कामुक चूत कामुक सहेली की

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आज मैं आपको अपनी प्रेमिका की सबसे करीबी सहेली की साथ अवैध रिश्तों की कामुक कहानी सुनाने जा रहा हूँ | दोस्तों आप सभी ने अपनी बीवी या प्रेमिका होने के बाद भी आज तलक उनकी सहेलियों को तो बुरी नज़र से देखा ही होगा | कुछ ऐसा ही ख्याल मेरे दिमाक में भी आता है जिसे मैं उनकी चूत मारकर ही करता हूँ | नीलू मेरी प्रेमिका की सबसे करीबी सहेली थी जिसकी मुझसे भी बात तो हो ही जाया करती थी | मैंने ध्यान दिया की सुंदरता और बदन के मामले में नीलू मेरी प्रेमि़का से कुछ ज्यादा ही गजब दिखती है | इसी बहाने मैंने भी अब नीलू के बदन का स्वाद चखने की सोच ही ली | मैंने धीरे - धीरे अपनी प्रेमि़का की नाक के तले नीलू से मुलाकातों को बढाना शुर कर दिया जिसपर मैं कुछ भी बहन मार दिया करता था |

समय के साथ वो मुझसे थोडा मिलने पर हिचकिचाती भी नहीं थी और अब मैं उससे प्रेमि़का की बुराई और वैसे ही बात करने लगा जैसे की अपनी प्रेमि़का से किया करता था | एक दिन मैंने उसे अपने घर बुलाय जिसपर वो फटाक से तैयार भी हो गयी | घर पर अब मैं उसके साथ रोमांटिक होने लगा और मुझे अपना रास्ता साफ़ होता दिखाई दे रहा था | मैंने बातों - बातों में नीलू को अपने बिलकुल करीब ले आया उसकी आँखों में आँखें डाल अपनी कुछ उँगलियों को उसकी हथेली तक ले आया और फिर सहलाना शुरू कर दिया | मेरी जादू चलना शुर हो चूका था और नीलू मेरा कोई विरोध नहीं कर रही थी बल्कि शांत होकर भारी सांसें ले रही थी |

मैंने अपने एक हाथ को नीलू के कंधे पर चडा लिया और दूसरे हाथ को सहलाता हुने मैंने उसके चुचों को हल्का - हलका छू रहा था जिससे वो हर - बार काँप उठती | मैंने तभी अब कुछ पल में मैंने उसके चेहरे को अपनी और करते हुए उसके गाल को चूमा फिर उसके होठों को भी अपने होठों के काबू में ले लिया | मैं उसके लबों को अपने होंठों के तले दबा लिए जिन्हें मैं मज़े में धीमे धीमे अपने होंठों चूस रहा था | मुझे नंगे चुचों की अपने मुंह में भर चुसाई की तलब जगने लगी जिसपर मैंने उसके चुचों को अपने सामने नंगा कर मुंह में भर लिया और वो सिसकियाँ लेकर तडप रही थी | मैं दूसरे हाथ से उसकी पैंटी को नीचे कर दिया | पैंटी के उतारते ही नीलू शर्म से गीली हो चुकी थी |

मैंने धीरे - धीरे उसके हाथ को प्यार से हटाते हुए अब उसकी अंदर डालते हुए उसकी चूत के उप्पर फिराने लगा जिससे उसकी चूत की गीली होने में वक्त ना लगा | मैंने अब आगे का पढाव बढाते हुए उसकी चूत पर अपने लंड को सटाके जोर देने लगा | कुछ पल में मैंने उसकी चूत को चोदे जा रहा था और वो भी कामुकता के नशे में खोयी हुई थी | मेरा लक्ष्य पूरा होता नज़र आ रहा था | इसकी चुदाई में तो मुझे अपनी प्रेमि़का से घना सुख मिल रहा था | नीलू कामवासना में सिंहर रही थी और मैं भी चोदता ही चला गया अपनी रफ्तार बढाते हुए | कुछ देर बाद जब मैंने अपने लंड को देखा तो पता चल की हम दोनों झड चुके थे जिसका पता हम दोनों को ही धक्कों के दौरान नहीं चला |
 
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