घास मे चूत चुदाई

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Antarvasna, hindi sex stories: सुरेश मुझे कहने लगा यहां का मौसम कितना सुहावना है मैंने सुरेश को कहा यहां पर काफी ठंड हो रही है। हम लोग ठंड के समय में मनाली चले गए थे और उस वक्त काफी ज्यादा ठंड हो रही थी कुछ दिनों के लिए हम लोग मनाली अपने परिवार के साथ घूमने के लिए गए हुए थे। सुरेश और मैं सुबह उठकर चाय का मजा ले रहे थे सर्दियों में गर्म चाय का मजा ही कुछ और है हम दोनों आपस में बात कर रहे थे तो सुरेश मुझे कहने लगा कि मैं सोच रहा हूं कि नया घर ले लूं। मैंने सुरेश को कहा क्या तुम अपना पुराना घर बेचने वाले हो तो सुरेश कहने लगा हां गोविंद मैं अपना घर बेचने के बारे में सोच रहा हूं क्योंकि मुझे लगता है कि मुझे अब उस घर को बेच देना चाहिए। मैंने सुरेश को कहा थे जैसा ठीक लगता है तुम वैसा करो, हम दोनों आपस में एक दूसरे से अपनी कुछ पुरानी बातें भी कर रहे थे तभी मेरी पत्नी आकर हम लोगों के साथ बैठ गई और कहने लगी कि आप लोगों की क्या बातें चल रही हैं।

उस वक्त धूप भी अच्छे से नहीं आई थी लेकिन धीरे-धीरे अब धूप भी आने लगी थी और शरीर में थोड़ी सी गर्माहट आने लगी थी। मेरी पत्नी हमारे साथ बैठ कर बात कर रही थी सुरेश मुझे कहने लगा आज का क्या प्लान है तो मैंने सुरेश को कहा आज हम लोग ट्रैकिंग पर चलेंगे। सुरेश कहने लगा ठीक है मैं अभी सुधा को बोल देता हूं सुरेश ने सुधा को कहा तो वह भी बच्चों को लेकर तैयार हो गई। हम दोनों की शादी को 15 वर्ष हो चुके हैं मैं और सुरेश एक साथ ही स्कूल में पढ़ा करते थे हम दोनों की दोस्ती स्कूल समय से ही है। अब सुरेश ने सुधा को तैयार होने को कह दिया था और बच्चे भी आ चुके थे हम लोगों ने सोचा कि पहले नाश्ता कर लिया जाए। मैंने होटल में काम करने वाले वेटर को कहा कि हमारे लिए तुम नाश्ता ले आना, हम लोगों ने नाश्ते का ऑर्डर दे दिया था और उसके बाद हम लोगो ने नाश्ता किया। नाश्ता करने के बाद हम लोग ट्रैकिंग पर निकल गए हमारे साथ जो हमारा टूरिस्ट गाइड था वह बड़ा ही हंसमुख और अच्छा था उसका नाम मनोज था। मनोज हमें अपने साथ ट्रैकिंग पर ले गया और हम लोग ट्रैकिंग पर जाकर बहुत खुश हुए हम लोगों ने ज्यादा दूर तक सफर नहीं किया और हम लोग वापस लौट चुके थे। अब हम लोग होटल में ही बैठे हुए थे सुरेश मुझे कहने लगा यार ठंड काफी हो रही है क्या शराब के दो पेग मार लिये जाए।

