जाइयेगा थोड़ा देर में लौट आएंगे फिर हम बनाएंगे ठीक न.....मां बोली जाओ अच्छे से जाना.....
फिर हम पूजा से बोले क्या से चले बाइक या कार तो वो बोली बाइक जानेमन बाइक पे बैठेंगे ना आपसे सट के कार में ये मजा कहा
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...हम बोले वाह रे दिवानगी और अभी सब देखेगा तो बात नही बनाएगा हा तो मां पीछे से आई और बोली गाड़ी से जा मोटरसाइकिल नही समझा....हम धीरे से बोले जा बेड़ा गड़क हो गया दिवानगी का...पूजा भुनभुनायी क्या मम्मी आप भी
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इसी तरह हम दोनो घर से निकले और रास्ते मिठाई खरीदी और हम सुगंधा के लिए कुछ चॉकलेट ले लिए फिर हम पहुंचे अपने ससुराल....दरवाजा खटखटाएं तो सामने से सुगंधा गेट खोली और हम दोनो को देख के वो चिल्ला के मां से बोली मां दीदी आई है....हम दोनो अंदर घुसे और सामने ही एक अधेड़ उम्र की औरत बैठी हुई टीवी देख रही थी जिनको हम नही पहचानते थे पर पूजा बोली प्रणाम फुआ और झुक कर उनके पाव छूने की कोशिश की तो वो बिना उसके तरफ देखे ही बोली खुश रह खुश रह और उठ कर अंदर के कमरे में चली गई....ना मेरी ओर देखा न ही पूजा से कोई बात की.....हम पूजा को बोले इन्हे क्या हुआ तो पूजा बोली पता नही इतने में मां आई अंदर से शायद वो बाथरूम में कपड़े धो रही थी उनके आते ही हम और पूजा दोनो उनके पाव छुए.....उन्होंने प्यार से आशीर्वाद दिया हमे और बैठने बोली फिर पूजा अपने साथ लाया हुआ मिठाई का डब्बा सामने टेबल पे रख दी और सुगंधा हम दोनो के लिए पानी ले आई हम बोले अरे क्या मेहमान नवाजी में लग गई तू इधर आ के बैठ रिश्ता चेंज हुआ है आदमी नही....फिर सुगंधा हंसते हुए पूजा के बगल में बैठ गई तो हम सुगंधा को चॉकलेट दिए और बोले ये ले तेरा इनाम का रिटर्न....वो बोली काहे का रिटर्न
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पूजा बोली अरे तू ले ना बाद में बताएंगे हम फिर पूजा मां से बोली मां फूआ को क्या हुआ ऐसे क्यू चली गई मां बोली अरे जाने दे ये सब तब हम मां से बोले मां बताइए तो क्या हुआ कुछ बात है क्या....मां कुछ बोलती इससे पहले पापा और राहुल दोनो कोई ढेर सारा नाश्ता का समान लिए अंदर आए तो हम दोनो उठ कर उनके पाव छुए तो उन्होंने भी आशीर्वाद दिया पर आज उनके आवाज में भी एक उखरापन था पर राहुल बहुत खुश था वो पूजा और मेरे पैर छूने झुका तो हम बोले अरे नही ये सब नही सब ऐसे ही खुश रहो भाई....फिर सुगंधा और राहुल किचन में चले गए नाश्ता निकालने....पापा बोले और कैसे कैसे बेटा तो पूजा बोली कल भोपाल जा रहे है हम दोनो पापा और लौटने में टाइम लगेगा इसलिए आज मिलने का सोचे तो आ गए....तो मां बोली अरे अभी तो एक हफ्ता से ज्यादा समय है ना वहा जाने के लिए तो हम बोले नही मां सब कुछ सेट भी तो करना है ना उसमे समय लगेगा ना और नया शहर होगा तो सब कुछ जानने समझने में भी तो समय लगेगा ना......
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इतने में राहुल नाश्ता ले आया हम पूजा को बोले चलो अब ठूसो तुम्हारे मन पसंद गुलाब जामुन है और मेरा मनपसंद कचौड़ी है और एक उठा लिए हम.......मां हस के बोली अरे इसी लिए तो मंगवा दिए है खा ले फिर खाना भोपाल का पोहा जलेबी वहा कहा कचौड़ी मिलेगा हम बोले आपको कैसे पता तो पापा बोले सब बेटी है गूगल डॉट कॉम बताते रहती है सब पता रहता है उसको सुगंधा अभी हमारे सामने नही आई थी वो अभी भी किचन में ही थी... ये बात भी पापा ने रूखे स्वर में कहा था तो हम बोले अरे वो है कहा और उठ कर किचन में गए तो देखे की चाय बना रही है हम बोले अरे कितना खिलाएगी उतना काफी है चल हमारे साथ थोड़ा बैठ तो जब उसको घुमाए तो उसकी आंखे नम थी वो अपने आंसू पोंछी और बोली तू चल हम आ रहे है चाय
ले के हम धीरे से बोले अरे ये क्या आंसू रो क्यों रही है....वो मेरे को चुप रहने का इशारा की और बेबस जैसा चेहरा बना के बोली तू अभी बाहर जा हम अभी कुछ नही बताएंगे....बस इतना जान ले आज आया सो आया दुबारा तुम दोनो कभी मत आना यहाँ समझा और अब एक सवाल नही जा बाहर बैठ और कोई नौटंकी नही तुझको दीदी का कसम....हम बाहर जा कर बैठ गए और अब कचौड़ी तो गले से उतरने से रही
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....पूजा ये सब से अनजान अपने मां और भाई से बाते कर रही थी और उसके पापा अंदर कमरे में गए थे शायद अपनी बहन के पास....
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हम मां से बोले आपका तबियत कैसा रह रहा है और अब एक वाशिंग मशीन ले लीजिए कब तक खुद से कपड़ा धोएंगी ये तो गदहा जैसा हो गया है खुद से क्यू नही धोता राहुल मां को परेशान करते हो इतने में सुगंधा चाय ले कर आई और बोली आ जायेगा आ जायेगा सब आ जायेगा वाशिंग मशीन ऐसी सब कुछ अब राहुल का बियाह होगा तब....हम बोले अच्छा तो ये प्लान है राहुल बोला भक्क ई तो अलबलाही है कुच्छो बोलते रहती है अभी हम कहा शादी वादी के चक्कर में पड़ेंगे फिर मां बोली तबियत ठीक है बेटा और कुछ काम खुद से भी करना चाहिए ताकि शरीर काम करता रहे....फिर पूजा सुगंधा से पूछी ग्रेजुएशन वाला एक्जाम कब है फाइनल वो बोली है अभी टाइम चार पांच महीना और अगर सेशन लेट हुआ तो फिर भगवान ही मालिक है कब होगा एग्जाम पर इसी साल हो जायेगा
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हम सुगंधा का मुंह ही देख रहे थे की जो लड़की अभी अंदर रो रही थी अभी कैसे हस रही है....पर ये बात तो सुगंधा से जाननी ही होगी की आखिर मामला क्या है अब तो सब कुछ ठीक है फिर वो ऐसा क्यू बोली की दुबारा कभी नही आना यहां.....
