Hindi sex story, kamukta मेरा नाम अवधेश है मैं पटना का रहने वाला हूं पटना से मैंने अपने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और उसके बाद में नौकरी करने के लिए दिल्ली चला आया दिल्ली में मुझे 10 वर्ष हो चुके हैं 10 वर्षों में मैंने अपने जीवन में बहुत ही मेहनत की है। मेरी शादी भी हो चुकी है और मेरी शादी को लगभग 7 वर्ष हो चुके हैं मैं जिस कंपनी में जॉब करता हूं उसमें मैं मार्केटिंग का काम देखता हूं ऑफिस में सार्थक और मेरे बीच में बहुत अच्छी दोस्ती है। सार्थक लखनऊ का रहने वाला है उससे मेरी मुलाकात आज से 5 वर्ष पहले हमारे ऑफिस में हुई थी हम दोनों की दोस्ती बहुत ही गहरी है हम दोनों ज्यादातर समय एक साथ ही गुजारते हैं। सार्थक का परिवार मुझे अच्छी तरीके से पहचानता है सार्थक का परिवार उसके साथ दिल्ली में ही रहता है वह लोग दिल्ली में ही सेटल हो चुके हैं सार्थक भी कई बार हमारे घर पर आता रहता है।
एक दिन मैं और सार्थक अपने ऑफिस में बैठकर काम कर रहे थे तभी हमारे बॉस ने हमें अपने केबिन में बुलाया हम दोनों से उन्होंने कहा कि तुम बहुत ही अच्छे से काम कर रहे हो और मैं तुम्हारे काम से बहुत खुश हूं। हम लोग अपने काम को बहुत ही जी जान से करते हैं और पूरी मेहनत के साथ हम लोग अपना काम करते है हमारे बॉस कहने लगे कि अगले हफ्ते हम लोगों ने एक मीटिंग रखी है उसमें तुम्हें भी आना है वह मीटिंग हमारे ऑफिस में ही होने वाली थी। अगले हफ्ते हम लोग मीटिंग में चले गए उस दिन हमारे ऑफिस के सारे लोग आए हुए थे और हमारी कंपनी ने एक नया प्रोडक्ट लॉन्च किया था उसको हम लोग मार्केट में उतारने वाले थे उसी के लिए हमारे ऑफिस में मीटिंग थी। सब लोग अपनी अपनी राय दे रहे थे और मैंने भी जब अपनी राय अपने बॉस के सामने रखी तो उन्हें बहुत पसंद आई वह कहने लगे हम लोग ऐसे ही इस प्रोडक्ट को मार्केट में उतारेंगे उन्हें मुझ पर पूरा भरोसा था। जब मीटिंग खत्म हुई तो उन्होंने मुझे अपने केबिन में बुलाया और कहा अवधेश मैं चाहता हूं कि तुम अपनी पूरी मेहनत लगा दो ताकि कंपनी को इससे फायदा हो मैंने अपने बॉस से कहा सर आप बिल्कुल निश्चिंत रहिए हमसे जितना ज्यादा हो सकेगा हम लोग इस प्रोडक्ट की सेल करेंगे।
उसके बाद हम लोगों ने उस प्रोडक्ट के ऊपर पूरी मेहनत करनी शुरू कर दी कुछ ही समय बाद वह मार्केट में चल पड़ा और उसकी काफी अच्छी डिमांड आने लगी। मेरे बॉस मेरे काम से बहुत ज्यादा खुश थे वह कहने लगे अवधेश मैं तुम्हारे काम से बहुत खुश हूं और सार्थक ने भी तुम्हारे साथ पूरी मेहनत से काम किया। हमारे बॉस ने हमें कहा कि तुम दोनों कहीं घूम आओ हम दोनों के लिए उन्होंने गोवा की टिकट बुक कर दी और हम दोनों गोवा जाने के लिए तैयार हो गए लेकिन हम अपने परिवार को अपने साथ नहीं ले जा सकते थे इसलिए हम दोनों को ही वहां जाना पड़ा। सार्थक और मैं बहुत खुश थे हम दोनों ने दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट ली और उसके बाद हम लोग गोवा एयरपोर्ट पर जब लैंड हुए वहां से हम लोगो को होटल की कार ने रिसीव किया और हम लोग होटल में चले गए। मैं और सार्थक बहुत खुश थे हम दोनों ने उस प्रोडक्ट को लेकर बहुत ज्यादा मेहनत की थी इसलिए हमारे बॉस ने हमें घूमने का ऑफर अपनी तरफ से ही दिया था। जब हम लोग होटल में पहुंचे तो वहां पर हम लोगों ने आराम किया होटल काफी बड़ा था और सारी व्यवस्थाएं वहां पर अच्छे से थी वहां का स्टाफ भी बहुत अच्छा था मैंने अपनी पत्नी को फोन किया और कहा हम लोग