sexstories

Administrator
Staff member
कुमार का लंड गले तक भर के कमला उसे चूस रही थी. कुमार की आँखे बंध थी और उसके हाथ कमला के माथे पर थे. देसी सेक्स का असली मजा अभी तो स्टार्ट हुआ था.

कमला ने लंड चूस डाला

कमला लौड़ा गले तक भर रही थी और फिर उसके ऊपर अपनी जबान को घुमाकर चाट लेती थी. कुमार को देसी सेक्स काफी पसंद था इसलिए तो उसने जमीनदार मोहन को देसी चूत के लिए विनंती की थी, ना की सिटी की रंडी के लिए. कुमार आँखे बंध किये हुए आह आह की आवाज निकाल रहे थे और कमला के पीले दांत बिच में दिख रहे थे जब वो लंड को और अंदर लेने के लिए अपना मुहं खोलती थी. कुमार फिर लंड को और भी जोर से मुहं में चलाने लगा लेकिन कमला का अनुभव भी कम थोड़ी था. वो लंड के झटको को मुहं खोल के गले में ले लेती थी.

"ले रंडी मेरा लंड अपने मुहं में ले बेन्चोद, ले ले चूस मेरा लौड़ा. फिर तेरी चूत को चोदुंगा मैं.चूस पूरा चूस लौड़े को.!" कुमार अब जज्बाती हो गए थे.

उधर कमला बड़े ही सुकून से लंड को चिकन लोलीपोप की तरह मुहं से निकाल ही नहीं रही थी. उसे भी कुमार के लंड को चूसने में जैसे बड़ा सुख मिल रहा था. कुमार का मन अब चूत से देसी सेक्स करने का बना हुआ था. इसलिए उसने अपना लंड मुहं से निकाला. कमला जैसे लौड़े को छोड़ने को तैयार ही नहीं थी. बहार आये लंड के ऊपर कमला का ढेर सारा थूंक लगा हुआ था.

"चलो अपनी टाँगे फैला के पलंग के ऊपर लेट जाओ." कुमार ने टंगी हुई पतलून की और बढ़ते हुए कहा.

उसने अपनी पतलून से कंडोम का पेक निकाला. पेक फाड़ के उसने कंडोम को लंड के ऊपर पहन लिया. कंडोम वाला लंड जैसे बड़ा चमक रहा था.

कमला की टाँगे खुली हुई थी जिसे उसने ऊपर भी उठाया हुआ था. कुमार कमला की टांगो के बिच में आ बैठे और उसकी चूत का मुआयना करने लगे. चूत में दो ऊँगली डाल के पहले उसने देखा की चूत काफी गरम और चिकनी थी. मतलब लंड के ऊपर और कोई अधिक चिकनाहट की जरुरत नहीं थी. चूत और लंड दोनों ही देसी सेक्स के लिए बिलकुल रेडी थे. कुमार ने अपने लौड़े को चूत के छेद पर सेट किया, कलमा ने हाथ से थोडा बहुत एडजस्टमेंट किया और लगा दिया कुमार ने एक झटका. कुमार का लंड फच की आवाज से चूत के छेद में घुस गया. कमला के मुहं से आह निकल गई.

"वाह रे रंडी तेरी चूत तो बड़ी चिकनी हैं, मजा करा दिया एक ही झटके में तूने तो." कुमार खुश हो गए चूत प्रवेश के बाद.

"साब मेरी चूत से तो मोहन बाबु की पूरी हवेली खुश थी, तो आप को तो अच्छी लगनी ही थी." कमला ने देसी सेक्स के नशे में कुछ ज्यादा ही बक दिया.

देसी सेक्स के मजे दोनों ने लूटे

"मैं जानता हूँ तू बहुत लंड ले चुकी हैं रंडी लेकिन तेरा भोसडा नहीं बना हैं अभी. अभी भी इसे चूत कह सकते हैं." कुमार दांतों को दबा के लंड को कमला की चूत में पेलने लगा. कमला के मुहं से आह आह की आवाजें निकलने लगी और कमला अपनी गांड हिलाने लगी. कुमार का कंडोम के पीछे छिपा हुआ लौड़ा फच की आवाज से चूत में जाता तो यह दोनों ही देसी सेक्स के असीम मजे को लुट लेते. कमला की चूत को अब और भी हार्ड चोदने के लिए कुमार ने उसकी ऊपर उठी हुई टांगो को अपने कंधे पर रख दिया. कमला की चूत के अंदर अब लंड जैसे और भी डीप घुस गया. लेकिन इस देसी सेक्स की आदि रंडी को इस से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़नेवाला था. उसे तो ऊपर से बड़ा मजा आ गया की लंड अंदर तक घुस गया था. कुमार अब आह आह कर के अपने लंड को फ़ास्ट फ़ास्ट चूत में पेलते रहे और कमला अपनी गांड को हिलाकर उन्हें और भी मजे देने लगी.

कुमार के मस्तक से पसीने की बूंद टपक के कमला के बदन पे आ रही थी. लेकिन दोनों ही देसी सेक्स के दरिया में ऐसे गोते लगा रहे थे की वक्त, थकान और दूसरी ऐसी चीजें अभी उनके लिए गौण थी. आह आह की आवाज से कुमार पेलते थे और ओह ओह की आवाज से कमला उनका उत्साह बढ़ाती थी. पांच मिनिट ऐसे ही पेलने के बाद कुमार ने अपना लंड निकाला.

"चल अब उलटी हो जा, तेरी चूत को मैं कुतिया बना के लेना चाहता हूँ." कुमार भला देसी सेक्स के सब से असली मजे देने वाले आसान डौगी स्टाइल को कैसे छोड़ सकते थे. कमला ने अपनी जांघे पलट ली और अब वो उलटी होकर अपनी गांड को कुमार की और कर बैठी. कुमार ने कंडोम बदला और वो उठ खड़े हुए चूत लेने के लिए. कमला की गांड से टट्टी की स्मेल आ रही थी जिस से कुमार की मादकता और भी बढ़ गई. उन्होंने पीछे से ही चूत में लौड़ा डाला और वो गांड को चौड़ी करने लगे.

"साहब पीछे कुछ मत करना, गू लगेंगा आप के हाथ में.!" कमला ने पहले से ही आगाह कर दिया.

लेकिन कुत्ते की जात के जैसे टेढ़े कुमार ने ऊँगली कर ही दी. और जैसे कुमार को कहा गया था ऊँगली पर टट्टी लग ही गई. कुमार ने उसे कमला की सारी में उसके बिना देखे पोंछ लिया और वो चूत में लंड मारते रहे. अब कमला की स्पीड बढ़ चुकी थी और वो जोर जोर से लंड को थपकार रही थी. कुमार भी जोर जोर से चूत को ठोकते गए. दोनों ही कगार पर थे स्खलित होने के. कुमार ने दो झटके और दिए और उनका लंड कंडोम के अंदर पिगलने लगा. इतना वीर्य निकला के पूरा कंडोम भर गया. उन्होंने धीरे से लंड निकाला और तभी कमला का भी पानी छुट गया.

कुमार वही लुडक गए और कमला उठ के कपडे सही करने लगी. कुमार ने कहा, जाते हुए दरवाजा खिंच लेना, सच में मोहन सही कह रहे थे की तुम बड़ी चुदाई की चीज हों आज से अच्छा देसी सेक्स मैंने पहले कभी नहीं किया. अगली बार हग के आना, हम तुम्हारी गांड मारेंगे...!

और कमला होंठो में ही हँसते हुए दरवाजा खोल के संध्याकाल के अँधेरे में गायब हो गई.!
 
Back
Top