इंटर्न ने लंड चूस दिया

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ज़बरदस्त लंड चुसाई

मेरा नाम आदित्य है और मैं एक मल्टी नेशनल कंपनी में मेनेजर हूँ, बात उन दिनों की है जब मैं नया नया मेनेजर बना था और टीम में हर कोई इस बात से डरा हुआ था क्यूंकि मैं हमेशा अपने काम में पंचुअल था. काम को कल पर छोड़ना मेरे तरीके में था ही नहीं, ना तो मैं खुद हरामखोरी करता और ना ही किसी को करने देता था. एक दिन मेरे बॉस कि तरफ से कॉस्ट कटिंग का मेल आया और मुझे कहा गया कि और टीम बढ़ानी हो तो इंटर्न रख लो ताकि उन्हें सिर्फ एक्सपीरियंस सर्टिफिकेट या थोड़े से स्टाईपेंड के बदले काम लिया जा सके. मैंने अपने दोस्तों और जानकारों कि मदद से इंटर्नशिप के लिए काफी रिज्यूमे मेल पर मंगवा लिए थे, लेकिन बड़ा मुद्दा था इनके इंटरव्यूज क्यूंकि मुझे तो सिर्फ दो तीन ही इंटर्न चाहिए थे और ये तो बहुत ज्यादा थे. इसलिए मैंने इन्हें सॉर्ट करने के लिए अपने एक जूनियर को दिया और उसने घंटे भर में ही मुझे सब सॉर्ट कर के दे दिया, इंटरव्यू भी ठीक ही हुए लेकिन मैं अपने जूनियर कि बदमाशी सम्मझ गया था क्यूंकि उस ने ज्यादातर लड़कियों को ही बुलवाया था बस बैलेंस बनाये रखने के लिए दो चार लड़कों को भी बुलाया था.

इस इंटरव्यू में से तीन लोग सेलेक्ट हुए जिन में दो लड़कियां थी और एक लड़का, अच्छे कोलेजेज़ से थे तीनों और काफी मेहनती भी. कभी कभार ही इनका मुझसे पाला पड़ता था लेकिन बेचारे घबराहट के मारे कुछ बोल नहीं पाते थे, हालाँकि मेरे और जूनियर्स से इनका मेल मिलाप काफी बढ़ गया था. इस दौरान मैं काफी बुरे दौर से भी गुज़र रहा था, अपनी मंगेतर से ब्रेक अप होने की वजह से मैं काफी परेशान था और इस वजह से अपने काम पर भी ढंग से ध्यान नहीं दे पा रहा था. मैं अक्सर लोगों पर झल्ला जाता था, इसी दौरान एक इंटर्न जिसका नाम प्रिया था मेरे केबिन में में आई और मुझे चॉकलेट दे कर बोली "सर आज मेरा बर्थडे है". मैं अपने काम में बिजी था सो उस से बोला "रख दो", वो कुछ सेकंड और खड़ी रही तो मैं उस बेचारी पर बिगड़ गया और बोला "ठीक है तुम्हारा बर्थडे है लेकिन किसी और का ये बैड डे भी हो सकता है".
प्रिया घबरा कर सॉरी बोल कर बाहर चली गई, सारे ऑफिस ने मेरी आवाज़ सुन ली थी सो सब चुप चाप अपने काम पर लग गए. दिन ख़त्म होने पर मैं बाहर निकला तो देखा सब लोग जा चुके थे, मैंने बेसमेंट पार्किंग में खड़ी मेरी कार को स्टार्ट करने की पुरजोर कोशिश की लेकिन वो स्टार्ट नहीं हुई. तभी दूर से आती लाइट से मेरी आँखें चौंधिया गईं, ये प्रिया थी. प्रिया मेरे पास आई और मुझसे पूछा "क्या हुआ सर". मैंने कहा "कुछ नहीं कार खराब हो गई है", प्रिया ने डरते डरते पूछा "सर मैं आपको ड्राप कर दूँ".

एक पल को तो मैं सकपका गया क्यूंकि अभी दोपहर में ही मैंने इस लड़की का बर्थडे खराब कर दिया था और अब ये मुझे लिफ्ट ऑफर कर रही थी. खैर मैंने उसे हाँ कर दिया, उस ने मुझसे पूछा कि अगर मैं उसकी स्कूटर ड्राइव करना चाहूँ लेकिन मैंने मना कर दिया क्यूंकि कोई भी टू व्हीलर चलाए हुए मुझे तकरीबन दस ग्यारह बरस हो चुके थे, तो मैं उसके पीछे बैठ गया. ऑफिस बिल्डिंग से निकलते वक़्त एक स्पीड ब्रेकर की वजह से मैं सरक कर उसके करीब आ गया था, मैं डर कर पीछे हट गया तो उस ने मुझे कहा "सर आप कम्फ़र्टेबल तो हैं न", मैंने कहा "हाँ वो तो स्पीड ब्रेकर आगया था इसलिए". वो हँस कर बोली "कोई बात नहीं सर आप आराम से बैठ जाईये", मैं थोडा सरक कर बैठा तो उसके जिस्म की गर्मी मुझे महसूस होने लगी. उस ने मुझ से पूछा "आपका घर कहाँ है सर" मैंने कहा "तुम बस मुझे ऑटो स्टैंड तक ड्राप कर दो", फिर न जाने क्या सोच कर मैंने उस से पूछा "आज तो तुम्हारा बर्थडे है ना, कोई पार्टी वार्टी नहीं है क्या".