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इतने में राहुल बोला चलिए हम चलते है दुकान अकेले स्टाफ पे छोड़ कर आए है फिर वो पूजा को बोला राखी के दिन तुम आयेगी की हम पूजा बोली तू ही आएगा और अगर नही आया और हमको आना पड़ा तो फिर तू अपना खैर सोच लेना....फिर वो हंसते हुए बोला हा चल ठीक है और हम दोनो से अलविदा ले कर दुकान निकल गया....फिर पूजा मां से पूछी फुआ ऐसे क्यू चली गई अंदर तो मां बोली चुप रह तुझको इन सब से क्या मतलब है हा और वो उठ कर पूजा के बगल में आ कर बैठ गई और उसके चेहरे को अपने दोनो हाथो में ले कर धीमे स्वर में बोली देख बेटी तू शादी कर चुकी है अब तेरा जीवन इसके साथ है समझी कौन क्या बोलता है क्या करता है वो सब तुझको नही जानने नाही समझने का जरूरत है और अच्छा है तू यहां से जा रही है चली जा और अपनी गृहस्थी बसा अच्छे से सुमित से ज्यादा प्यार तुझको कोई नही करेगा यहां तक की मेरा प्यार भी शायद उसके प्यार के सामने बौना लगे बेटा हमेशा खुश रह मेरी बच्ची और उसके सर पे चूम ली और फिर तुरंत मेरे हाथ को अपने हाथ में ले कर बोली बेटा मैं तेरी सास हु पर अपने ससुराल में सबसे छोटी बहु जिसको ले कर हम हर किसी को नही समझा सकते पर बेटा तू मेरी पूजा को हमेशा खुश रखेगा ये हम जानते है.....मेरे बच्चे जीवन में हर तरक्की तेरे कदम चूमे दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की करो ये बाते बोलते हुए मां का गला रूंध सा गया था......पूजा बोली मां क्या बात है बताओ और उसको पसीना आने लगा था अब उसके सामने उस काली रात की सारी घटनाएं उसके आंखो के सामने नाचने लगी थी वो दुबारा इस बात को पूछती इससे पहले मां उठी और जोर से बोली सुनते है जा रहे है दोनो आइए बाहर तो पूजा के पापा बहार आए और पूछे अरे क्या हुआ इतना जल्दी जा रहे हो रुको शाम तक....हम कुछ बोलते उससे पहले मां बोली हम तो बोल्बे किए पर कह रही है की पैकिंग करना है सो जायेंगे....फिर पापा बोले चलो कोई नही अच्छे से जाना और पहुंच के बता देना.....ना फुआ बाहर आई ना ही पापा ने उनका कोई जिक्र किया....
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हमसे पहले पूजा घर से बाहर निकली उसके पीछे हम पापा घर में ही रह गए जबकि मां और सग्गू बाहर गलियारे में आई सुगंधा थोड़ा पीछे ही थी शायद वो ये देख रही थी की पीछे से पापा आ रहे है या नही हमसे रहा नही गया तो हम गाड़ी के पास पहुंच कर मां का हाथ पकड़े और अपने सर पे रख कर बोले आपको मेरी कसम मां अगर आपके दिल में थोड़ा भी मेरे लिए प्यार चिंता होगा तो आप बताएंगी की क्या बात है मां झट से हाथ हटा ली और बोली बेटा अभी तू जा यहां से हम बताएंगे सब कुछ पर अभी नही अभी सही समय नही....हम उनका हाथ अपने हाथ में लिए और बोले मां आप शांत हो कर बताइए तो की बात क्या है....वो बोली अभी के लिए बस इतना जान ले की इस बार ना हम गलत हैं न राहुल ना सुगंधा और रही बात इनकी तो भगवान जाने की इनके दिमाग में इनके दोनो बड़े भाई और इनकी बहन ने क्या जहर घोला है शादी के लिए तो मान गए थे पर अब कहते है की पूजा मेरी बेटी नही मेरी बेटी को बरगलाया है किसी ने वो ऐसा कर ही नहीं सकती थी और उनका इशारा सुगंधा पर होता है क्युकी तेरी दोस्ती इसी से थी ना....अभी मां आगे बोलती इससे पहले सग्गू आगे आई और मेरा हाथ झटक कर मां के हाथ से अलग कर के बोली अभी जा तू यहां से बोली न....दी तू टेंशन मत लेना कुछ दिक्कत नही है बस यहां दुबारा नहीं आना जब तक हम या मां खुद ना बुलाए ठीक.....और फिर पूजा घबराहट के मारे चिल्ला कर बोली चलिए यहां से और फिर हम जल्दी से गाड़ी वहा से भगा लिए....पूरे रास्ते पूजा मेरा बाह पकड़ कर अपने सर मेरे कंधे पे टिकाए बैठी रही हम गाड़ी घर के बजाय कॉलेज के तरफ मोड़ लिए गंगा किनारे अभी शाम हो चली थी तो सुनसान होगा वहा और एक जगह गाड़ी साइड में लगा कर पूजा को बोले उतरो बाहर....वो मेरा बाह छोड़ ही नही रही थी कही खोई हुई थी अचानक वो बाहर देखी तो बोली जान यहां कहा ले आए आप पागल घर चलिए ना....हम बोले पहले उतरो तो बाहर....वो बाहर आई और हम भी आए और सामने आ कर अपना बाह फैला कर उसको अपने आलिंगन में ले लिए वो हमसे एकदम चिपक गई और रो दी
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रोते रोते बोली अब आपको नही खो सकते हम न आपको एक खरोच आने दे सकते है हम बोले ऐसा कुछ नही होगा जानेमन हम दोनो तो कल जा रहे है ना यहां से फिर टेंशन क्यों लेती है अच्छा सुनो अभी मन ठीक करो एकदम घर पे इस बारे में कोई चर्चा नहीं करोगी ठीक है वरना पापा मां बहुत परेशान हो जायेंगे समझी ना....और रोना बंद करो पागल हम है ना तुम्हारे पास और तुम मेरे पास मेरे रहते तुम पर एक आंच नही आने देंगे समझी मां चोद देंगे किसी भी भोसडीवाले ने मेरी जान के तरफ आंख भी उठाए तो....और सुनो इधर देखो और उसका चेहरा अपने हाथ में ले लिए और बोले अभी तो अपनी बेटी को खिलाना है हमने और बेटा आएगा तो चोट्टा को तुम ही संभालना समझी हम तो मारेंगे साला को....वो सिसकते सिसकते बोले भक्क बुद्धू आपका ही ना बेटा होगा फिर....हम बोले अच्छा चलो मारेंगे नही पर साले के हिस्से का दूध पी जायेंगे इनमे से और उसकी एक चूची को दबा दिए तो वो मुस्कुराते हुए मेरे सीने से लग गई....
