उसकी चूत से खून निकल आया

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Hindi sex story, antarvasna: मुझे अपने ऑफिस से घर पहुंचने में बहुत देर हो गई थी मां मेरा इंतजार कर रही थी। उन्होंने मुझसे कहा रजत बेटा तुम कहां रह गए थे। मैंने मां को कहा मां ऑफिस में आज कुछ ज्यादा ही काम था इस वजह से मुझे आज घर लौटने में देर हो गई थी। इस दुनिया में मां की सेवा मेरा कोई भी नहीं है पापा के देहांत के बाद उन्होंने ही मेरी देख रख की है उन्होंने कभी भी कोई कमी मेरी पढ़ाई और मेरी परवरिश में होने नहीं दी है मैं उन्हें कभी भी को तकलीफ नहीं देना चाहता हूं। मेरी शादी की उम्र हो चुकी है मां चाहती थी मैं शादी कर लूं मैं अभी शादी नहीं करना चाहता था क्योंकि मैं जिस लड़की को प्यार करता हूं उससे मैं कभी अपने दिल की बात कह ही नहीं पाया था मैं महिमा को प्यार करता हूं, महिमा मेरे कॉलेज में पढ़ा करती थी और उस से काफी समय से मेरा कोई संपर्क नहीं है। मैं महिमा को आज भी उतना ही प्यार करता हूं जितना कि पहले करता था हालांकि यह सब मेरे लिए इतना आसान नहीं है क्योंकि मां मुझे अक्सर कहती है बेटा तुम शादी कर लो लेकिन उसके बावजूद भी मैं मां को कुछ ना कुछ कहकर हमेशा ही टाल दिया करता हूं।

अब मुझे लगने लगा था मुझे भी शादी कर लेनी चाहिए महिमा कि कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद महिमा की फैमिली वहां से चली गई थी और उसके बाद महिमा से मेरा कोई भी संपर्क हो नहीं पाया था। एक दिन मैं अपने ऑफिस से घर लौटने के बाद मैं अपने रूम में लेटा हुआ था। मैं अपने रूम में लेटा हुआ था मैं फेसबुक पर अपने कुछ पुराने दोस्तों की कुछ तस्वीरें देख रहा था उस दिन मेरे दिमाग में आया मैं महिमा को फेसबुक पर सर्च करता हूं। मैंने महिमा को फेसबुक पर सर्च किया महिमा की प्रोफाइल मुझे दिखाई दी मैंने तुरंत ही उसे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी मुझे उम्मीद नहीं थी महिमा को जब मैं फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजूंगा तो वह मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेगी। उसने मेरी फ्रेंड रिक्वेस्ट को तुरंत ही एक्सेप्ट कर लिया था उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से उस रात फेसबुक चैट के माध्यम से काफी देर तक बात करते रहे यह सिलसिला काफी लंबे समय तक चलता रहा। मैं महिमा से फेसबुक चैट के माध्यम से ही बात करता था जब भी हम दोनों की बातें होती तो मुझे बहुत अच्छा लगता था और महिमा को भी बड़ा अच्छा लगता था।

अब मैं चाहता था मैं महिमा का नंबर ले लूं। एक दिन मैंने महिमा से कहा मुझे तुम्हारा नंबर चाहिए था। महिमा ने भी मुझे तुरंत अपना नंबर दे दिया उसके बाद हम दोनों की फोन पर बातें होने लगी थी। महिमा की फैमिली चंडीगढ़ में रहती है महिमा के पापा वहीं पर अपना बिजनेस कर रहे हैं मैं दिल्ली में ही रहता हूं मैं चाहता था मैं महिमा से मुलाकात करूं लेकिन फिलहाल यह संभव नहीं हो पाया था। मुझे महिमा को देखे हुए काफी समय हो चुका था महिमा मुझे अपनी तस्वीरें भेजती ही रहती थी। हम दोनों की दोस्ती अब और भी ज्यादा गहरी होती जा रही थी। मैंने एक दिन महिमा को फोन पर ही प्रपोज कर दिया लेकिन महिमा को यह बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी उसने कुछ समय तक मुझसे बात ही नहीं की थी। महिमा मुझसे कुछ कुछ छुपा रही थी मैंने जब महिमा से इस बारे में पूछा तो महिमा ने मुझे बताया उसकी सगाई हो चुकी है। हम दोनों का रिलेशन अब आगे नहीं बढ़ सकता है मैंने महिमा से कहा महिमा मुझे मालूम है लेकिन क्या हम लोग अब बात भी नहीं कर सकते हैं। महिमा कहने लगी हां हम लोग बात कर सकते हैं और हम लोग अभी भी एक दूसरे से बात कर रहे थे।