वो चुप हो गई तो मैंने उस से कहा " आई ऍम सॉरी प्रिया, मैंने तुम्हारा बर्थडे बिगाड़ दिया. मुझे ऐसे नहीं बोलना चाहिए था" इस पर वो बोली "नो प्रॉब्लम सर, आप भी किसी बात से आलरेडी परेशान थे शायद". अब मैं चुप हो गया था लेकिन तभी उस ने एक हाथ से स्कूटर चलाते हुए मेरे घुटने पर हाथ रख कर मुझसे पूछा "शेयर करना चाहेंगे". मैं हक्का बक्का रह गया था क्यूंकि वो मुझसे कोई दस बारह बरस छोटी होगी और फिर मैं उसका बॉस भी था, खैर मैंने इसे इतना भी सीरियसली नहीं लिया. आगे जा कर जब मैंने कहा कि ऑटो स्टैंड तो निकल गया तो उस ने एक दम ब्रेक लगाए, ब्रेक इतने जोर से लगे थे कि मैंने उसे टाइट पकड़ लिया था मैं चिल्लाया "क्या कर रही हो तुम" तो वो हंसकर बोली "आपने ही डराया मुझे". उसकी वो कमाल हँसी सुन कर मैं खो सा गया था, मेरा दिल ज़ोरों से धड़क रहा था मेरी ठोड़ी उसके कंधी पर थी और होंठ उसकी गर्दन पर.

अब उसकी हँसी रुक चुकी थी और ऐसे थर्रायी जैसे उसके शरीर में एक वाइब्रेशन सा हुआ हो और तभी वो मुझसे बोली "सर" मैंने कहा "हाँ". "आपके हाथ मेरे बूब्स पर हैं" उस ने कहा, मैंने घबरा गया और कहा "सॉरी प्रिया, वो दरअसल ब्रेक लगने की वजह से", वो बोली "कोई बात नहीं सर होता है, लेकिन". "लेकिन क्या" मैंने पूछा तो वो बोली "अब तो हटा ही सकते हैं ना मेरे बूब्स से हाथ", अब मैं बुरी तरह झेंप गया था और मैंने अपने हाथ उसके बूब्स से दूर भी हटा लिए थे. प्रिया ने स्कूटर फिर स्टार्ट कर लिया और हम भूल ही गए कि मुझे ऑटो स्टैंड पर उतरना था, मैं अब भी घबराया और झेंपा हुआ था लेकिन प्रिया का स्पर्श मुझे भुलाए नहीं भूल रहा था.

आगे जा कर प्रिया ने मेरा हाथ ले कर अपने लेफ्ट बूब पर रख दिया और जब मैंने हटाने की कोशिश की तो उस ने वापस मेरा हाथ वहीं रखा और हलके से दबा दिया, जाने अनजाने मुझे इस सब में मज़ा आने लगा था, मैंने अपने दूसरे हाथ से प्रिया का दूसरा बूब भी पकड़ लिया और हलके हलके दबाने लगा. प्रिया भी मज़े ले रही थी और हम दोनों जैसे सातवें आसमान पर थे. अँधेरी सड़कों और फिर संकरी गलियों में से होते हुए हम एक जगह पहुँचे जो एक मकान था, प्रिया ने गाड़ी पार्क की और बोली "ये मेरी फ्रेंड का रूम है अभी बाहर गई हुई है सो अगर आपको कोई प्रॉब्लम ना हो तो आ जाइये". मैं कुछ नहीं बोला और चुपचाप प्रिया के पीछे पीछे चला गया.