मैं भी उसे मना ना कर सका और हम लोग होटल के ही बार में चले गए हम लोग बार में बैठे हुए थे और हम लोगों ने आर्डर करते हुए वेटर से कहा कि जल्दी से हम लोगों के लिए ड्रिंक ले आना। वह जल्दी ही हमारे लिए ड्रिंक ले आया सुरेश और मैं आपस में बात कर रहे थे सुरेश मुझे कहने लगा कि गोविंद तुम्हें याद है ना कि किस प्रकार से हम लोगों ने पहली बार घर से चोरी की थी। मैंने सुरेश को कहा तुम भी ना जाने कौन सी बात ले आये सुरेश कहने लगा कि जब हम लोगों ने घर से पहली बार चोरी की थी तो उस वक्त हम लोग मूवी देखने के लिए गए थे। हम लोग उस समय कि स्कूल में पढ़ा करते थे और हमारे पास इतने पैसे नहीं होते थे इसलिए हमें घर से चोरी करनी पड़ी और हम दोनों अपनी पुरानी यादों को ताजा कर रहे थे। हम लोगों ने अपनी ड्रिंक खत्म की और उसके बाद हम लोगों ने बिल देते हुए वहां से अपने रूम में चले गए। मैं अपनी पत्नी के साथ काफी लंबे अरसे बाद इतनी देर तक बात कर रहा था क्योंकि मुझे उसके साथ बात करने का ही समय नहीं मिल पाता है। हम लोग आपस में अपने बच्चों की पढ़ाई को लेकर बात कर रहे थे मेरी पत्नी चाहती थी कि हमारा लड़का शिमला के बोर्डिंग स्कूल में पढ़े लेकिन मैं इसके पक्ष में नहीं था। वह मुझसे उसी बारे में बात कर रही थी तभी मेरे पापा का फोन आया मैंने फोन उठाया और पापा से मैं बात करने लगा। पापा मुझे कहने लगे कि गोविंद बेटा तुम लोग घर वापस कब लौटोगे तो मैंने पापा से कहा पापा हम लोग तीन-चार दिन बाद घर वापस लौट आएंगे। काफी समय बाद हम लोगों का घूमने का कहीं प्लान बना था तो मैं चाहता था कि अपने परिवार के साथ पूरा इंजॉय किया जाए। मैं अपने परिवार के लिए कम ही समय निकाल पाता था लेकिन मुझे अब समय मिल चुका था तो मैं चाहता था कि मैं अपने परिवार के साथ थोड़ा समय बिताऊँ।

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था कि मैं अपने परिवार के साथ समय बिता पा रहा हूं मेरे और मेरी पत्नी के बीच उस रात काफी देर तक बात हुई। मुझे काफी ज्यादा नींद आने लगी थी तो मैंने अपनी पत्नी को कहा मुझे नींद आ रही है तो वह कहने लगी कि नींद तो मुझे भी आ रही है। हम लोग अब सोने की तैयारी करने लगे और बच्चे भी सो चुके थे मुझे बहुत ज्यादा गहरी नींद आ रही थी मैं पता नहीं कब सो गया मुझे कुछ पता ही नहीं चला। सुबह जब मैं उठा तो सुरेश लॉन में बैठा हुआ था मैं सुरेश के साथ बैठ गया और हम लोग आपस में बात करने लगे। सुरेश मुझे कहने लगा कि क्या तुम चाय पियोगे मैंने सुरेश को कहा हां हम लोग चाय मंगा लेते हैं। हम लोगों ने चाय का आर्डर दे दिया कुछ ही देर बाद वेटर चाय लेकर आया और हम लोग चाय पीने लगे सुरेश मुझे कहने लगा काफी समय बाद अपने परिवार के साथ अच्छा लग रहा है। इस पूरे प्लान को सुरेश ने हीं बनाया था सुरेश के ही कहने पर मैं सुरेश के साथ मनाली घूमने के लिए तैयार हुआ था हम दोनों साथ में बैठकर चाय पी रहे थे और चाय का आनंद ले रहे थे।

