कमाल की चुदाई की हम दोनों ने

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Antarvasna, hindi sex kahani: मैं कुछ दिनों के लिए अपने गांव गया और गांव में जब मैं अपने दोस्त से मिला तो उससे मिलकर मुझे काफी अच्छा लगा। पहले हम लोग गांव में ही रहा करते थे लेकिन अब हम लोग शहर में रहने लगे हैं हम लोग दिल्ली में रहते हैं। मैं कुछ दिनों से गांव में ही रहना चाहता था करीब एक हफ्ते तक गांव में रहने के बाद मैं वापस दिल्ली लौट आया था। दिल्ली की भागदौड़ भरी जिंदगी में मैं अपने परिवार के साथ बिल्कुल भी समय नहीं बिता पाता था। मेरी पत्नी को हमेशा मुझसे यही शिकायत रहती कि मैं उसके साथ बिल्कुल भी समय नहीं पीता पाता हूं लेकिन मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं रहता था क्योंकि मैं अपने ऑफिस से थक कर घर आता था। जब भी मैं अपने ऑफिस से घर लौटता तो उस वक्त मुझे काफी ज्यादा देर हो जाती थी मेरी पत्नी इस बात से बहुत ही नाराज रहती है। एक दिन वह इसी बात पर मुझसे झगड़ने लगी और हम दोनों के बीच इतना ज्यादा झगड़ा बढ़ गया कि वह मुझे कहने लगी कि मैं अपने मायके जा रही हूं।

मुझे लगा कि शायद उसका गुस्सा ठंडा हो जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ वह अपने मायके चली गई। हम दोनों की शादी को अभी दो वर्ष ही हुए हैं इन दो वर्षों में मैं अपनी पत्नी को बिल्कुल भी समय नहीं दे पाया, वह इसी बात से मुझसे नाराज थी और अपने मायके चली गई। मैंने जब अपनी पत्नी को फोन किया तो उसे मैंने घर आने के लिए कहा लेकिन वह घर नहीं आई वह कहने लगी कि मुझे तुमसे बात ही नहीं करनी है वह बहुत ज्यादा गुस्से में थी। मैंने भी उस वक्त उससे बात करना ठीक नहीं समझा और अगले दिन मैं अपनी पत्नी को लेने के लिए उसके मायके चला गया। पापा और मम्मी ने मुझे कहा कि बेटा तुम बहू को घर वापस ले आओ। मेरे पापा और मम्मी को भी यह बात पता चल चुकी थी कि हम दोनों के बीच झगड़ा हो हुआ है। मैंने उस दिन अपनी पत्नी को समझाया और उसे मैं घर ले आया वह चाहती थी कि हम लोग कहीं साथ में घूमने के लिए जाएं और कुछ दिन हम लोग साथ में समय बिताएं। मैंने भी अपनी पत्नी से कहा कि हम लोग कुछ दिनों के लिए मनाली हो आते हैं और फिर हमने मनाली जाने का प्लान बना लिया। मैं और मेरी पत्नी कुछ दिनों के लिए मनाली चले गए वह काफी खुश थी कि हम लोग कुछ दिनों के लिए मनाली घूमने के लिए जा रहे हैं।

