Antarvasna, hindi sex story: मैं और प्रभावी साथ में बैठे हुए थे प्रभावी मुझसे कहने लगी कि अमित मैं कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी से मिल आती हूं। मैंने प्रभावी को कहा कि ठीक है तुम कुछ दिनों के लिए पापा मम्मी को मिल आओ और वह अगले दिन पापा मम्मी को मिलने के लिए चली गई। मैं घर पर ही था मैं प्रभावी को छोड़ कर वापस लौट आया था और जब मैं घर वापस लौटा तो मां ने मुझसे कहा कि बेटा तुम मेरे साथ तुम्हारे मामा जी के घर चलो। मैंने मां को कहा ठीक है मां मैं आपके साथ में चलता हूं और मैं उस दिन मां के साथ मामा जी के घर पर चला गया। जब मैं और मां मामा जी के घर पर गए तो हम लोगों को वहां से लौटने में देरी हो गई थी हम लोगों ने उन्हीं के घर पर खाना खा लिया था। पिताजी के देहांत के बाद मां ने ही मेरी देखभाल की और उन्होंने ही मेरी परवरिश की है मां ने कभी भी मुझे किसी चीज की कोई कमी महसूस नहीं होने दी मां हमेशा ही मेरा बहुत ध्यान रखा करती।
मेरी शादी हो जाने के बाद मैं नहीं चाहता था कि किसी भी प्रकार से मां को कोई भी परेशानी हो मैं मां का पूरा ध्यान रखता हूं और जितना हो सकता है उतना मैं उनकी देखभाल किया करता हूं। मेरी पत्नी प्रभावी भी मां का बहुत ध्यान रखती है मेरी जिंदगी में भी सब कुछ अच्छे से चल रहा है और मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं जिस तरीके से मेरी जिंदगी में सारी खुशियां लौट आई है। मैं अपनी मां और अपनी पत्नी को हर वह खुशियां देना चाहता हूं जो वह चाहती है। प्रभावी भी अब अपने मायके से वापस लौट आई थी और वह घर पर ही ज्यादा समय रहा करती थी। प्रभावी अकेले घर पर बोर हो जाया करती थी तो एक दिन प्रभावी ने मुझसे कहा कि अमित मैं चाहती हूं कि मैं कहीं जॉब कर लूं। मैंने प्रभावी को कहा कि लेकिन तुम्हें जॉब करने की जरूरत क्या है परंतु प्रभावी मेरी बात नहीं मानी और वह कहने लगी कि मुझे लग रहा है कि मुझे जॉब करनी चाहिए।
मैंने भी प्रभावी की बात को मान लिया और मैंने उसे जॉब करने के लिए कहा तो वह भी अब जॉब करने लगी थी। प्रभावी जॉब करने लगी थी और जब वह शाम के वक्त घर लौटती तो हम दोनों हमेशा ही साथ में समय बिताया करते थे और एक दूसरे के साथ हम लोग बातें किया करते। काफी दिनों से हम लोग कहीं घूमने के लिए भी नहीं गए थे तो मैंने सोचा कि क्यों ना मैं प्रभावी को अपने साथ कहीं घुमाने के लिए लेकर जाऊं। मैं प्रभावी को अपने साथ घुमाने के लिए ले गया उस दिन हम दोनों ने साथ में मूवी देखी और जब हम दोनों ने साथ में मूवी देखी तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लग रहा था जिस तरीके मैं और प्रभावी एक दूसरे के साथ में थे। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ उस दिन बहुत ही अच्छा समय बिताया था।
प्रभावी मेरा ध्यान बहुत ही अच्छे से रखा करती और हम दोनों के बीच प्यार भी बहुत ज्यादा प्यार है। प्रभावी और मैं उस दिन रात के वक्त वापस लौट आए थे और जब हम लोग वापस लौटे तो हम लोग बाहर से ही खाना ले आए थे। हम दोनों ने बाहर खाना खा लिया था इसलिए हम लोग मां के लिए खाना पैक करवा कर ले आए थे तो मां ने भी खाना खा लिया था। प्रभावी को अगले दिन अपने ऑफिस जल्दी जाना था तो वह मुझे कहने लगी कि अमित मुझे कल ऑफिस जल्दी जाना है। मैंने प्रभावी को कहा कि लेकिन तुम ऑफिस से वापस कब लौटोगी तो प्रभावी ने मुझे कहा कि मैं ऑफिस से जल्दी वापस लौट आऊंगी। अगले दिन प्रभावी को सुबह जल्दी ऑफिस जाना था इसलिए मुझे ही उसको ऑफिस छोड़ कर आना पड़ा। मैंने प्रभावी को ऑफिस छोड़ा और फिर मैं घर वापस लौटा तो उसके बाद मैं भी अपने ऑफिस जाने की तैयारी कर रहा था। मां ने नाश्ता बना दिया था और नाश्ता करने के बाद मैं अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा।
जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन मुझे ऑफिस में काफी ज्यादा काम था इसलिए मुझे घर लौटते वक्त देर हो गई थी। जब मैं घर लौटा तो मुझे प्रभावी ने कहा कि आज आप ऑफिस से बहुत देरी से आ रहे हैं तो मैंने प्रभावी को कहा कि हां मुझे ऑफिस से आने में देर हो गई। प्रभावी और मैं दोनों ही साथ में बैठकर बातें कर रहे थे। हम दोनों एक दूसरे के साथ बैठकर बातें कर रहे थे जब हम दोनों एक दूसरे के साथ बातें कर रहे थे तो हम दोनों को अच्छा लग रहा था और हम दोनों ही बड़े खुश भी थे। मेरा मन प्रभावी के साथ सेक्स करने का था। मैंने प्रभावी के बदन को महसूस करना शुरू कर दिया था वह गर्म होने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुमने पूरी तरीके से बढा कर रख दिया है। मैं और प्रभावी एक दूसरे की गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा चुके थे मैंने प्रभावी से कहा मैं तुम्हारे स्तनों को चूसना चाहता हूं। प्रभावी ने अपने कपड़े उतार दिए और उसके स्तनों को मैंने अपने हाथों में ले लिया था। उसके स्तन मेरे हाथों में थे मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था प्रभावी को भी बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे।
हम दोनों पूरी तरीके से तड़पने लगे थे मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने प्रभावी से कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा। वह भी तड़प रही थी उसने मेरे सामने अपने पैरों को खोला। जब उसने अपने पैरों को खोला तो मैं समझ चुका था वह मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार है। मैंने प्रभावी की चूत में अपने लंड को घुसा दिया था। मैंने जैसे ही उसकी योनि में अपने लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई। यह पहली बार था जब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तड़प रहे थे। मैं प्रभावी को तेजी से धक्के मारने लगा था जिससे वह बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी थी और उसकी तडप बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने प्रभावी को तेजी से धक्के दिए जा रहा था। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे।
मैंने प्रभावी से कहा मुझे अच्छा लग रहा है मैं उसको तेजी से धक्के मार रहा था वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी। हम दोनों बहुत ज्यादा तड़पने लगे थे मैं पूरी तरीके से गर्म हो चुका था। हमारी तडप बढ़ने लगी थी मैं प्रभावी को तेजी से धक्के मारता तो वह जोर से सिसकारियां लेकर मुझे कहती मुझे अच्छा लग रहा है। हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे प्रभावी ने अपने पैरों को आपस में मिला लिया था जिससे मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आने लगा था। मुझे 5 मिनट के बाद एहसास होने लगा मैं रह नहीं पाऊंगा मैंने प्रभावी की योनि में अपने माल को गिरा दिया। उसकी योनि में अपने माल को गिराने के बाद मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स संबंध बनाए थे और एक दूसरे की गर्मी को शांत कर दिया था।
मेरी शादी हो जाने के बाद मैं नहीं चाहता था कि किसी भी प्रकार से मां को कोई भी परेशानी हो मैं मां का पूरा ध्यान रखता हूं और जितना हो सकता है उतना मैं उनकी देखभाल किया करता हूं। मेरी पत्नी प्रभावी भी मां का बहुत ध्यान रखती है मेरी जिंदगी में भी सब कुछ अच्छे से चल रहा है और मैं बहुत ही ज्यादा खुश हूं जिस तरीके से मेरी जिंदगी में सारी खुशियां लौट आई है। मैं अपनी मां और अपनी पत्नी को हर वह खुशियां देना चाहता हूं जो वह चाहती है। प्रभावी भी अब अपने मायके से वापस लौट आई थी और वह घर पर ही ज्यादा समय रहा करती थी। प्रभावी अकेले घर पर बोर हो जाया करती थी तो एक दिन प्रभावी ने मुझसे कहा कि अमित मैं चाहती हूं कि मैं कहीं जॉब कर लूं। मैंने प्रभावी को कहा कि लेकिन तुम्हें जॉब करने की जरूरत क्या है परंतु प्रभावी मेरी बात नहीं मानी और वह कहने लगी कि मुझे लग रहा है कि मुझे जॉब करनी चाहिए।
मैंने भी प्रभावी की बात को मान लिया और मैंने उसे जॉब करने के लिए कहा तो वह भी अब जॉब करने लगी थी। प्रभावी जॉब करने लगी थी और जब वह शाम के वक्त घर लौटती तो हम दोनों हमेशा ही साथ में समय बिताया करते थे और एक दूसरे के साथ हम लोग बातें किया करते। काफी दिनों से हम लोग कहीं घूमने के लिए भी नहीं गए थे तो मैंने सोचा कि क्यों ना मैं प्रभावी को अपने साथ कहीं घुमाने के लिए लेकर जाऊं। मैं प्रभावी को अपने साथ घुमाने के लिए ले गया उस दिन हम दोनों ने साथ में मूवी देखी और जब हम दोनों ने साथ में मूवी देखी तो हम दोनों को ही बहुत अच्छा लग रहा था जिस तरीके मैं और प्रभावी एक दूसरे के साथ में थे। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ उस दिन बहुत ही अच्छा समय बिताया था।