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फिर कुछ देर दोनो एक दूसरे के हाथ पकड़े वही गंगा किनारे गंगा के पानी को निहारते रहे और पूजा अपनी घबराहट को कम करने के लिए मुझसे इधर उधर की बाते करती रही तकरीबन आधे घण्टे बाद हम उसको बोले सुनो जानेमन हम समझ रहे है की तुम्हारे मन में अभी क्या उथल पुथल हो रखा है पर अभी वो सब मत सोचो समझी एकदम बेफिक्र रही हम दोनो को अब कोई अलग नही कर सकेगा.....
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मेरे बातो में विश्वास को देख कर पूजा मेरा हाथ जोड़ से पकड़ कर दबा दी और मेरे गले लग गई फिर कुछ देर बाद हम घर के लिए निकले....
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घर पहुंच कर पूजा चेंज की फिर मां के साथ किचन में काम करते हुए बात की वहा घर पे क्या खाई क्या क्या बात हुआ सब से मिल कर आई ये सब और हम अपना सामान ही चेक कर रहे थे की कही कुछ रह तो नही गया फिर रात में सब कोई साथ में खाना खाए और आज भईया भाभी भी आए थे खाना के बाद सब कोई अपने अपने जगह पे पहुंच गया सोने को.....आज रात बड़ी भारी रात थी दोनो के लिए भले एक दूसरे को आश्वस्त कर रखे थे पर डर तो था ही मन में लेकिन सब कुछ भगवान पे छोड़ने के अलावा कोई रास्ता भी नही था.....
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कल सुबह हमे चार बजे निकलना था इसलिए पूजा को हम खुद से चिपका कर कुछ देर रखे तो वो आज भी उसी दिन के जैसे सिमट गई थी और फिर दोनो कोई की आंख लग गई....सुबह तीन बजे ही पूजा उठ गई थी और मां पापा के लिए नाश्ता का तैयारी कर दी थी ताकि मां सिर्फ गरम गरम बना कर खा सके कोई एक्स्ट्रा मेहनत ना करना पड़े....फिर पूजा के काम करने की आवाज से मां पापा भी जाग गए और ऊपर हम भी रेडी हो गए थे....किचन का काम करने के बाद पूजा नहा कर आई तैयार हुई नीचे जा कर मां पापा को प्रणाम की भगवान का पूजा की बस फिर थोड़ा हल्का नाश्ता कर लिए दोनो कोई....अब निकलना था गाड़ी में सब सामान रखने के बाद पापा मां से विदा ले कर दोनो कोई सवा चार बजे भोपाल के लिए रवाना हो गए....सड़क पे सूरज की किरणे छटा बिखेरने लगी थी और पूजा मेरा बाह पकड़े ही गाड़ी में बैठी थी और बीच बीच में मेरे कंधे पे चूम भी लेती.....हम बोलते भी की पटना पीछे छूट गया जान अब सब भूल जाओ नए सफर पे हम दोनो एक साथ है अब अपनी वहा की जिंदगी को भी सवारना है जिसमे तुम्हारा प्यार ढेर सारा प्यार हमको चाहिए....वो बोली कुछ नही सिर्फ मेरे गाल पे चूम ली और फिर इसी तरह बोलते बतियाते रात के 11 बजे भोपाल अपने बिल्डिंग पहुंच गए गार्ड को सब बताया तो उसने गाड़ी के लिए एक जगह वही पार्किंग में दे दी और फिर उसने हमे हमारे फ्लैट तक जाने में भी मदद की.....फ्लैट में आने के बाद हम पटना फोन कर दिए ऐसे पहले भी बात होते ही आ रहा था पर अभी भी कर दिए और सुगंधा को मेसेज छोड़ दिए कॉल नही किया......खाना हम लोग पहले ही रास्ते में ही खा चुके थे सो दोनो कोई फ्रेश हुए और बिना कुछ एक्स्ट्रा ताम झाम किए दोनो कोई सो गए.....
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अब अगली सुबह से हम दोनो अपने जीवन के एक नए अध्याय को शुरू करने वाले थे
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अगली सुबह फोन की आवाज से नींद खुली बगल में पूजा भी सो रही थी....फोन पापा का था हम उठाए तो बोले अभी तक सो ही रहा है बेटा समय देख हम बोले हा पापा थक गए थे इसलिए सोया रहा पूजा भी सो ही रही है.....पापा बोले हा इतना दूर गाड़ी चला कर खुद से गया है चल अब उठ जा और नाश्ता पानी का क्या है मां पूछ रही है ले बात कर फिर मां से बात हुआ तो उनको बताया अभी राशन पानी का सब सामान जायेंगे लाने तो उधर से ही नाश्ता कर लेंगे दोनो पर अभी सोएंगे थोड़ा देर और उसके बाद हम जब बाहर निकलेंगे तो फोन करेंगे ठीक ना......तो मां बोली ठीक है सो ले मेरा बच्चा इसीलिए बोल रही थी ट्रेन से जा पर तू मानता कहा है मेरा बात हम हस कर बोले क्या मां सब मानते है हम आप दोनो का बात अभी सो लू थोड़ा और फिर मां बोली ठीक जा सो जा और फोन कट गया.....
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फोन रख कर पूजा की तरफ देखे तो पाया की आज कितने दिनों बाद लगता है एक लंबे समय के बाद हम दोनो पूरे कपड़े में सोए थे
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....हम पूजा के बाह को पकड़ कर अपने पास खींचे और वो नींद में कुनमुनाती हुई बोली क्या जान अभी सोइए ना बहुत थकान लग रहा है प्लीज हम बोले तुम हमको प्यार नही की ना इसलिए नींद खुल गया....वो पगली आंखे बंद किए ही अपने दोनो हाथ फैला कर बोली इधर आइए ना मेरे पास....हम उसके बाहों में समा गए और वो मेरे सर पे चूम ली और बोली नींद आपका फोन आने से खुला है झूठे कहिंके.....तो हम उसके चूतड़ दबा दिए बोले गुंडी हो गई है तू समझी...तो वो मुस्कुरा दी फिर दोनो कोई एक दूसरे से चिपके सो गए....तकरीबन साढ़े बारह बजे दोपहर में नींद खुली और इस बार भी फोन ही बज रहा था मां का फोन था उठाए तो वो बोली अरे अभी तक सो ही रहा है अब उठ जा और वीडियो कॉल पे बात कर थोड़ा फिर हम बोले दो मिनट में कर रहा हु मां और फोन काट दिए फिर पूजा को उठाया तो वो बोली जान सोइए ना प्लीज हम बोले नही जान उठ जाओ मां वीडियो कॉल पे बात करेगी अब बहुत सो लिए हम लोग फिर वो उठी और ढिलमिलाते हुई बाथरूम गई जबकि हम अपना आंख का किच्ची साफ किए और मां को फोन मिला दिए....मां वीडियो कॉल पे देखी तो बोली कैसा मुंह हो गया है तेरा बेटा एक ही दिन में हम बोले नही मां सो कर उठे है ना थकान था इसलिए ऐसा लग रहा है फिर मां घर दिखलाने बोली तो पूरा घर दिखलाए बाहर बालकनी दिखलाए और फिर अपना रूम फिर पूजा से बोली बात करवाने तो उससे भी बात की मां और सब बताई की पहला चीज क्या बनाएगी वहा खाना में फिर पूजा रूम सेट करने के बारे में उसके बाद फोन कट गया और फोन कटते ही पूजा मेरे को अपने आलिंगन में ले ली और बोली जान चलिए अब आप भी फ्रेश हो कर आइए फिर दोनो कोई बाहर चलते है भूख लगा है....हम उसके गाल पे दात से काटे तो वो कसमसा गई और हम बोले अच्छा अभी तो तुमको सोना था और अभी तुरंत में भूख लग गया....वो बोली नींद आप ही न तुड़वा दिए हम बोले अरे मेरा जान इतना सोएंगे तो फिर सर भारी भारी लगता शाम को समझी पगली....