प्रिया ने गमले के नीचे छुपी चाबी निकल कर रूम खोला अन्दर सुख सुविधा का सारा लंड था, एक अलमारी में छोटा ही सही बार भी था प्रिया ने उसी में से बोतल निकाल कर दोनों के लिए बीना पूछे ही ड्रिंक बना लिया बस आइस लूँगा या नहीं इतना ही पूछा. ड्रिंक्स के साथ उस ने मुझे अपने बारे में बताया और फिर मुझसे सटकर बैठ गई, मैं हालाँकि अपने आपे में ही था पर फिर भी मुझ पर प्रिया का नशा चढ़ रहा था. देखने में बहुत अलग थी वो, दुबला शरीर लेकिन उठे हुए बड़े बूब्स, एक दम टाइट पिछौटा, हल्का ताम्बई रंग, तीखी कजरारी आँखें, तीखी नाक और कन्धों तक लहराते बाल. इन सब के साथ जब वो चश्मा लगाती थी तो एक पढ़ाकू ही दिखती थी पर किसे पता था कि ये पढ़ाकू इतनी माल भी लग सकती है.

ड्रिंक ख़त्म होते ही प्रिया ने मुझसे ड्रिंक रिपीट करने के लिए पूछा और मेरे जवाब से पहले ही अगला ड्रिंक बना भी दिया और बोली "सर आपने अपने बारे में कुछ नहीं बताया" मैं बस मुस्कुरा दिया तो बोली "चलिए आज किस बात पर दुखी थे वही बता दीजिए, बताने से दुःख कम हो जाता है". मैंने उसे मेरे और दीपिका (मेरी मंगेतर) के ब्रेक अप के बारे में बताया तो उस ने कहा "कोई बात नहीं सर होता रहता है", न जाने ये सुण कर मुझे क्या हुआ कि मैं फट कर रो पड़ा और बोला "क्या होता रहता है, छः साल का रिलेशनशिप ऐसे ही तोड़कर चली गई" और मैं बिलख उठा. प्रिया उठी और उस ने मुझे गले लगा लिया, मेरा सर उसके बूब्स के बीचो बीच दबा था उसकी गहरी तीखी मदहोश कर देने वाली खुशबु ने मुझे पागल कर दिया और मैंने कहा "प्रिया अब मुझे घर जाने के लिए कैब की ज़रुरत है.

प्रिया ने अपने छाती से मुझे अलग किया और मेरी तरफ देखर मुस्कुरायी और बोलोई "आपको अभी सिर्फ मेरी ज़रुरत है". ये कह कर प्रिया ने मुझे और मैंने प्रिया को बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया, उसके होंठ इतने रसीले थे की मैं बस भूल ही गया था कि ये सब क्या हुआ कैसे हुआ और क्यूँ हुआ. प्रिया ने मेरे चेहरे को अपने बूब्स के इतना करीब रखा था कि मैं उसकी बढती हुई धडकनें महसूस कर पा रहा था, हर आती जाती साँस के साथ उसके बूब्स फूल रहे थे. उसका शर्ट उतार कर मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से ही निप्पल्स को चूसना शुरू कर दिया था, हलके ताम्बई रंग के बूब्स और गहरे कॉफ़ी कलर की निप्पल्स उफ़ क्या नज़ारा था.

प्रिया इतनी जोर से सिस्कारियां ले रही थी कि मैं और हॉर्नी हो गया और फिर मैंने उसकी ब्रा भी उतार दी, प्रिया ने अपना ड्रिंक धीरे धीरे अपने बूब्स पर गिराना शुरू किया मैंने तुरंत उसके इशारे को समझा और मैं उसके बूब्स पर से फिसलते ड्रिंक को मुंह लगा कर पीने लगा जब ड्रिंक ख़त्म हो गया तब भी मैं उसके बूब्स को चाटता रहा. प्रिया गज़ब कि हॉर्नी हो चुकी थी, उसने एक एक कर के मेरे शर्ट और फिर इनर को भी खोल दिया अब वो मेरे छाती पर हाथ फिरा रही थी, उत्तेजना के बहाव में मेरी छाती पर काट भी रही थी. उसकी ये हरकत मुझे इतनी अच्छी लगी कि मैंने भी उसके बूब्स के साथ यही किया. अब मेरा हथियार पूरी तरह से तन चुका था, प्रिया मेरी गोदी में थी तो उसने भी ये भांप लिया था और उसने अब मेरी गोदी में बैठ कर अपनी गांड मेरे लंड पर ऊपर ऊपर से रगडनी शुरू की मैंने कहा "आओ ना, ढंग से खोल कर ही कर लेते हैं" तो वो बोली "नहीं सर आज अलग तरह से करेंगे, सेक्स भी होगा लेकिन आज नहीं".

