आशा के साथ बिताये कुछ सुनहरे पल

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Desi kahani, antarvasna: मुझे काफी दिन हो गये थे मैं पापा और मम्मी से मिला भी नहीं था तो मैंने सोचा कि क्यों ना अपने ऑफिस से कुछ दिनों की छुट्टी ले लूँ और कुछ दिनों के लिए अपने घर लखनऊ चला जाऊं। मैंने भी अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली और कुछ दिनों के लिए मैं अपने घर लखनऊ चला गया। जब मैं लखनऊ के लिए निकला तो मैं फ्लाइट में बैठा फ्लाइट में मेरे बगल में ही एक लड़की बैठी हुई थी जो कि बहुत ज्यादा परेशान नजर आ रही थी।

मैंने काफी देर तक तो उससे बात नहीं की लेकिन फिर मैंने जब उसे अपना परिचय दिया तो उसने भी मुझसे बात की। हालांकि मैंने उससे यह तो नहीं पूछा कि उसकी परेशानी की क्या वजह है लेकिन उससे मेरी थोड़ी बहुत तो बातें हो गयी थी। जब मैं लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचा तो वहां पर मुझे पापा लेने के लिए आए। पापा और मैं अपने घर पर आये तो मैं बहुत खुश था काफी दिनों के बाद पापा और मम्मी से मिलना मेरे लिए सुखद एहसास था और मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जिस तरीके से पापा के साथ में बैठा हुआ था और उनसे बाते कर रहा था। थोड़ी देर तक मैंने पापा से बातें की और उसके बाद मां ने कहा कि राजेश बेटा तुम कुछ खा लो मैंने मां से कहा नही मां रहने दो अभी मेरा मन नहीं है।

उस दिन पापा और मम्मी के साथ मैंने काफी बातें की और समय का पता ही नहीं चला कि कब रात हो गई। मुझे अपने घर पर बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था और मैं काफी खुश था कि जिस तरीके से मैं पापा और मम्मी के साथ में समय बिता पा रहा था। कुछ दिनों के लिए हम लोग घूमने के लिए भी कहीं बाहर जाना चाहते थे तो मैंने पापा से कहा कि पापा क्यों ना आप भी कुछ दिनों के अपने ऑफिस से छुट्टी ले ले और हम लोग शिमला घूमने का प्लान बना ले।

पापा ने कहा कि हां बेटा हम लोग शिमला घूमने के लिए जा सकते हैं और अब हम लोगों ने शिमला जाने का प्लान बना लिया था। मैंने अपने ऑफिस से 15 दिनों की छुट्टी ली थी और मैं घर पर भी अकेले बोर हो रहा था तो मैंने पापा से कहा तो पापा ने भी ऑफिस से छुट्टी ले ली और उसके बाद हम लोग शिमला घूमने के लिए चले गए। हम लोगों का यह फैमिली टूर बहुत ही अच्छा रहा और मैं बड़ा खुश था जिस तरीके से मैं अपनी फैमिली के साथ में समय बिता पाया था और पापा मम्मी भी बहुत ज्यादा खुश थे क्योंकि इतने सालों बाद वह लोग भी साथ में कहीं घूमने के लिए गए थे।

शिमला में कब हम लोगों का समय बीत गया कुछ पता ही नहीं चला वहां पर हम लोग करीब 4 दिनों तक रहे और चार दिनों का कुछ पता ही नहीं चला। अब हम लोग वापस लखनऊ लौट आए थे और जब हम लोग लखनऊ लौटे तो मां ने मुझसे कहा कि राजेश बेटा हम लोगों को कल शादी में जाना है तो तुम भी हमारे साथ शादी में चलना। मैंने मां से पूछा कि मां किसकी शादी है तो मां ने कहा कि तुम्हारे पापा के एक फ्रेंड है उनकी बेटी की शादी है हम लोगों को वहां जाना है। मैंने मां से कहा ठीक है मां मैं भी कल आप लोगों के साथ चलूंगा और अगले दिन जब हम लोग शादी में गए तो वहां पर मुझे पापा ने अपने दोस्तों से मिलवाया।

