ऐसी चूत देखी ना थी

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Antarvasna, hindi sex kahani: हमारी गली में सुहानी रहा करती थी सुहानी और मेरे प्यार के चर्चे हमारी पूरी कॉलोनी में थे लेकिन सुहानी के पापा का ट्रांसफर हो जाने के बाद सुहानी से मेरा कोई संपर्क ही नहीं हुआ और वह मेरी जिंदगी से दूर चली गई। उस वक्त हम दोनों स्कूल में पढ़ते थे इसलिए मैंने इस बात को भूलना ही ठीक समझा लेकिन जब मेरी मुलाकात प्रतिभा के साथ हुई तो मुझे उससे मिलकर अच्छा लगा। प्रतिभा हमारे ऑफिस में ही जॉब करती है उसने कुछ समय पहले ही ऑफिस ज्वाइन किया था कुछ दिनों के लिए प्रतिभा की ट्रेनिंग होनी थी जो कि करीब 7 दिनों की थी 7 दिन तक प्रतिभा की ट्रेनिंग हुई और उसके बाद वह अब ऑफिस ज्वाइन कर चुकी थी। ऑफिस में उसको मेरा सामने वाला डेस्क मिला जिसमें कि वह काम करती थी जब भी वह सुबह आती तो हमेशा ही मुझे मुस्कुराकर हाय कहा करती थी। यह सिलसिला चलता ही जा रहा था करीब 15 दिन हो चुके थे 15 दिनों बाद मैंने प्रतिभा से कहा कि प्रतिभा मैं तुम्हारे बारे में जानना चाहता हूं तो प्रतिभा भी मुझे कहने लगी कि क्यों नहीं राजेश सर।

मैंने उसे कहा कि तुम मुझे सर मत कहा करो मुझे तुम सिर्फ राजेश कह सकती हो और उस दिन के बाद तो जैसे प्रतिभा और मैं एक दूसरे के इतने नजदीक आ चुके थे कि जब भी हम दोनों एक दूसरे से मिलते तो हम दोनों को ही अच्छा लगता। एक दिन प्रतिभा ने मुझे कहा कि राजेश मुझे तुम्हारी जरूरत है मैंने उसे कहा कि लेकिन तुम्हें मेरी क्या जरूरत है। उसने मुझे बताया कि उसके पापा घर में शराब पीकर आते हैं और वह घर में शोर शराबा करते हैं उसकी मां के साथ भी वह बड़े ही गंदे तरीके से पेश आते थे जिससे कि प्रतिभा काफी ज्यादा परेशान रहती थी इसलिए उस दिन मुझे उसके घर पर जाना पड़ा। मैं जब प्रतिभा के घर पर गया तो प्रतिभा की मां से उस दिन मैं पहली बार ही मिला था प्रतिभा के पिताजी को किसी तरीके से हम लोगों ने काबू में किया और उसके बाद वह सो चुके थे।