कुछ दिनों तक हम लोग मनाली में ही रुके और फिर हम लोग वापस दिल्ली लौट आए थे। जब हम लोग दिल्ली वापस लौटे तो उसके बाद फिर मैं अपने ऑफिस के काम में बिजी हो गया और मुझे अपनी पत्नी के लिए बिल्कुल भी समय नहीं मिल पा रहा था। मुझे नहीं मालूम था कि इस वजह से हम दोनों का रिलेशन टूटने की कगार पर आ जाएगा और एक समय ऐसा आएगा की मेरी पत्नी मुझसे डिवोर्स के लिए कहेगी मैंने कभी भी इस बारे में सोचा नहीं था। मेरी पत्नी ने मुझसे डिवोर्स के लिए कहा तो मैंने उससे कई बार समझाने की कोशिश की परंतु वह मेरी बात नहीं मानी। मेरी पत्नी भी जॉब करने लगी थी और वह चाहती थी कि वह मुझसे डिवोर्स ले ले हम दोनों ने फैसला कर लिया था कि हम दोनों को डिवोर्स ले लेना चाहिए। मैंने और मेरी पत्नी ने डिवोर्स ले लिया था, हम दोनों के डिवोर्स हो जाने के बाद मैं और मेरी पत्नी एक दूसरे से कभी मिले ही नहीं। मेरी जिंदगी में भी कुछ नयापन नहीं था मैं अपनी जॉब में बिजी रहता और मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिलता था लेकिन इस बात से मेरे पापा और मम्मी बड़े परेशान रहने लगे थे उन्हें मेरी बहुत चिंता सताने लगी। मुझे भी कुछ समझ नहीं आ रहा था की मुझे क्या करना चाहिए। मेरा ऑफिस में प्रमोशन हो चुका था और प्रमोशन हो जाने के बाद हमारे ऑफिस में ललिता आई ललिता ने कुछ दिन पहले ही ऑफिस ज्वाइन किया था। उसे ऑफिस में ज्यादा समय नहीं हुआ था इसलिए वह मुझसे अक्सर कोई ना कोई मदद जरूर ले लिया करती थी और मुझसे ललिता की बातचीत भी काफी अच्छी होने लगी थी। हम दोनों की बॉन्डिंग बहुत अच्छी होने लगी थी हम दोनों के बीच बहुत हंसी मजाक हुआ करता था। ललिता को मेरे टूटे हुए रिलेशन के बारे में पता था कि मेरा डिवोर्स हो चुका है लेकिन उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था। एक दिन ललिता ने मुझे कहा कि मैं आपसे शादी करना चाहती हूं मैं तो इस बात से शॉक्ड हो गया था मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि ललिता मुझसे कभी शादी करने की बात कहेगी। मैंने उसे समझाने की कोशिश की कि हमारे रिश्ते को तुम्हारे परिवार वाले स्वीकार नही करेंगे परंतु वह तो मुझसे शादी करने के लिए तैयार बैठी थी।

जब ललिता ने अपने परिवार वालों को मुझसे मिलाया तो उन्हें भी मेरे और ललिता के बीच के रिश्ते से कोई आपत्ति नहीं थी और वह लोग मुझसे ललिता की शादी करवाने के लिए तैयार हो चुके थे। मैं बहुत ज्यादा खुश था कि मेरी जिंदगी में ललित आ चुकी है मुझे तो उम्मीद ही नही थी कि ललिता के परिवार वाले हमारे रिश्ते के लिए मान जाएंगे। ललिता मुझे अच्छी तरीके से समझती थी और मैं बहुत ही ज्यादा खुश था अब हम दोनों की शादी हो गई और फिर हम दोनों की शादी बड़े ही धूमधाम से हुई। ललिता मेरी पत्नी बन चुकी थी उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने लगे थे। हम दोनों एक ही ऑफिस में जॉब करते थे इसलिए हम दोनों को एक दूसरे के साथ समय बिताने का मौका मिल जाता था। ललिता मुझे हमेशा ही खुश रखने की कोशिश करती ललिता और मेरे बीच सेक्स तो हो ही चुका था लेकिन एक दिन मैं काफी ज्यादा थका हुआ महसूस कर रहा था। उस दिन ललिता ने मेरे सामने अपने बदन के जलवे बिखेरने शुरू कर दिए। जब वह मेरे सामने अपने कपड़े उतारने लगी तो मैं भी समझ चुका था कि ललिता आज मचलने लगी है और वह मुझसे अपनी चूत मरवाना चाह रही है। मैंने ललिता से कहा मैं तुम्हारी चूत मारना चाहता हूं वह भी मेरी गोद में आकर बैठ गई। जब वह मेरी गोद में आकर बैठी तो मेरा लंड उसकी गांड से टकराने लगा था।

