साहब आपका लंड कमाल का है

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Antarvasna, sex stories in hindi: मेरी तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं थी इसलिए मैं कुछ दिनों से घर पर ही था एक दिन घर पर मामा जी आए हुए थे जब वह घर पर आए तो उस दिन उन्होंने मुझसे कहा कि रोहित बेटा तुम्हारी तबीयत कैसी है। उन्हें यह बात मेरे पापा ने बताई कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है इसलिए वह उस दिन घर पर आए थे, मामा जी हमारी ही कॉलोनी में रहते हैं और काफी दिनों बाद वह घर आए थे। मैंने मामा जी से कहा की मामा जी मेरी तबियत पहले से ठीक है और कुछ दिनों में मैं कॉलेज जाने लगूंगा। मेरी तबीयत अचानक से खराब होने लगी थी जिस वजह से उस दिन मुझे डॉक्टर ने आराम करने के लिए कहा था और करीब 10 दिनों तक मैं घर पर ही था और उसके बाद मैं अपने कॉलेज जाने लगा। मैं जब कॉलेज गया तो कुछ ही समय में हमारे कॉलेज में एग्जाम शुरू होने वाले थे और मुझे इस बात की चिंता भी सता रही थी कि मैं एग्जाम कैसे दूंगा क्योंकि मैं कुछ भी तैयारी नहीं कर पाया था लेकिन उसके बाद मैं तैयारी करने लगा।

जब हमारे एग्जाम हो गए तो मुझे लगा कि शायद मेरा अच्छे नंबर नहीं आएंगे लेकिन उसके बावजूद भी मेरे काफी अच्छे नंबर आए और फिर मेरा कॉलेज भी पूरा हो चुका था। मेरा कॉलेज खत्म हो जाने के बाद मैं अपने करियर को लेकर बहुत ही चिंतित था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए। ऐसे वक्त में मैंने पापा से मदद लेने की सोची, पापा से मैंने पूछा तो पापा मुझे कहने लगे कि रोहित बेटा तुम क्या सोचते हो वह तुम मुझे बता दो। मैंने पापा से कहा कि पापा फिलहाल तो मैं जॉब करना चाहता हूं पापा ने मुझे कहा कि बेटा अगर तुम जॉब करना चाहते हो तो तुम जॉब कर लो। उसके बाद मैं अपना इंटरव्यू देने लगा हालांकि मेरा कहीं पर भी सलेक्शन तो नहीं हो पाया था लेकिन एक दिन जब मैं सुबह अखबार पढ़ रहा था तो उसमें मैंने इस्तहार देखा और मैं उस कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए चला गया। वहां पर काफी ज्यादा भीड़ थी मुझे तो लग ही नहीं रहा था कि मेरा सिलेक्शन वहां हो पाएगा लेकिन जब मैंने वहां इंटरव्यू दिया तो मेरा उस कंपनी में सिलेक्शन हो गया और मुझे एक अच्छी सैलरी पैकेज पर कंपनी ने रख लिया था मैं बहुत ज्यादा खुश था। कुछ ही दिनों में मैं उस कंपनी को ज्वाइन करने वाला था लेकिन उससे पहले हम लोगों को मुंबई जाना था। मेरे साथ करीब 10 लोग और थे जिनका सिलेक्शन उस कंपनी में हुआ था और फिर हम कुछ दिनों के लिए मुंबई चले गए हम लोग कंपनी की ट्रेनिंग के लिए मुम्बई गए थे और हम लोग दस दिन वहां पर रहे। दस दिन वहां पर रुकने के बाद मैं वापस घर लौट आया था और दो दिन तक मैं घर पर ही रहने वाला था क्योंकि दो दिन की ऑफिस की छुट्टी थी। उस दौरान मैंने सोचा कि मैं घर पर ही रहूंगा लेकिन मुझे क्या मालूम था कि उस बीच में इतना ज्यादा काम होगा कि मुझे बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाएगा।