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उसके बाद पहले पूजा और हम दोनो बैठ कर क्या क्या समान लेना है एक लिस्ट बना लिए फिर दोनो कोई फटाफट नहा के तैयार हुए और आज पूजा ने फिर से सलवार सूट पहना था हम बोले जान मेरी आज ना ब्रा नही पहनना समझी तो वो बिना कुछ बोले बस मुस्कुरा कर कपड़े पहनने लगी फिर हम बोले आज ना तुम्मे हमको वो पूजा नजर आ रही है जिससे पहली बार हम साइबर कैफे में फॉर्म भरते वक्त मिले थे.....बस उस पूजा में और इस पूजा में थोड़ा फर्क है.....पूजा आ कर मेरी गोद में बैठ गई और मेरे होंठ पे चूम कर बोली क्या फर्क.....हम बोले ये पूजा मोटी हो गई है और वो पूजा पतली थी हाय काश वो पूजा चेंज ना होती और हस दिए
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पूजा मेरे गाल पे दात से काट ली और बोली गंदे कहिंके ऐसा है तो हम आज से डाइटिंग करेंगे और पतले बन जायेंगे फिर से और आपका ही गलती है इतना चॉकलेट खिलाए की हम मोटे हो गए.....हम उसके चूतड़ पे एक थप्पड़ लगाए और बोले मेरी जान हो तुम और तुम कोई मोटी वोटी नही हुई हो बल्कि और गदरा गई हो ये कहते हुए हम उसके सलवार के इलास्टिक में हाथ घुसाए और उसके नंगे चूतड़ों को दबाते हुए बोले ये देखती हो एकदम गोल मटोल खरबूजे है ये.....खा जाने का दिल कर रहा है वो ये सुनते ही मुस्कुराते हुए मेरे सर से सर टकरा के बोली जान आपको कौन रोका है खा जाइए ना.....हम ये सुनते ही उसके सलवार को थोड़ा खिसका दिए और चूतड़ों के दरार में हाथ फिराए और बोले मन तो बहुत कुछ करने का कर रहा है पर अभी चलते है नीचे पहले मेरी जान के पेट की भूख को मिटा दू.....पूजा अपने को थोड़ा एडजस्ट की और समीज को पकड़ कर उतार दी और अपनी दोनो चूचियां मेरे सामने कर के बोली पहले आप इनका रस पी लो ताकि आपका ये (वो मेरे लंड की तरफ इशारा करते हुए अपने चूतड़ रगड़ते हुए बोली) थोड़ा रिचार्ज हो जाए.....
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हम उसकी चूची को पकड़े और निप्पल से खेलते हुए बोले लग रहा है की तुम ऐसे नही चलेगी बाजार और फिर उसके दोनो चुचियों को बारी बारी से चूमे और फिर उसके होंठ को पकड़ कर चूसने लगे
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होंठ चूसने के बाद पूजा और मैं हाफते हुए अलग हुए और हम बोले बाकी का प्यार ब्रेक के बाद
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पूजा हस के बोली जो हुकुम मेरे जान और फिर वो उठी और अपने कपड़े पहन ली उसके बाद दोनो नीचे गए और वहा गार्ड से मिले और बातो बातो में पता चला की वो भी बिहार के भागलपुर का है यहां तीन साल से परिवार के साथ रह रहा है....फिर उसको गैस सिलेंडर के लिए पूछा और वो बोला करता हु सर कुछ जुगाड और वो बोला आप मार्केट से आइए हम ला कर रखेंगे फिर दोनो कोई निकल गए मार्केट......
हम दोनो पहले के मॉल गए और वहा से सब किचन का और कुछ अपने जरूरत का समान खरीदे हम एक हनी का डब्बा भी लिए पूजा को केक मिक्स दिखा तो वो बोली की आज आप केक बनाना हमको आपके हाथ वाला केक खाने का मन है जो आप बना कर लाए थे मेरे लिए....हम बोले ओके मेरा जान फिर वहा से निकल कर दोनो पास के एक सब्जी मंडी पहुंचे वहा से सब्जी खरीदी हम बोले आज चिकन बनाए तो पूजा हस के बोली मां सही ही बोली थी हम बोले क्या बोली थी तो पूजा बोली मां सुबह ही कह रही थी की आप आज चिकन बनाने बोलोगे पर आज मना करने क्युकी फर्स्ट रसोई में मांस मच्छी नॉट अलाउड....हम बोले अच्छा कोई बात नही
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तो पूजा मेरे गाल खींचते हुए बोली जान मेरे मायूस मत होइए ना कल शाम में बना देंगे जानेमन....फिर दोनो कोई आस पास में इलाको से घूमते हुए शाम 6 बजे घर पहुंचे और गार्ड ने सिलिंडर ला कर रखा था....
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इसी तरह सब कुछ सेटअप करते करते रात तक पूरा घर सेट कर लिया अब हम दोनो फिर से आज थक गए थे....पूजा और हम दोनो कोई अपने बेड पे आ के धड़ाम से गिर गए फिर कुछ देर बाद पूजा हस्ते हुए बोली
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जान हम दोनो आज फिर थक गए है..... उह्हु खाना भी नही बना है....हम उसको खींच कर अपने सीने से सटा लिए और बोले जान मेरा ये तो हम दोनो मिल कर अपनी नई दुनिया को थोड़ा सजा रहे थे अब सब सेट है सिर्फ रंग भरने बाकी है जिसमे हम और तुम दोनो मिल के पूरे फ्लैट को घर बना देंगे पगली और रही बात खाने की तो चलो बाहर से खा कर आते है....वो मेरे गाल पे चूमते हुए बोली नही जान हम बनाते है खाना पागल....फिर वो उठी और किचन में गई जबकि हम घर पे बात किए मां से और पापा से....फिर मेरे मन में ख्याल आया की सुगंधा को फोन लगाता हु और बात पूछूंगा पर पूजा को नही बताना चाहता था क्युकी वो फिर से घबरा जाती.....
