उस रात को कभी भुला ना सका

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Antarvasna, desi kahani: एक बार मैं एक पार्टी में गया हुआ था वह पार्टी हमारे किसी परिचित की थी जब मैं पार्टी में गया तो वहां पर मुझे मेरा दोस्त सुनील मिला। सुनील मेरे साथ पढ़ा करता था और वह लोग हमारे पड़ोस में रहा करते थे लेकिन अब लोग वह लोग कहीं और ही रहते हैं। जब सुनील मुझे मिला तो मैंने उससे बात की मैं सुनील से बात कर रहा था कि तभी सुनील की पत्नी भी आ गई सुनील ने मेरा परिचय अपनी पत्नी आकांक्षा के साथ करवाया तो मैंने सुनील से कहा कि तुमने मुझे शादी में नहीं बुलाया। सुनील कहने लगा कि मैंने कोर्ट मैरिज की है सुनील ने मुझे कहा कि रजत तुम मुझे कभी फुर्सत से मिलना मैं तुम्हें सारी बात बताऊंगा लेकिन अभी यहां पर यह बात करना ठीक नहीं है हम लोग पार्टी का इंजॉय करते हैं। आकांशा अपने दोस्तों के साथ चली गई और मैं और सुनील साथ में बैठे हुए थे उस दिन सुनील और मेरी काफी देर तक बात हुई। पार्टी खत्म होने के बाद मैं अपने घर वापस लौट आया था। मैं जब घर लौटा तो मैंने यह बात अपने पापा और मम्मी को बताई कि सुनील ने शादी कर ली है तो उन्होंने कहा की सुनील ने शादी कब की हमे तो इस बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है।

वह लोग एकदम से चौंक गए मैंने उन्हें कहा कि सुनील की शादी को हुए अबतो काफी समय हो चुका है सुनील ने मुझे अपनी पत्नी आकांक्षा से भी मिलाया था। सुनील के पिताजी पापा के बहुत अच्छे दोस्त हैं वह जब हमारे पड़ोस में रहते थे तो अक्सर हमसे मिलने आया करते थे लेकिन पापा को भी अब इस बात की कोई खबर नहीं थी। पापा ने एक दिन सुनील के पिताजी को फोन कर के इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि आकांक्षा हमे कभी पसंद ही नहीं थी लेकिन सुनील की जिद के आगे हमें उसकी शादी आकांक्षा से करवानी पड़ी। आकांक्षा के पिताजी भी इस रिश्ते के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे वह उन दोनों की शादी करवाना ही नही चाहते थे उन्होंने उसके लिए कई कोशिश की लेकिन सुनील तो आकांक्षा से ही शादी करना चाहता था। जब यह बात मुझे मेरे पिताजी ने बताई तो मुझे भी थोड़ा हैरानी जरूर हुई की जब सुनील के पिताजी इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे तो सुनील ने उनके खिलाफ जाकर शादी करने का फैसला कैसे किया सुनील तो अपने पापा की बड़ी इज्जत किया करता था।