मैं ऑफिस ज्वाइन कर चुका था मैंने ऑफिस ज्वाइन कर लिया था इसलिए मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं होता था मैं काफी ज्यादा बिजी रहने लगा था। मैं सुबह के वक्त ऑफिस चला जाता और शाम को घर लौटता। एक दिन पापा घर पर ही थे उस दिन मैं भी घर पर था तो पापा मुझे कहने लगे कि रोहित बेटा हम लोग सोच रहे हैं कि कुछ समय के लिए तुम्हारी मौसी के घर हो आए। मैंने पापा से कहा कि पापा यह तो बहुत ही अच्छा रहेगा कम से कम इस बहाने हम लोग घूम भी आएंगे। मेरी मौसी जो कि जयपुर में रहती हैं और अब हम लोगों ने जयपुर जाने का फैसला कर लिया था मुझे भी जॉब करते हुए करीब 6 महीने से ऊपर हो चुका था और मैंने भी अपने ऑफिस में छुट्टी के लिए अप्लाई कर दिया था कुछ ही दिनों में मुझे भी छुट्टी मिल गई और फिर हम लोग जयपुर जाने के लिए तैयारी करने लगे। हम लोग जब जयपुर पहुंचे तो मेरी मौसी काफी खुश थी और मैं भी काफी खुश था। हम लोग कुछ दिनों तक जयपुर में रहे और फिर हम लोग वहां से वापस अपने घर लौट आए। जयपुर का टूर हमारा काफी अच्छा रहा हम लोग मौसी से भी मिल लिए थे और हम लोगो का कुछ दिनों तक जयपुर में घूमना भी हो गया था। जयपुर से हम लोग वापस दिल्ली लौट आए थे दिल्ली लौटने के बाद मैं अपने ऑफिस जाने लगा था। एक दिन मैं अपने ऑफिस जा रहा था जब उस दिन मैं अपने ऑफिस गया तो रास्ते में मुझे मेरा दोस्त मिला जो कि काफी समय बाद मुझसे मिल रहा था। वह मुझे कहने लगा कि रोहित तुमसे काफी दिनों बाद मुलाकात हो रही है मैंने उसे बताया कि तुम भी तो मुझसे काफी समय बाद मिल रहे हो। मेरे दोस्त का नाम अविनाश है और वह मुझसे करीब एक वर्ष बाद मिल रहा था मैंने अविनाश को कहा कि तुम आजकल क्या कर रहे हो तो अविनाश ने मुझे बताया कि वह अपने पापा का बिजनेस संभाल रहा है। मैंने अविनाश को कहा अभी तो मुझे ऑफिस जाने के लिए देर हो रही है लेकिन मैं तुम्हें फोन करूंगा, हम लोग फोन पर बातें करते हैं अविनाश कहने लगा ठीक है।