मैं उनके घर पर ही था तो प्रतिमा की मां बहुत ही ज्यादा भावुक होकर मुझे कहने लगी कि राजेश बेटा अब तुम्हें क्या बताऊं प्रतिभा हमारी लड़की है और हमें किसी भी चीज की कोई कमी नहीं है लेकिन प्रतिभा के पापा है कि वह अपनी शराब की लत छोड़ते ही नहीं हैं। मैंने उन्हें समझाया और कहा कि आंटी जी सब ठीक हो जाएगा तो वह कहने लगी कि बेटा यह सब इतना आसान नहीं है। शायद वह लोग कुछ ज्यादा ही परेशान थे उस दिन तो मैं घर चला आया अगले दिन जब प्रतिभा मुझे ऑफिस में मिली तो वह मुझे कहने लगी कि राजेश कल रात को मैंने आपको बेवजह ही परेशान किया। मैंने प्रतिभा को कहा प्रतिभा इसमें परेशानी की कोई भी बात नहीं है तुम्हें मेरी जरूरत थी तो तुमने मुझे कह दिया भला इसमें परेशानी की क्या बात है। उसके बाद प्रतिभा और मैं एक दूसरे से फोन पर भी काफी ज्यादा बातें करने लगे थे प्रतिभा मेरी अच्छाइयों से इतनी ज्यादा प्रभावित थी कि एक दिन प्रतिभा ने मुझसे कहा कि मुझे आप बहुत ही अच्छे लगते हो लेकिन उसने उससे आगे की बात नहीं कही। एक दिन प्रतिभा और मैं मॉल में थे उस दिन हम दोनों फूड कोर्ट में बैठे हुए थे तो प्रतिभा की कोई सहेली उसे वहां मिली उसने मेरा परिचय भी उससे करवाया। उसकी सहेली प्रतिभा से पूछने लगी कि की क्या यह तुम्हारे बॉयफ्रेंड हैं तो प्रतिभा ने कहा कि नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है लेकिन प्रतिभा के चेहरे से साफ प्रतीत हो रहा था कि उसके दिल में कुछ ऐसा चल रहा है जो वह बताना नहीं चाहती है। जब उसकी सहेली चली गई तो मैंने उस दिन प्रतिभा से पूछा कि प्रतिभा क्या तुम मुझे प्यार करने लगी हो तो वह कुछ नहीं बोली और उस दिन हम लोग घर चले आए। कुछ दिनों बाद प्रतिभा ने मुझे प्रपोज कर दिया जब उसने मुझे प्रपोज किया तो उसके बाद तो हम दोनों एक दूसरे से शादी करने के लिए तैयार हो चुके थे। प्रतिभा को तो मैं अच्छे से जान चुका था और मैं चाहता था कि प्रतिभा को मैं अपने पापा मम्मी से मिलवाऊँ और उस दिन मैंने प्रतिभा को अपने पापा मम्मी से मिलवाया। सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि कुछ पता ही नहीं चला कि कब प्रतिभा मेरी जिंदगी में आ गई। प्रतिभा मेरे इतने नजदीक आ चुकी थी कि शायद प्रतिभा से ज्यादा मैं किसी पर भरोसा भी नहीं करता था। मेरे पापा और मम्मी को भी प्रतिभा के साथ मेरा रिश्ता मंजूर था और उन्हें किसी भी बात की कोई आपत्ति नहीं थी अब हम दोनों की जिंदगी बड़े ही अच्छे से चल रही थी। प्रतिभा मुझसे कहने लगी कि राजेश मैं चाहती हूं कि हम लोग जल्दी ही शादी कर ले।

हमारे ऑफिस में इस बारे में सबको पता चल चुका था कि हम दोनों के बीच कुछ तो खिचड़ी पक रही है और ऑफिस में भी सब लोगों ने हमसे पूछना शुरू कर दिया आखिरकार हम दोनों को बताना ही पड़ा कि हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं। मैं प्रतिभा के साथ बहुत ही ज्यादा खुश था और प्रतिभा भी मेरे साथ बहुत खुश थी। हम दोनों की ही जिंदगी में कोई भी कमी नहीं थी मुझे प्रतिभा का पूरा प्यार मिल रहा था और मैं भी प्रतिभा को पूरा समय देने की कोशिश किया करता। एक शाम प्रतिभा मेरे साथ मेरे घर पर ही थी उस दिन हम दोनों के बीच किस हो गया लेकिन इससे आगे हम दोनों की बात नहीं बड़ी प्रतिभा ने अपने आपको पीछे खींच लिया शायद वह डर गई थी। कुछ दिनों के बाद प्रतिभा से मैंने उसके फिगर के बारे में पूछा हम दोनों फोन पर बात कर रहे थे जब मैंने प्रतिभा से इस बारे में पूछा तो वो शर्माने लगी और कहने लगी राजेश मुझे यह सब बताने में शर्म आती है लेकिन मेरे तो अंदर जैसा आग लगी हुई थी और उस रात मैने हस्तमैथुन किया मैंने अपने माल को गिरा दिया लेकिन अब मेरी आग और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी।