मेरे मन में कई सवाल थे लेकिन जब मैंने इस बारे में सुनील से बात करने की सोची तो एक दिन मैंने सुनील से मिलने के लिए उसे फोन किया और जब मैंने सुनील को फोन किया तो उसने मुझे कहा कि मैं आज घर पर ही हूं। उस दिन सुनील और मैं एक दूसरे को मिलने वाले थे और मैं सुनील को मिलने के लिए उसके घर पर चला गया। मैं जब सुनील को मिलने के लिए उसके घर पर गया तो वह घर पर अकेला ही था मैंने सुनील से कहा अंकल आंटी कहीं दिखाई नहीं दे रहे है तो वह कहने लगा कि वह लोग कहीं घूमने के लिए गए हुए हैं। मैंने सुनील से कहा ठीक है और फिर हम दोनों एक दूसरे से बात कर रहे थे तो सुनील ने मुझे उस दिन अपनी जिंदगी के बारे में बताया कि आखिर घर वाले उसकी शादी आकांक्षा के साथ क्यो नहीं करवाना चाहते थे। सुनील ने बताया कि आकांशा की शादी दो साल पहले हो चुकी थी और उसके बाद उसका डिवोर्स हो गया था तो मैंने आकांक्षा से शादी करने की बात अपने घर पर कहीं लेकिन कोई भी इस बात के लिए तैयार नहीं था। सुनील कहने लगा कि पापा ने आकांक्षा के पिता जी से भी बात की थी वह भी नहीं चाहते थे कि मेरी शादी आकांक्षा के साथ हो कोई भी इस पक्ष में नहीं था कि मेरी शादी आकांशा के साथ हो लेकिन आकांक्षा ने मेरा साथ नहीं छोड़ा और मैंने आकांक्षा से शादी करने का फैसला कर लिया था उस दिन जब आकांशा और मैंने कोर्ट में शादी कर ली तो पापा और मम्मी दोनों ही इस बात से नाराज थे उन्होंने कई दिनों तक मुझसे अच्छे से बात भी नहीं की थी लेकिन फिर भी मुझे लगा कि पापा और मम्मी को मैं मना लूंगा और जल्द ही मैंने उन लोगों को मना लिया था अब सब कुछ ठीक चल रहा है। मैंने सुनील को कहा कि लेकिन तुम्हारी मुलाकात आकांक्षा से कब हुई थी तो उसने मुझे बताया कि उसकी मुलाकात आकांक्षा से करीब एक वर्ष पहले ही हुई थी वह लोग हमारे पड़ोस में रहते हैं लेकिन मेरी बातचीत आकांक्षा के साथ नहीं थी।

जब मैंने आकांक्षा से बात करनी शुरू की तो मुझे लगा की आकांशा बहुत ही अच्छी लड़की है और उसके बाद मेरे और आकांक्षा के बीच में प्यार होने लगा फिर मुझे भी लगा कि मुझे आकांशा से शादी कर लेनी चाहिए इसलिए मैंने आकांक्षा से शादी करने का मन बना लिया था और शादी हो जाने के बाद मैं और आकांक्षा एक दूसरे के साथ बहुत ही खुश हैं हम दोनों एक दूसरे के साथ जब भी होते हैं तो हमें बहुत ही अच्छा लगता है। मैंने सुनील को कहा कि आकांक्षा कहीं जॉब भी करती हैं तो उसने मुझे बताया कि हां वह स्कूल में पढ़ाती है। सुनील मुझसे कहने लगा कि रजत मैं तुमसे कब से बात किए जा रहा हूं क्या मैं तुम्हारे लिए कुछ बना दूं क्योंकि घर पर कोई भी नहीं है इसलिए मुझे ही तुम्हारे लिए कुछ बनाना पड़ेगा। मैंने उसे कहा नहीं सुनील रहने दो मैं सिर्फ तुमसे मिलने के लिए ही आया था, उसके बाद मैं अपने घर वापस लौट आया था।