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इसलिए सुगंधा को फोन उठाया तो वो उठाई और बोली हो गया सब सेट वहा या नही हम बोले सुन तू ज्यादा ओवर स्मार्ट मत बन घर सेट हो गया है समझी और अब हमको एक एक बात बता की आखिर बात क्या है तू समझ रही है ना हम क्या पूछ रहे है.....वो बोली तुझको कीड़ा काट रहा है क्या....हम बोले हा अब बता वरना देखिओ तुझसे बात नही करूंगा मैं....वो हस के बोली अच्छा तो जा मत करना बात हम अपनी बहन से तो बात करेंगे ना....हम बोले अगर हम एक बार बोल दे ना अपनी जान को की वो तुझसे बात न करे तो वो नही करेगी समझी....सुगंधा बोली हा जानती हु वो तेरी बात नही काटेगी....फिर कुछ पल वो चुप रही ऐसा लग रहा था की वो कही जा रही है.....वो बोली व्हाट्सएप करती हु बोल कर नही बताऊंगी.....और फोन कट गया.....
हम व्हाट्सएप पे देखे वो कुछ लिख रही थी और तकरीबन पंद्रह मिनट बात मैसेज आया उसका लम्बा चौड़ा और अभी वो मैसेज पढ़ता की एक और मैसेज आया जिसमे लिखा था की पढ़ ले और अब कल बात करना अभी नही और मैसेज पढ़ने के बाद अलबलाने मत लगना बाकी तू समझदार है दोस्त(जीजू)
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भगवान तुम दोनो को हर बला से दूर रखे और हमेशा खुश रखे
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सुगंधा का मेसेज...
उस दिन मां जो भी बोले बेचारी घबराहट के मारे कुछ से कुछ बोल दी समझा असल बात हम बताते है तुझको और तुझको दीदी का कसम तू ये सब जानने के बाद कुछ रिएक्ट नही करेगा पहले बात सुन....
शादी वाले दिन जब तुम दोनो का जयमाला के बाद जब तुम लोग खाना खा रहे थे वहा पे जब दीदी बोली थी ना की इनको रसमलाई पसंद है वहा पे बुआ ये बात सुन ली थी और घर में मां सब को बताई थी की रिश्ता अचानक से अच्छा पकड़ा गया तो तुरंत आनन फानन में ब्याह करवा रहे है पर ये बात ले के बुआ बड़े चाचा और मंझले चाचा को बताई की छोटका अपन बेटी के लव मैरिज करवाया है....
फिर मां को वही कमरे में ये बात पूछा गया तो मां का सिट्टी पिट्टी गुम हो गया पर राहुल संभाल लिया ये कह के जब से शादी तय हुआ है दोनो फोन पे लगभग एक महीना से बात कर रहा था उसी में मालूम चला होगा क्या इतना सा बात का बतंगड़ बना रहे है और बात दब गया पर बुआ मेरी बहुत शातिर है वो मंडप में हर रस्म को देखी और वो समझ गई की तू दूसरे जात का है बस वो इस बात को ले कर आग लगा दी....
सुबह दीदी को विदा कर के आने के बाद बुआ पापा को अपने दोनो बड़े भाई के सामने बैठा कर सीधा यही सवाल दागी की तूने लड़की की लव मैरिज करवाई है ना पापा साफ साफ मुकर गए की नही भईया ऐसी कोई बात नही है पर बुआ बोली हमसे झूट ना बोल हम जानते है तो फिर चाचा बोले देख बेटी तेरी है तूने बिना जात पात खानदान देखे ब्याह दी पर हमारी भी बच्चियां है तेरी भी अभी एक छोटी बेटी है ये सब के कुटुंब जब आयेंगे तब उन्हे ये बात जब मालूम पड़ेगी और बात नही बनेगी तो फिर क्या करेगा बता हमारी बच्चियां है तो क्या वो तेरी जिम्मेदारी ना है.....तू भी तो उनका कुछ लगता है की नही ये सब करने से पहले एक बार भी न सोचा भूल गया अपने पिता जी के उसूल पटना आ कर लगने दी ना हवा अपने बेटियो को पढ़ाई की ओट में और इतना गिर गया तू की सरकारी दामाद फ्री में बनाने के चक्कर में बेटी को एक बदजात से ब्याह दिया तेरा दिल कैसे मान गया इसके लिए....और ऊपर से हमे भी बुला लिया झूट बोल कर हा और पापा उनकी इन कड़वी बातो को सुन पापा रो दिए उनको उनके फैसले को गलत मानने पे मजबूर कर दिया ये लोग मिल कर......
तब पापा बोले अरे हम नही मान रहे थे यहां तक की मेरे बेटे ने उस लड़के को गोली तक मार दी थी....तो चाचा बोले तो मरने के बजाय तेरा दामाद कैसे बन गया हा है कोई जवाब तेरे पास या पुलिस थाना से घबरा गया तू बुजदिल कहिंके.....फिर बुआ बोली छोड़ो भईया ये पटना वाला है हम गांव वाले हम इनकी बराबरी में कहा फिर पापा उठे और मां को उनके सामने ही मारने लगे बोले की सब तेरा ही किया धरा है तूने ही बरगलाया मुझे और वो...वो कहा है तेरी बेटी फिर मेरे को भी तीन चार थप्पड़ रसीद कर दिए वो तो राहुल चिल्ला कर उनको झकझोर कर दूर किया और बोला दिमाग होश में है की नही शादी हुआ है कोई मजाक नही और फिर चारो जन में बहुत बहस हुआ राहुल पूजा दी और तेरे तरफ से बोल कर मुजरिम बन रहा था पर फिर हम भी उसका साथ दिए उसके बाद समझ की पूरे दिन घर में यही चलता रहा आखिर में दोनो चाचा ये कह कर जाने लगे की तेरा और हमारा कोई रिश्ता नहीं फिर पापा उनको समझाए की वो शादी तुड़वा देंगे और फिर कोई अपने जात में बढ़िया सा लड़का देख के पूजा की शादी करवा देंगे.....
पर बुआ बोली की कोई जरूरत नहीं जिस लड़की को अपने बाप भाई की इज्जत की परवाह नही उससे हम लोग को कोई मतलब नहीं रखना वो मर गई हमारे लिए अब अपनी दूसरी बेटी को सही से पकड़ के रख ताकि ये भी न हाथ से निकल जाए....फिर चाचा लोग भी बोले हा जो चिड़िया उड़ गई घोंसला छोड़ कर उसको छोड़ अब जो बचा है उसको संभाल फिर उस रात वो लोग ही खाना वाना खाया मेरे और मम्मी में गले से तो एक निवाला नही उतरा और राहुल तो चाह रहा था की कब ये लोग यहां से जाए की अपने घर में शांति हो....दो दिन तो ऐसे ही निकल गया अब वो लोग तो चले गए और मां पापा में कोई बात नही हो रहा था तो बुआ ही बोली की जा जा के समझा भौजी के खाना पीना नही कर रही है सही से तो पापा दुकान चले गए जबकि बुआ ही मां के पास गई और बोली छोड़ा अब गलती हो गया अब जाए दीही बाकी अब सुगंधा के बियाह अपन जात में ही करवावे के है.....उसके बाद भी मां पापा से बात नही की और उसके अगले ही दिन तू और दीदी आए समझा और पापा का रिएक्शन देख के हम दोनो बहुत घबराए हुए थे पर उस दिन रात में बुआ लौट गई तेरे लोग के जाने के बाद......