मैं चाहता था कि मै प्रतिभा के साथ सेक्स करू और अपनी इच्छा को पूरा करू लेकिन प्रतिभा थी कि वह मानने ही नहीं वाली थी और एक दिन मुझे मौका मिल गया। प्रतिभा और मैं उसके घर पर थे मैंने उस दिन प्रतिभा को किस कर लिया जब मैंने ऐसा किया तो प्रतिभा भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी और वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है उस दिन शायद प्रतिभा भी मेरे साथ सेक्स करने के लिए तैयार थी और मेरी तडप को उसने पूरी तरीके से बढ़ा दिया था मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। उस दिन मैंने प्रतिभा के स्तनों को दबाया तो वह भी अब तड़पने लगी थी मैंने उसे कहा मैं तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूं लेकिन प्रतिभा ने आज तक किसी भी लड़के के साथ किस तक नहीं किया था इसलिए वह एकदम फ्रेश और टाइट माल थी। मैंने जब उसे अपने लंड को दिखाया तो वह शर्माने लगी लेकिन जब मैंने उसे कहा तुम इसे हाथ में पकड़ लो तो उसने अपने मुठ्ठी के बीच में मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे वह हिलाने लगी। जब वह उसे ऊपर नीचे कर रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और वह मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर लेने के लिए तड़प रही थी मैंने उसे कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो हालांकि पहले तो वह बहुत शर्मा रही थी लेकिन जब उसने अपने मुंह के अंदर लंड को लेना शुरु किया तो मुझे बहुत अच्छा लगा और वह मेरे लंड को अच्छे तरीके से चूसने लगी थी कुछ देर तक उसने मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटा और मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। जब मैं ऐसा कर रहा था तो वह मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी जैसे कि मेरे लंड से वह पानी बाहर निकालने वाली है जल्दी ही मेरे लंड से पानी बाहर निकलने वाला था और मैंने उसे कहा लगता है मेरा वीर्य गिरने वाला है।

वह कहने लगी तुम अपने वीर्य को मेरे मुंह के अंदर ही गिरा दो और मैंने अपने वीर्य को उसके मुंह में ही गिरा दिया। हम दोनों की ही गर्री बढ़ चुकी थी और मैंने उससे कहा कि तुम अपने कपड़ों को उतार दो और उसने अपने कपड़ों को मेरे सामने उतार दिया। जब उसने ऐसा किया तो मैं पूरी तरीके से गर्म हो चुका था मैंने प्रतिभा से कहा कि मुझे तुम्हारे स्तनों को चूसना है। मैं जब उसके बूब्स को अपने मुंह में लेकर चूस रहा था तो मुझे अच्छा लग रहा था और वह मेरा साथ बड़े अच्छे से दे रही थी। मेरे अंदर की गर्मी इस कदर बढ़ने लगी थी कि मैंने उसे कहा मैं अब तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं लेकिन उससे पहले मैं उसकी चूत को चाटना भी चाहता था क्योंकि उसकी गुलाबी चूत को देखकर मेरा मन उसे चाटने का होने लगा था और मैंने जैसे ही उसकी नरम चूत पर अपनी जीभ को लगाया तो मुझे बहुत ही मजा आ रहा था और उसे भी बड़ा अच्छा लग रहा था।

अब वह पूरी तरीके से मजे में आ चुकी थी जब मैंने उसकी चूत के ऊपर अपने लंड को लगाया तो उसके मुंह से हल्की से आह की आवाज निकली और वह कहने लगी तुम जल्दी से अपने लंड को मेरी चूत में घुसा दो। मैंने भी उसकी चूत को हलका सा अपने हाथ से खोला और उसकी चूत के अंदर जब मैंने अपने लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाई। अभी सिर्फ आधा ही लंड अंदर की तरफ गया था लेकिन उसकी चीख बहुत ज्यादा थी उसकी चूत से हल्का सा खून भी निकलने लगा था अब मैंने उसकी चूत मे एक ही झटके मे लंड अंदर डाल दिया। मेरा लंड अंदर की तरफ जा चुका था लेकिन उसकी चूत से निकलती हुई खून की पिचकारी कुछ ज्यादा ही बाहर की तरफ आ चुकी थी जिससे कि मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। अब मेरी गर्मी बढ़ने लगी थी मैंने उसे बडे ही तेजी से चोदना शुरू कर दिया था। मैं उसे इतनी तीव्रता से धक्के दे रहा था उससे मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था और वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित होती जा रही थी उसकी उत्तेजना इस कदर बढ़ने लगी थी कि मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और उसे भी मज़ा आ रहा था अब मेरे अंदर की गर्मी अधिक बढ़ गई और मेरा वीर्य पतन हो गया।
 
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