गुलाबी चूत की चुदाई का मजा

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Hindi sex stories, antarvasna: कॉलेज का मेरा पहला दिन नहीं था। मैं जब अपनी क्लास में गया तो मेरे लिए सब कुछ नया था। मैं पुणे के एक कॉलेज में पढ़ता हूं जब मेरा पहला दिन था तो उस दिन ज्यादा बच्चे नहीं आए हुए थे लेकिन अगले दिन से सब लोग आने लगे थे। अब मेरा परिचय भी सब लोगों से हो चुका था मेरे शर्मिली नेचर की वजह से मैं लोगों से कम ही बातें किया करता हूं लेकिन मेरा दोस्त रोहित बिल्कुल अलग है वह सब लोगों से बड़ी बिंदास तरीके से बात करता है। मुझे भी रोहित का साथ काफी अच्छा लगता है अब हम लोगों की दोस्ती तो गहरी होती ही जा रही थी। हम लोगों का ग्रेजुएशन भी पूरा हो चुका था मुझे पता ही नहीं चला कि कब समय बीतता गया और हम लोगों का ग्रेजुएशन पूरा हो गया था। उसके बाद मैंने एमबीए करने का फैसला किया। पापा भी चाहते थे मैं एमबीए करूं मैंने अपनी एमबीए की पढ़ाई पुणे से की।

उसी कॉलेज में राधिका भी पढ़ती थी लेकिन राधिका से मेरे कॉलेज के दिनों में इतनी अच्छी बातचीत नहीं थी परंतु हम लोगों की जॉब एक ही कंपनी में लगी अब हम दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे थे। मुझे राधिका से बातें कर के अच्छा लगता राधिका हमेशा ही मेरा सपोर्ट किया करती है। हम दोनों को जॉब करते हुए करीब 1 वर्ष हो चुका था। हम दोनों के काम से हमारे बॉस काफी खुश हैं और हम दोनों का प्रमोशन हो जाने के बाद एक दिन हम दोनों ने पार्टी करने का फैसला किया। उस दिन मैं चाहता था मैं राधिका के साथ में समय बिताऊ। उस दिन हम दोनों एक पब में चले गए और वहां पर जब मैंने राधिका से कहा क्या तुम ड्रिंक करती हो? राधिका ने हां कहा। उस दिन की हम दोनो ज्यादा देर तक वहां पर नहीं रुके और घर लौट आए थे। अगले दिन मैंने सुबह राधिका को फोन किया तो राधिका ने मुझे कहा क्या आज तुम मेरे साथ शॉपिंग के लिए चल सकते हो? मैंने राधिका को कहा ठीक है मैं अभी तुम्हारे घर पर आता हूं।

थोड़ी देर के बाद ही मैं राधिका के घर पर चला गया और हम दोनों वहां से शॉपिंग के लिए चले गए। राधिका ने मुझे कहा आज मैं अकेली थी तो सोचा तुमसे पूछ लू अगर तुम्हारे पास समय हो तो तुम्हे ही अपने साथ शॉपिंग के लिए ले जाऊं। उस दिन हम दोनों ने काफी शॉपिंग कि मैंने भी अपने लिए थोडी बहुत शॉपिंग कर ही ली थी। उस दिन हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया। अब हम लोग घर वापस लौट चुके थे। राधिका को मैं काफी अच्छे से समझने लगा था और राधिका भी मुझे बहुत अच्छे से समझने लगी थी। हम लोग जब भी साथ में होते तो हम लोग अपने कॉलेज के दिनों को जरूर याद किया करते। मुझे हमेशा ही लगता मैं कॉलेज के दिनों में राधिका से बात नहीं किया करता था राधिका मेरे बारे में ना जाने क्या सोचती थी। एक दिन मैंने राधिका से इस बारे में बात कर ही ली।

मैंने राधिका से कहा कॉलेज के दिनों में हम लोगों की इतनी बातें नहीं हुआ करती थी। राधिका मुझे कहने लगी तुम हमेशा से ही मुझे पसंद थे यह पहली बार था जब राधिका ने मुझसे अपने दिल की बात कही थी। उस दिन हम लोगों की ज्यादा बात नहीं हुई और मैंने भी इस बारे में राधिका से कोई बात नहीं की लेकिन अब मुझे लग रहा था राधिका और मैं एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं। राधिका और मैं एक दूसरे के साथ एक दिन कॉफी शॉप में बैठे हुए थे। उस दिन राधिका और मैं एक दूसरे से बातें कर रहे थे। मैं राधिका की आंखों में देख रहा था तो मुझे भी ऐसा लग रहा था जैसे कि राधिका मुझसे कुछ कहना चाहती है। उस दिन मैंने जब राधिका से अपने दिल की बात कही तो राधिका बहुत ही खुश थी और वह अब मेरे साथ रिलेशन में काफी खुश है। जिस तरीके से राधिका और मैं एक दूसरे के साथ अपने रिलेशन को चला रहे हैं उससे मुझे काफी अच्छा लगता है।

राधिका के साथ जिस तरीके से मेरा रिलेशन चल रहा है उससे हम दोनों को खुशी है कि हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से समझते हैं। अब राधिका भी मुझसे प्यार करती है और मैं भी राधिका से प्यार करता हूं इसलिए हम दोनों को हमेशा ही लगता कि हम दोनों साथ में ज्यादा समय बिताए। एक दिन मैं और राधिका साथ में बैठे हुए बातें कर रहे थे। उस दिन हम लोगों ने सोचा क्यों ना आज हम लोग मूवी देखने के लिए जाए। यह पहली बार था जब हम लोग मूवी देखने के लिए साथ में जाने वाले थे। हम लोग मूवी देखने के लिए गए जब मैं और राधिका मूवी देखने के लिए गए तो हम दोनों को काफी अच्छा लगा और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। हम दोनों ने साथ में मूवी देखी और उस दिन हम लोगों ने काफी इंजॉय किया।