मेरी नजर बार-बार उस लड़की की तरफ जा रही थी जो अपनी मां के साथ बैठी हुई थी वह मेरे बिल्कुल सामने ही बैठी हुई थी और पापा मुझे अपने दोस्तों से मिलवा रहे थे मैं उसे बार-बार देखे जा रहा था। मैं उस लड़की की तरफ देख रहा था मुझे यह बात नहीं मालूम थी कि मुझे यहां पर वही लड़की मिल जाएगी जो मुझे फ्लाइट में मिली थी। मुझे जब आशा मिली तो मैं आशा को मिलकर बड़ा खुश था आशा और मैं एक दूसरे से बातें करने लगे। आशा ने मुझे कहा कि क्या तुम यहां अपनी फैमिली के साथ आए हुए हो तो मैंने आशा से कहा कि हां मैं यहां पर अपनी फैमिली के साथ आया हूं।

मैंने आशा को अपने पापा मम्मी से मिलवाया और मैंने उन्हें बताया कि मुझे आशा फ्लाइट में मिली थी। आशा और मैं साथ में बैठे हुए थे मैंने आशा को कहा तुम किसके साथ आई हुई हो तो उसने मुझे बताया कि वह अपने भैया के साथ आई है। उसके भैया से जब मैं मिला तो उनसे मिलकर मुझे बहुत ही अच्छा लगा मैं उनसे बातें करने लगा। हम लोगो की काफी देर तक बातें हुई मुझे आशा ने बताया कि वह भी मुंबई में ही जॉब करती है यह बात मुझे नहीं मालूम थी लेकिन मैंने आशा को कहा कि अब तुम मुंबई कब वापस जा रही हो।

आशा मुझे कहने लगी कि मैं जल्द ही मुंबई जाऊंगी और उसके कुछ दिनों के बाद वह मुंबई चली गई थी। मैं मुंबई लौटा तो मेरे पास आशा का नंबर था और हम लोग मुंबई में एक दूसरे को मिलने लगे थे। मैं जब भी आशा को मिलता तो मुझे बहुत अच्छा लगता और उसे भी काफी अच्छा लगता था क्योंकि हम दोनों की बहुत अच्छी दोस्ती हो चुकी थी। आशा और मेरी काफी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी इसलिए मैंने उससे उस बारे में पूछा जब वह मुझे पहली बार मिली थी और वह उदास बैठी थी, आशा ने मुझे बताया कि उस वक्त उसके ऑफिस में काम करने वाले विजय के साथ में उसका रिलेशन चल रहा था लेकिन उन दोनों का ब्रेकअप हो चुका है वह दोनों एक दूसरे से अलग हो चुके हैं।

मैंने आशा को कहा क्या तुमने अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप कर लिया है तो आशा ने मुझे बताया कि हां हम दोनों ने एक दूसरे से ब्रेकअप कर लिया है और हम दोनों अब एक दूसरे से अलग हैं। मैंने आशा को कहा आखिर तुम लोगों के अलग होने की वजह क्या थी तो आशा ने मुझे उस दिन सारी बात बताई और कहने लगी कि हम दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा था वह मुझ पर बहुत ज्यादा शक करता था जिस वजह से उसे लगा कि हम दोनों को साथ में नहीं रहना चाहिए इसलिए आशा ने उससे अलग होने का फैसला कर लिया था।

आशा ने अपना ऑफिस भी छोड़ दिया था जिसमें वह पहले जॉब करती थी आशा अब दूसरी जगह जॉब करने लगी थी। मैं और आशा एक दूसरे को मिलते ही थे और हम दोनों की काफी अच्छी दोस्ती थी इसलिए आशा मुझसे हर एक बात को शेयर कर लिया करती थी। जब भी वह मुझसे कुछ बातों को शेयर करती तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता था कि हम दोनों एक दूसरे को अब बहुत ही अच्छे से समझने लगे हैं। एक दिन मैं और आशा डिनर करने के लिए गए। उस दिन हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम बिताया। मैंने आशा को कहा तुम मेरे साथ मेरे घर पर चलो। आशा कहने लगी नहीं राजेश में चली जाऊंगी क्योंकि काफी रात हो चुकी थी इसलिए मैं चाहता था आशा मेरे साथ ही चले।