एक दफ़े तो मेरा मन खट्टा हो गया लेकिन जब उस ने फ्रिज से आइस क्रीम निकाल कर मेरी छाती पर लगा कर चाटनी शुरू की तो मैं और बावला हो गया, मैंने कहा "प्रिया अब नहीं रहा जाता, प्लीज करने दो ना मुझे" तो वो बोली "सर मेरा बर्थडे है ना सो मैं जो चाहूंगी वो करूंगी". मैंने भी सोचा कि करने दो ना मज़ा तो वैसे भी आ ही रहा है, अब प्रिया ने मेरी बेल्ट खोली और मेरी पेन्ट उतार दी पहले उसने मेरे अंडर वियर के ऊपर ऊपर से ही मेरे लंड के टॉप को चूसा. वो इस तरह से चूस रही थी कि मेरा अंडर वियर पूरी तरह से गीला हो गया था, अब उसने अपने दाँतों से मेरा अंडर वियर खींच कर उतार दिया. मेरा प्रोपरली शेव्ड लंड देख कर बोली "वाह सर, आप तो रेडी रखते हैं इसे" मैं हँसा तो बोली "आज पहली बार कोई ढंग का मर्द हिस्से आया है", उसने पूरे लंड पर आइस क्रीम फैला दी और मुस्कुराने लगी.

मैं भौंचक्का सा उसकी हरकतें देख रहा था तो वो बोली "क्या हुआ सर आज तक किसी ने ऐसे नहीं किया क्या" मैंने कहा "नहीं" तो कहने लगी "आज आपको रात भर ऐसे ही मज़ा आएगा, जैसा पहले कभी नहीं आया". मैं पागल हो रखा था क्यूंकि गरमा गरम लंड पर ठंडी ठंडी आइस क्रीम और फिर उस पर प्रिया की जीभ का गरम स्पर्श, वो आइस क्रीम को ऐसे चाट रही थी जैसे पहले कभी खाई ही ना हो. पूरी आइस मेरे लंड से साफ कर देने के बाद उसने अपने होंठ मेरे लंड की लम्बाई पर रगड़ने शुरू कर दिए फिर मुंह को थोड़ा और खोल कर मेरा पूरा का पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया, मुझे लगा था कि उसकी साँस घुट जाएगी लेकिन नहीं वो तो शायद एक्सपर्ट थी. अब वो लंड से नीचे मेरी बॉल्स पर चली गई और उन्हें धीरे धीरे चाटने लगी, फिर जाणे क्या हुआ कि उसने पहले लेफ्ट और फिर राईट बॉल अपने मुंह में ले ली. मैं मारे दर्द के बिलबिला उठा लेकिन मज़ा भी आ रहा था, दर्द और उत्तेजना एक साथ मुझे अन्दर तक छू रहे थे. बॉल्स को अच्छी तरह से चूसने के बाद प्रिया फिर लंड पर आई और सर्कुलर मोशन में मेरे लंड को मसल मसल के चूसने लगी, मैं उत्तेजना के चरम पर था और वो थी कि रुकने का नाम नहीं ले रही थी.

मेरा लंड उसके थूक से गीला और चूसने कि वजह से लाल बम हो रहा था और अन्दर ही अन्दर मुझे लग रहा था कि अब मैं ज्यादा देर होल्ड नहीं कर पाऊंगा और हुआ भी वही मेरे लंड से मेरी मर्दानगी का फव्वारा फट पड़ा. प्रिया ने एक भी बूँद वेस्ट नहीं की उसने पूरी पिचकारी अपने मुंह में खाली की और उसे निगल गई, लेकिन शायद उसका पेट अब तक नहीं भरा था सो वो मेरे लंड को एक कुल्फी की तरह चूने लगी जिस से मेरा रस पूरी तरह निचुड़ जाए. प्रिया ने सारा का सारा वीर्य पीने के बाद भी मेरे लंड और बॉल्स को चाटना नहीं छोड़ा अब मेरा लंड शांत भी हो चूका था लेकिन प्रिया की प्यास शांत नहीं हुई उस ने मुझे कहा "सर एक एक ड्रिंक और लेते हैं फिर आपको नए तरीके से ख़ुश करूंगी".

मैं हैरान था क्यूंकि ऐसा आज तक मुझे कभी नहीं महसूस हुआ था. उस रात प्रिया ने मेरे लंड को खूब मज़े ले ले कर अलग अलग तरीकों से चूसा और मुझे बहुत ख़ुश कर दिया. सुबह हम दोनों नंगे चिपके हुए थे तब बोली "आज आप रेस्ट करना फिर वीकेंड पर मैं आपको वो दूँगी जिसके लिए आप कल साड़ी रात तडपे हो". सुबह उठ कर जब मैं अपने फ्लैट पर वापस गया तो अन्दर अजीब सी गुदगुदी मची हुई थी, ऑफिस भी अच्छा लग रहा था और ऑफिस में बैठी प्रिया वो तो अब और भी अच्छी लग रही थी और क्यों ना लगती वो कामसूत्र की देवी मुझे इस वीकेंड और भी कुछ देने जो वाली थी.
 
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