(Cousine Ka Jism)
दोस्तो, लड़कियों के लिए २१-२२ साल की अवस्था काफी कामुकता भरी होती है, और अगर उसकी नग्न शरीर का झलक मिल जाए तो फिर जी करता है कि अभी उसको चोद डालूं।
लेकिन लंड और चुत का संबंध भाई और बहन के बीच गलत है। कामना, मेरे छोटे चाचा की लड़की है और फिलहाल उन्नाव से कानपुर आई हुई है। वो देखने में तो साधारण ही है लेकिन उसका शरीर काफी सेक्सी है, नशीली आंखों के साथ मध्यम आकार के स्तन के जोड़े देख उसको चूसने का मन करता है।
उसके चूतड़ की उभार काफी मस्त है, बिल्कुल खरबूजे की दो फांकें जो कि उसके चलते वक्त आपस में टकराती है। उसको देख तो लंड टाईट होकर जांघिया फाड़ने लगता है।
कामना शाम को अपने पिताजी के संग घर आई, तो उसको देखकर भूल गया कि वो मेरी चचेरी बहन है, ३-४ साल के बाद कामना से मेरी भेंट हुई थी। वो आते ही उसने मम्मी और मेरा पैर को स्पर्श किया, तो मैने उसके सर पर हाथ फेरता हुआ आशीर्वाद दिया।
फिर चाचा के संग मै चाय पीने लगा, और चाचा बोले - देखो दीपक इसका दाखिला तुम्हे ही कराना है, मै सुबह की बस से उन्नाव चला जाऊंगा।
मै - अरे चाचा जी, आप निश्चिंत होकर जाइए मै उसके साथ ही रहूंगा।
फिर रात को घर के सारे सदस्य साथ में खाना खा रहे थे, तो मै कामना की चूची को तिरछी नजर से घुर रहा था। फिलहाल तो उसको नग्न देखना चाहता था, खैर सब लोग खाना खाकर सोने चले गए।
अगले दिन मेरे कालेज में छुट्टी थी और रविवार होने की वजह से आज कामना का दाखिला भी नहीं होने वाला था। तो मै आज उसको नग्न रूप में देखना चाहता था, लेकिन कैसे ये मैं समझ नहीं पा रहा था।
कामना चाचा जी के जाने के बाद बालकनी में अकेले बैठी हुई थी, तो मै उसके पास जाकर कुर्सी पर बैठा और उससे बात करने लग गया।
मैं - आज तो घर पर ही रहना है, क्यों?
कामना - कुछ काम तो है दीपक लेकिन चाची के साथ ही जाना होगा।
मै उसके रसीली होंठो को कनखिया को देख कर बोला - ठीक है तो चाची जी के साथ ही मार्केट हो आना।
फिर मै उठकर वहां से अपने कमरे कि और चला गया, तभी मेरे दिमाग में एक खयाल आया और मै अपने कमरे से बागान कि और चला गया। वहां मै मम्मी के कमरे के वाशरूम को चाभी बंद कर दिया, और फिर अपने रूम में आकर वाशरूम में घुसा और उसके एक भेंटिलेसन को पूरी तरह से खोल दिया।
मुझे पता था कि मम्मी के वाशरूम में जब पानी नहीं आएगा तो कामना मेरे वाशरूम में ही स्नान करेगी, और मै उसको खुली भेंटीलेसन से नग्न स्नान करते देख पाऊंगा।
फिर मै डायनिंग रूम आया तो मम्मी कामना को बोली - जाकर स्नान कर लो, और फिर नाश्ता कर लेना।
जब मम्मी ने मुझे बोला तो मै बोला - आधे घंटे का काम बागान में है, मैं उसके बाद स्नान करूंगा।
फिर कामना गेस्ट रूम की ओर गई और मेरे सामने से कमर बलखाते हुए मम्मी के रूम की ओर चली गई। उसके हाथ में कुछ कपड़े भी थे तो मै बागान की ओर चला गया, और वहां इस इंतजार में था कि कब मम्मी या कामना आकर वाशरूम की परेशानी मुझे बताए।
मैं वही बैठकर फूल की क्यारी से घांस साफ करने लगा, और कुछ पल बाद मम्मी मेरे पास आई तो मैं बोला - क्या हुआ मम्मी?