मुझे भी बहुत अच्छा लगा जब मैंने उसके साथ अच्छा समय बिताया। राधिका और मैं एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं। उस दिन जब राधिका और मैं घर वापस लौट रहे थे तो रास्ते में कार खराब हो गई जिस वजह से मुझे मैकेनिक को लेकर आना पड़ा और उस दिन हम दोनों को घर पहुंचने में काफी देर हो गई थी। मैं राधिका को घर छोड़ने के लिए गया। जब मैं राधिका को छोड़कर घर लौट रहा था तो मुझे राधिका का फोन आया। मैंने राधिका से कहा अभी मैं घर नहीं पहुंचा हूं तुम्हें थोड़ी देर के बाद फोन करता हूं। जब मैं घर पहुंचा तो उस दिन मैंने राधिका को फोन किया हम दोनों की फोन पर काफी देर तक बातें हुई। मुझे राधिका से बात कर के काफी अच्छा लगता है और हम दोनों एक दूसरे के साथ जब भी बातें करते हैं तो हम दोनों को काफी खुशी महसूस होती है। मेरी बात राधिका से बहुत देर तक हुई फिर मैंने फोन रखा। राधिका ने मुझे कहा हम लोग कल मिलते हैं मैंने राधिका से कहा ठीक है हम लोग कल मुलाकात करते हैं।

अगले दिन हम दोनों एक दूसरे को मिले उस दिन राधिका बहुत ही सुंदर लग रही थी। मैंने राधिका से कहा आज तुम बहुत अच्छी लग रही हो। राधिका इस बात पर मुस्कुराते हुए मुझे कहने लगी क्या इससे पहले मैं तुम्हें कभी भी सुंदर नहीं लगी। मैंने राधिका से कहा नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है उस दिन मुझे लगने लगा था मुझे राधिका के साथ सेक्स करना चाहिए। मैं उसकी आंखों में देख रहा था मैंने राधिका का हाथ पकड़ते हुए उसके हाथों को सहलाना शुरु किया। अब वह भी गर्म होने लगी और अब वह बिल्कुल भी रह ना सकी। मैं भी बिल्कुल रह नहीं पा रहा था मैंने राधिका से जब अपने साथ चलने की बात कही तो वह मेरे साथ आने के लिए तैयार हो गई। ऑफिस खत्म होने के बाद हम दोनों ने बाहर ही रूकने का फैसला किया। मैं और राधिका साथ में थे। उस दिन जब हम दोनों होटल में गए तो मैंने राधिका के होंठों को चूमना शुरू किया और उसके नरम होठों को चूमकर मै उसकी गर्मी को बढ़ा रहा था।

वह बहुत ज्यादा खुश हो रही थी वह मुझे कहने लगी मैं बहुत ही खुश हूं जिस तरीके से तुम मेरे होठों को चूम रहे हो। अब हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था और ना ही राधिका अपने आपको रोक पा रही थी। मैंने राधिका से कहा मैं अब तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना चाहता हूं। राधिका मचलने लगी मैंने राधिका के होठों को चूम कर उसकी गर्मी को बढ़ा दिया था। उसने अपने कपड़ों को उतारा मैंने उसके सुडौल स्तनों को चूसना शुरू किया। मैं उसके स्तनों का रसपान करने लगा तो मुझे मजा आने लगा और उसे भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। वह अब रह ना सकी और मैंने उसकी गुलाबी चूत पर जब अपने लंड को टच किया तो वह मचलने लगी। मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया उसकी चूत से बहुत ही ज्यादा पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था और मुझे मज़ा आ रहा था। अब हम दोनों गरम होते जा रहे थे। मैंने उसकी चूत पर जब अपने लंड को लगाया तो उसकी चूत से गिला पदार्थ निकलने लगा था। मैंने उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाना शुरू किया। मेरा लंड उसकी चूत में चला गया। जैसे ही मेरा लंड राधिका की चूत के अंदर तक गया तो वह पूरी तरीके से गर्म हो गई।

अब उसकी चूत की चिकनाई में और भी बढ़ोतरी होने लगी थी मैं उसे तेजी से धक्के दिए जा रहा था। वह मेरा साथ अच्छे से दे रही थी। हम दोनों बहुत ही ज्यादा खुश थे मुझे मजा आ रहा था जब मैं उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को किए जा रहा था। मेरा लंड पूरी तरीके से कड़क हो चुका था मैंने अब राधिका के पैरों को अपने कंधों पर रख लिया था। राधिका मुझे कहती मुझे और तेजी से चोदो। मैं उसे और भी तेजी से धक्के दिए जा रहा था। मेरे धक्कों में और भी तेजी आती जा रही थी जिस तरीके से मैं राधिका की चूत के मजे ले रहा था उससे मुझे मज़ा आ रहा था और उसे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। राधिका की चूत की गर्मी बढ़ती ही जा रही थी मैंने जब राधिका से कहा मैं तुम्हारी चूत में अपने वीर्य को गिराना चाहता हूं तो राधिका ने कहा तुम मेरी चूत में अपने माल को गिरा दो। मेरा माल राधिका की चूत के अंदर तक जा चुका था मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो राधिका की चूत से मेरा वीर्य बाहर की तरफ को टपक रहा था जिसे देखकर मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। हम दोनों ने एक दूसरे के साथ सेक्स के मजे लिए और एक दूसरे को पूरी तरीके से संतुष्ट कर दिया था।
 
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