उस दिन अविनाश से मेरी ज्यादा बात तो नहीं हो पाई लेकिन उसके काफी दिनों बाद मैंने उसे फोन किया।जब मैंने अविनाश को फोन किया था अविनाश ने मुझे कहा तुमने काफी दिनों बाद मुझे फोन किया। मैंने अविनाश को कहा कि तुम तो जानते ही हो कि मैं कितना बिजी रहता हूं इस वजह से तुम्हें फोन नहीं कर पाया। अविनाश और मै एक दूसरे से बात कर रहे थे अविनाश ने मुझे बताया वह कुछ दिनों के लिए अपने फार्म हाउस में जा रहा है। मैंने अविनाश को कहा क्या मैं भी तुम्हारे साथ चल सकता हूं तो अविनाश कहने लगा क्यों नहीं और मैने लोगों ने अविनाश के फार्महाउस में जाने का प्लान बना लिया। हम लोग अविनाश के फार्म हाउस में एक हफ्ते बाद जाने वाले थे। जब हम लोग अविनाश के फार्महाउस में गए तो वहां पर सारी व्यवस्था अविनाश ने पहले से ही करवा दी थी। वहां पर एक सिक्योरिटी गार्ड भी था वह ही फॉर्म को देखे करता है। वहां पर कमला भी काम करने के लिए आती है। उसे देख मेरा मन डोल ऊठा और मै उसे चोदने के लिए तैयार था। मैने अविनाश को बताया तो अविनाश को इस से कोई आपत्ति नहीं थी। अविनाश मुझे कहने लगा अगर तुम्हें कमला के साथ में शारीरिक संबंध बनाना हैं तो तुम बना सकते हो। मैं भी इस बात से बड़ा खुश था मैंने कमला के साथ शारीरिक संबंध बनाने के बारे में सोच लिया था। मैं कमला के साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहता था मैंने उसे पैसे का प्रलोभन दिया और वह मेरी बात मान गई। वह मेरी बात मान चुकी थी और हम दोनों ही एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे। मैंने जो कमला को अपने पास बुलाया तो वह भी मेरे पास आई और मैंने उसे कहा तुम मेरे बदन की मालिश करो उसने मेरे बदन की मालिश की जब वह ऐसा कर रही थी तो मुझे मजा आता और उसे भी मजा आता। मैंने उसकी साड़ी को उधार दिया था और वह मेरे सामने नंगी थी। उसका नंगा बदन किसी युवती के बदन के समान था वह बहुत खुश थी और मै भी खुश था।

मैंने कमला से कहा कि तुम मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर चूसो वह तुरंत तैयार हो गई और मेरे लंड को सकिंग करने लगी। अब उसको मजा आ रहा था मुझे भी मज़ा आने लगा था हम दोनों के अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ने लगी थी उसने मेरे मोटे लंड को तब तक चूसा जब तक मेरे लंड से पानी नहीं निकल गया।मैंने उसको कहा मैं पूरी तरीके गरम हो चुका हू जब मैने उसके होठों को चूमना शुरू किया तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था। अब मेरे अंदर की गर्मी इस कदर बढ़ चुकी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। मैंने कमला से कहा मेरे अंदर कि गर्मी आज बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं। कमला ने दोबारा मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और जिस तरह से वह मेरे लंड को चूस रही थी मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था वह लगातार मेरे लंड को चूस रही थी उसने मेरे लंड से पानी भी बाहर निकाल दिया था और मेरे वीर्य को मुंह मे निगल लिया था।

उसकी गर्मी भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी मैंने कमला को बिस्तर में लेटाया और उसके स्तनों को मैं अपने मुंह में लेकर उनका रसपान करने लगा। मुझे अच्छा लग रहा था जब मैं उसके बडे और सुडौल स्तनों का रसपान कर रहा था। मेरे अंदर की गर्मी पूरी तरीके से बढ़ने लगी थी मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था मैंने कमला की चूत पर अपनी जीभ को लगाया। उसके चूत से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था। कुछ देर तक मैंने उसकी चूत को चाटा फिर मैंने जैसे ही अपने लंड को कमला की चूत के अंदर डाला तो वह जोर से चिल्लाई और बोली साहब मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है।

मेरे अंदर की आग बढ़ चुकी थी मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैंने कमला से कहा मेरे अंदर कि आग बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है मैंने कमला को तेज गति से धक्के दिए उसकी चूत मारने मे मजा आ रहा था। मैंने उसकी जांघो को अपने हाथों में उठा लिया था और वह मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ने की कोशिश करने लगी थी। कमला को चोद कर मजा आ रहा था। मैंने उसकी चूत से पानी को बाहर निकाल कर रख दिया था वह अब संतुष्ट हो गई थी और मैं भी संतुष्ट हो चुका था। कमला की चूत से लंड निकालकर मैने उसे दोबारा चोदा और कमला की चूत फाड कर रख दी कमला को मजा आ गया था और हम लोग फार्म हाउस मे जितने दिन रूके मैने कमला को खूब चोदा।
 
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