उस दिन जब मैं वापस लौटा तो मुझे लगा कि सुनील ने कहीं भी कोई गलती नहीं की है। मुझे अब अपने ऑफिस के टूर पर जाना था और मै जब ऑफिस के टूर मे गया जब ऑफिस के टूर के दौरान मैं संजना से मिला तो मुझे उससे मिलकर अच्छा लगा जिस ऑफिस के टूर में मैं गया था उसी ऑफिस टूर में संजना भी आई हुई थी और हम दोनों एक ही होटल में रुके हुए थे उसका रूम मेरे बिल्कुल सामने ही था उस दिन हम दोनों साथ में डिनर कर रहे थे डिनर करने के दौरान हम दोनों के बीच काफी बातें हुई हम दोनों ने काफी ज्यादा शराब पी ली थी जिससे कि हम दोनों बहुत ज्यादा नशे में हो गए थे संजना और मेरे बीच उस दिन सेक्स हो गया हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार थे। मैं उसके होंठों को चूमने लगा और वह मेरी गोद में आकर बैठ चुकी थी अब उसने मेरे बदन को पूरी तरीके से गर्म कर दिया था। मैंने उसके स्तनों की तरफ हाथ बढाया और दबाना शुरू कर दिया था वह खुश होने लगी। मै उसके स्तनो को दबाता तो वह उत्तेजित होती जाती मैने उसके साथ चुम्मा चाटी की उसके अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ने लगी थी। मेरे अंदर की आग बढ़ चुकी थी मैंने उसे कहा मैं बहुत ही ज्यादा गरम हो चुका हूं मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा है अब वह मेरा साथ अच्छे से देने लगी थी। वह मेरे लंड को दबा रही थी और मेरे अंदर की गर्मी को उसने पूरी तरीके से बढ़ा दिया था हम दोनों ही एक दूसरे के बिना अब रह नहीं पा रहे थे। मैंने संजना के कपड़े उतारकर जब उसकी पिंक ब्रा को निकालकर उसके स्तनों को सहलाना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा था। वह बहुत खुश थी मैने उसके स्तनों को बहुत देर तक दबाया फिर मैने अपने लंड बाहर निकालकर हिलाया तो वह मचलने लगी। उसने मुझे कहा मैं तुम्हारे लंड को मुंह में लेना चाहती हूं वह अब गरम हो गई थी। उसने मेरे लंड को मुंह मे लेकर चूसना शुरू किया तो वह खुश हो गई थी और मुझे मजा आ रहा था। उसने मेरे लंड से पानी निकाल दिया था उसने मुझे कहा तुम मेरी चूत मार लो। मैंने उसकी पैंटी को उतारकर उसकी चूत में अपने लंड को घुसाया उसकी चूत के अंदर मेरा लंड गया तो वह जोर से चिल्लाई और कहने लगी मेरी चूत आज फाड कर रख दो उसकी चूत बहुत टाइट थी उसने अपने पैरो को चौडा कर लिया फिर मैंने उसके दोनों पैरों को आपस में मिलाकर उसे तेजी से चोदने लगा तो मुझे बहुत मजा आने लगा था।

मैने उसकी गर्मी को बहुत ही ज्यादा बढा दिया था मेरे अंदर कि आग भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी मेरे अंदर की आग इस कदर बढ़ चुकी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। उसकी चूत मे मैने माल गिरा दिया था। अब हम दोनो ने दोबारा चुदाई शुरु कर दी। मैने उसकी चूतडो को अपनी तरफ किया फिर मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो मुझे बहुत ही मजा आने लगा। मै उसे घोड़ी बना कर चोद रहा था उससे उसके अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी। मै उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करने लगा था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था मै संजना की चूत का मजा ले अच्छे से ले रहा था।

मैने उसकी चूत का मजा लेकर उसको पूरी तरीके से गर्म कर दिया था मैंने उसको तब तक चोदा जब तक वह पूरी तरीके से संतुष्ट नहीं हो गई। वह गरम हो गई थी वह मुझसे अपनी चूतड़ों को मिलाने की कोशिश करती उसकी चूतड़ों पर मेरा लंड टकराता तो उसे और भी मजा आने लगता। मेरा लंड उसकी चूतडो से मिलता तो एक अलग आवाज पैदा हो रही थी वह जब मेरे कानों में जाती तो मेरे अंदर अब और भी उत्तेजना पैदा हो जाती। मैं अपने माल को उसकी चूत के अंदर गिराने वाला था मैने तेजी से उसको चोदना शुरु किया जब मेरे वीर्य की पिचकारी को उसकी चूत मे गिरी तो उसकी चूत से मैने लंड को बाहर निकाला फिर मुझे पता चला उसकी चूत मे बहुत टाइट है वह खुश हो गई थी हम दोनों ने अपने कपड़े पहन लिए फिर एक दूसरे की बाहो मे लेटे रहे। मै उसको बहुत मिस कर रहा हू अब मै वापस लौट चुका हूं लेकिन संजना को मै अब भी याद करता हूं।
 
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