यहां पहुंच चुके हैं। मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि आप वहां पर अकेला अकेले इंजॉय कर रहे हैं और हम लोगों को आपने अपने साथ आने का मौका तक नहीं दिया। मैंने अपनी पत्नी से कहा ऐसी कोई बात नहीं है तुम्हें तो मालूम है कि यह ऑफर हमें हमारे बॉस ने दिया है वह मैं भला उन्हें कैसे कह सकता था कि हमें अपने परिवार को भी अपने साथ लेकर जाना है। मेरी पत्नी मुझे कहने लगी मैं तो आपके साथ मजाक कर रही थी आप पूरा इंजॉय कीजिए। मेरी पत्नी ने फोन रख दिया तो सार्थक मुझे कहने लगा क्या भाभी का फोन था मैंने सार्थक से कहा तुम्हारी भाभी का फोन था वह कह रही थी कि आप लोग तो अकेले ही चले गए।
सार्थक मुझे कहने लगा कोई बात नहीं अगली बार भाभी को भी कही आपने साथ टूर पर ले चलेंगे, हम दोनों जिस होटल में रुके हुए थे वहां पर हमरी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई वह व्यक्ति बड़े ही अच्छे थे उनसे हमारी बात काफी देर तक हुई। हमने उनसे पूछा आप कहां से आए हुए हैं वह कहने लगे कि मैं मुंबई से आया हूं और मेरे साथ और भी लोग हैं, क्या आप लोग हमारे साथ पार्टी ज्वाइन करेंगे। मैंने उन्हें कहा क्यों नहीं हम दोनों को तो वैसे भी अकेला सा महसूस हो रहा था क्योंकि सार्थक और मैं ज्यादातर समय तो ऑफिस में साथ में ही रहते हैं और फिर हम लोगों ने उनके साथ उनकी पार्टी जॉइन की। उनके साथ में काफी लोग थे उन व्यक्ति का नाम कल्पेश था उन्होंने मुझे और सार्थक को अपने दोस्तों से मिलवाया मैंने कल्पेश से पूछा आप लोग तो यहां पर घूमने आए होंगे। वह कहने लगे यह हमारे कॉलेज के समय का ग्रुप है और हम लोग यहां पर एंजॉय करने के लिए आए हुए हैं मैंने उन्हें कहा आप लोगों के साथ तो आप के और भी दोस्त होंगे वह कहने लगे हां अभी कुछ लोग और आने वाले हैं। उनके साथ उनकी फैमिली भी है और हम लोगों ने इसी होटल के हॉल में सारी पार्टी का आरेंजमेंट किया हुआ है आप लोग भी हमारे साथ हमें जॉइन कर सकते हैं।
मैंने उन्हें कहा हां क्यों नही, मैंने उन्हें कहा कल्पेश जी आप तो बड़े ही मजेदार और रंगीन मिजाज आदमी है वह कहने लगे हां मेरा नेचर दरअसल ऐसा ही है मैं सबके साथ घुल मिल जाता हूं और आप हमारी पार्टी को एंजॉय करेंगे तो आपको भी बहुत अच्छा लगेगा। वह कहने लगे हम लोग 15 साल बाद एक दूसरे से मिल रहे हैं मैंने उन्हें कहा अरे यह तो बड़ी खुशी की बात है कि आप लोग कम से कम इतने सालों बाद एक दूसरे से संपर्क में तो हैं। वह कहने लगे कि आप ड्रिंक भी करते हैं मैंने कहा हां मैं और सार्थक कभी कभी ड्रिंक कर लेते हैं वह कहने लगे यहां पर तो आप को ड्रिंक करनी पड़ेगी मैंने कहा सर आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं। हम लोगों ने कुछ उनके साथ बिताया और उसके बाद हम लोग वहां से घूमने के लिए निकल गए जब शाम को हम लोग लौटे तो कल्पेश मुझे मिले और कहने लगे आप लोग तैयार हो जाएगा रात को यहां पर हम लोगों ने प्रोग्राम रखा है आप यहां आ जायेगा। मैंने उन्हें कहा ठीक है हम लोग रात के समय आ जाएंगे। रात को हम लोग तैयार हो गए हम लोग जैसे ही बाहर आए तो वहां पर लाइट म्यूजिक लगा हुआ था और बाहर से काफी अच्छी सजावट की हुई थी। मुझे कल्पेश जी मिले और उन्होंने मुझे अपने दोस्तों से भी मिलवाया हम उनकी पार्टी को पूरा एंजॉय कर रहे थे हम दोनों इस बात से खुश थे कि कम से कम हम लोगों को कल्पेश जी का साथ तो मिल चुका है। हम लोग भी पार्टी का पूरा एंजॉय कर रहे थे तभी पार्टी मे मुझे एक सेक्सी