उस दिन मैंने आशा को अपने साथ आने के लिए कहा वह मेरी बात मान गई। वह मेरे साथ आ गई जब वह घर पर आई हम दोनों घर पर अकेले थे। मैं दूसरे रूम में लेटा हुआ था आशा कपड़े चेंज कर रही थी मैं जैसे ही कमरे में गया तो आशा ने दरवाजा लॉक नहीं किया था जिससे कि मुझे आशा का पूरा नंगा बदन दिख गया। उसके गोरे बदन को देख मेरा लंड खड़ा हो चुका था। मैंने उससे इस बात के लिए माफी मांगी उसने कहा कोई बात नहीं।

मेरे मन में आशा के साथ सेक्स करने के बारे में चलने लगा था आशा मेरे साथ बैठी हुई थी। आशा मुझे कहने लगी मुझे नींद नहीं आ रही है मैंने आशा को कहा मुझे भी नींद नहीं आ रही है। जब मैंने आशा की जांघ पर अपने हाथ को रखा मेरा लंड खड़ा होने लगा था मैं उसकी जांघ को सहलाने लगा था मुझे अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मै उसकी जांघ को सहला रहा था और उसकी गर्मी को बढाए जा रहा था। मैंने आशा की गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था आशा पूरी तरीके से गर्म होने लगी थी। उसकी गर्मी इतनी बढ़ चुकी थी वह मेरी बाहों में आ गई जब वह मेरी बाहों में आई तो मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया।

अब वह बिस्तर पर लेट गई थी उसने मुझे अपने बदन को सौंप दिया था मैं उसके होंठों को चूमने लगा था वह गरम होने लगी थी। उसका बदन की गर्मी बहुत ज्यादा बढ रही थी हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे। वह मुझे बोली मुझे मजा आने लगा है मुझे भी बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरी गर्मी को बढा रही थी। हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढाते जा रहे थे। जब हम दोनों की गर्मी बढ़ने लगी मैंने अपने लंड को आशा के सामने किया। जब मैंने ऐसा किया तो वह गर्म होने लगी थी। मैंने आशा की गर्मी को पूरी तरीके से बढा कर रख दिया है वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी उससे वह बहुत ज्यादा गर्म होती चली गई। मैंने उसकी चूत पर अपनी उंगली को लगाया उसकी योनि से बहुत ज्यादा गर्म पानी निकलने लगा था।

मैंने उसकी योनि के अंदर अपने लंड को डालने का फैसला कर लिया था मै आशा की चूत में लंड को डालने के लिए तैयार था। मैंने जैसे ही आशा की चूत पर अपने लंड को लगाया वह तड़पने लगी। मैंने धीरे-धीरे करके उसकी योनि में लंड को घुसा दिया था। मेरा मोटा लंड उसकी योनि के अंदर जाते ही वह बहुत जोर से चिल्ला कर मुझे बोली मेरी चूत से खून निकल आया है। मैंने आशा की चूत की ओर देखा तो उसकी चूत से खून निकल रहा था।

उसकी योनि से बहुत ही ज्यादा अधिक मात्रा में खून निकलने लगा था मुझे बड़ा मजा आने लगा था जब मैं आशा को चोद रहा था। हम दोनो एक दूसरे के साथ अच्छे से सेक्स कर रहे थे। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ काफी देर तक सेक्स किया जब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे तो हम दोनों की गर्मी बढ़ती जा रही थी। मै पूरी तरीके से गर्म होता जा रहा था मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ रही थी। मैं उसको बड़ी तेज गति से धक्के मारे जा रहा था।

मै उसे जिस तेज गति से धक्के मार रहा था उससे मुझे मज़ा आ रहा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था। मैंने और आशा ने जमकर सेक्स किया हम दोनों को बडा ही मजा आया जिस तरह से हमने साथ में सेक्स किया। मेरे वीर्य की पिचकारी आशा की चूत मे गिरने को तैयार थी। जैसे ही आशा की चूत मे माल गिरा तो मुझे मजा आ गया था और आशा को भी मजा आ गया था जब हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स किया था।
 
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