प्रभावी मेरा ध्यान बहुत ही अच्छे से रखा करती और हम दोनों के बीच प्यार भी बहुत ज्यादा प्यार है। प्रभावी और मैं उस दिन रात के वक्त वापस लौट आए थे और जब हम लोग वापस लौटे तो हम लोग बाहर से ही खाना ले आए थे। हम दोनों ने बाहर खाना खा लिया था इसलिए हम लोग मां के लिए खाना पैक करवा कर ले आए थे तो मां ने भी खाना खा लिया था। प्रभावी को अगले दिन अपने ऑफिस जल्दी जाना था तो वह मुझे कहने लगी कि अमित मुझे कल ऑफिस जल्दी जाना है। मैंने प्रभावी को कहा कि लेकिन तुम ऑफिस से वापस कब लौटोगी तो प्रभावी ने मुझे कहा कि मैं ऑफिस से जल्दी वापस लौट आऊंगी। अगले दिन प्रभावी को सुबह जल्दी ऑफिस जाना था इसलिए मुझे ही उसको ऑफिस छोड़ कर आना पड़ा। मैंने प्रभावी को ऑफिस छोड़ा और फिर मैं घर वापस लौटा तो उसके बाद मैं भी अपने ऑफिस जाने की तैयारी कर रहा था। मां ने नाश्ता बना दिया था और नाश्ता करने के बाद मैं अपने ऑफिस के लिए निकल पड़ा।
जब मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन मुझे ऑफिस में काफी ज्यादा काम था इसलिए मुझे घर लौटते वक्त देर हो गई थी। जब मैं घर लौटा तो मुझे प्रभावी ने कहा कि आज आप ऑफिस से बहुत देरी से आ रहे हैं तो मैंने प्रभावी को कहा कि हां मुझे ऑफिस से आने में देर हो गई। प्रभावी और मैं दोनों ही साथ में बैठकर बातें कर रहे थे। हम दोनों एक दूसरे के साथ बैठकर बातें कर रहे थे जब हम दोनों एक दूसरे के साथ बातें कर रहे थे तो हम दोनों को अच्छा लग रहा था और हम दोनों ही बड़े खुश भी थे। मेरा मन प्रभावी के साथ सेक्स करने का था। मैंने प्रभावी के बदन को महसूस करना शुरू कर दिया था वह गर्म होने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुमने पूरी तरीके से बढा कर रख दिया है। मैं और प्रभावी एक दूसरे की गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा चुके थे मैंने प्रभावी से कहा मैं तुम्हारे स्तनों को चूसना चाहता हूं। प्रभावी ने अपने कपड़े उतार दिए और उसके स्तनों को मैंने अपने हाथों में ले लिया था। उसके स्तन मेरे हाथों में थे मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था प्रभावी को भी बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे।
हम दोनों पूरी तरीके से तड़पने लगे थे मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने प्रभावी से कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा। वह भी तड़प रही थी उसने मेरे सामने अपने पैरों को खोला। जब उसने अपने पैरों को खोला तो मैं समझ चुका था वह मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार है। मैंने प्रभावी की चूत में अपने लंड को घुसा दिया था। मैंने जैसे ही उसकी योनि में अपने लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई। यह पहली बार था जब हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तड़प रहे थे। मैं प्रभावी को तेजी से धक्के मारने लगा था जिससे वह बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी थी और उसकी तडप बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने प्रभावी को तेजी से धक्के दिए जा रहा था। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे।
मैंने प्रभावी से कहा मुझे अच्छा लग रहा है मैं उसको तेजी से धक्के मार रहा था वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी। हम दोनों बहुत ज्यादा तड़पने लगे थे मैं पूरी तरीके से गर्म हो चुका था। हमारी तडप बढ़ने लगी थी मैं प्रभावी को तेजी से धक्के मारता तो वह जोर से सिसकारियां लेकर मुझे कहती मुझे अच्छा लग रहा है। हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे प्रभावी ने अपने पैरों को आपस में मिला लिया था जिससे मुझे उसे चोदने में बहुत मजा आने लगा था। मुझे 5 मिनट के बाद एहसास होने लगा मैं रह नहीं पाऊंगा मैंने प्रभावी की योनि में अपने माल को गिरा दिया। उसकी योनि में अपने माल को गिराने के बाद मुझे बड़ा ही अच्छा लगा जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स संबंध बनाए थे और एक दूसरे की गर्मी को शांत कर दिया था।