तब पापा मां से बात किए और बोले जानते है तुम क्या सोच रही है पर जाने दो अब हम पूजा को कुछ नही बोल रहे शादी करना था हो गया ना सब राजी खुशी भईया सब को जात से दिक्कत है खाली पर अब जाने दो और तुम भी गुस्सा छोड़ो फिर पापा हमको भी बुलाए और बोले बेटा देख एक बहन तो मेरा पगड़ी उछाल दी बाकी तू मत करना ऐसा फिर मां बोली पूजा को आप अपन बेटी नही मानिएगा न अब यही ना तो पापा बोले अरे पागल हो गई का मानते है....है तो वो मेरी ही बेटी पर अब जाने दो ये सब.....जब पूजा आयेगी तो वो मेरे लिए मेरी पूजा ही रहेगी बदल थोड़े जायेगी.....
तो मां बोली और वो सब बात जो आप बोल रहे थे और सुमित...उसका क्या.... तो पापा बोले अरे वो सब तो गुस्सा में बोले हम....और रही बात सुमित की तो जैसे पूजा है मेरे लिए वैसे ही सुमित भी.....और भईया और दीदी लोग का क्या है आज आए थे तो ये सब बोले पर बाकी समय तो ये मेरा ही घर है ना बड़े हम है सब हम देख रहे है उनकी बात आई गई हो गई अब छोड़ो....
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समझा ये बात था और अब तू सुन तुझको दीदी और खुद का ख्याल रखना है यहां जब आने का मौका रहेगा तो आना पर फिर भी हमेशा अपना सेफ साइड ले कर चलना है
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बाय
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हम ये मैसेज पढ़ के समझ नही पा रहे थे की खुश होऊ या नही पर सुगंधा के कहे अनुसार टेंशन वाली कोई बात नही थी इसलिए हम किचन में गए जहा पूजा रोटी बेल रही थी और उसकी चूड़ियों की खनखनाहट
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अलग ही माहोल बना रही थी.....एक तरफ सब्जी चढ़ा हुआ था और वो फटाफट रोटी बेले जा रही थी हम पीछे से गए और उसको अपने आगोश में ले लिए तो पूजा बोली बस जान पंद्रह मिनट और उसके बाद दोनो साथ में खायेंगे हम अपना हाथ ऊपर लाए और उसके गर्दन के पसीने को पोंछे और मुंह से फूक दिए और वापिस से उसको अपने आगोश में ले लिए और बोले इतना गर्मी हो रहा है इसको उतार लेती उसके कुर्ती को पकड़ कर बोले....तो वो मेरे ओर देखी और बोली अच्छा तब तो हम शांति से खाना बना लेते एकदम है ना.....हम बोले अरे हा जान हम परेशान नहीं करते इतना भरोसा तो कर सकती हो हम पर....फिर वो बोली आप बैठिए जान हम आ रहे है तुरंत फिर उसके गाल पे चूम कर हम बाहर आ गए और कुछ देर बाद पूजा खाना ला कर रखी और उसके बाद वो बोली जान नहा लू क्या गर्मी बहुत लग रही है हम बोले अरे नही पगली ठंडा गरम करेगी तबियत बिगाड़ेगी क्या मारेंगे ना...थोड़ा देर बैठो ना हवा में आराम हो जायेगा फिर वो मुंह बना ली तो हम उसके पास गए और उसको अपने गोद में एक बच्चे की तरह उठा लिए और अपने बेडरूम से होते हुए बाहर बालकनी में ले गए जहा ठंडी हवा चल रही थी....वो बोली जान नीचे उतारिए कोई देखेगा पागल....हम बोले देखने दो फिर उसको ले कर एक बार गोल घूम गए तो वो आंखे गोल किए बोली बाप रे जान हवा लग गया हमको आप नीचे उतारिए
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हम जैसे ही उसको उतारे वो मेरे गले लग गई और बोली आप डरा दिए थे हमको....हम उसको अपने से अलग किए और अंदर आते हुए बोले पगली इतना कमजोर समझी है अपने सुमित के...वो बोली नही जान पर फिर भी और उसके बाद हम दोनो खाना खाए और दोनो कोई अभी बेड पे बैठे ही थे की घर से मां पापा का फोन आ गया पहले पूजा बात की फिर हम बात करने लगे और इधर पूजा मेरे सीने से सटे ही सो गई फिर मां से बात कर के फोन रखे और हम भी वैसे ही नींद की आगोश में चले गए क्युकी आज भी दोनो कोई बहुत थक गए थे
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अगली सुबह पूजा टाइम से उठी और हमको भी उठाई हम उठते के साथ उसको अपने ऊपर चढ़ा लिए बोले अब नहीं छोडूंगा और पूजा मुस्कुरा कर बोली आई लव यू स्वीटहार्ट एंड सॉरी कल रात पता नही चला कब नींद आ गया हम बोले अरे तुम सोई ना आराम से बोलो तो वो बोली एकदम मेरे जान आपके बाहों में सोऊ और नींद ना आए पागल और मेरे होंठो को अपने होंठो से जोड़ दी....और हम अपना हाथ उसके पीठ से सहलाते हुए सलवार के अंदर ले गए और लगे चूतड़ों को दबाने लगे...पूजा हमको किस करने के बाद बोली अब जा के एक सुकून सा आया मेरे दिल को
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हम बोले मि टू जान.....फिर थोड़ा नीचे खिसक कर पूजा मेरे हाफ पैंट को खिसका कर लंड को बाहर निकाल ली जो अभी खड़ा हो ही रहा था....पूजा उसको अपने मुंह में ले ली और चूसने लगी.....हम उत्तेजना में उसके सर को अपने लंड पे दबाने लगे और धीरे धीरे अपना पूरा पैंट उतार दिए.....और पूजा गपागप मेरे लंड को चूसे जा रही थी.....एक तो सुबह सुबह का समय ऊपर से लंड चुसाई का मजा हमको बहुत समय बाद मिला था इसलिए दोहरा आनंद आ रहा था....और कुछ ही मिनटों की चुसाई के बाद हम पूजा के मुंह में ही झड़ गए.....