महिमा कि जिस लड़के से सगाई हुई थी उसने मुझे उसकी तस्वीर भी भेजी थी हम दोनों एक दूसरे से अभी भी बात कर रहे थे। मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि समय के साथ-साथ महिमा और मैं एक दूसरे के और भी ज्यादा नजदीक आते चले जाएंगे। अब महिमा भी मुझसे प्यार करने लगी थी वह भी चाहती थी वह मुझसे शादी कर ले लेकिन उसकी सगाई हो चुकी थी। उसके सामने सबसी बड़ी यह समस्या थी वह अपनी फैमिली को कैसे इस बारे में बताइए और उन लोगों को वह कैसे कन्वेंस करेगी। महिमा के सामने मह सबसे बड़ी समस्या थी मेरे सामने भी कोई रास्ता नहीं था सिवाय महिमा के फैमिली से बात करने के और मैंने महिमा की फैमिली से बात करने के बारे में सोचा। मैंने उन लोगों से जब बात की तो महिमा ने भी उन्हें सब कुछ बता दिया था। महिमा के पापा बहुत ही ज्यादा परेशान हो गए थे वह कहने लगे तुम्हें यह बात पहले ही बतानी चाहिए थी। मैंने उन्हें सारी बात बता दी उसके कुछ समय बाद महिमा का मुझे फोन आया वह मुझे कहने लगी मैं तुम्हारे साथ शादी करने के लिए तैयार हूं महिमा के फैमिली वाले भी मान चुके थे उसके परिवार वाले हम दोनों की शादी के लिए तैयार हो चुके थे।

मेरे लिए यह बहुत ही खुशी की बात थी हालांकि इसमें काफी ज्यादा समय लगा। महिमा के पापा को लड़के वालों को मनाने में काफी समय लग गया था उन्होंने हमारा बहुत ही सपोर्ट किया था क्योंकि महिमा उनकी इकलौती लड़की है वह लोग महिमा की खुशी को ध्यान में रखकर ही मेरे साथ उसकी शादी करवाने के लिए तैयार हो गए थे। अब महिमा और मेरी शादी भी हो चुकी थी महिमा मेरी पत्नी बन चुकी थी मैं बहुत ही ज्यादा खुश था महिमा मेरी पत्नी बन चुकी है। मैं महिमा को अपनी पत्नी के रूप पाकर बड़ा ही खुश था। मैंने कभी सोचा भी नहीं था महिमा से मेरी बात हो पाएगी और हम दोनों एक दूसरे को इतना ज्यादा प्यार करने लगेंगे कि एक दूसरे के बिना हम लोग बिल्कुल भी नहीं रह पाएंगे। हम दोनो की शादी की पहली रात थी। महिमा और मैं साथ में लेटे हुए थे हम दोनो एक दूसरे की बाहों मे थे। हम दोनों को ही बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था हम दोनो एक दूसरे की बाहों थे। मैं और महिमा बाते कर रहे थे।