सी भाभी दिखी उन्होंने साड़ी पहनी हुई थी उसमें वह बड़ी हॉट लग रही थी उनकी पतली कमर को मैं देखकर उन्हीं की तरफ देखता जाता। काफी देर तक तो उन्होंने मेरी तरफ नहीं देखा लेकिन जब वह मुझे देखने लगी तो मैंने उन्हें अपनी आंखों से इशारा किया और वह मुझसे मिलने के लिए होटल के पीछे चली आई। जब वह मुझसे मिलने आई तो वह मुझे कहने लगी आपकी नशीली आंखें देखकर मैं अपने दिल पर काबू नहीं रख पाई मैंने उन्हें कहा आपकी पतली कमर को देखकर तो मैं भी बेचैन हो गया हूं।
मैंने उन्हें होटल के पीछे ही किस किया लेकिन मुझे यह डर था कहीं कोई हमें देख ना ले इसलिए मैं उन्हें रूम में लेकर चला गया चाबी मेरे पास ही थी। मैं उन्हें अपने साथ ले आया था मैंने जैसे ही भाभी को रूम में लाया तो मैंने अपने लंड को बाहर निकाला वह मेरे लंड को बहुत अच्छे से सकिंग करने लगी उन्होंने अपने गले तक मेरे लंड को ले लिया था और उसे अच्छे से चूसने लगी। वह मेरे लंड को बड़े ही अच्छे से अपने मुंह के अंदर ले रही थी जिससे कि हम दोनों के अंदर बेचैनी जागने लगी थी और मुझे भी बहुत मजा आने लगा था। मैंने जब उनकी साड़ी को उतारा तो उनके काले रंग की पैंटी देखकर मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया मैंने उनके दोनों पैरों को चौड़ा करते हुए उनकी चूत को चाटना शुरू किया उनकी रसीली चूत को चाटने में मुझे बड़ा आनंद आ रहा था उनकी चूत में एक भी बाल नहीं था। जैसे ही मैंने अपने लंड को उनकी योनि के अंदर डाला तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी आपका लंड तो बहुत मोटा है। मैने उन्हे कहा आपके पति का इतना मोटा नहीं है तो वह कहने लगी नहीं उनका लंड तो बहुत छोटा सा है लेकिन आपका लंड लेने में तो मुझे मजा आ रहा है। उन्होंने अपने मुंह से मादक आवाज निकालनी शुरू की जिससे कि मेरी उत्तेजना और भी ज्यादा बढ़नी शुरू हुई मैं उन्हे धक्के मारता जा रहा था। सार्थक दरवाजा खटखटाने लगा मैंने उन्हें तेजी से धक्के दिए जैसे ही मेरा वीर्य पतन होने वाला था तो मैंने उनके मुंह के अंदर अपने सारे वीर्य को गिरा दिया। मैंने दरवाजा खोलो तो सार्थक मुझे कहने लगा अवधेश क्या तुम अकेले ही भाभी की चूत के मजे लोगे तुम तो अपनी दोस्ती को भी भूल गए। मैंने उसे कहा तुम आ जाओ वह भी भाभी को चोदने लगा उसने भी भाभी की चूत का भोसड़ा बना दिया हम दोनों ने भाभी की चूत के मजे लिया और गोवा में भी हम लोग ने जमकर एंजॉय किया।
एक दिन मैं और सार्थक अपने ऑफिस में बैठकर काम कर रहे थे तभी हमारे बॉस ने हमें अपने केबिन में बुलाया हम दोनों से उन्होंने कहा कि तुम बहुत ही अच्छे से काम कर रहे हो और मैं तुम्हारे काम से बहुत खुश हूं। हम लोग अपने काम को बहुत ही जी जान से करते हैं और पूरी मेहनत के साथ हम लोग अपना काम करते है हमारे बॉस कहने लगे कि अगले हफ्ते हम लोगों ने एक मीटिंग रखी है उसमें तुम्हें भी आना है वह मीटिंग हमारे ऑफिस में ही होने वाली थी। अगले हफ्ते हम लोग मीटिंग में चले गए उस दिन हमारे ऑफिस के सारे लोग आए हुए थे और हमारी कंपनी ने एक नया प्रोडक्ट लॉन्च किया था उसको हम लोग मार्केट में उतारने वाले थे उसी के लिए हमारे ऑफिस में मीटिंग थी। सब लोग अपनी अपनी राय दे रहे थे और मैंने भी जब अपनी राय अपने बॉस के सामने रखी तो उन्हें बहुत पसंद आई वह कहने लगे हम लोग ऐसे ही इस प्रोडक्ट को मार्केट में उतारेंगे उन्हें मुझ पर पूरा भरोसा था। जब मीटिंग खत्म हुई तो उन्होंने मुझे अपने केबिन में बुलाया और कहा अवधेश मैं चाहता हूं कि तुम अपनी पूरी मेहनत लगा दो ताकि कंपनी को इससे फायदा हो मैंने अपने बॉस से कहा सर आप बिल्कुल निश्चिंत रहिए हमसे जितना ज्यादा हो सकेगा हम लोग इस प्रोडक्ट की सेल करेंगे।