ललिता की गांड से मेरा लंड टकरा रहा था तो मेरे अंदर की उत्तेजना भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। मैं समझ चुका था मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। वह मुझसे अपनी चूत मरवाने के लिए तैयार हो चुकी थी इसलिए जब मैंने ललिता के कपड़ों को खोल कर उसे बिस्तर पर लेटाया तो मै ललिता के बदन से गर्मी महसूस करने लगा। मै उसके स्तनों को मैं चूसने लगा और ललिता के स्तनों को मैं जो चूस रहा था तो उसके स्तनों के अंदर गर्मी पैदा हो रही थी वह मेरे अंदर की गर्मी को भी बढा रही थी। मैंने जब ललिता की चूत पर अपने लंड को लगाया तो वह उत्तेजित होने लगी। मैं ललिता की चूत पर अपने लंड को रगड़ता तो उसे मजा आता। ललिता की चूत के अंदर आग बढने लगी थी। मेरा लंड पूरी तरीके से ललिता की चूत के अंदर तक जा चुका था वह बहुत चिल्लाने लगी थी। उसके अंदर गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी और मेरे अंदर की गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी मेरे अंदर की गर्मी अब इस कदर बढ़ चुकी थी कि मैंने ललिता को कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर माल को गिराना चाहता हूं। ललिता ने मुझे कहा तुम मेरी चूत के अंदर अपने माल को गिरा दो। मैंने उसकी योनि के अंदर बाहर अपने लंड को बडी तेजी से किया। मैने उसे तेजी से धक्के मारना शुरू कर दिया था मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ ही चुकी थी। अब मुझे साफ तौर पर पता चल चुका था कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाऊंगा यही वजह थी कि मैंने ललिता कि चूत के अंदर अपने माल को गिरा दिया। ललिता ने मेरे लंड को चूस कर दोबारा से खड़ा कर दिया मैंने ललिता को कहा मैं तुम्हें घोड़ी बनाकर चोदना चाहता हूं मैंने उसे घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया। मैं जब ललिता को घोड़ी बनाकर धक्के मार रहा था तो उसे मज़ा आ रहा था और मेरे अंदर की गर्मी भी अब बढ़ती जा रही थी। हम दोनों के अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ चुकी थी मेरा लंड उसकी चूत को अंदर तक जा चुका था जब मेरा लंड उसकी चूत के अंदर बाहर होता तो वह बहुत जोर से सिसकारियां लेकर मुझे कहती मुझे और तेजी से धक्के मारते रहो। मैंने ललिता को बहुत ही ज्यादा देर तक चोदा और ललिता के अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा कर रख दिया था।

ललिता की चूत से निकलता हुआ खून भी अब बढने लगा था। उसकी चूत से इतना खून निकलने लगा मुझे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे कि वह बिल्कुल सील पैक माल हो। ललिता मुझे कहने लगी आज तो तुमने मेरी योनि से खून में निकाल दिया है। मैंने ललिता को कहा तुम्हारी योनि से खून निकल रहा है लेकिन मेरा भी आज पूरी तरीके से लंड छिल चुका है मैं अब बिल्कुल नहीं रह पा रहा हूं यह कहकर मैंने उसकी चूत के अंदर अपने माल को गिरा दिया। ललिता की चूत के अंदर मैने माल गिरा दिया अब वह मेरे साथ लेट गई। हम दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे ललिता के साथ मैंने काफी देर तक बात की। वह मुझे कहने लगी अब मुझे बहुत गहरी नींद आ रही है। मैंने उसे कहा ठीक है तुम भी सो जाओ और मुझे भी अब नींद आ रही है। हम दोनों ही सो गए लेकिन हम दोनों को जब भी मन होता है तो हम दोनों एक दूसरे के साथ जमकर सेक्स का मजा ले लिया करते। ललिता तो मुझसे चुदने के लिए हमेशा तैयार रहती।
 
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