उसके बाद पूजा को हम अपने ऊपर खींचे और इससे पहले हम कुछ बोलते वो मेरे नाक से अपना नाक टकरा कर बोली बहुत दिन बाद ये किए ना हम हम हाफते हुए बोले हा पर आज कुछ ज्यादा मजा आया क्युकी मेरी बीवी के तरफ से था ये
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फिर वो उठी और बोली चलिए अब फ्रेश हो लेते है पर हम बोले ऐसे कैसे सुनो तो और वापिस से अपने ऊपर खींच लिए तो वो हसने लगी और बोली नही मानिएगा.....हम बोले नही और उसके होंठो को चूसने लगे और किस करते करते हम पूजा के सलवार को नीचे की तरफ धकेल दिए और चूतड़ों को दबाने लगे और उसपे थप्पड़ भी लगाते जा रहे थे.....पूजा अपने सलवार को अपने पैर चला कर पूरा उतार दी....किस तोड़ने के बाद हम उसको पलट के अपने नीचे ले लिए और फिर थोड़ा सा उठा कर उसके कुर्ते को निकाले दिए और अब पूजा नंगी थी जबकि हम अपने बदन पे बचे हुए बनियान को उतार के उसपे झुके और उसके चेहरे होंठ गर्दन कंधे हर जगह चूमने लगे और कभी कभी उसके चमड़ी को अपने दातों में फसा कर चुभला देते जिससे पूजा की सिसकी निकल जाती.....

चूमते चूमते उसकी चुचियों के दोनो निप्पल को एक साथ मुंह में ले कर चूसने लगे पूजा अपने पैर फैला दी थी पूरे तरह से जिसके कारण मेरा लंड उसकी चूत के मुहाने पे लग रहा था और पूजा थोड़ा सा खुद को एडजस्ट की और हम अपना लंड उसकी चूत में उतार दिए और धक्के लगाने लगे धीरे धीरे....पूजा के मुंह से आह आ की आवाज आई हम उसकी चूचियों को छोड़ कर उसके कान के निचले भाग को बाली सहित मुंह में ले कर दातों से हल्का सा काटते हुए बोले क्या हुआ जान कुछ नया है क्या.....वो अपने चूड़ी से भरे हाथो को खनकाते हुए मेरे को अपने आलिंगन में ली और बोली नही जान उम्म ओह बस आह ओह हम बोले बस अब तुमसे हम्म्म नही बोला जायेगा चुप हो जाओ और वो अपने हाथो का घेरा और ज्यादा कस ली मेरे ऊपर और अपने पैर को भी मेरे कमर पे मोड़ ली.....और तभी पूजा एक लंबी सिसकारी के साथ झड़ गई और पूजा मेरे से लिपटी हुई थी एकदम.....धक्के लगाते लगाते उसको चूंची को बेदर्दी के जैसे मसल और चूस रहे थे....

कभी उसके एक निप्पल को चूसते कभी दोनो एक साथ और कभी कभी उसके निप्पल पे दांतो से काट लेते.....पूजा अपनी आंखे बंद किए मुंह से आहे भरते हुए मेरे को खुद में उतरने दे रही थी......और तकरीबन आधे घंटे की धमाचौकड़ी के बाद हम पूजा की चूत में ही झड़ गए....और उत्तेजना में जो पूजा ने मेरे पीठ पे अपनी बाहें कसी थी उसकी एक दो चूड़ियां चटक कर टूट गई और एक शायद मेरे पीठ में लग गई थी पर हम चूत के नशे में इतने डूबे थे की पता ही नही चला.....दोनो कोई एक दूसरे के ऊपर लेटे हुए अपनी सांसों को कंट्रोल में लाए और फिर हम पूजा के ऊपर से हट कर थोड़ा साइड में हो गए पर अभी भी हम उससे चिपके ही थे.....पूजा मेरे होंठ पे चूम ली और बोली आई लव यू जान....हम उसको बोले आई लव यू टू मेरा जान
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फिर पूजा को बोले कल सुगंधा से बात किए थे हम पूजा उठ कर बैठ गई और मेरे तरफ शंका भरी निगाहों से देखने लगी हम मुस्कुरा कर उसको अपने पास खींचे और अपने सीने से सटा कर बोले क्यू घबरा जाती है तुम हा बताओ....
पूजा बोली आप समझते नही है ये देख के मेरा आत्म कांप जाता है(वो मेरे गोली के दाग को छूते हुए बोली)......हम थोड़ा हस कर बोले फिर तो ये निशान का क्या करेगी और अपना पीठ दिखा दिए जहा उसकी चूड़ियों के रगड़ने से लंबे लंबे दाग जैसे हो गए थे और चूड़ी जो टूटी थी उससे एक छोटा सा कट लग गया था पर खून नही बह रहा था शायद बिस्तर में दबने से वो बंद हो गया था.....
पूजा बोली हाय मेरे जान ये फिर वो बोली मेरी चूड़ी से ओफ हो और फिर हम बोले पगली चूड़ी टूटा है तुम्हारा देखो वो अपने जगह से थोड़ा हट कर देखी तो चूड़ी दिखा उसको वो उसको चुन कर साइड में की और बोली बै जान हम न एकदम लोल है अपनी जान को हर बार चोट लगा देते है....

हम बोले गधी है तू ये सब तो प्यार का निशानी है बोले थे ना उस दिन.....और वैसे भी ये सब करेंगे तब तो मेरी बेटी आयेगी ना....और वो अभी उठ कर बैठी हुई थी तो हम उसके नाभि के पास चूम लिए....पूजा हस्ते हुए बोली बस जान मेरे आ जायेगी....फिर हम उसको अपने से सटा कर सुगंधा से जो भी बात हुआ मैसेज में वो उसको पढ़ा दिए तो वो पगली फिर रोने लगी.....हम बोले इसलिए तुमको नही बतला रहे थे पागल और उसके आंसू पोंछे और उसकी आंखो पे चूम लिए और बोले इन आंखों में सिर्फ काजल अच्छा लगता है आंसू नहीं....और सुन मेरी बात ऐसे रो देती है हर बात पे देखना तुम्हारे इन आंसुओ में ही बह जायेंगे हम एक दिन....वो रूवांसा चेहरा बना के मेरे छाती पे हल्के से मुक्का मारी बोली मारेंगे ये सब फालतू बात किए तो....फिर हम बोले चलो अब टेंशन मत लेना कोई दिक्कत वाला बात नही है सब सही है दूध दही है
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पूजा सिसकते सिसकते हस दी फिर दोनो कोई उठे और बाथरूम गए साथ में नहाए और वहा भी हम दोनो एक दूसरे में सामने से खुद को रोक नहीं पाए....नहाने के बाद पूजा तैयार हुई और हमसे पूछी की जान क्या पहनु हम बोले नाइटी डाल लो ना केवल कही बाहर तो जायेंगे नही आज वरना आज फिर थक जायेंगे हम दोनो वो मेरे गोद में आ कर बैठ गई और अपने दोनो हाथ मेरे गर्दन के इर्द गिर्द घुमा कर बोली हम सो जा रहे थे इसलिए ना वरना आप हमको बिना अपने प्यार से भिगोए सोने देते क्या....और मेरे होंठ पे चूम ली......फिर हम बोले नही मेरा जान शरीर को आराम भी तो देगी ना थोड़ा सब काम अकेले करती हो और पिछले दो दिन में हम दोनों सच में थक गए थे जाना....फिर वो बोली अच्छा चलिए बताइए टॉप पहनूं या नाइटी या साड़ी.....हम उसके चूतड़ों पे एक जोर का तमाचा लगाए और बोले आज ना ऐसे ही रहो वो कमासती हुई हस दी और बोली इस्श्ह जान हम जानते थे आप एक दिन हमको ये जरूर बोलिएगा....पहले पैंटी के लिए मना किए कल ब्रा के लिए और आज सब गायब.....हम उसके नाक से नाक टकरा कर आंखे मिलाते हुए बोले अगर मन नही तो पहन लो नाइटी मेरा जान वैसे भी जब मेरा मन होगा हम उतार देंगे....वो मेरे गाल खींचती हुई बोली हम मना किए क्या आपको बताइए जरा....हम बोले नही पर हम समझ सकते है परेशान तो बहुत करेंगे हम ना.....वो मेरे लंड पे अपनी चूत को रगड़ते हुए बोली तो कीजिए ना हम कब रोके है अपनी जान को.....