मम्मी - पता नहीं, मेरे वाशरूम में पानी नहीं आ रहा है।
मै - मैं अभी देखता हूं।
ये कहकर मै उस जगह पर गया जहां वाशरूम और किचन के नल की चाभी थी। और फिर मै मम्मी को बोला - मम्मी यहां तो सब ठीक है, जब तक प्लंबर नहीं आता आप मेरे वाशरूम से ही काम चला लो।
फिर मम्मी वहां से चली गई, खैर वाशरूम का भेंटिलेसन कुछ खास ऊंचाई पर नहीं था। इसलिए मै आराम से वाशरूम के अंदर झांक कर कामना के नग्न बदन को देख सकता था।
कुछ पल बाद मै उठकर भेंटिलेसन की ओर गया तो कामना अपने कपड़े को खूंटी में टांग रही थी। अब मै इस इंतजार में था, कि कब कामना अपने स्कर्ट और टॉप्स को खोलकर अपनी सेक्सी बदन मुझे दिखाए।
तभी उसने अपने टॉप्स को गले से बाहर कर दिया, फिलहाल तो उसकी नंगी पीठ ही मुझे दिख रही थी और साथ में ब्लू रंग की ब्रा की पट्टी भी दिख रही थी। वो अब पलट गई तो उसका जिस्म मेरी आंखों के सामने था, और मेरी नजर उसके गोल गोल स्तन पर थी।
कामना के चिकने सपाट पेट से लेकर कमर तक को देखता हुआ मेरा लन्ड टाईट हो गया। अब वो बरमूडा के अंदर धीरे धीरे खड़ा हो चुका था, तो अब कामना ने अपना हाथ कमर पर लगा दिया।
मेरी सांसे थम चुकी थी और उसके दुग्ध स्थल की उभार को देखता हुआ मन तड़पने लग गया। कामना मुश्किल से ५'३ फिट की होगी लेकिन उसके गोरे बदन देखता हुआ अब इंतजार खत्म सा हो गया था।
उसकी स्कर्ट का हुक खुल गया और उसकी स्कर्ट जैसे हि जमीन पर गिरा मेरी नजर सीधे उसकी जांघों के बीच गई, लेकिन उसकी चूत ब्लू रंग की पेंटी ने ढक रखी थी।
फिलहाल कामना के चिकने जांघों को देखते हुए मैंने अपना लन्ड बरमूडा के कोने से बाहर निकाल लिया। अब मैं अपने लंड को धीरे धीरे हिलाते हुए
दोस्तो, लड़कियों के लिए २१-२२ साल की अवस्था काफी कामुकता भरी होती है, और अगर उसकी नग्न शरीर का झलक मिल जाए तो फिर जी करता है कि अभी उसको चोद डालूं।
लेकिन लंड और चुत का संबंध भाई और बहन के बीच गलत है। कामना, मेरे छोटे चाचा की लड़की है और फिलहाल उन्नाव से कानपुर आई हुई है। वो देखने में तो साधारण ही है लेकिन उसका शरीर काफी सेक्सी है, नशीली आंखों के साथ मध्यम आकार के स्तन के जोड़े देख उसको चूसने का मन करता है।
उसके चूतड़ की उभार काफी मस्त है, बिल्कुल खरबूजे की दो फांकें जो कि उसके चलते वक्त आपस में टकराती है। उसको देख तो लंड टाईट होकर जांघिया फाड़ने लगता है।
कामना शाम को अपने पिताजी के संग घर आई, तो उसको देखकर भूल गया कि वो मेरी चचेरी बहन है, ३-४ साल के बाद कामना से मेरी भेंट हुई थी। वो आते ही उसने मम्मी और मेरा पैर को स्पर्श किया, तो मैने उसके सर पर हाथ फेरता हुआ आशीर्वाद दिया।
फिर चाचा के संग मै चाय पीने लगा, और चाचा बोले - देखो दीपक इसका दाखिला तुम्हे ही कराना है, मै सुबह की बस से उन्नाव चला जाऊंगा।
मै - अरे चाचा जी, आप निश्चिंत होकर जाइए मै उसके साथ ही रहूंगा।
फिर रात को घर के सारे सदस्य साथ में खाना खा रहे थे, तो मै कामना की चूची को तिरछी नजर से घुर रहा था। फिलहाल तो उसको नग्न देखना चाहता था, खैर सब लोग खाना खाकर सोने चले गए।
अगले दिन मेरे कालेज में छुट्टी थी और रविवार होने की वजह से आज कामना का दाखिला भी नहीं होने वाला था। तो मै आज उसको नग्न रूप में देखना चाहता था, लेकिन कैसे ये मैं समझ नहीं पा रहा था।
कामना चाचा जी के जाने के बाद बालकनी में अकेले बैठी हुई थी, तो मै उसके पास जाकर कुर्सी पर बैठा और उससे बात करने लग गया।
मैं - आज तो घर पर ही रहना है, क्यों?