उसके बाद हम लोगों ने उस प्रोडक्ट के ऊपर पूरी मेहनत करनी शुरू कर दी कुछ ही समय बाद वह मार्केट में चल पड़ा और उसकी काफी अच्छी डिमांड आने लगी। मेरे बॉस मेरे काम से बहुत ज्यादा खुश थे वह कहने लगे अवधेश मैं तुम्हारे काम से बहुत खुश हूं और सार्थक ने भी तुम्हारे साथ पूरी मेहनत से काम किया। हमारे बॉस ने हमें कहा कि तुम दोनों कहीं घूम आओ हम दोनों के लिए उन्होंने गोवा की टिकट बुक कर दी और हम दोनों गोवा जाने के लिए तैयार हो गए लेकिन हम अपने परिवार को अपने साथ नहीं ले जा सकते थे इसलिए हम दोनों को ही वहां जाना पड़ा। सार्थक और मैं बहुत खुश थे हम दोनों ने दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट ली और उसके बाद हम लोग गोवा एयरपोर्ट पर जब लैंड हुए वहां से हम लोगो को होटल की कार ने रिसीव किया और हम लोग होटल में चले गए। मैं और सार्थक बहुत खुश थे हम दोनों ने उस प्रोडक्ट को लेकर बहुत ज्यादा मेहनत की थी इसलिए हमारे बॉस ने हमें घूमने का ऑफर अपनी तरफ से ही दिया था। जब हम लोग होटल में पहुंचे तो वहां पर हम लोगों ने आराम किया होटल काफी बड़ा था और सारी व्यवस्थाएं वहां पर अच्छे से थी वहां का स्टाफ भी बहुत अच्छा था मैंने अपनी पत्नी को फोन किया और कहा हम लोग यहां पहुंच चुके हैं। मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि आप वहां पर अकेला अकेले इंजॉय कर रहे हैं और हम लोगों को आपने अपने साथ आने का मौका तक नहीं दिया। मैंने अपनी पत्नी से कहा ऐसी कोई बात नहीं है तुम्हें तो मालूम है कि यह ऑफर हमें हमारे बॉस ने दिया है वह मैं भला उन्हें कैसे कह सकता था कि हमें अपने परिवार को भी अपने साथ लेकर जाना है। मेरी पत्नी मुझे कहने लगी मैं तो आपके साथ मजाक कर रही थी आप पूरा इंजॉय कीजिए। मेरी पत्नी ने फोन रख दिया तो सार्थक मुझे कहने लगा क्या भाभी का फोन था मैंने सार्थक से कहा तुम्हारी भाभी का फोन था वह कह रही थी कि आप लोग तो अकेले ही चले गए।
सार्थक मुझे कहने लगा कोई बात नहीं अगली बार भाभी को भी कही आपने साथ टूर पर ले चलेंगे, हम दोनों जिस होटल में रुके हुए थे वहां पर हमरी मुलाकात एक व्यक्ति से हुई वह व्यक्ति बड़े ही अच्छे थे उनसे हमारी बात काफी देर तक हुई। हमने उनसे पूछा आप कहां से आए हुए हैं वह कहने लगे कि मैं मुंबई से आया हूं और मेरे साथ और भी लोग हैं, क्या आप लोग हमारे साथ पार्टी ज्वाइन करेंगे। मैंने उन्हें कहा क्यों नहीं हम दोनों को तो वैसे भी अकेला सा महसूस हो रहा था क्योंकि सार्थक और मैं ज्यादातर समय तो ऑफिस में साथ में ही रहते हैं और फिर हम लोगों ने उनके साथ उनकी पार्टी जॉइन की। उनके साथ में काफी लोग थे उन व्यक्ति का नाम कल्पेश था उन्होंने मुझे और सार्थक को अपने दोस्तों से मिलवाया मैंने कल्पेश से पूछा आप लोग तो यहां पर घूमने आए होंगे। वह कहने लगे यह हमारे कॉलेज के समय का ग्रुप है और हम लोग यहां पर एंजॉय करने के लिए आए हुए हैं मैंने उन्हें कहा आप लोगों के साथ तो आप के और भी दोस्त होंगे वह कहने लगे हां अभी कुछ लोग और आने वाले हैं। उनके साथ उनकी फैमिली भी है और हम लोगों ने इसी होटल के हॉल में सारी पार्टी का आरेंजमेंट किया हुआ है आप लोग भी हमारे साथ हमें जॉइन कर सकते हैं।
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