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और लगातार चूमने लगी इधर उधर.....हम मजाकिया तौर पे बोले एह भक्क सब जुट्ठा कर दी फिर से नहाने पड़ेगा....वो अपने मुंह खोल कर हॉव कितने गंदे है फिर हम उसको देखते हुए हस दिए....फिर पूजा नंगी ही अपने बाल सवारी थोड़ा तैयार हुई और फिर किचन में चली गई नाश्ता बनाने.......
फिर हम घर पे बात किए और सब का हाल चाल लेने के बाद फिर हम किचन में गए जहा पूजा नंगी तो थी पर अपने बदन पे अप्रॉन पहनी हुई थी जिसमे वो पीछे ई पूरी नंगी थी
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ये देख के ही मेरा लंड अकड़ने लगा.....हम अपना पैंट में से लंड बाहर निकाले और उसको सहलाते हुए पूजा से पीछे से जा सटे और बोले ऐसे खाना बनाएगी तब तो बहुत मुश्किल होगा इसको देख रही हो कैसे उतावला हो रखा है घुसने के लिए.....वो मेरे को अपने चेहरा घुमा के चूम ली और बोली उतावला है तो घुसा दीजिए ज्यादा मेहनत नही करना पड़ेगा.....हम उसको अपने आलिंगन में लेते हुए बोले फिर खाना जलने के पूरे पूरे चांसेज है
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तो पूजा मेरे हाथ पे अपना हाथ रखती हुई अपनी कमर मेरे लंड के तरफ उचका दी और बोली खाना नही जलेगा जान बस आप कंट्रोल में रहना ओवरस्पीड करिएगा तो एक्सीडेंट पक्का है
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हम बोले अच्छा कोई नही थोड़ा देर इसको ऐसे ही रहने देते है खुद ब खुद शांत हो जायेगा....

पूजा बोली जैसा इसका मूड है हमको नही लग रहा की ये मानेगा और मेरे हाथ को ऊपर की ओर खींच कर अपनी चुचियों पे रख ली....और अपना चेहरा ऊपर हवा में कर के आंखे बंद किए मदहोश होने लगी की तभी कुकर में से एक सीटी बजी और पूजा तुरंत जैसे सपने से बाहर आई और हड़बड़ा कर कढ़ाई में छोलनी चलाने लगी क्युकी सब्जी अभी भुना नही था....पूजा हसने लगी
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बोली जान अब हमको लग रहा की खाना सच में जल जायेगा....हम भी हस्ते हुए उसके अप्रॉन में आगे से हाथ घुसा कर उसकी चूत को मसल दिए तो वो सिसकते हुए बोली आप ना एक छूवन में पागल बना देते है आह इस्श स्वीटहार्ट मान जाइए.....फिर हम उसके चूतड़ों में अपना लंड थोड़ा सा रगड़े और बोले वेट कर रहे है अपनी जान फिर हम उसको छोड़ कर रूम में चले गए जहा हम लैपटॉप में कुछ पिक्चर पड़ी थी उनमें से एक चुनने लगे जो देखेंगे....अभी कुछ ही देर हुआ था की पूजा कमरे में अपने पायल की छन छन करते आई उसने अपना एप्रॉन उतार दिया था और आ कर मेरे हाथ से लैपटॉप ले कर दूर की और मेरे गोद में दोनो पैर फैला कर बैठ गई और मेरे होंठ पे चूम ली और बोली सब्जी में पानी डाल के आई हु अपनी जान की बेताबी को दूर करने....हम उसको खुद से और सटा कर बोले तो देर किस बात का है फिर पूजा मेरे होंठ चूसने लगी जबकि हम उसकी चूचियों से खेलने लगे....एक मस्त लंबे चुम्बन के बाद वो उठते हुए बोली बाकी ब्रेक के बाद और लगभग भागते हुए किचन में चली गई.....उस दिन हमने कई बार एक दूसरे को अपने प्यार से सराबोर किया
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फिर ऐसे ही दिन बीतने लगे और दोनो कोई अब अपने नए घर के माहोल से अभ्यस्त हो गए थे....और हमे जब भी दिल करता घूमने निकल पड़ते धीरे धीरे भोपाल को हम दोनो जानने समझने लगे थे अच्छा शहर था....इसी बीच पूजा को हम गाड़ी चलाना सिखाया थोड़ा बहुत.....
ऐसे ही एक दिन हम दोनो रात को घूम कर घर आए और बिस्तर पे एक बार दंगल खेलने के बाद हम पूजा से बोले बस अब कल से एक नया चैप्टर और शुरू होगा बस सब अच्छे से चल पड़े....वो बोली सब अच्छा चल रहा है स्वीटहार्ट और हमको पता है आप अपना जॉब भी अच्छे से हैंडल करिएगा जब मुझ जैसी अलबलाही को आप इतना प्यार से संभालते है तो फिर आप कुछ भी कर सकते है
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हम उसको बोले भक्क तुम अलबलाही नही मेरी जान है जान समझी अच्छा सुनो कल से तो हम चले जाया करेंगे फिर क्या करेगी दिन भर वो आंख घुमा कर बोली आपके जाने के बाद प्यार से आपका लंच तैयार करेंगे और दोपहर में ले कर आयेंगे ना वहा फिर आपके साथ खायेंगे....हम बोले अच्छा अगर ये पॉसिबल नही हुआ तो फिर.....
तो वो बोली तो भी आप अपनी जान के लिए कुछ न कुछ जुगाड लगा ही लीजिएगा हम जानते है
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और मेरे होंठ पे चूम ली हम भी हस के बोले मतलब पूरा अच्छे से जान गई हो हमको है ना....वो बोली हुह कैसा बात करते है जान आप भी आपको नही जानेंगे तो किसको जानेंगे....फिर हम बोले अच्छा चलो ठीक है अब सो जाते है वरना कल ऑफिस के पहले दिन ही लेट नही होना चाहते फिर दोनो कोई एक दूसरे की बाहों में नए नए सपने समेटे सो गए.....
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