कामना - कुछ काम तो है दीपक लेकिन चाची के साथ ही जाना होगा।
मै उसके रसीली होंठो को कनखिया को देख कर बोला - ठीक है तो चाची जी के साथ ही मार्केट हो आना।
फिर मै उठकर वहां से अपने कमरे कि और चला गया, तभी मेरे दिमाग में एक खयाल आया और मै अपने कमरे से बागान कि और चला गया। वहां मै मम्मी के कमरे के वाशरूम को चाभी बंद कर दिया, और फिर अपने रूम में आकर वाशरूम में घुसा और उसके एक भेंटिलेसन को पूरी तरह से खोल दिया।
मुझे पता था कि मम्मी के वाशरूम में जब पानी नहीं आएगा तो कामना मेरे वाशरूम में ही स्नान करेगी, और मै उसको खुली भेंटीलेसन से नग्न स्नान करते देख पाऊंगा।
फिर मै डायनिंग रूम आया तो मम्मी कामना को बोली - जाकर स्नान कर लो, और फिर नाश्ता कर लेना।
जब मम्मी ने मुझे बोला तो मै बोला - आधे घंटे का काम बागान में है, मैं उसके बाद स्नान करूंगा।
फिर कामना गेस्ट रूम की ओर गई और मेरे सामने से कमर बलखाते हुए मम्मी के रूम की ओर चली गई। उसके हाथ में कुछ कपड़े भी थे तो मै बागान की ओर चला गया, और वहां इस इंतजार में था कि कब मम्मी या कामना आकर वाशरूम की परेशानी मुझे बताए।
मैं वही बैठकर फूल की क्यारी से घांस साफ करने लगा, और कुछ पल बाद मम्मी मेरे पास आई तो मैं बोला - क्या हुआ मम्मी?
मम्मी - पता नहीं, मेरे वाशरूम में पानी नहीं आ रहा है।
मै - मैं अभी देखता हूं।
ये कहकर मै उस जगह पर गया जहां वाशरूम और किचन के नल की चाभी थी। और फिर मै मम्मी को बोला - मम्मी यहां तो सब ठीक है, जब तक प्लंबर नहीं आता आप मेरे वाशरूम से ही काम चला लो।
फिर मम्मी वहां से चली गई, खैर वाशरूम का भेंटिलेसन कुछ खास ऊंचाई पर नहीं था। इसलिए मै आराम से वाशरूम के अंदर झांक कर कामना के नग्न बदन को देख सकता था।
कुछ पल बाद मै उठकर भेंटिलेसन की ओर गया तो कामना अपने कपड़े को खूंटी में टांग रही थी। अब मै इस इंतजार में था, कि कब कामना अपने स्कर्ट और टॉप्स को खोलकर अपनी सेक्सी बदन मुझे दिखाए।
तभी उसने अपने टॉप्स को गले से बाहर कर दिया, फिलहाल तो उसकी नंगी पीठ ही मुझे दिख रही थी और साथ में ब्लू रंग की ब्रा की पट्टी भी दिख रही थी। वो अब पलट गई तो उसका जिस्म मेरी आंखों के सामने था, और मेरी नजर उसके गोल गोल स्तन पर थी।
कामना के चिकने सपाट पेट से लेकर कमर तक को देखता हुआ मेरा लन्ड टाईट हो गया। अब वो बरमूडा के अंदर धीरे धीरे खड़ा हो चुका था, तो अब कामना ने अपना हाथ कमर पर लगा दिया।
मेरी सांसे थम चुकी थी और उसके दुग्ध स्थल की उभार को देखता हुआ मन तड़पने लग गया। कामना मुश्किल से ५'३ फिट की होगी लेकिन उसके गोरे बदन देखता हुआ अब इंतजार खत्म सा हो गया था।
उसकी स्कर्ट का हुक खुल गया और उसकी स्कर्ट जैसे हि जमीन पर गिरा मेरी नजर सीधे उसकी जांघों के बीच गई, लेकिन उसकी चूत ब्लू रंग की पेंटी ने ढक रखी थी।
फिलहाल कामना के चिकने जांघों को देखते हुए मैंने अपना लन्ड बरमूडा के कोने से बाहर निकाल लिया। अब मैं अपने लंड को धीरे धीरे हिलाते हुए