आईये आज आपको एक कामांध भाभी की सेक्सी कहानी सुनाते हैं। ये भाभी हमारे किराये के मकान के बगल वाले कमरे में रहती थीं और गजब की सेक्सी थीं। साईज था छत्तीस चौबीस छत्तीस और रंग था जैसे मक्खन में किसी ने एक चुटकी सिंदूर मिला दिया हो। मुलायम मुलायम गांड साड़ी के उपर से ही झलकती थी और सारे किरायेदारों का लंड खड़ा कर जाती थी। उनका नाम बतादें आपको नाम था लाजो। लाजो भाभी का नाम ही लाजो था बस काम था कि शरम नाम की कोई चीज नहीं, सामने अपनी ब्रा टांग जातीं और चड्ढी सूखने को रख कर चली जातीं बस सारे कंवारें उनको छू छू कर अपना लंड सहलाते रहते। एक दिन जब गर्मियों की छुट्टी में सारे लोग अपने अपने घर चले गये थे, और मैं अकेला अपने रुम में था, और लाईट कटी हुई थी तो मैने सोचा जरा देखूं लाजो भाभी क्या कर रही हैं। जब मैं बाहर निकला और खिड़की की झिर्री से झांका तो मेरा लंड सन्ना के खड़ा हो गया। लाजो भाभी अपने नंगे चूंचों पर पंखा झल रही थी और मेरा लंड एक दम खड़ा हो गया था उनके दूधिया चूंचे देख कर भूरे निप्पल एक दम नुकीले थे। मैं वहीं लाबी में ही अपने खड़े लौड़े पर हाथ रख कर खड़ा था। मैने सोचा जरा दरवाजा खोल कर देखूं, सच में कहीं खुला तो नहीं और जैसे मैने दरवाजे को टटोलने के लिये हाथ लगाया, दरवाजा सीधा दो तरफ खुल गया। मैं डर गया, न मैं आगे जा सकता था न पीछे। अचानक से बिना नाक किये दरवाजा खोलने का मतलब गलत था और अब लंड खड़ा था सामने नंगी भाभी की चूंचियां। तभी भाभी ने अपना स्तन अपने आंचल से छुपाते हुए कहा क्या हुआ अंदर आ जाओ राकेश, मैने कहा ओके भाभी।
मैने दरवाजा भेंड़ दिया तो भाभी ने कहा किल्ली लगा दो। मैने वैसा ही किया और अंदर आते ही भाभी ने मुस्कान मारी, अच्छा तो आज आपने मेरे कुछ खास चीज देख ली है। बोलो नजराना क्या दोगे, मेरा तो लंड पहले से पैंट में खड़ा था, भाभी ने हाथ मार कर कहा, जवान हो गया है तेरा लंड देवर जी। इसे ऐसे न छुपाओ मेरा तो देख लिया अब अपना भी दिखाओ। कह कर उन्होंने मेरी जिप खोल दी और मेरे लंड को मसलने लगी। लंड मसलन से और भी लाल हो गया, ये पहली बार था जब मैं किसी भाभी के साथ था और सेक्स करने की नौबत बन रही थी। अब तक तो मैने सिर्फ सेक्सी कहानी पढ पढ कर लंड खड़ा किया था और हस्तमैथुन किया था लेकिन आज तो खुद ही मेरी सेक्सी कहानी बन रही थी। भाभी ने अपने आंचल को हटा लिया, फिर दुधिया चूंचे नुमाईश करने लगे। मेरे दिल की धड़कन बढ रही थी कि भाभी ने मेरे हाथ पकड़ के अपने चूंचों से लगा दिये। मुझे चार सो चालीस का झटका लगा और भाभी ने रहम नहीं किया मेरे अंडे सहलाने लगीं और मेरी पैंट मेरे गांड से अलग कर दी। उफ्फ!! लंड का लोहा गरम था और अब तक चूत के दरशन नहीं हुए थे, अगर हो जाते तो क्या मैं वहीं झड़ जाता। ये सब और कैसे मैंने लाजो भाभी को चोदा और अपना चुदाई जगत में पहला खाता खोला पढिये, ये सेक्सी कहानी - कामांध लाजो भाभी की सेक्सी कहानी [भाग-2] में
मैने दरवाजा भेंड़ दिया तो भाभी ने कहा किल्ली लगा दो। मैने वैसा ही किया और अंदर आते ही भाभी ने मुस्कान मारी, अच्छा तो आज आपने मेरे कुछ खास चीज देख ली है। बोलो नजराना क्या दोगे, मेरा तो लंड पहले से पैंट में खड़ा था, भाभी ने हाथ मार कर कहा, जवान हो गया है तेरा लंड देवर जी। इसे ऐसे न छुपाओ मेरा तो देख लिया अब अपना भी दिखाओ। कह कर उन्होंने मेरी जिप खोल दी और मेरे लंड को मसलने लगी। लंड मसलन से और भी लाल हो गया, ये पहली बार था जब मैं किसी भाभी के साथ था और सेक्स करने की नौबत बन रही थी। अब तक तो मैने सिर्फ सेक्सी कहानी पढ पढ कर लंड खड़ा किया था और हस्तमैथुन किया था लेकिन आज तो खुद ही मेरी सेक्सी कहानी बन रही थी। भाभी ने अपने आंचल को हटा लिया, फिर दुधिया चूंचे नुमाईश करने लगे। मेरे दिल की धड़कन बढ रही थी कि भाभी ने मेरे हाथ पकड़ के अपने चूंचों से लगा दिये। मुझे चार सो चालीस का झटका लगा और भाभी ने रहम नहीं किया मेरे अंडे सहलाने लगीं और मेरी पैंट मेरे गांड से अलग कर दी। उफ्फ!! लंड का लोहा गरम था और अब तक चूत के दरशन नहीं हुए थे, अगर हो जाते तो क्या मैं वहीं झड़ जाता। ये सब और कैसे मैंने लाजो भाभी को चोदा और अपना चुदाई जगत में पहला खाता खोला पढिये, ये सेक्सी कहानी - कामांध लाजो भाभी की सेक्सी कहानी [भाग-2] में