हम लोग चाय का आनंद ले रहे थे कि तभी सुधा और मेरी पत्नी आ गए वह लोग भी हमारे साथ बैठे हुए थे। उसी रात जब सुधा और मैं खाना खाकर लोन में बैठे हुए थे तो मेरी पत्नी रूम में जा चुकी थी और सुरेश भी सोने के लिए जा चुका था। मैंने सुधा से पूछा तुम्हें नींद नहीं आ रही है? वह मुझे कहने लगी नहीं मुझे नींद नहीं आ रही है मैं सुधा की तरफ देख रहा था और सुधा से मैं कुछ चर्चाएं करने लगा। सुरेश और सुधा के रिश्ते के बारे में मैं सुधा से पूछने लगा सुधा खुश नही थी सुरेश उसे शारीरिक सुख नहीं दे पा रहा था इसलिए वह मुझसे इस बारे में बात करने लगी। मैंने सुधा को कहा क्या तुम लोग आपस में कभी संभोग का मजा नहीं ले पाते हो तो वह कहने लगी नहीं सुरेश जब भी घर आते हैं तो वह कभी भी मुझे पूरी तरीके से संतुष्ट नहीं कर पाते हैं शायद सुधा भी मुझसे कुछ चाहती थी। उसी चाहत को पूरा करने के लिए मैंने सुधा के कंधे पर हाथ रखा जब मैंने उसके कंधे पर हाथ रखा तो उसने मेरे लंड को दबा दिया। जब उसने मेरे लंड को दबाया तो मैंने सुधा के स्तनों को दबाना शुरू किया रात के वक्त मैंने उसके होठों को लोन में ही चूम लिया हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे काफी देर के चुम्मा चाटी के बाद अब शरीर से गर्मी बाहर निकलने लगी थी। हमारे शरीर पूरे तरीके से गर्म हो चुका शरीर से इतनी ज्यादा गरमाहट निकल रही थी कि हम दोनों ही अपने आपको आप बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहे थे मुझे तो ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पाऊंगा। सुधा ने जब मेरे लंड को बाहर निकालने की कोशिश की तो मैंने उसे कहा हमें कहीं और चलना चाहिए। सुधा कहने लगी हम लोग कहीं अंधेरे में चलते हैं और हम लोग होटल के एक कोने में चले गए। सुधा ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और उसे वह सकिंग करने लगी जैसे ही सुधा मेरे लंड को चूस रही थी तो मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था। उसने मेरे लंड का रसपान बहुत ही देर तक किया और मेरे अंदर की जोश को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था शायद मैं भी अपने आप को रोक नहीं पा रहा था।

मैंने भी सुधा के कपड़ों को उतारकर उसे जमीन पर लेटा दिया उसके स्तनों का रसपान करना। मेरे लिए बड़ा ही सुखद अनुभव था काफी देर तक मैंने उसके स्तनों का रसपान किया उसकी चूत को भी मैं चाटने लगा। जब मैं उसकी चूत को चाटता तो उसकी चूत से गीलापन बाहर की तरफ को निकाला था और वह पूरी तरीके से अब उत्तेजित हो चुकी थी। वह शायद अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रही थी और ना ही मैं अपने आपको रोक पा रहा था मैंने जब सुधा से कहा कि मुझे तुम्हारी चूत के अंदर अपने लंड को डालना है तो सुधा कहने लगी मुझे तुम घोड़ी बनाकर चोदना। मैंने सुधा को घोड़ी बना दिया जब मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया और मैंने अपने लंड को हिलाना शुरू किया। जब मेरा लंड सुधा की चूत के अंदर प्रवेश हो चुका था तो सुधा की चूत से आग निकल रही थी।

जैसे ही मैंने अपने लंड को सुधा की चूत के अंदर प्रवेश करवाया तो वह चिल्ला उठी उसके मुंह से बड़ी तेज चीख निकल रही थी और मैं उसे लगातार तेजी से धक्के मार रहा था। सुधा को चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा था और उसकी चूत बड़ी टाइट थी सुधा मुझसे अपनी चूतड़ों को मिला रही थी। हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का भरपूर मजा ले रहे थे सुधा बहुत ज्यादा खुश थी और वह मुझे कहने लगी जिस प्रकार से तुम मुझे चोद रहे हो काश ऐसे ही मुझे सुरेश भी चोद पाते। मैंने उसे कहा लेकिन मेरा लंड तो बहुत मोटा है तो वह मुझे कहने लगी हां तुम्हारा लंड बहुत ही ज्यादा मोटा है इसीलिए तो मुझे तुमसे अपनी चूत मरवाने में बडा मजा आ रहा है। मैंने सुधा को कहा लगता है मेरा माल गिरने वाले है। वह कहने लगी तुम अपने माल को मेरी योनि में ही गिरा दो मैंने अपने वीर्य को सुधा की चूत में ही गिरा दिया। वह बहुत ज्यादा खुश हो गई और हम दोनों अपने रूम में चले गए।
 
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