मैं और महिमा एक दूसरे से चिपकने की कोशिश कर रहे थे वह मेरी गर्मी को बढ़ती जा रही थी। मैं भी महिमा की गर्मी को बढ रहा था मैं उसके बदन को महसूस कर रहा था, वह रह नहीं पा रही थी। महिमा अब रह नहीं पा रही थी और मुझसे भी बिल्कुल रहा नहीं जा रहा था। मैंने महिमा के स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था और उसके स्तनों को दबाने मे मुझे आ रहा था और मेरी गर्मी भी बढ़ रही थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। वह मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। मैं और महिमा एक दूसरे की गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा चुके थे।

मैंने सुरभि से कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो। उसने मेरे लंड को अपने हाथै मे ले लिया था और वह उसे हिलाने लगी। महिमा ने मेरे लंड को बहुत देर तक हिलाया फिर उसने मेरे लंड को मुंह मे लिया। वह मेरे लंड पर अपनी जीभ लगाकर चाटने लगी थी मुझे अच्छा लग रहा था। जब वह ऐसा कर रही थी मुझे मजा आने लगा था। महिमा अपने मुंह के अंदर तक लंड को ले रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूस रही थी। महिमा ने मेरी गर्मी को बढा दिया था, वह भी पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी।

मै बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। मैंने महिमा की पैंटी को खोला और मैंने महिमा की चूत के अंदर अपने लंड को डालने का फैसला कर लिया था। मैंने पायल के स्तनों को चूसना शुरु किया। मैं महिमा के बड़े और सुडौल स्तनों को चूसने शुरु किया मुझे अच्छा लग रहा था मैं जिस तरह से महिमा के स्तनों का रसपान कर रहा था। मैंने महिमा के स्तनों का रसपान काफी देर तक किया मैं उसकी गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा चुका था। वह बहुत अधिक गर्म हो चुकी थी वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी। मैं भी अब अपने आपको रोक पा रहा था और वह भी अपने आपको रोक नहीं पा रही थी। मैं और महिमा बहुत गरम हो चुके थे। मैंने महिमा से कहा मैं अपने आपको रोक नहीं पाऊंगा और महिमा मेरे लंड को हिलाने लगी थी।

महिमा ने मेरे लंड को अच्छे से हिलाया फिर वह गर्म होने लगी थी। हम दोनो 69 पोज मे मजे लेना चाहते थे मैं उसकी चूत को चाटने लगा था मुझे मजा आने लगा था और महिमा को भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। महिमा की गर्मी बढ़ती जा रही थी उसकी चूत से बहुत ही पानी निकल रहा था। वह मेरे लंड को गले तक ले रही थी और उसे चूस रही थी महिमा ने मेरे लंड से भी पानी निकाल कर रख दिया था और मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। मैंने महिमा से कहा मैं तुम्हारी चूत में लंड घुसाना चाहता हूं। महिमा बहुत ही गरम हो चुकी थी मैंने महिमा की योनि पर लंड को लगाया और रगडना शुरू किया। मैंने धीरे धीरे अपने लंड को महिमा की चूत के अंदर डाला तो वह गर्म हो गई थी। महिमा को मजा आ गया था वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लगने लगा है। मै महिमा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था।

महिमा की चूत के अंदर से खून बाहर की तरफ निकल आया था और मुझे बहुत ही अच्छा लगने लगा था जिस तरीके से मै महिमा की चूत का मजा ले रहा था। महिमा की सिसकारियां बढ़ती ही जा रही थी वह गर्म हो चुकी थी और मेरी गर्मी भी बढ रही थी। मैंने महिमा के पैरो को ऊपर उठा लिया और अपने कंधो पर रख लिया उसके बाद मैं उसे तेजी से चोदने लगा। मेरा माल गिरने वाला था मैंने महिमा की चूत में अपने माल को गिरा दिया था। मैं महिमा को तेज गति से चोदने लगा था। मैं उसे बहुत ही तेजी से चोद रहा था जिससे कि उसका शरीर हिलता जा रहा था। मेरा माल महिमा की चूत में गिर चुका था वह बहुत खुश हो गई थी। हमारी पहली रात बडी अच्छी रही और मुझे बडा मजा आया था।
 
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